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बुधवार, 1 जुलाई 2020

Chardham yantra : आज से चार धाम यात्रा की नई गाइडलाइन, पढे पूरी गाइडलाइन।।web news।।


उत्तराखण्ड राज्य निवासी चारधाम व मन्दिरों के दर्शन करने के लिए उत्तराखण्ड शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन कर यात्रा कर सकते है

श्रृद्धालु निम्न शर्तों के अधीन यात्रा कर सकेंगे।

1. कन्टेंमेन्ट जोन व बफर जोन में निवासरत व्यक्ति को चार धाम यात्रा की अनुमित नहीं।
2. उत्तराखंड के निवासरत व्यक्ति द्वारा, यदि राज्य के बाहर से आवागमन किया गया हो तो 8 जून को जारी आदेश में लिखित क्वारन्टीन से सम्बन्धित सभी शर्तों का अनुपालन करने के पश्चात ही धाम क्षेत्र में यात्रा कर पायेंगे।
3. यात्रा के लिए वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा व प्रतिबंधित समय में यात्रा नहीं करेंगे।
4. यात्रा से पूर्व http://badrinath-kedarnath.gov.in वेबसाईट पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसमें यात्रा का विवरण व राज्य में निवासरत होने का प्रमाण. फोटो आईडी सहित अपलोड करना होगा। इसके पश्चात Auto-generated e-Pass के साथ ही उत्तराखण्ड स्थित निवास स्थान का प्रमाण साथ रखना अनिवार्य होगा। जिसके आधार पर धाम क्षेत्र में प्रवेश हो पायेगा।
5. अपरिहार्य स्थिति जैसे- आपदा, मेडिकल एमरजेंसी ( स्थानीय प्रशासन की अनुमति) आदि को छोड़कर धाम क्षेत्र में अधिकतम एक रात्रि ही रुका जा सकता है।
6. COVID-19/Flu के लक्षण वाले व्यक्ति ,65 वर्ष से अधिक के व्यक्ति व 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे व co-morbidities के मरीज यात्रा नहीं करेंगे।
7. यात्रा के दौरान पूर्व में COVID-19 से सम्बन्धित जारी सुरक्षा व बचाव सम्बन्धी सभी SOP’s का पालन करना अनिवार्य होगा।

E- ग्रंथालय : मुख्यमंत्री ने किया राज्य के शासकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में ‘‘ई-ग्रंथालय’’ का शुभारम्भ किया,।।web news।।


उत्तराखण्ड में 35 लाख पुस्तको वाले ई-ग्रंथालय का शुभारम्भ ।

आज सचिवालय परिसर में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य के शासकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में ‘‘ई-ग्रंथालय’’ का शुभारम्भ किया। प्रदेश के 05 विश्वविद्यालय एवं 104 महाविद्यालय ई-ग्रंथालय से जुड़ चुके हैं। ई-ग्रंथालय से लाइब्रेरी का मैनेजमेंट सिस्टम डिजिटल प्रारूप पर होगा। इससे शिक्षकों, विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को शिक्षण कार्य में काफी सुगमता होगी।

हाईलाइट्स

◆ ई-ग्रंथालय में 35 लाख पुस्तकें उपलब्ध होंगी ।
◆ ई-ग्रंथालय से 05 विश्वविद्यालय एवं 104 महाविद्यालय ई-ग्रंथालय से जुड़ चुके हैं।
◆ ई-ग्रंथालय का मैनेजमेंट सिस्टम डिजिटल प्रारूप पर होगा
◆ई-ग्रंथालय के माध्यम से विद्यार्थियों को सभी पुस्तकों का अध्ययन करने में सरलता होगी ।

ई-ग्रन्थालय से 35 लाख पुस्तकें ऑनलाईन उपलब्ध

सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को एक पोर्टल से जोड़ा जा रहा है। यदि किसी विश्वविद्यालय या महाविद्यालय में कोई पुस्तक उपलब्ध न हो तो, इनके एक ही पोर्टल पर जुड़ने से ई-ग्रन्थालय के माध्यम से विद्यार्थियों सभी पुस्तकों का अध्ययन करने में सरलता रहेगी। ई-ग्रन्थालय के माध्यम से विद्यार्थियों को 35 लाख पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं। जिससे ढाई लाख से अधिक छात्र-छात्राएं इससे जुड़ेगे।

कृषि व बागवानी पर डाक्यूमेंट्री भी उपलब्ध हो

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस शिक्षा सत्र में विद्यार्थियों के लिए ई-ग्रंथालय बड़ी सौगात है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ई-ग्रंथालय के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की पिछले 10 वर्षों का क्वेशन बैंक भी उपलब्ध कराया जाय। जिससे उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अच्छा आधार मिल सके। यह समय विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि, बागवानी और अन्य क्षेत्रों की बच्चों को अच्छी जानकारी प्राप्त हो सके, इसके लिए डोक्यूमेंटरी बनाई जाय। मैदानी जनपदों में लोगों को कृषि एवं बागवानी की अच्छी जानकारी होती है, लेकिन पर्वतीय जनपदों में हमें इस दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई। इससे लोगों को कैसे अधिक से अधिक फायदा हो सकते है, इस पर भी और प्रयासों की जरूरत है।

तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाए

मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस समय पूरा विश्व कोविड-19 की महामारी के दौर से गुजर रहा है। हमें समय की मांग के अनुसार तकनीक को बढ़ावा देना होगा। आधुनिक तकनीक के माध्यम से हम आपसी दूरियों को कम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा कोविड के दौरान तकनीक के अधिक से अधिक उपयोग करने का सराहनीय प्रयास किया गया है। ई-ग्रंथालय के शुभारम्भ से विद्यार्थियों को समग्र जानकारियां उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में और क्या प्रयास हो सकते हैं, इस दिशा में विचार करने की जरूरत है।

राज्य का प्रत्येक काॅलेज ई-ग्रन्थालय से जुड़ा

उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जहां प्रत्येक काॅलेज को ई-ग्रंथालय से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी की घोषणा एवं मार्गदर्शन में विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को ई-ग्रंथालय से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि यूजीसी की रैंकिंग के अनुसार उत्तराखण्ड के चार संस्थानों ने टाॅप 100 में स्थान पाया है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए सभी महाविद्यालयों में प्राचार्य के पद भरे गये है। विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में 92 प्रतिशत फैकल्टी है। प्रदेश में 877 असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती निकाली गई, जिसमें से 527 असिस्टेंट प्रोफेसर ज्वाइन कर चुके हैं, शेष पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। लाॅकडाउन के दौरान विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों द्वारा आनलाईन शिक्षण का कार्य किया गया। इसके काफी सकारात्मक परिणाम रहे।

इस अवसर पर उपस्थित रहे ।

मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार श्रविन्द्र दत्त, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा डाॅ. आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. के सुधांशु, अशोक कुमार, विनोद रतूड़ी, अपर सचिव उच्च शिक्षा डाॅ. अहमद इकबाल, निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ. कुमकुम रौतेला एवं वीडियों कांफ्रेंस के माध्यम से विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं महाविद्यालयों के प्राचार्य 

मंगलवार, 30 जून 2020

Pm message : प्रधानमंत्री का देश के नाम सम्बोधन, पढ़िए पूरा संदेश ।।web news।।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना वीडियो संदेश


