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शनिवार, 29 अगस्त 2020

खेल दिवस :आज उत्तराखण्ड के लिए आयी खुशखबरी।।web news।।


निशानेबाज जसपाल राणा को द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

उत्तराखंड से राष्ट्रीय खेल दिवस पर गोल्डन ब्वॉय के नाम से विश्वभर में प्रसिद्ध निशानेबाज जसपाल राणा को द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वहीं, भारतीय बास्केटबाल टीम के कप्तान देहरादून निवासी विशेष भृगुवंशी को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले विशेष वर्तमान में देहरादून स्थित ओएनजीसी में कार्यरत हैं। विशेष कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय टीम का नेतृत्व कर देश को खिताब दिला चुके हैं। अर्जुन पुरस्कार मिलने पर उन्होंने कहा कि यह बेहद सुखद क्षण है। एक खिलाड़ी की यही तमन्ना होती है कि उसकी मेहनत का फल उसे मिले।

पहली बार वर्चुअल खेल दिवस पुरुस्कार वितरण समारोह

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया। इस साल 74 खिलाड़ियों को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया जिसमे से 5 को राजीव गांधी खेल रत्न और 27 को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। इसके साथ ही द्रोणाचार्य पुरस्कार, ध्यानचंद पुरस्कार, तेनजिंग नोरगे राष्ट्रीय साहसिक कार्य पुरस्कार और राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार भी प्रदान किये गए। यह पहला मौका था जब यह पुरस्कार वर्चुअली प्रदान किए।

खेल दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा

इस अवसर पर राष्ट्रापति ने कहा कि कोविड-19 के कारण खेल जगत पर विपरीत असर पड़ा है। भारत में भी इससे खेल की सभी गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। राष्ट्रपति ने इस बात पर भी खुशी व्यक्त की, कि खिलाड़ी और कोच, ऑनलाइन कोचिंग तथा वेबिनार के जरिये संपर्क में हैं। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि सबके सामूहिक प्रयासों से भारत, खेलों के क्षेत्र में महाशक्ति के रूप में उभरेगा। उन्हों ने कहा कि भारत का लक्ष्यक- 2028 के ओलंपिक खेलों में शीर्ष 10 देशों में शामिल होना है और भारत निश्चित रूप से इस लक्ष्या को हासिल कर लेगा। देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न क्रिकेटर रोहित शर्मा, पहलवान विनेश फोगाट, पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगवेलु, टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा और महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल को दिया गया है।

शुक्रवार, 28 अगस्त 2020

कौशिक होम्यो क्लीनिक ने यूजेवीएन आफिस के स्टाफ को इम्युनिटी बूस्टर दवा का निशुल्क वितरण किया ।


डॉ दम्पत्ति डॉ शैलेन्द्र कौशिक और डॉ प्रिया कौशिक का सेवा का क्रम जारी 

सेवा क्रम जारी रखते हुए आज कौशिक होम्यो क्लीनिक द्वारा कोरोना योद्धाओं को यूजेवीएन लि.के यमुना कॉलोनी स्थित आफिस में बीना शर्मा के माध्यम से पूरे स्टाफ के लिए होमियोपैथिक इम्यूनिटी बूस्टर दवा आर्सेनिक एल्ब 30 की किट उपलब्ध कराई साथ ही डॉ शैलेन्द्र कौशिक ने इम्यूनिटी दवा को लेने के बारे में स्टाफ को जानकारी दी , कौशिक होम्यो क्लीनिक के संचालक डॉ दम्पत्ति डॉ शैलेन्द्र कौशिक और डॉ प्रिया कौशिक ने भी सभी यूजेविएन कर्मियों को इस विषम परिस्थिति में अपनी सेवाएं देने के लिए आभार व्यक्त किया ।


कौशिक होम्यो क्लिनिक अब तक लगभग 23980 परिवारों तथा 95920 लोगो के लिए निशुल्क दवा वितरण विगत 25 मई 2020 से अब तक कर चुका है जिसमें। हरिद्वार,देहरादून, उत्तरकाशी, नैनीताल, सहारनपुर, पुरकाजी,बिजनौर आदि जगह शामिल है

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गुरुवार, 27 अगस्त 2020

बागेश्वर के खर्कटम्टा गांव के ताम्र शिल्पियों की घट रही है संख्या।।web news।।


बागेश्वर के खर्कटम्टा गांव ताम्र शिल्पियों का गांव जो अब सरकार की ठोस पहल का कर रहा इंतजार 

