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सोमवार, 1 मार्च 2021
बड़ी खबर : आज से दूसरे चरण की वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगवाई वैक्सीन।।web news।।
शनिवार, 27 फ़रवरी 2021
हिम प्रयल : चमोली आपदा में आगाज फैडरेशन की टीम ने रेस्क्यू में किया सहयोग , पढे पूरी खबर ।।web news।।
चमोली की आपदा में 205 से अधिक लोगों का अकाल मृत्यु आंकलन
आपदा रेस्क्यू टीम का दोपहर का भोजन की जिम्मेदारी टीम आगाज ने बखूबी संभाली
3000 जरूरतमंदों को भोजन व 150 परिवारों को ड्राई राशन राशन किट उपलब्ध करायी गयी ।
आगाज फैडरेशन की आपदा राहत टीम का हिस्सा बने स्वयं सेवी संघठन ।
आपदा राहत वितरण के कार्यों में रिलायंस फाउण्डेशन के जुबिन मैथ्यू, ऋतुराज प्रसाद और अमित सेन ने सहभागिता निभाई। साथ ही जनमैत्री संस्था के प्रदीप चैहान, सुनील तिवारी, जितेन्द्र ने भी सामुदायिक किचन के संचालन में मदद की। इस कार्यक्रम के लिए कासा उत्तराखण्ड ने जनमैत्री को संसाधन उपलब्ध कराये और आई.ए.जी. उत्तराखण्ड ने भी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से समन्वयन में सहयोग किया। दूसरी ओर संपूर्ण अभियान के समन्वयन और संचालन का कार्य आगाज़ फैडरेशन के अध्यक्ष जे0पी0 मैठाणी की देखरेख में किया गया ।गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021
Positive News :रूरल सर्वे से छात्र छात्राओं ने किसानों की समस्या समझी, पढे पूरी खबर ।।Web News।।
नई दिशा जनहित ग्रामीण विकास समिति तथा इंस्टिट्यूट ऑफ़ एग्रीकल्चर ट्रेंनिंग एंड रिसर्च ने छात्रों को कराया रूरल सर्वे
नई दिशा जनहित ग्रामीण विकास समिति तथा इंस्टिट्यूट ऑफ़ एग्रीकल्चर ट्रेंनिंग एंड रिसर्च के संयुक्त तत्वाधान में आज शंकरपुर ग्राम सभा में पंचायत में माया कॉलेज, तुलाज कॉलेज तथा दून पीजी कॉलेज के छात्र छात्राओं के द्वारा रूरल एग्रीकल्चर वर्क एक्सपीरियंस कार्यक्रम के तहत शंकरपुर ग्राम में सर्वे किया गया और खेती किसानी के गुर सीखे और किसानों की समस्याओं तथा किसानों के द्वारा उपयोग किए जाने वाले यंत्रों और खेती किए जाने के तरीके तथा जैविक और रासायनिक खाद तथा सिंचाई के साधन और फसलों में होने वाले नुकसान तथा फायदे के बारे में भी जानकारी हासिल की बिहार अरुणाचल प्रदेश नेपाल तथा आंध्र प्रदेश से आए छात्रों ने गांव में शैक्षिक भ्रमण कर बीएससी एग्रीकल्चर के लास्ट सेमेस्टर को पूर्ण किया ।नई दिशा जनहित ग्रामीण विकास समिति के संस्थापक अमर सिंह कश्यप ने कहा की छात्र खेती की नई तकनीक की पढ़ाई करके ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकारी बनकर आएंगे तो उन्हें उन्नत खेती की धरातल पर जानकारी रहेगी ।
मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021
Garhwali DJ song : केशर पंवार और अनिशा पंवार का गीत कांधी बंदूक 1 लाख व्यूज़ पार, पढे पूरी रिपोर्ट ।।web news।।
AK Films का DJ सांग का कांधी बंदूक हिट हुआ ।
ए के फिल्म्स का धमाकेदार गढ़वाली गीत कांधी बंदूक एक हप्ते पहले रिलीज हुआ जिसे संगीत प्रेमियों ने खूब सराया युवाओं की जुबान पर गीत के बोल बमोर खांणाकी मैन धापना धरयाली दुई नाऴी बंदूक मैंन कांधी धरयाली, चढ़ गया । ए के फिल्म्स के यू ट्यूब चैनल पर रिलीज हुआ यह गीत 1 हप्ते में ही एक लाख से ज्यादा बार देखा गया । तीन हजार से ज्यादा लोग यू ट्यूब पर लाइक कर चुके है , शुभकामना सन्देश के हजारों कमेंट सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर प्रशंसक कर चुके है ।कांधी बंदूक गीत केशर पंवार और अनिशा रांगड़ ने गया शैलेन्द्र शैलू ने संगीत से सजाया है साथ ही संजय भंडारी ने गढ़वाली रैप का तड़का लगाया है ।देखिए केशर पंवार और अनिशा पंवार कांधी बंदूक गीत
सोमवार, 22 फ़रवरी 2021
UFTARA Update : उफतारा 11 विभूतियों को 21 मार्च को सम्मानित करेगा ।।web news।।
21 मार्च को देहरादून में उफतारा सम्मान समारोह होगा ।
