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बुधवार, 27 मई 2020

पॉजिटीव वेब : पलायन पर रोक के लिए लॉन्च हुई मुख्यमंत्री रोजगार योजना , योजना की विस्तृत जानकारी के लिए पूरा पढ़ें।। web news।।


Tsr

प्रदेश में रोजगार एवं स्वरोजगार के साधन सुलभ कराने हेतु एक नई पहल

राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना तथा गंगा गाय महिला डेरी योजनान्तर्गत 03 व 05 दुधारू पशुओं के क्रय हेतु 25 प्रतिशत अनुदान तथा नगरीय क्षेत्रों में आंचल मिल्क बूथ स्थापना हेतु 20 प्रतिशत अनुदान पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 3 हजार दुग्ध उत्पादकों को कुल 10 हजार दुधारू पशु उपलब्ध कराए जाएंगे और 500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित किए जाएंगे। इसके तहत राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना और गंगा गाय महिला डेरी योजना में दुधारू पशुओं को खरीदने पर 25 प्रतिशत अनुदान और शहरी क्षेत्रों में आंचल मिल्क बूथ स्थापित करने के लिए 20 प्रतिशत अनुदान पर ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है।
"ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु ग्राम स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्ध करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।गाँव में निवासरत ग्रामीणों तथा अन्य राज्यों से आये,राज्य के प्रवासियों के लिए सरकार द्वारा स्वरोजगार का उचित अवसर प्रदान किया जा रहा है। पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन के माध्यम से अपनी आजीविका चलाने हेतु राज्य सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ ले।"- त्रिवेन्द्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड
उक्त योजना का लाभ दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों को दिया जाएगा। जो व्यक्ति वर्तमान में दुग्ध सहकारी समिति का सदस्य न हो परंतु सदस्य बनने का इच्छुक हो, उन्हें भी योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जाएगा। योजना के तहत क्रय किए जाने वाले दुधारू पशु राज्य के बाहर से क्रय किए जाएंगे, ताकि प्रदेश में पशुधन की वृद्धि हो।

योजना में 3 हजार दुग्ध उत्पादकों को कुल 10 हजार दुधारू पशु उपलब्ध कराए जाएंगे और 500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित किए जाएंगे। योजना का लाभ लेने के लिए 01 जून से 15 जुलाई 2020 तक प्रबंधक/प्रधान प्रबंधक दुग्ध संघ कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है।

योजना के मुख्य बिन्दु

◆योजना का लाभ दुग्ध सहकारी समिति सदस्यों को प्रदान किया जायेगा।
◆वह व्यक्ति जो कि वर्तमान में दुग्ध सहकारी समिति का सदस्य न हो परन्तु सदस्य बनने हेतु इच्छुक हो, उन्हे भी योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जायेगा।
◆ योजनान्तर्गत क्रय किये जाने वाले दुधारू पशु राज्य के बाहर से क्रय किये जायेंगे, ताकि प्रदेश में पशुधन की वृद्धि हो सके।
◆3000 दुग्ध उत्पादकों को कुल 10000 दुधारू पशु उपलब्ध कराये जायेंगे।
◆500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित किये जायेंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सिर से चारे का बोझा हटाने तथा वर्षपर्यंत पोष्टिक व हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा साइलेज एवं पशु पोषण योजना प्रारंभ की गयी है जिसके अंतर्गत प्रदेश में गठित दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों को 50 प्रतिशत अनुदान पर साइलेज (मक्के का हरा चारा) उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा साइलेज के ढुलान पर होने वाले व्यय की धनराशि भी अनुदान के रूप में दी जा रही है।

इस योजना से प्रदेश के मैदानी तथा सुदूरवर्ती जनपदों में दुग्ध उत्पादकों को एक ही दर अर्थात रू 3.25 प्रति किलोग्राम की दर से उनके द्वार पर ही साइलेज की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। योजना से दुग्ध सहकारी समिति के लगभग 50 हजार पोरर सदस्यों को लाभान्वित किया जायेगा। योजना के सफलता पूर्वक संचालन से जहाँ एक ओर पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार होगा वहीं दूसरी ओर दूध की गुणवत्ता में भी सुधार होने से दुग्ध उत्पादकों को अधिक मूल्य प्राप्त होगा।

