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सोमवार, 25 मई 2020

Eid news : NAPSR ने कोरोना सुरक्षा किट वितरित कर मनायी ईद।।web news ।।

Napar-news

NAPSR ने कोरोना सुरक्षा किट वितरित कर मनायी ईद।

देहरादून ।। नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) ईद पर दिया कोरोना सुरक्षा किट का तोहफा । इस समय कोरोना से सारा संसार जूझ रहा है ऐसे मे सभी धार्मिक कार्यक्रम रद्द हो चुके हैं और जिस प्रकार से दो दिन के अंदर उत्तराखंड मे कोरोना बम फटा है उसको देखते हुए नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने निर्णय लिया है की इस वर्ष ईद पर कपड़े और अन्य चीजों पर खर्च होने वाले पैसों से वो कोरोना से लड़ने वाले हमारे ऐसे मे हमारे कोरोना वारियर्स जो अपनी जान की परवाह किये बगैर दिन रात अपनी सेवाएं दे रहे हैं जैसे पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी, NCC केडिट, होमगार्डकर्मी, सिविल सोसायटी, और सफाईकर्मियों को कोरोना सुरक्षा किट वितरित कर ईद मनाई गई

यह भी पढ़े-मिलिए रमजान में आपकी जेब का ख्याल रखने वाले भाईजान से पढ़ें पूरी खबर

 इस दौरान एसोसिएशन की ओर से घण्टाघर,सहस्रधारा क्रॉसिंग, सर्वे चौक सहस्रधारा रोड़ स्थित नालापनी पानी चौक पर निवास करने वाले बागड़ियों एवं के०के० एम कॉलोनी समेत लगभग 500 लोगों को किट वितरित करने के साथ कौशिक होम्योक्लिनिक की ओर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली होमियोपैथी गोली भी वितरित की गयी । एसोसिएशन की ओर से दो प्रकार की किट बनायी गयी थी एक किट पुरुषों के लिए तो दूसरी महिलाओं के लिए तैयार की गई । जहां पुरुषों को एक ओर सैनिटाइजर, ग्लब्स और मास्क की किट दी गयी तो वहीं दूसरी ओर महिलाओं को सैनिटाइजर, मास्क, ग्लब्स के अलावा सेनिटरी पेड की किट दी गयी ।

किट वितरित करने वालों में लोक विज्ञान संस्थान से इकबाल अहमद, अनिल गौतम, प्रेम नारायण, राम सेवक, एसोसिएशन की अध्यक्ष आरिफ खान, कविता खान, बीना शर्मा ,सोमपाल सिंह, पूजा गर्ग,विवेक गर्ग, सुदेश उनियाल,सुमित पुण्डीर, सुमित कुमार प्रजापति, गौतम, आदि शामिल रहे ।   

                                    

जन्मदिवस विशेष: अमर हुतात्मा श्रीदेव सुमन ने टिहरी रियासत को राजशाही के बेड़ियों से मुक्ति दिलायी- विनय तिवारी ।।web news ।।


Shridev-suman

टिहरी सियासत के स्वतंत्रता सेनानी अमर हुतात्मा श्री देव सुमन जी को शत शत नमन

अपनी जननी-जन्मभूमि को परतंत्रता की बेड़ियों से आजादी दिलाने के संकल्प को मन में लिए जीने और परतंत्रता की बेड़ियों को तोड़कर राजशाही से मातृभूमि को आजादी दिलाने के लिए अपना जीवन अर्पण करने वाले तरुण तपस्वी श्रीदेव सुमन जी को उनके जन्मदिवस पर शत्-शत् नमन एवं भावभीनी श्रद्धांजलि।

