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शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025

सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर कमल गिरी बने सफल उद्यानपति



चम्पावत, उत्तराखंड: आदर्श जनपद चम्पावत के दूधपोखरा गांव के 35 वर्षीय कमल गिरी आज स्वरोजगार और मेहनत की एक प्रेरक मिसाल बन चुके हैं। चार साल पहले तक छोटी सी दुकान चलाने वाले कमल गिरी ने राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर 35 नाली जमीन पर सेब, कीवी, आडू, खुमानी और सब्जियों का विशाल उद्यान खड़ा कर लिया है। उनकी सफलता न केवल स्थानीय लोगों को प्रेरित कर रही है, बल्कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में औद्यानिकी को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।

मेहनत और सरकारी योजनाओं का संगम
कमल गिरी की कहानी तब शुरू हुई जब उन्हें सेब की जल्दी पैदावार देने वाली प्रजाति की जानकारी मिली। इस जानकारी को हकीकत में बदलने के लिए वे भीमताल की नर्सरी पहुंचे, जहां उन्हें उद्यान विभाग की एप्पल मिशन योजना के बारे में पता चला। इस योजना के तहत उन्हें 60% सब्सिडी पर 500 सेब के पौधे मिले। इसके बाद उन्होंने कीवी मिशन के तहत 10 नाली जमीन पर कीवी के पौधे लगाए। साथ ही, तेज पत्ता, बड़ी इलायची, मधुमक्खी पालन और मशरूम उत्पादन जैसे सहायक कार्यों को भी अपनाया।

आज उनके पास 35 नाली का एक समृद्ध उद्यान है, जिसमें वे पॉलीहाउस के जरिए सब्जियां उगा रहे हैं। 80% सब्सिडी पर बने पॉलीहाउस और तारबाड़ ने उनकी फसलों को जंगली जानवरों से सुरक्षित रखने में मदद की है।

उत्पादन और कमाई का नया दौर
कमल गिरी की मेहनत अब रंग ला रही है। पिछले सीजन में उन्होंने 21 क्विंटल सेब बेचा, और इस सीजन में कीवी का उत्पादन भी शुरू हो गया है। इसके अलावा, 15 क्विंटल तेज पत्ता और पॉलीहाउस से नियमित सब्जियों की बिक्री ने उनकी आय को और मजबूती दी है। मधुमक्खी पालन और मशरूम उत्पादन जैसे सहायक कार्यों ने उनकी आय के स्रोतों को और विविधता प्रदान की है।

प्रेरणा का स्रोत
कमल गिरी की सफलता ने स्थानीय किसानों को सेब और कीवी उत्पादन की ओर प्रेरित किया है। उनकी कहानी इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि सही जानकारी, सरकारी सहायता और मेहनत से स्वरोजगार के नए द्वार खोले जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है, "उत्तराखंड के गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए औद्यानिकी बेहद जरूरी है। इसके लिए सरकार एप्पल मिशन, कीवी मिशन जैसी योजनाएं चला रही है, जिनके परिणाम अब सामने आने लगे हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों की आय बढ़ने से पलायन की समस्या का भी समाधान होगा।"

आगे की राह
कमल गिरी जैसे उद्यमी न केवल अपने लिए, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक नई राह दिखा रहे हैं। उनकी कहानी उत्तराखंड के युवाओं और किसानों के लिए प्रेरणा है कि सरकारी योजनाओं का सही उपयोग कर आत्मनिर्भरता और समृद्धि हासिल की जा सकती है।


मंगलवार, 8 अप्रैल 2025

चकराता वन प्रभाग के चयनित किसानों को सगंध फसलों की खेती का प्रशिक्षण


दिनांक 3 अप्रैल से 5 अप्रैल 2025 तक चला प्रशिक्षण सत्र, किसानों को खेती, प्रसंस्करण और विपणन की दी गई जानकारी

सेलाकुई (देहरादून) लखवाड़ कैट योजना के अंतर्गत चकराता वन प्रभाग, कालसी के चयनित किसानों के लिए सगंध पौधा केंद्र (कैप), सेलाकुई में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण श्री अभिमन्यु, भा०व०से०, प्रभागीय वनाधिकारी चकराता के निर्देशन एवं गंगोत्री कौशल विकास एवं उत्थान समिति, देहरादून के सहयोग से आयोजित हुआ।