बागेश्वर के खर्कटम्टा गांव में परम्परागत ताम्र शिल्प का कार्य आज भी जारी है। इस गांव को ताम्र शिल्पियों का गांव कहा जाता है। वक्त के साथ इस गांव पर भी पलायन का असर पड़ा है। लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा ताम्र व्यवसाय को उसकी पहचान दिलाने के लिए एससी-एसटी हब योजना बनाई गई है। ग्रामीण शिल्पकारों का कहना है कि यदि सरकार प्रोत्साहन दे तो इस कला को जीवित रखा जा सकता है। केंद्र सरकार की योजना के तहत हस्तनिर्मित तांबे से बने पूजा पात्रों को चारधाम में बेचा जाएगा। शिल्प कारीगर बताते हैं कि पहले तांबे का काम हर घर में होता था। अब युवा पीढ़ी बाहर नौकरी के लिए चली गयी तो यह काम कम होता चला गया। अब गांव में सिर्फ तीन परिवार ही इस काम को कर अपनी आजीविका जुटा रहे हैं। शिल्प कारीगर को उनकी शिल्पकला के लिए उत्तराखंड सरकार और उद्योग विभाग ने भी सम्मानित किया गया है। आजादी से पहले खर्कटम्टा समेत जोशीगांव, देवलधार, टम्टयूड़ा, बिलौना आदि गांवों में ताम्र शिल्प का कार्य होता था लेकिन अब यह काम सिमट गया है। आजादी के बाद यह उद्यम काफी फैला भी और अपने औजारों को साथ लेकर शिल्पी भी गांव-गांव जाकर लोगों के तांबे के पुराने बर्तनों की मरम्मत किया करते थे। तांबे व पीतल को जोड़कर बने गंगा-जमुनी उत्पाद और पात्रों के विभिन्न हिस्सों को गर्म कर और पीटकर जोड़ने की तकनीकी इस शिल्पकला की खासियत होती है। गांव के एक अन्य शिल्पकार सागर चन्द्र बताते हैं कि अब गिने-चुने कारीगर ही विपरीत परिस्थितियों में भी अपने इस पैतृक व्यवसाय को जीवित रखे हुए हैं। खर्कटम्टा गांव के प्रधान मनोज कुमार का कहना है कि ताम्र शिल्पियों की आजीविका पर मशीनी प्लांटों में बन रहे सामान से भी असर पड़ा है लेकिन अब भी लोग हाथ से बनाए तांबे के बर्तनों को ही ज्यादा महत्व देते हैं। इसका कारण है कि हाथ से बने तांबे के बर्तन काफी मजबूत और शुद्व माने जाते हैं।

बुधवार, 26 अगस्त 2020

चम्पावत समाचार : लौह नगरी लोहाघाट के ग्रोथ सेंटर में उत्पादित उत्पाद बाजार में आने के लिए है तैयार ।।web news।।


लोहाघाट के लोहे के समान से स्वरोजगार के नए अवसर देगी सरकार

चम्पावत ।। उत्तराखण्ड राज्य के खुबसूरत जिला चम्पावत के विकासखण्ड लोहाघाट व उसके आस-पास का क्षेत्र लौह नगरी के रूप में जाना जाता है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की महत्वकांशी ग्रोथ सेंटर योजना के अन्तर्गत लोहाघाट में ग्रोथ सेंटर का कार्य पूरा हो गया है। यह जानकारी देते हुए एपीडी विमी जोशी ने बताया कि ग्रोथ सेंटर में विभिन्न प्रकार की विद्युत चलित मशीने स्थापित की गयी है। जिससे विभिन्न प्रकार के उत्पाद कढ़ाई, फ्राईपेन, तवा आदि गुणवत्ता के साथ बनाये जा रहे है। उन्होंने बताया कि विद्युत चलित मशिनों से समय के साथ-साथ श्रम में भी कमी आ रही है। बताया कि पहले एक उत्पाद बनाने में लगभग 02 से 03 घण्टे का समय लगता था जो अब घटकर 10 से 15 मिनट हो गये है। साथ ही उन्होंने बताया कि ग्रोथ सेंटर में उत्पादित उत्पादों के परम्परागत स्वरूप से छेड़छाड़ किये बिना उनकी फिनिशिंग में स्पष्ट अंतर दृष्टिगोचर हो रहा है। जिला आपदा कार्यालय में ग्रोथ सेंटर में बने उत्पादों को क्रय करने वाले प्रथम ग्राहक जिला कार्यक्रम अधिकारी पीएस बृजवाल ने उत्पादों की गुणवत्ता को देखते हुए अपने चिर-परिचितों के लिए भी 10 कड़ाई के साथ अन्य उत्पाद क्रय करने की डिमाण्ड भी दी है। उन्होंने बताया कि ग्रोथ सेंटर के प्रथम तल में डिस्पले सेंटर बनाया जा रहा है और सेंटर के बनते ही सभी लोगों के लिए उत्पादों को क्रय करने हेतु सुचारू किया जायेगा। इस मौके पर जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी मनोज पाण्डेय, कुलदीप भण्डारी आदि उपस्थित रहे ।

