जाने : NAPSR की अनोखी मुहिम जीवन रक्षक

नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) और जगत बंधु सेवा ट्रस्ट ने मलीन बस्तियों के बच्चों के लिये जीवन रक्षक मुहिम चला

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NAPSR की अनोखी मुहिम के जीवन रक्षक


कोरोना वाइरस  (COVID-19) के कारण बहुत से उन लोगों के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भारी हो गया है जो डेली दिहाड़ी किया करते थे उनके दुधमुंहे बच्चों को इस समय न तो बाहर का दूध मिल पा रहा है बल्कि पौष्टिक आहार और प्रयाप्त भोजन न कर पाने की वजह से माँ का दूध भी प्रयाप्त नही हो रहा है। इसीलिए दूध के अभाव मे बच्चों के सामने पोष्टिक आहार की समस्या आम हो गयी है। पिछले 17 दिनों से  समाज सेवी संस्थाएं और साशन प्रसाशन रोटी  की व्यवस्था मे जुटे हैं, संस्था के कार्यकर्ताओं ने  भोजन बांटते हुए देखा मलिन बस्ती के बच्चे  दूध न मिलने के कारण भूखे रह रहे है इसी समस्या को देखते हुए लॉक डाउन चलने तक नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) और जगत बन्धु सेवा ट्रस्ट ने अस्थाई समाधान के लिएनैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) JIWAN RAKSHAK नामक मुहिम चालू करी है इसमे एक दिन मे सिर्फ एक 20 रुपये वाला दूध का पैकेट दे कर इस म्यूजिम से लोग जुड़ रहे है इस से एक बच्चा दो टाइम दूध पी सकता है । 



NAPSR की जीवन रक्षकों से अपील


कल रात शुरू हुई इसी मुहिम मे जुड़ने वाले जीवन रक्षक

◆सहस्रधारा रोड़ निवासी NAPSR के अध्यक्ष आरिफ खान की 06 वर्षीय बेटी अलियाह खान और बेटे ईशान खान ने 02 बच्चों के एक महीने के दूध के लिए 1200 रुपये अपनी जमा पूंजी से दिए, 
◆श्रीमती डॉ० निवेदिता झां और डॉ० अमन झा की 05 वर्षीय बेटी प्रियांजली झा ने 01 माह के लिए एक बच्चे के दूध के लिए 600 रुपये अपनी पॉकेट मनी से दिए 
◆मसूरी निवासी  रजनी और मानव तिवारी ने भी 600 रुपये एक बच्ची के एक माह के दूध के लिए दिए हैं 
 ◆इंद्रप्रस्थ निवासी दो भाई बहन आयुषी उनियाल और आयुष उनियाल ने भी 50 दिनो के लिए एक बच्चे के दूध हेतू 1000 रुपये का साहियोग किया है ।

 NAPSR के अध्यक्ष ने आरिफ खान के अनुसार : इस  मुहिम JIWAN RAKSHAK से जुड़कर किसी रोते हुए बच्चे को हंसा सकते हैं और वो भी सिर्फ हाफ प्लेट चाऊमीन/मोमो या एक सिगरेट और बीड़ी के बंडल की कीमत के बराबर योगदान देकर फैसला आपका है आप सिगरेट पीकर अपना जीवन कम करते हैं या एक गिलास दूध देकर किसी बच्चे की भूख मिटाते हैं । लॉक डाउन खत्म होने के बाद सभी JIWAN RAKSHAK को बड़े मंच पर सम्मानित किया जाएगा जिसमे  JIWAN  RAKSHAK" प्रतीक चिन्ह के साथ ही प्रशस्तिपत्र भी दिया जाएगा ।


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