मेरे प्रिय देशवासियों,  नमस्कार !  कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ते हुए अब हम Unlock-Two में प्रवेश कर रहे हैं। और  हम उस मौसम में भी प्रवेश कर रहे हैं जहां सर्दी-जुखाम,  खांसी-बुखार ये सारे न जाने क्या क्या होता है , की मामले बढ़ जाते हैं।  ऐसे में,  मेरी आप सभी देशवासियों से प्रार्थना है कि ऐसे समय में अपना ध्यान रखिए।
साथियों,  ये बात सही है कि अगर कोरोना से होने वाली मृत्यु दर को देखें तो दुनिया के अनेक देशों की  तुलना में भारत संभली हुई स्थिति में है।  समय पर किए गए लॉकडाउन और अन्य फैसलों ने भारत में लाखों लोगों का जीवन बचाया है।  लेकिन हम ये भी  देख रहे हैं कि  जब से देश में  Unlock-One  हुआ है,  व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार में लापरवाही भी  बढती ही चली जा रही है ।  पहले हम मास्क को लेकर,  दो गज की दूरी को लेकर,  20 सेकेंड तक दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क थे।  लेकिन आज,  जब हमें ज्यादा सतर्कता की जरूरत है,  तो लापरवाही बढ़ना,  चिंता का कारण है।  
साथियों,  लॉकडाउन के दौरान बहुत गंभीरता से नियमों का पालन किया गया था।  अब सरकारों को,   स्थानीय निकाय की संस्थाओं को,   देश के नागरिकों को,   फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है।  विशेषकर  कन्टेनमेंट जोंस पर हमें बहुत ध्यान देना होगा।  जो भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे,  हमें उन्हें टोकना होगा,  रोकना होगा और समझाना भी होगा।   अभी आपने खबरों में देखा होगा,  एक देश के प्रधानमंत्री पर  13 हजार रुपए का जुर्माना इसलिए लग गया, क्योंकि वो सार्वजनिक जगह पर बिना मास्क पहने गए थे।  भारत में भी  स्थानीय प्रशासन को इसी चुस्ती से काम करना चाहिए।   ये 130 करोड़ देशवासियों के जीवन की रक्षा करने का अभियान है।  भारत में गांव का प्रधान हो या  देश का प्रधानमंत्री,  कोई भी नियमों से ऊपर नहीं है।
साथियों,  लॉकडाउन के दौरान देश की  सर्वोच्च प्राथमिकता रही,  कि ऐसी स्थिति न आए कि किसी गरीब के घर में चूल्हा न जले।  केंद्र सरकार हो,   राज्य सरकारें हों,  सिविल सोसायटी के लोग हों,   सभी ने पूरा प्रयास किया कि इतने बड़े देश में हमारा कोई गरीब भाई-बहन भूखा न सोए।  देश हो या व्यक्ति,  समय पर फैसले लेने से,  संवेदनशीलता से फैसले लेने से,  किसी भी संकट का मुकाबला करने की शक्ति बढ़ जाती है।  इसलिए,  लॉकडाउन होते ही सरकार,  प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लेकर आई।  इस योजना के तहत गरीबों के लिए पौने दो लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया।
साथियों,  बीते तीन महीनों में  20 करोड़ गरीब परिवारों के  जनधन खातों में सीधे  31 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं।   इस दौरान  9 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में  18 हजार करोड़ रुपए जमा हुए हैं।  इसके साथ ही,  गांवों में श्रमिकों को रोजगार देने के लिए, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान तेज गति से आरम्भ कर दिया गया है।  इस पर सरकार  50 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही है।  लेकिन
साथियों, एक और बड़ी बात है जिसने दुनिया को भी हैरान किया है, आश्चर्य में डुबो दिया है।  वो ये कि कोरोना से लड़ते हुए भारत में, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को  3 महीने का राशन,  यानि परिवार के हर सदस्य को  5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया गया।   इसके अतिरिक्त प्रति परिवार हर महीने एक किलो दाल भी मुफ्त दी गई।  यानि एक तरह से देखें तो,   अमेरिका की कुल जनसंख्या से ढाई गुना अधिक लोगों को,   ब्रिटेन की जनसंख्या से 12 गुना अधिक लोगों को,   और  यूरोपियन यूनियन की आबादी से लगभग दोगुने से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार ने मुफ्त अनाज दिया है।
साथियों,   आज मैं इसी से जुड़ी एक महत्वपूर्ण घोषणा करने जा रहा हूं।
साथियों,  हमारे यहां वर्षा ऋतु के दौरान और उसके बाद मुख्य तौर पर एग्रीकल्चर सेक्टर में ही ज्यादा काम होता है।  अन्य दूसरे सेक्टरों में थोड़ी सुस्ती रहती है।  जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का भी माहौल बनने लगता है।   अभी  5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है,  फिर सावन शुरू हो रहा है।  फिर 15 अगस्त आएगी , रक्षाबंधन आएगा,  श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आएगी,  गणेश चतुर्थी आएगी,  ओणम होगा।  और आगे जाएं तो काटी बीहू है, नवरात्रि है,   दुर्गापूजा है,   दशहरा है,   दीपावली है,   छठी मइया की पूजा है।  त्योहारों का ये समय,  जरूरतें भी बढ़ाता है,  खर्चे भी बढ़ाता है।  इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक,  यानि नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाए।  यानि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली ये योजना, अब  जुलाई- अगस्त- सितंबर- अक्टूबर- नवंबर में भी लागू रहेगी।  सरकार द्वारा इन  5 महीनों के लिए,  80 करोड़ से ज्यादा गरीब भाई-बहनों को हर महीने,  परिवार के हर  सदस्य को  5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त मुहैया कराया जाएगा।  और साथ ही प्रत्येक परिवार को हर महीने एक किलो चना भी मुफ्त दिया जाएगा।
साथियों,  प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के इस विस्तार में  90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे।  अगर इसमें पिछले तीन महीने का खर्च भी जोड़ दें तो ये  करीब-करीब  डेढ़ लाख करोड़ रुपए हो जाता है।  अब पूरे भारत के लिए हमने एक सपना देखा है , कई राज्यों ने तो बहुत अच्छा काम भी किया है |बाकी राज्यों से भी हम आग्रह कर रहे हैं की इस काम को आगे बढ़ाएं, काम क्या है ? अब पूरे भारत के लिए एक  राशन-कार्ड की व्यवस्था भी हो रही है यानि  एक राष्ट्र,  एक राशन कार्ड one nation one ration card।  इसका सबसे बड़ा लाभ उन गरीब साथियों को मिलेगा,  जो रोज़गार या दूसरी आवश्यकताओं के लिए अपना गाँव छोड़कर के कहीं और जाते हैं किसी और राज्य में जाते हैं।
साथियों, आज गरीब को,  ज़रूरतमंद को,  सरकार अगर मुफ्त अनाज दे पा रही है तो इसका श्रेय दो वर्गों को जाता है।  पहला-  हमारे देश के मेहनती किसान,  हमारे अन्नदाता।  और दूसरा-  हमारे देश के ईमानदार टैक्सपेयर।  आपका परिश्रम,  आपका समर्पण ही है,  जिसकी वजह से देश ये मदद कर पा रहा है।  आपने देश का अन्न भंडार भरा है, इसलिए आज गरीब का,  श्रमिक का चूल्हा  जल रहा है।   आपने ईमानदारी से टैक्स भरा है,  अपना दायित्व निभाया है,  इसलिए आज देश का गरीब,  इतने बड़े संकट से मुकाबला कर पा रहा है।   मैं आज हर गरीब के साथ ही,  देश के हर किसान,  हर टैक्सपेयर का ह्रदय से बहुत बहुत अभिनंदन करता हूं, उन्हें नमन करता हूं।
साथियों,  आने वाले समय में हम अपने प्रयासों को और तेज करेंगे।  हम गरीब,  पीड़ित,  शोषित-वंचित हर किसी को सशक्त करने के लिए निरंतर काम करेंगे।   हम सारी एहतियात बरतते हुए Economic Activities को और आगे बढ़ाएंगे।  हम आत्मनिर्भर  भारत के लिए  दिन रात एक करेंगे।  हम सब लोकल के लिए वोकल होंगे।  इसी संकल्प के साथ हम  130 करोड़ देशवासियों को मिलजुल कर के, संकल्प के साथ काम भी करना है, आगे भी बढ़ना है ।