मंगलवार, 25 अगस्त 2020

ऑनलाइन स्टेज : बच्चों के लिए गित्येर 2020 का ऑनलाइन स्टेज हो गया है तैयार,जाने प्रतियोगिता की पूरी जानकारी ।।web news।।


बद्री केदार संस्था की गित्येर 2020 प्रतियोगिता से बच्चों को मिलेगा ऑनलाइन स्टेज

 पिछले दो वर्षों से गित्येर के माध्यम से दिल्ली में बच्चों के लिए एक बहुत बड़े मंच द्वारा बद्री केदार सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था (पंजी.) पहाड़ में संगीत के क्षेत्र में छुपी प्रतिभाओं के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए एक पुल का काम कर रही है। उनकी प्रतिभा को दुनिया तक पहुंचाने का प्रयत्न कर रहे है जिससे कुछ बच्चों को भविष्य का मार्ग भी मिल चुका है और वे काफी नाम भी कमा रहे हैं। इस बार कोविड 19 के संक्रमण काल के समय स्टेज प्रोग्राम करना संभव नही है इसलिए संस्था ने निर्णय लिया है कि गित्येर 2020 को सोशल मीडिया के माध्यम से आप सबके बीच लाया जाए ! उत्तराखंड के बच्चो के लिए जिनकी उम्र 10 से 20 साल की है और कोई YOUTUBE CHANNEL नहीं है तो अपनी उत्तराखंडी गीत गाते एक छोटी सी वीडियो व्हाट्सप्प कर धूम मचाने के लिए हो जाइए तैयार क्योंकि आपके लिए तैयार हो गया सोशल मीडिया मंच

यह भी पढ़ें- Gharwali Song : इस दिन रिलीज होगा हेमा नेगी करासी का वीडियो गीत गिर गेन्दुवा-2 , पढे पूरी खबर ।।web news।।

गित्येर 2020 के बच्चों की प्रतिभा ऐसी मापी जाएगी

हमारे पास जितनी भी वीडियो आएंगी उनको हमारे जज बारीकी से देखकर उचित निर्णय कर प्रथम तीन बच्चों को चुनेंगे जिसकी घोषणा हम सोशल मीडिया के द्वारा ही आप सब के बीच करेंगे ! इसमें हम बच्चों को पूर्व की भांति पुरुष्कार राशि भी देंगे !

गित्येर 2020 को पुरुष्कार स्वरूप राशि भेट की जाएगी

प्रथम पुरुष्कार 7100/- रू
द्वितीय परुष्कार 5100/- रू
और तृतीय पुरुष्कार 3100/- रू

वीडियो भेजने और ज्यादा जानकारी के लिए सम्पर्क किया जा सजता है ।

अपनी वीडियो नीचे लिखे किसी भी नंबर पर व्हाट्सप्प कर सकते हैं। वीडियो के साथ आप अपने आधार कार्ड की कॉपी और कॉन्टेक्ट नंबर भी जरूर दें !
◆राजपाल पंवार - 9810470139 ,
◆उमेश रावत-9910921767,
◆अंकित चौहान- 7042987205,
◆कुलदीप सिंह मिथुन दा -9911372404,
◆रमेश चंद -9891955096

★जुन्याली की जन्म कहानी पढ़ने के लिए लिंक पर जाएं

Junyali : उत्तराखंड की पहली म्यूजिकल गुड़िया जुन्याली , जाने जुन्याली की पूरी कहानी ।।web news।।

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सोमवार, 24 अगस्त 2020

Corona update : उत्तराखंड में कोरोना वायरस के अब तक आये 15529 केस, जाने आपके जिले की कोरोना संक्रमितों की संख्या ।।web news।।


आज 412 नये कोरोना के केस आये

उत्तराखंड में लगातार कोरोना का कहर जारी है , आज 412 नए कोरोना मरीज सामने आने के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 15529 पहुंची गयी है। स्वस्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए अभी अभी के हेल्थ बुलेटिन में इसकी जानकारी दी गई है।  कोरोना संक्रमितों की संख्या 15529 में से 10912 ठीक हो चुके है अब 4355 सक्रिय केस है ।

जिल्लेवार आज के कोरोना संक्रमित केसों की संख्या

हरिद्वार में 131
ऊधम सिंह नगर में 124
नैनीताल में 66
देहरादून में 27
टिहरी गढ़वाल में 25
उत्तरकाशी में 22
पौड़ी गढ़वाल में 10
चमोली में 03
चंपावत में 02
रुद्रप्रयाग में 01
बागेश्वर में 01


