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बुधवार, 14 अक्टूबर 2020

स्कूल खुलेंगे : सरकार का फैसला होली के बाद बन्द स्कूल दीवाली से पहले खुलेंगे ।।web news।।


मंत्रिमंडल की बैठक फैसला 1 नवम्बर से खुलेंगे स्कूल

प्रदेश सरकार ने बोर्ड परीक्षाए सम्पन्न कराने के लिए सिर्फ दो कक्षाओं के लिए एक नवंबर से स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। पहले चरण में सरकारी और निजी स्कूलों में केवल 10वीं और 12वीं कक्षाएं ही संचालित की जाएंगी। इसके लिए कोविड-19 संबंधी गाइड लाइन का पूरी तरह पालन करना अनिवार्य होगा। डिग्री काॅलेजों और टेक्निकल काॅलेजों समेत बाकी के बारे में फैसला बाद में लिया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लंबी चर्चा के बाद स्कूलों के बारे में फैसला लिया गया। मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा के लिए 18 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें से 17 को मंजूरी दे दी गई। राजकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों को अनुदान देने के संबंध में चर्चा के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई। मंत्रिमंडल ने हिमालय गढ़वाल विश्वविद्यालय का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने 2004 के सर्किल रेट के आधार पर वर्ग तीन व चार की भूमि का मालिकाना हक देने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी। इसके साथ ही राज्य के कर्मचारियों को राहत देते हुए कोविड फंड में अक्तूबर से एक दिन के वेतन की कटौती बंद करने का भी निर्णय किया। अब केवल मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों, आईएएस, पीसीएस, आईएफएस अधिकारियों के वेतन से ही कटौती होगी। इसके साथ ही महाकुंभ को देखते हुए सभी अखाड़ों को स्थाई काम के लिए एक-एक करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। प्रदेश में दो लाख 43 हजार ड्राइवर और ई रिक्शा चालकों को एक-एक हजार रुपये देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव के तौर पर आज प्रदेश की नई खेल नीति को भी मंजूरी दी। खेल नीति में पदक विजेताओं, प्रशिक्षकों और खेल पत्रकारों के लिए पुरस्कार का प्रावधान किया गया।

Corona update : उत्तराखण्ड में कोरोना के पाज़िटिव केस 56070, जाने कोरोना हेल्थ बुलेटिन जिलेवार ।।web news।।


आज का कोरोना बुलेटिन

आज 429 नए कोरोना मरीज सामने आने के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 56070 पहुंची गयी है। स्वस्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए अभी अभी के हेल्थ बुलेटिन में इसकी जानकारी दी गई है। 

◆आज 428 नये कोरोना के केस आये
◆157 कोरोना केस के साथ देहरादून में सबसे ज्यादा कोरोना केस आये आज।
◆कोरोना संक्रमितों की संख्या 56070 में से 48798 ठीक हो चुके है अब 6145 सक्रिय केस है ।
◆उत्तराखंड में लगातार कोरोना का कहर जारी है ,

जिल्लेवार कोरोना पॉजिटिव केस, आज की रिपोर्ट 

अल्मोड़ा में कोरोना पॉजिटिव केस-17
बागेश्वर में कोरोना पॉजिटिव केस-09
चमोली में कोरोना पॉजिटिव केस- 12
चंपावत में कोरोना पॉजिटिव केस-00
देहरादून में कोरोना पॉजिटिव केस- 157
हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिव केस-55
नैनीताल में कोरोना पॉजिटिव केस-42
पौड़ी में कोरोना पॉजिटिव केस-22
पिथौरागढ़ में कोरोना पॉजिटिव केस -24
रुद्रप्रयाग में कोरोना पॉजिटिव केस-12
टिहरी में कोरोना पॉजिटिव केस-03
उधमसिंह नगर में कोरोना पॉजिटिव केस- 40
उत्तरकाशी में कोरोना पॉजिटिव केस-14

मंगलवार, 13 अक्टूबर 2020

Corona update : उत्तराखण्ड में कोरोना के पाज़िटिव केस 55641, जाने कोरोना हेल्थ बुलेटिन जिलेवार ।।web news।।


Webnews

आज का कोरोना बुलेटिन


आज 294 नए कोरोना मरीज सामने आने के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 55641 पहुंची गयी है। स्वस्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए अभी अभी के हेल्थ बुलेटिन में इसकी जानकारी दी गई है। 

◆आज 294 नये कोरोना के केस आये
◆71 कोरोना केस के साथ देहरादून में सबसे ज्यादा कोरोना केस आये आज।
◆कोरोना संक्रमितों की संख्या 55631 में से 47971 ठीक हो चुके है अब 6576 सक्रिय केस है ।
◆उत्तराखंड में लगातार कोरोना का कहर जारी है ,

