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शनिवार, 15 मार्च 2025

फूलदेई: उत्तराखंड का प्रकृति प्रेम से जुड़ा पर्व | Phooldei Festival in Uttarakhand

फूलदेई त्योहार के दौरान उत्तराखंड के पहाड़ों में खिले पीले फूल | Phooldei Festival Uttarakhand
उत्तराखंड  में बसंत ऋतु के आगमन पर फूलदेई पर्व मनाने की तैयारी मे सजे पहाड़ ।

उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत में कई अद्भुत पर्व और त्योहार हैं, जो न केवल प्रकृति से जुड़ाव दर्शाते हैं, बल्कि समाज में मेलजोल और प्रेम को भी बढ़ावा देते हैं। इन्हीं में से एक है फूलदेई, जो बसंत ऋतु के स्वागत में मनाया जाता है। यह पर्व खासतौर पर बच्चों द्वारा उत्साहपूर्वक मनाया जाता है, जहाँ वे ताजे फूलों को एकत्र कर घर-घर जाकर शुभकामनाएँ देते हैं। इस त्योहार की जड़ें इतिहास, लोककथाओं और परंपराओं में गहराई से समाई हुई हैं।

फूलदेई का इतिहास और महत्व

फूलदेई पर्व का संबंध उत्तराखंड की प्राचीन कृषि परंपराओं और प्रकृति पूजन से है। यह त्योहार वर्ष के उस समय आता है, जब पहाड़ों में बसंत ऋतु दस्तक देती है, बर्फ पिघलती है, और जंगलों में रंग-बिरंगे फूल खिलने लगते हैं।

ऐतिहासिक रूप से, यह पर्व स्थानीय देवी-देवताओं को समर्पित माना जाता है। मान्यता है कि अगर घरों की देहरी पर फूल अर्पित किए जाएँ और मंगल गीत गाए जाएँ, तो परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसे देवी पार्वती और भगवान शिव के आशीर्वाद से भी जोड़ा जाता है, क्योंकि हिमालय पार्वती का मायका माना जाता है।

फूलदेई से जुड़ी लोककथाएँ और किवदंतियाँ

1. फूलों की देवी का आशीर्वाद

एक पुरानी लोककथा के अनुसार, किसी समय उत्तराखंड के एक गाँव में भीषण अकाल पड़ा। न फसल उग रही थी, न बारिश हो रही थी। एक दिन, गाँव के एक बच्चे को स्वप्न आया कि यदि वे जंगलों से ताजे फूल लाकर घर-घर सजाएँ और देवी से प्रार्थना करें, तो गाँव में खुशहाली लौट आएगी।

गाँव के सभी बच्चों ने इस परंपरा को अपनाया, और कुछ ही दिनों में बारिश शुरू हो गई, जिससे फसलें फिर से हरी-भरी हो गईं। तभी से फूलदेई पर्व मनाने की परंपरा चली आ रही है।

2. राजकुमारी की मनोकामना और फूलदेई

एक अन्य लोककथा के अनुसार, हिमालय की तलहटी में बसे एक राज्य की राजकुमारी बहुत दयालु थी। उसने एक साधु से सुना कि यदि बसंत ऋतु में बच्चे फूलों को घर-घर सजाएँ और देवी को समर्पित करें, तो राज्य में कभी कोई संकट नहीं आएगा।

राजकुमारी ने यह परंपरा शुरू की, और धीरे-धीरे यह पूरे उत्तराखंड में लोकप्रिय हो गई। आज भी यह पर्व बच्चों द्वारा उत्साहपूर्वक मनाया जाता है।

फूलदेई की परंपराएँ और उत्सव

फूलदेई पर्व के दिन सुबह-सुबह बच्चे जंगलों और बगीचों से ताजे फूल इकट्ठा करते हैं। वे इन फूलों को थालियों में सजाकर गाँव या कस्बे के हर घर के दरवाजे पर रखते हैं और शुभकामनाएँ देते हैं। इस दौरान पारंपरिक लोकगीत गाए जाते हैं, जिनमें सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। घर के लोग बच्चों को मिठाई, गुड़, चावल, या पैसे देकर आशीर्वाद देते हैं।

