This is default featured slide 1 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.

This is default featured slide 2 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.

This is default featured slide 3 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.

This is default featured slide 4 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.

This is default featured slide 5 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.

शनिवार, 20 मार्च 2021

NAPSR PC : निजी स्कूलों की मनमानियों और शिक्षा विभाग की अनदेखी को लेकर NAPSR ने की प्रेस कांफ्रेंस ।।web news।।

हाई कोर्ट व शासनादेश की अवहेलना करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द कर उन पर आपदा अधिनियम व हाई कोर्ट के शासनादेशों की अवहेलना के मुकदमे दर्ज किए जाएं - आरिफ खान

देहरादून । नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंटस राइट्स (NAPSR) ने आज देहरादून के उत्तरांचल प्रेस क्लब मे पत्रकार वार्ता मे बताया कि निजी स्कूलों की मनमानियों की कई बार शिक्षा विभाग ,शिक्षा सचिव ,राज्य बाल आयोग व जिलाधिकारी से शिकायत की गई किन्तु किसी विभाग की ओर से भी आज तक किसी भी स्कूल पर हाई कोर्ट व शासनादेशों की अवहेलना करने पर कार्यवाही नही की गयी जिसके कारण निजी स्कूलों के हौसले इतने बुलंद हो गए कि वो अभिभावकों का मनमाना शोषण करने पर आतुर हो गए । आरिफ खान ने कहा कि यदि नए सत्र से पहले सरकार ने निजी स्कूलों की मनमानियों पर अंकुश नही लगाया और अभिभावक चाहेंगे तो सरकार की दमनकारी शिक्षा नीतियों और शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रदेश भर मे आक्रोश अभियान चलाया जाएगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी । पत्रकारों से रूबरू होते हुई एनएपीएसआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि उत्तराखंड शासनादेश संख्या 28/XXIV-B-5/05(01)2021 के आदेशानुसार सभी छात्रों से सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के लिए निजी स्कूलों को छूट दी गयी है । जिस पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंस्ट्स राइट्स (NAPSR) कहा कि सिर्फ 15%- 20% छात्र ही अभी स्कूल जा रहे हैं और सरकार ने सभी छात्रों से फीस लेने की अनुमति निजी स्कूलों को दे दी है ऐसे मे जो छात्र विभिन्न कारणों के कारण स्कूल जाकर शिक्षा नही भी ले रहे हैं स्कूलों द्वारा उन पर भी फीस को लेकर दबाव बनाया जाएगा जो कि न्यायोचित नही है । कोरोना काल मे राज्य सरकार एवं उच्च न्यायालय ने निजी स्कूलों को अभिभावकों से सिर्फ ट्यूशन फीस लेने की अनुमति प्रदान करी है किंतु सरकार व उन स्कूलों को मान्यता देने वाले सम्बंधित बोर्ड द्वारा ट्यूशन फीस परिभाषित नही किये जाने से निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से अपनी सम्पूर्ण मासिक फीस को ही ट्यूशन फीस बताकर मनमानी फीस वसूली की जा रही है और साथ ही कई स्कूलों ने फीस व्रद्धि भी करी है जबकि माननीय उच्च न्यायालय ने फीस व्रद्धि करने और ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फीस लेने पर प्रतिबंध लगाया है किन्तु स्कूलों द्वारा मनमानी फीस अभिभावकों से वसूल कर उनका आर्थिक व मानसिक शोषण कर रहे हैं और जो बच्चे स्कूल नही भी गए हैं उनसे भी पूर्ण फीस वसूली की जा रही है तथा नए सत्र मे होने वाले एडमिशन से भी तीन माह की फीस व अन्य मदों मे शुल्क जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है और जो निजी स्कूलों द्वारा ये कहा जा रहा है और जो अभिभावक फीस देने मे सक्षम नही हैं उनके बच्चों को या तो परीक्षा मे बैठने ही नही दिया गया और यदि किसी स्कूल ने परीक्षा दिलवा भी दी तो फीस जमा न होने के कारण उन छात्र छात्राओं के परीक्षाफल रोक दिए गए और कुछ स्कूलों ने तो बच्चों को फीस जमा न होने के कारण स्कूल के गेट से ही बिना परीक्षा दिए वापस लौटा दिया गया ।
NAPSR अध्यक्ष ने कहा कॉंग्रेस सरकार से लेकर भाजपा सरकार के समय तक सभी ने अभिभावकों को नियामक आयोग और फीस एक्ट के नाम पर सिर्फ छलने का काम किया है और यह भी संज्ञान रहे कि जिस सरकार ने भी अभिभावकों को छलने का कार्य किया है उसे अपनी सत्ता से पड़ा है और यदि इस साल के अंदर नियामक आयोग और फीस एक्ट नही बनाया जाता तो इसका खामियाजा भी सरकार को ही भुगतना पड़ सकता है ।और यदि हाई कोर्ट की अवहेलना पर अंकुश न लगाने वाले शिक्षा विभाग यदि अब भी कोई निजी स्कूलों की मनमानियों के विरुद्ध कोई कार्यवाई नही करता है और सरकार द्वारा शिक्षा विभाग के खिलाफ कोई ठोस कदम नही उठाया जाता है तो एसोसिएशन शिक्षा विभाग मे ताला बंदी को बाध्य होगी । वहीं स्कूलों का कहना है कि वह अपने स्तर से कमेटी बनाकर जांच करेंगे कि अभिभावक वाके हि मे पीड़ित हैं या नही। इस पर आपत्ति जताते हुए आरिफ खान ने कहा कि यदि इस प्रकार की कोई जांच कमेटी बनानी है तो उसका अधिकार सरकार को है सरकार शिक्षा विभाग या अन्य किसी एजेंसी को यह जांच सुनिश्चित करे क्योंकि यदि स्कूल द्वारा बनाई गई जांच कमेटी जांच करेगी तो निश्चित तौर पर जांच प्रभावित होगी और अधिकांश जांच मे अभिभावक के फर्जी होने की पुष्टि होगी । पत्रकार वार्ता मे राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेश राघव, राष्ट्रीय महासचिव, राष्ट्रीय सचिव सोमपाल सिंह,प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट गीता शर्मा,प्रदेश उपाध्य दीपक मलिक, अध्यक्ष नवदीप गर्ग, महानगर उपाध्यक्ष गुरुजेंद्र सिंह, महानगर सचिव स्वाति, महानगर सचिव सुमित पुंडीर, दीप चन्द वर्मा, किरन नेगी आदि उपस्थित रहे 