उफतारा विभिन्न क्षेत्र में प्रदेश की 11 विभूतियों को सम्मानित करेगा। आज विधानसभा के निकट एक होटल में उत्तराखंड फ़िल्म टेलीविजन एण्ड रेडियो एसोसिएशन (उफतारा) की एक बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में उफतारा सम्मान समारोह आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया । 21 मार्च को देहरादून में सम्मान समारोह होगा। जिसमें पूर्व की भाँति कला संस्कृति व जनहित के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली 11 विभूतियों को उफतारा सम्मान दिया जाएगा। उफतारा सम्मान समिति का मुख्य कार्यक्रम संयोजक वरिष्ठ संस्कृति कर्मी व उफतारा के पूर्व अध्यक्ष चन्द्रवीर गायत्री को तथा गंभीर सिंह जयाड़ा को व्यवस्थापक मनोनीत किया गया।आज की बैठक में उफतारा ने सरकार से प्रदेश के आँचलिक फ़िल्म निर्माण को भी प्रोत्साहित करने की मांग की । प्रदेश फ़िल्म नीति के अनुसार फ़िल्म निर्माताओं को प्रोत्साहित किया जाय जिससे उत्तराखंड की संस्कृति को फिल्मों के माध्यम से प्रचार प्रसार करने वाले निर्माताओं निर्देशकों को उत्साहवर्धन हो सके ।इस अवसर पर उफतारा पदाधिकारियों को एक्टिव मीडिया प्रेस क्लब (AMPC) की स्मारिका भी भेंट की गई। बैठक में उफतारा अध्यक्ष प्रदीप भण्डारी, महासचिव डॉ0 अमर देव गोदियाल, कोषाध्यक्ष बृजेश भट्ट, रवि मंमगाई, नवीन सेमवाल, नंदन सिंह कण्डारी, दीपक नौटियाल आदि शामिल रहे। बैठक के माध्यम से उफतारा के प्रत्येक सम्मानित सदस्य से कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सक्रिय भूमिका निभाने की अपेक्षा की गई है ।
रविवार, 21 फ़रवरी 2021
स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए देहरादून में संजीवनी फेस्ट का हुआ आयोजन, पढे पूरी खबर ।।web news।।
आज संजीवनी फेस्ट में पहुंचे सीएम, शुभारंभ राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शनिवार को किया था ।
राज्य की महिलाओं और बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए देहरादून में सर्वे चौक स्थित ऑडिटोरियम में संजीवनी फेस्ट का आयोजन किया गया। आज मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत संजीवनी फेस्ट पहुंचे और यहां पर लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा।उत्तराखंड के विभिन्न थीम पर आधारित उत्पादों को सही प्लेटफाॅर्म मिलने से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे स्थानीय उत्पादों को अलग पहचान मिलेगी। संजीवनी फेस्ट का शुभारंभ राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शनिवार को किया था।20-21 फरवरी 2021 को आयोजित हुआ संजीवनी फेस्ट
संजीवनी फेस्ट का आयोजन महिलाओं व बालिकाओं के उत्थान और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में 20 सालों से कार्य करने वाली उत्तराखंड सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स वाइफ्स एसोसिएशन के द्वारा आयोजित किया गया । दो दिवसीय 20-21 फरवरी 2021को आयोजित संजीवनी फेस्ट का उद्देश्य कोरोना काल से प्रभावित ग्रामीण दस्तकारी, हस्तशिल्प, आयुर्वेदिक उत्पाद एवं अन्य ग्रामोत्पादों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराना था ।गुरुवार, 18 फ़रवरी 2021
Online training : माटी संस्था ने आलू की खेती की ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया ।। Web News।।
माटी संस्था, देहरादून की ओर से “आलू की खेती: जीविकोपार्जन का एक उत्तम विकल्प ” विषय पर एक दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन।
देश को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने एवं ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका के अवसर बढ़ाने के अपने इसी उद्देश्य को पूरा करने के क्रम में आज "माटी जैव विविधता संरक्षण और सामाजिक अनुसंधान संगठन" देहरादून, ने “आलू (सोलनम ट्यूबरोसम) की खेती जीविका उपार्जन का एक उत्तम विकल्प” विषय पर एक दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।माटी संस्था के संस्थापक वैज्ञानिक डॉ० वेद कुमार ने अपने उद्बोधन भाषण में कहा ।