पारंपरिक फूलदेई गीत:

"फूल देई, फूल देई,
घर द्वार भर देई।
देवी देवता आशीष दे,
सुख समृद्धि से घर महके।"

यह पर्व केवल बच्चों का नहीं, बल्कि पूरे समाज का उत्सव है। इस दिन परिवार अपने घरों की सफाई करते हैं, आंगन में फूल सजाते हैं और देवी-देवताओं की पूजा करते हैं।

फूलदेई का आधुनिक रूप

आज के दौर में जब शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है, फूलदेई जैसी परंपराएँ गाँवों तक ही सीमित होती जा रही हैं। हालाँकि, उत्तराखंड में अब भी यह पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है। राज्य के सांस्कृतिक संगठनों और विद्यालयों में भी इसे बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि नई पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ी रह सके।

फूलदेई पर्व न केवल प्रकृति से प्रेम और सामुदायिक सौहार्द्र का संदेश देता है, बल्कि यह हमें हमारी संस्कृति की अनमोल धरोहर से भी जोड़े रखता है।

फूलदेई केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और सामाजिक मेलजोल को बढ़ावा देने का पर्व है। यह पर्व हमें सिखाता है कि हमें अपने पर्यावरण को संजोना चाहिए और आने वाली पीढ़ियों को इसकी महत्ता बतानी चाहिए। उत्तराखंड की यह परंपरा हमारे समाज की एक अनमोल धरोहर है, जिसे बचाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।

"आओ मिलकर फूलदेई मनाएँ, प्रकृति और संस्कृति से जुड़ाव बढ़ाएँ!"

रविवार, 9 मार्च 2025

महिला सशक्तिकरण की मिसाल बना सखा क्लब का ‘महिला सम्मान कार्यक्रम’


देहरादून। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सखा क्लब द्वारा एक भव्य ‘महिला सम्मान कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया। इस मौके पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया।



प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आंगनवाड़ी अध्यक्षा रेखा नेगी और नन्हीं आशाएं चैरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष नेहा शर्मा मौजूद रहीं। इसके अलावा, उत्तराखंड आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता मनोज ध्यानी और वार्ड नंबर 74, ब्रह्मपुरी के पार्षद सतीश कश्यप भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

महिला शक्ति को सम्मान

उत्तराखंड आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली आशा नौटियाल, तारा पांडे, सुलोचना मेंडोलिया और सुलोचना बिष्ट को विशेष सम्मान दिया गया। वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता जीनत और शाइना की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक प्रेरणादायक बना दिया।

सखा क्लब का नेतृत्व और आयोजन

कार्यक्रम का सफल आयोजन सखा क्लब के अध्यक्ष देव सिंह चौहान, सचिव मधुर माथुर, उपाध्यक्ष नरेश कुमार प्रजापति, उपसचिव संगीता नेगी, कोषाध्यक्ष मनोज कुमार और कार्यक्रम अध्यक्ष सिमरन ठाकुर के नेतृत्व में किया गया।

महिलाओं की भागीदारी और प्रेरणादायक संबोधन

इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाओं और बालिकाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन पूरी तरह से महिला सदस्यों द्वारा किया गया, जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा मिला।

मुख्य अतिथियों ने महिला सशक्तिकरण, समाज में महिलाओं की भूमिका और उनके अधिकारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सशक्त महिलाएं ही एक मजबूत समाज की नींव रखती हैं

संवाद और प्रेरणा का मंच

यह आयोजन न केवल सम्मान का अवसर था, बल्कि यह एक संवाद मंच भी बना, जहां महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए और एक-दूसरे को प्रेरित करने का संकल्प लिया

सखा क्लब द्वारा किया गया यह प्रयास महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम साबित हुआ।