श्रीदेव सुमन और टिहरी राज्य का गणराज्य भारत में विलय

श्री देव सुमन जी का जन्म जिला टिहरी गढ़वाल के चम्बा ब्लॉक, बमुण्ड पट्टी के जौल गांव में २५ मई १९१६ को हुआ था । इनके पिताजी का नाम पंडित हरिराम बडोनी तथा माताजी का नाम श्रीमती तारा देवी था। इनके पिता अपने क्षेत्र के लोकप्रिय वैद्य थे । सन् १९१९ में जब क्षेत्र में भयानक हैजा रोग का प्रकोप हुआ तब उन्होंने अपने जीवन की परवाह किए बिना रोगियों की दिन रात एकनिष्ठ सेवा की। उनके परिश्रम से रोगियों को कुछ राहत तो मिली लेकिन वे स्वयं हैजा के शिकार हो गए और मात्र ३६ वर्ष की आयु में परलोक चले गये। उसके बाद सुमन जी की दृढ़ निश्चयी मां ने श्रीदेव सुमन का लालन-पालन तथा शिक्षा का उचित प्रबंध किया । सुमन जी ने पिता से लोक सेवा तथा माँ से दृढ़निश्चय के गुण अंगीकार किए । उनकी पत्नी श्रीमती विजय लक्ष्मी थी जिन्होंने हर संघर्ष में सुमन जी का साथ दिया। सुमन जी की प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव एवं चम्बा से हुई तथा टिहरी से मिडल पास किया। विद्यार्थी जीवन में उन्होंने अनेकों उपाधियां प्राप्त की। इसी दौरान सन् १९३० में वो देहरादून गए तथा वहां सत्याग्रहियों का जत्था देखा और उसमें शामिल हो गए। उसके बाद देहरादून में अध्यापक की नौकरी करने लगे। उस दौरान देहरादून में ब्रिटिश शासन के खिलाफ चल रहे आंदोलनों से प्रभावित हुए तथा टिहरी की राजशाही के अत्याचार के खिलाफ खड़े हो गए। जनता पर राजशाही के अत्याचारों से क्षुब्ध होकर इन्होंने राजशाही के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया |

"अपने देश के लिए और खासकर टिहरी राज्य की प्रजा के लिए मैं अपने जीवन को अर्पित कर दूंगा, पर टिहरी के सार्वजनिक जीवन को कुचलने नहीं दूंगा" श्री श्रीदेव 'सुमन'

इस दौरान सन् १९३९ में उन्होंने टिहरी "प्रजामण्डल" की स्थापना की व राजशाही के अत्याचारों के विरुद्ध टिहरी की आम जनता को एकजुट किया। इस प्रकार वे टिहरी राजशाही के विरोध में सक्रिय भूमिका में आ गए। इसी कारण सन् १९४२ में इन्हें टिहरी के राजा की पुलिस ने गिरफ्तार कर इन पर भविष्य में टिहरी आने पर प्रतिबंध लगा दिया । इसी क्रम में ३० दिसम्बर १९४३ को इन्हें पुनः गिरफ्तार कर दिया गया। उन पर आमानवीय जुल्म किये गए तथा उनके पूरे शरीर को ३५ सेर की बेड़ियां से जकड़ दिया गया २९ फरवरी १९४५ को उन्होंने जेल में जेल प्रशासन के अभद्र व्यवहार के खिलाफ अपना अनशन शुरू किया। जिस पर राजा की ओर से आश्वासन के बाद उन्होंने अनशन समाप्त किया। लेकिन कुछ ही समय बाद टिहरी शासन अपनी हरकतों पर वापिस आ गया। जिससे आहत हो उन्होंने पुनः ३ मई १९४५ को आमरण अनशन शुरू कर दिया। इस पर जेल प्रशासन द्वारा भीषण जुल्म किये गए। सुमन जी का हौंसला टूटता हुआ नहीं दिखने पर क्रूर जेल कर्मियों ने उन्हें जानलेवा इंजेक्शन लगवाए। जिस कारण २५ जुलाई १९४४ को शाम करीब ४ बजे उस वीर अमर सेनानी ने राजशाही से अपनी मातृ भूमि एवं अपने आदर्शों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इसी रात जेल प्रशासन द्वारा जनता से छुपते-छुपाते इनकी मृतक देह को कंबल में लपेटकर भागीरथी-भिलंगना के संगम से गंगा नदी में डाल दिया। राजशाही का यह अपराध टिहरी राजशाही के लिये उसकी ताबूत का आखरी कील साबित हुआ । राजशाही को जनता के आक्रोश के आगे घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया। इसके परिणाम स्वरूप राजशाही ने टिहरी प्रजामंडल को मान्यता दे दी। सन् १९४७ में प्रजामंडल का प्रथम अधिवेशन हुआ। सन् १९४८ में तो प्रजा ने देवप्रयाग, कीर्तिनगर और टिहरी पर अपना अधिकार कर लिया। इस प्रकार एक के बाद एक राजशाही कमजोर हो गई। इसके बाद १ अगस्त १९४९ को टिहरी रियासत का भारतीय गणराज्य में विलय हो गया। राजशाही से आजादी एवं भारतीय गणराज्य में विलय के बाद उनकी पत्नी दो बार देवप्रयाग क्षेत्र से विधायक भी चुनी गईं।
इस प्रकार सुमन जी एवं उन जैसे अनेकों कर्मयोगी नायकों ने टिहरी रियासत की जनता को राजशाही से मुक्ति दिलाकर स्वतंत्र भारत का अभिन्न अंग बनने का मार्ग प्रशस्त किया।

