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शुक्रवार, 12 जून 2020

Latter : अपने बच्चों के साथ साथ आपके बच्चों का ध्यान रखने वाले आरिफ खान की शिक्षा मंत्री को लिखी चिठी हो रही है वाइरल, आप भी पढें ।। web news।।


सधन्यवाद आभार माननीय शिक्षा मन्त्री श्री अरविंद पाण्डेय जी, उत्तराखंड शासन

अभिभावकों को सरकारी स्कूल का रास्ता दिखाने के लिए सही भी है जब हम 93-95 से पहले वाले लगभग सभी अभिभावक इन्ही स्कूलों मे तो पढ़े हैं और आपके आशिर्वाद से लगभग 95% छात्र उस समय के सरकारी स्कूलों मे पढ़े हुए कामयाब भी हैं । अब जबकि आपने अभिभावकों को फीस के मुद्दे पर सरकारी स्कूलों का रास्ता दिखा ही दिया है तो इन प्राइवेट स्कूलों मे भी ताला बंदी शुरू करवा दीजिए क्योंकि ये आपके शिक्षा विभाग की NOC पर ही चल रहे हैं न और फिर सोसायटी एक्ट 1860 की धारा (21) मे पंजिकृत सोसायटी पर ही तो चल रहे हैं न no profit no loss वाले चैरिटी का शपथपत्र भर कर सरकार से मुफ्त की जमीन,सरकारी लोन, सरकारी ग्रान्ट, और सरकारी छूट के दम पर अब आप ही बताइए मंत्री जी जब अभिभावकों के लॉक डाउन के दौरान एक महीने की फीस न जमा करने पर इन्होने कोर्ट और सरकार का दरवाजा खटखटा दिया अपने कर्मचारियों की तनख्वाह काट दी लोन और खर्चो की दुहाई देने लगे तो यदि हमने अपने बच्चे इन स्कूलों से निकाल कर सरकारी स्कूलों मे डाल दिये तो ये सब तो सड़को पर आ जाएंगे न जाने कितने कर्मचारियों की नौकरी चली जायेगी और इनके हाथों मे तो कटोरा आ जायेगा और फिर आप जैसे गणमान्यजन मुख्यातिथि बनकर कहाँ जाएंगे ,मुख्यमंत्री राहत कोष मे लाखों करोड़ों रुपये कैसे और कहां देंगे ये ! और रही हमारे बच्चों को सरकारी स्कूलों मे भेजने की बात तो सर्वप्रथम जितने जनप्रतिनिधियों के बच्चे, सरकारी नौकरियों के मजे ले रहे कर्मचारियों के बच्चे , सरकारी शिक्षकों और शिक्षा विभाग मे कार्यरत कर्मचारियों के बच्चे सरकारी स्कूलों मे डलवा दो मै खुद व्यक्तिगत तौर पर वचन देता हूँ कि मै अपने बच्चों को सरकारी स्कूल मे डलवा दूंगा ! और माफ करना मंत्री जी छोटा मुँह बड़ी बात कर रहा हूँ पहले ये तो बतायें यदि मै दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों की बात छोड़ भी दुँ जहां आज भी बच्चे मिलों चलकर ,रस्सी पर लटक कर अपनी जान जोखिम मे डालकर ऐसे सरकारी स्कूलों मे पढ़ने जाते हैं जहां न छत है न दीवारें, न जहां शौचालय है न वाचनालय और कई विद्यालयों मे तो आपके द्वारा नियुक्त शिक्षक भी आगे ठेके पर किसी थोड़ा बहुत पढ़े लिखे बेरोजगार युवक या युवती को अपनी जगह स्कूल चलाने का ठेका देंकर घर पर आराम फरमाता है । अब दूर न जाकर उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून के सरकारी स्कूलों का हाल तो किसी से छुपा ही नही है आज भी नगर निगम क्षेत्रों के स्कूलों की हालत इतनी दयनीय है कि कभी भी स्कूल का प्लास्टर या छत गिरने से बच्चों के चोटिल होने का खतरा बना रहता है छात्र छात्राओं को शौचालय के लिए भी झाड़ी और दीवार का सहारा लेना पड़ता है यदि इक्का दुक्का शौचालय हैं भी स्कूलों मे तो उन पर स्टाफ का ताले के साथ कब्जा हुआ है और यदि किसी विद्यालय मे छात्रों को टॉयलेट नसीब भी हो गयी तो किसी मे दरवाजे नही होंगे तो किसी मे शीट और पानी नही होगा । वैसे पिछले साल ही सरकार अपने स्कूलों मे किताबें मुहैया नही करवा सकी जिसके कारण 56000 (छप्पन हजार) या 57000 (सत्तावन हजार) छात्रों का एक साल खराब हो गया था । और सबसे आखरी और महत्वपूर्ण सवाल हमने अपने बच्चे सरकारी स्कूलों मे क्या दाल- भात (मिड डे मील) खाने भेजने हैं या फिर स्कूल मे झाड़ू पोछा लगाने ....? आपके समक्ष दो तस्वीरें प्रेषित कर रहा हूँ ये मेरे खुद के मोबाइल से आपके जिला BJP कार्यालय और नगर शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के पीछे स्थित सरकारी प्राथमिक विद्यालय मे ली गयी तस्वीरें हैं जिसमे एक बच्ची के एडमिशन को लेकर आपके बदलाव वाले सरकारी स्कूल मे जाना हुआ तो एक बच्ची को झाड़ू लगाते देखा पूछने पर उसने बताया कि सब बच्चों की बारी आती है झाड़ू और साफ सफाई करने की जब प्रिंसिपल से इस बात जनाकारी ली तो वो उल्टा बच्ची को ही धमकाने लगीऔर सरकारी बजट का हवाला देकर सफाई कर्मचारी न रख पाने की मजबूरी बता कर अपना पक्ष रखती नजर आयी और ये हाल तब है जबकि नगर शिक्षा अधिकारी का कार्यालय और सत्ताधारी पार्टी का कार्यालय उनके नजदीक है अन्य जगहों का तो अल्लाह ही मालिक है । बच्ची का चेहरा छिपा दिया है ताकि उसकी व्यक्तिगत पहचान छुपाई जा सके.......*

