त्रिवेंद्र सरकार : मुख्यमंत्री ने साढे तीन साल के काम गिनाए , आप भी पढ़िए ।।।web news।
वर्चुअल प्रेस वार्ता में त्रिवेंद्र सरकार ने रखा साढे तीन वर्ष का लेखा जोखा
आज त्रिवेंद्र सरकार के साढ़े तीन वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर वर्चुअल प्रेस वार्ता की। मुख्यमंत्री ने कहा सुशासन और भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेंस हमारी सरकार की प्राथमिकता है। विगत साढ़े तीन वर्षों में हमने कुल 7 लाख 12 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया गया। इनमें से नियमित रोजगार लगभग 16 हजार, आउटसोर्स/अनुबंधात्मक रोजगार लगभग 1 लाख 15 हजार और स्वयं उद्यमिता/प्राईवेट निवेश से प्रदान/निर्माणाधीन परियोजनाओं से रोजगार लगभग 5 लाख 80 हजार हैं। कोविड-19 के दृष्टिगत इन कठिन परिस्थितियों में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हमने 'मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना' की शुरुआत की। हमने अब तक जनता से किए गए 85% वायदों को पूरा किया है। खेती, बागवानी, रिवर्स पलायन, नए पर्यटन केंद्रों का विकास, वन्यजीवों से फसलों की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।वर्चुअल प्रेस वार्ता से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु।
● उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अंतर्गत 2017 से 2020 तक 59 परीक्षाएं आयोजित की गईं, जिनमें 6000 पदों पर चयन पूर्ण किया गया। 7200 पदों पर अधियाचन भर्ती प्रक्रिया गतिमान है।● मनरेगा में प्रति वर्ष 6 लाख लोगों को रोजगार दिया जाता है। कोविड-19 के दौरान इसमें अतिरिक्त रोजगार दिया गया है।
● गैरसैंण में राजधानी के अनुरूप आवश्यक सुविधाओं के विकास की कार्ययोजना बनाई जा रही है।
● चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया है। इसमें तीर्थ पुरोहित और पण्डा समाज के लोगों के हक-हकूक और हितों को सुरक्षित रखा गया है।
● अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना में राज्य के सभी परिवारों को ₹ 5 लाख वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने वाला उत्तराखण्ड, देश का पहला राज्य है। अभी 2 लाख 5 हजार मरीजों को योजना में निशुल्क उपचार मिला है। जिस पर ₹180 करोड़ से अधिक खर्च किए जा चुके हैं।
● ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस , सीएम डैश बोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाईन 1905, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था के चलते कार्यसंस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है।
● इन्वेस्टर्स समिट के बाद पहले चरण में ₹25 हजार करोड़ से अधिक के निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है। अगले डेढ़ वर्ष में इसे ₹40 हजार करोड़ तक करने का लक्ष्य है।
● किसानों को ₹3 लाख और महिला स्वयं सहायता समूहों को ₹3 लाख तक का ऋण बिना ब्याज उपलब्ध कराया जा रहा है।
● प्रदेश के गन्ना किसानों को अवशेष गन्ना मूल्य का शत-प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित किया गया है।
● सभी न्याय पंचायतों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। 100 से अधिक ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी भी दी जा चुकी है। बहुत से ग्रोथ सेंटर शुरू भी हो चुके हैं। हर गांव में बिजली पहुंचाई गई है।
● 13 डिस्ट्रिक्ट-13 न्यू डेस्टिनेशन से नए पर्यटन केंद्रों का विकास हो रहा है। होम स्टे योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।
● केंद्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड़ रूपए की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। इनमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, चारधाम सड़क परियोजना, केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण, भारतमाला परियोजना, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना, नमामि गंगे, भारत नेट फेज -2 परियोजना, एयर कनेक्टिविटी पर किया जा रहा काम मुख्य है।
● उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां उड़ान योजना में हेली सेवा प्रारम्भ की गई है। श्री बदरीनाथ धाम का भी मास्टर प्लान बनाया गया है।
● नीति आयोग द्वारा जारी ‘‘भारत नवाचार सूचकांक 2019’’ में पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखण्ड सर्वश्रेष्ठ तीन राज्यों में शामिल है।
● राज्य को 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट घोषित किया गया।
● स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तराखंड को सात पुरस्कार मिले हैं।
● ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ अभियान में ऊधमसिंह नगर जिले को देश के सर्वश्रेष्ठ 10 जिलों में चुना गया।
● उत्तराखंड को खाद्यान्न उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दूसरी बार कृषि कर्मण प्रशंसा पुरस्कार दिया गया।
● जैविक इंडिया अवार्ड 2018 के साथ ही मनरेगा में देशभर में सर्वाधिक 16 राष्ट्रीय पुरस्कार राज्य को मिले।
● मातृत्व मृत्यु दर में सर्वाधिक कमी के लिए उत्तराखण्ड को भारत सरकार से पुरस्कृत किया गया है।
● आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और ग्राम प्रहरियों के मानदेय, विभिन्न वर्गों की पेंशन और विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में बढ़ोतरी की गई है।
● उत्तराखण्ड में सभी के सहयोग से कोविड-19 से लड़ाई लड़ी जा रही है। सर्विलांस, सेम्पलिंग, टेस्टिंग पर फोकस किया जा रहा है। वर्तमान में 5 सरकारी और विभिन्न प्राईवेट लेब में कोविड-19 के सेम्पल की जांच की जा रही है। वर्तमान में 481 आईसीयू बेड, 543 वेंटिलेटर, 1846 आक्सीजन सपोर्ट बेड, 30500 आईसोलेशन बेड उपलब्ध हैं।
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