श्रीदेव सुमन जी का सरकारी सम्मान

श्रीदेव सुमन जी के सम्मान में प्रदेश सरकार द्वारा अनेकों योजनाएं उनके नाम से चलाई जाती है। अनेकों विद्यालय, कॉलेज, अस्पताल एवं अनेकों संस्थानों को उनके नाम से चलाया जाता है। प्रसिद्ध टिहरी झील को भी सुमन सागर के नाम से जाना जाता है।

टिहरी की जनता का श्रीदेव सुमन जी के वास्तविक सम्मान में सपने

टिहरी सियासत सदैव ऋणी रहेगी अमर बलिदानी श्रीदेव सुमन जी का। हमारी आगे की पीढ़ी भी अपने स्मृति पटल पर हमेशा हमेशा के लिए सुमन को अंकित कर सके इसके लिए सरकार से हमारी मांग रहेगी कि चम्बा य आस पास के क्षेत्र में एक आधुनिक स्मारक बनाया जाय जिसमें श्रीदेव सुमन जी की स्मृतियों को संजोया जाय, ऐसे प्रयास पहले भी हुए है जो अभी तक सफल नही हुए , श्रीदेव सुमन जी पर शोधार्थियों के लिए सरकार द्वारा उचित सहयोग मिलना चाहिए । 

इस प्रकार सुमन जी का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से अंकित हो गया। नमन है इस भूमि को, उन मां-पिता को जिन्होंने ऐसे सपूत को जन्म दिया।

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Vinay-tiwari
लेखक परिचय - विनय तिवारी, सोशल मीडिया युवा लेखक, सामाजिक कार्यो में सक्रियता, साथ ही चम्बा से जुड़ी गतिविधियों के लिए चबा द हिल किंग टिहरी गढ़वान पेज पर निरतंर सक्रिय रहते है । कई वेब पोर्टलों, वेबसाइटों के माध्यम   से युवाओं को संकृति, राष्ट्रभक्ति से परिचित कराने का कार्य करते है । 

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खुशखबरी: दिल्ली से उत्तराखंड बस से होगी प्रवासियों की घर वापसी जाने क्या है खबर ।। web news ।।



