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सोमवार, 25 मई 2020

पॉजिटिव वेब : डाक विभाग पहुचायेगा आम और लीची जाने क्या है पूरी खबर

Post-office

डाक विभाग का बिहार पोस्टल सर्किल लोगों के दरवाजों तक ‘शाही लीची’ और ‘जर्दालु आम’ पहुंचाएगा

भारत सरकार के डाक विभाग और बिहार सरकार के बागवानी विभाग ने लोगों के दरवाजों तक ‘शाही लीची’ और ‘जर्दालु आम’ की आपूर्ति करने के लिए हाथ मिलाया है। बिहार पोस्टल सर्किल ने बिहार सरकार के बागवानी विभाग के साथ मुजफ्फरपुर से शाही लीची और भागलपुर से जर्दालु आम की लॉजिस्टिक्स करने तथा इसकी लोगों के दरवाजों तक प्रदायगी करने के लिए एक करार किया है।

कोरोना वायरस को सीमित करने के लिए लॉकडाउन के कारण लीची और आम के उत्पादकों को फलों को बेचने के लिए बाजार तक ले जाने/परिवहन की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के बीच इसकी आपूर्ति एक बड़ी चुनौती बन गई है इसलिए आम लोगों की मांग को पूरी करने और किसानों को उनका फल बेचने के लिए बिना किसी बिचौलिये के सीधे उनका बाजार उपलब्ध कराने के लिए बिहार सरकार के बागवानी विभाग एवं भारत सरकार के डाक विभाग ने इस पहल के लिए हाथ मिलाया है।

मुजफ्फरपुर (बिहार) की ‘शाही लीची’ और भागलपुर (बिहार) का ‘ जर्दालु आम’ अपने अनूठे स्वाद और और हर जगह मांग के कारण दुनिया भर में विख्यात है।

ऑनलाइन आर्डर के लिये इस वेबसाइट पर जाएं -

horticulture.bihar.gov.in

आरंभ में यह सुविधा ‘शाही लीची’ के लिए मुजफ्फरपुर और पटना के लोगों को तथा ‘ जर्दालु आम’ के लिए पटना और भागलपुर के लोगों के लिए उपलब्ध होगी। लीची की बुकिंग न्यूनतम 2 किग्रा तथा आम की बुकिंग न्यूनतम पांच किग्रा तक के लिए होगी।

ऑनलाइन बुकिंग तथा दरवाजों तक प्रदायगी की सुविधा उत्पादकों/किसानों को सीधे तौर पर इस नए बाजार में अच्छा लाभ अर्जित करने में मदद करेगी। ग्राहकों को भी कम कीमत पर अपने दरवाजों तक इन ब्रांडेड फलों को प्राप्त करने का लाभ मिलेगा।

अभी तक वेबसाइट पर 4400 किग्रा लीची के लिए आर्डर दिए जा चुके हैं। सीजन के दौरान यह 100000 किग्रा तक जा सकता है। आमों के लिए आर्डर मई के अंतिम सप्ताह से आरंभ होंगे।

रविवार, 24 मई 2020

श्रद्धांजलि : अलविदा कह गए जयपाल भावुक हुआ पूरा कला जगत परिवार ।।

Jaipal-negi

उत्तराखंड के जाने माने कलाकार जयपाल नेगी का अस्मिक निधन, कला जगत ने दी श्रधंजलि।

उत्तराखण्ड के जाने माने कलाकार जयपाल नेगी का आज सुबह निधन हो गया है । वे कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे । जयपाल नेगी पिछले कई सालों से उत्तराखण्ड फिल्म एवं नाट्य संस्थान से लगातार जुड़े हुए थे । दो महीने पहले ही उत्तराखंड एक उन्दा कलाकारा पुष्पा छोरी फेम रीना रावत का भी बीते 12 मार्च को निधन हो गया था ।लोक गायक गजेंद्र राणा के सुपरहिट गढ़वाली वीडियो गीत “पुष्पा छोरी पौड़ी खाल की, लगदी छै तु बड़ी कमाल की” में सुप्रसिद्ध अभिनेत्री रीना रावत के साथ जिस कलाकार ने अभिनय किया वे जयपाल नेगी ही थे. उत्तराखंड फिल्म एवं संगीत जगत से इस तरह छोटी उम्र में एक के बाद एक युवा कलाकारों का जाना बहुत बड़ी क्षति है ।