बुधवार, 5 मार्च 2025

देहरादून के डॉक्टरों को मिला 'होम्योपैथी पुरोधा सम्मान 2025'

सम्मान समारोह में रही दिग्गज हस्तियों की मौजूदगी

 इस सम्मान समारोह में कई प्रसिद्ध हस्तियां शामिल हुईं। बॉलीवुड अभिनेता आशीष विद्यार्थी, अभिनेत्री मंदिरा बेदी और प्रसिद्ध गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला ने डॉक्टरों को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया।

मुख्य अतिथि:

  • श्री नितिन गडकरी (केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री)
  • श्री अश्विनी चौबे (केंद्रीय राज्य मंत्री)
  • श्री लल्लन सिंह (केंद्रीय राज्य मंत्री)
  • श्री मनोज तिवारी (सांसद, दिल्ली)
  • श्री राजेश वर्मा (सांसद, बिहार)
  • श्री अरुण भारती (सांसद)

 इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बर्नेट होम्योपैथी के एम.डी. डॉ. नीतीश दुबे ने की।

डॉ. शैलेन्द्र कौशिक और डॉ. सृष्टि पंवार का योगदान

डॉ. शैलेन्द्र कौशिक और डॉ. सृष्टि पंवार होम्योपैथिक चिकित्सा के क्षेत्र में लंबे समय से उत्कृष्ट योगदान दे रहे हैं। अपने अनुभव और समर्पण से उन्होंने सैकड़ों मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। होम्योपैथी चिकित्सा को आगे बढ़ाने और समाज में इसकी प्रभावशीलता को मजबूत करने के लिए उनके प्रयासों की सराहना की गई।

सम्मान मिलने पर डॉक्टरों की प्रतिक्रिया

🗣 "यह सम्मान न केवल हमारा, बल्कि पूरे होम्योपैथिक चिकित्सा क्षेत्र का सम्मान है। हम अपने मरीजों की सेवा के लिए हमेशा समर्पित रहेंगे और होम्योपैथी को एक प्रभावी चिकित्सा प्रणाली के रूप में स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।"

होम्योपैथी चिकित्सा के प्रति बढ़ती जागरूकता

 आजकल होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को लोग तेजी से अपना रहे हैं। यह न केवल एक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है, बल्कि इसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते। भारत में होम्योपैथी का विस्तार तेजी से हो रहा है और इसे एक प्रभावी वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में मान्यता मिल रही है।


'होम्योपैथी पुरोधा सम्मान 2025' का आयोजन उन चिकित्सकों को पहचान और प्रोत्साहन देने के लिए किया गया था जो होम्योपैथी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। डॉ. शैलेन्द्र कौशिक और डॉ. सृष्टि पंवार को यह सम्मान मिलना पूरे देहरादून के लिए गर्व की बात है। यह न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों की सराहना है, बल्कि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को एक नई ऊंचाई तक ले जाने का संकेत भी है

 #Homeopathy #Award2025 #DehradunDoctors #ShailendraKaushik #SrishtiPanwar #BurnettHomeopathy #NitinGadkari #ManojTiwari #MedicalNews

रविवार, 2 मार्च 2025

माणा हिमस्खलन रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा - 46 श्रमिक बचाए गए, 8 की मौत



उत्तराखंड माणा हिमस्खलन 2025 - बचाव अभियान

चमोली जिले के माणा क्षेत्र में 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों के लिए चलाया गया सर्च और रेस्क्यू अभियान सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। इस आपदा में कुल 54 श्रमिक प्रभावित हुए, जिनमें से 46 को सुरक्षित बचा लिया गया, जबकि दुर्भाग्यवश 8 श्रमिकों की मृत्यु हो गई।

मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू टीमों की सराहना की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, पुलिस, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साहस और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में चलाए गए इस ऑपरेशन में 46 जिंदगियां बचाई गईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी इस पूरे अभियान की जानकारी लेते रहे।