एक जागरूक, पीड़ित व आपके बयान से आहत अभिभावक
आरिफ खान (राष्ट्रीय अध्यक्ष)
नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR)

गुरुवार, 11 जून 2020

Jobs alarm : उत्तराखंड सर्किल में पोस्ट आफिस में बम्पर वेकैंसी , जाने कैसे करें अप्लाई ।। web news ।।



उत्तराखंड सर्किल में आए जीडीएस के पद। अपने प्रियजनों से अवश्य शेअर करें।

पोस्ट का नाम: BPM/ ABPM / ग्रामीण डाक सेवक
रिक्ति की संख्या: 724 पद
वेतनमान: 10000/- से 14500/- रुपये (प्रति माह)

समुदाय के अनुसार पोस्ट:
UR: 411 पद
OBC: 96 पद
EWS: 38 पद
SC: 134 पद
ST: 27 पद
PWD-A: 02 पद
PWD-B: 09 पद
PWD-C: 07 पद

उत्तराखंड पोस्ट ऑफिस भर्ती 2020

◆ शैक्षिक योग्यता: उम्मीदवार को संबंधित राज्य सरकार/ केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित राज्य बोर्डों से मैट्रिक स्तर (हाई स्कूल) परीक्षा पास चाहिए।
◆ राष्ट्रीयता: भारतीय
◆आयु सीमा: 19.01.2018 को न्यूनतम और अधिकतम आयु सीमा 18 से 40 वर्ष है
◆आयु छूट: अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग 5 वर्ष और ओबीसी-एनसीएल वर्ग 3 वर्ष
◆नौकरी स्थान: उत्तराखंड
◆चयन प्रक्रिया: चयन अकादमिक योग्यता पर आधारित होगा।
◆आवेदन शुल्क: OC/OBC पुरुष उम्मीदवारों को 100 / -रु का भुगतान करना होगा किसी भी प्रधान डाकघर में, सभी महिला और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए छूट है।

अभ्यर्थी उत्तराखंड पोस्ट ऑफिस ऑनलाइन आवेदन के लिए वेबसाइट


https://indiapost.gov.in या
http://www.appost.in/gdsonline

◆महत्वपूर्ण तिथियाँ :
ऑनलाइन आवेदन करने की तिथि शुरू: 08 जून 2020
ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि: 07 जुलाई 2020

◆ महत्वपूर्ण लिंक:

★विज्ञापन लिंक : http://www.appost.in/gdsonline/Home.aspx
★ऑनलाइन आवेदन करें: https://indiapostgdsonline.in/phase7/fee.aspx
★आधिकारिक वेबसाइट: http://www.appost.in/gdsonline/Home.aspx

महत्वपूर्ण निर्देश: आप उत्तराखंड पोस्ट ऑफिस जॉब करने से पहले जरूरी है कि फुल नोटिफिकेशन / विज्ञापन पढ़ लें।

Corona update : कॉरेन्टीन के नियमो की अनदेखी की तो होगी कड़ी कार्यवाही - मंगेश घिल्डियाल , ।। web news ।।



जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रिपोर्ट


नई टिहरी, 10 जून (सूचना): जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने जिला कार्यालय स्थित स्वान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष से क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों यथा पुलिस विभाग के थाना प्रभारी, आशा फैसिलिटेटर, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर, ब्लॉक स्तरीय कॉर्डिनेटर की एक महत्वपूर्ण बैठक ली। जिलाधिकारी ने वीसी के माध्यम से क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों को कोरोना वायरस के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा की आगामी 1-2 माह जनपद के लिए निर्णायक साबित होंगे। इस हेतु सभी कोरोना फाइटर्स को निष्ठापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करने के निर्देश दिए है। कहा की कोरोना फाइटर्स को किसी भी सुरक्षा संबंधी उपकरणों/साजो-समान की कमी नही आने दी जाएगी। उन्होंने क्षेत्रीय कर्मचारियों के द्वारा अबतक के कार्यो/दायित्वों के निर्वहन की सराहना करते हुए कहा की इस क्रुसीएल समय में आपने दायित्वों के निर्वहन से भी ज्यादा कार्य करने की आवश्यकता है। कहा की इस लड़ाई को जीतने में सभी क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ-साथ आमजन की भागीदारी भी आवश्यक है। जिलाधिकारी ने आशा कार्यकत्रियों को कन्टेनमेंट ज़ोन में दैनिक रूप से हेल्थ स्क्रीनिग करते हुए इसकी रिपोर्ट आशा फैसिलिटेटर को दैनिक रूप से उपलब्ध करने, आशा फैसिलिटेटर को दैनिक रिपोर्ट ब्लॉक कॉर्डिनेटर को उपलब्ध कराने, ब्लॉक कॉर्डिनेटर को रिपोर्ट जिला समंवयक को उपलब्ध करते हुए सायं 6 बजे तक रिपोर्ट जिलाधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। इसी प्रकार आंगनबड़ी कार्यकत्रियां रिपोर्ट आंगनबाड़ी सुपरवाइजर को, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर सीडीपीओ को एवम सीडीपीओ ग्राम स्तर की गतिविधियो संबंधी दैनिक रिपोर्ट डीपीओ को उपलब्ध कराएंगे जो की सायं 6 बजे तक कंपाइल रिपोर्ट जिलाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे।

जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया की यदि किसी व्यक्ति द्वारा कॉरेन्टीन के नियमो की अनदेखी की जाती है,तो इसकी जानकारी तत्काल पुलिस को दें, ताकि संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा सके।
वीसी में वरिष्ठ पुलिस ने अधिकारियों/कर्मचारियों सहित फ्रंट लाइन वर्कर को टीम भावना से कार्य करने की आवश्यकता है। जिसमे जनसहभागिता भी अति महत्वपूर्ण है।

बुधवार, 10 जून 2020

Breaking News : पीएम मोदी ने किए केदारपुरी के ड्रोन से दर्शन , जाने क्या है पूरी खबर।




प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाईटेक बैठक, किये केदारपुरी के दर्शन ।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से केदारनाथ में चल रहे कार्यों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ में चल रहे विभिन्न कार्यों का अवलोकन भी किया। उन्होंने केदारनाथ मन्दिर परिसर, आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती घाट एवं आस्था पथ, भैरव मन्दिर के रास्ते पर बने पुल, केदारनाथ में बन रही गुफाओं, मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल, मंदाकिनी एवं सरस्वती के संगम पर बन रहे घाटों का अवलोकन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने श्री केदारनाथ में यात्रा की स्थिति के बारे में जानकारी ली।

प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कहा

रामबाड़ा से केदारनाथ तक छोटे-छोटे पेच को केदारनाथ की ऐतिहासिकता से जोड़ा जाय, ताकि श्रद्धालुओं को केदारनाथ के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व के बारे में भी रोचक जानकारियां मिल सके । इस क्षेत्र में आध्यात्म से संबंधित भी अनेक कार्य किये जा सकते हैं। इस ओर ध्यान दिया जाय। इससे श्रद्धालुओं को केदारनाथ के दर्शन के साथ ही यहां से जुड़ी धार्मिक एवं पारंपरिक महत्व के बारे में भी जानकारी मिलेगी। केदारनाथ के आस-पास जो गुफाएं बनाई जा रही हैं, उनका सुनियोजित तरीके से विकसित किया जाए ताकि इनका स्वरूप आकर्षक हो। अभी केदारनाथ में निर्माण कार्य तेजी से किये जा सकते हैं। शीर्ष प्राथमिकता के कार्य चिन्हित कर पहले उन्हे पूर्ण कर लिया जाय। भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ में विभिन्न कार्यों के लिए राज्य सरकार को केन्द्र से हर सम्भव मदद दी जायेगी। भगवान बदरीनाथ धाम के लिए भी डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय। अगले 100 साल तक की परिकल्पना के हिसाब से डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय- नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