फिर से एक बार मैं आप सब से प्रार्थना करता हूँ, आपके लिए भी प्रार्थना करता हूँ, आपसे आग्रह भी करता हूँ , आप सभी स्वस्थ रहिए,  दो गज की दूरी का पालन करते रहिए, गमछा , फेस कवर  मास्क ये हमेशा उपयोग कीजिये कोई लापरवाही मत बरतिए|  इसी आग्रह,   इसी कामना के साथ आप  सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं !
धन्यवाद

Pm Modi: आज प्रधानमंत्री करेंगे देश को सम्बोधित, जाने किस बात की लगाई जा रही है अटकलें।।web news।।


आज शाम पीएम मोदी करेंगे देश को संबोधित


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार शाम को देश को संबोधित करेंगे, पीएम मोदी 30 जून को शाम 4 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे । देश भर में एक तरफ जहां कोरोना वायरस के आंकड़े तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ गलवाना घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद चीन के साथ तनाव बरकरार है । ऐसे में पीएम मोदी का मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन काफी अहम माना जा रहा है ।


कोविड 19 बढ़ते मामले और चीनी से सीमा विवाद कर सकते है बड़ा फैसला

पीएम मोदी के सम्बोधन से पहले अटकलें लगाना तेज हो गयी है हो भी क्यों न जब जब पीएम मोदी देश को संबोधित करते है कुछ यूनिक जरूर होता है , लास्ट टाइम मोदी आर्थिक फैकेज की घोषणा अपने संबोधन में कर चुके है वर्तमान हालत के चलते कोविड 19 के बढ़ते केस और loc पर चीन के साथ विवाद के इर्दगिर्द देश के नाम पीएम मोदी का संबोधन रह सकता है।

सरकार का बड़ा फैसला 59 चीनी app बैन

भारत सरकार ने 59 मोबाइल एप को प्रतिबंधित कर दिया है। इसमें टिकटॉक, यूसी ब्राउसर और अन्य चाइनीज एप शामिल हैं। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन 59 एप्स को ब्लॉक करने का निर्णय लिया है क्योंकि ये एप भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हैं।

सोमवार, 29 जून 2020

Good news: जगतबंधु सेवा ट्रस्ट की सीनियर सिटीजन सेवार्थ हेतु निशुल्क वाहन एवं भोजन सेवा का शुभारंभ, जाने क्या है पूरी खबर।।web news।।


जगतबंधु सेवा ट्रस्ट का सीनियर सिटीजन के लिए निशुल्क वाहन एवं भोजन सेवा का शुभारंभ