घटनाक्रम का संक्षिप्त विवरण

28 फरवरी 2025 की सुबह 8:30 बजे जोशीमठ तहसील के अंतर्गत माणा गेट स्थित बीआरओ कैंप के पास मजदूर कार्य कर रहे थे, तभी अचानक हिमस्खलन हुआ और वे फंस गए। पहले श्रमिकों की संख्या 55 बताई गई थी, लेकिन जांच में यह संख्या 54 निकली।
  • हिमस्खलन में फंसे कुल श्रमिक – 54
  • सुरक्षित बचाए गए श्रमिक – 46
  • मृतक श्रमिक – 8
  • जोशीमठ में उपचाराधीन श्रमिक – 44
  • एम्स ऋषिकेश में उपचाराधीन श्रमिक – 2

युद्धस्तर पर संचालित रेस्क्यू अभियान

02 मार्च 2025 को बचाव दलों ने वृहद स्तर पर सर्च अभियान चलाया। इस दौरान 4 और शव बरामद किए गए, जिससे मृतकों की संख्या 8 हो गई।
  • सुरक्षित निकाले गए 46 श्रमिकों में से 44 को ज्योतिर्मठ स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी स्थिति सामान्य है और उचित चिकित्सा सुविधा दी जा रही है।
  • 2 श्रमिकों का एम्स ऋषिकेश में इलाज चल रहा है और वे स्वस्थ हो रहे हैं।
  • 7 मृतकों का पोस्टमार्टम कर पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंप दिया गया।

रेस्क्यू अभियान में आधुनिक तकनीकों का उपयोग

बचाव कार्यों में अत्याधुनिक उपकरणों और संसाधनों का प्रयोग किया गया:
  • GPR (Ground Penetrating Radar) को जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से एमआई-17 हेलीकॉप्टर द्वारा घटनास्थल पर भेजा गया।
  • एनडीआरएफ ने थर्मल इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, रोटरी रेस्क्यू सॉ, एवलांच रॉड और डॉग स्क्वाड की सहायता से रेस्क्यू अभियान को तेज किया।
  • एसडीआरएफ और यूएसडीएमए ने भी अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग कर श्रमिकों की खोज में सहयोग दिया।
  • वायु सेना और राज्य सरकार के हेलीकॉप्टरों ने राहत एवं बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की सतत निगरानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पूरे ऑपरेशन पर नजर बनाए रखी। उन्होंने मुख्यमंत्री से लगातार संपर्क कर स्थिति की जानकारी ली और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री का ग्राउंड जीरो दौरा और राहत उपाय

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद ग्राउंड जीरो का दौरा किया और चार बार आपदा कंट्रोल रूम (SEOC) जाकर बचाव कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर तेजी से राहत कार्य किए।
गंभीर रूप से घायल श्रमिकों के इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
हिमस्खलनों की निगरानी के लिए बेहतर तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए गए।

निष्कर्ष

माणा हिमस्खलन राहत एवं बचाव अभियान राज्य सरकार, सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और अन्य एजेंसियों के बेहतरीन समन्वय का उदाहरण है। इस त्रासदी में 8 श्रमिकों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई, लेकिन 46 जिंदगियां बचाने में सफलता मिली। सरकार अब भविष्य में ऐसी आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत करने पर काम कर रही है।

बुधवार, 29 सितंबर 2021

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएनबी आरसेटी ने डोईवाला ब्लाक के ग्राम रेशम माजरी में स्वरोजगार प्रशिक्षण का किया शुभारंभ ।।web news।।

महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए पीएनबी आरसेटी ने ग्राम रेशम माजरी में 10 दिवसीय पेपर बैग मेकिंग प्रशिक्षण का किया शुभारंभ

