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गुरुवार, 30 अप्रैल 2020

Corona update uttrakhand : नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की संस्था ने देहरादून में जिला विधिक और मैक संस्था के सहयोग से जरूरतमन्दों तक पहुंची ।। web news।।


Food-distribution-plv
जरूरतमन्दों को राशन उपलब्ध कराते जिला विधिक कार्यकर्ता

बचपन बचाओ आन्दोल ने जिला विधिक सेवा देहरादून और मैक संस्था के साथ मिलकर देहरादून में बांटी राशन


नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की संस्था बचपन बचाओ आंदोलन ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून व मैक संस्था के साथ मिलकर देहरादून के विभिन्न हिस्सों में
विधवा,गरीब, जरूरतमंद तथा डेली वेज वर्करों के 245 परिवारों को राशन बांटा । इस अभियान की खास बात यह रही कि जिन परिवारों को अभी तक कहीं से भी सहायता नही मिली उन्हें वरीयता दी गयी।

इन क्षेत्रों में बांटी गयी राशन

• बद्रीपुर
• सहसपुर
• काठ बंग्ला
• सिंघल मंडी
• कुसुम विहार
• राजीव कलोनी
• चंदन नगर

इस अभियान की बिंदुवार मुख्य जानकारी

• राजीव कॉलोनी क्षेत्र में किशोरियों को सेनेटरी किट उपलब्ध करायी गयी
• जिन परिवारों को कही और से सहायता नही मिली उन्हें दी गयी प्राथमिकता
• राशन के साथ साथ सेनिटाइजर मास्क, दस्ताने भी बांटें गए
राशन वितरण करते हुए समाजिक कार्यकर्ता

इस अभियान से जुडी संस्थाए एवं स्वयं सेवक

• जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून के पैरा लीगल स्वय सेवक
• बचपन बचाओ आन्दोल से सुरेश उनियाल, संदीप पन्त
• मैक संस्था से जहांगीर आलम
• पुलिस कर्मी

यह भी पढ़े- slsa news : पोर्टल से मिनेगी कानूनी सहायता 

कोरोना माहमारी के चलते लॉक डाउन से डेली वेज वर्करो, गरीब वर्ग के परिवारों, विधवा, असहाय लोगों को राशन की समस्या हो रही है लॉक डाउन संक्रमण से बचने के लिए जरुरी कदम है इएलिये जो लोग लॉक डाउन की वजह से परेशान है उनकी परेशानी को देखते हुए हम प्रशासन और सामाजिक संगठनों के माध्यम से जरूरतमन्दों को राशन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे है । हमारे पैरा लीगल वोलिएंटर्स जरूरतमन्दों तक पहुंच रहे है हर संभव मदद करने की कोशिश कर रहें है - नेहा कुशवाहा,सिविल जज(सीoडीo)/ सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,देहरादून।

"उत्तराखण्ड के कोरोना वारियर्स" सीरीज की रिपोर्ट भी पढ़ें- 



भारत के साइलेन्ट कोरोना वरियर्स : indian postal department के डाक कर्मी


Post-office, कोरोना-वारियर्स
भारतीय डाक विभाग आपकी सेवा के लिये हमेशा तैयार

लॉक डाउन में बड़े काम के डाकिया, डाकिया वही ज़िमेदारी नई, 


कोरोना वाइरस आपदा के समय डाक विभाग और डाकियों के सामान्य दिनों से अधिक बिना प्रचार प्रसार के सेवा भाव से काम करने पर  web news की विशेष रिपोर्ट

लगभग पूरा विश्व कोविड-19 कोरोना वाइरस के संक्रमण से प्रभावित है तो एतिहातन देश के देश लॉक डाउन है हमारे देश की भी यही स्थिति है । सभी कामगार, व्यवसायी,आम जनमानस घरों के अंदर कोरोना की चेन तोड़ने के लिए और संक्रमण से बचने के लिए घरों के अंदर है । इस दौरान हमारी सुरक्षा के लिए कोरोना वरियर्स दिन रात एक करके अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है । माहमारी के दौर में स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी और सुरक्षा कर्मी कोरोना योद्धा बनकर मानव जाति के लिए स्वयं भगवान का वरदान बनकर अपनी सेवाएं दे रहे है । साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी अपनी निस्वार्थ भूमिका के लिए हमारे सामने प्रस्तुत हुए है । इन सब घटनाओ के बीच जब सरकारी, गैर सरकरी, मेहनत कश, मजदूर, व्यवसायी अन्य सभी जनमानस घरों में लॉक डाउन नियमो का पालन कर रहे है उसी समय भारत सरकार का उपक्रम भारतीय डाक विभाग मुख्यतः डाकिये चुपचाप कोरोना संक्रमण से लड़ते जूझते बिना समाचारों की सुर्खियां बटोरकर अन्य दिवसों से अधिक परिश्रम करके अपनी सेवाएं दे रहे है।
पोस्ट विभाग के पोस्ट मैन स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर कोविड-19 किट्स, फूड पैकेट्स, राशन और जरूरी दवाइयों की डिलीवरी भी कर रहा है. इस प्रकार कोरोना वायरस आपदा के बीच पोस्ट आफिस के कर्मचारी अपनी ड्यूटी पूरी कर रहे हैं ।

डाक विभाग की कोरोना वायरस आपदा में जारी मुख्य सेवायें हैं ।

• आधार एनेबल्ड पेमेंट सर्विस
• ग्राहकों तक डिलीवरी,
• पोस्ट ऑफिस सेविंग बैंक,
• पोस्ट लाइफ इंश्योरेंस,
• मनी विड्रॉल की सेवाएं

इसके अतिरिक्त, पोस्ट विभाग स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर भी अपनी सेवायें दे रहा है -

• कोविड-19 किट्स,
• फूड पैकेट्स,
• राशन और
• जरूरी दवाइयों की डिलीवरी

डाक विभाग की विशेष पहल

डाक विभाग विभिन्न संगठनों के आग्रह पर कार्गो एयरलाइन तथा अपना मेल मोटर नेटवर्क का उपयोग कर कोरोना वायरस परीक्षण किट ,जीवन रक्षक उपकरण (वेंटिलेटर), तथा अन्य चिकित्सा उपकरण एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा रहे हैं ।