शुक्रवार, 19 मार्च 2021

USERC News : जल संरक्षण, जल गुणवत्ता एवम् स्वास्थ्य स्वच्छता विषय पर यूसर्क द्वारा बागेश्वर में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ।।Web News।।


राजकीय इंटर कॉलेज बागेश्वर में दो दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ

आज उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) द्वारा गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण एवं सतत् विकास संस्थान कोसी कटार मल अल्मोड़ा के सहयोग से "जल संरक्षण, जल गुणवत्ता एवं स्वास्थ्य स्वच्छता" विषय पर विक्टर मोहन जोशी स्मारक राजकीय इंटर कॉलेज बागेश्वर में दो दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ।उत्तराखंड जल संस्थान देहरादून स्थित राज्य स्तरीय जल गुणवत्ता प्रयोग शाला के तकनीकी प्रबंधक डॉ विकास कंडारी ने जल गुणवत्ता जांचने की विभिन्न वैज्ञानिक विधियों को प्रयोगात्मक किट के माध्यम से पानी के pH, TDS, कठोरता, नाइट्रेट, आयरन, फ्लोराइड, बैक्टीरिया आदि के कम खर्च में घरेलू स्तर पर परीक्षण करने का सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया। उपस्थित प्रतिभागियों के सभी प्रश्नों का समाधान भी विशेषज्ञों द्वारा प्रदान किया गया। यूसर्क के प्रोग्रामर राजदीप जंग ने टेक्नोलॉजी का प्रयोग जल प्रबंधन में करने को कहा
कार्यक्रम के मुख्य अन्वेषक एवम् यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने जल से संबंधित विभिन्न डाटा के माध्यम से जैसे वर्षा की मात्रा,भूजल की उपलब्धता एवम् भविष्य की जल आवश्यकता आदि पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उन्होंने पर्वतीय जल स्रोतों के संरक्षण एवम् संवर्धन की विभिन्न विधियों को विस्तार से बताया जिसमें रिचार्ज पिट बनाना, रिचार्ज साफ्ट बनाना, रिचार्ज ट्रेंच बनाना,बुश चेक डैम बनाना, परकोलेशन टैंक, वर्षा जल संरक्षण तथा वर्षा जल संरक्षण में महिलाओं का योगदान व विद्यार्थी गतिविधि पर विस्तार से बताया। उन्होंने पहाड़ी जल स्रोतों को बचाने के लिए सामूहिक रूप से मिलकर कार्य करने का आवाहन किया।
कार्यक्रम समन्वयक दीप चन्द्र जोशी ने जल संरक्षण को आज की आवश्यकता बताया तथा उपस्थित सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। 
यह भी पढे - USERC News : जल संरक्षण, जल गुणवत्ता एवम् स्वास्थ्य स्वच्छता विषय पर यूसर्क द्वारा दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ।। 
कार्यक्रम में राजकीय इंटर कॉलेज बागेश्वर, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बागेश्वर, राजकीय इंटर कॉलेज मंडलसेरा, राजकीय जूनियर हाई स्कूल, ओखालसो, राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय बमराड़ी, अमसरकोट, स्पालगेवा, बिलखेत, पगना, बिल्लौना, जुनायल, घिंघू तोला, धुंगापार्ली आदि विद्यालयों के शिक्षकों, विद्यार्थियों,ग्रामीणों, स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों आदि के द्वारा 65 प्रतिभागियो प्रतिभाग किया ।

आज की अन्य खबरें


Uttrakhand News : सीएम रावत का दिल्ली में भव्य स्वागत ।।web news।।

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री दिल्ली पहुंचे , हुआ भव्य स्वागत

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद पहली बार दिल्ली पहुंचे तीरथ सिंह रावत का उत्तराखण्ड सदन में भव्य स्वागत हुआ। बड़ी संख्या में सदन में मौजूद उत्तराखण्ड मूल के लोगों ने मुख्यमंत्री जी का फूल-मालाओं से स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारी सरकार जनभावनाओं के अनुरूप कार्य करेगी। जनता जो चाहेगी वही किया जाएगा। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दिशा-निर्देशन में उत्तराखण्ड का चहुमुंखी विकास किया जाएगा। उत्तराखण्ड के प्रति प्रधनमंत्री जी के अपार लगाव की बदौलत ही यहां चारधाम ऑल वैदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट, केदारनाथ-बदरीनाथ धाम पुनर्निर्माण समेत तमाम परियोजनाएं संचालित हो रही हैं। उत्तराखण्ड विकास के नए आयाम छू रहा है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बने अभी एक सप्ताह का ही समय हुआ है। इस दौरान उन्होंने जनभावनाओं के अनुरूप फैसले लिये हैं।

गुरुवार, 18 मार्च 2021

उत्तराखंड : आज कैबिनेट बैठक हुई जिसमें 4 महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।।web news।।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के मंत्रिमंडल की बैठक में आज चार अहम फैसले लिए गए।

◆ कुंभ क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्यों को लेकर कैबिनेट ने दी शिथिलता देने का फैसला लिया ।
◆गोपन विभाग का नाम बदलकर मंत्री परिषदकिया गया 
◆कोरोनेशन अस्पताल स्थित फोर्टिज हेल्थ सेंटर का बढ़ाया गया 1 साल का कार्यकाल
◆कोटद्वार में बनने वाले मेडिकल कॉलेज के लिए डीपीआर तैयार एक करोड़ की मंजूरी दी गयी। 

बुधवार, 17 मार्च 2021

नवनियुक्त सूचना महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान ने विभागीय अधिकारियों को दिए मीडिया से मधुरता के निर्देश ।।web news।।

नवनियुक्त सूचना महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान ने सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग में विधिवत कार्यभार ग्रहण किया