सगंध पौधों की खेती से बेहतर आमदनी के अवसर

प्रशिक्षण के दौरान कैप के वरिष्ठ तकनीकी सहायक श्री सुनील सिंह बर्त्वाल ने किसानों को सगंध पौधा केंद्र की गतिविधियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि डेमस्क गुलाब, लैमनग्रास, तेजपत्ता जैसी फसलें किसानों को प्रति हेक्टेयर लाखों रुपये की आमदनी दिला सकती हैं।

श्री बर्त्वाल ने किसानों को बताया कि डेमस्क गुलाब की खेती ठंडी जलवायु वाले क्षेत्रों के लिए लाभकारी है। इसका उपयोग इत्र निर्माण में किया जाता है।

लैमनग्रास व तेजपत्ता की खेती से बंजर भूमि को मिलेगा नया जीवन

कैप के विशेषज्ञ श्री शंकर लाल सागर ने बताया कि लैमनग्रास की खेती विशेष रूप से उन खेतों के लिए उपयुक्त है, जो लंबे समय से बंजर पड़े हैं। सिंचित भूमि में लैमनग्रास से दुगनी आमदनी प्राप्त की जा सकती है।

उन्होंने किसानों को तेजपत्ता की कृषि वानिकी पद्धति से खेती की जानकारी दी, जिससे पत्तियों के साथ-साथ छाल बेचकर भी अतिरिक्त आय अर्जित की जा सकती है।

सगंध फसलों की मार्केटिंग और सरकारी योजनाएं

प्रशिक्षण के अंतिम दिन डॉ. चेतन पाटिल ने किसानों को जानकारी दी कि केंद्र व राज्य सरकार सगंध फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही हैं। इसके अंतर्गत 5 नाली तक नि:शुल्क पौधरोपण सामग्री तथा आसवन संयंत्र व सोलर ड्रायर स्थापना पर अनुदान दिया जाता है।

डॉ. आरके यादव एवं अन्य विशेषज्ञों ने किसानों को सगंध फसलों के महत्व, गुणवत्ता नियंत्रण और विपणन संबंधी विस्तृत जानकारी दी।

प्रमाण पत्र वितरण के साथ हुआ समापन

समापन सत्र में गंगोत्री कौशल विकास एवं उत्थान समिति के अध्यक्ष श्री रमेश खत्री ने किसानों से सगंध फसलों की खेती को अपनाकर आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया। अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।


सोमवार, 7 अप्रैल 2025

यूसर्क द्वारा देहरादून में "एग्रो इकोलॉजी इंटरप्रैन्योरशिप डेवलपमेंट सेन्टर" के अंतर्गत साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

उत्तराखंड में युवाओं को वैज्ञानिक सोच और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) द्वारा एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यूसर्क द्वारा सीआईएमएस, देहरादून में स्थापित "एग्रो इकोलॉजी इंटरप्रैन्योरशिप डेवलपमेंट सेन्टर" के अंतर्गत दिनांक 7 अप्रैल 2025 से "प्लांट टिश्यू कल्चर, मशरूम स्पॉन प्रोडक्शन एवं वर्मी कम्पोस्ट" विषय पर साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम युवाओं को जैव प्रौद्योगिकी, कृषि आधारित उद्यमिता और सतत विकास की दिशा में व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को लैब में प्रत्यक्ष कार्य अनुभव के साथ-साथ एक्सपीरियंटल लर्निंग आधारित हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग दी जा रही है।

कार्यक्रम का शुभारंभ

प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि यूसर्क की निदेशक प्रो. (डॉ.) अनीता रावत ने किया। उन्होंने यूसर्क की विभिन्न वैज्ञानिक पहलों की जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में सक्षम बनाते हैं। प्रशिक्षण के दौरान टिश्यू कल्चर तकनीक, उच्च गुणवत्ता वाले मशरूम स्पॉन उत्पादन और वर्मी कम्पोस्ट निर्माण की विधियों पर विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