आवेदन कैसे करें

योजना का लाभ लेने हेतु आवेदन पत्र दिनांक 01 जून 2020 से 15 जुलाई 2020 तक प्रबन्धक/प्रधान प्रबन्धक दुग्ध संघ कार्यालय से प्राप्त कर जमा किए जा सकते हैं।

डेरी विकास विभाग, उत्तराखण्ड योजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने हेतु

जनपद के सहायक निदेशक डेरी, प्रबन्धक/प्रधान प्रबन्धक दुग्ध संघ अथवा मोबाइल नं. 9412929257, 9012220864 से सम्पर्क कर सकते हैं।

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मंगलवार, 26 मई 2020

Uttrakhand Health Bulletin : 400 जो गए कोरोना पॉजिटीव जाने क्या है पूरी खबर ।।web news।।



अभी अभी का हेल्थ बुलेटिन कोरोना पॉजिटिव हो गए 400

एक और देश और दुनिया में कोरोना संकमण तेजी से फैल रहा है, हजारों मरीज कोरोना के संक्रमण से प्रतिदिन संक्रमित हो रहे है वहीं उत्तराखण्ड में आज 3:00 बजे सरकारी हेल्थ बुलेटिन जारी किया गया जिसके अनुसार 400 कोरोना संक्रमित मरीज में 329 पॉजिटीव केस है जो उत्तराखण्ड सरकार और आज जनता के लिए और अधिक चिंता दायक खबर है।

अभी अभी 3 बजे के हेल्थ बुलिटिन में हरिद्वार से 1 , अल्मोड़ा से 3, देहरादून से 1 , पिथौरागढ़ से 06, नैनीताल से 10, उधम सिंह नगर से 02 और टिहरी गढ़वाल से 14 कोरोना पॉजिटिव केस की सूचना मिली है जो अब कुल 400 कोरोना संक्रमितों की संख्या हो गयी है जिसमे से 64 लोग ठीक हो गए है।

सबसे ज़्यादा 136 केस नैनीताल जनपद से आये, आज कोरोना पॉजिटीव में अधिकतर प्रवासी या अन्य राज्यो से आये लोग थे साथ ही हरिद्वार जनपद के सरकारी अस्पताल की नर्स कोरोना पॉजिटीव आयी।

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भारत नेपाल के बीच चर्चा में आये काली नदी विवाद को आसान भाषा मे समझा रहे है- भगवान सिंह धामी ।।web news ।।

Bharat-nepal

क्या है काली नदी विवाद इसे समझते है।

सबसे पहले तो इतिहास को देखते हैं जिससे हमें मालूम पड़ता है कि वर्तमान पश्चिमी नेपाल जोकि बाइसी और चौबीसी राज्य क्षेत्र में सम्मिलित है। पूर्व में नेपाल का हिस्सा नहीं था, डोटी और जुमला स्वतन्त्र राज्य थे जैसे उत्तराखण्ड में पँवार और चंद राज्य थे।

चौबीसी जो कि 24 ठकुराइयों में बंटा था इसमें ही एक ठकुराई थी कास्की जिसके अधीन गोरखा राज्य था, जो गुरु गोरखनाथ पर गोरखा कहलाया था। पूर्व में गोरखा केवल एक राज्य था वर्तमान में एक जनपद है।

सीधे विवाद में आते है इतिहास में ज्यादा न पड़ते हुए।

1815-16 में अंग्रेजों और नेपाल के मध्य सिगौली की संधि हुई जिसमें पारस्परिक सम्प्रभुता के साथ ही काली नदी भारत-नेपाल के मध्य सीमा घोषित की गई। हालांकि गोरखों द्वारा डोटी जीतने से पूर्व तक सुदूर पश्चिमी अंचल कभी भी नेपाल का अंग नहीं था। इस संधि से सुदूर पश्चिमी क्षेत्र नेपाल का अंग बन गया। 1817 में असंतुष्ट नेपाल ने सीमांकन दुबारा करवाया तब दो गाँव #छांगरु और #तिंकर नेपाल को दे दिए गए। (नीचे नजरिया मानचित्र में स्पष्ट रूप से देख सकते हैं)

मानसखण्ड के अनुसार काली नदी के उद्गम कालापानी से होता है। और यह बात सर्वबिदित भी है। कालापानी नामक स्थान पर पानी हालांकि कम मात्रा में है पर उसके कारण ही काली का जल काले रंग का होता है।

