कोरोना काल में हरित क्रांति का आगाज, आज हुई तीसरी मीटिंग
कोरोना काल में ऑक्सीजन कमी खबरें और ऑक्सीजन से सांस अटकने जैसे भयभीत कर देने वाली तस्वीरों ने देश को झकझोर कर दिया । इन तस्वीरों ने प्रकृति की शक्ति के भी दर्शन कराने जा कार्य किया । एक एक ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमतें और मुंह मांगी कीमत देकर भी ऑक्सीजन सिलेंडर न मिलना , 24 घण्टे पल पल निशुल्क ऑक्सीजन देने वाली प्रकृति के प्रति लोगों को सोचने का मौका मिला। कुछ समय से हरित वन क्रांति या यूं कहें ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए काम करने वाले युवा पर्यावरण कार्यकर्ता चन्दन नयाल आपने निस्वार्थ समाजसेवा में लगे है ।
हरित वन क्रान्ति - एक नयी सोच के साथ उत्तराखंड के चंदन नयाल जो कि आज देश के हर युवा के लिए एक आदर्श बन चुके है जिन्होंने 26 साल की छोटी सी उम्र में 50,000 से अधिक पेड़ लगा दिए और हज़ार रुकावटों के बाद भी अपने 5 करोड़ पेड़ लगाने के लक्ष्य को पूरा करने में कार्यरत है. आज उनकी इस मुहिम को उत्तराखंड और पूरे भारत से सहयोग, सराहना और प्यार मिल रहा है और कई युवा और वरिष्ट नागरिक इससे जुड़ना चाहते है । इसी विषय में उनकी संस्था हरित वन क्रान्ति की आज तीसरी मीटिंग थी जो की करोना के चलते एक विडीओ कॉलिंग ऐप्लिकेशन के द्वारा की गयी. जिसका संचालन मोहन शर्मा ने किया और बत्तोर स्पीकर जिसमें मुख्य अथिति चंदन नयाल और उनके साथ अन्य वक़्ता शामिल हुए सुबोध कुमार, शाह नवाज़, भूपेन्द्र सिंह रावत, हेम चंद्रा जोशी, विनोद पांडेय, प्रशांत जोश, निमिष चंडोला. सभी वक़्ताओ ने अपने बहुमूल्य विचार, अनुभव और मार्गदर्शन से इस मुहिम को आगे बढ़ाने का संकल्प किया. वन संरक्षण, जल संरक्षण, ग्लोबल वर्मिंग और गाँव से बड़ता पलायन इस चर्चा का मुख्य केंद्र रहे. हरित वन क्रान्ति के 300 से ज़्यादा कार्यकर्ता ज़मीनी स्तर पर इस मुहिम को आगे बड़ा रहे है । भविष्य में और ज़्यादा कार्यकर्ता इस मुहीम से जुड़ेंगे. आज इस क्रान्ति से जुड़े हर व्यक्ति का यही एक नारा है “मैं भी चंदन”. इस क्रान्ति से जुड़ने के लिए आप भी सम्पर्क कर सकते है वॉट्सएप्प नम्बर 7249971445 पर सम्पर्क किया जा सकता है ।
बहुत ही सराहनीय कार्य 👌👌👍👍
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