जिल्लेवार आज तक आये कुल कोरोना संक्रमित केसों की संख्या

अल्मोड़ा में 416
बागेश्वर में 203
चमोली में 244
चंपावत में 244
देहरादून में 3012
हरिद्वार में 3792
नैनीताल में 2216
पौड़ी गढ़वाल में 402
पिथौरागढ़ में 229
रुद्रप्रयाग में177
टिहरी गढ़वाल में 858
ऊधम सिंह नगर में 3079
उत्तरकाशी में 657

हिमालय दिवस :सामूहिक प्रयत्नों से ही हिमालय की रक्षा संभव है-डॉ० अनिल प्रकाश जोशी ।।web news।।

हिमालय दिवस की तैयारी में डॉ० अनिल प्रकाश जोशी की प्रेस कॉन्फ्रेंस

डॉ० अनिल प्रकाश जोशी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा जीवन और अर्थव्यवस्था के परिग्रह के परिणामस्वरूप ही विश्व पर कोविड -19 महामारी की मार पड़ी है। मानव इतिहास में अब तक की सबसे खराब इस महामारी में पूरे विश्व को पंगु बना दिया है और हर तरह की गतिविधि पर रोक लगा दी। हमेशा की तरह इस बार भी दुनिया भर में प्रकृति की बिगड़ते हालातों पर केवल बहस ही हुई है इसी बीच सोशल मीडिया पर प्रकृति के सुधार हालातों से संबंधित विभिन्न खबरें भी वायरल हुई। कहीं ना कहीं हमें ये तो पता है कि हमने प्रकृति के साथ जो भी ज्यातियां की हैं कोरोना उसी का नतीजा है। हम इस तथ्य को समझने में पूरी तरह असफल रहे हैं कि आखिरकार दो प्रकृति ही है जो हमारे भाग्य को निर्धास्ति करती है और अगर हम अपनी सीमाओं को पार करेंगे तो प्रकृति ही उसका हिसाब करेगी। इस दौरान खासतौर से जब कोविड 19 एक असाधारण वैश्विक आपदा बन कर उभरा तय प्रकृति ने आम जनमानस का ध्यान खींचा। ये भी सच है कि मनुष्य ने अपने लालम व विलासिताओं के लिये प्रकृति का दोहन करने की सारी सीमाओं को पार कर दिया है। अब समय आ गया है कि जब हम सबको अपने अस्तित्व और जीवन के सार को बचाने के लिये सामूहिक रूप से प्रकृति के संरक्षण हेतु जुटना होगा। इसके अलावा विभिन्न पारिस्थितिकी इकाईया जिनका मानव सभ्यता के विकास में अभूतपूर्व योगदान है उन्हें बचाने के लिये समझबूझ और जोश के साथ आना होगा वर्ना हम उन्हें हमेशा के लिये खो देंगे। जैसे कि अंटार्कटिका और हिमालय का उदाहरण हमारे सामने है जो कि आज विघटन की कगार पर है।

हिमालय सदियों से विभिन्न जीवन सहायक संसाधनों का केन्द्र रहा है जिनके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। यह अपने जल, मृदा और वायु से बहुत से देशों की प्रत्यक्ष व अप्रत्यस रूप से सेवा करता है। कृषि को बढ़ावा देकर विभिन्न कृषि आधारित उद्योगों को विकसित कर और अपने पारिस्थितिकी तंत्र की सेवाओं के माध्यम से हिमालय हमारे देश की अर्थव्यवस्था में बृहद रूप से योगदान देता है।


इस वर्ष हिमालय दिवस की विषयवस्तु हिमालय और प्रकृति पर केन्द्रित होगी

हिमालय ने विभिन्न पारिस्थितिकी संकटों से हमारे देश की सुरक्षा की है इसलिये भी इस कोविड 19 आपदा की विभीषिका के बाद हिमालय को समझने की जरूरत ज्यादा है। हालांकि ये पारिस्थितिकी तंत्र कुछ मोर्चों पर असमर्थ भी हो चुका है पर बावजूद इसकी सेवा में अनवरत हमारे साथ है। इसीलिये इस वर्ष हिमालय दिवस की विषयवस्तु हिमालय और प्रकृति पर केन्द्रित होगी वर्तमान कोविड 19 की महामारी और उसके संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए हिमालय को संरक्षित करने की आवश्यकता है तभी हमारा भविष्य भी सुरक्षित रहेगा। हिमालय ने अपनी प्रकृति से ही मन विरोधियों के प्रति कवच का काम किया है यहां का अनाज, जड़ी-यूटी. कदमूल फल की व्याख्या शास्त्रों व पुराणों में हैं। यहाँ शुरूआती दौर में वनौषधि व भोजन ही सभी तरह की बिमारियों से दूर रखता रहा है। हिमालय ने यह भी दृश्य है कि वो मात्र देश का मुकुट व सीमाओं की रक्षा नही करता बल्कि मानव समाज की प्रतिरक्षा में भी प्रमुख है।