कला जगत के लोग गायक, कलाकार,पत्रकार संस्कृति प्रेमी सब हुए भावुक ।

उत्तराखंड के प्रसिद्ध अभिनेता जयपाल नेगी हमारे बीच नही रहे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे । ओम शांति शांति शांति....नरेंद्र सिंह नेगी , लोक गायक

आज मन बहुत दुःखी है, व्यथित है, आखिर जो इंसान अच्छा होता है वो अचानक ऐसे बीच में ही क्यों चले जाता है। अचानक फेसबुक पर खबर पढ़ी तो आंखों के आगे अचानक अंधेरा छा गया। आखिर ये हो क्या रहा है। एक के बाद एक अच्छा कलाकार इस अशुभ वर्ष में हमारे बीच से अचानक चले गये। कुल मिलाकर हे ईश्वर ये सरासर अन्याय है। दोस्त बहुत सारी एलबमों में साथ साथ अभिनय किया बहुत सारी हंसी मजाक होती थी। आप जैसे दोस्त का दुबारा मिलना मुश्किल है आप ऐसे चले जाओगे मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। ईश्वर आपको अपने श्री चरणों में स्थान दे। Miss You Dost - कान्ता प्रसाद , अभिनेता/निर्देशक

उत्तराखंड की संस्कृति को एक और झटका नवजवान महान अदाकार एक बढ़िया अभिनेता भाई जयपाल नेगी का निधन आज सुबे उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री में महांसोक विश्वास नही हो रहा भगवान भाई उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और इस दुख भरी घड़ी में उनके परिवार को दुख सहन करने की ताकत दे हमारी संवेदनाएं परिवार के साथ हें ऊं शांति ऊं शांति- चन्द्रवीर गायत्री, वरिष्ठ पत्रकार

बहुत ही दुखद!
उतराखंड के पसंदीदा अभिनेता स्व जयपाल जी अब हमारे बीच नहीं रहे. उनकी यादें हमेशा हमारे दिल मे होंगी। बहुत ही सभ्य मिलनसार व्यक्तिव हमने खो दिया है। मन बहुत दुखित एवम्ं स्तब्ध है । आज हमारे हिलमेळ live कार्यक्रम को भी इस दुखद घडी मे दूसरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। दिवंगत आत्मा की शांति हेतु भगवान से प्रार्थना करती हूँ। ओम् शांति शांति- प्रमिला चमोली, लोक गायिका

दुखद
उत्तराखंड कलाजगत के एक विरष्ठ कलाकार जयपाल नेगी भाई हमारे बीच नही रहे भगवान उनकी पुण्य आत्मा को शांति प्रदान करे उनके परिजनों को यह असहनीय दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे ओउम शांत- अमित सागर, गायक

पॉजिटिव वेब : कोविड -19 से लड़ने में चाय बड़े काम की पढ़े पूरी खबर ।।web news ।।

Tea-field


कोविड-19 से लड़ने में एचआईवी दवाओं से अधिक कारगर कांगड़ा चाय

कोविड-19 से लड़ने के लिए संशोधित प्रोटोकॉल में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा प्रतिरोधक क्षमता में सुधार और उपचार के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के स्थान पर एचआईवी-रोधी दवा के उपयोग की संभावना व्यक्त की जा रही है। दूसरी ओर, अब कहा जा रहा है कि एचआईवी-रोधी दवाओं की तुलना में चाय रसायन भी प्रतिरक्षा बढ़ाने और कोरोना वायरस गतिविधि को अवरुद्ध करने में अधिक प्रभावी हो सकते हैं। हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में स्थित हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) के निदेशक डॉ संजय कुमार ने इस तथ्य का खुलासा किया है। कांगड़ा चाय के बारे में बोलते हुए यह बात उन्होंने अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के मौके पर आईएचबीटी में आयोजित एक वेबिनार के दौरान कही है।