डाक विभाग से पांच मिनट में लीजिए दस हजार रुपए

आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम से पांच मिनट में लीजिए
दस हजार रुपए , इसके लिए केवल देश में  बैंक में खाता और आधार नंबर होना जरूरी है।आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के लिए पोस्टमास्टर, डाकिया या हर जिले के लिए दिए गए विशेष नंबर से जानकारी ली जा सकती है । नजदीकी पोस्ट ऑफिस से सम्पर्क करने बाद डाकिया खुद छोटी सी डिवाइस लेकर पहुंच जाता है। इस डिवाइस पर ट्रांजैक्शन चाहने वाले व्यक्ति का अंगूठा रखा जाता है और इसके बाद वह आधार नंबर के जरिए डिवाइस उसके बैंक खाता से कनेक्ट कर देता है। इस तरह से डाक विभाग तत्काल उस व्यक्ति को 30 रुपए तक की धनराशि लेकर 10 हजार रुपए तक उपलब्ध करा देता है।

आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम की मुख्य बिन्दु

• एक  ट्रांजैक्शन में दस हजार तक रुपये निकले जा सकते है
• देश के किसी भी बैंक में खाता और आधार नंबर होना जरूरी है
• सैनिटाइज करके किया जाता है डिवाइस का इस्तेमाल
• डाक विभाग के पास कस्टमर का बैंक से जुड़ा कोई ब्यौरा नहीं आता है

डाक विभाग के कर्मचारियों को कोरोना वायरस संक्रमण से मौत होने पर सरकार की अच्छी पहल देगी 10 लाख

केंद्र सरकार ने कोविड-19 संक्रमण की वजह से मौत होने पर पोस्ट ऑफिस कर्मचारियों (Post Office Employees) को 10 लाख रुपये देने की घोषणा की गयी । इस योजना में ग्रामीण डाक सेवक (Gramin Daak Sevak) भी शामिल होंगे ।संचार मंत्रालय (Ministry of Communications) ने कहा, 'कोविड-19 कोरोना वाइरस के खतरे को देखते हुए, ग्रामीण डाक सेवकों समेत अगर, किसी भी पोस्टल कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान मौत होती है तो केंद्र सरकार उन्हें 10 लाख रुपये अनुग्राह राशि के तौर पर देगी । इसे तत्काल रूप से लागू कर दिया गया है और यह कोविड-19 खत्म होने तक जारी रहेगी ।

"उत्तराखण्ड के कोरोना वारियर्स" सीरीज की रिपोर्ट भी पढ़ें- 






बुधवार, 29 अप्रैल 2020

eHospitalsI Uttarakhand : प्रदेश में ऑनलाइन मेडिसन सेवा का शुभारंभ

eHospitalsIUttarakhand, ehospital
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत टेलीमेडिसिन सेवा का शुभारंभ करते हुऐ

उत्तराखंड में टेलीमेडिसिन सेवा व दून मेडिकल कॉलेज में ई-हॉस्पिटल सेवा की पूरी जानकारी


आज उत्तराखंड में टेलीमेडिसिन सेवा व दून मेडिकल कॉलेज में ई-हॉस्पिटल सेवा का शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया ।इस सेवा से रोगी मोबाइल फोन से भी चिकित्सकीय राय ले पाएंगे। वर्तमान में यह सेवा जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा, दीनदयाल चिकित्सालय (कोरोनेशन) देहरादून, बेस चिकित्सालय हल्द्वानी, संयुक्त चिकित्सालय प्रेमनगर देहरादून, सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी व दून मेडिकल कॉलेज देहरादून में प्रारंभ की गई है। भविष्य में सभी जिला चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में विस्तारित की जाएगी।कोविड-19 जैसी विश्वव्यापी महामारी में संक्रमण के प्रसार को कम करने के लिए अस्पतालों में भीड़ को कम करने जैसे उपायों के लिए यह सेवा एक सटीक उपकरण साबित होगी साथ ही सुदूर क्षेत्रों जहां चिकित्सा सेवाओं हेतु विशेषज्ञ राय की आवश्यकता होती है वह भी पहुंच पाएगी।

टेलीमेडिसिन सेवा इन वेबसाइटों के उपलब्ध होगी


https://ors.gov.in
https://ehospital.gov.in

प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा का इस माध्यम से उपलब्ध होगी।
https://esanjeevaniopd.in/


इन सेवाओं के चलते कोई भी रोगी मोबाइल फोन से भी चिकित्सकीय राय ले पाएंगे। वर्तमान में यह सेवा 03 जिलों में प्रारंभ की गई हैं। भविष्य में सभी जिला चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में विस्तारित की जाएगी।

यह भी पढ़ें - slsa news : पोर्टल से मिनेगी कानूनी सहायता 

किन किन अस्पतालों में शुरु हुई टेलीमेडिसिन सेवा-


• चिकित्सालय अल्मोड़ा,
• दीनदयाल चिकित्सालय (कोरोनेशन) देहरादून
• बेस चिकित्सालय हल्द्वानी,
• संयुक्त चिकित्सालय प्रेमनगर देहरादून,
• सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी
• दून मेडिकल कॉलेज देहरादून

आज प्रदेश में बहु प्रतीक्षित टेलीमेडिसिन सेवा व दून मेडिकल कॉलेज में ई-हॉस्पिटल सेवा का शुभारंभ किया। कोविड-19 जैसी विश्वव्यापी महामारी में संक्रमण के प्रसार को कम करने के लिए अस्पतालों में भीड़ को कम करने जैसे उपायों के लिए यह सेवा एक सटीक उपकरण साबित होगी साथ ही सुदूर क्षेत्रों जहां चिकित्सा सेवाओं हेतु विशेषज्ञ राय की आवश्यकता होती है वह भी पहुंच पाएगी। दून मेडिकल कॉलेज, देहरादून में ई-हॉस्पिटल सेवा के शुभारम्भ के अवसर पर कहा कि ई-हॉस्पिटल सुविधा के प्रारंभ होने से मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं के ऑनलाइन प्रबंधन से कार्य की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायता होगी। ई-हॉस्पिटल सेवा दीनदयाल चिकित्सालय (कोरोनेशन) देहरादून व जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा में पहले से ही चलाई जा रही है।- श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत,मुख्यमंत्री,उत्तराखण्ड


इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, श्री मदन कौशिक, डॉ हरक सिंह रावत, श्री यशपाल आर्य, श्री अरविन्द पाण्डेय, श्री सुबोध उनियाल, राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, स्वास्थ्य सचिव नीतीश कुमार झा, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ अमिता उप्रेती, उप महानिदेशक एनआईसी श्री के नारायणन, स्वास्थ्य महानिदेशालय एवं एनआईसी के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

Chardham yatra : श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुले।



केदार नाथ


खुल गए बाबा केदार के द्वार

आज प्रातः 6 बजकर 10 मिनट पर विधि-विधान पूर्वक इस यात्रा वर्ष में मेष लग्न, पुनर्वसु नक्षत्र में ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ भगवान के कपाट खुल गये हैं। कपाट खुलने के पश्चात प्रथम पूजा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की ओर से संपन्न की गई। प्रात: तीन बजे से ही कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गयी थी। पुजारी शिवशंकर लिंग एवं वेदपाठी मंदिर के दक्षिण द्वार पूजन के बाद मुख्य मंदिर परिसर में प्रविष्ठ हुए। मुख्य द्वार पर कपाट खोलने की प्रक्रिया पूरी हुई। मंदिर को ऋषिकेश के दानीदाता के सहयोग से भव्य रूप से 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। इस पावन अवसर के सीमित संख्या में देवस्थानम बोर्ड एवं प्रशासन-पुलिस सहित आवश्यक सेवाओं से जुड़े चुनिंदा लोग कपाट खुलने के साक्षी बने। कोरोना महामारी से बचाव को देखते हुए सोशल डिस्टेंस का खास ध्यान रखा गया।

यह भी पढ़ें - ChardhamYatra : गंगोत्री, यमुनोत्री के कपाट खुले, पहली पूजा पीएम मोदी के नाम ।।

साथ ही वैश्विक महामारी कोविड-19 कोरोना वायरस के चलते अब जब तक लॉक डाउन है तथा सरकार के अग्रिम आदेशों तक केदार धाम में केवल बाबा की नित्य पूजा ए निष्पादित की जाएंगी श्रद्धालुओं के आने-जाने पर रोक रहेगी सभी भक्त बाबा से प्रार्थना करते हैं ।

आज मेष लग्न में पूरे विधि विधान के साथ 11वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं। आपका मनोरथ पूर्ण हो, बाबा केदार का आशीष सभी पर बना रहे, ऐसी मैं भगवान केदारनाथ से कामना करता हूं। कोरोना महामारी के इस वैश्विक संकट में हम बाबा केदार की आराधना घर में रह कर ही करें, सोशल डिस्टेंसिंग का अवश्य अनुपालन करें,घर में रहें, सुरक्षित रहें - त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड





मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

Uttrakhand tourism : चम्बा के सौंदर्य दर्शन ।। web new ।।


Chamba-tehri-garhwal, hill-king-chamba
चम्बा,टिहरी गढ़वाल

चम्बा की एक झलक पर web news का आलेख

चम्बा भारत के उत्तराखंड राज्य में टिहरी गढ़वान जिले का सुदर हिल स्टेशन और शहर (कस्बा) है। यहां से बर्फ से ढके स्वर्णिम पहाड़ महान हिमालय और भागीरथी घाटी का मनोरम नजारा देखा जा सकता है। चम्बा मसूरी मोटर मार्ग के आस पास की फल एवं सब्जी पट्टी स्वादिष्ट सेबों और जैविक सब्जियों के लिये प्रसिद्ध है। चम्बा बाज-बुराँश के पेड़ों व सेब , खुमानी , काफल के लिए भी प्रसिद्ध है। चम्बा गांवों से घिरा सुंदर हिल स्टेशन है। आस पास के गांवों का मुख्य बाजार होने के कारण चम्बा वासियों का मुख्य व्यवसाय व्यपार तथा आसपस के क्षेत्र में कृषि व दुग्ध व्यवसाय पर आर्थिकी निर्भर है। चम्बा अपने प्राकृतिक परिवेश और प्रदूषण रहित खूबसूरती क लिए पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। देवदार और चीड़ के पेड़ों से घिरा हुआ, चंबा का अन्नवेषित इलाका प्रकृति प्रेमियों के लिए एक सपनों की दुनिया के सामान है।

चम्बा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि- चंबा वही वीर  भूमि हैं जहाँ प्रथम विश्व युद्ध के दौरान नायक रहे विक्टोरिया क्रास विजेता शहीद गब्बर सिंह जन्मे थे | प्रथम विश्व युद्ध में यहाँ के 36 सैनिक शामिल हुए, जिसमें से चार शहीद हो गए थे| तब से लेकर आज तक इस गाँव के अधिकांश  युवा सेना में रहकर देश की सेवा में लगे हैं|
टिहरी रियासत को राज परिवार से मुक्त करने के 84 दिन तक अन्नशन करने वाले क्रांतिकारी श्रीदेव सुमन चबा के निकट जौल गावँ के थे।

चम्बा की भौगोलिक स्थित- चम्बा टिहरी बांध जलाशय और नई टिहरी के साथ मसूरी और ऋषिकेश को जोड़ने वाली सड़कों के एक जंक्शन पर स्थित है। चम्बा समुद्र तल से 1524 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।

चम्बा की अन्य जगहों से दूरी - चम्बा टिहरी झील से 19 किमी ,नई टिहरी से 11 किमी , मंसूरी से 60 किमी, नरेंद नगर से 48 किमी, ऋषिकेश से 60 किमी , देवप्रयाग से 22 किमी, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून 88किमी , नई दिल्ली से 302 दूरी पर स्थित है।

