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शनिवार, 30 मई 2020

PM Latter : प्रधानमंत्री की चिट्ठी आयी है, पढ़ें पूरी चिट्ठी ।। web news।।



मोदी सरकार 2.0 के एक साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री की देश के नाम चिट्ठी ।

मेरे प्रिय स्नेहीजन,

आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा। देश में दशकों बाद पूर्ण बहुमत की किसी सरकार को लगातार दूसरी बार जनता ने ज़िम्मेदारी सौंपी थी। इस अध्याय को रचने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका रही है। ऐसे में आज का यह दिन मेरे लिए, अवसर है आपको नमन करने का, भारत और भारतीय लोकतन्त्र के प्रति आपकी इस निष्ठा को प्रणाम करने का।

यदि सामान्य स्थिति होती तो मुझे आपके बीच आकर आपके दर्शन का सौभाग्य मिलता। लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से जो परिस्थितियां बनी हैं, उन परिस्थितियों में, मैं इस पत्र के द्वारा आपके चरणों में प्रणाम करने और आपका आशीर्वाद लेने आया हूँ।

बीते वर्ष में आपके स्नेह, शुभाषीश और आपके सक्रिय सहयोग ने मुझे निरंतर एक नई ऊर्जा, नई प्रेरणा दी है। इस दौरान आपने लोकतंत्र की जिस सामूहिक शक्ति के दर्शन कराए वह आज पूरे विश्व के लिए एक मिसाल बन चुकी है।

वर्ष 2014 में आपने, देश की जनता ने, देश में एक बड़े परिवर्तन के लिए वोट किया था, देश की नीति और रीति बदलने के लिए वोट किया था। उन पाँच वर्षों में देश ने व्यवस्थाओं को जड़ता और भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकलते हुए देखा है। उन पाँच वर्षों में देश ने अंत्योदय की भावना के साथ गरीबों का जीवन आसान बनाने के लिए गवर्नेंस को परिवर्तित होते देखा है।

उस कार्यकाल में जहां विश्व में भारत की आन-बान-शान बढ़ी, वहीं हमने गरीबों के बैंक खाते खोलकर, उन्हें मुफ्त गैस कनेक्शन देकर, मुफ्त बिजली कनेक्शन देकर,  शौचालय बनवाकर, घर बनवाकर, गरीब की गरिमा भी बढ़ाई।

उस कार्यकाल में जहां सर्जिकल स्ट्राइक हुई, एयर स्ट्राइक हुई, वहीं हमने वन रैंक वन पेंशन, वन नेशन वन टैक्स- GST, किसानों की MSP की बरसों पुरानी मांगों को भी पूरा करने का काम किया।

वह कार्यकाल देश की अनेकों आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए समर्पित रहा।

वर्ष 2019 में आपका आशीर्वाद, देश की जनता का आशीर्वाद, देश के बड़े सपनों के लिए था, आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए था। और इस एक साल में लिए गए फैसले इन्हीं बड़े सपनों की उड़ान है।

आज जन-जन से जुड़ी जन मन की जनशक्ति, राष्ट्रशक्ति की चेतना को प्रज्वलित कर रही है। गत एक वर्ष में देश ने सतत नए स्वप्न देखे, नए संकल्प लिए, और इन संकल्पों को सिद्ध करने के लिए निरंतर निर्णय लेकर कदम भी बढ़ाए।

भारत की इस ऐतिहासिक यात्रा में देश के हर समाज, हर वर्ग और हर व्यक्ति ने बखूबी अपना दायित्व निभाया है। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ इस मंत्र को लेकर आज देश सामाजिक हो या आर्थिक, वैश्विक हो या आंतरिक, हर दिशा में आगे बढ़ रहा है।

प्रिय स्नेहीजन,

बीते एक वर्ष में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ज्यादा चर्चा में रहे और इस वजह से इन उपलब्धियों का स्मृति में रहना भी बहुत स्वाभाविक है।

राष्ट्रीय एकता-अखंडता के लिए आर्टिकल 370 की बात हो, सदियों पुराने संघर्ष के सुखद परिणाम - राम मंदिर निर्माण की बात हो, आधुनिक समाज व्यवस्था में रुकावट बना ट्रिपल तलाक हो, या फिर भारत की करुणा का प्रतीक नागरिकता संशोधन कानून हो, ये सारी उपलब्धियां आप सभी को स्मरण हैं।

एक के बाद एक हुए इन ऐतिहासिक निर्णयों के बीच अनेक फैसले, अनेक बदलाव ऐसे भी हैं जिन्होंने भारत की विकास यात्रा को नई गति दी है, नए लक्ष्य दिए हैं, लोगों की अपेक्षाओं को पूरा किया है।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के गठन ने जहां सेनाओं में समन्वय को बढ़ाया है, वहीं मिशन गगनयान के लिए भी भारत ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।

इस दौरान गरीबों को, किसानों को, महिलाओं-युवाओं को सशक्त करना हमारी प्राथमिकता रही है।

अब पीएम किसान सम्मान निधि के दायरे में देश का प्रत्येक किसान आ चुका है। बीते एक वर्ष में इस योजना के तहत 9 करोड़ 50 लाख से ज्यादा किसानों के खातों में 72 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि जमा कराई गई है।

देश के 15 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में पीने का शुद्ध पानी पाइप से मिले, इसके लिए जल जीवन मिशन शुरु किया गया है।

हमारे 50 करोड़ से अधिक के पशुधन के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मुफ्त टीकाकरण का बहुत बड़ा अभियान भी चलाया जा रहा है।

देश के इतिहास में यह भी पहली बार हुआ है जब, किसान, खेत मजदूर, छोटे दुकानदार और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक साथियों, सभी के लिए 60 वर्ष की आयु के बाद 3 हज़ार रुपए की नियमित मासिक पेंशन की सुविधा सुनिश्चित हुई है।