आज ग्राम रेशम माजरी ब्लॉक डोईवाला में पंजाब नेशनल बैंक आर०सेटी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के उत्थान के लिए 10 दिवसीय पेपर बैग, कैरी बैग का निशुल्क प्रशिक्षण,शिविर का शुभारंभ किया गया । पंजाब नेशनल बैंक के सीनियर ऑफिसर अभिषेक कुमार व्यास ने प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन किया। 
इस तरह के प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का एक प्रयास किया जा रहा है, जिनमे महिलाएं काफी संख्या में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं.प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए पंजाब नेशनल बैंक आर सेटी के द्वारा, महिलाओं को अनेक प्रकार के ट्रेनिंग प्रोग्राम पूरे जिले में चलाए जा रहे हैं।
 
पंजाब नेशनल बैंक से आए सीनियर अधिकारी अभिषेक कुमार व्यास ने, महिलाओं को बहुत ही सरल और आसान तरीके से बैंकिंग के बारे में अपने विचार रखे,जिसको सुनकर महिलाएं काफी उत्साह,भरी नजर आए,साथ ही महिलाओं नेबैंक ऋण और बैंक से संबंधित योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की।
इस दौरान बैंक के पूर्व कर्मचारी,के पी सिंह ने भी महिलाओं को स्वरोजगार से संबंधित जानकारियां प्रदान की। महिलाओं ने प्रशिक्षण लेने के बाद अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का संकल्प लिया।
प्रशिक्षण लेने आई एक महिला ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अपना खुद का रोजगार शुरू करना चाहती है लेकिन उनको कोई रास्ता नहीं दिखाता।बैक से जुड़े अधिकारियों ने इस दौरान महिलाओं को सस्ते ऋण और बैंक की अनेक प्रकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। 

महिलाओ ने पंजाब नेशनल बैंक,आर0सेटि का धन्यवाद ज्ञापित कर ते हुए कहा कि आपलोगों ने हमारी इस परेशानी को समझा और हमारे लिए निशुल्क ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है हम आप सभी लोगों का आभार व्यक्त करते है साथ ही गांव के प्रधान अनिल पाल ने इस निशुल्क प्रशिक्षण में अपना पूरा सहयोग देने का आश्वाशन दिया ।

इस उद्दघाटन कार्यक्रम में पंजाब नेशनल बैंक के सीनियर ऑफिसर अभिषेक कुमार व्यास, पूर्व कर्मचारी के पी सिंह, पंजाब नेशनल बैंक आर०सेटी, के डायरेक्टर हिमांशु घिल्डियाल, फैकल्टी जहांगीर आलम, डोईवाला ब्लॉक से दमयंती थपलियाल, रेशम माजरी के प्रधान अनिल पाल आदि लोग उपस्थित रहे।

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गुरुवार, 23 सितंबर 2021

नशा मुक्ति केंद्रों के बुरे हाल , सरकारी छापे में खुली पोल पढ़े पूरी खबर ।।web news।।

नशा मुक्ति में दिमागी मरीजो देख टीम हुई हैरान

आज जिला समाज कल्याण देहरादून, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून द्वारा शहर के. SG Foundation, नशा मुक्ति केंद्र, ईसी रोड सर्वे चौक,जीवन ज्योति नशा मुक्ति केंद्र, बड़ों वाला देहरादून, जीवन दा नशा मुक्ति केंद्र, बड़ों वाला देहरादून, लास्ट रिहैब गणेशपुर वाला नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण किया।