चम्बा का मौसम -चम्बा का मौसम लगभग साल भर ठण्डा एवं सुनहरा रहता है । गर्मी के मौसम के दौरान अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाता है, जबकि न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है।  जुलाई के महीने में इस क्षेत्र में मानसून के मौसम की शुरुआत हो जाती है। मानसून के दौरान चम्बा में सामान्य से कम बारिश होती है। बारिश के मौसम के तुरंत बाद सर्दियों का मौसम लग जाता है जो कि नवंबर के महीने से शुरू होता है। इस दौरान न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाता है। दिसम्बर से फरवरी के मध्य और कभी कभी मार्च के महीने बर्फवारी होती है। अप्रैल से जून के महीने में भी शीतल हवा चम्बा का मौसम सुहाना बनाती है ।


चम्बा का सुनहरा मौसम

क्या है चम्बा में खास - यह हिल स्टेशन अपने सेब और खुबानी के बाग और साथ ही साथ बुरांश के फूलों के लिए जाना जाता है। टिहरी बांध, सुरकंडा देवी मंदिर और ऋषिकेश की ओर बढ़ रहे पर्यटकों के लिए चम्बा एक आदर्श ठहराव स्थल के रूप में कार्य करता है। गब्बर सिंह नेगी मेमोरियल और श्री बागेश्वर महादेव मंदिर कुछ ऐसी लोकप्रिय जगह हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

चम्बा घूमने गए यात्रियों के लिए गब्बर सिंह नेगी के स्मारक काफी लोकप्रिय है। इसका निर्माण 1925 में ठाकुर गब्बर सिंह के सम्मान में बनाया किया गया था जिन्होंने सन 1913 में गढ़वाल राइफल्स में बंदूकधारी सैनिक के रूप में अपनी सेवाएँ दी थीं और साथ ही साथ प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी में अपनी बटालियन के साथ लड़े और युद्ध में विजय हासिल की। अपनी बहादुरी के लिए, उन्हे सर्वोच्च वीरता पुरस्कार, मरणोपरांत विजय क्रॉस के साथ सम्मानित किया गया। हर साल 21 अप्रैल को गढ़वाल रेजिमेंट इस महान योद्धा को अपनी श्रद्धांजलि देती है।

श्री बागेश्वर महादेव मंदिर, चंबा में एक और प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण है। यह एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल है, जहाँ पर्यटक हर साल आते जाते हैं। यह मंदिर हिंदू भगवान, विनाश शिव के लिए समर्पित है और जो हिंदुओं के बीच एक महान धार्मिक महत्व रखती है। माना जाता है कि मंदिर में मौजूद शिवलिंग रहस्यमय तरीके से जमीन के नीचे से निकल के बहर आया था। शिवरात्रि जो की हिन्दुओं का त्योहार है वो यहाँ काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

चम्बा के आस पास के अन्य दर्शनीय जगह-आसपास के पर्यटन स्थल - धनोल्टी, सुरकंडा देवी मंदिर, कानाताल, रानीचौरी, नई टिहरी , टिहरी झील है।

चम्बा उत्तराखंड में माता के तीन सिद्धपीठों के केंद्र में स्थित है- चन्द्रबदनी, सुरकण्डा और कुंजापुरी

चन्द्रबदनी - चंद्रबदनी पहुचने के लिए आपको देवप्रयाग से जामनी खाल होते हुए नैखरि एवं जुराना बैन्ड तक गाड़ी में जाना होगा। यह एक रमनीक स्थल भी है,
सुरकण्डा- चम्बा से काणाताल होते हुए कद्दूखाल तक सडक़ मार्ग से पहुँचकर आगे पैदल मार्ग से यात्रा करके सुरकण्डा देवी के दर्शन किये जा सकते है।
कुंजापुरी-चम्बा से नागनी खाड़ी आगरा खाल होते हुए कुंजापुरी माँ के दर्शन किये जा सकते है ।

इन मे से किसी भी सिद्धपीठों के दर्शन आप उपरोक्त तीनों में से किसी एक मंदिर में खडे होकर कर सकते हैं

चम्बा का मुख्य आकर्षण- 8 गति बैशाख 20-21 अप्रैल चम्बा का मेला (थौल) मुख्य आकर्षण का केंद्र है। आसपास के ग्रामीण , देश-प्रदेश के सैलानी इस दिन का आनंद लेते है ।

चम्बा के थौल के बारे में अधिक जानने के लिए यह पढ़ें- उत्तराखड की सांस्कृति का केंद्र बिन्दु है थौल मेले -विनय तिवारी ।। web news uttrakhand ।।

महत्वपूर्ण जानकारी -

◆ चम्बा का पिनकोड - 249145
◆ चम्बा स्थित स्टेट ब्रांच का IFSCI कोड - SBIN0006534
◆  चम्बा नगर पालिका आफिस का सम्पर्क सूत्र - 01376255308

चबा शहर
चम्बा का आज का दृश्य 28 अप्रैल 2020

चम्बा से ऑनलाइन जुडने के लिए महत्वपूर्ण लिंक
- पर्यटन हिल स्टेशन चम्बा से जुड़ी ताज़ा घटनाक्रमों के लिए फ़ेसबुक पेज विजिट किये जा सकते है।

★ चम्बा- उत्तराखंड

chamba the hill king - tehri garhwal

इन पेजों के एडमिन सुमित बहुगुणा, विनय तिवारी, कृष्णा शर्मा का विशेष आभार हम इस आर्टिकल के माध्यम से करना चाहते है और आगे भी उम्मीद रखते है इन पेज संचालकों के माध्य्म से नवीन गतिविधियों उपलब्ध होती रहेंगी।

चम्बा का समुदायिक रेडियो केन्द्र भी है - 2001 में स्थापित सम्भवतः यह पहला कम्युनिटी रेडियो स्टेशन है जो कम्युनिटी द्वारा कम्युनिटी के लिए चलाया जाता है । सामुदायिक रेडियो हेंगलवाणी से गढ़वाली में समाचार,गीत और अन्य कार्यक्रम प्रसारित होते है । इसे आप इंटरनेट स्ट्रीमिंग व 90.4 MHz पर लाइव सुन सकते है ।