  “चाय में ऐसे रसायन होते हैं जो कोरोनावायरस की रोकथाम में एचआईवी-रोधी दवाओं की तुलना मेंअधिक प्रभावी हो सकते हैं। हमारे वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर-आधारित मॉडल का उपयोग करते हुए जैविक रूप से सक्रिय 65 रसायनों या पॉलीफेनोल्स का परीक्षण किया है, जो विशिष्ट वायरल प्रोटीन को एचआईवी-रोधी दवाओं की तुलना में अधिक कुशलता से बाँध सकते हैं। ये रसायन उन वायरल प्रोटीन्स की गतिविधि को अवरुद्ध कर सकते हैं, जो मानव कोशिकाओं में वायरस को पनपने में मदद करता है।”-डॉ संजय कुमार

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद से संबद्ध आईएचबीटी अपने प्रौद्योगिकी साझेदारों के साथ मिलकर चाय आधारित प्राकृतिक सुगंधित तेलों से युक्त अल्कोहल हैंड सैनिटाइजर का भी उत्पादन व आपूर्ति कर रहा है। आईएचबीटी में चाय के अर्क के उपयोग से हर्बल साबुन भी बनाया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह साबुन प्रभावी रूप से फफूंद-रोधी, जीवाणु-रोधी व वायरस-रोधी गुणों से लैस है। हिमाचल की दो कंपनियों द्वारा इस साबुन का उत्पादन व विपणन किया जा रहा है।

इस अवसर पर टी-विनेगर (चाय के सिरके) की तकनीक धर्मशाला की कंपनी मैसर्स काश आई विशको हस्तांतरित की गई है। चाय के सिरके में मोटापा-रोधी गुण होते हैं। इसके अतिरिक्त आयुष द्वारा सिफारिश की गई जड़ी-बूटियों से युक्त हर्बल ग्रीन और ब्लैक टी उत्पादों को भी लॉन्च किया गया है। इन उत्पादों को सीएम स्टार्ट-अप योजना के तहत मंडी के उद्यमी परितोष भारद्वाज द्वारा विकसित किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु ये उत्पाद बहुत उपयोगी हो सकते हैं।

यह भी पढ़ें - इम्युनिटी बढ़ाये कोरोना भगाये - डॉ शैलेन्द्र कौशिक व डॉ प्रिया पांडेय कौशिक

शनिवार, 23 मई 2020

Corona warrior : नेहा कुशवाहा और दून यूनिवर्सिटी आज के कोरोना वॉरियर - जिलाधिकारी, देहरादून ।। web news ।।


लाॅक डाउन अवधि में किये गये उत्कृष्ट कार्यों के दृष्टिगत आज के कोरोना वाॅरियर ।

आज के दो कोरोना वारियर नामों की घोषणा की गयी । जिसमे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं सिविल जज ( सीनियर डिवीजन) नेहा कुशवाह एवं दून यूनिवर्सिटी, जिनके द्वारा “कोविड-19” के दौरान किए गये उत्कृष्ट कार्यों के
लिए दिया गया ।


कोरोना वाॅरियर (शासकीय विभाग से)

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून
श्रीमती नेहा कुशवाहा,
सिविल जज (सी.डी)/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून

लाॅक डाउन अवधि में जनपद देहरादून में रह रहे विभिन्न जनपदो तथा अन्य राज्यों के छात्र/छात्राएं, व्यक्ति, परिवार जो विभिन्न छात्रावासों एवं किराये के मकान में निवासरत हैं, को उत्पीड़न, दुव्र्यवहार, प्रताड़ना, घरेलू हिंसा के दृष्टिगत विधिक जागरूकता एवं विधिक सहायता निःशुल्क एवं आनलाईन विधिक सहायता उपलब्ध करवाते हुए जिला प्रशासन को सहयोग कर रहे हैं।



कोरोना वाॅरियर (सिविल सोCसायटी से)

दून यूनिवर्सिटी देहरादून,

लाॅक डाउन अवधि में आम जनमानस हेतु भोजन पैकेट उपलब्ध करवाते हुए जिला प्रशासन को सहयोग कर रहे हैं।