डॉ० अनिल प्रकाश जोशी ने प्रेस क्लब में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा

इस बार का हिमालय दिवस इन की महिमा जो देश व स्थानीय लोगों की असिनिता आस्था व आर्थिकी पर केन्द्रित रहेगी। इन्ही चर्चाओं के बीच में हिमालय के प्रति सामूहिक कार्य जो यहाँ के संस्थानों व संगठनों द्वारा किये जाने चाहिये की भी पहल होगी। उत्तर-पूर्वी व पश्चिमी हिमालय के निवासी. सामाजिक, राजनैतिक व वैज्ञानिकों को एक मंच पर लाने की कोशिश की आज बड़ी आवश्यकता है सामूहिक प्रयत्नों से ही हिमालय की रक्षा संभव है।

सम्बधित खबरें


पहाड़ों में हैस्को संस्था का बरसात के पानी की बूंद बूंद बचाने का अभियान

3.Plantation : हैस्को संस्था ने नागथात क्षेत्र के 10 गावं में समूहों के माध्यम से बड़े स्तर पर किया पौधारोपण , ।।web news।।

4. Good news : बॉयोटैक किसान परियोजना के अंतर्गत हैस्को संस्था द्वारा उन्नत खेती का प्रशिक्षण दिया गया , जाने पूरी खबर ।।web news।।

Good news : हैस्को बागों से होंगे किसान आत्मनिर्भर, पढे विशेष रिपोर्ट।।web news।।

रविवार, 23 अगस्त 2020

Gharwali Song : इस दिन रिलीज होगा हेमा नेगी करासी का वीडियो गीत गिर गेन्दुवा-2 , पढे पूरी खबर ।।web news।।

29 अगस्त को रिलीज होगा हेमा नेगी करासी का वीडियो गीत गिर गेन्दुवा-2

एच एन के प्रोडक्शन के बैनर तले उत्तराखण्ड की लोक गायिका हेमा नेगी करासी का वीडियो गीत गिरात्वोली (गिर गेन्दुवा-2 ) 29 अगस्त को हेमा नेगी करासी के ऑफिशियल यू ट्यूब चैनल पर रिलीज किया जाएगा आज गाने का प्रोमो शेयर करते हुए हेमा नेगी करासी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर गाने के रिलीज करने की घोषणा की । गिरात्वोली हेमा नेगी करासी का सिग्नेचर गीत गीत गेन्दुवा का पार्ट 2 है , गिर गेन्दुवा जागर शैली में गया गीत हेमा नेगी को लोकप्रियता के शिखर तक ले जाने वाला गीत है , हेमा नेगी करासी व उनके प्रशंसकों को गिरात्वोली गिर गेन्दुवा-2 वीडियो गीत भी लोकप्रिय होने की उम्मीद है साथ ही उनके प्रशंसक गिर गिरात्वोली गिर गेन्दुवा-2 वीडियो गीत का बेसब्री से इंतजार कर रहे है ।

हेमा नेगी करासी ऑफिशियल पेज का लिंक: 

Hema Negi Karasi Official

गिरात्वोली गिर गेन्दुवा-2 की टीम इस प्रकार है

गायिका : हेमा नेगी करासी
संगीतकार: गुंजन डंगवाल ने
कैमरामैन बबलू जंगली
निर्देशन कान्ता प्रसाद
निर्माता : महिपाल सिंह रावत

गुरुवार, 20 अगस्त 2020

Good news : टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्रों के 9 गांवों के लिए आयी कोरोना काल मे खुशखबरी ।।web news।।


टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्रों के 9 गांवों को राजस्व ग्राम बनाये जाने की अधिसूचना हुई जारी