चंबा जाने का सबसे अच्छा समय - यात्री साल के किसी भी समय चंबा घुमने के लिए जा सकते है, फिर भी ये ही सलाह दी जाती है की जब सर्दियाँ अपने खुमार पर होती है उस समय यहाँ यात्रा नहीं करनी चाहिए क्योंकि बर्फबारी अत्यधिक ठंड आपको परेशान कर सकती है । मार्च और जून के बीच की अवधि, चम्बा और आया पास के दर्शनीय स्थलों की यात्रा और अन्य बाहरी गतिविधियों के लिए आदर्श माना जाती है।

कैसे पहुंचे हिल स्टेशन चम्बा- ऋषिकेश तक रेल से, जैली ग्रांट एयरपोर्ट तक हवाई जहाज से तथा देहरादून तक बस, रेल से पहुंचकर आगे कि यात्रा के लिये बस , टैक्सी हर समय उपलब्ध रहती है आप अपनी कार से भी आसानी से यहां पहुंच सकते है, TGMO की बस सेवा के साथ ही रोडवेज की बस व विश्वनाथ बस सेवा से आरामदायक यात्रा की जा सकती है ।

ऋषिकेश रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो चम्बा से लगभग 60 किमी की दूरी पर स्थित है। हिल स्टेशन पहुचने के लिए यात्री यहाँ से टैक्सी किराये पे ले सकते हैं। यहाँ से आप को निकट के शहरों के लिए बसें और टैक्सियां मिल जाएँगी। श्रीनगर, देहरादून, टिहरी, देवप्रयाग, उत्तरकाशी, मसूरी, और ऋषिकेश से आप को चंबा के लिए काफी बसें मिल जाएँगी।

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राइटर थॉट - इस लेख को वेब न्यूज़ नेटवर्क के एडीटर ने अपनी टीम के सहयोग से तैयार किया है। हम अन्य स्थानों के रिसर्च आर्टिकल भी आप सभी लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे आप अपने सुझाव , जानकारी हम तक कॉमेंट बॉक्स  या मेल id पर साझा कर सकते है । धन्यवाद

सोमवार, 27 अप्रैल 2020

Lockdown effect : अभिभावको पर दोहरी मार छिना रोजगार, स्कूलों का बिना पढ़ाई फीस जमा करवाने का तुगलगी फरमान ।। web news network ।।

आदेश-पत्र
उत्तराखंड शासन की ओर से सभी जिलाधिकारियों दिया गया  आदेश पत्र


फीस वसूलने से अभिभावकों में गुस्सा

नई टिहरी।। सी.पी.भद्री ।। निजी विद्यालयों में फीस माफी को लेकर स्थिति स्पष्ट नही है। जबकि सरकार लॉकडाउन की अवधि की फीस न लेने का आदेश पूर्व में कर चुकी है। इसके बावजूद भी निजी विद्यालय अभिभावकों से फीस वसूलने की कवायद शुरू कर चुके है। निजी विद्यालयों का तर्क है कि लॉकडाउन के चलते उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है और वह अब अपने शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कार्मिकों का वेतन नहीं दे सकते है। दूसरी ओर इस कोरोना महामारी के चलते कई अभिभावकों का रोजगार छूट गया है तो कई अभिभावकों को वेतन नही मिल पाया है। ऐसे में ये अभिभावक विद्यालयों की फीस कैसे चुका पाएंगे यह चिंता का विषय है। 

निजी विद्यालयों में लगभग 65 प्रतिशत उन अभिभावकों के बच्चे हैं जिनका रोजगार कोरोना के चलते अब संकट के दौर से गुजर रहा है। जिनमे होटलों, कंपनियों, फैक्ट्रियों व अपने प्राइवेट संस्थान चलाने वाले लोग शामिल है। निजी विद्यालयों के प्रबंधन में उन अभिभावकों के प्रति कोई संवेदना नही है जिनका रोजगार छूट गया है।



सरकार के दोगले चरित्र के कारण निजी विद्यालयों का फीस वसूली को लेकर साहस बढ़ गया है। 22 अप्रैल 2020 को आर. मीनाक्षी. सुंदरम, सचिव उत्तराखंड शासन की ओर से सभी जिलाधिकारियों को दिए  आदेश में कहा गया है कि शुल्क जमा करने के लिए विद्यालयों को अनुमति प्रदान की जाती है जो अभिभावक स्वेच्छा से जमा कर सकते है। साथ ही कहा गया है कि एक बार मे वर्तमान माह का ही शुल्क लिया जाएगा। उक्त आदेश ने निजी विद्यालयों को फीस वसूली का मौका दिया है। 

पिछले बीस दिनों से निजी विद्यालय ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर आडम्बर रच रहे है। वाट्स ग्रुप के माध्यम से बच्चों को काम दिया जा रहा है। शिक्षकों का बच्चों के साथ कोई संवाद नही है। बच्चे स्कूल के किसी भी सामान का उपयोग नही कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद निजी विद्यालयों को अपनी फीस चाहिए ये कैसा शिक्षातंत्र है।


निजी विद्यालय तर्क दे रहे है कि फीस के बिना शिक्षकों व अन्य कर्मियों को दो माह का वेतन नही नही दे सकते। तो दूसरी तरफ अभिभावकों का कहना है कि निजी विद्यालय जितनी एडमिशन फीस और मासिक फीस लेते है उसके एवज में शिक्षकों को बहुत कम वेतन दिया जाता है। निजी विद्यालयों का करोड़ों का टर्न ओवर है। यदि वह शिक्षकों को दो- दो महीने का वेतन एडवांस में भी दें तो भी कोई दिक्कत नही है।
उदाहरण स्वरूप यदि एक विद्यालय में 5000 छात्र- छात्राएं है और प्रत्येक की फीस लगभग 2000 रुपये है तो 1 करोड़ रुपये कुल धनराशि होगी। यदि अधिक से अधिक 50 प्रतिशत वेतन और अन्य खर्चो में व्यय होता है तो पचास प्रतिशत की बचत होती है। यह तो केवल एक माह की अनुमानित तस्वीर है। पूरे वर्ष का अनुमान आप स्वयं लगा सकते है। जबकि इसमे प्रवेश और पुनः शुल्क शामिल नही है। अब आप ही सोचिये की शिक्षा की कंपनी चलाने वाले कितने निर्दयी और संवेदनहीन है। संकट की इस घड़ी में भी फीस वसूलने के रास्ते तलाश रहे है। लेकिन और दुख की बात तो यह है कि सरकार भी इसमें इन निजी विद्यालयों का ही साथ दे रही है।