दिल्ली में फंसे उत्तराखंड प्रवासीयों के लिय राहत लेकर आयी उत्तराखण्ड सरकार

दिल्ली में फंसे उत्तराखंड प्रवासीयों को उत्तराखंड लाने की अभिलेखीकरण प्रक्रिया पूर्ण हो गयी है। आज सराय काले खां से मेडिकल स्कीनिंग एवं अभिलेखीकरण कार्यवाही के पश्चात प्रवासियों को लेकर बसें दिल्ली से उत्तराखंड के कुमाऊँ एवं गढ़वाल हेतु प्रस्थान का रही हैं। उत्तराखंड आगमन के पश्चात सभी प्रवासियों को 14 दिवस संस्थागत (Institutional) क्वारंटाइन किया जाएगा।

Train Update: पुणे से चलेगी ट्रेन प्रवासियों की होगी घरवापसी जाने क्या है पुरी खबर ।। web news।।

Train-update

आज रात श्रमिक स्पेशल ट्रेन से 1400 प्रवासियों लेकर आएगी

महाराष्ट्र और उत्तराखंड सरकार के आपसी सहयोग से भारतीय रेल आज रात 10.00 बजे पुणे, महाराष्ट्र से लगभग 1400 प्रवासियों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन लालकुआं को प्रस्थान करेगी।

महत्वपूर्ण ट्रैन अपडेट

• गुजरात, तेलंगाना, पुने, सूरत, दिल्ली, चेन्नई, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से फंसे हुए व्यक्तियों को रेल से लाने हेतु प्रक्रिया गतिमान ।

• जयपुर से काठगोदाम तथा दिल्ली से हरिद्वार एवं काठगोदाम स्पेशल रेल आगामी 2-3 दिनों में प्रस्तावित ।

• उत्तराखण्ड आने वाले समस्त प्रवासी व्यक्तियों को जो अपने स्वयं के वाहन से उत्तराखण्ड आना चाहते हैं, को तेजी से E-Pass जारी किये जा रहे हैं।

यह भी पढ़े- Good news : लोकप्रियता प्रशासक मंगेश घिल्डियाल ने कार्यभार ग्रहण किया ।। web news ।।

Good news : लोकप्रियता प्रशासक मंगेश घिल्डियाल ने कार्यभार ग्रहण किया ।। web news ।।

Mangesh-ghildiyal

मंगेश घिल्डियाल ने गत दिवस (रविवार) को टिहरी के जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया ।।

नई टिहरी ।। वर्ष 2011 बैच के आईएएस अधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने गत दिवस (रविवार) को टिहरी के जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। इससे पूर्व वह रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी थे। कार्यभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने कोरोना संक्रमण को लेकर जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों की बैठक ली। कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण के कारण आई समस्याओं को दूर करना, प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाना और अधिक से अधिक लोगों की सैंपलिंग करना पहला लक्ष्य है।
आईएएस अधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने टिहरी के 53 वें जिलाधिकारी के रूप में रविवार को कार्यभार ग्रहण किया। पुलिस के जवानों ने उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया। इससे पूर्व श्री घिल्डियाल तीन साल तक रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी और सीडीओ चमोली सहित विभिन्न प्रशासिनक पदों पर सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने अधिकारियों की बैठक लेते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई समस्याओं को प्राथमिकता से हल किया जाए। जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने सीएमओ डा. मीनू रावत को कोरोना अपडेट, अब तक किए गए उपायों, सैंपलिंग की जानकारी, स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या, कोविड-19 के बचाव के उपकरण सहित कई अन्य जानकारी भी ली। कहा कि कोरोना के कारण पैदा हुई स्थिति से बाहर आने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएंगे। टीम भावना से जिले की समस्याओं को हल किया जाए।

