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रविवार, 9 मार्च 2025

महिला सशक्तिकरण की मिसाल बना सखा क्लब का ‘महिला सम्मान कार्यक्रम’


देहरादून। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सखा क्लब द्वारा एक भव्य ‘महिला सम्मान कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया। इस मौके पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया।



प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आंगनवाड़ी अध्यक्षा रेखा नेगी और नन्हीं आशाएं चैरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष नेहा शर्मा मौजूद रहीं। इसके अलावा, उत्तराखंड आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता मनोज ध्यानी और वार्ड नंबर 74, ब्रह्मपुरी के पार्षद सतीश कश्यप भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

महिला शक्ति को सम्मान

उत्तराखंड आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली आशा नौटियाल, तारा पांडे, सुलोचना मेंडोलिया और सुलोचना बिष्ट को विशेष सम्मान दिया गया। वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता जीनत और शाइना की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक प्रेरणादायक बना दिया।

सखा क्लब का नेतृत्व और आयोजन

कार्यक्रम का सफल आयोजन सखा क्लब के अध्यक्ष देव सिंह चौहान, सचिव मधुर माथुर, उपाध्यक्ष नरेश कुमार प्रजापति, उपसचिव संगीता नेगी, कोषाध्यक्ष मनोज कुमार और कार्यक्रम अध्यक्ष सिमरन ठाकुर के नेतृत्व में किया गया।

महिलाओं की भागीदारी और प्रेरणादायक संबोधन

इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाओं और बालिकाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन पूरी तरह से महिला सदस्यों द्वारा किया गया, जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा मिला।

मुख्य अतिथियों ने महिला सशक्तिकरण, समाज में महिलाओं की भूमिका और उनके अधिकारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सशक्त महिलाएं ही एक मजबूत समाज की नींव रखती हैं

संवाद और प्रेरणा का मंच

यह आयोजन न केवल सम्मान का अवसर था, बल्कि यह एक संवाद मंच भी बना, जहां महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए और एक-दूसरे को प्रेरित करने का संकल्प लिया

सखा क्लब द्वारा किया गया यह प्रयास महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम साबित हुआ।

बुधवार, 5 मार्च 2025

देहरादून के डॉक्टरों को मिला 'होम्योपैथी पुरोधा सम्मान 2025'

सम्मान समारोह में रही दिग्गज हस्तियों की मौजूदगी

 इस सम्मान समारोह में कई प्रसिद्ध हस्तियां शामिल हुईं। बॉलीवुड अभिनेता आशीष विद्यार्थी, अभिनेत्री मंदिरा बेदी और प्रसिद्ध गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला ने डॉक्टरों को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया।

मुख्य अतिथि:

  • श्री नितिन गडकरी (केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री)
  • श्री अश्विनी चौबे (केंद्रीय राज्य मंत्री)
  • श्री लल्लन सिंह (केंद्रीय राज्य मंत्री)
  • श्री मनोज तिवारी (सांसद, दिल्ली)
  • श्री राजेश वर्मा (सांसद, बिहार)
  • श्री अरुण भारती (सांसद)

 इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बर्नेट होम्योपैथी के एम.डी. डॉ. नीतीश दुबे ने की।

डॉ. शैलेन्द्र कौशिक और डॉ. सृष्टि पंवार का योगदान

डॉ. शैलेन्द्र कौशिक और डॉ. सृष्टि पंवार होम्योपैथिक चिकित्सा के क्षेत्र में लंबे समय से उत्कृष्ट योगदान दे रहे हैं। अपने अनुभव और समर्पण से उन्होंने सैकड़ों मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। होम्योपैथी चिकित्सा को आगे बढ़ाने और समाज में इसकी प्रभावशीलता को मजबूत करने के लिए उनके प्रयासों की सराहना की गई।

सम्मान मिलने पर डॉक्टरों की प्रतिक्रिया

🗣 "यह सम्मान न केवल हमारा, बल्कि पूरे होम्योपैथिक चिकित्सा क्षेत्र का सम्मान है। हम अपने मरीजों की सेवा के लिए हमेशा समर्पित रहेंगे और होम्योपैथी को एक प्रभावी चिकित्सा प्रणाली के रूप में स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।"

होम्योपैथी चिकित्सा के प्रति बढ़ती जागरूकता

 आजकल होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को लोग तेजी से अपना रहे हैं। यह न केवल एक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है, बल्कि इसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते। भारत में होम्योपैथी का विस्तार तेजी से हो रहा है और इसे एक प्रभावी वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में मान्यता मिल रही है।