वीडीयो कांफ्रेस के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा

आज मा. प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से श्री केदारनाथ में चल रहे निर्माण कार्यों की जानकारी ली और ड्रोन के माध्यम से श्री केदारनाथ में चल रहे विभिन्न कार्यों का अवलोकन भी किया। मा. प्रधानमंत्री जी ने कहा कि श्रद्धालुओं को श्री केदारनाथ के दर्शन के साथ ही वहां से जुड़ी धार्मिक एवं पारंपरिक महत्वता के बारे में भी जानकारी मिले, इसके लिए रामबाड़ा से केदारनाथ मार्ग में आध्यात्म से संबंधित कार्य किये जाएं। श्री केदारनाथ के आस-पास की गुफाओं के स्वरूप को आकर्षक तथा उन्हें सुनियोजित तरीके से विकसित किए जाने के लिए भी कहा गया । मा. प्रधानमंत्री जी द्वारा श्री बदरीनाथ धाम व श्री केदारनाथ धाम के विभिन्न कार्यों के लिए केन्द्र से हर सम्भव मदद के लिए भी आश्वस्त किया गया। - त्रिवेंद्र सिंह रावत , मुख्यमंत्री , उत्तराखंड




इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने श्री केदारनाथ में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की विस्तार से जानकारी दी।

आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि के पुनर्निर्माण का कार्य 31 दिसम्बर 2020 तक पूरा हो जायेगा। सरस्वती घाट का कार्य पूर्णता की ओर है, यह कार्य 30 जून जक पूर्ण हो जायेगा। भैरव मन्दिर के रास्ते पर पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, यह कार्य निर्धारित समयावधि से पहले ही पूरा किया गया है। तीर्थ पुरोहितों को रहने के लिए 05 ब्लॉको में घर बनाऐ जा रहे हैं, जिसमें से 02 ब्लाको में बनाये जा चुके हैं, शेष ब्लाको में सितम्बर तक कार्य पूरा हो जायेगा। केदारनाथ में आध्यात्म की दृष्टि से तीन गुफाएं बनाई जा रही हैं, जिनका निर्माण कार्य सितम्बर 2020 तक पूर्ण हो जायेगा। मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल का कार्य 31 मार्च 2021 तक पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि श्री केदारनाथ में ओपन म्यूजियम बनाने की योजना भी बनाई जा रही है- उत्पल कुमार सिंह ,मुख्य सचिव

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर भी उपस्थित रहे ।



पॉजिटीव वेब : बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए सरकार ने खोले द्वार , जाने क्या है पूरी खबर ।।web news।।


श्री बदरीनाथ धाम में दर्शन हेतु सरकार की गाइडलाइंस जारी कर दी है ।

30 जून तक राज्य के लोगों के बाबा केदारनाथ के दर्शन की अनुमति सरकार द्वारा दी गयी है। इस दौरान दर्शन के अभिलाषी भक्तों को सम्बंधित धाम के लिए एडवांस में निशुल्क टोकन लेना होगा। टोकन की समय सीमा के भीतर ही दर्शन की अनुमति मिलेगी। श्रद्धालुओं को 2 मीटर की दूरी बनाकर पंक्तिबद्ध होना होगा। गर्भगृह में दर्शन के लिए केवल 1 मिनट का वक्त मिलेगा।बद्रीनाथ धाम में एक दिन में अधिकतम 1200 श्रद्धालु दर्शन कर सकते है साथ दर्शन का समय निर्धारित करते हुए सुबह 7:00 से सांय 7:00 तक का कर दिया गया है।

गाइडलाइन के मुख्य बिंदु इस प्रकार है ।

◆ धाम में दर्शन का समय प्रातः: 7:00 से सांय 7:00 तक रहेगा ।
◆बद्रीनाथ धाम में पधारने वाले समस्त अद्धालुगण/तीर्थ यात्रीगण को अपने स्वयं के स्तर से की गई स्थानों में ही प्रवास करना होगा।
◆ तीर्थ यात्रा गणों को दर्शन हेतु निःशुल्क टोकन प्राप्त करने होंगे, जिन्हें देवस्थानम् बोर्ड द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा।
◆ निःशुल्क दर्शन टोकन प्राप्ति हेतु टेक्सी स्टैण्ड एवं नीलकण्ठ विश्राम गृह के भूतल पर स्थापित काउण्टर से प्राप्त करना होगा।
◆ दर्शन टोकन श्रद्धालुओं/तीर्थयात्रियों को दर्शन से पूर्व में ही प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
निःशुल्क दर्शन टोकन काउण्टर में शारिरिक दूरी बनायें रखना एवं मास्क लगाना अनिवार्य होगा। निःशुल्क दर्शन टोकन में दर्शन हेतु निश्चित समय एवं तिथि अंकित होगी। (उदाहरणत:यदि दर्शन टोकन में 10 बजे का समय अंकित किया गया है तो यात्रीगण 10:59 मिनट तक भी दर्शन पंक्ति में पंक्तिबद्ध हो सकता है)
◆तीर्थयात्रियों/श्रद्धालुओं को दर्शन टोकन में अंकित समय पर दर्शन लाईन में दर्शन हेतु मन्दिर परिसर में निर्धारित लाईन में पंक्तिबद्ध होना पड़ेगा।
1 घण्टे में 120 दर्शनार्थ का दर्शन का पुण्य लाभ अनुमन्य होंगा।

