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Gangotri Yatra 2021: गंगोत्री के कपाट विधि विधान से खुले, दूसरी बार बिना श्रद्धालुओं के होगी चारधाम यात्रा ।।web news।।

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आज गंगोत्री के कपाट खुल गए विश्वप्रसिद्ध हिमालयी धाम गंगोत्री के कपाट आज शनिवार को निर्धारित मुहूर्त पर सुबह 7.31 बजे विधि विधान एवं धार्मिक अनुष्ठान के साथ खोले गए। बैशाख शुक्ल तृतीया की शुभ बेला में गंगोत्री मंदिर का कपाटोद्घाटन हुआ। कोरोना संक्रमण को देखते हुए केवल तीर्थ पुरोहित और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में ही धाम के कपाट खोले गए। आज से तीर्थ पुरोहित सीमित संख्या में गंगोत्री मंदिर में नियमित रूप से मां गंगा की पूजा अर्चना करेंगे। कोरोना संक्रमण के बीच जन स्वास्थ्य को सर्वोपरि रखते हुए फिलहाल चारधाम यात्रा स्थगित की गई है। । अक्षय तृतीया के दिन खुले यमुनोत्री के कपाट उत्तराखंड के चार धामों में से एक यमुनोत्री धाम के कपाट कल यानी अक्षय तृतीया के दिन खोल दिए गए हैं। यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का सांकेतिक शुभारंभ भी हो गया है । कोरोना महामारी के चलते देशभर में लॉकडाउन की स्थिति जारी है । इस कारण मात्र 25 लोगों की मौजूदगी में यमुनोत्री धाम यात्रा बिना श्रद्धालुओं के ही शुरू की गई । मां यमुना की डोली सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर अपने भाई शनि महाराज की डोली के साथ

कोरोना से बुरी तरह प्रभावित पर्यटन को फूलों की घाटी से आस, आज से पर्यटकों के लिए खुली की घाटी ।।web news।।

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कोरोना काल में फूलों की घाटी के दीदार कर सकेंगे पर्यटक विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी आज से पर्यटकों की आवाजाही के लिए लिए खोल दी गई है। पर्यटक अब घाटी में फूलों की खूबसूरती देखने आ सकेंगे। हालांकि घाटी 1 जून को ही खोल दी गई थी। लेकिन, कोरोना संक्रमण के चलते अब तक एक भी पर्यटक घाटी के दीदार को नहीं पहुंचा। अब नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन ने निर्णय लिया है कि कोरोना गाइडलाइन के तहत पर्यटकों की घाटी में आवाजाही कराई जाएगी। फूलों से गुलजार घाटी को इस समय पर्यटकों का इंतजार है। जिला पर्यटन अधिकारी उम्मीद जताते हैं कि कोरोना संक्रमण का असर कम होने के बाद पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। इन दिनों घाटी में लगभग 350 प्रजाति के रंग-बिरंगे फूल खिले हुए हैं। इसके अलावा पर्यटक नदी, झरने, दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीव, परिंदों के साथ ही औषधीय वनस्पतियां भी देख सकते हैं। सितंबर के आसपास घाटी में 550 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। जिसमें उत्तराखंड का राज्य पुष्प ब्रह्मकमल भी शामिल है। अक्टूबर तक खुली रहने वाली घाटी में वर्ष 2018 में करीब 14 हजार पर्यटक पहुंचे थे। जबकि बीते बर्ष 2019 में 17 ह

पॉजिटीव वेब : बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए सरकार ने खोले द्वार , जाने क्या है पूरी खबर ।।web news।।

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श्री बदरीनाथ धाम में दर्शन हेतु सरकार की गाइडलाइंस जारी कर दी है । 30 जून तक राज्य के लोगों के बाबा केदारनाथ के दर्शन की अनुमति सरकार द्वारा दी गयी है। इस दौरान दर्शन के अभिलाषी भक्तों को सम्बंधित धाम के लिए एडवांस में निशुल्क टोकन लेना होगा। टोकन की समय सीमा के भीतर ही दर्शन की अनुमति मिलेगी। श्रद्धालुओं को 2 मीटर की दूरी बनाकर पंक्तिबद्ध होना होगा। गर्भगृह में दर्शन के लिए केवल 1 मिनट का वक्त मिलेगा।बद्रीनाथ धाम में एक दिन में अधिकतम 1200 श्रद्धालु दर्शन कर सकते है साथ दर्शन का समय निर्धारित करते हुए सुबह 7:00 से सांय 7:00 तक का कर दिया गया है। गाइडलाइन के मुख्य बिंदु इस प्रकार है । ◆ धाम में दर्शन का समय प्रातः: 7:00 से सांय 7:00 तक रहेगा । ◆बद्रीनाथ धाम में पधारने वाले समस्त अद्धालुगण/तीर्थ यात्रीगण को अपने स्वयं के स्तर से की गई स्थानों में ही प्रवास करना होगा। ◆ तीर्थ यात्रा गणों को दर्शन हेतु निःशुल्क टोकन प्राप्त करने होंगे, जिन्हें देवस्थानम् बोर्ड द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा। ◆ निःशुल्क दर्शन टोकन प्राप्ति हेतु टेक्सी स्टैण्ड एवं नीलकण्ठ विश्राम गृह के