सहभागिता

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तराखंड के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से कुल 25 प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। इनमें राजकीय महाविद्यालय पुरोला उत्तरकाशी, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार, राजकीय महाविद्यालय सतपुली, राजकीय महाविद्यालय सितारगंज एवं श्री देव सुमन विश्वविद्यालय ऋषिकेश परिसर आदि शामिल हैं।

अन्य महत्वपूर्ण उपस्थितियाँ

कार्यक्रम में सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए यूसर्क के इस प्रयास की सराहना की।

एफआरआई, देहरादून की वैज्ञानिक डॉ. मोनिका चौहान ने प्रशिक्षुओं को प्लांट टिश्यू कल्चर, मशरूम स्पॉन उत्पादन एवं वर्मी कम्पोस्ट से संबंधित तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी।

कार्यक्रम में सीआईएमएस के अकादमिक निदेशक डॉ. एस. बी. जोशी, यूसर्क एग्रो इकोलॉजी इंटरप्रैन्योरशिप डेवलपमेंट सेन्टर के केन्द्र समन्वयक डॉ. रंजीत कुमार सिंह सहित अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।


मंगलवार, 25 मार्च 2025

सीएम योगी का निर्देश:गर्मी की छुट्टी के दौरान भी खुलेंगे स्कूल



(लखनऊ UP)25मार्च,2025.

उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के बच्चों के लिए अब गर्मी की छुट्टियों में समर कैंप लगाए जाएंगे। इनमें बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई के साथ ही अतिरिक्त गतिविधियों से भी जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

समर कैंप 20 मई से 15 जून के बीच चयनित विद्यालयों में आयोजित किए जाएंगे।समर कैंप का उद्देश्य बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखते हुए सीखने के लिए प्रेरित करना है। विभाग इस पर लगभग 200 करोड़ खर्च करेगा। यह पहल न सिर्फ बच्चों के शैक्षिक विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि उनकी छिपी प्रतिभाओं को निखारने में भी मददगार साबित होगी। 

अब तक इस तरह की कवायद सिर्फ निजी विद्यालयों में ही होती है। विभाग के अनुसार कैंप में फाउंडेशनल लिट्रेसी और न्यूमेरेसी (एफएलएन) पर आधारित गतिविधियां होंगी। जीवन कौशल, व्यक्तित्व विकास, योग, खेलकूद, विज्ञान-तकनीक आधारित प्रयोग, कला-सांस्कृतिक कार्यक्रम और पर्यावरण के प्रति उन्हें जागरूक बनाया जाएगा। कैंप सुबह डेढ़ घंटे तक ही आयोजित किए जाएंगे। शिक्षामित्र, अनुदेशक और शिक्षकों की देखरेख में कैंप का संचालन होगा। कैंप में बच्चों को सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशन के तहत गुड़ की चिक्की, बाजरे का लड्डू, रामदाना लड्डू, गुड़-चना और लैया पट्टी जैसी पौष्टिक खानपान की चीजें भी दी जाएंगी

"सौगात-ए-मोदी" योजना: ईद की ईदी या चुनावी गिफ्ट पैक?

भाजपा द्वारा ईद पर सौगात-ए-मोदी सहायता किट"

रमज़ान में राजनीति: "सौगात-ए-मोदी" किट की हकीकत

रमज़ान का पाक महीना चल रहा है और ईद करीब है, लेकिन इस बार चर्चा इबादत और दुआओं से ज्यादा "सौगात-ए-मोदी" योजना को लेकर हो रही है। बीजेपी सरकार ने ऐलान किया है कि वह 32 लाख गरीब मुस्लिम परिवारों को खाने-पीने की वस्तुओं और कपड़ों से भरी किट बांटेगी। इस योजना के तहत 32,000 मस्जिदों से किट का वितरण होगा, जिसमें पार्टी कार्यकर्ता भी शामिल होंगे।

अब सवाल उठता है कि क्या यह "गरीबों की सेवा" है या "चुनावी समीकरण साधने की रणनीति"? आइए इस योजना को विस्तार से समझते हैं।


"सौगात-ए-मोदी" किट में क्या मिलेगा?