◆ दर्शन हेतु मन्दिर के अन्दर सभा मण्डप में 30 सेकेण्ड का समय अनुमन्य होगा।
◆ दर्शन पंक्ति 240 मीटर की होगी, जो कि सिंह द्वार से ब्रहमकपाल तिराहे पैदल मार्ग तक 2-2 मीटर की दूरी पर बनाये गये चिन्हित गोले पर यात्रियों को एकल पंक्तिबद्ध खड़ा होना होगा।
◆ विशेष पूजा में संपादित करने वाले यात्रियों को सामाजिक दूरी के दृष्टिगत सभा मण्डप में बैठने की अनुमति नहीं होगी, उन्हें दर्शन (धर्म दर्शन) निर्धारित स्थान (मचान) से अनुमन्य होगा।
◆ बदरीनाथ धाम में उक्त प्रक्रिया तहत प्रतिदिन 1200 अद्धालुओं को निःशुल्क टोकन आंवटित किये जायेंगे, जो तदनुसार सभी शासन प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुये दर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त कर पायेंगे। निःशुल्क टोकन 1 व्यक्ति को एक समय में 3 से अधिक टोकन आंवटित नहीं किये जायेंगे। टोकन की जांच सिंह द्वार में की जायेगी।

शक्ति : उत्तर प्रदेश में गौवंश छेड़ा तो सरकार नही छोड़ेगी, जाने क्या है पूरी खबर ।।web news।।


योगी सरकार का गोवंशीय पशुओं का संरक्षण के लिए शक्त नियम ।।

उत्तर प्रदेश में गाय एवं गोवंशीय पशुओं का संरक्षण एवं परिरक्षण सुनिश्चित करने के उद्देश्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में 'उत्तर प्रदेश गो-वध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के प्रारूप को स्वीकृति प्रदान की गई।'

इस संसोधन के मुख्य बिंदु इस प्रकार है

◆ मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश 2020 के प्रारूप को स्वीकृति प्रदान कर दी है

◆गोवंश को क्षति पहुंचाने पर अब मिलेगा 03 से 10 वर्ष के कठोर कारावास का दंड, भरना पड़ेगा 03 से 05 लाख तक का जुर्माना

◆ दोषी से ही होगी अभिग्रहित गोवंश के भरण-पोषण पर होने वाले खर्च की वसूली दोबारा अपराध किया तो मिलेगा दोगुना दंड

◆ सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा की जाएगी दोषी व्यक्ति की तस्वीर

मंगलवार, 9 जून 2020

विशेष : सरकार ने दिए संकेत हो सकता है सभ्यी धाणी गैरसेंण, पढे पूरी रिपोर्ट ।। web news।।

Gairsen

उत्तराखंड की समर कैपिटल गैरसेंण पर विशेष रिपोर्ट 

भराड़ीसैंण (गैरसैंण) को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। त्रिवेंद्र सरकार भराड़ीसैंण (गैरसैंण) को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के लिए 4 मार्च 2020 को घोषणा की थी। भाजपा ने 2017 में अपने विजन डाक्यूमेंट में भराड़ीसैंण (गैरसैंण) को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाना शामिल किया था । क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसमें प्लानर और विशेषज्ञों की राय भी ली जा रही है। भराड़ीसैण (गैरसैंण) में राजधानी के अनुरूप वहां आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जा रहा है। बड़े स्तर पर फाइलें न ले जानी पड़ी, इसके लिए ई-विधानसभा पर सरकार द्वारा पहले से ही कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री और विधान सभा अध्यक्ष ने खुशी जाहिर की 

सवा करोड़ उत्तराखंडवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है कि आज राज्य आंदिलनकारियों, मातृशक्ति व शहीदों के सपनों को साकार करने की दिशा में यह मील का पत्थर साबित होगा - त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री , उत्तराखण्ड

गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने के लिए राज्यपाल महोदय की स्वीकृति के बाद शासन द्वारा आज अधिसूचना जारी की गई है। इसके लिए सरकार को भी बधाई देते हुए कहा है कि आज सभी राज्य आंदोलनकारियों एवं प्रदेशवासियों के सपनो को साकार करने का काम मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी के नेतृत्व में सरकार द्वारा किया गया है। यह राज्य के शहीद आंदोलनकारियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है - प्रेमचंद अग्रवाल , विधान सभा अध्यक्ष , उत्तराखण्ड

कांग्रेस ने किया तीखा हमला

यह फैसला गैरसैंण राज्य आंदोलन की हत्या करने वाला फैसला है। उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में दो-दो राजधानियां इस राज्य की जनता का उपवास है। विधानसभा का सत्र जब कांग्रेस सरकार ने भराड़ीसैण में आयोजित किया था तो उस समय तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने उस समय स्थायी राजधानी गैरसैंण में बनाने की बात की थी और अब भाजपा अपने वायदे से मुकर गयी है। सरकार इस फैसले का वापस ले-किशोर उपाध्याय, पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष

गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की अधिसूचना कोरोना पर सरकार की नाकामी से ध्यान हटाने का शिगूफा है। सरकार यह बताइए कि राज्य की स्थायी राजधानी कौन सी है और फिर यह स्पष्ट कर कि क्या एक राज्य में दो अस्थायी राजधानियां कहां तक ठीक ? कांग्रेस ने ही गैरसैंण विकास का सिलसिला शुरू किया था और अब स्थायी राजधानी के मुकाम तक भी कांग्रेस ही ले जाएगी-सूर्यकांत धस्माना, प्रदेश उपाध्यक्ष-कांग्रेस

गैरसैण की टाइमलाइन

◆2012 में गैरसैंण ब्लाक सभागार में केबिनेट का आयोजन
◆2013 में विधानसभा भवन का शिलान्यास
◆2014 में गैरसैंण में तंबू में विधानसभा सत्र
◆2015 में पॉलिटेक्निक में विधानसभा सत्र
◆20162017 और 2018 में भराडीसैंण में सत्र
◆ 2020 में भराडीसैंण के विधानसभा में आयोजित बजट सत्र में ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा

Gaisen
बर्फ की श्वेत चादर ओढ़े गैरसेंण का विधान सभा भवन


ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में विकास कार्यो में तेजी की संभावना

पेयजल की सुचारु आपूर्ति के लिए रामगंगा पर चैरड़ा झील का निर्माण किया जा रहा है। झील बनने के बाद भराड़ीसैंण, गैरसैंण और आसपास के क्षेत्र में ग्रेविटी पर जल उपलब्ध हो सकेगा। गैरसैंण की कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है , भराड़ीसैंण, गैरसैंण को जोड़ने वाली सड़कों को आवश्यकतानुसार चौड़ा किया जाएगा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट पर पहले से ही तेजी से काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर रेल गैरसैंण के काफी निकट तक पहुंच जाएगी। जिससे राजधानी क्षेत्र में जाना काफी सुविधजन हो जाएगा ।

पॉजिटीव वेब : डीएम मंगेश की अच्छी पहल , कोरोना धोकर करो कार्यालय में प्रवेश , जाने क्या है पूरी खबर ।।web news।।


टिहरी पहला जिला साबुन से हाथ धोकर कार्यालय प्रवेश ।

उत्तराखंड प्रदेश में टिहरी गढ़वाल पहला जिला है जहां पर जिले के प्रत्येक सरकारी कार्यालय के बाहर वाशबेसन लगाकर कार्यालय में साबुन से हाथ धोकर प्रवेश करना जरूरी कर दिया है। इसके साथ ही प्रत्येक कार्यालय के मुख्यद्वार पर हेंड सेनेटाईजेशन की व्यवस्था विजिटरों के लिए रखी गई है। यहां पर तैनात कर्मचारी को रजिस्टर में विजिटरों का ब्यौरा मोबाइल नंबर के साथ भरने का काम किया जा रहा है। इस तरह के ठोस प्रयास से कोरोना संक्रमण पर जहां रोक लगना तय है, वहीं कार्यालयों में आवाजाही करने वालों का ब्यौरा कोरोना संक्रमण की रोकथाम में अहम होगा।
कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है। सभी का पहला प्रयास होना चाहिए कि कोरोना का संक्रमण किसी भी हाल में कम्यूनिटी में न पहुंचे। इसके लिए सतर्कता व सावधानी जरूरी है। सावधानी के उपायों को अपनाना भी जमीनी तौर पर जरूरी है- मंगेश घिल्डियाल,जिलाधिकारी , टिहरी गढ़वाल
डीएम मंगेश घिल्डियाल कोरोना संक्रमण को लेकर किस कदर तत्परता बरत रहे हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने प्रत्येक कार्यालय के बाहर वाशबेसन लगवाने के साथ ही गेट पर हेंड सेनेटाईजेशन के साथ विजिटरों के लिए रजिस्टर रखवाकर आने-जाने वालों का ब्यौरा तत्परता से रखने का काम शुरू करवा दिया है।