जगतबंधु सेवा ट्रस्ट व भारत विकास परिषद क्लिमेंट टाउन शाखा ने सीनियर सिटीजन सेवार्थ हेतु निशुल्क वाहन सेवा शुरू की गई है l संस्था के माध्यम से विगत 1 वर्ष से सीनियर सिटीजन के लिए निशुल्क भोजन की व्यवस्था भी की जा रही है l संस्था के माध्यम से सुबह एवं शाम का भोजन सीनियर सिटीजन के सेवार्थ हेतु पिछले 1 वर्ष से निशुल्क दिया जाता है l संस्था के द्वारा आज सीनियर सिटीजन के लिए निशुल्क वाहन सेवा शुरू की गई है l इस सेवा का लाभ वह सीनियर सिटीजन निशुल्क उठा सकते हैं जो घर पर अकेले रहते हैं l संस्था के माध्यम से यह सेवा बिल्कुल निशुल्क है एवं कोई भी सीनियर सिटीजन आपातकालीन स्थिति में इस सेवा का लाभ निःशुल्क उठा सकते हैं l साथ ही साथ संस्था के द्वारा प्रॉपर सैनिटाइजिंग एवं सोशल डिस्टेंसिंग का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा lप्रत्येक राइडिंग के बाद गाड़ी को प्रॉपर तरीके से सैनिटाइज भी किया जाएगा l साथ ही साथ बुजुर्गों के स्वास्थ्य का भी विशेष ख्याल रखा जाएगा l संस्था के द्वारा एक सेवक की व्यवस्था की गई है जो कि सीनियर सिटीजन को अस्पताल लाने एवं ले जाने के लिए भी तत्पर रहेगा के साथ ही साथ उसे सभी अस्पतालों का अच्छी जनकारी भी होगी, जिससे किसी भी सीनियर सिटीजन को किसी भी प्रकार की परेशानी ना उठानी पड़े l संस्था का उद्देश्य है कि कोई भी सीनियर सिटीजन मानसिक एवं आर्थिक रूप से परेशान नहीं होना पड़े, संस्था सभी सीनियर सिटीजन का उचित सम्मान करेगी एवं अपनी सभी सेवाएं तन मन धन से करने की कोशिश करेगी इस सेवा में विशेष सहयोग भारत विकास परिषद क्लिमेंट टाउन का रहा ।

आज के शुभारंभ कार्यक्रम में उपस्थित रहे


सुमित प्रजापति संस्थापक जगत बन्धु सेवा ट्रस्ट, गणेश चंद्र अंजना महेश्वरी सचिव भारत विकास परिषद आर पी अग्रवाल, जे के मंडोला अध्यक्ष, लक्ष्मी अगरवाल, राजेश परमार, सुमन जैन जी, प्रांतीय अध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रम, मुख्य अतिथि लॉयन डॉ अश्विनी कंबोज डिस्ट्रिक्ट गवर्नर, योगेश अग्रवाल रोहित कोचगावे, जी के मित्तल, सविता कपूर, गैलेक्सियन स्कूल से चेयरमैन डॉक्टर मयंक सिंह गोर आदि ।

Letter: सोशल एक्टविस्ट अजय कुमार ने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह आत्महत्या मामले में सीबीआई जाँच के आदेश के लिए लिखा पत्र।।web news।।


देहरादून के समाजसेवी अजय कुमार का पीएम मोदी के नाम पत्र पढिए

विषय - दिवंगत अभिनेता स्वर्गीय सुशांत सिंह के आत्महत्या मामले में सीबीआई जाँच के सम्बन्ध में याचिका।

आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
       आपको ज्ञात है कि बॉलीवुड के उभरते कलाकार अभिनेता सुशांत सिंह ने आत्महत्या कर ली है जो इस समय चर्चित प्रकरण हैं। आपको ज्ञात होगा कि सुशांत सिंह ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान श्री महेंद्र सिंह धोनी की जिंदगी पर फ़िल्म बनाई थी व वह कई फिल्मों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके थे।
       किसी फिल्मी पृष्ठभूमि से न होकर साधारण परिवार से निकलकर एक्टिंग में लोहा मनवाना बहुत आसान कार्य नही है ,भारत में प्रतिभाओ की कमी नही है यह सभी को ज्ञात है। अगर अभिनेता सुशांत सिंह जिंदा होते तो निसंदेह वह बड़े बड़े अभिनेताओं को अपनी प्रतिभा के दम पर धूल चटा देते,ऐसा मेरा विश्वास है।
        अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या का केस पिछली 14 जून से हाई प्रोफाइल बना हुआ है। उनके निधन के बाद से बॉलीवुड में गुटबाजी, खेमेबाजी और वंशवाद जैसे मुद्दों पर हर रोज तमाम चर्चाएं हो रही हैं। उधर सुशांत के फैंस लगातार सोशल मीडिया पर अभिनेता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। हालाकि सुशांत की अंतिम पोस्टमार्टम में आत्महत्या की वजह फांसी लगने के कारण दम घुटना बताया गया है लेकिन लोग अभी भी इस केस में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
         कई हस्तियों के साथ आम जनता भी लगातार सुशांत की खुदकुशी पर सवाल उठा रहे हैं। प्रार्थी भी इस घटना से क्षुब्ध है और इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करता हूँ यदि महाराष्ट्र सरकार प्रकरण में सीबीआई जाँच की संस्तुति करती है तो न सिर्फ सुशांत सिंह के परिवार को न्याय मिलेगा अपितु लाखो करोड़ों प्रसंसकों को न्याय मिलेगा, आपको ज्ञात होगा कि अभिनेता की आत्महत्या के बाद कई फैन्स ने आत्म हत्या की है यदि मामले में सीबीआई जाँच होगी तो फैन्स भी ऐसा कोई कदम नही उठाएंगे।
         सीबीआई जांच में कई ऐसे पहलू सामने आएंगे जो बॉलीवुड में वंशवाद,परिवारवाद पूंजीवाद, खेमेबाजी को उजागर करेंगे और होनहार कलाकारों के साथ भी न्याय होगा जिनके साथ अन्याय किया जा रहा है। अगर वक़्त रहते कोई सख्त कार्यवाही नही हुई तो धीरे धीरे गलत लोगों के हौंसले बढ़ेंगे औऱ आगे चलकर प्रतिभा नही बल्कि परिवारवाद आगे बढ़ेगा।
         महोदय आज राजनीति से लेकर बॉलीवुड और न जाने कहां कहाँ वंशवाद,परिवारवाद फल फूल रहा है जो बड़ा दुखद पहलू है।आप स्वयं जमीन से उठकर प्रधानमंत्री के पद पर पहुँचे है आपने भी भलीभांति सबकुछ देखा है अतः हमें पूर्ण विश्वास है आप सभी घटनाओं और प्रकरण की गम्भीरता को मध्यनजर रखते हुए उक्त प्रकरण की जाँच सीबीआई से करवाने की कृपा करेंगे।
                                                               धन्यवाद
                                                             अजय कुमार
                                                       सामाजिक कार्यकर्ता
       