Kavita : कोरोना वाइरस - कनिका गोदियाल ।। web news।।


Corona-virus

कोरोना वायरस ✍️

दुनिया पर संकट छाया,
वैज्ञानिकों ने भी शीश झुकाया
को‌रोना नाम का एक वायरस,
विनाश काल आपत्ती लाया

सब ने सीखा नमस्ते करना
चीन से आया ये वायरस से डरना
पुलिस डॉक्टर सब लगे हैं,
लोगों की जिंदगी बचाने में

खुद की जान लुटा बैठे अनजाने में,
अपने परिवार को भूलकर
दूसरों का परिवार बचा रहे हैं
घर में बैठने को कहा है,
हम उसको भी ठुकरा रहे हैं ।

पूरी दुनिया से लड़ रही है
तभी तो सबकी सांसे चल रही है
सबकी आंखों मे उम्मीद है,
इस से जीतने की ज़िद है।

स्कूल में सब यार बैठकर,
गपशप लगाते थे।
कभी कबार तो लड़ाई भी करवाते थे
करोना ने तो हमारी लड़ाई भी बंद करवा दी,

हजार लोगों की शादी भी तुड वादी
हम घर में बैठे भी हजार
वायरस खत्म करवा सकते हैं
जैसे इस दुनिया से,
प्रदूषण भगा सकते हैं।

कोरोना वायरस ने,
हमें अच्छा सबक सिखाया है,
हमें जिंदगी बदलने का
अच्छा मौका दिलाया है

दुनिया पर संकट छाया,
वैज्ञानिकों ने भी शीश झुकाया ।

                       ✍️✍️ कनिका गोदियाल
                                  कक्षा 8

Uttrakhand Health Bulletin : 20 और कोरोना पीड़ित अब हुए 173 कोरोना संक्रमित जाने अभी अभी का हेल्थ बुलिटीन ।। web news ।।

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Uttrakhand Health Bulletin : सरकारी स्वास्थ्य समाचारों में कोरोना से नही मिल रही है राहत

एक और देश और दुनिया में कोरोना संकमण तेजी से फैल रहा है, हजारों मरीज कोरोना के संक्रमण से प्रतिदिन संक्रमित हो रहे है वहीं उत्तराखण्ड में आज 11.30 बजे सरकारी हेल्थ बुलेटिन जारी किया गया जिसके अनुसार 173कोरोना संक्रमित मरीज में 116 पॉजिटीव केस है जो उत्तराखण्ड सरकार और आज जनता के लिए राहत की खबर नही है।
अभी अभी के बुलिटिन में हरिद्वार से 1 , अल्मोड़ा से 3, चंपावत से 7 ,देहरादून से 2, पिथौरागढ़ से 2, नैनीताल से 2, उत्तरकाशी से 3 और कोरोना पॉजिटिव केस की सूचना मिली है जो अब कुल 173 कोरोना संक्रमितों की संख्या हो गयी है जिसमे से 56 लोग ठीक हो गए है।

आगे आ सकते है मुश्किल भरे दिन

लॉक डाउन 3.0 के बाद राहत दिए जाने के बाद बाजारों में लग रही लंबी कतारें जरूर परेशनी का कारण बन सकती है लेकिन आज 11.30 बजे जारी सरकारी स्वस्थ समाचार सकून देने वाला नही है ओर हमे और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है ।

यह भी पढ़ें - महत्वपूर्ण ट्रेन अपडेट, प्रवासियों से जुड़ी खबर, रोजगार और पर्यटन की बात के साथ अन्य प्रमुख समाचार

पॉजिटिव वेब : आज ट्रेन,प्रवासी,who,पर्यटन पढे और भी है क्या है खास ।। web news ।।

Train-update, morning-news, positive-web

सुबह की सकारात्म खबरों का विशेष बुलिटिन

■ केरल से चलेगी ट्रेन

23 मई रात 09.00 बजे त्रिवेन्द्रम, केरल से प्रवासियों को लेकर एक ट्रेन हरिद्वार को प्रस्थान करेगी। कृपया धैर्य बनाकर रखें शीर्घ ही अन्य स्थानों से भी ट्रेनें उत्तराखण्ड के लिए प्रस्थान करेंगी।