जिल्लेवार कोरोना पॉजिटिव केस, आज की रिपोर्ट

अल्मोड़ा में कोरोना पॉजिटिव केस-12
बागेश्वर में कोरोना पॉजिटिव केस-09
चमोली में कोरोना पॉजिटिव केस- 21
चंपावत में कोरोना पॉजिटिव केस-04
देहरादून में कोरोना पॉजिटिव केस- 71
हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिव केस-22
नैनीताल में कोरोना पॉजिटिव केस-17
पौड़ी में कोरोना पॉजिटिव केस-26
पिथौरागढ़ में कोरोना पॉजिटिव केस -14
रुद्रप्रयाग में कोरोना पॉजिटिव केस-03
टिहरी में कोरोना पॉजिटिव केस-21
उधमसिंह नगर में कोरोना पॉजिटिव केस- 38
उत्तरकाशी में कोरोना पॉजिटिव केस-35

सोमवार, 12 अक्टूबर 2020

पुलों का जाल : मोदी सरकार बिछा रही है पुलों का जाल , आज 44 पुल किए राष्ट्र को समर्पित- web news


सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बनाए गए 44 पुलों को राष्ट्र को समर्पित किया 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से 7 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बनाए गए 44 पुलों को राष्ट्र को समर्पित किया। रक्षा मंत्री ने अरूणाचल प्रदेश के तवांग मार्ग में नेचीफु सुरंग की आधारशिला भी रखी। राष्ट्र को समर्पित किए गए पुलों में उत्तराखण्ड में 08, अरूणाचल प्रदेश में 08, हिमाचल प्रदेश में 02, जम्मू कश्मीर में 10, लद्दाख में 08, पंजाब में 04 और सिक्किम में 04 पुल शामिल हैं। इन 44 पुलों का कुल स्पान 3506 मीटर है। उत्तराखण्ड के 08 पुलों का कुल स्पान 390 मीटर है। 



रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एक साथ इतने पुलों का उद्घाटन और सुरंग की आधारशिला रखना बहुत बड़ा रिकार्ड है। इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टीवीटी और विकास का नया युग प्रारम्भ होगा। देश में कोविड-19 में सभी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। पाकिस्तान व चीन के साथ हमारी बड़ी सीमा मिलती है, जहां तनाव बना रहता है। हम प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इन सभी समस्याओं का सफलतापूर्वक सामना कर रहे हैं। हाल ही में अटल टनल का उद्घाटन किया गया था। सीमावर्ती क्षेत्रों में रक्षा के साथ ही विकास में बीआरओ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इन पुलों के बनने से स्थानीय आकांक्षाओं की पूर्ति होगी और सेना तक आवश्यक सामग्री पहुंचानें में मदद मिलेगी। सामरिक आवश्यकताओं को पूरा करने में इनकी बड़ी उपयोगिता है। इससे दूरदराज के क्षेत्र, विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे। केंद्रीय मंत्री ने बीआरओ की सराहना करते हुए कहा कि पिछले 4-5 वर्षों में बीआरओ के बजट को लगभग तीन गुना किया गया है। हमें इसके परिणाम भी देखने को मिले हैं। 



उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में 44 पुलों के निर्माण के लिए रक्षा मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए बीआरओ के अधिकारियों, इंजीनियरों और सभी कार्मिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन सभी पुलों का सामरिक दृष्टि से तो महत्व है ही, स्थानीय लोगों को भी इसका बहुत लाभ मिलेगा। उत्तराखण्ड में बनाए गए पुलों से कैलाश मानसरोवर यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भी सुविधा होगी। इसका क्षेत्र की आर्थिकी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पिथौरागढ़ में पुलों की लम्बे समय से मांग थी और सपना जैसा लगता था। आज क्षेत्रवासियों का ये सपना साकार हुआ है। ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में कम समय में पुलों का उच्च गुणवत्ता के साथ निर्माण पूरा करना सरकार की प्रतिबद्धता और बीआरओ की कुशलता को बताता है।

Corona update : उत्तराखण्ड में कोरोना के पाज़िटिव केस 55 हजार पर , जाने कोरोना हेल्थ बुलेटिन जिलेवार ।।web news।।



आज का कोरोना बुलेटिन

आज 296 नए कोरोना मरीज सामने आने के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 55347 पहुंची गयी है। स्वस्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए अभी अभी के हेल्थ बुलेटिन में इसकी जानकारी दी गई है। 

◆आज 296 नये कोरोना के केस आये
◆108 कोरोना केस के साथ देहरादून में सबसे ज्यादा कोरोना केस आये आज।
◆कोरोना संक्रमितों की संख्या 55347 में से 47306 ठीक हो चुके है अब 6976 सक्रिय केस है ।
◆उत्तराखंड में लगातार कोरोना का कहर जारी है ,

जिल्लेवार कोरोना पॉजिटिव केस, आज की रिपोर्ट

अल्मोड़ा में कोरोना पॉजिटिव केस-19
बागेश्वर में कोरोना पॉजिटिव केस-04
चमोली में कोरोना पॉजिटिव केस- 09
चंपावत में कोरोना पॉजिटिव केस-31
देहरादून में कोरोना पॉजिटिव केस- 108
हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिव केस-26
नैनीताल में कोरोना पॉजिटिव केस-31
पौड़ी में कोरोना पॉजिटिव केस-12
पिथौरागढ़ में कोरोना पॉजिटिव केस -10
रुद्रप्रयाग में कोरोना पॉजिटिव केस-06
टिहरी में कोरोना पॉजिटिव केस-01
उधमसिंह नगर में कोरोना पॉजिटिव केस- 16
उत्तरकाशी में कोरोना पॉजिटिव केस-23