मछुआरों की सहूलियत बढ़ाने के लिए, उनको मिलने वाली सुविधाएं बढ़ाने और ब्लू इकॉनॉमी को मजबूत करने के लिए विशेष योजनाओं के साथ-साथ अलग से विभाग भी बनाया गया है। इसी तरह व्यापारियों की समस्याओं के समय पर समाधान के लिए व्यापारी कल्याण बोर्ड के निर्माण का निर्णय लिया गया है। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी लगभग 7 करोड़ बहनों को भी अब ज्यादा वित्तीय सहायता दी जा रही है। हाल में ही स्वयं सहायता समूहों के लिए बिना गारंटी के ऋण को 10 लाख से बढ़ाकर दोगुना यानि 20 लाख कर दिया गया है।

आदिवासी बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए, देश में 450 से ज्यादा नए एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूलों के निर्माण का अभियान भी शुरू किया गया है।

सामान्य जन के हित से जुड़े बेहतर कानून बनें, इसके लिए भी बीते वर्ष में तेज गति से कार्य हुआ है। हमारी संसद ने अपने कामकाज से दशकों पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

इसी का परिणाम है कि चाहे कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट हो, चिटफंड कानून में संशोधन हो, दिव्यांगों, महिलाओं और बच्चों को अधिक सुरक्षा देने वाले कानून हों, ये सब तेज़ी से बन पाए हैं।

सरकार की नीतियों और निर्णयों की वजह से शहरों और गांवों के बीच की खाई कम हो रही है। पहली बार ऐसा हुआ है जब गांव में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या, शहर में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों से 10 प्रतिशत ज्यादा हो गई है।

देशहित में किए गए इस तरह के ऐतिहासिक कार्यों और निर्णयों की सूची बहुत लंबी है। इस पत्र में सभी को विस्तार से बता पाना संभव नहीं। लेकिन मैं इतना अवश्य कहूंगा कि एक साल के कार्यकाल के प्रत्येक दिन चौबीसों घंटे पूरी सजगता से काम हुआ है,  संवेदनशीलता से काम हुआ है, निर्णय लिए गए हैं।

प्रिय स्नेहीजन,

देशवासियों की आशाओं-आकाँक्षाओं की पूर्ति करते हुए हम तेज गति से आगे बढ़ ही रहे थे, कि कोरोना वैश्विक महामारी ने भारत को भी घेर लिया।

एक ओर जहां अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं और विशाल अर्थव्यवस्था वाली विश्व की बड़ी-बड़ी महाशक्तियाँ हैं, वहीं दूसरी ओर इतनी बड़ी आबादी और अनेक चुनौतियों से घिरा हमारा भारत है।

कई लोगों ने आशंका जताई थी कि जब कोरोना भारत पर हमला करेगा, तो भारत पूरी दुनिया के लिए संकट बन जाएगा।

लेकिन आज सभी देशवासियों ने भारत को देखने का नजरिया बदलकर रख दिया है। आपने ये सिद्ध करके दिखाया है कि विश्व के सामर्थ्यवान और संपन्न देशों की तुलना में भी भारतवासियों का सामूहिक सामर्थ्य और क्षमता अभूतपूर्व है।

ताली-थाली बजाने और दीया जलाने से लेकर भारत की सेनाओं द्वारा कोरोना वॉरियर्स का सम्मान हो, जनता कर्फ्यू या देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नियमों का निष्ठा से पालन हो, हर अवसर पर आपने ये दिखाया है कि एक भारत ही श्रेष्ठ भारत की गारंटी है।

निश्चित तौर पर, इतने बड़े संकट में कोई ये दावा नहीं कर सकता कि किसी को कोई तकलीफ और असुविधा न हुई हो। हमारे श्रमिक साथी, प्रवासी मजदूर भाई-बहन, छोटे-छोटे उद्योगों में काम करने वाले कारीगर, पटरी पर सामान बेचने वाले, रेहड़ी-ठेला लगाने वाले, हमारे दुकानदार भाई-बहन, लघु उद्यमी, ऐसे साथियों ने असीमित कष्ट सहा है। इनकी परेशानियां दूर करने के लिए सभी मिलकर प्रयास कर रहे हैं।

लेकिन हमें ये भी ध्यान रखना है कि जीवन में हो रही असुविधा, जीवन पर आफत में न बदल जाए। इसके लिए प्रत्येक भारतीय के लिए प्रत्येक दिशा-निर्देश का पालन करना बहुत आवश्यक है। जैसे अभी तक हमने धैर्य और जीवटता को बनाए रखा है, वैसे ही उसे आगे भी बनाए रखना है। यह एक बड़ा कारण है कि भारत आज अन्य देशों की तुलना में ज्यादा संभली हुई स्थिति में है। ये लड़ाई लंबी है लेकिन हम विजय पथ पर चल पड़े हैं और विजयी होना हम सबका सामूहिक संकल्प है।

अभी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए अम्फान चक्रवात के दौरान जिस हौसले के साथ वहां के लोगों ने स्थितियों का मुकाबला किया, चक्रवात से होने वाले नुकसान को कम किया, वह भी हम सभी के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।

प्रिय स्नेहीजन,

इन परिस्थितियों में, आज यह चर्चा भी बहुत व्यापक है कि भारत समेत तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं कैसे उबरेंगी? लेकिन दूसरी ओर ये विश्वास भी है कि जैसे भारत ने अपनी एकजुटता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया को अचंभित किया है, वैसे ही आर्थिक क्षेत्र में भी हम नई मिसाल कायम करेंगे। 130 करोड़ भारतीय, अपने सामर्थ्य से आर्थिक क्षेत्र में भी विश्व को चकित ही नहीं बल्कि प्रेरित भी कर सकते हैं।

आज समय की मांग है कि हमें अपने पैरों पर खड़ा होना ही होगा। अपने बलबूते पर चलना ही होगा और इसके लिए एक ही मार्ग है - आत्मनिर्भर भारत।