■ देहरादून टू छत्तीसगढ़ प्रवासियों की घरवापसी

छत्तीसगढ़ के प्रवासियों को ट्रेन से देहरादून से रायपुर, छत्तीसगढ़ भेजा गया। सभी को स्क्रीनिंग जांच और सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग बनवाते हुए ट्रेन में बैठाया गया। इस दौरान प्रवासियों के चेहरों पर घर जाने की खुशी साफ दिख रही थी।

■ महत्वपूर्ण ट्रैन अपडेट

• गुजरात, तेलंगाना, पुने, सूरत, दिल्ली, चेन्नई, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से फंसे हुए व्यक्तियों को रेल से लाने हेतु प्रक्रिया गतिमान ।
• पालघर से लालकुआं स्पेशल रेल दिनांक 23.05.2020 को अपराहन 12:30 बजे आगमन करेगी।
• देहरादून से झारखण्ड स्पेशल रेल दिनांक 22.05.2020 को सायं 03:00 बजे लगभग 1300 यात्रियों को लेकर रवाना हुई।
• जयपुर से काठगोदाम तथा दिल्ली से हरिद्वार एवं काठगोदाम स्पेशल रेल आगामी 2-3 दिनों में प्रस्तावित ।
• उत्तराखण्ड आने वाले समस्त प्रवासी व्यक्तियों को जो अपने स्वयं के वाहन से उत्तराखण्ड आना चाहते हैं, को तेजी से E-Pass जारी किये जा रहे हैं।

■ उत्तराखंड सरकार व्यवसायिक एवं पर्यटन गतिविधियों के लिये देगी 75 करोड़ की सहायता

उत्तराखंड सरकार ने लॉकडाउन के कारण प्रभावित व्यवसायिक एवं पर्यटन गतिविधियों से जुड़े कार्मिकों और व्यवसायियों को आर्थिक संकट से उबारने की पहल की है। इस दिशा में पर्यटन सेक्टर को 75 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देने का अहम निर्णय लिया गया है।

■ भारत का बढ़ता वैश्विक गौरव

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री माननीय डॉ. हर्षवर्धन (Dr Harsh Vardhan) जी ने आज विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 34 सदस्यीय एग्जीक्यूटिव बोर्ड के चेयरमैन का पदभार संभाला
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री Dr. Harsh Vardhan जी को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण करने पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं- त्रिवेंद्र सिंह रावत , मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड

■ उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थाम प्रबन्धन बोर्ड की बैठक

मन्दिरों के आॅनलाईन दर्शन की व्यवस्था पर विचार किया गया, मन्दिर परिसर के आॅनलाईन दर्शन एवं आॅडियो के माध्यम से पूजा-अर्चना करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही इसमें धार्मिक मान्यताओं का भी पूरा ध्यान रखा जाय। उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थाम प्रबन्धन बोर्ड में सबके हक-हकूकों का ध्यान रखा जायेगा। उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड का अलग लोगो बनाया जायेगा। मन्दिरों की सम्पति, निधि, बहुमूल्य वस्तुओं को बोर्ड के प्रबंधन में अन्तरित करने हेतु मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अधिकृत किया गया है, उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड का अलग बैंक एकाउण्ट होगा। इसके लिए बैठक में राज्य सरकार द्वारा 10 करोड़ रूपये की धनराशि की स्वीकृति दी गई है। बद्री-केदार मंदिर समिति की अवशेष धनराशि भी उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में ट्रांसफर की जायेगी। बद्री-केदार मंदिर समिति के कार्मिकों का समायोजन उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में की जायेगी।

उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री सतपाल महाराज ने मानव उत्थान सेवा समिति के माध्यम से भी बोर्ड को 05 लाख एक रूपये की धनराशि देने की घोषणा की।

शुक्रवार, 22 मई 2020

कोरोना वरियर्स : कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में बुजुर्गों का मिल रहा है आशीर्वाद , जाने कौन है बुजुर्ग कोरोना योद्धा ।