माटी संस्था के संस्थापक व वैज्ञानिक डॉ० वेद कुमार ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए कहा की ‘यह प्रशिक्षण कार्यक्रम हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की उस अपील को ध्यान मे रखते हुए कराया गया, जिसमे उन्होने देश को “आत्मनिर्भर भारत” बनाने की बात कही थी। माटी संस्था शुरुवात से ही अनेक ऐसे सामाजिक सरोकार संबन्धित कार्य करती आई है, जिससे देश व समाज आत्मनिर्भर बने।‘ वही संस्था के सह-संस्थापक व वैज्ञानिक डॉ० अंकिता राजपुत ने कहा की इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मूल उद्देश्य देश के युवाओं को ग्रामीण कृषि स्वरोज़गार हेतु प्रेरित करने के साथ उन्हे कृषि संबन्धित वर्तमान में आधुनिक तकनीकी ज्ञान से परिचित करवाना है।प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम वक्ता प्रोफेसर वी० एल० सक्सेना ने कहा ।
इस एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुवात प्रोफेसर वी० एल० सक्सेना, भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन, कोलकाता के द्वारा की गयी। इन्होने अपने उदघाटन उद्बोधन के दौरान बताया कि ‘इस तरह की प्रशिक्षण कार्यशालाएं विधार्थियों के लिए उपयोगी हैं, जो न केवल उनके व्यक्तित्व के विकास में सहायता करती हैं, अपितु देश के जाने-माने वैज्ञानिक व् विशेषज्ञों से रूबरू होकर अपनी शंकाओं का निवारण भी करने का मौका मिलता है। प्रोफेसर सक्सेना ने बताया कि माटी संगठन इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन लगातार करवाता रहा है, जो कि एक सराहनीय कदम है।प्रशिक्षण के द्वितीय वक्ता प्रोफेसर वी० एल० सक्सेना ने कहा ।
इस प्रशिक्षण के दूसरे वक्ता श्री० एस० के० चौहान (डायरेक्टर ऑफ़ अल्पाइन ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूट) ने कहा की परम्परागत रूप से हम आलू की खेती करते है, लेकिन हमें अच्छे उन्नति के लिए वैज्ञानिक तरीके से खेती करने की आवश्यकता है।प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन प्रोफेसर ध्यानेंद्र कुमार ने कहा ।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजक, प्रोफेसर ध्यानेंद्र कुमार, अध्यक्ष माटी ने बताया कि इस वैश्विक संकट काल कोविड-19 के इस कठिन समय में आलू की खेती आजीविका का बेहतर अवसर कैसे हो सकती है। उन्होंने बताया कि अगर हम अपनी पारम्परिक फसल जैसे आलू को भी उचित वैज्ञानिक तकनीकों के द्वारा उगाएं तो उसकी गुणवत्ता और मूल्य में सुधार कर अपनी आय को बढ़ा सकतें हैं।प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ० जनार्दन ने कहा ।
इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ० जनार्दन जी (पूर्व निदेशक व् कृषि वैज्ञानिक, नेशनल रिसर्च सेण्टर फॉर मखाना, भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्) ने आलू की वैज्ञानिक खेती पर एक बहुत ही विस्तृत और प्रासंगिक जानकारियों से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि आलू दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसल है,जिसका उपयोग विश्व में खाद्य पदार्थ के रूप में किया जाता है और उन्होंने यह भी बताया की आलू कार्बोहाइड्रेट, स्टार्च और विटामिन का बहुत बड़ा स्रोत है, यह एक किफायती व् उच्च उत्पादक क्षमता वाली फसल है, जिसका उपयोग सब्जी के रूप में, चिप्स बनाने के लिए किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि आलू की खेती शुरुआती बसंत में और गर्म सर्दियों में लगाया जाता है, और सबसे ठंडे महीनों में भी इसकी पैदावार होती है। उन्होंने आलू की खेती के विभिन्न चरणों जैसे आलू का उत्पादन, कीटों और बीमारियों, मिट्टी और भूमि की तैयारी के बारे में भी विस्तृत विवरण दिया। आलू की फसल आमतौर पर बीज से नहीं बल्कि "आलू के छोटे कंद" से उगाई जाती है। कंद के टुकड़ों को 5 से 10 सेमी की गहराई तक बोया जाता है। अच्छे फसल के लिए स्वस्थ बीज कंदों तथा अच्छे किस्म (कुफरी लालिमा ,कुफरी चंद्रमुखी इत्यादि) की आवश्यकता होती है अथवा बीज का किस्म बुआई की जाने वाली क्षेत्र पर निर्भर करता है और कंद बीज रोग रहित तथा अच्छी तरह से अंकुरित होना चाहिए और प्रत्येक बीज कंद का वजन में 30 से 40 ग्राम तक होना चाहिए। डॉ जनार्दन जी ने कहा कि पारंपरिक और वैज्ञानिक ज्ञान के संयोजन से आलू का उत्पादन को बढ़या जा सकता है, जिससे किसानो के लिए आमदनी का एक अच्छा स्त्रोत बन सकता है।डॉ. हिमानी बडोनी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया ।
