Rain water harvesting : पहाड़ों में हैस्को की बरसात के पानी की बूंद बूंद बचाने का अभियान।। web news ।।


पहाड़ों में हैस्को की बरसात के पानी की बूंद बूंद बचाने का अभियान

उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न जनपदों के साथ साथ देश के अन्य राज्यों में डॉ अनिल प्रकाश जोशी द्वारा संचालित हैस्को संस्था की बसासत के पानी की बूंद बूंद बचाने के अभियान की वेब न्यूज़ की एक्सक्लूजिव रिपोर्ट

बरसात का पानी पहाड़ और पहाड़ियों के काम लाने की सफल अभियान

उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न जनपदों के साथ साथ देहरादून जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र नाग थात के गांवों में पानी की समस्या को देखते हुए हैस्को संस्था ने जरूरत मंद परिवारों को 750 ली कि टंकी उपलब्ध कराई जिससे पानी वर्षा जल एकत्र कर घर के कामों में प्रयोग किया जा सके ।
इस बरसात पानी की एक एक बूंद इकठ्ठा करने के लिए तैयार रहें, पानी बनाना नही बचाया जा सकता है - डॉ किरन नेगी, सीनियर साइंटिस्ट , हैस्को

जल संरक्षण के संदेश के साथ आत्म निर्भर भारत की ओर,

वर्षा जल को संरक्षित कर एक ओर डॉ अनिल प्रकाश जोशी जी द्वारा संचालित हैस्को संस्था पर्यवरण के प्रति लोगों की समझ बढ़ाने का काम कर रही है वहीं संस्था के तकनीक विशेषज्ञओं द्वारा गावँ के स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार के साधन गांव में ही उपलब्ध करा कर आत्मनिर्भर भारत अभियान से जोड़ने का कार्य भी कर रहे हैं ।


पानी की समस्या हमेशा बन रहती है गांव के पंचायती नल से पानी भर के लाना पड़ता है , संस्था द्वारा दी गयी टंकी में बारिश का पानी भरने से बर्तन धोने , कपडे धोने आदि घर के कामों के लिये पानी लाने की आवश्यकता नही पड़ेगी - गांव की महिला लाभार्थी

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ग्रामीण क्षेत्र में वर्षा जल संचय करने के मुख्य तरीके

◆छत प्रणाली

इस तरीके में आप छत पर गिरने वाले बारिश के पानी को संजय करके रख सकते हैं। ऐसे में ऊंचाई पर खुले टंकियों का उपयोग किया जाता है जिनमें वर्षा के पानी को संग्रहित करके नलों के माध्यम से घरों तक पहुंचाया जाता है। यह पानी स्वच्छ होता है जो थोड़ा बहुत ब्लीचिंग पाउडर मिलाने के बाद पूर्ण तरीके से उपयोग में लाया जा सकता है।

◆भूमिगत टैंक

यह भी एक अच्छा तरीका है जिसके माध्यम से हम भूमि के अंदर पानी को संरक्षित रख सकते हैं। इस प्रक्रिया में वर्षा जल को एक भूमिगत गड्ढे में जमा किया जाता है जिससे भूमिगत जल की मात्रा बढ़ जाती है।

◆ सतह जल संग्रह सिस्टम

सतह जल वह पानी होता है जो वर्षा के बाद ज़मीन पर गिर कर धरती के निचले भागों में बहकर जाने लगता है। नालियों में जाने से पहले सतह जल को रोकने के तरीके को सतह जल संग्रह कहा जाता है। ड्रेनेज पाइप के माध्यम से वर्षा जल को कुआं, नदी, तालाबों में जमा करके रखा जाता है जो बाद में पानी की कमी को दूर करता है।

◆ वाटर रिचार्ज सिस्टम

इस सिस्टम अंतर्गत गेबियन स्ट्रेचर , ट्रेंचस, वाटर पौंड, बृक्षारोपण कर वर्षा जल से जलस्रोतों का जल स्तर बढ़ाया एवं पुनर्जीवित किया जा सकता है , हैस्को संस्था विगत कई वर्षों से इस प्रणाली पर शोधपूर्ण कार्य कर रही है जिसकी जानकारी दूसरे आलेख में विस्तारपूर्वक दी जाएगी ।



वर्षा जल संचयन के

◆घरेलू काम के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी बचा सकते हैं और इस पानी को कपड़े साफ करने के लिए खाना , बर्तन एवं घर साफ करने के लिए, नहाने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
◆वर्षा जल संचयन या रेन वाटर हारवेस्टिंग से ज्यादा से ज्यादा पानी को अलग-अलग जगहों में इकट्ठा किया जाता है ज। अलग-अलग जगहों में पानी का संचयन करने के कारण जमीन पर बहने वाले जल की मात्रा में कमी आती है जिससे प्राकृतिक आपदा को रोकने में मदद मिलती है।
◆ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक पानी को इस्तेमाल करने से स्वच्छ पीने लायक पानी को हम ज्यादा से ज्यादा बचा सकते हैं। वर्षा पानी को शौचालय के लिए, नहाने के लिए और बर्तन धोने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
◆वर्षा जल संचयन से क्यारियों घर के आस पास के किचन गार्डन, बैकयार्ड गार्डन में पानी से सिंचाई की जा सकती है ।
◆ वर्षा जल संचयन से जलस्रोतों का पानी बढ़ाया जा सकता है , जिससे गर्मियों में पानी की कमी को पूरा किया जा सकता है।


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