इसी बीच एक सकारात्मक पहल Dehradun से की गयी अभिभावक हितों के लिए संघर्षरत संगठन नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स NAPSR  ने  COVID 19 लॉक डाउन के चलते अभिभावकों की आर्थिक तंगी को देखते हुए और निजी स्कूलों की मनमानियों पर अंकुश लगाने के लिए फीस माफी के लिए  ने नैनीताल हाई कोर्ट मे दाखिल करी जनहित याचिका ।



रविवार, 26 अप्रैल 2020

Online compitition : ऐपण गर्ल मीनाक्षी खाती की ऑनलाइन " सेल्फी विद ऐपण प्रतियोगिता"

Minakshi-khati,
मीनाक्षी खाती, मीनाकृति- द ऐपण प्रोजेक्ट संचालिका ।।


ऐपण गर्ल मीनाक्षी  खाती की ऑनलाइन " सेल्फी विद ऐपण प्रतियोगिता"


उत्तराखंड में कई प्रकार लोक कलाएं भी मौजूद है लॉक डाउन के समय खासकर युवाओं को अपनी समृद्ध संस्कृति को जानने का अच्छा समय है । यू ट्यूब और फेसबुक के माध्यम से लोक संस्कृति से परिचित कराने लिए कई प्रकार के अभियान चलाए जा रहे है । सोशल मीडिया प्लेटफार्म में ऐपण गर्ल मिनाक्षी खाती की "सेल्फी विद ऐपण प्रतियोगिता" चर्चा में आया है जिसमें प्रतिभागी ऑनलाइन भाग ले सकते है इस खास रिपोर्ट में हम "ऐपण और सेल्फी विद ऐपण प्रतियोगिता" के बारे में विस्तार से बतायेंगे ।

ऐपण गर्ल मीनाक्षी खाती लोक चित्रकला ऐपण के प्रति जागरूकता तक ही सीमित नही रही बल्कि रोजगार से भी जोड़ने का सफल प्रयोग कर चुकी है , पारम्परिक तरिको के साथ साथ ऐपण को आधुनिकता से मॉडिफाई भी किया ज रहा है वर्तमान समय में लाल और सफेद रंग का प्रयोग कर सुंदर ऐपण दीवारों पर बनाई जा रही है जिसका ताजा उदाहरण है देहरादून स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत देहरादून स्थित यमुना कॉलोनी के मुख्य गेट के आसपास की दीवारें ।

ऐपण क्या है ???

ऐपण उत्तराखंड की लोक चित्रकला है । ऐपण प्राकृतिक रंगों से बनाई जाती है। पारम्परिक रूप से ऐपण में गेरू और चावल के आटे से तैयार की जाती है ।

ऐपण में मुख्यतः कौन कौन से चित्र बनाए जाते है ।

शंख, चौपड़,चांद ,सूरज, स्वस्तिक, गणेश जी, फूल,पत्ते, बेल बूटे, लक्ष्मी पैर ,चोखाने, दिये ,धंटी आदि चित्र खूबसूरती से जमीन,दीवार, दरवाजे पर उकेरती हैं।

ऐपण कब और कहाँ बनाई जाती है ।

दीपावली, , लक्ष्मी पूजा, देव पूजा, विवाह संस्कार, शिवपूजन, यज्ञ, हवन,जनेऊ संजर, व्रत त्याहारों में घर की दीवारों,मंदिरों,चौखटों, आंगनों को ऐपण से सजाया जाता है ।

जाने ऐपण के देश में अलग अलग नाम

उत्तराखंड के साथ देश के अन्य राज्यों में भी ऐपण बनाई जाती है। थोड़ा बहुत परिवर्तन और अलग अलग रंगों से ऐपण अन्य राज्यों में सजाई जाती है । जैसे उत्तर प्रदेश में सांची, , राजस्थान में मांडला, महाराष्ट्र में रंगोली,पश्चिम बंगाल और असम में अल्पना, बिहार में अरिपन तथा उत्तराखंड में ऐपण से जाना जाता है । महाराष्ट्र की रंगोली में विविध प्रकार के रंगों का प्रयोग किया जाता है ।

यह भी पढ़ें - RSS की पृथ्वी दिवस ऑनलाइन प्रतियोगिता की जानकारी के लिए पढ़े पूरी खबर...।।

"सेल्फी विद ऐपण प्रतियोगिता" के नियम व शर्तें

1- सेल्फी विद ऐपण प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए शुल्क मात्र - 30 रूपये ऑनलाइन ( Google pay, PayTm ) जमा करने होंगे।

2- 'ऐपण' प्रतिभागियों की ही बनाई हो, काॅपी पेस्ट मान्य नहीं होगा।

3-अपना नाम , शहर का नाम तथा जो आपने ऐपण बनाया है उसके बारे में 3-4 पंगतियों साझा करें। ऐपण आजकल बनाई हो तो अच्छा है, अन्यथा पुरानी भी चल सकती है। ऐपण के संग सेल्फी हो तो बेहतर है।

4- अपनी सेल्फी के साथ ऐपण की संक्षिप्त जानकारी, विवरण अनिवार्य Minakriti - The Aipan Project पर इनबॉक्स या दिए गए व्हाट्सएप नंबर पर जमा करना होगा।

5- यह प्रतियोगिता 22 अप्रैल से 1 मई तक होगी, जिस दौरान आप अपने जींत के अवसर बडा सकते हैं।

2 मई को प्रतियोगिता के परिणाम ( Result ) फेसबुक 'मीनाकृति पेज' #minakriti_the_aipan_project पर घोषित किये जायँगे।

विजेता का चयन :

1- विजेताओं का चयन हमारे द्वारा हमारे पेज "#minakriti The Aipan project" पर डाली गई उनकी पेंटिंग्स/आर्ट पर सबसे ज्यादा अर्जित अंको के आधार पर होगा।

2- सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों क्रमशः कैश पुरस्कार देय होंगें :