अभी हाल में आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए दिया गया 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज, इसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है।

यह अभियान, हर एक देशवासी के लिए, हमारे किसान, हमारे श्रमिक, हमारे लघु उद्यमी, हमारे स्टार्ट अप्स से जुड़े नौजवान, सभी के लिए, नए अवसरों का दौर लेकर आएगा।

भारतीयों के पसीने से, परिश्रम से और उनकी प्रतिभा से बने लोकल उत्पादों के दम पर भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा और आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ेगा।

प्रिय स्नेहीजन,

बीते छह वर्षों की इस यात्रा में आपने निरंतर मुझ पर आशीर्वाद बनाए रखा है, अपना प्रेम बढ़ाया है। आपके आशीर्वाद की शक्ति से ही, देश पिछले एक साल में ऐतिहासिक निर्णयों और विकास की अभूतपूर्व गति के साथ आगे बढ़ा है। लेकिन फिर भी मुझे पता है कि अब भी बहुत कुछ करना बाकी है। देश के सामने चुनौतियां अनेक हैं, समस्याएं अनेक हैं। मैं दिन-रात प्रयास कर रहा हूं। मुझ में कमी हो सकती है लेकिन देश में कोई कमी नहीं है। और इसलिए, मेरा विश्वास स्वयं से ज्यादा आप पर है, आपकी शक्ति, आपके सामर्थ्य पर है।

मेरे संकल्प की ऊर्जा आप ही हैं, आपका समर्थन, आपका आशीर्वाद, आपका स्नेह ही है।

वैश्विक महामारी के कारण, यह संकट की घड़ी तो है ही, लेकिन हम देशवासियों के लिए यह संकल्प की घड़ी भी है।

हमें यह हमेशा याद रखना है कि 130 करोड़ भारतीयों का वर्तमान और भविष्य कोई आपदा या कोई विपत्ति तय नहीं कर सकती।

हम अपना वर्तमान भी खुद तय करेंगे और अपना भविष्य भी।

हम आगे बढ़ेंगे, हम प्रगति पथ पर दौड़ेंगे, हम विजयी होंगे।

हमारे यहां कहा गया है- ‘कृतम् मे दक्षिणे हस्ते, जयो मे सव्य आहितः’॥

यानि, हमारे एक हाथ में कर्म और कर्तव्य है तो दूसरे हाथ में सफलता सुनिश्चित है।

देश की निरंतर सफलता की इसी कामना के साथ मैं आपको पुन: नमन करता हूं।

आपको और आपके परिवार को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।

स्वस्थ रहिए, सुरक्षित रहिए !!!

जागृत रहिए, जागरूक रखिए !!!

आपका प्रधानसेवक

नरेंद्र मोदी

सरकारी कार्यलय सुबह 10:00 बजे से श्याम 5:00 बजे तक क्या लॉक डाउन खोलने की तैयारी में है सरकार , पढे पूरी खबर ।। web news ।।


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सरकारी कार्यालयों एवं अधिकारी/ कर्मचारियों की सख्या के नए नियम 1 जून से होंगे लागू


लॉकडाउन की अवधि में प्रदेश के शासकीय कार्यालयों का समय सामान्य किया जाा रहा है साथ ही अधिकारी/ कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है

कार्यालयों की समय अवधि सामान्य करने के आदेश

1 जून से प्रदेश समस्त शासकीय कार्यलय, विभागस्तर पर प्रातः 10:00 बजे सांय 5:00 बजे तक एवं पांच दिवसीय कार्यालयों यथा राज्य सचिवालय एवं राज्य विधानसभा आदि में प्रातः 930 से सांय 600 बजे तक खोले जायेंगे। 

अधिकारी / कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी

शासकीय कार्यालयों में समुह क एवं ख के अधिकारी ने शत प्रतिशत तथा समुह ग एवं घ उपस्थिति 50 प्रतिशत सुनिश्चित की जायेगी ।

लॉक डाउन में ढील देकर जन जीवन सामान्य करने की कोशिश

सरकार की इन महत्वपूर्ण परिवर्तनों से लॉक डाउन को धीरे धीरे खत्म कर जन जीवन को सामान्य करने की ओर देखा जा सकता है लेकिन कोरोना संक्रमितों की संख्या में आ रही तेजी सबके लिए चिंता दायक बना हुआ है ।

यह भी पढे -पॉजिटीव वेब : केबिनेट ने लिए अहम फैसले क्या है आपके लिए खास पढे पूरी खबर ।। web news uttarakhand ।।


पॉजिटीव वेब : केबिनेट ने लिए अहम फैसले क्या है आपके लिए खास पढे पूरी खबर ।। web news uttarakhand ।।

कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक

उत्तराखंड कैबिनेट  के अहम फैसले

1. कोविड सैंपलिंग, टैस्टिंग की प्रक्रिया को गति दी जायेगी। प्राइवेट लैब को टैंडर प्रक्रिया से लेने के लिए 04 दिन का अवधि निर्धारित किया गया।
2. किसी भी कार्मिक के किसी भी रूप में भत्ते में कटौती नहीं की जायेगी, मुख्य सचिव से लेकर नीचे के सभी कार्मिकों का प्रत्येक माह में, एक दिन का वेतन वर्तमान वित्त वर्ष में मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जायेगा। पेंशनरों से किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जायेगी। दायित्वधारियों का प्रत्येक माह में 05 दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जायेगा, वर्तमान वित्त वर्ष तक।



3. मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना में राहत प्रदान की गयी है। बागवानी मिशन में सब्जी, बीज, पुष्प पर दिया जाने वाला 50 प्रतिशत का अनुदान शेष सभी कृषकों को दिया जायेगा। बागवानी मिशन से अलग फल, बीज, आलू, अदरक 50 प्रतिशत राज्य सहायता अनुदान के रूप में दिया जायेगा तथा कोल्ड स्टोर और ए.सी. वैन पर भी अनुदान दिया जायेगा। 15 लाख रूपये लागत के कोल्ड स्टोरेज पर 50 प्रतिशत अनुदान तथा 26 लाख रूपये ए.सी वैन की लागत पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा।