चार धाम : बदरीनाथ धाम के कपाट खुले यात्रियों को करना होगा इंतजार।।web news।।

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आज सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर खुले श्री बद्रीनाथ जी के द्वार श्री बदरीनाथ धाम।। प्रात: 4 बजकर 30 मिनट कृष्ण अष्टमी तिथि धनिष्ठा नक्षत्र में पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट विधि विधान व विशेष पूजा अर्चना करके दैनिक पूजा के लिए खोले गए । इसी के साथ चार धामों के कपाट खुल गए है, गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट 26 अप्रैल को व केदारनाथ धाम के 29 मई के दिन खुल गए थे। देश के चार धामों में एक धाम श्री बद्रीनाथ धाम जी के कपाट खुलने के सुअवसर पर आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं। भगवान विष्णु विश्व कल्याण के लिए ही अवतरित हैं। हम सभी देशवासी भगवान बद्रीविशाल से यहीं कामना करते हैं कि विश्व का कल्याण हो और संकट के इस समय में संपूर्ण मानव जाति पर उनका आशीष बना रहे। जय बद्री विशाल- डॉ रमेश पोखरियाल निशंक , केंद्रीय मंत्री, भारत सरकार श्री बद्ररीनाथ धाम के कपाट खुलने पर सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत लाॅकडाउन की स्थिति में आम श्रद्धालुओं को भगवान बदरीनाथ जी के दर्शन की कुछ प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। भगवान बदरीनाथ जी के आशीर्वाद से हम इस वैश्विक महामारी को हराने में अवश्य सफल होंगे।

CharDham Yatra : श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी कल सुबह खुलेंगे कपाट जाने क्या है पूरी जानकारी ।। web news।।

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15 मई को प्रात: 4 बजकर 30 मिनट पर खुलेंगे श्री बदरीनाथ धाम के कपाट। श्री बदरीनाथ धाम।। कल 15 मई प्रात: 4 बजकर 30 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे । इस शुभ अवसर पर कम लोग उपस्थित रहेंगे क्योंकि वैश्विक माहमारी कोरोना वाइरस के संक्रमण के चलते देशव्यापी लॉक डाउन घोषित है , इसके मध्यनजर सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य सरकारी एडवाइजरी का पालन करना अनिवार्य है । यहां यह भी उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के चार धामों के कपाट खुले है जबकि कोरोना महामारी संकट टलने के बाद सभी को शीघ्र चारधाम यात्रा शुरू होने की उम्मीद है। श्री बद्रीनाथ धाम की सुन्दर फूलों से सजावट आदि गुरू शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी सहित रावल जी, श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी एवं गाडूघड़ा( तेलकलश ) योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से आज दिन में श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे। इस बार श्री बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश द्वारा बदरीनाथ धाम को फूलों से सजाया गया है। कम संख्या में बदरीनाथ धाम जाने की अनुमति प्रशासन द्वारा दिये जाने के कारण देवस्थानम बोर्ड तथा सीमित संख्या में हकूकधारी बदरीनाथ धाम पहुंचे। कपाट खुलने की

Hillywood News : lockdown में गाँव वापसी दर्शकों को खूब भायी जाने क्या है पूरी कहानी ।। web news ।।

