Librarian day : CGLA ने "कोविड -19 महामारी के दौरान लाइब्रेरियन के समक्ष चुनौतियां एवं अवसर" विषय पर वेबिनार अयोजित किया ।।web news।।
"कोविड -19 महामारी के दौरान लाइब्रेरियन के समक्ष चुनौतियां एवं अवसर" विषय पर केंद्र सरकार लाइब्रेरी एसोसिएशन( CGLA) ने आयोजित किया वेबिनार
पद्मश्री डॉ एस.आर. रंगनाथन के जन्मोत्सव पर लाइब्रेरियन दिवस मनाने के लिए CGLA आज एक वेबिनार का आयोजन किया । "कोविड -19 महामारी के दौरान लाइब्रेरियन के समक्ष चुनौतियां एवं अवसर" आज के वेबिनार का विषय रहा ।वेबिनर का शुभारंभ CGLA के अध्यक्ष डॉ एके सुमनने किया
CGLA के अध्यक्ष डॉ एके सुमन द्वारा अपने कार्यालय में दीप प्रज्ज्वलित करके वेबिनार का शुभारम्भ किया गया जिसके साक्षी वेबिनार के माध्यम से जुड़े सम्पूर्ण भारत वर्ष के 102 पुस्तकालय पेशेवर बने। डॉ ए.के. सुमन, अध्यक्ष, सीजीएलए, ने केंद्र सरकार के पुस्तकालय संघ की गतिविधियों और महामारी युग के दौरान पुस्तकालय पेशेवरों की बेहतरी के लिए की जा रही कार्रवाई के बारे में बात की। उन्होंने आगे ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के प्रकार, उनकी खूबियों और अवगुणों और पुस्तकालय और सूचना सेवा में वर्तमान रुझानों पर भी विचार-विमर्श किया।CGLA ने लाइफटाइम आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट अवार्ड” की घोषणा की गयी
CGLA अध्यक्ष ने पुस्तकालय और सूचना विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए वर्ष 2020 का “CGLA लाइफटाइम आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट अवार्ड” की घोषणा श्री वी.पी. सिंह, पूर्व वरिष्ठ प्रकाशन और प्रलेखन अधिकारी, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, देहरादून के पक्ष में की। यह पुरस्कार उन्हें अगली वार्षिक आम बैठक में दिया जाएगा।वेबिनार में वक्ताओं ने कहा
◆वेबिनार का संचालन डी.के. पांडे, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी, और प्रभारी, नॉलेज रिसोर्स सेंटर, सीएसआईआर आईआईपी द्वारा किया गया ।◆डॉ अजीत कुमार, हेड लाइब्रेरी NMML, दिल्ली ने पुस्तकालय विज्ञान के पाँच नियमो और वर्तमान परिदृश्य में प्रत्येक नियम की प्रासंगिकता के बारे में अपना विचार व्यक्त किया है। उन्होंने विश्वास जताया कि व्याख्यान से डॉ एस आर रंगनाथन के सपने को पूरा करने में मदद मिलेगी और देश में सभी पाठको को सही जानकारी सही समय, सही जगह पर उपलब्ध करने लायक पुस्तकालयों का विकास होगा । यह पुस्तकालय संसाधनों के प्रबंधन और पुस्तकालय सेवाओं के सुधार के लिए प्रौद्योगिकी के नवीनतम उपयोग के साथ किया जा सकता है।
◆ डॉ ओपी वर्मा, लाइब्रेरियन, सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी, नई दिल्ली ने अपने अपने उदबोधन में कोरोना वायरस और पुस्तकालयों पर इसके प्रभाव के बारे में बताया और पुस्तकों के उपयोग के महत्व पर प्रकाश डाला कि वे ई-पुस्तकों से कैसे भिन्न हैं । उन्होंने पुस्तकालय पेशेवरों से अपने पेशे से प्यार करने का भी आग्रह किया।
◆डॉ पार्थसारथी दास, ALIO, नेशनल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया, कोलकाता ने लाइब्रेरियन और उपयोगकर्ता की समस्याओं के लिए वर्तमान चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे विभिन्न डिजिटल संसाधनों और सोशल नेटवर्किंग के बारे में भी बताया।
◆मनीष शर्मा, प्रभारी, केंद्रीय पुस्तकालय, इंडियन मिलिट्री एकेडमी ने अपने अनुभव साझा किए कि किस तरह उन्होंने एक विशाल डिफेंस लाइब्रेरी चलाने के लिए विभिन्न व्यावसायिक चुनौतियों को स्वीकार किया और लॉकडाउन के दौरान चुनौतियों को बेहतर और सहज तरीके से काम करने के अवसरों में परिवर्तित किया। उन्होंने सूचना संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के कार्यान्वयन के बाद पाठकों के लिए पुस्तकालय सेवाओं में विकास के लिए पुस्तकालय गतिविधियों में बदलाव पर जोर दिया और महामारी के दौरान कॉपीराइट नीतियों में छूट की भी आवश्यकता जताई।
◆वीके सक्सेना, LIO, IIM ने डॉ एसआर रंगनाथन के लिए आभार व्यक्त किया और पुस्तकालय के ई-संसाधनों और नेटवर्किंग के विकास पर बल दिया।
◆वेबिनार के समापन की घोषणा करते हुए रमेश गोयल ने कहा नेटवर्किंग और इंटर लाइब्रेरी लोन, पुस्तकालयों के बीच संसाधन साझा करने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने सीजीएलए डेस्क के माध्यम से सरकार को अपनी समस्याओं को पेश करने के लिए पुस्तकालय पेशेवरों का सुझाव दिया।
जवाब देंहटाएंसभ्यता के विकास और ज्ञान-विज्ञान के प्रचार-प्रसार में पुस्तकालयों का श्लाघनीय योगदान रहा है। नव-कोरोना के कठिन काल में पुस्तकालय व्यवसायियों और उनके संचालकों को अपने पाठकों के निरंतर हित-चिंतन के लिए साधुवाद व शुभकामनाएं!💐
--- टीआर चमोली