अब नेपाल अभी जो मांग रख रहा है वह ये है कि बड़े जलस्रोत को काली नदी माना जाना चाहिए और बड़ा जलस्रोत काली नदी के लिए गूंजी गांव में काली में मिलने वाली कुटी नदी है, जिसे स्थानीय लोग कुटी यांगटी कहते हैं।

यह बात प्रत्येक नेपाली और भारतीय स्थानीय नागरिक जानते हैं कि काली नदी कौन सी है और कुटी यांगती कौन सी है।

बहरहाल नेपाल का यह तर्क मान भी लिया जाये कि बड़ा जलस्रोत ही मान्य होगा तो सवाल सभी उन लोगों से हैं जो गंगा और अलकनंदा को जानते हैं सही मायने में अलकनंदा नदी बड़ी है आकार में जल धारण क्षमता में तो क्या भागीरथी नदी को गंगा न मानकर अलकनंदा नदी को गंगा कहा जाना उचित होगा.?

ये बेतुका तर्क नेपाल सरकार द्वारा दिया जा रहा है, लेख लम्बा करने का कोई अभिप्राय नहीं है। आप लोग नीचे दिए गए मैप के माध्यम से विवाद और नेपाल की मानसिकता को आसानी से समझ सकते हैं।

Map
Map- Pan Singh Dhami



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लेखक - भगवान सिंह धामी
परिचय - सीमांत धारचूला (पिथौरागढ़) स्यांकुरी गांव के भगवान सिंह धामी  वर्तमान में उत्तराखंड सचिवालय में कार्यरत, युवा इतिहास के जानकार, उत्तराखण्ड ज्ञानकोष General Study के एडमिन , उत्तराखण्ड ज्ञानकोष जनपद दर्पण के लेखक, इनफार्मेशन ब्लॉगर
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All-weather-rode, uttrakhand-news

चारधाम ऑल वेदर रोड पर बनी टनल का हुआ उद्धघाटन


चम्बा शहर के दो किनारों (गुल्डी गांव और दिखोलगांव) को एक भूमिगत सुरंग के माध्यम से जोड़ने का कार्य पूरा हो गया है । इस सुरंग के निर्माण से चम्बा का मुख्य बाजार पुनर्निर्माण/विकास की भेंट चढ़ने से भी बच गया है। यह कार्य भारत सरकार के अधीन चल रहे एक महत्वकांक्षी "आल वेदर रोड" प्रोजेक्ट का अभिन्न अंग है। इसमें लगभग 440 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण हुआ । जो कि आस्ट्रेलियन तकनीकी का इस्तेमाल कर बनाया जा रहा है।
चारधाम ऑल वेदर रोड पर इस टनल के बनने से न केवल गंगोत्री, यमुनोत्री का सफर आसान होगा, बल्कि चंबा को जाम से मुक्ति भी मिलेगी। मैं इस सफलता के लिए प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, केंद्रीय मंत्री गडकरी जी व B.R.O. सभी अधिकारियों,इंजीनियर्स व कर्मचारियों का आभार व्यक्त करता हूं- त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया उद्घाटन


बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन द्वारा ऋषिकेश-धरासू हाइवे पर चंबा कस्बे के नीचे 440 मीटर लंबी सुरंग तैयार की है। इस टनल का आज केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी  ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उद्घाटन किया।

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Premchand-aggarwal

मुख्यमंत्री और उत्तरकाशी के जिलाधिकारी की गढ़वाली चिठी के बाद चर्चाओं में है विधान सभा अध्यक्ष की गढवाली चिठी

मैं उत्तराखंड का शहीदों का चरणों मा बारम्बार अपणु शीष नवोंदों । साथ मा उत्तराखण्डी भै बैणों आप सब्बू तैं सादर सेवा सौंली लगोंदु ।