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गाँव वापसी पहाड़ का दर्द समेटे सुखद जीवन की ओर ले जाने वाली सच्ची कहानी गाँव वापसी - पर्वतीय बिगुल फ़िल्म प्रोडक्शन के बैनर तले बनी पलायन पर बनी लघु फ़िल्म दर्शकों को खूब भ रही है । इस फ़िल्म के माध्यम से लेखक/निर्देशक प्रदीप भंडारी ने पर्वतीय क्षेत्र के लोगों की पीड़ा आम मानस तक लाने की ईमानदार कोशिश की है । गांव वापसी लॉक डाउन के प्रथम चरण में पर्वतीय बिगुल फ़िल्म के यु ट्यूब चैनल पर रिलीज की गयी गाँव वापसी फ़िल्म को दर्शकों ने भरपूर प्यार दिया अभी तक 1 लाख 75 हजार से ज्यादा बार देखा गया साथ ही 2 हजार से ज्यादा लाइक इस फ़िल्म को you tube चैनल पर मिल चुके है ।फ़िल्म आलोचकों एंव प्रशंसकों द्वारा उत्तराखंड की संस्कृति के काम करने वाले प्रदीप भंडारी व टीम के सदस्यों से फ़िल्म हिंदी में रिलीज करने पर सवाल जरूर पूछे लेकिन प्रदीप भंडारी के संतोषपूर्वक जबाब से सभी लोग संतुष्ट हुए और फ़िल्म जबदस्त वाइरल हुई । कोरोना वाइरस संकट के चलते लॉक डाउन प्रवासियों की हो रही है गाँव वापसी ऐसा फ़िल्म लिखते समय सोचा भी नही जा सकता था कि लोग भारी संख्या में गाँव वापसी करेंगे। लेकिन जब संकट की घड़ी आती

Lockdown effect: लॉक डाउन में सहस्त्रधारा की ऑनलाइन यात्रा ।। web news ।।

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गर्मियो में ठंडक दिलाने वाला सहस्त्रधारा इन बार लॉक डाउन की चादर ओढ़े आराम कर रहा है । Sahastradhara ।। देहरादून के सबसे नजदीकी पर्यटक स्थलों मे लोकप्रिय सहस्त्रधारा मे इन दिनो हजारो की संख्या में प्रतिदिन सैलानी घूमने व नहाने आते थे। सहस्त्रधारा की विशेषता है की यहां पर प्राचीन शिव मंदिर है कहा जाता है इस मंदिर में गुरु द्रोणार्चाय जी ने बैठकर तपस्या की थी तथा मंदिर के पास गुफाए है ओर उन गफाओ व मंदिरो के ऊपर सैकडो जल की धाराऐ टपकती रहती है जिसके नाम से प्रसिद्ध है सहस्त्रधारा । सहस्त्रधारा मे गंधक का जल भी बहुत मशहूर है जिसमे कहां जाता है की उस पानी के पीने से नहाने से शरीर के चर्म रोग जैसे-खाज खुजली फोडे फुन्सी आदि ठीक हो जाती है ओर गैस कब्ज ठीक होता है । लेकिन कोरोना जैसी वैश्विकमहामारी के चलते पूरे देश मे देशव्यापी लाकडाउन के चलते सहस्त्रधारा मे इसका असर साफ देखा जा सकता है जहां पर हजारों लोग प्रति दिन परिवार व दोस्तो के साथ घुमने नहाने के लिए आते थे आज पुरा सहस्त्रधारा सुनसान पडा है जंहा इस समय पर पैदल चलने तक का रास्ता नही मिलता था आज वहां सारी दुकाने होटल रेस्टोरेंट ढाबे व

Uttrakhand tourism : चम्बा के सौंदर्य दर्शन ।। web new ।।

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चम्बा,टिहरी गढ़वाल चम्बा की एक झलक पर web news का आलेख चम्बा भारत के उत्तराखंड राज्य में टिहरी गढ़वान जिले का सुदर हिल स्टेशन और शहर (कस्बा) है। यहां से बर्फ से ढके स्वर्णिम पहाड़ महान हिमालय और भागीरथी घाटी का मनोरम नजारा देखा जा सकता है। चम्बा मसूरी मोटर मार्ग के आस पास की फल एवं सब्जी पट्टी स्वादिष्ट सेबों और जैविक सब्जियों के लिये प्रसिद्ध है। चम्बा बाज-बुराँश के पेड़ों व सेब , खुमानी , काफल के लिए भी प्रसिद्ध है। चम्बा गांवों से घिरा सुंदर हिल स्टेशन है। आस पास के गांवों का मुख्य बाजार होने के कारण चम्बा वासियों का मुख्य व्यवसाय व्यपार तथा आसपस के क्षेत्र में कृषि व दुग्ध व्यवसाय पर आर्थिकी निर्भर है। चम्बा अपने प्राकृतिक परिवेश और प्रदूषण रहित खूबसूरती क लिए पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। देवदार और चीड़ के पेड़ों से घिरा हुआ, चंबा का अन्नवेषित इलाका प्रकृति प्रेमियों के लिए एक सपनों की दुनिया के सामान है। चम्बा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि - चंबा वही वीर  भूमि हैं जहाँ प्रथम विश्व युद्ध के दौरान नायक रहे विक्टोरिया क्रास विजेता शहीद गब्बर सिंह जन्मे थे | प्रथम विश्व युद्ध में