शासन द्वारा जनपद देहरादून के टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्र पशुलोक ऋषिकेश के सात गांवों तथा जनपद हरिद्वार के टिहरी विकास नगर एवं टिहरी बन्द्राकोटी को राजस्व ग्राम बनाये जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा इन गांवों के निवासियों की वर्षो पुरानी मांग पर गत माह ही इन गांवों को राजस्व ग्राम बनाये जाने की स्वीकृति प्रदान की थी। टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्र के गांवों को राजस्व ग्राम बनाये जाने सम्बन्धी अधिसूचना जारी किये जाने पर विधायक स्वामी यतीश्वरानन्द ने गुरूवार को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र से भेंट कर उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राजस्व ग्राम बनाये जाने से इन गांवों के निवासियों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई है। राजस्व ग्राम बनने से ग्राम वासियों को सभी सरकारी योजनाओं, ग्राम पंचायतों के गठन आदि की सुविधायें उपलब्ध हो सकेगी।
सचिव राजस्व श्री सुशील कुमार द्वारा जारी अधिसूचना के साथ राजस्व ग्राम बनाये गये इन गांवों- ग्राम मालीदेवल, विरयाणी पैंदार्स, असैना, लम्बोगड़ी गोजियाड़ा, सिरांई, सिरांई राजगांव, डोबरा, टिहरी विकास नगर एवं टिहरी बन्द्राकोटी में सम्मिलित किये गये गाटों की संख्या, क्षेत्रफल व नक्शा भी अधिसूचित किया गया है।
अधिसूचित राजस्व ग्रामों में टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्र पशुलोक के ग्राम माली देवल में निर्मल ब्लाक ए व ए (ई) की 90.19 एकड़ भूमि सम्मिलित होगी जबकि ग्राम विरयाणी पैंदार्स में निर्मल ब्लाक ए की 64.69 एकड़ भूमि, ग्राम असैना में श्यामपुर ब्लाक ए 62.07 एकड़ भूमि, ग्राम लम्बोगडी गोजियाड़ा में निर्मल ब्लाक सी व श्यामपुर ब्लाक सी की 107.40 एकड़ भूमि, ग्राम सिरांई में कृषि निर्मल ब्लाक बी, आवासीय निर्मल ब्लाक बी-पार्ट-2 की 85.11 एकड़ भूमि, ग्राम सिरांई राजगांव में कृषि निर्मल ब्लाक बी, आवासीय निर्मल ब्लाक बी-पार्ट-1 की 69.61 एकड़ भूमि तथा ग्राम डोबरा में श्यामपुर ब्लाक बी की 38.14 एकड़ भूमि सम्मिलित होगी।
इसी प्रकार हरिद्वार जनपद के टिहरी बांध परियोजना विस्थापित क्षेत्र पथरी भाग 3 के पूर्व एवं पश्चिम क्षेत्र के ग्राम टिहरी विकास नगर में आदर्श टिहरी नगर के 365 गाटों की 871.58 एकड़ भूमि तथा ग्राम टिहरी बन्द्राकोटी में आदर्श टिहरी नगर के 104 गाटों की 227 एकड़ भूमि शामिल हैं।
सचिव राजस्व द्वारा आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद् से नवगठित राजस्व ग्रामों से सम्बन्धित विवरण जनपद की सम्बन्धित तहसील भवन तथा सम्बन्धित ग्रामों के प्रमुख स्थान पर चस्पा कराने के साथ ही सम्बन्धित अभिलेखों में इन्द्राज कराने की भी अपेक्षा की है।

बुधवार, 19 अगस्त 2020

एनआरए : सरकारी नौकरियों पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, पढे पूरी खबर ।।web news।।


मंत्रिमंडल ने सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी) आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तनकारी सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के गठन को अपनी स्वीकृति दे दी।

भर्ती सुधार-युवाओं के लिए एक वरदान

वर्तमान में, सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्‍मीदवारों को पात्रता की समान शर्तें निर्धारित किए गए विभिन्‍न पदों के लिए अलग-अलग भर्ती एजेंसियों द्वारा संचालित की जाने वाली भिन्न-भिन्न परीक्षाओं में सम्मिलित होना पड़ता है। उम्‍मीदवारों को भिन्‍न-भिन्‍न भर्ती एजेंसियों को शुल्‍क का भुगतान करना पड़ता है और इन परीक्षाओं में भाग लेने के लिए लंबी दूरियां तय करनी पड़ती है। ये अलग-अलग भर्ती परीक्षाएं उम्‍मीदवारों के साथ-साथ संबंधित भर्ती एजेंसियों पर भी बोझ होती हैं, जिसमें परिहार्य/बार-बार होने वाला खर्च, कानून और व्यवस्था/सुरक्षा संबंधी मुद्दे और परीक्षा केन्द्रों संबंधी समस्याएं शामिल हैं। औसतन, इन परीक्षाओं में अलग से 2.5 करोड़ से 3 करोड़ उम्मीदवार शामिल होते हैं। ये उम्मीदवार एक सामान्य योग्यता परीक्षा में केवल एक बार शामिल होंगे तथा उच्च स्तर की परीक्षा के लिए किसी या इन सभी भर्ती एजेंसियों में आवेदन कर पाएंगे।

राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए)

राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) नामक एक बहु-एजेंसी निकाय द्वारा समूह ख और ग (गैर-तकनीकी) पदों के लिए उम्‍मीदवारों की स्‍क्रीनिंग/शॉर्टलिस्‍ट करने हेतु सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी) को शुरू किए जाने का प्रस्ताव किया गया है। एनआरए एक बहु-एजेंसी निकाय होगी जिसकी शासी निकाय में रेलवे मंत्रालय, वित्त मंत्रालय/वित्तीय सेवा विभाग, एसएससी, आरआरबी तथा आईबीपीएस के प्रतिनिधि शामिल होंगे। एक विशेषज्ञ निकाय के रूप में एनआरए केन्द्र सरकार की भर्ती के क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का पालन करेगी।