प्रथम - 1501/- रुपये
द्वितीय - 751 /- रुपये
तृतीय - 501 /- रुपये

3- सबसे बेहतर ऐपण आर्ट के लिए 5 प्रतिभागियों को "'Minakriti The Aipan Project'" द्वारा सर्टिफिकेट दिया जायेगा।

4. सबसे बेहतर 3 ऐपण कलाकारों को विशेष रूप से पुरस्कृत किया जाएगा।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें : - 7017168525 minakritiofficial@gmail.com


लाॅकडाउन में अपनी संस्कृति को जानने और जड़ो से जुड़े रहनें की पहल, ताकि युवा पीढ़ी को भी इसकी जानकारी हो, वो इसे बनाना सीखें और सहेजें। हमारी कोशिश है कि युवा पीढ़ी ऐपण के जरिये रोजगार सृजन की ओर अग्रसर हो और कुमाऊं की ऐपण कला घर के देहली से देश ही नही अपितु दुनिया में अपनी अलग पहचान बनायें। आपके पास एक बेहतरीन मौका है।"सेल्फी विद ऐपण प्रतियोगिता" के जरिये अपनी कला को लोगों तक पहुंचाने का, फिर देर किस बात की, जल्दी भेजिए - "सेल्फी विद ऐपण".. - मीनाक्षी खाती,संचालक : मीनाकृति- द ऐपण प्रोजेक्ट

ChardhamYatra : गंगोत्री, यमुनोत्री के कपाट खुले, पहली पूजा पीएम मोदी जी नाम ।।

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विशेष पूजा अर्चना से गंगोत्री मंदिर के कपाट खुले


यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खुलने के साथ चार धाम यात्रा की हुई आरम्भ


कोरोना वायरस के कारण देशव्यपी लॉक डाउन के चलते समस्त नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए गंगोत्री धाम के कपाट गंगा पूजन,गंगा सहस्त्रनाम पाठ एवं विशेष पूजा अर्चना के बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ रोहिणी अमृत योग की शुभ बेला पर आज दोपहर 12:35 बजे कपाट खोल दिए गए है। इस दौरान सोशल डिस्टेंस का पूर्ण रूप से अनुपालन किया गया तथा सभी के द्वारा मास्क अनिवार्य रूप से पहने गये।पहली पूजा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नाम से हुई। उनके द्वारा तृतीया महापर्व की शुभ बेला पर मंदिर समिति गंगोत्री को भेंट राशि दी गई है।

25 अप्रैल को माँ गंगा जी की डोली उनके मायके व शीतकालीन प्रवास मुखबा से भैरोंघाटी के लिए रवाना हुई थी। भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम के बाद मां गंगा की डोली आज प्रातः 7 बजे गंगोत्री के लिए रवाना हुई। जहां गंगा पूजन,गंगा सहस्त्रनाम पाठ एवं विशेष पूजा अर्चना के बाद विधि विधान के साथ गंगा जी की भोग मूर्ति को मंदिर के भीतर विराजमान किया गया।

आज यमुनोत्री धाम के कपाट भी सादगीपूर्ण ढंग से खोले दिये गए है। मां यमुना की डोली आज प्रातः 8.15 बजे खरसाली से यमुनोत्री धाम के लिए विदा हुई। यमुनोत्री धाम पहुँचने के बाद विशेष पूजा-अर्चना व वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ तय मुहूर्त 12 बजकर 41 मिनट पर मंदिर के कपाट सादगीपूर्ण ढंग से दर्शनार्थ के लिए खोले दिये गए है।

अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही आज से चारधाम के कपाट खुलने की शुरुआत हो चुकी है सभी श्रद्धालुओं और भक्तजनों को अनेक शुभकामनाएं, कोरोना महामारी के इस वैश्विक संकट में बेहद जरूरी हो जाता है कि हम भगवान की आराधना घर में रहकर ही करें, सोशल डिस्टेंसिंग का अवश्य अनुपालन करें,घर में रहें, सुरक्षित रहें - त्रिवेंद्र सिंह रावत , मुख्यमंत्री , उत्तराखंड


कोरोना वायरस व देशव्यापी लॉक डाउन के चलते भारत सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुरूप समस्त नियमों को लागू करते हुए दोनों धाम श्री यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम के कपाट आज (रविवार) सादगीपूर्ण ढंग से खोले गए है। कोविड 19 व लॉक डाउन के चलते दोनों धामों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.डीपी जोशी के नेतृत्व में मेडिकल टीम द्वारा कपाटोद्घाटन में शामिल सभी तीर्थ पुरोहितों का मेडिकल परीक्षण किया गया। साथ ही मौके पर सैनिटाइजर, मास्क आदि की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई । नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीमें यमुनोत्री एवं गंगोत्री में मौजूद रही- डॉ.आशीष चौहान,जिलाधिकारी

शनिवार, 25 अप्रैल 2020

Corona helpline : lockdown में घरेलू हिंसा से परेशान महिलायें डायल करें RSS का हेल्पलाइन 817-817-1234

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         आरएसएस ने जारी किया महिला हेल्पलाइन नम्बर

घरेलू हिंसा से परेशान महिलायें डायल करें RSS का हेल्पलाइन 817-817-1234


नई दिल्ली।।कोरोना वाइरस सक्रमण का संकट काल की वजह से देश भर में लॉक-डॉउन चल रहा है। ऐसे समय में संयुक्त परिवार और एकल परिवारों में पारिवारिक झगड़ों में वृद्धि हो रहे हैं। लॉक-डॉउन के दौरान "राष्ट्रीय महिला आयोग" के पास अब तक बड़ी संख्या में घरेलु हिंसा को लेकर शिकायतें आ चुकी है। महिलाओं के प्रति होने वाले इन अपराधों की संख्या, आम दिनों की अपेक्षा ज्यादा है, जो वास्तव में चिंताजनक है। सोशल मीडिया पर भी इन दिनों इस संबंध में कई तरह के आलेख प्रकाशित हो रहे हैं। महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में एकाएक वृद्धि होने पर संघ ने भी गहरी चिंता व्यक्त की है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जारी किया महिला हेल्पलाइन नंबर-817-817-1234