 
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि एसजी फाउंडेशन सर्वे चौक स्थित नशा मुक्ति केंद्र में, युवक और युवतियों को एक ही जगह रखा गया है, और लड़कियों की देखरेख के लिए न ही कोई लेडीस डॉक्टर है न ही कोई देखरेख करने वाली महिला मौजूद है। युवतियों ने बताया कि उनको कोई लेडी, डॉक्टर नशा मुक्ति केंद्र में चेकअप करने के लिए भी नहीं आती है । नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती एक महिला ने बताया कि वह नशे मैं लिप्त नही हूँ। वो महिला दिमागी पेशेंट है उसको नशे में लिप्त महिलाओं के साथ रखा गया है।इस नशा मुक्ति केंद्र में कुछ महिलाओं ने बताया कि उनको जबरदस्ती उनके परिवार वाले नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करके गए हैं, जिनमें एक 82 वर्षीय महिला ने बताया कि वह कोई नशा नहीं करती थी और काफी समय से नशा मुक्ति केंद्र में, जबरदस्ती भर्ती कराया गया है।
ईसी रोड स्तिथ नशा मुक्ति केंद्र में न कोई लेडी डॉक्टर विजिट पर आती है ना ही वहां पर तैनात दो लड़कियों को महिला पेशेंट से मिलने दिया जाता है। जो महिला पेशेंट की देखरेख के लिए स्टाफ रखा गया तुम वेस्ट ऑफ बी एक महिला दसवीं पासवेस्ट ऑफ बी एक महिला दसवीं पास है दूसरी महिला 12वीं पास से जिनको बीपी तक चेक करना नहीं आता। महिलाओं को अलग रखने के लिए कोई अलग से बिल्डिंग नहीं बनाई गई है।
जीवन ज्योति नशा मुक्ति केंद्र में जब विजिट करने गए वहां का स्टाफ शराब का सेवन करते हुए पाए गए, पूछताछ के दौरान बात करते हुए दोनों स्टाफ नशे में लिप्त थे, जिस नशा मुक्ति केंद्र में कैमरे लगे थे लेकिन लाइट ना होने की वजह से सारे कैमरे बंद पड़े थे,जीवन ज्योति नशा मुक्ति केंद्र में भी जयादातर खामियां ही मिली, इस नशा मुक्ति केंद्र में ना ही कैमरे ना ही स्टाफ का वेरिफिकेशन और कोई मेडिकल डॉक्टर विजिट पर भी समय पर नहीं आता।
लास्ट रिहैब नशा मुक्ति केंद्र में भी 2 कमरों में 52 पेशेंट को रखा गया था, जिनकी हालत बहुत ही बुरी पाई गई, इस नशा मुक्ति केंद्र में भी ना ही कैमरे की व्यवस्था थी और ना ही प्रॉपर रजिस्टर मेंटेन किए गए थे।
किसी भी नशा मुक्ति केंद्र में जो स्टाफ रखा गया है उनका पुलिस वेरिफिकेशन नहीं पाया गया, और ना ही गार्ड की व्यवस्था की गई थी,सभी नशा मुक्ति केंद्रों को 2 दिन का समय दिया गया है जो खामियां हैं उनको सही करें अन्यथा सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षण करने वाली टीम में समाज कल्याण विभाग से सहायक समाज कल्याण अधिकारी संदीप सिंह नेगी,
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से जहांगीर आलम, मानसी मिश्रा उपस्थित रहे ।

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रविवार, 19 सितंबर 2021

आयुर्वेद चिकित्सकों ने प्रान्तीय एवं जिला कार्यकारिणी की बैठक कर बनायी रणनीति, जाने खबर ।।web news।।

देहरादून में आयुर्वेद चिकित्सकों ने डीएसीपी एवं अन्य मांगों को लक्ष्य कर बनायी नयी रणनीति

देहरादून: आज आयुर्वेद चिकित्सकों के प्रान्तीय एवं जिला कार्यकारिणी की देहरादून में मीटिंग हुयी।


मीटिंग के बारे में जानकारी देते हुएराजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखंड (पंजीकृत) के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ० डी० सी० पसबोला ने बताया कि मीटिंग डॉ. एम. पी. सिंह, (निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाऐं, उत्तराखंड) की गरिमामयी उपस्थिति एवं डॉ. के. एस. नपलच्याल(प्रान्तीय अध्यक्ष) की अध्यक्षता में संपन्न हुयी। मीटिंग का संचालन डॉ. हरदेव रावत(प्रान्तीय महासचिव) द्वारा किया गया ।
डॉ० पसबोला ने आगे बताया कि मीटिंग में आयुर्वेद चिकित्सकों की डीएसीपी, निदेशक नियमावली सहित अन्य प्रमुख मांगों पर गंभीरता पूर्वक चर्चा एवं विचार विमर्श किया गया और डीएसीपी के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। साथ ही सरकार से डीएसीपी लागू करवाने के लिए एकजुट होकर सम्मिलित प्रयास करने पर जोर दिया गया। सभी आयुर्वेद चिकित्सकों को करो या मरो की रणनीति पर चलने का संदेश दिया गया।