भै-बंदों आज इनु समय ऐगि जब हम सब लोग कोरोना महामारी का संकट का बीच अपड़ि गुजर बसर कना छां । कभि हमारा प्रदेश का रैवासि भै बंद रोजि -रोटी का खातिर देश - विदेश मा गैन अर अपणा -अपणा क्षेत्रु मा प्रवासि बन्धुन उल्लेखनीय कार्य का माध्यम सी अपुणु व उत्तराखंड कु नौं रोशन करि। बहुत सारा प्रवासी भै -बंद देशु -प्रदेशु मा भौत अच्छी स्थिति मा छन। अर भौत बड़ी संख्या मा पड्याँ - लिख्याँ ज्वान नौना-नौनी प्रदेशु मा अपणि रोजि- रोठि का खातिर बहुत मेनत कना छन। पलायन करिक तैं भी हमारा उत्तराखंडी भै -बंद देश अर प्रदेश का विकास मा अपड़ा - अपड़ा हिसाब सी योगदान देंणा छन।पर कोरोना महामारिन सैरि दुन्यां मा एक इनि डर उबजैलि कि अधिकतर प्रवासि अपणा - अपणा गौं व क्षेत्रों मा औंण कु मन बणैंलि । जै मा भौत सारा प्रवासि अपणा - अपणा गौं व जगों मा पौंछि भि गैन । जु प्रवासी भै- बन्द औण सि रैगिन तौं का वास्ता भी भौत जल्दी सरकार व्यवस्था बणौण लगीं च । जु काम भारि औखु लगदु थै, सु सरकार कि सूझबूझ सि आसानि सि त ह्वैगि । पर एक बड़ि कठणै भि हमारा सामणि ऐगी । जु भी प्रवासि भै -बंद घौर वापस ऐगिन तौंका वास्ता रोजि- रोठि कु बंदोबस्त जल्द सी जल्दी स्वरोजगार का माध्यम सी सरकार तैं सुनियोजित विचार कन पड़लू।

देश का प्रधानमन्त्री मा० नरेन्द्र मोदी जी 20 लाख करोड़ कि मदत उत्तराखंड सहित देश मा स्वरोजगार व आत्मनिर्भरता का वास्ता दीलिन जै कु मूल मन्त्र च "स्वराज" । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी भि इनि बोल़्दा था कि स्वराज ही हमारा देश तैं आत्मनिर्भर बणैं सकदु । मा० प्रधानमंत्री जी न भि ये विशेष आर्थिक पैकेज मा किसान, श्रमिक, कुटीर, लघु व गृह उद्योग का साथ मा उद्यानिकी, वानिकी, फलोद्यान, मत्स्य पालन, गौ पालन, मौन पालन, पशुपालन का दगड़ा- दगड़ी ग्राम विकास का अनेक इना रचनात्मक कामौं का माध्यम सि बेरोजगार युवा आज अपड़ा सुनहरा भविष्य कि दिशा मा अगनै बढि सकदन।

ग्रामविकास, पर्यावरण, कृषि जल, जंगल जमीन ,पर्यटन, तीर्थाटन, साहासिक पर्यटन आदि अनेक संसाधनु कु उचित दोहन करिक तैं हम स्वरोजगार, स्वावलंबन कि तरफ बड़ी सकदां । ये अभियान मा हम स्वयंसेवी संस्था, सहकारिता, महिला स्वयं सहायता समूह अर सरकार का अनेक विभागौं कु सहयोग व उचित परामर्श का माध्यम सि प्रवासि व घर वासियों का मेलजोल करिक तैं हम गौं कु पलायन भि रोकि सकदा अर स्वरोजगार भि अपणै सकदां । अनेक प्रदेशों मां रेक आप लोग अपणा-अपणा अनुभव ली तें ओणा छन । आपकी मेहनत, ईमानदारी व प्रतिभा कु लाभ उत्तराखंड तें मिलु अर हमारा प्रदेश कु चोमुखी विकास कन मा आप सभी प्रवासी जन समर्पित भाव सि काम करला ।

अन्त मा मैं आप तैं विश्वास दिलौनु कि ईं विपदा कि घड़ी मा आप पर भगवन श्री बद्री केदार कृपा बणि रली। मैं आप सभि प्रदेश वासियों का दगड़ा मा छौं। अर मैं स्वयं व सरकार का माध्यम सी जतना भि सहयोग आपका खातिर ह्वै सकुलू, कनकु पूरु - पूरू प्रयास करलु । आप जब ऐथर - ऐथर चलला त हम सब आपका दगड़ा - दगड़ी चलिक तैं आपकु व प्रदेश कु उज्जवल भविष्य बणौंण कि पूरि कोशिश करला।
मेरु आप सबु सि निवेदन छ कि आप लोग "आरोग्य सेतु" एप कु उपयोग करला, साथ मा संस्थागत क्वारेंटीन / होम क्वारेंटीन होण मा सहयोग देला, ताकि हम स्वयं स्वस्थ रला, हमारू परिवार, समाज व प्रदेश स्वस्थ रै सकुलु । ये का दगडा -दगड़ी सामाजिक दूरी बणैक रख्यां, भीड़ वाळी जगौं मा कतै नि जाया, अर जु भि सरकार का नियम बणायां छन, वूं कु पूरू - पूरू पालन करला। बस इथगा निवेदन आप सबु सी करदु । आप सभी प्रदेश वासियों तैं मेरु सादर प्रणाम।

जय उत्तराखंड ! जय भारत !!