BJP सरकार द्वारा वितरित की जाने वाली इस विशेष ईद किट में शामिल हैं:

✅ खाने-पीने की चीजें: चावल, दाल, चीनी, सेवई, खजूर और ड्राई फ्रूट्स
✅ कपड़े: महिलाओं के लिए सूट, पुरुषों के लिए कुर्ता-पायजामा
✅ BJP का संदेश: एक पर्चा जिसमें सरकारी योजनाओं की जानकारी होगी



32000 मस्जिदों से किट वितरण: यह सेवा है या चुनावी गणित?

BJP के 32,000 कार्यकर्ता 32 लाख गरीब मुस्लिमों तक यह किट पहुंचाएंगे। लेकिन इससे एक बड़ा सवाल खड़ा होता है:

✔️ क्या यह मुस्लिम समुदाय को भाजपा से जोड़ने की कोशिश है?
✔️ क्या यह ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नया रूप है या चुनावी मजबूरी?

बीजेपी पहले भी ‘पसमांदा मुस्लिम’ कार्ड खेल चुकी है। अब इस नई योजना से वह क्या पाना चाहती है?


"ईद मिलन समारोह" या "इलेक्शन मिलन समारोह"?

बीजेपी सिर्फ किट नहीं बांट रही, बल्कि हर जिले में "ईद मिलन समारोह" भी आयोजित कर रही है। पार्टी के अनुसार, यह समाज में सौहार्द और भाईचारे को बढ़ावा देने का प्रयास है। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनावी प्रचार का एक नया तरीका है।

✅ भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी यासिर जिलानी ने खुद माना कि,
"इस पहल का एक मकसद भाजपा और NDA के लिए समर्थन जुटाना भी है।"



क्या "सौगात-ए-मोदी" BJP के लिए वोट बैंक तैयार करेगी?

2024 लोकसभा चुनावों में भाजपा को मुस्लिम वोटों का ज्यादा फायदा नहीं मिला। लेकिन 2025 में होने वाले चुनावों के लिए पार्टी अब नई रणनीति अपना रही है।

👉 क्या यह रणनीति काम करेगी?
👉 क्या मुस्लिम वोटर्स BJP की ओर झुकेंगे?
👉 या यह सिर्फ एक चुनावी स्टंट बनकर रह जाएगी?



निष्कर्ष: "ईद की सौगात" या "वोटों की सौगात"?

"सौगात-ए-मोदी" किट को लेकर राय बंटी हुई है। कुछ इसे गरीबों की सेवा मानते हैं, तो कुछ इसे चुनावी राजनीति का हिस्सा बताते हैं।

✔️क्या यह ईद का तोहफा है या 2025 चुनावों के लिए निवेश?

✔️क्या यह मुस्लिम समुदाय को BJP के करीब लाने की चाल है?

👉 आपका क्या सोचना है? हमें कमेंट में बताएं!


सोमवार, 24 मार्च 2025

यूसर्क द्वारा उत्तराखंड में "बायोइनफॉर्मेटिक्स फॉर जीनोमिक एनालिसिस 2.0" प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

Genomic Analysis 2.0 बायोइनफॉर्मेटिक्स वर्कशॉप के प्रतिभागी
Genomic Analysis 2.0: उत्तराखंड में USERC और देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित बायोइनफॉर्मेटिक्स प्रशिक्षण वर्कशॉप के प्रतिभागी

विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) ने देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में 24 मार्च 2025 से विश्वविद्यालय परिसर में "हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग ऑन बायोइनफॉर्मेटिक्स फॉर जीनोमिक एनालिसिस 2.0" विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य उच्च शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों को आधुनिक बायोइनफॉर्मेटिक्स तकनीकों में दक्ष बनाना है।

कार्यक्रम का उद्घाटन और उद्देश्य

कार्यक्रम का उद्घाटन यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अनीता रावत द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि यूसर्क ने देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर में राज्य का पहला "यूसर्क सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन बायोइनफॉर्मेटिक्स" स्थापित किया था। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इसी केंद्र के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बायोइनफॉर्मेटिक्स न केवल जैव प्रौद्योगिकी और जीवन विज्ञान का भविष्य है, बल्कि यह चिकित्सा अनुसंधान, औषधि विकास और व्यक्तिगत जीनोमिक चिकित्सा के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।