सूचना महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान ने महानिदेशालय में आयोजित विभागीय अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिये कि सूचना विभाग सरकार की योजनाओं और नीतियों को जनता तक पहुंचाने में सेतु का कार्य करता है। इसमें मीडिया का अहम योगदान है, इसलिए मीडिया तक सूचनाओं का आदान-प्रदान त्वरित गति से होना चाहिए साथ ही मीडिया प्रतिनिधियों के प्रति मधुर व्यवहार का विशेष ध्यान रखा जाए । उन्होंने कहा कि मीडिया से बेहतर समन्वय स्थापित किया जाए, पत्रकारों के हितों के लिए जो योजनाएं संचालित है, उनमें विशेष फोकस रखा जाय। उन्होंने अधिकारियों को विभागीय कार्य प्रणाली में पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए। कहा अधिक से अधिक कार्यों में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाए। राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनायें एवं नीतियां जनता तक ज्यादा से ज्यादा किस तरह पहुंचे इसके लिए विशेष प्रयास किये जाने चाहिए। विभाग वर्तमान समय के अनुसार आधुनिक तकनीक का उपयोग कर सूचनाओं के आदान-प्रदान में तेजी एवं सरलता लाये। वर्तमान समय में प्रचार प्रसार के आधुनिक प्रारूपों विशेषकर सोशल मीडिया पर विशेष ध्यान रखा जाय। कार्यभार ग्रहण करने के बाद चौहान ने विभागीय कार्यकलापों की जानकारी भी ली। 


सूचना महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान के पास अपर सचिव, परिवहन, भाषा, सचिव हिन्दी अकादमी, निदेशक भाषा संस्थान, प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड परिवहन निगम तथा उपाध्यक्ष एमडीडीए का अतिरिक्त प्रभार भी है।इस अवसर पर अपर निदेशक डॉ.अनिल चन्दोला, संयुक्त निदेशक राजेश कुमार एवं आशीष कुमार त्रिपाठी, उपनिदेशक के.एस. चौहान, नितिन उपाध्याय, सहायक निदेशक रवि बिजारनियां सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।




मंगलवार, 16 मार्च 2021

USERC News : जल संरक्षण, जल गुणवत्ता एवम् स्वास्थ्य स्वच्छता विषय पर यूसर्क द्वारा दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ।।Web News।।

Userc-news

दो दिवसीय जल संरक्षण, जल गुणवत्ता एवम् स्वास्थ्य स्वच्छता विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वामी विवेकानंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय लोहाघाट में प्रारंभ

आज उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवम् अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) द्वारा गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण एवम् सतत् विकास संस्थान कोसी कटार मल अल्मोड़ा के सहयोग से जल" संरक्षण, जल गुणवत्ता एवम् स्वास्थ्य स्वच्छता" विषय पर स्वामी विवेकानंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में जंतु विज्ञान एवं वनस्पति विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में प्रारंभ दो दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ। 


कार्यक्रम के मुख्य अन्वेषक एवं यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने पर्वतीय जल स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन की विभिन्न विधियों को विस्तार से बताया जिसमें रिचार्ज पिट बनाना, रिचार्ज साफ्ट बनाना, रिचार्ज ट्रेंच बनाना,बुश चेक डैम बनाना, परकोलेशन टैंक, वर्षा जल संरक्षण तथा वर्षा जल संरक्षण में महिलाओं का योगदान व विद्यार्थी गतिविधि पर विस्तार से बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ संगीता गुप्ता ने पानी को बचाने का आवाहन किया तथा विद्यार्थियों को आगे आने को कहा । हिमालयन ग्राम विकास समिति गंगोलीहाट के राजेन्द्र बिष्ट ने पर्वतीय जल स्रोतों के पुनर्जीवन कार्य को करने के विभिन्न पहलुओं को बताया । उन्होंने पहाड़ी जल स्रोतों को बचाने के लिए सामूहिक रूप से मिलकर कार्य करने का आवाहन किया। 


