बुधवार, 20 मई 2020

Corona virus effect : नोबेल विजेता और वैश्विक नेताओं ने बच्चों की सुरक्षा के लिए किया एक ट्रिलियन डॉलर मदद का किया आह्वान ।। web news ।।

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विश्व के 88 नोबेल विजेताओं और वैश्विक नेताओं ने कोरोना महामारी से बच्‍चों की सुरक्षा के लिए एक ट्रिलियन डॉलर की मदद का किया आह्वान

‘’लॉरियेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्‍ड्रेन्‍स’’ संस्‍था की पहल पर नोबेल पुरस्‍कार विजेताओं और वैश्वक नेताओं ने बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर सोमवार को एक बयान जारी किया है। उन्‍होंने विश्‍व की सरकारों से आह्वान किया है कि वे लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद प्रभावित होने वाले बच्‍चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और इस सिलसिले में अपनी एकजुटता दिखाएं।

जाने लॉरियेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्‍ड्रेन्‍स संस्था के बारे में

‘’लॉरियेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्‍ड्रेन्‍स’’ की स्‍थापना 2014 में नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित विश्व प्रसिद्ध बाल अधिकार कार्यकर्ता श्री कैलाश सत्‍यार्थी ने की थी। श्री सत्‍यार्थी चार दशकों से बाल मजदूरी, बाल दुर्व्‍यापार (ट्रैफिकिंग) और बाल दासता के खिलाफ लगातार संघर्ष कर रहे हैं। इस संस्‍था की स्‍थापना का उद्देश्‍य दुनियाभर में वंचित, पीड़ित और हाशिए के बच्‍चों के सामने पेश आ रही चुनौतियों का समाधान और उनके अधिकारों की आवाज को बुलंद करना है।

इस अवसर पर श्री कैलाश सत्‍यार्थी ने कहा

इस अवसर पर श्री कैलाश सत्‍यार्थी ने कहा, ‘’लॉरियेट्स एंड लीडर्स के हम सभी सदस्‍य दुनियाभर की सरकारों को याद दिलाना चाहते हैं कि आपदा के इस गंभीर संकट की घड़ी में समाज में सबसे कमजोर और हाशिए के बच्‍चों को वे नहीं भूलें। हमें अब एक पूरी पीढ़ी को बचाने और उसकी सुरक्षा का उद्यम करना चाहिए।‘’

नोबेल पुरस्कार विजेताओं और वैश्विक नेताओं ने अपने संयुक्त बयान में कहा....

“कोविड-19 ने हमारी दुनिया में पहले से मौजूद असमानताओं को और उजागर कर दिया है। कोरोना वायरस दुनिया की आबादी के बहुमत पर अपना प्रभाव जारी रखेगा और उसके बाद इसका सबसे विनाशकारी प्रभाव समाज में सबसे कमजोर और वंचित लोगों पर पड़ेगा। महामारी का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बच्चों के शोषण को और बढ़ाएगा। महामारी से बचने के लिए घरों में फंसे बच्चों को यौन शोषण और घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ेगा। लॉकडाउन जैसे-जैसे खुलेगा, बच्चों का दुर्व्‍यापार किया जाएगा। उन्हें अपने परिवारों की आजीविका चलाने के लिए मजबूरन स्‍कूलों की पढ़ाई बीच में छोड़नी होगी और अपने श्रम को सस्‍ते में बेचना पड़ेगा। अगर एक बार के लिए सबसे अधिक हाशिए पर रहने वाले बच्चों और उनके परिवारों को दुनिया की सरकारों से मिलने वाली राशि में से उनका उचित हिस्सा 20 प्रतिशत मिलता है, तो यह मानवता के हक में होगा और इसके परिणाम परिवर्तनकारी होंगे। एक ट्रिलियन डॉलर की जो अपील विश्‍व की सरकारों से की जा रही है, वह एक ओर जहां संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ की सभी चैरिटी को पूरा करने में सक्षम होगी, वहीं दूसरी ओर कम आय वाले देशों को जो उनके बकाये का पुनर्भुगतान होना था, वह भी पूरा हो जाएगा। यह राशि 2 वर्षों के उस ग्‍लोबल कमी को भी पूरा करेगी, जिसके तहत सतत विकास लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के लिए स्वास्थ्य, जल, स्वच्छता और शिक्षा पर निवेश करने की बात की जाती है। इससे एक करोड़ से अधिक लोगों की जान बचाई जाएगी। हम जी-20 के नेताओं से अपनी सीमाओं से परे अतिरिक्त कार्रवाई करने पर भी बल दे रहे हैं, जिनकी तत्काल अंतर्राष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता है। हम सभी जी-20 नेताओं को मौजूदा वैश्विक स्वास्थ्य प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का भी भी आह्वान करते हैं।”

हस्ताक्षरकर्ताओं में निम्नलिखित प्रमुख गणमान्‍य शामिल हैं:

• दलाई लामा
• डेसमंड टुटु
• एचआरएच प्रिंस अली अल हुसेन
• लेमाह जोबोवी
• केरी कैनेडी
• रिगोबर्टा मेन्चु तुम
• जोस रामोस-होर्ता
• मैरी रॉबिन्सन
• गाय राइडर
• कैलाश सत्यार्थी

गौरतलब है कि लॉरियेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्‍ड्रेन्‍स कैलाश सत्यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन (केएससीएफ) की एक पहल है। 

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