
समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे ने मरीजों से बातचीत की जिसमें पता चला कि केंद्र में आने वाले डॉक्टरों का व्यवहार संयोजनक पाया गया,मरीजों को पहले उनकी काउंसलिंग करके दिमागी तौर पर तैयार किया जाता है कि उनको, नशा छोड़ना है उसके बादही उनका उपचार किया जाता है , उपचार के दौरान भी कोई प्रेशर नही डाला जाता , मरीजों को मानसिक तौर पर मजबूत करने पर जोर दिया जाता है । साथ ही नशा मुक्ति केंद्र में एक विशेष प्रकार का प्रोग्राम चलाया जा रहा है जिसके माध्यम से नशा मुक्ति केंद्र में एडमिट मरीजों का उपचार एवं पुनर्वास किया जा रहा है ।
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