लघु समाचारपत्र एसोसिएशन ने महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान को दिया ज्ञापन ।।web news।।
लघु-मध्यम समाचारपत्रों की समस्याएं प्राथमिकता पर निस्तारित करने की मांग को लेकर महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान को दिया ज्ञापन
देहरादून ।। लघु मध्यम समाचारपत्रों के हितों के लिए हमेशा प्रयासरत रहने वाली संस्था "लघु समाचारपत्र ऐसोसिएशन" के प्रतिनिधिमंडल ने महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान को सूचना निदेशालय मे ज्ञापन देकर समस्याएं प्राथमिकता पर निस्तारित करने की मांगू की । आज ऐसोसिएशन की ओर से महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान का लघु समाचारपत्र ऐसोसिएशन की ओर से स्वागत किया गया। ऐसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेन्द्र अग्रवाल ने फूलों का बुके देकर स्वागत किया गया साथ ही रचना गर्ग, श्वेता शर्मा, बिजेन्द्र कुमार यादव, स्वप्निल सिन्हा, प्रमोद बेलवाल, सचिन कुमार ने गुलाब का फूल देकर महानिदेशक सूचना का स्वागत किया।लघु समाचार पत्रों के हित में दिए ज्ञापन के प्रमुख बिंदु
◆ नियमावली मे उल्लखित 20 विज्ञापन जारी किए जाने की मांग की ऐसोसिएशन ने मांग की प्रिन्ट मीडिया विज्ञापन नियमावली के परिशिष्ट-4 मे सूची के रूप में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि अन्य अवसरों के अलावा 20 महत्वपूर्ण अवसरों पर विज्ञापन जारी किए जांएगे। इन सभी को अवश्य जारी किया जाए।◆ नियमावली के अनुसार 18 माह के नियमित प्रकाशन के उपरांत समाचारपत्र विज्ञापन सूचीबद्धता हेतु आवेदन के पात्र होगे। परन्तु विभागीय कारणों से 36 से लेकर 48 महीने बाद भी समाचारपत्रों को सूचीबद्ध नहीं किया जा रहा है। ज्ञापन में मांग की गई है कि 18 माह के नियमित प्रकाशन के उपरांत समाचारपत्र को स्वतः मान्य करते हुए सभी विभागीय विज्ञापन दिए जांए।
◆ स्वामित्व परिवर्तन के उपरांत 18 माह के प्रकाशन की अवैधानिक बाध्यता समाप्त की जाए विभाग में विज्ञापनों हेतु पूर्व से सूचीबद्ध समाचारपत्र के स्वामित्व मे परिवर्तन होने पर नए स्वामी को 18 माह प्रकाशन की अनिवार्यता रखी गई है। परंतु इस प्रकार का कोई उल्लेख नियमावली मे नही है। ज्ञापन में इस अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग की गई है।
◆ ज्ञापन में मांग की गई है कि पत्रकारों द्वारा मान्यता प्रदान किए जाने के जो आवेदन दो तीन वर्षों पूर्व दिए गए हैं,उन को भी अभी तक विभाग द्वारा निस्तारित नहीं किया गया है। सभी पात्र आवेदकों को तत्काल पत्रकार मान्यता प्रदान की जाए।
◆ ऐसोसिएशन की ओर से मांग की गई है कि उत्तराखंड शासन द्वारा समय समय पर जारी शासनादेशों, अधिसूचनाओं, नियमावलियों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाए।
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