परीक्षा केन्द्रों तक पहुंच

देश के प्रत्येक जिले में परीक्षा केन्द्रों से दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले उम्मीदवारों तक पहुंच में काफी आसानी हो जाएगी। 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा संरचना बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जिससे आगे चलकर उम्मीदवारों को अपने निवास स्थान के निकट परीक्षा केन्द्रों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। लागत, प्रयास, सुरक्षा के संबंध में इसके लाभ काफी व्यापक होंगे। इस प्रस्ताव से ग्रामीण उम्मीदवारों तक न केवल आसानी से पहुंच हो पाएगी और इससे दूर-दराज के क्षेत्र में रहने वाले उम्मीदवार भी परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित होंगे और इस प्रकार भविष्य में केन्द्र सरकार की नौकरियों में उनके प्रतिनिधित्व को बढ़ावा मिलेगा। रोजगार के अवसरों को लोगों तक पहुंचाना एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे युवाओं की जिंदगी और आसन हो जाएगी।

गरीब उम्मीदवारों को बड़ी राहत

वर्तमान में, उम्मीदवारों को बहु-एजेंसियों द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न परीक्षाओं में भाग लेना होता है। परीक्षा शुल्क के अतिरिक्त उम्मीदवारो को यात्रा, रहने-ठहरने और अन्य पर अतिरिक्त व्यय करना पड़ता है। सीईटी जैसी एकल परीक्षा से काफी हद तक उम्मीदवारों पर वित्तीय बोझ कम होगा।

महिला उम्मीदवारों को काफी लाभ होगा

महिला उम्मीदवारों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली महिला उम्मीदवारों, को भिन्न-भिन्न परीक्षाओं में शामिल होने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि उन्हें बहुत दूर वाले स्थानों में परिवहन और ठहरने की व्यवस्था करनी होती है। कभी-कभी उन्हें इन दूरस्थ स्थानों पर स्थित इन केन्द्रों तक पहुंचने के लिए उपयुक्त व्यक्ति को ढूंढना पड़ता है। प्रत्येक जिले में परीक्षा केन्द्रों की अवस्थिति से सामान्य तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के उम्मीदवारों तथा विशेष रूप से महिला उम्मीदवारों को अधिक लाभ होगा।

ग्रामीण क्षेत्र के उम्मीदवारों को लाभ

वित्तीय और अन्य कठिनाइयों को देखते हुए, ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले उम्मीदवारों को यह चयन करना पड़ता है कि वह किस परीक्षा में भाग लेंगे। एनआरए के तहत, एक परीक्षा में शामिल होने से उम्मीदवारों को कई पदों के लिए प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा। एनआरए प्रथम स्तर/टियर-I परीक्षा का संचालन करेगा जो कई अन्य चयनों के लिए प्रारंभिक परीक्षा होगी।

सीईटी स्कोर 3 वर्षों के लिए वैध होगा, अवसरों की संख्‍या पर कोई सीमा नहीं होगी

उम्‍मीदवारों द्वारा सीईटी में प्राप्‍त स्कोर परिणाम घोषित होने की तिथि से 3 वर्षों की अवधि के लिए वैध होंगे। वैध उपलब्ध अंकों में से सबसे उच्चतम स्कोर को उम्‍मीदवार का वर्तमान अंक माना जाएगा। सामान्य योग्यता परीक्षा ऊपरी आयु सीमा के अध्यधीन होगी उम्‍मीदवारों द्वारा सीईटी में भाग लेने के लिए अवसरों की संख्‍या पर कोई सीमा नहीं होगी। सरकार की मौजूदा नीति के अनुसार अजा/अजजा/अपिव तथा अन्‍य श्रेणियों के उम्‍मीदवारों को ऊपरी आयु-सीमा में छूट दी जाएगी। यह उन उम्मीदवारों के लिए जो प्रति वर्ष इन परीक्षाओं में भाग लेने तथा इसकी तैयारी में लगने वाले महत्वपूर्ण समय, धन और प्रयासों की कठिनाई को बहुत हद तक समाप्त करेगा।