बायोइनफॉर्मेटिक्स का महत्व

प्रोफेसर रावत ने इस अवसर पर बताया कि बायोइनफॉर्मेटिक्स और जीनोमिक एनालिसिस का उपयोग मानव स्वास्थ्य सुधार, दवा विकास, और कृषि क्षेत्र में विशेष रूप से किया जा रहा है। उन्होंने इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों के बीच एक्सपीरिएंशियल लर्निंग (अनुभव आधारित शिक्षण) को बढ़ावा देना बताया। यह कार्यक्रम छात्रों और शोधकर्ताओं को उन्नत जैव सूचना विज्ञान तकनीकों में दक्षता प्राप्त करने में मदद करेगा।

प्रतिभागियों और संस्थानों की सहभागिता

इस कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के 25 छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रतिभागी संस्थानों में प्रमुख रूप से श्री देव सुमन विश्वविद्यालय ऋषिकेश परिसर, राजकीय महाविद्यालय डोईवाला, और देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय के छात्र शामिल हैं।

विशेष अतिथियों के विचार

कार्यक्रम में देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर प्रीति कोठियाल ने यूसर्क द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति डॉ. रितिका मेहरा, रजिस्ट्रार जनरल ओ. पी. सोनी, डीन रिसर्च एंड इनोवेशन डॉ. नवील अहमद, डॉ. निर्जरा सिंघवी, और अन्य शिक्षकों सहित 50 से अधिक लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

यह भी पढ़ें -  मसूरी में ‘लिव इन यूके’ का मुहूर्त: UCC पर नई बहस की शुरुआत?

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को बायोइनफॉर्मेटिक्स के क्षेत्र में गहराई से समझ विकसित करने और व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिल रहा है। भविष्य में भी यूसर्क इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन कर विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को नवीनतम तकनीकों से जोड़ने का कार्य करता रहेगा।

शनिवार, 22 मार्च 2025

मसूरी में ‘लिव इन यूके’ का मुहूर्त: UCC पर नई बहस की शुरुआत?

उत्तराखंड फिल्म 'लिव इन यूके' की शूटिंग टीम का उत्साह


उत्तराखंड फिल्म 'लिव इन यूके' की मुहूर्त शॉट के दौरान उत्साहित टीम

उत्तराखंड में लिव इन रिलेशनशिप और यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर आधारित पहली फिल्म ‘लिव इन यूके’ का मुहूर्त मसूरी  में हुआ। फिल्म के निर्देशक प्रदीप भंडारी ने इस मौके पर UCC के प्रभाव और सामाजिक बदलावों को लेकर चिंता जताई।

"ये नया कानून उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति पर असर डाल सकता है," भंडारी ने कहा। उन्होंने बताया कि इस फिल्म के जरिए वह लोगों और सरकार तक एक संदेश पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

UCC लागू होने के बाद क्या बदला?

उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू किया, जिसके तहत विवाह, तलाक, विरासत और लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता दी गई है। कई लोगों का मानना है कि देवभूमि की संस्कृति में यह एक बड़ा बदलाव है।

निर्देशक प्रदीप भंडारी ने कहा,
"समाज और संस्कृति के हर बदलाव को स्वीकार करना जरूरी नहीं, बल्कि उसे समझना और उस पर चर्चा करना भी उतना ही जरूरी है।"

‘लिव इन यूके’ का असली मकसद क्या है?

यह कोई मसाला फिल्म नहीं, बल्कि समाज को सोचने पर मजबूर करने वाली कहानी है। फिल्म के जरिए UCC और लिव इन रिलेशनशिप के वास्तविक प्रभावों को दिखाने की कोशिश की जाएगी।

प्रदीप भंडारी बताते हैं,
"यह फिल्म बदलाव के नाम पर हो रहे सामाजिक टकराव को दिखाने का प्रयास है। यह समझने की जरूरत है कि क्या यह कानून हमारे समाज के लिए सही है या नहीं?"