उत्तराखंड जल संस्थान देहरादून स्थित राज्य स्तरीय जल गुणवत्ता प्रयोग शाला के तकनीकी प्रबंधक डॉ विकास कंडारी एवं भास्कर पंत की टीम ने जल गुणवत्ता जांचने के विभिन्न वैज्ञानिक विधियों को प्रयोगात्मक किट के माध्यम से सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया। उपस्थित प्रतिभागियों के सभी प्रश्नों का समाधान भी प्रदान किया गया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ धर्मेंद्र राठौड़ ने जल संरक्षण को आज की आवश्यकता बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ मनोज कुमार ने किया । कार्यक्रम में राजदीप जंग, डॉ तौफीक अहमद, डॉ महेश त्रिपाठी, डॉ अनीता सिंह, डॉ विमला देवी, डॉ एस पी सिंह, डॉ रुचिर जोशी, डॉ अनीता खर्कवाल, डॉ नम्रता दयाल व महाविद्यालय के स्टाफ उपस्थित रहे साथ 95 प्रतिभागियों विद्यार्थियों एवं ग्रामीण जनों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया।

यह भी पढ़े





SCPCR News : ‘बढ़ती नशे की प्रवृत्ति, रोकथाम और पुनर्वास’ विषय पर देहरादून में दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन ।।web news।।

Cm-tirath-singh-rawat

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से ‘बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति, रोकथाम और पुनर्वास’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से बच्चों में ‘बढ़ती नशे की प्रवृत्ति, रोकथाम और पुनर्वास’ विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने किया। कार्यक्रम में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी के साथ ही उत्तरप्रदेश, चंडीगढ़,अरुणाचल प्रदेश एवं अन्य राज्यों के बाल आयोग के अध्यक्ष उपस्थित रहे ।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बाल आयोग के प्रयासों की सराहना करते हुए माता-पिता से बच्चों को अच्छे संस्कार देने की अपील की। कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा समेत तमाम विकृतियों से बच्चों को बचाने के लिए उन्हें संस्कारवान बनाना होगा। संस्कारित बच्चे जीवन के किसी भी क्षेत्र में असफल नहीं होते। चूंकि बच्चे स्कूल से ज्यादा समय अपने घर पर बिताते हैं लिहाजा बच्चों को संस्कारवान बनाने की जिम्मेदारी अभिभावकों की है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति के लिए कार्यशालाओं के आयोजन के साथ ही जनजागरूकता भी जरूरी है। जागरूकता से ही बड़ी से बड़ी सामाजिक बुराइयां दूर हो सकती हैं। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति चिंताजनक है। बच्चों को इससे बाहर निकालने के लिए बाल आयोग समेत अन्य विभाग मिलकर कार्य कर रहे हैं, जिसके आने वाले समय में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे ।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी कार्यक्रम में समय से पहुंच कर समय की अहमियत भी समझा गए ।

उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट के मंत्री गणेश जोशी ने बाल आयोग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में समय से कुछ मिनट पहले पहुंचकर सबको अचंभित कर दिया । समय से पहले पहुंच कर उन्होंने समय का मूल्य सभागार उपस्थिति प्रतिभागियों के साथ साथ अपने समकक्ष मंत्रियों को मीडिया के माध्यम से संकेतों में बताया ।
सबके सम्मुख समय से पहुंच कर अच्छा उदहारण पेश किया है इस आदत के पीछे उन्होंने सेना में सेवा देने को बताया । आम तौर पर किसी भी नेता द्वारा समय न पहुँचकर देरी से पहुंचने का वाईपी सिम्बल बना दिया है कैबिनेट मंत्री ने ऐसे अपने समकक्ष नेताओं के लिए सकारात्मक उदाहरण पेश किया।

यह भी पढ़े




सोमवार, 15 मार्च 2021

Kavita : देवभूमि उत्तराखंड- आर०जे० नेहा ।।Web News।।

Devbhumi

देवभूमि उत्तराखण्ड ✍️

देवभूमि उत्तराखण्ड में एक ओर विराजमान है यमनोत्री गंगोत्री,

तो दूसरी ओर बद्रीकेदार

एक ओर बसी है फूलो की घाटी,

तो दूसरी ओर सात तालों का नैनीताल।

कभी बाँसती है यहा धुगुति, तो कभी हिलांस। कभी खिलते हैं यँहा ग्वीराल, तो कभी बुराँस।

कभी जेठ के महीनों के वो चड़चड़े घाम, यो कभी ह्यूदैं की आग।

गर्मियों में छोयों का वो ठंडा पानी,

तो कभी सर्दियों में भर-भर के चाय के ग्लास। शादियों में ढोल दमाऊ और साथ में माँगल्लों की धुन,

