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माटी संस्था ने जैवविविधता सम्बंधित राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित की ।।web news।।

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माटी संस्था, देहरादून ने जैव विविधता सम्बंधित समस्याओं के समाधान विषय पर राष्ट्रीय बेविनार सह परिचर्चा का आयोजन किया प्रत्येक वर्ष 22 मई को “अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस” मनाया जाता है। साथ ही यह एक पूरा सप्ताह है जो की पूरी तरह जैव विविधता के प्रति समर्पित दिखता है। जैसे 20 मई विश्व मधुमक्खी दिवस, 21 मई लुप्तप्राय प्रजाति दिवस, 23 मई, विश्व कछुआ दिवस। विश्व भर में जैव विविधता दिवस मनाने का उद्देश्य इसकी की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति मानव समाज में जागरूकता बढ़ाया जा सके। इस वर्ष 2021 की थीम रही- "हम समाधान का हिस्सा हैं (We’re part of the solution)", जो की पिछले साल "हमारे समाधान प्रकृति में हैं (Our solutions are in nature)" के थीम को निरंतरता प्रदान करता ही, क्योंकि हम और प्रकृति आपस में सह-सम्बंधित हैं। अतीत एवं वर्तमान में मानवजाति की विकास की हमारी प्रक्रियाओं के कारण हम अपनी जैव- विविधता का दोहन आवश्यकताओं से कही अधिक करते जा रहे है। इससे जैव विविधता को नुकसान के साथ अमूल्य परिवर्तन आया है और हम इस परिवर्तन को आसानी से प्रकृति के मूल स्वरुप में नहीं ला सकते

Online training : माटी संस्था ने आलू की खेती की ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया ।। Web News।।

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माटी संस्था, देहरादून की ओर से “आलू की खेती: जीविकोपार्जन का एक उत्तम विकल्प ” विषय पर एक दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन। देश को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने एवं ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका के अवसर बढ़ाने के अपने इसी उद्देश्य को पूरा करने के क्रम में आज "माटी जैव विविधता संरक्षण और सामाजिक अनुसंधान संगठन" देहरादून, ने “आलू (सोलनम ट्यूबरोसम) की खेती जीविका उपार्जन का एक उत्तम विकल्प” विषय पर एक दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  माटी संस्था के संस्थापक वैज्ञानिक डॉ० वेद कुमार ने अपने उद्बोधन भाषण में कहा । माटी संस्था के संस्थापक व वैज्ञानिक डॉ० वेद कुमार ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए कहा की ‘यह प्रशिक्षण कार्यक्रम हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की उस अपील को ध्यान मे रखते हुए कराया गया, जिसमे उन्होने देश को “आत्मनिर्भर भारत” बनाने की बात कही थी। माटी संस्था शुरुवात से ही अनेक ऐसे सामाजिक सरोकार संबन्धित कार्य करती आई है, जिससे देश व समाज आत्मनिर्भर बने।‘ वही संस्था के सह-संस्थापक व वैज्ञानिक डॉ० अंकिता राजपुत ने कह

World Wetland Day : माटी संस्था व भारतीय प्राणी सर्वेक्षण देहारादून ने “पक्षी विहार दर्शन” कार्यक्रम का आयोजन किया ।। web news ।।

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विश्व वेटलैंड दिवस के अवसर पर माटी संस्था व भारतीय प्राणी सर्वेक्षण देहारादून के संयुक्त प्रयास से “पक्षी विहार दर्शन” कार्यक्रम का आयोजन । 2 फरवरी को “विश्व आर्द्रभूमि दिवस” (World Wetland Day) मनाया जाता है । इस वर्ष “विश्व आर्द्रभूमि दिवस” की थीम “आर्द्रभूमि (वेटलेंड) और जीवन” निर्धारित की गयी है। यह दिन वेटलैंड्स के संरक्षण के लिए जागरूकता पैदा करने, उसे बढ़ावा देने तथा सम्पूर्ण मानव जाति के लिये आर्द्रभूमि (वेटलैंड) की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताने के लिए आयोजित किया जाता है। वेटलैंड का मतलब होता है नमी या दलदली क्षेत्र अथवा पानी से संतृप्त भूभाग से है। आर्द्रभूमि वह क्षेत्र है जो सालभर आंशिक रूप से या पूर्णतः जल से भरा रहता है। भारत में वेटलैंड ठंडे और शुष्क इलाकों से लेकर मध्य भारत के कटिबंधीय मानसूनी इलाकों और दक्षिण के नमी वाले इलाकों तक फैली हुई है। वेटलैंड के बहुत से लाभ है। जैविक रूप से विविध पारिस्थितिक तंत्र जो कई प्रजातियों के लिए आवास प्रदान करना, तूफान और बाढ़ के खिलाफ तट पर बफ़र्स के रूप में सेवा करना, पानी की गुणवत्ता में सुधार करने, बाढ़ के पानी को स्टोर करने