बैठक में जिलाधिकारी ने जिला पर्यटन अधिकारी को जनपद के एक-एक होटल संचालको/मालिको से बात कर करते हुए होटल में सुविधाओं व कक्षो की संख्या का व्योरा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। वही कॉरेन्टीन/आइसोलेशन पर रखे जाने वाले व्यक्तियों को साफ-सुथरा व गुणवत्तापरक भोजन मिल सके इस हेतु सम्पूर्ण दायित्व जिला पूर्ति अधिकारी को दे दिया गया है।
उन्होंने युवा कल्याण अधिकारी को प्रत्येक कॉरेन्टीन/आइसोलेशन केंद्र के लिए 2-2 पीआरडी जवान की तैनाती के निर्देश दिए है। इसके अलावा डीओ पीआरडी को कोरोना आपदा काल के दौरान काम से कम 800 स्वंय सेवको को प्रशिक्षण कर तैयार रखने को कहा गया है। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए कि जनपद किसी भी फैसिलिटी कॉरेन्टीन सेंटर स्कूल/पंचायत भवन में कोविड पोसिटिव केस आता है तो उस केंद्र के सभी व्यक्तियों को तत्काल एम्बुलेंस द्वारा संस्थागत कॉरेन्टीन केंद्र लाया जाएगा। जहां उनकी देखभाल, सेम्पल लिए जाने जैसे कार्यो में आसानी होगी। पोसिटिस केस आने के बाद की जाने वाली कांटेक्ट ट्रेसिंग एक ही दिन में पूरी हो इस हेतु डीएफओ कोको रोसे को नोडल अधिकारी बनाया गया है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया की यदि हम लोगो को संस्थागत कॉरेन्टीन कर रहे है तो कॉरेन्टीन सेंटरों क्वालिटेटिव होना भी आवश्यक है। जिसके तहत कॉरेन्टीन केंद्र के प्रत्येक कक्ष में ब्रश, मग, बाल्टी, झाड़ू, हार्पिक, पानी पीने का ग्लास, और बचे हुए भोजन को डिस्पोज़ करने के लिए ब्लैक पालीथिन शामिल है।

पॉजिटिव वेब : डाक विभाग पहुचायेगा आम और लीची जाने क्या है पूरी खबर

Post-office

डाक विभाग का बिहार पोस्टल सर्किल लोगों के दरवाजों तक ‘शाही लीची’ और ‘जर्दालु आम’ पहुंचाएगा

भारत सरकार के डाक विभाग और बिहार सरकार के बागवानी विभाग ने लोगों के दरवाजों तक ‘शाही लीची’ और ‘जर्दालु आम’ की आपूर्ति करने के लिए हाथ मिलाया है। बिहार पोस्टल सर्किल ने बिहार सरकार के बागवानी विभाग के साथ मुजफ्फरपुर से शाही लीची और भागलपुर से जर्दालु आम की लॉजिस्टिक्स करने तथा इसकी लोगों के दरवाजों तक प्रदायगी करने के लिए एक करार किया है।

कोरोना वायरस को सीमित करने के लिए लॉकडाउन के कारण लीची और आम के उत्पादकों को फलों को बेचने के लिए बाजार तक ले जाने/परिवहन की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के बीच इसकी आपूर्ति एक बड़ी चुनौती बन गई है इसलिए आम लोगों की मांग को पूरी करने और किसानों को उनका फल बेचने के लिए बिना किसी बिचौलिये के सीधे उनका बाजार उपलब्ध कराने के लिए बिहार सरकार के बागवानी विभाग एवं भारत सरकार के डाक विभाग ने इस पहल के लिए हाथ मिलाया है।

मुजफ्फरपुर (बिहार) की ‘शाही लीची’ और भागलपुर (बिहार) का ‘ जर्दालु आम’ अपने अनूठे स्वाद और और हर जगह मांग के कारण दुनिया भर में विख्यात है।

ऑनलाइन आर्डर के लिये इस वेबसाइट पर जाएं -

horticulture.bihar.gov.in

आरंभ में यह सुविधा ‘शाही लीची’ के लिए मुजफ्फरपुर और पटना के लोगों को तथा ‘ जर्दालु आम’ के लिए पटना और भागलपुर के लोगों के लिए उपलब्ध होगी। लीची की बुकिंग न्यूनतम 2 किग्रा तथा आम की बुकिंग न्यूनतम पांच किग्रा तक के लिए होगी।