( प्रेम चन्द अग्रवाल )
अध्यक्ष उत्तराखंड विधानसभा

सोमवार, 25 मई 2020

Eid news : NAPSR ने कोरोना सुरक्षा किट वितरित कर मनायी ईद।।web news ।।

Napar-news

NAPSR ने कोरोना सुरक्षा किट वितरित कर मनायी ईद।

देहरादून ।। नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) ईद पर दिया कोरोना सुरक्षा किट का तोहफा । इस समय कोरोना से सारा संसार जूझ रहा है ऐसे मे सभी धार्मिक कार्यक्रम रद्द हो चुके हैं और जिस प्रकार से दो दिन के अंदर उत्तराखंड मे कोरोना बम फटा है उसको देखते हुए नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने निर्णय लिया है की इस वर्ष ईद पर कपड़े और अन्य चीजों पर खर्च होने वाले पैसों से वो कोरोना से लड़ने वाले हमारे ऐसे मे हमारे कोरोना वारियर्स जो अपनी जान की परवाह किये बगैर दिन रात अपनी सेवाएं दे रहे हैं जैसे पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी, NCC केडिट, होमगार्डकर्मी, सिविल सोसायटी, और सफाईकर्मियों को कोरोना सुरक्षा किट वितरित कर ईद मनाई गई

यह भी पढ़े-मिलिए रमजान में आपकी जेब का ख्याल रखने वाले भाईजान से पढ़ें पूरी खबर

 इस दौरान एसोसिएशन की ओर से घण्टाघर,सहस्रधारा क्रॉसिंग, सर्वे चौक सहस्रधारा रोड़ स्थित नालापनी पानी चौक पर निवास करने वाले बागड़ियों एवं के०के० एम कॉलोनी समेत लगभग 500 लोगों को किट वितरित करने के साथ कौशिक होम्योक्लिनिक की ओर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली होमियोपैथी गोली भी वितरित की गयी । एसोसिएशन की ओर से दो प्रकार की किट बनायी गयी थी एक किट पुरुषों के लिए तो दूसरी महिलाओं के लिए तैयार की गई । जहां पुरुषों को एक ओर सैनिटाइजर, ग्लब्स और मास्क की किट दी गयी तो वहीं दूसरी ओर महिलाओं को सैनिटाइजर, मास्क, ग्लब्स के अलावा सेनिटरी पेड की किट दी गयी ।

किट वितरित करने वालों में लोक विज्ञान संस्थान से इकबाल अहमद, अनिल गौतम, प्रेम नारायण, राम सेवक, एसोसिएशन की अध्यक्ष आरिफ खान, कविता खान, बीना शर्मा ,सोमपाल सिंह, पूजा गर्ग,विवेक गर्ग, सुदेश उनियाल,सुमित पुण्डीर, सुमित कुमार प्रजापति, गौतम, आदि शामिल रहे ।   

                                    

जन्मदिवस विशेष: अमर हुतात्मा श्रीदेव सुमन ने टिहरी रियासत को राजशाही के बेड़ियों से मुक्ति दिलायी- विनय तिवारी ।।web news ।।


Shridev-suman

टिहरी सियासत के स्वतंत्रता सेनानी अमर हुतात्मा श्री देव सुमन जी को शत शत नमन

अपनी जननी-जन्मभूमि को परतंत्रता की बेड़ियों से आजादी दिलाने के संकल्प को मन में लिए जीने और परतंत्रता की बेड़ियों को तोड़कर राजशाही से मातृभूमि को आजादी दिलाने के लिए अपना जीवन अर्पण करने वाले तरुण तपस्वी श्रीदेव सुमन जी को उनके जन्मदिवस पर शत्-शत् नमन एवं भावभीनी श्रद्धांजलि।