डीएम की इस पहल से कार्यालय के अधिकारी, कर्मचारियों के साथ साथ आम लोग भी खुश है और डीएम के इस कार्य की खूब प्रशंसा कर रहे है , साथ अन्य जिलों के लिए कोरोना से लड़ने के लिये कारागर रणनीति की नजीर भी पेश की उम्मीद है अन्य जिलों में इस पहल को अपनाया जाएगा ।

सोमवार, 8 जून 2020

विधानसभा अध्यक्ष ने अपने विधानसभा क्षेत्र में की 2 लाख 60 हजार की आर्थिक सहायता, जाने क्या है पूरी खबर ।। web news।।


विधान सभा अध्यक्ष ने अपने विधानसभा क्षेत्र में दिखाई दरियादिली,जरूरतमन्दों की आर्थिक सहायता ।

ऋषिकेश ।। कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन से लोगों की आर्थिक गतिविधियों पर बुरा असर पड़ा है खासकर गरीब तबके के लोगो का तो दो बार के भोजन के संकट से गुजरना पड़ा है , राहत की बात यह रही कि इन लोगों को समय समय पर सहायता के लिए कई लोग आगे आये है । उत्तराखण्ड विधान सभा के अध्यक्ष ने अपने विधानसभा क्षेत्र में लॉक डाउन में जरूरत मंदों की हर संभव मदद की है क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे इसके लिए वह दिन रात तत्पर रहे हैं। इसी क्रम में आज विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने 52 जरूरतमंद लोगों को अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से 2 लाख 60 हज़ार रुपये के आर्थिक सहायता के चेक वितरित किए।

इस संकट के समय में यह आर्थिक सहायता जरूरतमंद व्यक्ति के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। यह आर्थिक सहायता सभी विधायकों के माध्यम से कोरोना महामारी से उत्पन्न हालातों के बीच लॉकडाउन में पूरे प्रदेश के ज़रूरतमंद लोगों को वितरित की है। यह उनके विवेकाधीन कोष से दी जाने वाली एक क्षणिक सहायता राशि है, किसी भी प्रकार की कोई योजना नहीं। अब अपने दैनिक कार्यों पर लग कर पहले की तरह अपनी आर्थिकी को मजबूत करें- प्रेम चंद अग्रवाल, विधान सभा अध्यक्ष

इस अवसर पर ऋषिकेश मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, श्यामपुर मंडल अध्यक्ष गणेश रावत, नगर निगम पार्षद विकास तेवतिया, सरोज डिमरी, कविता साह,महामंत्री हिमांशु संगतानी, सुमित पवार, रविंद्र कश्यप, ऋषि राजपूत,सरदार बलविंदर सिंह, अनन्त राम भट्ट, महावीर चमोली, अजित वशिष्ठ, सतानन्द यादव, सुनील यादव, दिलीप कुमार, जगदम्बा सेमवाल सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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श्रद्धांजलि : प्रकृति के करीबी सदा के लिए प्रकति में विलीन हो गये।।web news।।

नही रहे प्रकृति छायाकार, लेखक, घुमन्तु पत्रकार दिनेश कंडवाल।

देहरादून डिस्कवर मासिक पत्रिका के सम्पादक,प्रकृति छायाकार, लेखक, घुमन्तु पत्रकार दिनेश कंडवाल ने ओएनजीसी हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली है। तबियत खराब होने पर दो दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

दिनेश कंडवाल ने अपनी जिंदगी की शुरुआती पत्रकारिता ऋषिकेश में भैरव दत्त धूलिया के अखबार तरुण हिन्द से बतौर पत्रकार शुरू की। उसके बाद उन्होने एक प्रिटिंग प्रेस भी चलाई व एक अखबार का सम्पादन भी किया। ओएनजीसी में नौकरी लगने के बाद भी उन्होंने अपना लेखन कार्य जारी रखा उन्होंने स्वागत पत्रिका, धर्मयुग, कादम्बनी, हिन्दुस्तान, नवीन पराग, सन्डे मेल सहित दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में उनके लेख छपते रहते थे। 2012 में ओएनजीसी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति से पहले ही उन्होंने 2010 में अपनी पत्रकारिता को व्यवसायिकता देते हुए "देहरादून डिस्कवर" नामक पत्रिका का नाम आरएनआई को अप्रूव के लिए भेजा व 10 अक्टूबर 2011 में उनकी मैगजीन का विधिवत प्रकाशन शुरू हुआ। लगभग 66 साल की उम्र में उनकी अंतिम यात्रा "हिमालयन दिग्दर्शन ढाकर शोध यात्रा 2020" शामिल रही जिसमें उन्होंने 4 दिन की इस ऐतिहासिक शोध यात्रा में लगभग 42 किमी. पैदल सहित 174 किमी. की यात्रा की।त्रिपुरा सरकार द्वारा उनकी पुस्तक “त्रिपुरा की आदिवासी लोककथाए ” प्रकाशित की गयी जो आज भी वहां की स्टाल पर सजी मिलती है। इसके अलावा उन्होंने ओएनजीसी की त्रिपुरा मैगजीन “त्रिपुरेश्वरी” पत्रिका का बर्षों सम्पादन किया।