4. श्रम विभाग के श्रम अधिनियम के अंतर्गत दुकान, प्रतिष्ठान के नियोजकों को संदिग्ध कोविड कर्मचारियों को 28 दिन के क्वॉरंटीन अवधि का वेतन भुगतान करना होगा
सभी दुकानों, कारखानों जहाँ 10 से अधिक कर्मचारी हैं, कोविड को रोकथाम हेतू सैनिटाइजर की व्यवस्था की जायेगी।

5. उत्तराखण्ड उपखनिज 2016 चुगान नीति में परिवर्तन करते हुए निगम के पट्टे की अवधि 01 वर्ष से बढ़ाकर 05 वर्ष कर दी गयी। यदि अन्य क्षेत्र में टेंडर के बाद कोई फर्म नहीं मिलता है तो इसका संचालन निगम करेगा।
6. कोविड स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत उपकरण क्रय का अधिकार 03 माह से बढ़ाकर 28 फरवरी तक कर दिया गया है। अग्रिम धनराशि को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया। निदेशक के 03 करोड़ के अधिकार को अब प्राचार्य भी उपयोग कर सकेंगे।
7. श्रम सुधार अधिनियम में यूनियन बनाने के लिए कर्मचारियों के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत की संख्या कर दी गयी।
8. रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्ट्री की डिजिटल नकल 02 रूपये प्रति पृष्ठ और न्यूनतम 100 रूपये की गयी।
9. आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग में भर्ती के लिये 03 माह की निर्धारित अवधि बढ़ाकर 20 फरवरी 2021 किया गया।
10. मेगा इंडस्ट्री एवं इंवेस्टमेंट पालिसी में संसोधन करते हुए वैधता अवधि 31 मार्च 2020 से 30 जून 2020 किया गया।



11. उत्तरकाशी में 1000 मि.टन क्षमता को बनाने के लिए मंडी परिषद को 10 करोड़ से बढ़ाकर 13 करोड़ 46 लाख में बनाने का अधिकार दिया गया।
12. जिला योजना समिति के चुनाव के संबंध में अध्यादेश लाते हुए जिलाधिकारी प्रभारी मंत्री की स्वीकृति से कार्य करा सकते है।
13. पंचायती राज अध्यादेश लाते हुए जहाँ पर जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख ग्राम प्रधान का चुनाव नहीं हो पाया है एवं अन्य पदों का चुनाव हो गया है वहां जिलाधिकारी के माध्यम से शेष पदों पर मनोनीत किया जा सकता है।

यह भी पढे- पॉजिटीव वेब : बाजार खुलेगें 7 बजे से 7 बजे तक, पढे क्या है पूरी खबर ।।web news।।

Dlsa News :जिला विधिक सचिव नेहा कुशवाहा ने टीम के साथ किया क्वारंटाइन केन्द्रों का निरीक्षक , जाने क्या है पूरी खबर ।।web news।।


DLSA की टीम क्वारंटाइन केन्द्रों का निरीक्षण करते हुए


DLSA की टीम क्वारंटाइन केन्द्रों में पहुंची , जाना केन्द्रों और लोगों  का हाल

नैनीताल हाईकोर्ट के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून की सचिव नेहा कुशवाहा एवं जिला विधिक के कार्यकर्ताओं ने देहरादून जिले के क्वारन्टाईन केन्द्रों का निरीक्षण किया , निरीक्षण में क्वारन्टाईन केन्द्रों की स्थिति संतोषजनक पायी गयी, क्वारन्टाईन केन्द्रों में लोगों से जानकारी ली गयी ।

क्वारंटाइन केन्द्रों के निरीक्षण में इनकी जाँच की

क्वारंटाइन केन्द्रों में बिजली/पानी,पेयजल, स्वच्छता व नियमित सेनीटाइजेशन, समय पौष्टिक भोजन,साफ व पर्याप्त संख्या में शौचालय/स्नानागार,शिकायत पंजिका व शिकायत हेतु उच्चाधिकारियों के नम्बर, स्वच्छ बिस्तर,  नियमित चिकित्सकीय परीक्षण,मनोरंजन व्यवस्था, Do's and Dont's चार्ट, चौबीसों घण्टे केयरटेकर की उपलब्धता , मास्क/सेनेटाइटजर की उपलब्धता सामाजिक दूरी के नियमों का अनुपालन आदि की स्थिति का अवलोकन किया गया एवं क्वारंटाइन केन्द्रों में रह रहे लोगों से पूछा गया जिसमें स्थिति संतोषजनक पायी गयी ।

निरीक्षण करने वाली टीम

सचिव नेहा कुशवाहा, पी एल वी समीना,जहांगीर आलम, सुरेश उनियाल ,सुनीता ,रूपेश कुमार ,शुजात अली आदि ।

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शुक्रवार, 29 मई 2020

बड़ी खबर: उत्तराखंड में कोरोना का कहर, 602 कोरोना से संक्रमित, जिलेवार रिपोर्ट के लिए पढे पूरी खबर ।। web news ।।

Corona-update

देहरादून में रिकार्ड एक ही दिन में 54 पॉजिटीव केस के साथ प्रदेश में 102 नए केस सामने आए, अब कोरोना संक्रमितों की संख्या 602 तक जा पहुंची।

उत्तराखंड में लगातार कोरोना का कहर जारी है , शुक्रवार को 102 नए कोरोना मरीज सामने आने के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 602 पहुंची गयी है। स्वस्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए अभी अभी के हेल्थ बुलेटिन में इसकी जानकारी दी गई है। 