यह भी  पढे - देहरादून में 'MR. CHARAN' फिल्म का ग्रैंड प्रीमियर, दर्शकों ने जमकर सराहा!

फिल्म की शूटिंग कहां होगी?

फिल्म की शूटिंग उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में की जाएगी, जिनमें देहरादून, मसूरी और टिहरी शामिल हैं। फिल्म के प्रमुख कलाकार इस प्रकार हैं:

  • राजेश नौगांई
  • बिनीता नेगी
  • वसंत घिल्डियाल
  • आदिति चौहान
  • राम रवि

फिल्म की सिनेमैटोग्राफी नागेंद्र प्रसाद संभाल रहे हैं और एसोसिएट डायरेक्टर दीपक रावत हैं।

मुहूर्त शॉट पर कौन-कौन रहा मौजूद?

फिल्म के मुहूर्त शॉट के दौरान कई चर्चित चेहरे और फिल्मी हस्तियां मौजूद रहीं, जिनमें शामिल हैं:

  • बिनीता नेगी
  • आदिति चौहान
  • विकेश बाबू
  • राम रवि
  • नागेंद्र प्रसाद
  • दीपक रावत
  • नितेश भट्ट
  • रवि राणा
  • गुड्डी कैंतुरा
  • कमलेश भंडारी
  • जितेंद्र कैंतुरा

क्या यह फिल्म UCC पर बहस को नई दिशा देगी?

‘लिव इन यूके’ केवल एक फिल्म नहीं बल्कि एक विचारधारा को प्रस्तुत करने का प्रयास है। यह दिखाएगी कि कैसे एक नया कानून समाज की पुरानी मान्यताओं को प्रभावित कर सकता है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि यह फिल्म समाज पर क्या प्रभाव डालती है और UCC पर चल रही बहस को किस दिशा में मोड़ती है।


यहां देखें इस खास मौके का वीडियो:

बुधवार, 19 मार्च 2025

"जन जागरण अभियान समिति का 'अद्भुत सेवा सम्मान' समारोह | Uttarakhand News |

"जन जागरण अभियान समिति द्वारा उत्तराखंड के फिल्म कलाकारों को 'अद्भुत सेवा सम्मान' प्रदान किया गया।"
"जन जागरण अभियान समिति द्वारा 'अद्भुत सेवा सम्मान' में फिल्म विधा से जुड़े व्यक्तियों का सम्मान

देहरादून, 19 मार्च 2025: सिनेमा केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि समाज को दिशा देने वाला प्रभावशाली उपकरण भी है। इसी भावना को सम्मान देते हुए जन जागरण समिति ने फिल्म विधा से जुड़े व्यक्तियों  को "अद्भुत प्रतिभा सम्मान" से नवाजा। राजधानी देहरादून के करनपुर स्थित जन जागरण समिति कार्यालय में आयोजित इस गरिमामयी समारोह में फिल्म अभिनेता और निर्देशक धनंजय कुकरेती तथा फिल्मकार हेमेंद्र मलिक को सम्मानित किया गया।

समारोह की झलक: जब कला का सम्मान हुआ

इस कार्यक्रम में जन जागरण समिति के अध्यक्ष स्वप्निल सिन्हा ने फिल्म विधा में उल्लेखनीय योगदान देने वाली इन प्रतिभाओं को सम्मानित किया। समिति के उपाध्यक्ष प्रमोद बेलवाल ने अपने संबोधन में कहा,

"समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को पहचान देना हमारी समिति का कर्तव्य है। हम समय-समय पर ऐसी विभूतियों को सम्मानित करते हैं और आगे भी इस परंपरा को जारी रखेंगे।"

धनंजय कुकरेती, जो फिल्म अभिनेता और निर्देशक दोनों ही भूमिकाओं में अपनी पहचान बना चुके हैं, ने सम्मान प्राप्त करने के बाद अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा,

"यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि उन सभी लोगों का है जो सिनेमा के माध्यम से समाज को एक नई सोच देने का प्रयास कर रहे हैं। जब आपके काम को पहचान मिलती है, तो आगे और बेहतर करने की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। मैं समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सभी पदाधिकारियों का दिल से धन्यवाद करता हूं।"