ऑनलाइन बुकिंग तथा दरवाजों तक प्रदायगी की सुविधा उत्पादकों/किसानों को सीधे तौर पर इस नए बाजार में अच्छा लाभ अर्जित करने में मदद करेगी। ग्राहकों को भी कम कीमत पर अपने दरवाजों तक इन ब्रांडेड फलों को प्राप्त करने का लाभ मिलेगा।

अभी तक वेबसाइट पर 4400 किग्रा लीची के लिए आर्डर दिए जा चुके हैं। सीजन के दौरान यह 100000 किग्रा तक जा सकता है। आमों के लिए आर्डर मई के अंतिम सप्ताह से आरंभ होंगे।

रविवार, 24 मई 2020

श्रद्धांजलि : अलविदा कह गए जयपाल भावुक हुआ पूरा कला जगत परिवार ।।

Jaipal-negi

उत्तराखंड के जाने माने कलाकार जयपाल नेगी का अस्मिक निधन, कला जगत ने दी श्रधंजलि।

उत्तराखण्ड के जाने माने कलाकार जयपाल नेगी का आज सुबह निधन हो गया है । वे कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे । जयपाल नेगी पिछले कई सालों से उत्तराखण्ड फिल्म एवं नाट्य संस्थान से लगातार जुड़े हुए थे । दो महीने पहले ही उत्तराखंड एक उन्दा कलाकारा पुष्पा छोरी फेम रीना रावत का भी बीते 12 मार्च को निधन हो गया था ।लोक गायक गजेंद्र राणा के सुपरहिट गढ़वाली वीडियो गीत “पुष्पा छोरी पौड़ी खाल की, लगदी छै तु बड़ी कमाल की” में सुप्रसिद्ध अभिनेत्री रीना रावत के साथ जिस कलाकार ने अभिनय किया वे जयपाल नेगी ही थे. उत्तराखंड फिल्म एवं संगीत जगत से इस तरह छोटी उम्र में एक के बाद एक युवा कलाकारों का जाना बहुत बड़ी क्षति है ।

कला जगत के लोग गायक, कलाकार,पत्रकार संस्कृति प्रेमी सब हुए भावुक ।

उत्तराखंड के प्रसिद्ध अभिनेता जयपाल नेगी हमारे बीच नही रहे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे । ओम शांति शांति शांति....नरेंद्र सिंह नेगी , लोक गायक

आज मन बहुत दुःखी है, व्यथित है, आखिर जो इंसान अच्छा होता है वो अचानक ऐसे बीच में ही क्यों चले जाता है। अचानक फेसबुक पर खबर पढ़ी तो आंखों के आगे अचानक अंधेरा छा गया। आखिर ये हो क्या रहा है। एक के बाद एक अच्छा कलाकार इस अशुभ वर्ष में हमारे बीच से अचानक चले गये। कुल मिलाकर हे ईश्वर ये सरासर अन्याय है। दोस्त बहुत सारी एलबमों में साथ साथ अभिनय किया बहुत सारी हंसी मजाक होती थी। आप जैसे दोस्त का दुबारा मिलना मुश्किल है आप ऐसे चले जाओगे मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। ईश्वर आपको अपने श्री चरणों में स्थान दे। Miss You Dost - कान्ता प्रसाद , अभिनेता/निर्देशक

उत्तराखंड की संस्कृति को एक और झटका नवजवान महान अदाकार एक बढ़िया अभिनेता भाई जयपाल नेगी का निधन आज सुबे उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री में महांसोक विश्वास नही हो रहा भगवान भाई उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और इस दुख भरी घड़ी में उनके परिवार को दुख सहन करने की ताकत दे हमारी संवेदनाएं परिवार के साथ हें ऊं शांति ऊं शांति- चन्द्रवीर गायत्री, वरिष्ठ पत्रकार