कभी लगते हैं यहा नौरातों के मंडाण। यँहा का युवा भी रहता है हर वक्त तैयार, बनने को देश का जवान

ताकि दुश्मन को मार, बढ़ा सकें देश का मान।

यँहा की घसेरियों कि छुण-छुण करती दारुड़िया और पनदेरियों की छल्ल -छल्ल करती पानी की गागरी।

सुबह-सुबह दादा जी के हुक्के का गुड़गुड़ाट,और साथ में दादी की बड़बड़ाट। 'और यंहा के खाने की तो बात ही क्या करनी

कभी बनता है फाणु और झंगोरा तो कभी बाड़ी और छँनचयां।

कभी मिलते हैं खाने को रोटन और अरसे, तो कभी सिंगोड़ी और बालमिठाई।

अपने उत्तराखण्ड की बात ही है कुछ खास, तभी तो लगती है यहा पर्यटकों की तादाता

"जय हिन्द जय भारत जय उत्तराखण्ड"


                   ✍️ ✍️ आर०जे० नेहा
                       दौला ,पौड़ी गढ़वाल

रविवार, 14 मार्च 2021

हिन्दू नव वर्ष की पूर्वसंध्या पर देहरादून में 2100 दीप प्रज्ज्वलित करेगा ब्राह्मण समाज महासंघ-उत्तराखंड।।Web News।।

ब्राह्मण-समाज-महासंघ-उत्तरखंड

हिन्दू नव वर्ष के स्वागतार्थ, नव वर्ष की पूर्व संध्या पर घंटाघर देहरादून में 2100 दीप प्रज्ज्वलित करेगा।

महासंघ नव सवंत 2078 की पूर्व संध्या पर 12 अप्रैल को घंटाघर देहरादून में 2100 दीप प्रज्ज्वलित करेगा। ब्राह्मण समाज महासंघ उत्तराखंड की एक बैठक महात्मा खुशी राम लायब्रेरी में, महासंघ के एक घटक दल ब्राह्मण समाज उत्थान परिषद के तत्वावधान में आयोजित हुई। जिसमें यह निर्णय सर्वसम्मति ले लिया गया साथ ही
मई माह में परशुराम जयंती के उपलक्ष्य में वैदिक ब्राह्मण सभा द्वारा, पूर्व वर्षों की भांति भगवान परशुरामजी की नगर शोभा यात्रा निकाली जाएगी जिसका संचालन ब्राह्मण समाज महासंघ उत्तरखंड करेगा।ब्राह्मण समाज के युवक युवतियों के विवाह परिचय सम्मलेन करवाने पर भी सभा मे विचार बना जल्द ही देहरादून में एक परिचय सम्मलेन आयोजित किया जाएगा।
आज की बैठक में ब्राह्मण समाज महासंघ उत्तरखंड के मुख्य संयोजक इंजीनियर ओम प्रकाश वशिष्ठ ,उप मुख्य संयोजक एस पी पाठक,महासचिव अरुण कुमार शर्मा,प्रचार सचिव व प्रवक्ता वी डी शर्मा,वित्तसचिव हरिकृष्ण शर्मा व संयोजक मण्डल के प.थानेश्वर उपाध्यय, प. राम प्रसाद गौतम, मनमोहन शर्मा, शशी शर्मा, राजेन्द्र प्रसाद शर्मा,राजेश मोहन,राजेश कुमार शर्मा,विजय जोशी,जीवन प्रकाश शुक्ला, विजय शंकर पांडे, अरविंद शर्मा आदि उपस्थित रहे।