Positive Action : “महिला अधिकार एवं सुरक्षा” विषय पर सामाजिक संगठनों का राष्ट्रीय वेबिनार , पढे पूरी खबर ।।web news।।

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माटी संस्था व अरमान फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में महिला अधिकार एवं सुरक्षा विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया  माटी संस्था व अरमान फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में जागरूकता के लिए महिला अधिकार एवं सुरक्षा विषय पर राष्ट्रीय बेविनार का आयोजन किया गया गया । संगोष्ठी का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों खासकर महिलाओं को महिला अपराध, सुरक्षा तथा संवैधानिक व कानूनी अधिकारो के प्रति जागरूक करना है। बेविनार के मुख्य वक्ताओ मीनाक्षी शर्मा (सहयाक निदेशक व कार्यालय प्रमुख, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, क्षेत्रीय कार्यालय राँची, झारखण्ड),डॉ० सादिक़ रज़्ज़ाक़ (अध्यक्ष, स्नाकोत्तर मनोविज्ञान विभाग, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग, झारखण्ड),श्वेता चौबे (पुलिस अधीक्षक, सिटी देहारादून, उत्तराखण्ड) ,धीरेन्द्र मुद्दगल (अधिवक्ता) ने महिला सुरक्षा , महिला अपराध के सामाजिक व सांस्कृतिक पक्ष,महिला के साथ ही रहे अपराधों का मनोवैज्ञानिक पक्ष, महिलाओं के कानूनी अधिकार , पुलिस प्रशासन द्वारा किये जा रहे कार्य आदि बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी, इस राष्ट्रीय बेविनार में देश के 23 राज्यों से कुल 150 स

माटी संस्था का देहरादून में कोविड-19 और स्वच्छता जागरूकता अभियान - Web News

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गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर, 2020 से चल रहे “स्वच्छता पखवाड़ा” के अंतिम दिन आज माटी, जैव विविधता संरक्षण और सामाजिक अनुसंधान संगठन, देहरादून ने जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, उत्तर क्षेत्रीय केंद्र, देहरादून और भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण, उत्तर क्षेत्रीय केंद्र, देहरादून के सहयोग से देहरादून (उत्तराखंड) में गांधी पार्क, राजपुर रोड व आसपास के क्षेत्रों में “कोविड-19 और स्वच्छता जागरूकता अभियान” चलाया गया। इस अभियान का मकसद स्थानीय लोगों के बीच कोविड-19 के दौरान स्वच्छता के महत्व एवं कोरोना महामारी कोविड-19 से संबन्धित भारत सरकार द्वारा दी गई निर्देशों और दिशानिर्देशों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना था।  इस जन जागरूकता अभियान के तहत माटी संस्था, देहारादून की सह-संस्थापक व वैज्ञानिक डॉ० अंकिता राजपूत ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए अभियान के मकसद के बारे में बताया व जागरूक किया। अपने सम्बोधन में डॉ० अंकिता नें कहा कि, देश का जिम्मेदार नागरिक होने के नाते प्रत्येक का कर्तव्य है कि वह व्यक्तिगत स्वच्छता और शहर की स्वच्छता को बनाए रखने पर ध्यान दे। स्वच्छता हमें स्वस्थ रखने में

किसानों को आत्मनिर्भर बना रही है माटी संस्था की “उर्वरा योजना” , ।।web news।।

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माटी संस्था किसानो को उर्वरा योजना के तहत बना रही हैआत्मनिर्भर। देश में किसानों की एक अलग ही भूमिका वर्षों से रही है। हमारे किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। जब कोरोना संकट काल में देश की आर्थिक गतिविधियाँ पूरी तरह से थम सी गयी थी, उस समय केवल हमारे किसान ही थे जिन्होने देश की अर्थव्यवस्था को संभाला। इस विकट स्थिति में भी अगर देश के लोगों तक खाद्य-सामग्री व अनाजों सुचारु रूप से पहुँच रही थी तो उसके पीछे हमारे किसानो के अपने कृषि के प्रति कठिन मेहनत व लगन थी। कोरोना संकट में यह देश को दिखा दिया कि दुनिया के इस संघर्षमय समय में आज कृषि आजीविका का एक महत्वपूर्ण साधन बन कर उभरा है। कृषि क्षेत्र की इसी महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री ने कोरोनाकाल के मध्य में अर्थव्यवस्था को पुनः खड़ा करने के लिए देश को आत्मनिर्भर बनने का एक नई राह का संदेश दिया। देश में कृषि की अहम भूमिका व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से प्रेरणा लेते हुए माटी संस्था, देहारादून की ओर से पिछले कुछ माह पूर्व एक योजना “उर्वरा” की शुरुवात की गयी थी। इस योजना के अंतर्गत संस्था के वैज्ञानिको व् संस्