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चर्चा में है : बीजेपी की 3 बकरी वाली पश्चिम बंगाल की नवनिर्वाचित विधायक, जाने खबर ।।web news।।

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चंदना बाउरी की कुल सम्पत्ति 31985 रुपये है। बीजेपी नेता सुनील देवधर ने ट्वीट किआ कि चंदना बाउरी बनी विधायक जिसकी की उम्र भर की जमा पूंजी केवल 31985 रुपये हैं । जो झोपड़ी में रहती हैं। एक गरीब मजदूर की पत्नी हैं, चंदना  अनुसूचित जाति से आती हैं, उनके पास 3 बकरियां व 3 गाय हैं । #चंदना_बाउरी बनी @BJP4Bengal की विधायिका👌 👉 जिसकी उम्र भर की जमा पूँजी केवल ₹31985/- है। 👉 जो झोपड़ी में रहती है। 👉 जो एक गरीब मज़दूर की पत्नी है। 👉 जो अनुसूचित जाति से आती है। 👉 3 बकरियाँ व 3 गौएं उसकी सम्पत्ति है। #chandanabauri का सभी हार्दिक अभिनंदन करें। pic.twitter.com/BmxLJ6TSos — Sunil Deodhar (@Sunil_Deodhar) May 2, 2021 पश्चिम बंगाल में बीजेपी लड़ते लड़ते हार गयी मुख्यमंत्री ममता अपनी सीट नही बचा पाई लेकिन इससे भी ज्यादा चर्चाबीजेपी की एक महिला उम्मीदवार की जीत की हो रही है । बीजेपी के टिकट पर सालतोरा सीट से चुनाव लड़ने वाली चंदना बाउरी की जिसने टीएमसी उम्मीदवार संतोष मंडल को हरा दिया है ।उनकी जीत से ज्यादा चर्चा उनकी सादगी और आर्थिक स्थिति की है। चंदना बाउरी ने अपना नामांकन भरते समय चुनाव आयोग

Inspiration:सपनों की उड़ान भरने वाले विद्यार्थियों के लिए ‘भगवान’ है धारचुला के धामी, जाने पहाड़ी प्रेरणा स्रोत के बारे में।।web news।।

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एक नजर विद्यार्थियों के धामी सर यानी भगवान सिंह धामी की जन्म एवं कर्म यात्रा  भारत नेपाल सीमा विवाद के बाद वैश्विक पटल पर नये सिरे से पहचान बनाता उत्तराखण्ड का सीमांत जनपद पिथौरागढ़ का धारचुला , लेकिन हम भारत नेपाल सीमा विवाद पर बात करते रहते है आगे करते रहेंगे आज चर्चा धारचुला के भगवान यानी भगवान सिंह धामी के बारे में पढ़िए विशेष आर्टिकल वेब न्यूज उत्तराखण्ड टीम का भगवान सिंह धामी से संवाद पर आधारित जाने भगवान सिंह धामी की अब तक की जीवन यात्रा भगवान सिंह धामी सीमांत जिले पिथौरगढ़ के धारचूला में स्थित स्यांकुरी गांव है । इनका जन्म में किसान परिवार से हैं। पिता दलीप सिंह धामी ने गांव में ही खेती बाड़ी कर पांच बच्चों का लालन-पालन किया। भगवान सिंह के बड़े भाई पान सिंह धामी अपने गांव से बीएड करने वाले पहले व्यक्ति हैं। बड़े भाई से प्रेरित होकर बचपन से ही पढ़ना उनका शौक बन गया था। जब भी समय मिलता वह स्कूली पढ़ाई के साथ साथ अन्य जानकारी की किताबें और पत्रिकाएं पढ़ते रहते । उनकी प्रतिभा को देखकर परिजनों को विश्वास था कि भगवान सिंह भविष्य में बड़ा नाम करेंगे , लेकिन पहाड़ी परिवेश में आर्थिक के