आज का महत्वपूर्ण  समाचार


लोकपर्व फूलदेई : फूलदेई बसन्त ऋतु के स्वागत का त्यौहार है।।web news।।



चैत्र मास की संक्रान्ति को रंग बिरंगे फूलों से खुशहाली का लोकपर्व का फूलदेई

उत्तराखंड के लोकपर्व पार्ट - 1

देव भूमि उत्तराखंड में ऋतुओं के अनुसार अनेक लोकपर्व मनाए जाते हैं । यह लोकपर्व हमारी संस्कृति को उजागर करते हैं , साथ पहाड़ की परंपराओं को भी कायम रखे हुए हैं । इन्हीं खास पर्वों में शामिल “फुलदेई पर्व” उत्तराखंड में एक लोकपर्व है | उत्तराखंड में इस त्योहार की काफी मान्यता है | इस त्यौहार को फूल सक्रांति भी कहते हैं। लोकपर्व फूलदेई माह के स्वागत का पर्व है, नव वर्ष के स्वागत का पर्व है और नये साल का स्वागत और आशीष बच्चों से मिल जाय, तो सारे साल खुशी और उल्लास बना रहेगा, इसी कामना से यह पर्व मनाया जाता है।

बच्चे फूलदेई ऐसे मानते है

चैत्र मास की संक्रान्ति को उत्तराखण्ड में ‘फूलदेई’ के लोक पर्व मनाया जाता है, फूलदेई बसन्त ऋतु के स्वागत का त्यौहार है । छोटे बच्चे सुबह उठकर जंगलों से प्योली/फ्यूंली, बुरांस, आडू, खुबानी व पुलम आदि रंग बिरंगे ताजे फूलों को चुनकर लाते है इन फूलों को रिंगाल (बांस जैसी दिखने वाली लकड़ी) की टोकरी में सजाया जाता है। टोकरी में फूलों-पत्तों के साथ गुड़, चावल और नारियल रखकर बच्चे अपने घरों की ओर निकल जाते हैं। इन फूलों और चावलों को गांव के घर की देहरी, यानी मुख्यद्वार पर डालकर लड़कियां उस घर की खुशहाली की दुआ मांगती हैं। इस दौरान एक गाना भी गाया जाता है- 
फूलदेई, छम्मा देई
दैण द्वार भरी भकार
य देई कै बारम्बार नमस्कार
फूलदेई,छम्मा देई
हमर टुपर भरी जै
हमर देई में उनै रै
फूलदेई,छम्मा देई

लोकपर्व फूलदेई से जुड़ी लोककथा

फूलदेई त्यौहार में द्वारपूजा के लिए एक जंगली फूल का इस्तेमाल होता है, जिसे फ्यूली कहते हैं। लोकपर्व फूलदेई से कई लोककथाएं जुड़ी हैं जिन में से एक है - एक वनकन्या थी, जिसका नाम था फ्यूंली। वनकन्या फ्यूली जंगल में रहती थी । जंगल के पेड़ पौधे और जानवर ही उसके दोस्त व परिवार के सदस्य थे । फ्यूंली की वजह से जंगल और पहाड़ों में हरियाली थी, खुशहाली । एक दिन दूर देश का एक राजकुमार जंगल में आया। फ्यूंली को राजकुमार से प्रेम हो गया। राजकुमार के कहने पर फ्यूंली ने उससे शादी कर ली और पहाड़ छोड़कर उसके साथ राजमहल चली गई । फ्यूंली के जाते ही पेड़-पौधे मुरझाने लगे, नदियां सूखने लगी और पहाड़ उजाड़ होने लगे। उधर महल में फ्यूंली ख़ुद बहुत बीमार रहने लगी। उसने राजकुमार से उसे वापस पहाड़ छोड़ देने की विनती की, लेकिन राजकुमार उसे छोड़ने को तैयार नहीं था...और एक दिन फ्यूंली मर गई। मरते-मरते उसने राजकुमार से गुज़ारिश की, कि उसका शव पहाड़ में ही कहीं दफना दे। फ्यूंली का शरीर राजकुमार ने पहाड़ की उसी चोटी पर जाकर दफनाया जहां से वो उसे लेकर आया था। जिस जगह पर फ्यूंली को दफनाया गया, कुछ महीनों बाद वहां एक फूल खिला, जिसे फ्यूंली नाम दिया गया। इस फूल के खिलते ही पहाड़ फिर हरे होने लगे, नदियों में पानी फिर लबालब भर गया, पहाड़ की खुशहाली फ्यूंली के फूल के रूप में लौट आई। इसी फ्यूंली के फूल से द्वारपूजा करके लड़कियां फूलदेई में अपने घर और पूरे गांव की खुशहाली की प्रार्थना करती हैं।