सिनेमा का समाज पर प्रभाव

सिनेमा केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम भी है। धनंजय कुकरेती और हेमेंद्र मलिक जैसे कलाकार अपने सृजनात्मक कार्यों के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहे हैं। ऐसे में जन जागरण समिति द्वारा किया गया यह सम्मान समाज में कला और सिनेमा के महत्व को और भी अधिक बढ़ावा देने का कार्य करेगा।

सम्मान समारोह में रही विशिष्ट उपस्थिति

इस अवसर पर समिति के अन्य प्रमुख सदस्य भी उपस्थित रहे, जिनमें सचिव विवेक श्रीवास्तव, सहसचिव विजय शुक्ला, और अथर्व कुकरेती प्रमुख रूप से शामिल थे। कार्यक्रम में शामिल सभी गणमान्य व्यक्तियों ने सम्मानित कलाकारों को शुभकामनाएं दीं और सिनेमा के प्रति उनके योगदान की सराहना की।

समाज में रचनात्मकता को मिलेगा बढ़ावा

ऐसे सम्मान समारोह न केवल कलाकारों को प्रेरित करते हैं, बल्कि समाज में सृजनात्मकता को भी बढ़ावा देते हैं। जब किसी कलाकार की मेहनत और प्रतिभा को सार्वजनिक रूप से सराहा जाता है, तो इससे अन्य उभरते कलाकारों को भी प्रोत्साहन मिलता है। जन जागरण समिति की यह पहल निश्चय ही सिनेमा और सामाजिक योगदान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मानी जाएगी।

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मंगलवार, 18 मार्च 2025

वनाग्नि नियंत्रण: पिथौरागढ़ में वन विभाग की तकनीकी कार्यशाला, Forest Fire Mobile App की जानकारी

पिथौरागढ़ वन विभाग की वनाग्नि रोकथाम कार्यशाला

"पिथौरागढ़ में वनाग्नि रोकथाम कार्यशाला के दौरान वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी।"

पिथौरागढ़, उत्तराखंड – वनाग्नि रोकथाम और सुरक्षा उपायों को लेकर पिथौरागढ़ वन प्रभाग में एक दिवसीय तकनीकी प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया।

वन सुरक्षा और आग रोकथाम के प्रयास

कार्यशाला की अध्यक्षता प्रभागीय वनाधिकारी आशुतोष सिंह ने की। उन्होंने बताया कि वनाग्नि नियंत्रण को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ग्रामीण स्तर, विद्यालयों और विकासखंड स्तर पर गोष्ठियों के माध्यम से लोगों को जंगलों में आग न लगाने के प्रति सचेत किया जा रहा है।

वन क्षेत्राधिकारी बेरिनाग  और चंपावत ने वनों में आग लगने के दुष्प्रभाव और वन संरक्षण के लिए उठाए जा रहे कदमों पर जानकारी दी। पंचायत स्तर पर महिला मंगल दलों और वन पंचायतों को वनाग्नि रोकने के लिए सहयोग करने का निर्देश दिया गया।

Forest Fire Mobile App से मिलेगी त्वरित सूचना

तकनीकी सत्र के दौरान पंकज रतूड़ी ने 'Forest Fire Mobile App' की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस ऐप के माध्यम से वनाग्नि घटनाओं की तुरंत सूचना दी जा सकती है, जिससे समय पर आवश्यक कदम उठाकर जंगलों को सुरक्षित रखा जा सकता है।

आपातकालीन संचार प्रणाली को मजबूत करने की पहल

कार्यशाला में वायरलेस तकनीकी विशेषज्ञ उपेंद्र गोयल ने वन विभाग की आपातकालीन संचार प्रणाली को मजबूत करने के लिए वायरलेस तकनीकों की जानकारी दी।

वनाग्नि रोकथाम के लिए जन जागरूकता आवश्यक

सेवानिवृत्त वन क्षेत्राधिकारी दिनकर जोशी ने जनता को आग के प्रति जागरूक करने और वनाग्नि रोकथाम में सकारात्मक भूमिका निभाने की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रशिक्षण प्रमाणपत्र प्रदान कर किया गया सम्मानित

कार्यक्रम के अंत में गंगोत्री कौशल विकास एवं उत्थान समिति के अध्यक्ष रमेश खत्री  द्वारा कार्यशाला में सक्रिय रूप से भाग लेने और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को चिन्हित कर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।


सोमवार, 17 मार्च 2025

देहरादून में 'MR. CHARAN' फिल्म का ग्रैंड प्रीमियर, दर्शकों ने जमकर सराहा!

