International mountain day : : यूसर्क ने वेबिनार के माध्यम से दिया हिमालयी जैवविविधता संरक्षण का संदेश , पढे पूरी खबर ।।web News।।
अन्तर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस के अवसर पर यूसर्क ने ‘पर्वतीय जैवविविधता’ विषय पर वेबीनार का आयोजन
उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) ने आज ‘अन्तर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस’ के अवसर पर वेबिनार का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये यूसर्क के निदेशक प्रो0 एम.पी.एस. बिष्ट ने बताया कि इस वर्ष ‘अन्तर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस’ को ‘पर्वतीय जैवविविधता’ विषयक थीम को लेकर मनाया जा रहा है। प्रो0 बिष्ट ने हिमालयी जैवविविधता के संरक्षण हेतु सभी युवाओं को आगे आ कर कार्य करने का आवाहन किया। उन्होंने बताया कि यूसर्क द्वारा विज्ञान शिक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण विषयक कार्य को किया जा रहा है। राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार कीे महत्वपूर्ण परियोजना जैसे कि जलशक्ति मिशन, स्वच्छता अभियान, जलसा्रेत पुर्नजीविकरण तथा अन्य पर्यावरण एवं विज्ञान से सम्बन्धित कार्यक्रमों का लाभ आम जनमानस तक पहुंचाने के लिये यूसर्क कार्य करेगा। उन्होंने कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जनपदों से जुड़े छात्र-छात्राओं को शोध एवं अनुसंधान के माध्यम से उत्तराखण्ड के दूरस्थ क्षेत्रों में विद्यमान पलायन, पर्यावरण, कृषि, सूखते जलस्रोत, रोजगार सृजन इत्यादि से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिये भी ओ प्रेरित किया।मुख्य वक्ता नेहरू पर्वतारोहण संस्थान निम के प्राचार्य कर्नल अमित बिष्ट का संदेश
इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान निम, उत्तरकाशी के प्राचार्य कर्नल अमित बिष्ट जी द्वारा मुख्य व्याख्यान दिया गया। कर्नल बिष्ट ने ‘अन्तर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस’ को मनाये जाने के सन्दर्भ में संयुक्त राष्ट्र द्वारा किये गये कार्य के पूर्व इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पर्वतों का संरक्षण वर्तमान समय की एक मुख्य आवश्यकता है। कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि किस प्रकार मनुष्य अपनी मानवीय गतिविधियों में परिवर्तन एवं नियंत्रण करके हिमालयी पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे सकता है। अनियंत्रित गतिविधियां हमारे पर्वतीय जलस्रोत, जंगलों एवं पर्वतीय जैवविविधता को हानि पहुंचाते है। कर्नल अमित बिष्ट ने कहा कि पर्यटन, पर्वतारोहण अथवा अन्य प्रकार की मानवीय गतिविधियों को नियंत्रित रूप से पर्यावरण को ध्यान में रखते हुये एवं शासकीय नियमों के अनुसार ही करना चाहिये तथा पर्यावरण की स्वच्छता एवं संरक्षण पर विशेष रूप से चिंतन एवं कार्य करना चाहिये।निम के उपप्रधानाचार्य ले0 कर्नल योगेश धूमल ने पर्यावरण संरक्षण हेतु कार्य करने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि भूमण्डलीय ताप वृद्धि को रोकने, अपशिष्ट के उचित निस्तारण हेतु आम जनमानस
कार्यक्रम में निम के रजिस्ट्रार डा0 विशाल रंजन जी द्वारा बताया गया कि हमारे पास बहुत से प्राकृतिक संसाधन है जिनका उपयोग वैज्ञानिक ढंग से आवश्यकतानुसार ही करना चाहिये। उन्होंने ग्रीन
टूरिज्म पर विशेष रूप से ध्यान देने का आहवान किया जिससे पर्वतीय जैवविधिता का संरक्षण करने में मदद मिल सके।
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