जिल्लेवार आज हुए संक्रमितों की संख्या

अल्मोड़ा में 15, 
बागेश्वर में 08,
देहरादून में 54,
हरिद्वार में 04,
नैनीताल में 03
रुद्रप्रयाग =2
टिहरी गढ़वाल 08
पौड़ी गढ़वाल में 02,
पिथौरागढ़ में 01
ऊधम सिंह नगर =4,

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पॉजिटीव वेब : बाजार खुलेगें 7 बजे से 7 बजे तक, पढे क्या है पूरी खबर ।।web news।।

Meeting,
बैठक में दिशा निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने  हाई लेवल बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण फैसले

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को देर सांय मुख्यमंत्री आवास में मुख्य सचिव के साथ ही शासन के उच्चाधिकारियों के साथ प्रदेश में कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए।

बाजारों को प्रातः 07:00 बजे से सांय 07:00 बजे तक खोलने का फैसला ।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के साथ ही क्वॉरेंटाइन सेंटरों की व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करने के व्यापक निर्देश भी दिये। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मार्केट खुलने के समय को प्रातः 07:00 बजे से सांय 07:00 बजे तक किया जाए।

यात्रा पास व श्रमिकों को कार्य अनुमति देने का निर्णय ।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि अन्तरजनपदीय यात्राओं के लिये सम्बन्धित व्यक्ति द्वारा दी गई सूचना के साथ ही उसे अविलम्ब पास की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाए। उन्होंने छोटे निर्माण कार्यों के लिये स्थानीय स्तर पर श्रमिकों को अनुमति प्रदान करने के साथ ही जो व्यक्ति अपने कार्य से सीमित अवधि के लिये आ रहे हैं उनके लिये क्वॉरेंटाइन की अवधि की अनिवार्यता में शिथिलता प्रदान करने को कहा।

लोक डाउन के नियमों का पालन हो ।

मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को यह भी निर्देश दिये कि बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था का अनुपालन कड़ायी से सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक के अनुरोध पर कोविड- 19 के दृष्टिगत ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को आवश्यकतानुसार पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था के लिये अपेक्षित धनराशि की व्यवस्था आपदा प्रबंधन एवं विभागीय बजट से किये जाने के भी निर्देश दिये।

जनजागरूकता अभियान तेज किये जायें

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों में कोरोना वायरस के भय को दूर करने, तथा इसके बचाव के उपायों की जानकारी उपलब्ध कराने के लिये इससे जुड़े डॉक्टरों के छोटे-छोटे वीडियो तैयार कर ग्राम पंचायतों तक उपलब्ध कराये जाएं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों के अनुभवों को भी इसमें शामिल किया जाए ताकि समाज में कोरोना के प्रति सकारात्मक सोच विकसित हो सके।

प्रभावी उपचार में तेजी लायी जाए ।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से जनपद में इस महामारी की रोकथाम के लिये प्रभावी व्यवस्था बनाये रखने तथा बीमार व्यक्तियों के उचित उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सेनिटाइजर के अनिवार्य रूप के उपयोग से हम इस महामारी को रोकने में कामयाब हो सकेंगे। इस दिशा में जन जागरूकता के प्रसार पर भी उन्होंने बल दिया।

बैठक में उपस्थित अधिकारी गण ।

बैठक में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, सचिव श्री अमित नेगी, श्री नितेश झा, श्रीमती राधिका झा, श्री शैलेश बगोली, पुलिस महानिदेशक श्री अनिल रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था श्री अशोक कुमार, आई.जी श्री संजय गुंज्याल, श्री अभिनव कुमार व श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

गुरुवार, 28 मई 2020

बड़ी खबर : रिवर्स पलायन बढावा के लिए "मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’’ का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ , जाने क्या है पूरी खबर ।। web news ।।

मुख्यमंत्री-रोजगार-योजना

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना युवाओ और प्रवासियों को रोजगार देने की बड़ी योजना ।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, राज्य के उद्यमशील युवाओं और कोविड-19 के कारण उत्तराखण्ड वापस लौटे लोगों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्घ कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इससे कुशल और अकुशल दस्तकार, हस्तशिल्पि और बेरोजगार युवा खुद के व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित होंगे। राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य सरकार द्वारा रिवर्स पलायन के लिए किए जा रहे प्रयासों में योजना महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये

इस योजना की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाई जाय ताकि युवा इस योजना का लाभ उठा सकें। जन प्रतिनिधियों एवं जिलास्तरीय अधिकारियों के माध्यम से योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किकया जाय। इस योजना के तहत लाभार्थियों को लोन लेने में कोई समस्या न हो इसके लिए जिलाधिकारी, बैंकर्स से समन्वय करें-त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड

मार्जिन मनी होगी अनुदान के रूप में समायोजित

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों के माध्यम से सभी पात्र विनिर्माणक, सेवा और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए वित्त पोषित किया जायेगा। एमएसएमई विभाग द्वारा योजना के अन्तर्गत मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जायेगी। विनिर्माण क्षेत्र में परियेाजना की अधिकतम लागत 25 लाख रूपये और सेवा व व्यवसाय क्षेत्र के लिए अधिकतम लागत 10 लाख रूपये होगी। एमएसएमई नीति के अनुसार वर्गीकृत श्रेणी ए में मार्जिन मनी की अधिकतम सीमा कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत, श्रेणी बी व बी़ में 20 प्रतिशत तथा सी व डी श्रेणी में कुल परियोजना लागत का 15 प्रतिशत तक मार्जिन मनी के रूप में देय होगी। उद्यम के 02 वर्ष तक सफल संचालन के बाद मार्जिन मनी, अनुदान के रूप में समायोजित की जायेगी। योजना के अन्तर्गत सामान्य श्रेण्ी के लाभार्थियों द्वारा परियोजना लागत का 10 प्रतिशत जबकि विशेष श्रेणी के लाभार्थियों को कुल परियोजना लागत का 05 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना मुख्य बिंदु

