Good news : हैस्को बागों से होंगे किसान आत्मनिर्भर, पढे विशेष रिपोर्ट।।web news।।



हैस्को बाग में आपका स्वागत है, जाने हैस्को बागों की पूरी जानकारी web news की विशेष रिपोर्ट

देश निर्माण में सामाजिक संगठनों की भूमिका हमेशा ही सराहनीय रही कोविड 19 के व्यापक प्रभाव से लोगों की आर्थिकी पर नकारात्मक असर पड़ा । देश के प्रधनमंत्री ने इन समस्याओं से निपटने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की साथ ही किसानों के आमदनी दोगुने करने के सरकार के लक्ष्य पूर्ण करने के लिए भी जरूरी कदम उठाए ।
हैस्को संस्था ने 2018 में किसानों की आय वृद्धि एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए हैस्को बागों की परिकल्पना की , ग्राउण्ड जीरो पर किसानों के सहयोग से वर्ष 2019 में बगीचों का निर्माण किया गया। 2020 में कोविड 19 असर किसानों की आय पर पड़ा , संस्था ने किसानों की आय बढ़ाने व आत्मनिर्भर बनाने के लिए हैस्को बागों के निर्माण कार्य में गति बढ़ा दी है । इन बागों की सफलता के आधार पर संस्था पूरे प्रदेश मेंबागों को विकसित करने की योजना बनायेगी ।

एक नजर हैस्को बाग प्रोजेक्ट पर

◆हैस्को संस्था द्वारा चकराता क्षेत्र के जाखधार और मजगांव में बागों को विकसित किया जा रहा है।
◆ अभी तक 5 बागों का निर्माण कार्य चल रहा है ।
◆अभी तक हैस्को बागों में 5 हैक्टेयर एरिया पर 2500 पौधे लगाए गए है ।
मजगांव में भविष्य के लिए नर्सरी में अखरोट की पौध तैयार की जा रही है।
◆जाखधार में आम, अमरूद, आड़ू, की नर्सरी तैयार की जा रही है।

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहली बैठक

अप्रैल 8, 2018 में जाखधार में एक बैठक का आयोजन किया गया था । बैठक पदम भूषण डॉ अनिल प्रकाश जोशी जी के निर्देश में रखी गयी थी। क्षेत्रवासियों से वार्ता के दौरान। डॉ जोशी ने पूरे क्षेत्र को फल पट्टी में बदलने की बात रखी साथ ही यह विश्वास भी दिलाया कि आने वाले समय मे क्षेत्र को फल पट्टी में परिवर्तित करने के लिए पूर्ण सहयोग करेंगे ।

बाग विकसित करने की शुरुआती (2019)फ़ोटो


हैस्को बागों में इन बातों का रखा जा रहा है विशेष ध्यान

◆बगीचों को जंगली जानवरों से कोई नुकसान न हो इसके लिए तार बाड़ की भी व्यवस्था भी की गई।
◆बाग किसानों के सामूहिक भी हैं और व्यक्तिगत भी है।
◆भविष्य में इस स्थान पर एक छोटी प्रोसेसिंग इकाई लगाने की संभावना को भी तलाशा जा रहा है।
◆ संस्था द्वारा बागों में पोधों की उपलब्धता में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 2 नर्सरी का निर्माण किया गया।
◆ जैविक खाद की उपलब्धता के लिए कम्पोस्ट पिटों का निर्माण किया गया है।
◆बगीचों में सिचाई की भी उचित व्यवस्था करवाई जा रही है ।

हैस्को बाग पायलेट प्रोजेक्ट (आत्मनिर्भर किसान परियोजना ) के नामित एवं इच्छुक 25 किसान

स्थानीय किसान महावल सिंह नेगी एवं हमीर चौहान के नेतृत्व में कई स्थानीय किसानों को जोड़ कर हैस्को संस्था की आत्मनिर्भर किसान परियोजना जैसे सुंदर परिकल्पना को आत्मसात कर रहे है साथ ही इनका सहयोग सरदार सिंह, निट्टू, शियाराम, श्याम सिंह, मातवर खन्ना, गोपाल दास, जमातू दास, कलमू दास, मुन्ना वर्मा, गजिया दास, गीता दास, कुशालु दास, माया दत्त जोशी, बलवीर जोशी, खजान खन्ना, गोलतू, बल्ली, इंद्र सिंह, शिव दास, रणवीर वर्मा, सूरत राम जोशी, भोलू, नरेंद्र सिंह आदि किसान कर रहे है ।



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