श्रीदेव सुमन और टिहरी राज्य का गणराज्य भारत में विलय

श्री देव सुमन जी का जन्म जिला टिहरी गढ़वाल के चम्बा ब्लॉक, बमुण्ड पट्टी के जौल गांव में २५ मई १९१६ को हुआ था । इनके पिताजी का नाम पंडित हरिराम बडोनी तथा माताजी का नाम श्रीमती तारा देवी था। इनके पिता अपने क्षेत्र के लोकप्रिय वैद्य थे । सन् १९१९ में जब क्षेत्र में भयानक हैजा रोग का प्रकोप हुआ तब उन्होंने अपने जीवन की परवाह किए बिना रोगियों की दिन रात एकनिष्ठ सेवा की। उनके परिश्रम से रोगियों को कुछ राहत तो मिली लेकिन वे स्वयं हैजा के शिकार हो गए और मात्र ३६ वर्ष की आयु में परलोक चले गये। उसके बाद सुमन जी की दृढ़ निश्चयी मां ने श्रीदेव सुमन का लालन-पालन तथा शिक्षा का उचित प्रबंध किया । सुमन जी ने पिता से लोक सेवा तथा माँ से दृढ़निश्चय के गुण अंगीकार किए । उनकी पत्नी श्रीमती विजय लक्ष्मी थी जिन्होंने हर संघर्ष में सुमन जी का साथ दिया। सुमन जी की प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव एवं चम्बा से हुई तथा टिहरी से मिडल पास किया। विद्यार्थी जीवन में उन्होंने अनेकों उपाधियां प्राप्त की। इसी दौरान सन् १९३० में वो देहरादून गए तथा वहां सत्याग्रहियों का जत्था देखा और उसमें शामिल हो गए। उसके बाद देहरादून में अध्यापक की नौकरी करने लगे। उस दौरान देहरादून में ब्रिटिश शासन के खिलाफ चल रहे आंदोलनों से प्रभावित हुए तथा टिहरी की राजशाही के अत्याचार के खिलाफ खड़े हो गए। जनता पर राजशाही के अत्याचारों से क्षुब्ध होकर इन्होंने राजशाही के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया |

"अपने देश के लिए और खासकर टिहरी राज्य की प्रजा के लिए मैं अपने जीवन को अर्पित कर दूंगा, पर टिहरी के सार्वजनिक जीवन को कुचलने नहीं दूंगा" श्री श्रीदेव 'सुमन'

इस दौरान सन् १९३९ में उन्होंने टिहरी "प्रजामण्डल" की स्थापना की व राजशाही के अत्याचारों के विरुद्ध टिहरी की आम जनता को एकजुट किया। इस प्रकार वे टिहरी राजशाही के विरोध में सक्रिय भूमिका में आ गए। इसी कारण सन् १९४२ में इन्हें टिहरी के राजा की पुलिस ने गिरफ्तार कर इन पर भविष्य में टिहरी आने पर प्रतिबंध लगा दिया । इसी क्रम में ३० दिसम्बर १९४३ को इन्हें पुनः गिरफ्तार कर दिया गया। उन पर आमानवीय जुल्म किये गए तथा उनके पूरे शरीर को ३५ सेर की बेड़ियां से जकड़ दिया गया २९ फरवरी १९४५ को उन्होंने जेल में जेल प्रशासन के अभद्र व्यवहार के खिलाफ अपना अनशन शुरू किया। जिस पर राजा की ओर से आश्वासन के बाद उन्होंने अनशन समाप्त किया। लेकिन कुछ ही समय बाद टिहरी शासन अपनी हरकतों पर वापिस आ गया। जिससे आहत हो उन्होंने पुनः ३ मई १९४५ को आमरण अनशन शुरू कर दिया। इस पर जेल प्रशासन द्वारा भीषण जुल्म किये गए। सुमन जी का हौंसला टूटता हुआ नहीं दिखने पर क्रूर जेल कर्मियों ने उन्हें जानलेवा इंजेक्शन लगवाए। जिस कारण २५ जुलाई १९४४ को शाम करीब ४ बजे उस वीर अमर सेनानी ने राजशाही से अपनी मातृ भूमि एवं अपने आदर्शों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इसी रात जेल प्रशासन द्वारा जनता से छुपते-छुपाते इनकी मृतक देह को कंबल में लपेटकर भागीरथी-भिलंगना के संगम से गंगा नदी में डाल दिया। राजशाही का यह अपराध टिहरी राजशाही के लिये उसकी ताबूत का आखरी कील साबित हुआ । राजशाही को जनता के आक्रोश के आगे घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया। इसके परिणाम स्वरूप राजशाही ने टिहरी प्रजामंडल को मान्यता दे दी। सन् १९४७ में प्रजामंडल का प्रथम अधिवेशन हुआ। सन् १९४८ में तो प्रजा ने देवप्रयाग, कीर्तिनगर और टिहरी पर अपना अधिकार कर लिया। इस प्रकार एक के बाद एक राजशाही कमजोर हो गई। इसके बाद १ अगस्त १९४९ को टिहरी रियासत का भारतीय गणराज्य में विलय हो गया। राजशाही से आजादी एवं भारतीय गणराज्य में विलय के बाद उनकी पत्नी दो बार देवप्रयाग क्षेत्र से विधायक भी चुनी गईं।
इस प्रकार सुमन जी एवं उन जैसे अनेकों कर्मयोगी नायकों ने टिहरी रियासत की जनता को राजशाही से मुक्ति दिलाकर स्वतंत्र भारत का अभिन्न अंग बनने का मार्ग प्रशस्त किया।