हाईलाइट्स


◆मंत्रिमंडल द्वारा केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तनकारी सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के गठन का अनुमोदन
◆एनआरए: कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्डों (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रथम स्तर की परीक्षा को एक साथ सम्मिलित करने के लिए एक बहु-एजेंसी निकाय
◆एसएससी, आरआरबी और आईबीपीएस के लिए पहले स्तर पर उम्मीदवारों की जांच (स्क्रीनिंग) करने के लिए सामान्य योग्‍यता परीक्षा (सीईटी)
◆सीईटी: एक पथ प्रवर्तक सुधार के रूप में स्नातक, उच्च माध्यमिक (12वीं उत्तीर्ण) और मैट्रिक (10वीं उत्तीर्ण) उम्मीदवारों के लिए कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी)
हर जिले में सीईटी: ग्रामीण युवाओं, महिलाओं और वंचित उम्मीदवारों तक पहुंच अब आसान
◆सीईटी: आकांक्षी जिलों में परीक्षा केंद्रों तक पहुंच बनाने पर सरकार का फोकस
◆सीईटी: एकसमान परिवर्तनकारी भर्ती प्रक्रिया
सीईटी; परीक्षाओं की बहुलता समाप्त
एनआरए द्वारा सीईटी: कदाचार को समाप्त करने के लिए आईसीटी का मजबूत उपयोग
सीईटी: पात्र उम्मीदवारों की प्रथम चरण की स्क्रीनिं
◆भर्ती चक्र को कम करने के लिए सीईटी
◆एनआरए ग्रामीण युवाओं के लिए मॉक टेस्ट आयोजित करेगा
◆एनआरए मॉक टेस्ट आयोजित करेगा, 24x7 हेल्पलाइन और शिकायत निवारण पोर्टल शुरू करेगा

मानक परीक्षाएं


एनआरए द्वारा गैर-तकनीकी पदों के लिए स्नातक, उच्च माध्यमिक (12वीं पास) और मैट्रिक (10वीं पास) वाले उम्‍मीदवारों के लिए अलग से सीईटी का संचालन किया जाएगा,  जिसके लिए वर्तमान में कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा भर्ती की जाती है। सीईटी के अंक स्‍तर पर की गई स्‍क्रीनिंग के आधार पर, भर्ती के लिए अंतिम चयन पृथक विशे‍षीकृत टियर (II, III इत्यादि) परीक्षा के माध्‍यम से किया जाएगा जिसे संबंधित भर्ती एजेंसी द्वारा संचालित किया जाएगा। इन परीक्षाओं का पाठ्यक्रम सामान्य होने के साथ-साथ मानक भी होगा। यह उन उम्मीदवारों के बोझ को कम करेगा, जो वर्तमान में प्रत्येक परीक्षा के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम के अनुसार अलग-अलग पाठ्यक्रमों की तैयारियां करते हैं।

परीक्षाओं की समय-सारणी एवं केन्द्रों का चुनाव

उम्मीदवारों के पास एक ही पोर्टल पर पंजीकृत होने की तथा परीक्षा केन्द्रों के लिए अपनी पसंद व्यक्त करने की सुविधा होगी। उपलब्धता के आधार पर उन्हें परीक्षा केन्द्र आवंटित किए जाएंगे। इसका अंतिम उद्देश्य उस व्यवस्था तक पहुंचना है जहां उम्मीदवार अपनी पसंद के परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा की समय-सारणी तय कर सकते हैं।

एनआरए द्वारा सहायक गतिविधियां

अनेक भाषाएं

सीईटी अनेक भाषाओं में उपलब्ध होगा। यह देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों को परीक्षा में बैठने और चयनित होने के समान अवसर को प्राप्त करने को सुविधाजनक बनाएगा।

प्राप्तांक- अनेक भर्ती एजेंसियों तक पहुंच

शुरुआत में अंकों का उपयोग तीन प्रमुख भर्ती एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। तथापि, कुछ समयान्तराल पर यह अपेक्षित है कि केन्द्र सरकार की अन्य भर्ती एजेंसियां इसे अपना लेगी। इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की अन्य एजेंसियों को यह छूट होगी कि यदि वे चाहे तो इसे अपना सकती हैं। इस प्रकार, दीर्घकाल में सीईटी के प्राप्तांक को केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा निजी क्षेत्र की अन्य भर्ती एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है। इससे ऐसे संगठनों को भर्ती पर लगने वाली लागत और समय की बचत करने में सहायता होगी।

भर्ती चक्र को कम करना

एकल पात्रता परीक्षा भर्ती चक्र को महत्वपूर्ण रूप से कम करेगी। कुछ विभागों ने सीईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर शारीरिक परीक्षा एवं चिकित्सीय परीक्षण के साथ भर्ती करने तथा भर्ती के लिए किसी भी द्वितीय चरण की परीक्षाओं को समाप्त करने का संकेत किया है। यह बृहद रूप से भर्ती प्रक्रिया को कम करेगा तथा इससे युवाओं के एक बड़े वर्ग को लाभ पहुंचेगा।

वित्तीय परिव्यय

सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के लिए 1517.57 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। इस व्यय को तीन वर्षों की अवधि में किया जाएगाI एनआरए की स्थापना के अलावा, 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा अवसंरचना को स्थापित करने के लिए भी लागत लगेगी।