■ विनिर्माण में 25 लाख रूपये और सेवा क्षेत्र में 10 लाख रूपये तक की परियोजनाओं पर मिलेगा ऋण।
■राज्य के उद्यमशील एवं प्रवासी उत्तराखण्डवासियों को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना मुख्य उद्देश्य।
■ युवाओं को मिलेगा स्वरोजगार का अवसर, रिवर्स पलायन को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में पात्रता की शर्तें एवं अहर्ता

◆इस योजना के अन्तर्गत आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
◆शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं है।
◆योजना के अन्तर्गत उद्योग, सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र में वित्त पोषण सुविधा उपलब्ध होगी।
◆ आवेदक अथवा उसके परिवार के सदस्य को योजना के तहत केवल एक बार लाभान्वित किया जायेगा।
◆लाभार्थियों का चयन अधिक आवेदन प्राप्त होने पर प्रोजेक्ट वायबिलिटी को देखते हुए ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर किया जायेगा।

आवेदन की प्रक्रिया एवं योजना का क्रियान्वयन

आवेदक, महाप्रबंधक एवं जिला उद्योग केन्द्रों में आॅनलाईन एवं मैनुअल आवेदन कर सकते हैं। योजना के क्रियान्वयन के लिए एमएसएमई विभाग के नियंत्रणाधीन उद्योग निदेशालय, उत्तराखण्ड नोडल विभाग होगा। योजना का क्रियान्वयन जिला स्तर पर जिला उद्योग केन्द्र द्वारा किया जायेगा।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री रमेश भट्ट, आईटी सलाहकार श्री रवीन्द्र दत्त, निदेशक उद्योग श्री सुधीर नौटियाल आदि उपस्थित थे।

Online Charcha : पलायन रोकने के लिए ड्रीम्स का गोल्डन ड्रीम , जानने के लिए पढे पूरी खबर ।। web news ।।



Dreams

पलायन रोकने हेतु कैसे हो स्थानीय संसाधनों का विकास विषय पर ऑनलाइन परिचर्चा

देहरादून ।। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण विभिन्न राज्यों से बडी संख्या में प्रवासी उत्तराखण्डवासी वापस अपने गाँव आ रहे है। राज्य सरकार द्वारा प्रवासी लोगो के लिए योजनाएं तैयार की जा रही है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ड्रीम्स संस्था द्वारा एक अभिनव प्रयोग किया गया। प्रवासी लोग अपने गाँव में रहकर ही रोजगार को अपनाए और इस रिवर्स पलायन के बाद पुनः पलायन को कैसे रोका जायए इसके लिये ड्रीम्स संस्था द्वारा समाज के विभिन्न बुद्विजीवियों एवं विषय विशेषज्ञों के साथ ऑन लाइन वीडियो के माध्यम चर्चा की गई। चर्चा का विषय "कोरोना काल में रिवर्स पलायन के पश्चात् पुनः पलायन रोकने हेतु कैसे हो स्थानीय संसाधनों का विकास" रखा गया था।
"संस्था का यह प्रयास सफल रहा पिछ्ले एक सप्ताह में हर रोज एक वीडियो जारी किया गया। जिसमें समाज के विभिन्न बुद्विजीवियों एवं विषय विशेषज्ञों के ऑन लाइन वीडियो भेजकर अपने विचार व्यक्त किये गये"- दीपक नौटियाल , महासचिव, ड्रीम्स
1- प्रथम उद्बोधन  "अनूप नौटियाल" ने उत्तराखंड में पलायन के असर के बारे में बताते हुए विभिन्न प्रकार के पलायन के आंकड़े दिये। उन्होंने कहा कि पलायन को रोकने में सरकारें नाकाम रही है। वर्तमान सरकार ने पलायन आयोग का गठन किया।  पलायन आयोग की रिपोर्ट के आंकड़े अपने विचारों के माध्यम से रखे इस कोरोना अवधि में उन्होंने 10 जिलों में अब तक 69360 लोगों के वापस आने की बात कहीं थी। उन्होंने लौटे हुए लोगों के प्रति चिंता जता कर सरकार से जल्दी योजना बनाने और लागु करने पर जोर दिया।

2- दूसरे उद्बोधन में शिक्षक संघ के कोषाध्यक्ष सतीश घिल्डियाल ने भी सरकार से मांग की कि योजनाएं शार्ट टर्म हों और जल्दी से लागु होंए उन्होंने कहा कि लौटे लोगों को योजनाओं की जानकारी एवं उनके लायक कार्य के प्रति उन्हें जानकारी एवं मार्ग दर्शन जल्दी से एवं गंभीरता से देने की आवश्य्कता है। उन्हें किसानों को तकनिकी ज्ञान देने एवं खेतोँ की चैकबंदी करने की दिशा में काम करने को कहा । व्यक्ति स्किलड हो सकता है तो यहां पर सर्विस सेक्टर को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होंने इंडस्ट्रियल हैम्प (भाँग) की खेती करवाने पर जोर दिया जो कि बहुत अधिक महंगी बिकती है और जानवर भी इसे नुकसान नहीं पहुंचाते। इसके अलावा दवाई हेतु उपयोगी कंडाली और बिजली बनाने हेतु पहले से ही प्रचुर मात्रा में पाई जाने वाली चीड़ का सदुपयोग करवाने पर जोर दिया।

3-  तीसरे उद्बोधन में विजय प्रसाद मैठाणी ने भी पलायन के आंकड़ों को रखते हुए पर्यावरण की बहुत सी सभावनाओं जरुरत बताया। उन्होंने अलग अलग महत्वपूर्ण स्थानों को व्यापारिक केंद्र बनाने के सुझाव दिये। जलश्रोतों के सयोजन की विस्तृत योजना बनाते हुए विद्युत परियोजनाओं पर कार्य करने की बात की ओर ध्यान आकर्षित किया और होम स्टेजों को विकसित करने के लिए अच्छी योजनाओं की अपील की।