MR. CHARAN फिल्म के ग्रैंड प्रीमियर में कलाकारों और अतिथियों की मौजूदगी। पोस्टर लॉन्च के दौरान खींची गई यह तस्वीर देहरादून के दून लाइब्रेरी में आयोजित समारोह की है।
देहरादून में 'MR. CHARAN' फिल्म का प्रीमियर

17 मार्च 2025 | देहरादून

'MR. CHARAN' फिल्म का भव्य प्रीमियर देहरादून में आयोजित

बहुप्रतीक्षित फिल्म 'MR. CHARAN' का भव्य प्रीमियर देहरादून के दून लाइब्रेरी में 17 मार्च 2025 को दोपहर 2 बजे आयोजित किया गया। इस इवेंट में फिल्म के कलाकारों और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई सम्मानित लोग शामिल हुए।

फिल्म का निर्देशन और निर्माण

इस फिल्म का निर्देशन श्री धनंजय कुकरेती ने किया है और इसे मा प्रकृति फाउंडेशन द्वारा प्रोड्यूस किया गया है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और निर्देशन को दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया।

फिल्म के प्रमुख कलाकार

धनंजय कुकरेती, अर्चना मिधा, कुलदीप उपाध्याय (केडी), प्रदीप अरोड़ा, उषा लाल, ऋतिका सकलानी, रणजीत बर्तवाल, शोभा गुसाईं, क्षितिज सक्सेना, राहुल सक्सेना, अभिषेक गुप्ता, आचार्य वार्षा माता, सुंदर महरा, निशा, विनोद, तन्नू पोखरियाल।

फिल्म की कहानी

'MR. CHARAN' एक प्रेरणादायक कहानी है, जो चरण सिंह नामक एक युवा की जीवन-यात्रा को दर्शाती है। चरण सिंह पंजाब के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मा लड़का है, जिसका पिता एक सेना अधिकारी हैं और माँ एक शिक्षिका। उसके जीवन में संघर्ष, सपने और आत्म-सम्मान की तलाश है।

चरण का बचपन एक अनुशासनप्रिय और मूल्यों से भरपूर वातावरण में बीतता है। लेकिन जब वह किशोरावस्था में प्रवेश करता है, तो उसकी ज़िंदगी में कई अप्रत्याशित घटनाएँ घटती हैं, जिससे उसकी दुनिया पूरी तरह बदल जाती है। उसे कई ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं जो उसके भविष्य को आकार देते हैं।

फिल्म में चरण की कठिनाइयों, उसके आत्म-संघर्ष और समाज द्वारा लगाए गए दबावों को खूबसूरती से चित्रित किया गया है। वह अपने सपनों और परिवार के दायित्वों के बीच फंसा हुआ है। उसकी यात्रा सिर्फ एक साधारण व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक ऐसे किरदार की है, जो खुद की पहचान को लेकर संघर्ष करता है और अपनी राह खुद बनाता है।

फिल्म दिखाती है कि किस तरह चरण सिंह साहस, आत्मसम्मान और संघर्ष के बल पर खुद को साबित करता है। हर दृश्य में उसके जीवन के संघर्ष और उसकी जीत को भावनात्मक रूप से उकेरा गया है, जिससे दर्शक उसकी कहानी से गहराई से जुड़ाव महसूस करेंगे।

फिल्म की रिलीज़

फिल्म के मेकर्स के अनुसार, 'MR. CHARAN' को जल्द ही भारतभर के सिनेमाघरों और ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज़ किया जाएगा। हालांकि, इसकी आधिकारिक रिलीज़ डेट अभी घोषित नहीं की गई है।

क्या आप इस फिल्म को देखने के लिए उत्साहित हैं? अपनी राय नीचे कमेंट में दें