इस हेल्प लाइन नंबर पर महिलाएं अपनी समस्याओं के बारे में फोन कर सुझाव और निदान मांग सकती है। इस हेल्प लाइन पर महिलाएं परामर्श और समस्या समाधान दोनों के लिए कॉल कर सकती हैं और काउंसलर के समक्ष अपनी समस्या भी रख सकती है।
महिलाओं के प्रति घरेलु हिंसा, पारिवारिक प्रताड़ना, पति द्वारा मारपीट, अन्य हिंसा के मामलों को महिलाएं इस हेल्प लाइन के माध्यम से व्यक्त कर सकती हैं।

संघ से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि इस दौरान छोटे-छोटे घरों में रहने वाली महिलायें, पति द्वारा हिंसा की शिकार महिलायें, लॉक –डॉउन के चलते असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं का नौकरी जाना और अस्वस्थ्य महिलाओं को उचित वक्त पर मेडिकल सुविधा न मिलना जैसे कारणों के चलते महिलाओं में चिंता और तनाव के लक्षण पैदा होते जा रहे हैं। इन्हीं सब मुद्दों को देखते हुए संघ ने लॉक-डॉउन में घरेलु हिंसा की शिकार महिलाओें के लिए एक हेल्प लाइन सेवा शुरू की है।

लॉक-डॉउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए संघ से जुड़ी महिलायें पीड़ित महिलाओं की समस्याओं का निदान करेंगी। संघ की तरफ से शुरू की गई हेल्प लाइन के माध्यम से महिलाओं की समस्या का निदान किया जाएगा और उनकी टेलीफोन के माध्यम से ही कॉउसलिंग भी की जाएगी।

हमारा उद्देश्य लॉक-डॉउन में परेशान महिलाओं का मार्ग दर्शन करना और उन्हें सहायता दिलाने के साथ ही उन्हें उचित कानूनी और मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि आज के दौर में पुरुष और महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त हैं, ऐसे समय में अगर महिलाओं के साथ हिंसा और प्रताड़ना की खबर आती है तो बहुत दुख होता है। आज सारा देश जब कोरोना संकट से लड़ाई लड़ रहा है तो हमें अपने घर की महिलाओं के प्रति भी सम्मान का प्रदर्शन करना चाहिए ताकि समाज में एक अच्छा सन्देश जाए । संघ ने जो हेल्प लाइन शुरू की है वह उनका एक छोटा सा प्रयास है जिसके द्वारा हम लॉक डाउन में पीड़ित महिलाओं की सहायता करना चाहते हैं  - प्रतिमा लाकड़ा, संघ से जुड़ी एडवोकेट 


"उत्तराखण्ड के कोरोना वारियर्स" सीरीज की रिपोर्ट-






शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

Corona news : विधानसभा अध्यक्ष ने जरूरतमन्दों को खाद्य सामग्री वितरित की ...पढ़े पूरी खबर ।। web news ।।


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विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल खाद्य सामग्री वितरित करते हुए


विधान सभा अध्यक्ष और चैतन्य गौड़ीय मठ ने गरीब परिवारों को वितरित की खाद्य सामग्री


देहरादून ।। यमुना कॉलोनी स्थित सैयद मोहल्ला में 50 गरीब एवं निर्धन परिवारों को चैतन्य गौड़ीय मठ एवं प्रशासन के सहयोग से उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने को खाद्य सामग्री वितरित की।

लॉकडाउन में लोग घरों में सुरक्षित रहें। जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचता रहे। इसके लिए क्षेत्र में कई आश्रम एवं सामाजिक संगठन कार्य कर रहे हैं।इसमें चैतन्य गौड़ीय मठ भी जगह- जगह जरूरतमंदों को खाना बांट कर मानवता का संदेश दे रही हैं।संतों ने भी इसे अपना परम कर्तव्य समझकर कोरोनावायरस जैसी आपदा के समय जो परिवार निर्धन एवं जिनके पास आय का कोई साधन नहीं उनको खाद्य सामग्री वितरित कर मानव धर्म का पालन किया है।

कार्यक्रम के मुख्य अंश-

◆50 गरीब व असहाय लोगों को खाद्य सामग्री वितरित की गयी
◆विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने खाद्य सामाग्री वितरित की।
◆चैतन्य गौड़ीय मठ ने प्रशासन के सहयोग से लोगों को खाद्य सामग्री वितरित की गयी
◆इस सारे कार्यक्रम को संपन्न करवाने में मठ के  संत समाज ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

चैतन्य गौड़ीय मठ का मूल उद्देश्य ही सेवा परमोधर्म है। मैं विश्वास दिलाता हूँ कि लॉकडाउन के दौरान जरूरतमन्दों को भोजन व दवा सहित अन्य किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। जानकारी मिलने पर जरूरतमंदों व गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को हर स्तर पर मदद दी जाएगी। आप सभी लोग मजबूत बने रहिए, सुरक्षित रहिए, सतर्क रहिए और सभी ऐहतियाती कदम उठाकर कोविड-19 से बचें। आप लोगों से विशेष अनुरोध है कि बुनियादी बातों का ख्याल रखें,ताकि हम सब सुरक्षित रहें। कोरोना के खिलाफ जारी जंग में अगली पंक्ति में डटे रहकर लड़ने वाले कर्मवीर योद्धा बधाई के पात्र है , जो देश के लिए अपना जीवन दांव पर लगा रहे हैं। सभी लोगों से अपील की ऐसे कोरोना वॉरिर्स का आदर करें। सभी लोगों को हाथ से मास्क बनाकर पहनने चाहिये जिससे कोरोना संक्रमण से बचा जा सके - श्री प्रेमचंद अग्रवाल, विधानसभा अध्यक्ष


कार्यक्रम में त्रिदंडी त्यागी प्रसन्न महाराज, त्रिदंडी विबुध मुनि महाराज, दुर्गादास प्रभु जी, बलराम नंदन, गोविंद दास, शुभम,राधे राधे सहित बिंदाल पुलिस चौकी के एसआई विवेक राठी,एसआई विजेंद्र सकलानी, विकास, वासुदेव राणा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

"उत्तराखण्ड के कोरोना वारियर्स" सीरीज के अन्य रिपोर्ट-