अच्छी पहल: उत्तराखंड विधानसभा की दीवारों पर उकेरी गई नंदा देवी राजजात यात्रा के भित्ति चित्र , जाने क्या है पूरी खबर।।web news।।


विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा की दीवारों पर उत्तराखंडी संस्कृति की झलक दिखाने का अनूठा प्रयास किया

आज उतराखण्ड की विधानसभा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल द्वारा उतराखण्ड की लोक नन्दा जात पर आधरित कलाकीर्तियो का लोकार्पन किया गया

उत्तराखंड की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने एवं विरासत को संजोने के उद्देश्य से उत्तराखंड विधान सभा परिसर की बाहरी दीवार पर नंदा देवी राजजात यात्रा को भित्ति चित्र (म्यूरल) के रूप में प्रदर्शित किया गया है।

कलाकारों के मंच पर पूर्व में विधानसभा अध्यक्ष ने यह घोषणा करी थी कि उत्तराखण्ड की विधान सभा में उत्तराखण्डी संस्कृति दिखनी चाहिए , आज उत्तराखण्ड विधानसभा की दीवार देव कलाकृतियों से जगमगा रही है यह एक अच्छी एवं पहल स्वागत योग्य पहल है

उत्तराखंड विधानसभा परिसर की चार दिवारी पर गढ़वाल एवं कुमाऊं की संस्कृति को जोड़े हुए #नंदा राजजात यात्रा को 10 भित्ती चित्र के माध्यम से दिखाने का अनूठा प्रयास किया गया है। यात्रा के सभी पड़ावों को भित्ति चित्र के रूप में उकेरा गया है।ये भित्ति चित्र इतने आकर्षक व सजीव हैं कि बरबस ही लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं - प्रेम चन्द अग्रवाल, विधानसभा अध्यक्ष

इस ऐतिहासिक मौके पर उपस्थित रहे


पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरवंश कपूर, विधायक खजांनदास , विधायक गणेश जोशी विधायक,विधायक उमेश शर्मा काऊ, विधायक देशराज कर्णवाल, विधायक विनोद चमोली , सचिव विधानसभा जगदीश चन्द्र व कई वरिष्ठ अधिकारी गण

जब्बे को सलाम : भारत चीन सीमा को जोड़ने वाला पुल बीआरओ ने रिकार्ड 5 दिन में बनाया, पढे पूरी खबर।।web news।।


बीआरओ ने 5 दिन में बना दिया चीन सीमा पर टूटा हुआ वैली ब्रिज

मुनस्यारी | भारत- चीन सीमा को जोड़ने वाला सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण 120 फीट लंबा सेनरगाड़ वैली ब्रिज सीमा सड़क संगठन ने महज छह दिन में तैयार कर लिया। पुल तैयार होने से उच्च हिमालयी क्षेत्रों के 15 से अधिक गांवों और सुरक्षा बलों की चौकियों में आवाजाही शुरू हो गई है। मुनस्यारी तहसील के चीन सीमा से लगे 15 से अधिक गांवों को जोड़ने वाला यह वैली ब्रिज 22 जून को उस समय टूट गया था, जब एक ट्राला, पोकलैंड को लेकर वहां से गुजर रहा था। चीन सीमा को जाने वाले मिलम मार्ग पर सेनरगाड़ के पास शनिवार को बीआरओ ने रिकार्ड छह दिन में वैली ब्रिज का निर्माण पूरा किया। हिन्दुस्तान का यह पुल टूटने से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में 15 लिए तैयार कर दिया। गांवों सहित सुरक्षा बलों की चौकियों का सड़क संपर्क कट गया था। बीआरओ ने शनिवार को वैली ब्रिज आवाजाही शुरू कर दी है ।
बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने पिथौरागढ़ के मुन्स्यारी में केवल 5 दिन में ही अति सामरिक महत्व के बैली ब्रिज को दुबारा बनाकर उच्चस्तरीय तकनीकी क्षमता का परिचय दिया है। अब इस पुल की भार वहन क्षमता दोगुनी है। इस निर्माण कार्य में दिन रात लगे बी.आर.ओ के तमाम अधिकारियों और इंजीनियरों को बहुत-बहुत बधाई- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
इस पुल की टूटने की वीडियो सोशल मीडिया , नेशनल मीडिया खूब वायरल हुई थी, भारत चीनी के बीच गवलान घाटी में चल रहे गतिरोध ने चिंताएं बढ़ा फि थी लेकिन बीआरओ की टीम ने रिकार्ड समय मे पुल बनाकर अपने देशभक्ति के जज्बे को भी प्रदर्शित कर किया । बीआरओ नेपुल बनाने में जो फुर्ती दिखयी अब नेता, अधिकारी और जनता उनके तारीफों के पुल बांध रही है ।पिथौरागढ़ के डीएम डॉ.विजय कुमार जोगदण्डे ने तय समय से पहले पुल तैयार करने पर बीआरओ को बधाई दी है।