कार्यक्रम अंत में डॉ. हिमानी बडोनी (प्रोजेक्ट साइंटिस्ट) द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। उन्होंने प्रो० ध्यानेंद्र कुमार (अध्यक्ष, माटी), प्रो० विजय लक्ष्मी सक्सेना (अध्यक्ष, भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन कोलकाता), मुख्य वक्ता डॉ० जनार्दन जी (कृषि वैज्ञानिक), श्री अनिल सैनी (चेयरमैन अल्पाइन ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट), श्रीमती भावना सैनी (मैनेजिंग डायरेक्टर अल्पाइन ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट), श्री एस के चौहान (डायरेक्टर अल्पाइन ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट), श्री उत्तम कुमार सिंह (अकादमिक कोऑर्डिनेटर अल्पाइन ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट) को इस एक दिवसीय प्रशिक्षण वेबिनार में भाग लेने और इसे सफल बनाने के लिए धन्यवाद ज्ञपित किया।कार्यक्रम को सफल बनाने में माटी टीम ने सक्रिय भूमिका निभाई ।
इस एक दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम को जोखन शर्मा व ओंद्रिला सान्याल के द्वारा समन्वित किया गया और डॉ० हिमानी बडोनी ने मंच का संचालन किया। कार्यक्रम समन्वयक ओंद्रिला सान्याल ने बताया की इस एक दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान देश भर से कुल 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमे से अधिकांश कॉलेज, विश्वविद्यालयों के छात्र - छात्राओं, ग्रामीण युवा किसान मुख्य रूप से शामिल रहे। साथ ही कार्यक्रम के दौरान माटी टीम के सभी सदस्य प्रतिक्षा, अनुप्रिया, शेफाली, मृत्युंजय, विशाल, रश्मि, शालिनी, दिशांषी भी उपस्थित रहे ।बुधवार, 17 फ़रवरी 2021
चमोली आपदा : अपनों के इंतजार में बेजुबान , कई दिनों से खाना भी नहीं खाया।। Web News।।
मालिक को तलाश में कई दिन से टनल के बाहर चक्कर लगा रहा एक बेजुबान
कुत्तों को वफादार जानवर कहा जाता है। वह अपने मालिक के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। यही कारण है कि लोग भी इस जानवर की सेवा भी पूरे मन से करते हैं। कई लोग तो इन्हें अपने परिवार का सदस्य तक मानते हैं। इन दिनों एक ऐसा ही एक वफादार कुत्ता उत्तराखंड के चमोली में मिला जो अपने लापता मालिक की तलाश कई दिनों से कर रहा है। आलम यह है कि वो पिछले कई दिनों से उसी टनल के बाहर बैठा है, जहां प्राकृतिक आपदा ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया।इस प्राकृतिक आपदा में सबसे अधिक प्रभावित चमोली जिले का रैणी गांव हुआ। वहां रहने वाले कई लोग इस हादसे में हताहत हुए हैं। इस भीड़ के कहीं एक कोने में आपदा के पहले दिन से ही अब तक एक बेजुबान बेबस और गुमसुम है। अपनों के इंतजार में इसकी आंखें टकटकी लगाए टनल और रेस्क्यू ऑपरेशन को लगातार देख रही हैं। अपने मालिक की गंध सूंघते हुए यह कई दिनों से टनल के बाहर खड़ा है।
कुत्ते ने अपने मालिक की याद में कई दिनों से नहीं खाया खाना
ऋषि गंगा नदी में आई आपदा के बीच जहां लोग अपनों को ढूंढ रहे हैं, तमाम रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं, कई लोग लापता हैं। उनके बीच एक कुत्ता घटना के पहले दिन से अपने किसी पहचान वाले को या अपने मालिक को ढूंढ रहा है। कहते हैं कि बीते कई दिनों से उसने खाना भी नहीं खाया है। रोजाना यहां मलबे में ये किसी अपने को ढूंढने की कोशिश करता है।News sorce : PBNS