बहुत ही दुखद!
उतराखंड के पसंदीदा अभिनेता स्व जयपाल जी अब हमारे बीच नहीं रहे. उनकी यादें हमेशा हमारे दिल मे होंगी। बहुत ही सभ्य मिलनसार व्यक्तिव हमने खो दिया है। मन बहुत दुखित एवम्ं स्तब्ध है । आज हमारे हिलमेळ live कार्यक्रम को भी इस दुखद घडी मे दूसरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। दिवंगत आत्मा की शांति हेतु भगवान से प्रार्थना करती हूँ। ओम् शांति शांति- प्रमिला चमोली, लोक गायिका

दुखद
उत्तराखंड कलाजगत के एक विरष्ठ कलाकार जयपाल नेगी भाई हमारे बीच नही रहे भगवान उनकी पुण्य आत्मा को शांति प्रदान करे उनके परिजनों को यह असहनीय दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे ओउम शांत- अमित सागर, गायक

पॉजिटिव वेब : कोविड -19 से लड़ने में चाय बड़े काम की पढ़े पूरी खबर ।।web news ।।

Tea-field


कोविड-19 से लड़ने में एचआईवी दवाओं से अधिक कारगर कांगड़ा चाय

कोविड-19 से लड़ने के लिए संशोधित प्रोटोकॉल में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा प्रतिरोधक क्षमता में सुधार और उपचार के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के स्थान पर एचआईवी-रोधी दवा के उपयोग की संभावना व्यक्त की जा रही है। दूसरी ओर, अब कहा जा रहा है कि एचआईवी-रोधी दवाओं की तुलना में चाय रसायन भी प्रतिरक्षा बढ़ाने और कोरोना वायरस गतिविधि को अवरुद्ध करने में अधिक प्रभावी हो सकते हैं। हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में स्थित हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) के निदेशक डॉ संजय कुमार ने इस तथ्य का खुलासा किया है। कांगड़ा चाय के बारे में बोलते हुए यह बात उन्होंने अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के मौके पर आईएचबीटी में आयोजित एक वेबिनार के दौरान कही है।

  “चाय में ऐसे रसायन होते हैं जो कोरोनावायरस की रोकथाम में एचआईवी-रोधी दवाओं की तुलना मेंअधिक प्रभावी हो सकते हैं। हमारे वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर-आधारित मॉडल का उपयोग करते हुए जैविक रूप से सक्रिय 65 रसायनों या पॉलीफेनोल्स का परीक्षण किया है, जो विशिष्ट वायरल प्रोटीन को एचआईवी-रोधी दवाओं की तुलना में अधिक कुशलता से बाँध सकते हैं। ये रसायन उन वायरल प्रोटीन्स की गतिविधि को अवरुद्ध कर सकते हैं, जो मानव कोशिकाओं में वायरस को पनपने में मदद करता है।”-डॉ संजय कुमार

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद से संबद्ध आईएचबीटी अपने प्रौद्योगिकी साझेदारों के साथ मिलकर चाय आधारित प्राकृतिक सुगंधित तेलों से युक्त अल्कोहल हैंड सैनिटाइजर का भी उत्पादन व आपूर्ति कर रहा है। आईएचबीटी में चाय के अर्क के उपयोग से हर्बल साबुन भी बनाया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह साबुन प्रभावी रूप से फफूंद-रोधी, जीवाणु-रोधी व वायरस-रोधी गुणों से लैस है। हिमाचल की दो कंपनियों द्वारा इस साबुन का उत्पादन व विपणन किया जा रहा है।

इस अवसर पर टी-विनेगर (चाय के सिरके) की तकनीक धर्मशाला की कंपनी मैसर्स काश आई विशको हस्तांतरित की गई है। चाय के सिरके में मोटापा-रोधी गुण होते हैं। इसके अतिरिक्त आयुष द्वारा सिफारिश की गई जड़ी-बूटियों से युक्त हर्बल ग्रीन और ब्लैक टी उत्पादों को भी लॉन्च किया गया है। इन उत्पादों को सीएम स्टार्ट-अप योजना के तहत मंडी के उद्यमी परितोष भारद्वाज द्वारा विकसित किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु ये उत्पाद बहुत उपयोगी हो सकते हैं।