रविवार, 28 जून 2020

Inspiration:सपनों की उड़ान भरने वाले विद्यार्थियों के लिए ‘भगवान’ है धारचुला के धामी, जाने पहाड़ी प्रेरणा स्रोत के बारे में।।web news।।


एक नजर विद्यार्थियों के धामी सर यानी भगवान सिंह धामी की जन्म एवं कर्म यात्रा 

भारत नेपाल सीमा विवाद के बाद वैश्विक पटल पर नये सिरे से पहचान बनाता उत्तराखण्ड का सीमांत जनपद पिथौरागढ़ का धारचुला , लेकिन हम भारत नेपाल सीमा विवाद पर बात करते रहते है आगे करते रहेंगे आज चर्चा धारचुला के भगवान यानी भगवान सिंह धामी के बारे में पढ़िए विशेष आर्टिकल वेब न्यूज उत्तराखण्ड टीम का भगवान सिंह धामी से संवाद पर आधारित

जाने भगवान सिंह धामी की अब तक की जीवन यात्रा

भगवान सिंह धामी सीमांत जिले पिथौरगढ़ के धारचूला में स्थित स्यांकुरी गांव है । इनका जन्म में किसान परिवार से हैं। पिता दलीप सिंह धामी ने गांव में ही खेती बाड़ी कर पांच बच्चों का लालन-पालन किया। भगवान सिंह के बड़े भाई पान सिंह धामी अपने गांव से बीएड करने वाले पहले व्यक्ति हैं। बड़े भाई से प्रेरित होकर बचपन से ही पढ़ना उनका शौक बन गया था। जब भी समय मिलता वह स्कूली पढ़ाई के साथ साथ अन्य जानकारी की किताबें और पत्रिकाएं पढ़ते रहते । उनकी प्रतिभा को देखकर परिजनों को विश्वास था कि भगवान सिंह भविष्य में बड़ा नाम करेंगे , लेकिन पहाड़ी परिवेश में आर्थिक के ज्यादा संशाधन के अभाव के चलते उनकी राह आसान नहीं थी। लेकिन बड़ी बहन जानकी और जीजा वीर सिंह ने 10वीं के बाद उनकी पढ़ाई का जिम्मा ले लिया जिससे भगवान सिंह धामी राह बनी और स्वयं भी सफलता का मुकाम हासिल किया ,वर्तमान में उत्तराखंड सचिवालय में सरकारी सेवा में कार्यरत है
एक ऐसे जोशीले युवा भगवान सिंह जो स्वयं विषम परिस्थितियों सफलता की सीधी चढ़े और अब ठान लिया उत्तराखण्ड का हर वो जिज्ञासु जिसने खुली आँखों से उड़ने के सपने देखे हो उसे महंगी होती कोंचिंग से परेशान होने की जरूरत नही क्योंकि धारचुला का भगवान अब आपके लिए देहरादून में है, फ्री कोचिंग, सोशल मीडिया में FB पेज के माध्य्म से , वाट्सअप के माध्यम से, किताबों के माध्यम से विद्यार्थियों को अपनी सेवा दे रहे है,आगे इस बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी ।


2015 से निःशुल्क कोचिंग

भगवान सिंह धामी ने अप्रैल 2015 में हाईकोर्ट क्लेरिकल की परीक्षा पास की। उन्होंने पहले ही ठान लिया कि समय निकालकर वह आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों को निशुल्क कोचिंग देंगे। उन्होंने क्लेरिकल की नौकरी छोड़ कर अपने आस-पास के पांच छात्रों की संपूर्ण जिम्मेदारी लेकर उन्हें कोचिंग देने लगे। जुलाई 2015 में ही उन्होंने एक बार फिर ग्रुप सी की परीक्षा पास की। लेकिन उन्हें लगा कि साथ रहने वाले छात्रों को आगे और ज्यादा तैयारी करने थी इसलिए ये नौकरी भी ठुकरा दी। सेवा भाव का यह क्रम निरंतर जारी है धामी बताते है अब यह जीवन का हिस्सा बन गया है जितने ज्यादा बच्चों की मदद हो जाये उतना अधिक संतोष होता है ।