'होम्योपैथी पुरोधा सम्मान 2025' का आयोजन उन चिकित्सकों को पहचान और प्रोत्साहन देने के लिए किया गया था जो होम्योपैथी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। डॉ. शैलेन्द्र कौशिक और डॉ. सृष्टि पंवार को यह सम्मान मिलना पूरे देहरादून के लिए गर्व की बात है। यह न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों की सराहना है, बल्कि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को एक नई ऊंचाई तक ले जाने का संकेत भी है

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रविवार, 2 मार्च 2025

माणा हिमस्खलन रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा - 46 श्रमिक बचाए गए, 8 की मौत



उत्तराखंड माणा हिमस्खलन 2025 - बचाव अभियान

चमोली जिले के माणा क्षेत्र में 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों के लिए चलाया गया सर्च और रेस्क्यू अभियान सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। इस आपदा में कुल 54 श्रमिक प्रभावित हुए, जिनमें से 46 को सुरक्षित बचा लिया गया, जबकि दुर्भाग्यवश 8 श्रमिकों की मृत्यु हो गई।

मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू टीमों की सराहना की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, पुलिस, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साहस और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में चलाए गए इस ऑपरेशन में 46 जिंदगियां बचाई गईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी इस पूरे अभियान की जानकारी लेते रहे।

घटनाक्रम का संक्षिप्त विवरण

28 फरवरी 2025 की सुबह 8:30 बजे जोशीमठ तहसील के अंतर्गत माणा गेट स्थित बीआरओ कैंप के पास मजदूर कार्य कर रहे थे, तभी अचानक हिमस्खलन हुआ और वे फंस गए। पहले श्रमिकों की संख्या 55 बताई गई थी, लेकिन जांच में यह संख्या 54 निकली।
  • हिमस्खलन में फंसे कुल श्रमिक – 54
  • सुरक्षित बचाए गए श्रमिक – 46
  • मृतक श्रमिक – 8
  • जोशीमठ में उपचाराधीन श्रमिक – 44
  • एम्स ऋषिकेश में उपचाराधीन श्रमिक – 2

युद्धस्तर पर संचालित रेस्क्यू अभियान

02 मार्च 2025 को बचाव दलों ने वृहद स्तर पर सर्च अभियान चलाया। इस दौरान 4 और शव बरामद किए गए, जिससे मृतकों की संख्या 8 हो गई।
  • सुरक्षित निकाले गए 46 श्रमिकों में से 44 को ज्योतिर्मठ स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी स्थिति सामान्य है और उचित चिकित्सा सुविधा दी जा रही है।
  • 2 श्रमिकों का एम्स ऋषिकेश में इलाज चल रहा है और वे स्वस्थ हो रहे हैं।
  • 7 मृतकों का पोस्टमार्टम कर पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंप दिया गया।

रेस्क्यू अभियान में आधुनिक तकनीकों का उपयोग

बचाव कार्यों में अत्याधुनिक उपकरणों और संसाधनों का प्रयोग किया गया:
  • GPR (Ground Penetrating Radar) को जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से एमआई-17 हेलीकॉप्टर द्वारा घटनास्थल पर भेजा गया।
  • एनडीआरएफ ने थर्मल इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, रोटरी रेस्क्यू सॉ, एवलांच रॉड और डॉग स्क्वाड की सहायता से रेस्क्यू अभियान को तेज किया।
  • एसडीआरएफ और यूएसडीएमए ने भी अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग कर श्रमिकों की खोज में सहयोग दिया।
  • वायु सेना और राज्य सरकार के हेलीकॉप्टरों ने राहत एवं बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की सतत निगरानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पूरे ऑपरेशन पर नजर बनाए रखी। उन्होंने मुख्यमंत्री से लगातार संपर्क कर स्थिति की जानकारी ली और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री का ग्राउंड जीरो दौरा और राहत उपाय

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद ग्राउंड जीरो का दौरा किया और चार बार आपदा कंट्रोल रूम (SEOC) जाकर बचाव कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर तेजी से राहत कार्य किए।
गंभीर रूप से घायल श्रमिकों के इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
हिमस्खलनों की निगरानी के लिए बेहतर तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए गए।

निष्कर्ष

माणा हिमस्खलन राहत एवं बचाव अभियान राज्य सरकार, सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और अन्य एजेंसियों के बेहतरीन समन्वय का उदाहरण है। इस त्रासदी में 8 श्रमिकों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई, लेकिन 46 जिंदगियां बचाने में सफलता मिली। सरकार अब भविष्य में ऐसी आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत करने पर काम कर रही है।