Manohar-singh-rawat


85 वर्षीय बुजुर्ग ने अपने 85 वें जन्मदिन पर ₹85 हजार का चेक "मुख्यमंत्री राहत कोष" में दिया

कोरोना काल मे सकारात्मक , ऊर्जावान खबरे कोरोना से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है, क्योंकि वैक्सीन , दवा के अभाव में सतर्कता, स्वच्छता, सोशल डिस्टेनसिंग के साथ साथ सकारात्मक सूचना, समाचार विचार हमे ऊर्जा देते है । ऐसी ही खबर है, प्रगति विहार रायपुर, देहरादून निवासी 85 वर्षीय पूर्व प्रधानाचार्य,वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता श्री मनोहर सिंह रावत जी ने आज अपने 85 वें जन्मदिन पर ₹85 हजार का चेक "मुख्यमंत्री राहत कोष" हेतु सौंपा।

कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपने बुजुर्गों का आशीर्वाद हमें दोगुने मनोबल से काम करने को प्रेरित करता है। हम प्रदेशवासियों के सहयोग से इस लड़ाई को जीतने में जरूर कामयाब होंगे। आपके इस दानशीलता की सद्भावना के लिए मैं अपने ह्रदय की गहराइयों से आपका आभार प्रकट करते हुए आपको शत-शत नमन करता हूँ- त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड

"उत्तराखण्ड के कोरोना वारियर्स" सीरीज के अन्य रिपोर्ट-







Biodiversity Day Special : जैव विविधता का असंतुलन है केदारनाथ जैसी त्रासदी - संदीप ढौंडियाल ।। web news uttrakhand ।।


Kedarnath

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर विशेष

जैव विविधता अर्थात जीवों के अनेक प्रकार या कह सकते हैं जीवन के अनेक रूप। प्रकृति में मौजूद वनस्पति से लेकर सभी जीव जंतुओं की संतुलित मौजूदगी पर चिंता ने ही जैव विविधता दिवस की परिकल्पना की। निरंतर होते जा रहे प्रकृति के दोहन ने आज पूरे विश्व को इस ओर ध्यान आकर्षित कर सोचने पर मजबूर किया है। इन्हीं तमाम चिंताओं को लेकर विश्व समुदाय ने 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। प्रत्येक वर्ष एक नए विषय पर पूरे विश्व भर में चिंतन और मनन होता है। साथ ही उस पर तमाम देश अच्छे सुझाव को लेकर जैव विविधता के संरक्षण के कार्य को अंगीकार करते हैं।

सही मायने में प्रकृति जैसे - हवा, पानी, पेड़, वनस्पति सहित वन्य जीव जंतु का मानव से सीधा जुड़ाव ही जैव विविधता है। प्रकृति या पर्यावरण का असंतुलित हो जाना ही कारण बनता है प्राकृतिक उथल - पुथल का। जिसके फिर भयंकर परिणाम सामने आते हैं। जैसे बाढ़, चक्रवात, तूफान और भूकंप जैसी अप्रिय घटनाओं का होना। इन सब को देखते हुए मानव सभ्यता को बचाने के लिए जरूरी हो जाता है कि हम प्रकृति को उसके मूल स्वरूप में ही रहने दें। प्रकृति के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ करने का अर्थ है प्रकृति का रुष्ट और क्रोधित हो जाना। दुष्परिणाम स्वरूप 2013 की केदारनाथ जैसी भयंकर त्रासदी का घटित होना। पूर्व में ऐसी घटनाएं ही कारण भी रही है कि जैव विविधता के संरक्षण के लिए विश्व भर में आवाज उठने लगी। 29 दिसंबर 1992 को नैरोबी में जैव विविधता के एक कार्यक्रम में जैव विविधता दिवस को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया गया। लेकिन तमाम देशों  की ओर से कठिनाइयां व्यक्त करने के बाद 29 मई की जगह 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया। जिसमें प्रकृति के साथ ही संस्कृति के संरक्षण पर भी बल दिया गया। जैसे भाषा - संगीत, कला - शिल्प के साथ ही पारंपरिक वस्त्र और भोजन आदि को जोड़कर  इनके संरक्षण पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।