बच्चों को पढ़ाते हुए भगवान सिंह धामी

उत्तराखंड ज्ञानकोष जनपद दर्पण से कर रहे है विद्यार्थियों की सहायता

उत्तराखंड ज्ञानकोष जनपद दर्पण का पहला भाग 2019 में प्रकाशित हुआ । जिसकी कॉपियां लोगों ने हाथों-हाथ ले ली। इसके बाद 2020 में भगवान सिंह ने उत्तराखंड ज्ञानकोष जनपद दर्पण काभाग दो निकाला।
तैयारी में जुटे विद्यार्थियों को उत्तराखंड से सम्बन्धित जानकारी जुटाने में लोगों को बहुत मुश्किलें होती हैं। क्योंकि ज्यादातर लोग गूगल की मदद लेते हैं फिर भी उनके हाथ कुछ नहीं लग पाता। इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने जिल्लेवार प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले सवालों की विस्तृत जानकारियां जुटाई। इस जानकारी को पुस्तक का रूप दिया जो कम समय मे विद्यार्थियों की फेवरेट पुस्तक बन गयी इस प्रकार भगवान सिंह धामी जिन विद्यार्थियों को जानते भी नही है उनके चाहिते धामी सर बन गए ।

उत्तराखण्ड ज्ञानकोष जनपद दर्पण किताब का कवर पेज


फेसबुक पेज से जिग्यासू छात्रों के मोबाइल में भगवान की एंट्री

विद्यार्थियों के सवाल जबाब और लेटेस्ट व महत्वपूर्ण जानकारी शेयर करने के लिये भगवान सिंह धामी ने 2019 में उत्तराखंड जनकोष नाम से फेसबुक पेज बनाया । जिसमें वर्तमान समय मे लगभग 8 हजार से ज्यादा लोग जुड़े है । पेज की अधिकतम पहुंच की बात करे तो 1 लाख से अधिक प्रति पोस्ट है । जो आज के डिजिटल समय मे पेज की लोकप्रियता या यूं कहें जिग्यासू विद्यार्थियों में धामी सर की लोकप्रियता दर्शाता है ।

फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए क्लिक करें-

उत्तराखण्ड ज्ञानकोष General Study 


वाट्सअप नम्बर से धामी सर तक विद्यार्थियों की पहुंच हुई आसान

फ्री कोचिंग, किताब, Facebook पेज के साथ साथ तुंरत समाधान या नयी जानकारी के लिए इन्होंने अपना पर्सनल वाट्सअप नम्बर सार्वजनिक कर दिया है । इस नम्बर से विद्यार्थियों एवं उत्तराखण्ड से संबंधित जानकारी के जिग्यासु लोगों की समस्या चुटकी से हल हो जाती है साथ ही नये अपडेट भी प्राप्त होते है । अति आवश्यक होने पर फोन करके भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है ।

Corona warrior : देहरादून जिले के आज के कोरोना वरियर्स हरीश कुकरेजा और डाॅ हर्ष धामी , जाने क्या है पूरी खबर।।web news।।


लॉक डाउन अवधि के आज के कोरोना वरियर्स DM ऑफिस द्वारा घोषित ।।

लाॅकडाउन अवधि में सिविल सोसायटी व शासकीय विभागों द्वारा किये गये उत्कृष्ट कार्यों के दृष्टिगत आज (27 जून 2020) के कोरोना वारियर्स-

सिविल सोसायटी से कोरोना वारियर हरीश कुकरेजा

कोरोना वारियर हरीश कुकरेजा ने भूखे को अन्न, प्यासे को पानी, संस्था देहरादून लाॅकडाउन अवधि में जरूरतरमंदो हेतु भोजन पैकेट एवं खाद्य सामग्री, वितरित कर जिला प्रशासन को सहयोग प्रदान किया गया।साथ ही स्वछता, सोशल डिस्टनसिंग , फेस कवर,फेस मास्क लगाने के बारे में बस्तियों में जाकर लोगों को जागरूक करने का कार्य भी किया गया
शासकीय विभाग से कोरोना वारियर डाॅ हर्ष धामी

शासकीय विभाग से कोरोना वारियर डाॅ हर्ष धामी

डाॅ हर्ष धामी आर्येवेदिक चिकित्सा अधिकारी, /नोडल अधिकारी क्वारेंटीन सेन्टर ने क्वारेंटीन सेन्टर में कार्यरत रहकर अपने दायित्वों का कुशलपूर्वक निर्वहन कर रहें है ।