कुछ दिन पहले अपनी फ़ेसबुक पर कहा

#My_declaration:मैं बता देना चाहता हूं कि मैं कोई फोटोग्राफर नहीं हूं.. क्योंकि मैं कोई फोटो नहीं बेचता हूँ... नहीं मेरा इससे समन्धित कोई व्यवसाय है...लोग मेरे विषय में गलतफहमी पाले बैठे हैं कि मैं कोई फोटोग्राफर हूं। मैं सिर्फ शोकीयातौर पर फोटो खींचता हूँ... वो भी सिर्फ अपने लिए...इससे अधिक कुछ नहीं। आप लोग तारीफ करते हैं इसके लिए शुक्रिया.... हाँ घुमक्कड़ जरूर हूँ....दिनेश कंडवाल 



मुख्यमंत्री, विधान सभा अध्यक्ष शोक जताया


प्रकृति फोटोग्राफर व घुमक्कड़ी के शौकीन लेखक दिनेश कंडवाल जी के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करता हूँ। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें एवं उनके परिजनों को इस असीम दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।विनम्र श्रद्धांजलि।ॐ शांति।।- प्रेमचंद अग्रवाल,अध्यक्ष , विधान सभा उत्तराखण्ड


जाने माने पत्रकार श्री दिनेश कंडवाल जी के निधन का दुःखद समाचार मिलकर मन बहुत व्यथित हुआ। मैं दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ। परमपिता परमेश्वर दिनेश जी को अपने श्रीचरणों में स्थान दें- त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड


सोशल मीडिया भी हुआ भावुक

आप चुपके से चले गए हमे यकीन नही होता पर आपका स्नेह आपकी यादें हमारे पास है आपके साथ गुजारा समय आपका आशीर्वाद हमारे साथ है आपकी हंसी आपका दिया उत्साह हमारे पास है आपकी लेखनी व फोटो हम अभी भी देख रहे हैं और आने वाली पीढ़ी भी देखेगी आप अपने कर्म व व्यवहार से अमर है आप सच्चे कलमकार व देवदूत थे नमन ओम शान्ति- चन्द्रवीर गायत्री, वरिष्ठ पत्रकार



हिमालयन डिस्कवर के संपादकीय प्रमुख और घुम्मकड़ पत्रकार, नेक दिल इन्सान दिनेश कंडवाल जी का आज 3 बजे देहरादून में देहावसान हो गया। केपीजी फिल्मस प्रोडक्शन की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि के साथ शत शत नमन- कान्ता प्रसाद, निर्देशक/अभिनेता एवं ऑनर KPG Films Production


विनम्र श्रद्धांजलि,प्रकृति प्रेमी ,प्रकृति में सदा सदा के लिए विलीन हो गए ।ॐ शांति , शांति, शांति - प्रमोद बेलवाल, सामाजिक कार्यकर्ता

मेरे पिता तुल्य लेकिन मेरे दोस्त मेरे चाचा आज हमें छोड़कर चले गए ।।। चाचा मुझे यकीन नहीं हो पा रहा है कि आप हमें छोड़कर चले गए ।।। आपने कहा था लॉक डाउन खत्म होने के बाद मैं तेरे पास रहने आऊंगा ... आपने वादा तोड़ दिया .... आप चले गए ....अवनीश कुमार, ऋषिकेश



हे भगवान तू कितना निर्दयी है। मेरे अभिन्न मित्र नहीं रहे। बहुत बड़ा आघात दे गए मित्र- मनोज ईष्टवाल, वरिष्ठ पत्रकार



आपकी महान आत्मा को शांति दिनेश कंडवाल सर, एक महान फोटोग्राफर, पक्षी द्रष्टा, पशु प्रेमी, भूवैज्ञानिक, प्रकृति प्रेमी, यात्री और कई गुणों के धनी आपका स्थान कोई भी पूरा नहीं कर सकता।हम सब आपको मिस करेंगे।ॐ शांति - सुरेश बेलवाल, देहरादून