4-  चौथे सम्बोधन में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता संजय शर्मा ने अपने अपने गावों में लौटे लोगों के लिए सरकार से ईमानदारी से काम करने पर जोर देते हुए नये छोटे बड़े कारखाने लगाने की बात की ताकि लोगों को रोजगार मिल सके।

5-पांचवें उद्बोधन में हरियाली फाउंडेशन के उपाध्यक्ष राम प्रसाद भट्ट ने सेवानिवृत कर्मचारियों के अनुभवों को सम्मिलित कर लघु एवं कुटीर उद्योगों को विकसित करने की बात की। उन्होंने सरकार को लोगों के लिए बहुत कम व्याज दर पर आसान किस्तों में पूर्ण किए जाने वाले लोन उपलब्ध कराने की सलाह दी।

6-छटवें उद्बोधन में चमोली जिले के नेहरू युवा केंद्र के समन्वयक डा0 योगेश धस्माना के अनुसार उत्तराखंड के पलायन और अन्य प्रदेशों के पलायन में बहुत अंतर है। हमारे यहां स्किल्ड लोगों की अधिकता है तो उनके लिए बहुत जल्दी उसी तरह की योजना बनाने की आवश्यकता है। एक ढांचागत नीति के तहत लोकल क्षेत्र की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए काम करने वालों के लिए सब्सिडी के बजाय वाह्य सपोर्ट की आवश्यकता है। हमें अपना ट्रांसपोर्ट सिस्टम एवं सूचना तंत्र को विशेषकर पहाड़ों के लिए मजबूत करना होगा ताकि हर तरह के कार्यों में तकनीकीय स्वरुप आ सके और रोजगार की संभावना बढे। उन्होंने शिक्षा के स्वरुप को नवोदय विद्यालयों की तरज पर बदलने की जरुरत पर जोर दिया एवं कृषि को तकनीकीय स्वरुप देने की बात कही।

7- सातवें उद्द्बोधन में एच पी ममगाईं ने पशुपालन एवं हर्बल विकास पर भी प्रबल सभावनाएं बताई।

8- आठवें उद्बोधन में शिक्षक अमित कपरुवाण ने इस गोष्ठी के आठवें सम्बोधन में लोकल श्रोतों को तकनीकीय स्वरुप देकर विकसित करने एवं पुनः हिमालयी संसाधनों के विकसित करने के साथ साथ प्रचुरता में उत्पादन पर जोर दिया। उनके अनुसार अगर प्रचुरता होगी तो इस तकनीकीय युग में मार्केट स्वतः ही विकसित हो जायेगा।

9- नवें उद्बोधन में फिल्म निर्माता एवं निर्देशक प्रदीप भंडारी ने इसे एक प्रकार से इसे पुनर्स्थापन नाम दिया और इसे दो श्रेणियों में बाँटा पहली वो जब आज लौटे व्यक्ति के पास कुछ भी नहीं है जिसे स्थापित करने हेतु सरकारी मदद या अन्य क्षेत्रीय समर्थन की आवश्यकता है और एक दीर्घकालीन जब वह स्वयं में निर्भर होने की स्तिथि में होगा। दोनों परिस्थियों के लिए सरकार को गंभीर योजनाएं बनाने की आवश्यकता है।

10- दसवें उद्बोधन में हाई कोर्ट के अधिवक्ता भगवत सिंह नेगी ने 10वें उद्बोधन में पलायन को एक प्राकृतिक, सामयिक एवं प्रस्थितिक प्रक्रिया बताया जो होती रहेगी मगर हमारे क्षेत्रीय संसाधनों का विकास इस तरह से हो कि यही प्रक्रिया विपरीत भी होने लगे अथार्त अपनी रोजी का साधन व्यक्ति पहाड़ों पर भी ढूंढे। कृषि, पशुपालन, पर्यटन, पर्यावरण पर अभी तक कोई भी सरकार गंभीरता से काम नहीं कर पाई है जो अब तनिकीय स्वरुप देकर और भी आसान हो सकता है बस जरुरत सोच और नीयत की।

11- ग्यारवें उद्बोधन में यूथ आइकन के संस्थापक समाजसेवी शशिभूषण मैठाणी ने अपने वीडियो सम्बोधन में सभी लोगों से अपना परिचय सूचना को अपने गावों से जोड़े रखने की और गावों को पूर्ण रूप से न छोड़ने की अपील की। उन्होंने भी सरकार से क्षेत्रीय संसाधनों को विकसित करने हेतु बन रही योजनाओं की सम्पूर्ण एवं सही जानकारी सभी लोगों तक पहुंचाने का अनुरोध किया।
 
12- बारहवें उद्बोधन में राण्उण्मा पालाकुराली जखोली 
रूद्रप्रयाग के विज्ञान के अध्यापक अश्विनी गौड़ ने लोकल उत्पाद की अधिकता एवं उनका ब्रांड बनाकर तकनीकी ढंग देकर उसका वृहद व्यापार करने का सुझाव दिया।

इस श्रृंखला का संयोजन संस्था के उपाध्यक्ष राकेश मैठाणी एवं श्रेया नौटियाल द्वारा बारी.बारी से किया जा रहा है। अभी यह उद्बोधन श्रृंखला जारी है अभी इसमें कुल 20 से 25 उद्बोधनों का संकलन कर उन सभी की एक सूक्ष्म डॉक्यूमेंट्री का निर्माण कर सुझाव स्वरूप राज्य सरकार को भेंट की जाएगी।

पलायन रोकने की ड्रीम्स के गोल्डन ड्रीम वीडियो गोष्ठि का समापन उद्बोधन संस्था के अध्यक्ष गंभीर सिंह जयाडा जी का होगा । जिसमें उनके द्वारा वीडियो गोष्ठि का निष्कर्ष देव भूमि की आम जन मानस तथा सरकार तक रखने का प्रयास किया जायेगा।