श्रीदेव सुमन जी का सरकारी सम्मान

श्रीदेव सुमन जी के सम्मान में प्रदेश सरकार द्वारा अनेकों योजनाएं उनके नाम से चलाई जाती है। अनेकों विद्यालय, कॉलेज, अस्पताल एवं अनेकों संस्थानों को उनके नाम से चलाया जाता है। प्रसिद्ध टिहरी झील को भी सुमन सागर के नाम से जाना जाता है।

टिहरी की जनता का श्रीदेव सुमन जी के वास्तविक सम्मान में सपने

टिहरी सियासत सदैव ऋणी रहेगी अमर बलिदानी श्रीदेव सुमन जी का। हमारी आगे की पीढ़ी भी अपने स्मृति पटल पर हमेशा हमेशा के लिए सुमन को अंकित कर सके इसके लिए सरकार से हमारी मांग रहेगी कि चम्बा य आस पास के क्षेत्र में एक आधुनिक स्मारक बनाया जाय जिसमें श्रीदेव सुमन जी की स्मृतियों को संजोया जाय, ऐसे प्रयास पहले भी हुए है जो अभी तक सफल नही हुए , श्रीदेव सुमन जी पर शोधार्थियों के लिए सरकार द्वारा उचित सहयोग मिलना चाहिए । 

इस प्रकार सुमन जी का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से अंकित हो गया। नमन है इस भूमि को, उन मां-पिता को जिन्होंने ऐसे सपूत को जन्म दिया।

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Vinay-tiwari
लेखक परिचय - विनय तिवारी, सोशल मीडिया युवा लेखक, सामाजिक कार्यो में सक्रियता, साथ ही चम्बा से जुड़ी गतिविधियों के लिए चबा द हिल किंग टिहरी गढ़वान पेज पर निरतंर सक्रिय रहते है । कई वेब पोर्टलों, वेबसाइटों के माध्यम   से युवाओं को संकृति, राष्ट्रभक्ति से परिचित कराने का कार्य करते है । 

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खुशखबरी: दिल्ली से उत्तराखंड बस से होगी प्रवासियों की घर वापसी जाने क्या है खबर ।। web news ।।



दिल्ली में फंसे उत्तराखंड प्रवासीयों के लिय राहत लेकर आयी उत्तराखण्ड सरकार

दिल्ली में फंसे उत्तराखंड प्रवासीयों को उत्तराखंड लाने की अभिलेखीकरण प्रक्रिया पूर्ण हो गयी है। आज सराय काले खां से मेडिकल स्कीनिंग एवं अभिलेखीकरण कार्यवाही के पश्चात प्रवासियों को लेकर बसें दिल्ली से उत्तराखंड के कुमाऊँ एवं गढ़वाल हेतु प्रस्थान का रही हैं। उत्तराखंड आगमन के पश्चात सभी प्रवासियों को 14 दिवस संस्थागत (Institutional) क्वारंटाइन किया जाएगा।

Train Update: पुणे से चलेगी ट्रेन प्रवासियों की होगी घरवापसी जाने क्या है पुरी खबर ।। web news।।

Train-update

आज रात श्रमिक स्पेशल ट्रेन से 1400 प्रवासियों लेकर आएगी

महाराष्ट्र और उत्तराखंड सरकार के आपसी सहयोग से भारतीय रेल आज रात 10.00 बजे पुणे, महाराष्ट्र से लगभग 1400 प्रवासियों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन लालकुआं को प्रस्थान करेगी।