यह भी पढ़ें - इम्युनिटी बढ़ाये कोरोना भगाये - डॉ शैलेन्द्र कौशिक व डॉ प्रिया पांडेय कौशिक

शनिवार, 23 मई 2020

Corona warrior : नेहा कुशवाहा और दून यूनिवर्सिटी आज के कोरोना वॉरियर - जिलाधिकारी, देहरादून ।। web news ।।


लाॅक डाउन अवधि में किये गये उत्कृष्ट कार्यों के दृष्टिगत आज के कोरोना वाॅरियर ।

आज के दो कोरोना वारियर नामों की घोषणा की गयी । जिसमे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं सिविल जज ( सीनियर डिवीजन) नेहा कुशवाह एवं दून यूनिवर्सिटी, जिनके द्वारा “कोविड-19” के दौरान किए गये उत्कृष्ट कार्यों के
लिए दिया गया ।


कोरोना वाॅरियर (शासकीय विभाग से)

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून
श्रीमती नेहा कुशवाहा,
सिविल जज (सी.डी)/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून

लाॅक डाउन अवधि में जनपद देहरादून में रह रहे विभिन्न जनपदो तथा अन्य राज्यों के छात्र/छात्राएं, व्यक्ति, परिवार जो विभिन्न छात्रावासों एवं किराये के मकान में निवासरत हैं, को उत्पीड़न, दुव्र्यवहार, प्रताड़ना, घरेलू हिंसा के दृष्टिगत विधिक जागरूकता एवं विधिक सहायता निःशुल्क एवं आनलाईन विधिक सहायता उपलब्ध करवाते हुए जिला प्रशासन को सहयोग कर रहे हैं।



कोरोना वाॅरियर (सिविल सोCसायटी से)

दून यूनिवर्सिटी देहरादून,

लाॅक डाउन अवधि में आम जनमानस हेतु भोजन पैकेट उपलब्ध करवाते हुए जिला प्रशासन को सहयोग कर रहे हैं।



Kavita : कोरोना वाइरस - कनिका गोदियाल ।। web news।।


Corona-virus

कोरोना वायरस ✍️

दुनिया पर संकट छाया,
वैज्ञानिकों ने भी शीश झुकाया
को‌रोना नाम का एक वायरस,
विनाश काल आपत्ती लाया

सब ने सीखा नमस्ते करना
चीन से आया ये वायरस से डरना
पुलिस डॉक्टर सब लगे हैं,
लोगों की जिंदगी बचाने में

खुद की जान लुटा बैठे अनजाने में,
अपने परिवार को भूलकर
दूसरों का परिवार बचा रहे हैं
घर में बैठने को कहा है,
हम उसको भी ठुकरा रहे हैं ।

पूरी दुनिया से लड़ रही है
तभी तो सबकी सांसे चल रही है
सबकी आंखों मे उम्मीद है,
इस से जीतने की ज़िद है।

स्कूल में सब यार बैठकर,
गपशप लगाते थे।
कभी कबार तो लड़ाई भी करवाते थे
करोना ने तो हमारी लड़ाई भी बंद करवा दी,

हजार लोगों की शादी भी तुड वादी
हम घर में बैठे भी हजार
वायरस खत्म करवा सकते हैं
जैसे इस दुनिया से,
प्रदूषण भगा सकते हैं।

कोरोना वायरस ने,
हमें अच्छा सबक सिखाया है,
हमें जिंदगी बदलने का
अच्छा मौका दिलाया है

दुनिया पर संकट छाया,
वैज्ञानिकों ने भी शीश झुकाया ।

                       ✍️✍️ कनिका गोदियाल
                                  कक्षा 8