मीटिंग में संयुक्त निदेशक डॉ. जंगपांगी, डॉ. आर. पी. सिंह के अतिरिक्त डॉ. डी. डी. बधानी(सहा. औषधि नियंत्रक), डॉ.रमेश नौटियाल, डॉ. सुशील चौकियाल, डॉ. मीरा रावत, डॉ. अजय चमोला, डॉ. वंदना डंगवाल, डॉ. गजेन्द्र बसेरा, डॉ. दीपांकर बिष्ट, डॉ. राजेन्द्र तोमर, डॉ. शैलेष जोशी, डॉ. हरिद्वार शुक्ला, डॉ. आलोक शुक्ला, डॉ. दिनेश जोशी, डॉ. एच एस धामी, डॉ. राकेश खाती, डॉ. दिनेश शर्मा, डॉ. अजय तिवारी, डॉ. दुष्यन्त पाल, डॉ. जितेंद्र पपनोई, डॉ. विकास दुबे, डॉ. राकेश सेमवाल, डॉ. मनमोहन राणा, डॉ. बिरेंद्र चंद, डॉ. गुरूदयाल नेगी, डॉ. ‌टी. एस. रावत, डॉ. मो. नावेद आजम, डॉ. अवनीश उपाध्याय, डॉ. प्रदीप मेहरा, डॉ. गिरेन्द्र चौहान, डॉ. विजय सक्सेना आदि उपस्थित रहे।

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शनिवार, 18 सितंबर 2021

उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की नगर इकाई का गठन किया गया ।।web news।।

श्रमजीवी पत्रकार यूनियन चमोली की नगर इकाई ( गैरसैंड ) का गठन किया गया

आज प्रदेश महामंत्री विश्वजीत नेगी के आदेशानुसार ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की नगर इकाई गठित की गई जिसमें चुनाव अधिकारी के रूप में देहरादून के जिलाध्यक्ष चन्द्रवीर गायत्री उपस्थित रहे । सर्वसम्मति से कार्यकारिणी का गठन किया गया जो प्रदेश महामंत्री के अनुमोदन हेतु प्रेषित की जा रही है।


जिला देहरादून अध्यक्ष चंद्रवीर गायत्री ने कहा श्रमजीवी पत्रकार यूनियन से जुड़े से जुड़े पत्रकार अपने दायित्वों का शानदार तरीके से निर्वहन कर रहे हैं, उन्होंने सबको बधाई व् शुभकामनायें देते हुए कहा कि पत्रकारिता देश का चौथा स्तंभ है एक पत्रकार समाज को सही दिशा दिखाता है, लोगों की जन भावना अपनी कलम एवं समाचार के द्वारा समाज के सामने लाने में भी पत्रकार अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।

चमोली की नगर इकाई ( गैरसैंड )कार्यकारिणी इस प्रकार है

अवतार सिंह रावत ( अध्यक्ष ), कुंवर सिंह नेगी व नरेंद्र प्रसाद (उपाध्यक्ष), मयंक गौड़ महामंत्री, कैलाश बेलवाल कोषाध्यक्ष, बलवंत सिंह राणा (सचिव), मोहन राम टम्टासचिव संस्कृति एवं कार्यालय प्रभारी, भवान सिंह व कुंदन सिंह कार्यकारिणी सदस्य मनोनीत किए गए ।