अगर भारत की बात करें तो पूरे देश की लगभग 28 प्रतिशत जैव विविधता हिमालयी क्षेत्र में है। जिनमें से एक बड़ा हिस्सा उत्तराखंड में मौजूद है। राज्य में 6 राष्ट्रीय उद्यानों सहित 7 वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, 4 कंजर्वेशन और एक बायोस्फीयर रिजर्व मौजूद है। वर्तमान समय में सरकारों की ओर से अपने स्तर पर जैव विविधता संरक्षण को लेकर कई कार्य किए जा रहे हैं। जैसे लगातार लुप्त होते जा रहे भारतीय चीता और शेरों की ओर ध्यान गया तो उनके संवर्धन और संरक्षण के लिए लगातार कार्य किया जाने लगा। ऐसे ही प्रयासों के लिए उत्तराखंड राज्य में भी उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड का गठन किया गया है। मौजूदा समय में जैव विविधता संरक्षण के लिए तमाम ग्रामीण क्षेत्रों में वृहद रूप में कार्य किए जाने की आवश्यकता है। ग्रामीण अंचल में बसी हुई प्रकृति और संस्कृति को संजोए रखना आज किसी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में हमें चाहिए कि जैव विविधता संरक्षण के लिए दूरस्थ क्षेत्रों के गांवों  को जोड़कर इसमें ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। उत्तराखंड प्रकृतिक सम्पदा से धन-धान्य राज्य है। यहां के लोगों की तमाम धार्मिक मान्यताएं हमें प्रकृति से सीधे जोड़ती हैं। ऐसे में यहां के पौराणिक मठ - मंदिरों को भी जैव विविधता में शामिल किया जाना चाहिए। साथ ही उनके संवर्धन और संरक्षण के लिए अनवरत प्रयास किए जाने की नितांत आवश्यकता है।

जैव विविधता संरक्षण के महत्व को आज के संदर्भ में इन पंक्तियों से समझा जा सकता है -


श्रृंखलाएं पर्वतों की, क्यों दहाड़ मारे रो उठी।
बाघ, पानी, पेड़, पक्षी, है मानवों से क्यों डरी।।
है सभ्यता का अंत निश्चित, जो अनादि से थी अडिग खड़ी।
विनाशरूपी विकास में, कुछ हिस्सेदारी मेरी सही।।

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लेखक परिचय -,संदीप ढौंडियाल, एक बड़े समाचारपत्र में पत्रकार और पर्यावरणीय स्तम्भ लेखक होने के साथ ही इंजीनियर, सामाजिक संस्था जिंदगी डायरेक्शन सोसाइटी देहरादून के संस्थापक व अध्यक्ष

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यह भी पढ़ें - उत्तराखड की सांस्कृति का केंद्र बिन्दु है थौल मेले -विनय तिवारी ।। web news uttrakhand ।।

बस से जौलीग्रांट एयरपोर्ट में फंसे मजदूरों को बिहार भेजा जाने क्या है पूरी ख़बर ।। web news ।।



बिहार के मजदूरों को बस से भेजा गया घर ।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बचपन बचाओ आंदोलन और मैक संस्था के सहयोग से जौलीग्रांट एयरपोर्ट में फंसे बिहार के मजदूरों को बसों में बैठाकर घर भेजा गया। मजदूरों की घर वापसी का अभियान तब तक चलता रहेगा जब तक सभी फंसे मजदूरों को घर भेजा नही जाता । आज भी मजदूरों को बस से बिहार के लिए बसों से घर भेजा जायेगा ।

बिहार के रहने वाले कुछ मजदूर एयरपोर्ट के पास काम कर रहे थे। लॉकडाउन के बाद से मजदूर यहीं फंसे हुए थे , वे लगातार घर वापसी की मांग कर रहे थे उनके लिए बसों की व्यवस्था कर बिहार भेजा गया आगे भी यह सिलसिला चलता रहेगा- सुरेश उनियाल, बचपन बचाओ आंदोलन