वीडियो गोष्ठि के सभी वीडियो संस्था के फेसबुक पेज पर देखे जा सकते है ।

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पॉजिटीव वेब: जनहित याचिका के बाद सरकार एक्शन में , क्वारन्टीन केंद्रों की जिलेवार रिपोर्ट मांगी,जाने क्या है पूरी खबर ।। web news।।

Uttrakhand-cm, trivendra-singh-rawat

जिलों में संस्थागत क्वारंटाईन केन्द्रों में रखे गये प्रवासी व्यक्तियों की व्यवस्थायें सुनिश्चित किये जाने के लिए सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी।


वर्तमान में बड़ी संख्या में राज्य में आ रहे प्रवासियों के लिये विभिन्न स्तर पर संचालित किये जा रहे क्वारंटाइन केन्द्रों के सम्बन्ध में मा. उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कज गयी । मा. उच्च न्यायालय ने प्रवासी व्यक्तियों को दी जा रही सुविधाए सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

जिलों में स्थापित क्वारंटाइन केन्द्रों में निम्नानुसार व्यवस्थायें की जानी हैं।

1. बिजली/पानी
2. पेयजल
3. स्वच्छता व नियमित सेनीटाइजेशन
4. स्वच्छ बिस्तर
5. कम से कम 03 समय पौष्टिक भोजन
6. साफ व पर्याप्त संख्या में शौचालय/स्नानागार
7. शिकायत पंजिका व शिकायत हेतु उच्चाधिकारियों के नम्बर
8. नियमित चिकित्सकीय परीक्षण
10 Do's and Dont's
11. मनोरंजन व्यवस्था
9. चौबीसों घण्टे केयरटेकर की उपलब्धता
12 मास्क/सेनेटाइटजर की उपलब्धता
13. सामाजिक दूरी के नियमों का अनुपालन

जिलाधिकारियों को उप जिलाधिकारियों को निर्देशित कर 30 मई, 2020 तक सूचना विभाग को सूचना देने के लिये कहा गया है क्योंकि 02 जून 2020 को जनहित याचिका की अगली सुनवाई होनी है।

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पॉजिटीव वेब : NCSTC ने हिंदी में लोकप्रिय कोविद कथा को जारी किया जाने कोविद कथा के बारे में ।। web news ।।

Covid-katha

कोविद कथा: जन जागरूकता फैलाने के लिए एक मल्टीमीडिया गाइड इसमें कोविद-19 महामारी के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध है


राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने डॉ. अनामिका रे मेमोरियल ट्रस्ट के सहयोग से, कोविद-19 महामारी के संदर्भ में जन जागरूकता फैलाने के लिए सभी (ए-टू-जेड) महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाली लोकप्रिय मल्टीमीडिया गाइड का हिंदी संस्करण जारी किया है।

इसका अंग्रेजी संस्करण पहले ही इस महीने की शुरुआत में जारी किया जा चुका है। विशेष रूप से हिंदी पट्टी के लोगों की कोविद कथा के हिंदी संस्करण की मांग को पूरा करने के उद्देश्य से, कोविद कथा के हिंदी संस्करण को अतिरिक्त और संशोधित जानकारी के साथ लेकर जारी किया गया है, जिससे लोग इसका लाभ उठा सकें।

"कोविद कथा की सराहना करते हुए कहा है कि आम लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए आम आदमी की भाषा में विज्ञान की व्याख्या करना महत्वपूर्ण है और हिंदी व्यापक स्तर पर बोली जाने वाली भाषा है इसलिए कोविद कथा का हिंदी संस्करण बहुत ज्यादा महत्व रखता है। प्रो. शर्मा ने कहा कि वैज्ञानिक संदेश देने और स्वास्थ्य अवधारणाओं को साधारण तरीके से समझाते समय, विज्ञान कार्टून (साइंटून्स) में हास्य और मनोरंजन भी जुड़ा हुआ है, क्योंकि वर्तमान स्वास्थ्य संकट के दौरान लोग तनाव महसूस कर रहे हैं"-प्रो. आशुतोष शर्मा डीएसटी, सचिव

मल्टीमीडिया तकनीकों और डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग करके, कोविद-19 के संबध में सामान्य जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से, भारत सरकार का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग लोगों को उपयुक्त ज्ञान और विश्वास के साथ महामारी को समझने और उससे निपटने में सहायता प्रदान करने के लिए एक इंटरैक्टिव इलेक्ट्रॉनिक गाइड को प्रस्तुत किया है।

अंग्रेजी के बाद हिंदी और अन्य भाषाओं में संकरण की है तैयारी

कोविद कथा का मेघालय की खासी भाषा में अनुवाद किया जा रहा है; इसका तमिल संस्करण भी आ रहा है; लोग अपने आप ही इसके बंगाली और असमिया संस्करणों पर काम कर रहे हैं।

कोविद कथा में विभिन्न विज्ञान संचार उत्साहवर्धकों को प्रभावी रूप से विभिन्न प्रारूपों में एक साथ रखने का प्रयास किया जा रहा है, यानी कि फ्लिप संस्करण, एनिमेशन, वीडियो और अन्य प्रारूप। कई आधिकारिक एजेंसियां अपने सोशल मीडिया और अन्य जनसंचार अभियानों में कोविद कथा के विभिन्न तत्वों का भी उपयोग कर रही हैं, यानी कि क्या करें और क्या नहीं, साइंटून्स, प्रत्येक दिन एक वर्णमाला का उपयोग करके दैनिक जानकारी प्राप्त करना आदि। कोविद कथा के हिंदी और अन्य भाषाओं के संस्करणों के माध्यम से जागरूकता को जमीनी स्तर पर फैलाने में मदद मिलेगी।

कोविद कथा पढ़ने के लिए नीचे दिये लिंक पर क्लिक करें

हिंदी में कोविद कथा को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

अंग्रेजी में कोविद कथा को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।