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बुधवार, 15 सितंबर 2021

Good news : नशा मुक्ति केंद्र "निजात" में सभी ठीक है इंतजाम ।।web news।।



आज जिला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से समीना सिद्दीकी, मानसी मिश्रा, जहांगीर आलम ने कैंट एरिया स्थित निजात नशा मुक्ति केंद्र का निरीक्षण किया ।

 
निजात नशा मुक्ति केंद्र देहरादून में 2002 से संचालित किया जा रहा है जो अपनी सेवायें निरंतर जारी रखे हुए है । इस नशा मुक्ति केंद्र से अभी तक काफी संख्या में मरीज सही होकर अपनी जिंदगी जी रहे है ।

समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे ने मरीजों से बातचीत की जिसमें पता चला कि केंद्र में आने वाले डॉक्टरों का व्यवहार संयोजनक पाया गया,मरीजों को पहले उनकी काउंसलिंग करके दिमागी तौर पर तैयार किया जाता है कि उनको, नशा छोड़ना है उसके बादही उनका उपचार किया जाता है , उपचार के दौरान भी कोई प्रेशर नही डाला जाता , मरीजों को मानसिक तौर पर मजबूत करने पर जोर दिया जाता है । साथ ही नशा मुक्ति केंद्र में एक विशेष प्रकार का प्रोग्राम चलाया जा रहा है जिसके माध्यम से नशा मुक्ति केंद्र में एडमिट मरीजों का उपचार एवं पुनर्वास किया जा रहा है ।


सोमवार, 13 सितंबर 2021

सरस्वती विहार स्थित नशा मुक्ति केंद्र का किया गया औचक निरीक्षण, जाने खबर ।।web news।।


समाज कल्याण अधिकारी का नशा मुक्ति केन्द्रों में औचक निरीक्षण जारी ,सिक्योरिटी गार्ड नहीं मिला तो 24 घंटे सिक्योरिटी गार्ड रहने का दिया निर्देश

आज समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से जहांगीर आलम ने सरस्वती विहार स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में औचक निरीक्षण किया । निरीक्षण के दौरान पाया गया कि वहां पर सभी स्टाफ का हाल ही में पुलिस वेरिफिकेशन कराया गया है, जो डॉक्टर विजिट पर आते हैं उनका रिकॉर्ड मेंटेन किया गया है । खाने की व्यवस्था से लेकर रूम आदि की सफाई सभी सही ठीक पायी गयी ।
 
नशा मुक्ति केंद्र के संचालक ने बताया कि यह नशा मुक्ति केंद्र 2018 से चल रहा है अभी तक काफी लोग सही होकर अपने घर जा चुके हैं। समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे ने नशा मुक्ति केंद्र संचालक को आदेश दिया कि सभी कागजी कार्रवाई को जो नशा मुक्ति केंद्र में होती है उसे अपने कंप्यूटर पर वर्ल्ड और एक्सेल फाइल बनाकर सेव कर मेंटेन करे साथ ही जो डॉक्टर नशा मुक्ति केंद्र में विजिट पर आते हैं उनकी डिग्री और पेशेंट को दी जाने वाली दवाइयों के बारे में जानकारी भी ली जो सही पाई गई ।

समाज कल्याण अधिकारी हेमंत पांडे और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से जहांगीर आलम ने नशा मुक्ति केंद्र में एडमिट पेशेंटों से बातचीत कीऔर उनका हालचाल जाना,सभी पेशेंट नेबताया कि उनको सही समय पर भोजन और डॉक्टर के माध्यम से दवाइयां दी जाती है।इस नशा मुक्ति केंद्र में 52 पेशेंट एडमिट मिले । नशा मुक्ति केंद्र के सीसीटीवी कैमरा सही संचालित मिले ।नशा मुक्ति केंद्र में सिक्योरिटी गार्ड नहीं मिला,जिसको लेकर समाज कल्याण अधिकारी द्वारा आदेश दिया गया की, नशा मुक्ति केंद्र में 24 घंटे सिक्योरिटी गार्ड की व्यवस्था की जाए।

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