बागेश्वर के खर्कटम्टा गांव के ताम्र शिल्पियों की घट रही है संख्या।।web news।।


बागेश्वर के खर्कटम्टा गांव ताम्र शिल्पियों का गांव जो अब सरकार की ठोस पहल का कर रहा इंतजार 

बागेश्वर के खर्कटम्टा गांव में परम्परागत ताम्र शिल्प का कार्य आज भी जारी है। इस गांव को ताम्र शिल्पियों का गांव कहा जाता है। वक्त के साथ इस गांव पर भी पलायन का असर पड़ा है। लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा ताम्र व्यवसाय को उसकी पहचान दिलाने के लिए एससी-एसटी हब योजना बनाई गई है। ग्रामीण शिल्पकारों का कहना है कि यदि सरकार प्रोत्साहन दे तो इस कला को जीवित रखा जा सकता है। केंद्र सरकार की योजना के तहत हस्तनिर्मित तांबे से बने पूजा पात्रों को चारधाम में बेचा जाएगा। शिल्प कारीगर बताते हैं कि पहले तांबे का काम हर घर में होता था। अब युवा पीढ़ी बाहर नौकरी के लिए चली गयी तो यह काम कम होता चला गया। अब गांव में सिर्फ तीन परिवार ही इस काम को कर अपनी आजीविका जुटा रहे हैं। शिल्प कारीगर को उनकी शिल्पकला के लिए उत्तराखंड सरकार और उद्योग विभाग ने भी सम्मानित किया गया है। आजादी से पहले खर्कटम्टा समेत जोशीगांव, देवलधार, टम्टयूड़ा, बिलौना आदि गांवों में ताम्र शिल्प का कार्य होता था लेकिन अब यह काम सिमट गया है। आजादी के बाद यह उद्यम काफी फैला भी और अपने औजारों को साथ लेकर शिल्पी भी गांव-गांव जाकर लोगों के तांबे के पुराने बर्तनों की मरम्मत किया करते थे। तांबे व पीतल को जोड़कर बने गंगा-जमुनी उत्पाद और पात्रों के विभिन्न हिस्सों को गर्म कर और पीटकर जोड़ने की तकनीकी इस शिल्पकला की खासियत होती है। गांव के एक अन्य शिल्पकार सागर चन्द्र बताते हैं कि अब गिने-चुने कारीगर ही विपरीत परिस्थितियों में भी अपने इस पैतृक व्यवसाय को जीवित रखे हुए हैं। खर्कटम्टा गांव के प्रधान मनोज कुमार का कहना है कि ताम्र शिल्पियों की आजीविका पर मशीनी प्लांटों में बन रहे सामान से भी असर पड़ा है लेकिन अब भी लोग हाथ से बनाए तांबे के बर्तनों को ही ज्यादा महत्व देते हैं। इसका कारण है कि हाथ से बने तांबे के बर्तन काफी मजबूत और शुद्व माने जाते हैं।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएनबी आरसेटी ने डोईवाला ब्लाक के ग्राम रेशम माजरी में स्वरोजगार प्रशिक्षण का किया शुभारंभ ।।web news।।

#उत्तराखंड_मांगे_भू_कानून : सोशल मीडिया से उतर कर सड़कों पर आ रहे है युवा ।।web news।।

Independence Day : माटी, देहारादून के प्रांगण में 74वाँ स्वतन्त्रता दिवस मनाया गया, ।।web news।।

Junyali : उत्तराखंड की पहली म्यूजिकल गुड़िया जुन्याली , जाने जुन्याली की पूरी कहानी ।।web news।।

Pahadi product : दिवाली धमाका पहाड़ी उत्पाद स्यारा बटै त्यारा घौर, पढे पूरी खबर ।।web news।।

चर्चा में है : भगवान सिंह धामी का कुमाउँनी कार्ड पढे पूरी खबर।।web news।।

Corona update : आज 5703 कोरोनावायरस संक्रमण के नए सामने आये, जाने जिलेवार रिपोर्ट ।।web news।।

जन जागरण अभियान समिति ने हरेला पर्व के अवसर पर बेबिनार का आयोजन किया ।।web news।।

Uttrakhand tourism : चम्बा के सौंदर्य दर्शन ।। web new ।।

Pahadi Product : मडुवे के रसगुल्लों से दिवाली में पहाड़ी रस्याण , पढे हिदेश ट्रस्ट की अनोखी पहल ।। web news uttrakahnd ।।