महत्वपूर्ण ट्रैन अपडेट

• गुजरात, तेलंगाना, पुने, सूरत, दिल्ली, चेन्नई, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से फंसे हुए व्यक्तियों को रेल से लाने हेतु प्रक्रिया गतिमान ।

• जयपुर से काठगोदाम तथा दिल्ली से हरिद्वार एवं काठगोदाम स्पेशल रेल आगामी 2-3 दिनों में प्रस्तावित ।

• उत्तराखण्ड आने वाले समस्त प्रवासी व्यक्तियों को जो अपने स्वयं के वाहन से उत्तराखण्ड आना चाहते हैं, को तेजी से E-Pass जारी किये जा रहे हैं।

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Good news : लोकप्रियता प्रशासक मंगेश घिल्डियाल ने कार्यभार ग्रहण किया ।। web news ।।

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मंगेश घिल्डियाल ने गत दिवस (रविवार) को टिहरी के जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया ।।

नई टिहरी ।। वर्ष 2011 बैच के आईएएस अधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने गत दिवस (रविवार) को टिहरी के जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। इससे पूर्व वह रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी थे। कार्यभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने कोरोना संक्रमण को लेकर जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों की बैठक ली। कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण के कारण आई समस्याओं को दूर करना, प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाना और अधिक से अधिक लोगों की सैंपलिंग करना पहला लक्ष्य है।
आईएएस अधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने टिहरी के 53 वें जिलाधिकारी के रूप में रविवार को कार्यभार ग्रहण किया। पुलिस के जवानों ने उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया। इससे पूर्व श्री घिल्डियाल तीन साल तक रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी और सीडीओ चमोली सहित विभिन्न प्रशासिनक पदों पर सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने अधिकारियों की बैठक लेते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई समस्याओं को प्राथमिकता से हल किया जाए। जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने सीएमओ डा. मीनू रावत को कोरोना अपडेट, अब तक किए गए उपायों, सैंपलिंग की जानकारी, स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या, कोविड-19 के बचाव के उपकरण सहित कई अन्य जानकारी भी ली। कहा कि कोरोना के कारण पैदा हुई स्थिति से बाहर आने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएंगे। टीम भावना से जिले की समस्याओं को हल किया जाए।

बैठक में जिलाधिकारी ने जिला पर्यटन अधिकारी को जनपद के एक-एक होटल संचालको/मालिको से बात कर करते हुए होटल में सुविधाओं व कक्षो की संख्या का व्योरा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। वही कॉरेन्टीन/आइसोलेशन पर रखे जाने वाले व्यक्तियों को साफ-सुथरा व गुणवत्तापरक भोजन मिल सके इस हेतु सम्पूर्ण दायित्व जिला पूर्ति अधिकारी को दे दिया गया है।
उन्होंने युवा कल्याण अधिकारी को प्रत्येक कॉरेन्टीन/आइसोलेशन केंद्र के लिए 2-2 पीआरडी जवान की तैनाती के निर्देश दिए है। इसके अलावा डीओ पीआरडी को कोरोना आपदा काल के दौरान काम से कम 800 स्वंय सेवको को प्रशिक्षण कर तैयार रखने को कहा गया है। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए कि जनपद किसी भी फैसिलिटी कॉरेन्टीन सेंटर स्कूल/पंचायत भवन में कोविड पोसिटिव केस आता है तो उस केंद्र के सभी व्यक्तियों को तत्काल एम्बुलेंस द्वारा संस्थागत कॉरेन्टीन केंद्र लाया जाएगा। जहां उनकी देखभाल, सेम्पल लिए जाने जैसे कार्यो में आसानी होगी। पोसिटिस केस आने के बाद की जाने वाली कांटेक्ट ट्रेसिंग एक ही दिन में पूरी हो इस हेतु डीएफओ कोको रोसे को नोडल अधिकारी बनाया गया है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया की यदि हम लोगो को संस्थागत कॉरेन्टीन कर रहे है तो कॉरेन्टीन सेंटरों क्वालिटेटिव होना भी आवश्यक है। जिसके तहत कॉरेन्टीन केंद्र के प्रत्येक कक्ष में ब्रश, मग, बाल्टी, झाड़ू, हार्पिक, पानी पीने का ग्लास, और बचे हुए भोजन को डिस्पोज़ करने के लिए ब्लैक पालीथिन शामिल है।