शनिवार, 3 अक्टूबर 2020

NAPSR का ज्ञापन जब तक वैक्सीन नही स्कूल न खोलो सरकार ।।web news।।



उत्तराखण्ड सरकार 15 अक्टूबर से स्कूल खोलने की कर रही है तैयारी, NAPSR ने ज्ञापन देकर जब तक वैक्सीन नही स्कूल बंद रखने का किया अनुरोध


देहरादून:आज नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने 15 अक्टूबर से स्कूल खोले जाने के फैसले और निजी स्कूलों की ओर से रखी गयी शर्तों के विरोध मे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर स्कूल खोले जाने को लेकर आपत्ति जताई है ज्ञापन मे कहा गया है कि उत्तराखंड मे न दोहराएं यूरोप की घटना ज्ञापन मे यह भी कहा गया है कि जिस प्रकार से केंद्र सरकार ने लॉक डाउन 05 के चलते स्कूलों को खोले जाने का निर्णय राज्य सरकारों पर छोड़ा है और उत्तराखंड सरकार ने अभिभावकों व स्कूल संचालकों की सहमति से स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है वह सरकार की ओर से लिया गया एक सरहानीय कदम है । किन्तु निजी स्कूल संचालकों ने अभिभवाकों और सरकार के सामने स्कूल खोलने को लेकर अपनी 05 शर्तें रखी हैं उनसे अभिभावक सकते मे है और कोरोना के प्रकोप को देखते हुए अपने बच्चों को स्कूल न भेजने का निर्णय कर चुके हैं । क्योंकि स्कूल संचालकों ने अभिभावकों से यह लिखित पत्र मांग कर कि यदि स्कूल खुलने पर किसी बच्चे को कुछ हो गया तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी अभिभावक की होगी स्कूल प्रबंधक, प्रिंसिपल,टीचर्स व स्टाफ पर किसी प्रकार का मुकदमा दर्ज नही होगा यह दर्शाता है कि स्कूल हमारे बच्चों की सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार से कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नही है जिसके कारण हम अभिभावक अपने बच्चे स्कूल भेजकर उनकी जान और भविष्य से खिलवाड़ नही कर सकते । NAPSR ने ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया जब तक कोरोना का प्रकोप कम नही हो जाता ,इसकी वैक्सीन नही आ जाती या स्कूल संचालक और सरकार बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी नही लेते तब तक स्कूलों को खोलने का निर्णय न लिया जाए जो उत्तराखंड के अभिभावकों एवम बच्चों के हित में होगा ।





मंगलवार, 29 सितंबर 2020

Namami Gange : प्रधानमंत्री ने नामामि गंगे के अंतर्गत 6 परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया, ।।web news।।


प्रधानमंत्री ने "जल जीवन मिशन" में 1 रूपए में कनेक्शन के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की सराहना की।

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखण्ड में ₹521 करोड़ की परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं के शुरू होने से उत्तराखण्ड से अब प्रतिदिन 15.2 करोड़ लीटर दूषित पानी गंगा नदी में नहीं बहेगा। लोकार्पित किए गए प्रोजेक्ट में जगजीतपुर हरिद्वार में 230 करोड़ रूपये की लागत से बना 68 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, 20 करोड़ की लागत से बना 27 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी, सराय हरिद्वार में 13 करोड़ की लागत से बना 18 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी, चंडी घाट हरिद्वार में गंगा के संरक्षण और जैव विविधता को प्रदर्शित करता ‘गंगा संग्रहालय’, लक्कड़ घाट, ऋषिकेश में 158 करोड़ की लागत से बना 26 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, चंदे्रश्वर नगर-मुनि की रेती में 41 करोड़ की लागत से बना 7.5 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, चोरपानी, मुनि की रेती में 39 करोड़ की लागत से बना 5 एमएलडी क्षमता का एसटीपी और बद्रीनाथ में 19 करोड़ की लागत से बना 1.01 एमएलडी क्षमता का एसटीपी शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने रोविंग डाउन द गंगेज (rowing down the ganges) व ग्राम पंचायतों और पानी समितियों के लिए बनाइ्र गई मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया। उन्होंने जल जीवन मिशन के लोगो (प्रतीक चिह्न) का भी अनावरण किया।

नई सोच व नई एप्रोच से नमामि गंगे में मिली सफलता।

प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्डवासियों को बधाई देते हुए कहा कि मां गंगा हमारे सांस्कृतिक वैभव और आस्था से तो जुड़ी ही है, साथ ही लगभग आधी आबादी को आर्थिक रूप से समृद्ध भी करती है। नमामि गंगे मिशन, नई सोच और नई एप्रोच के साथ शुरू किया गया। यह देश का सबसे बडा नदी संरक्षण अभियान है। इसमें समन्वित रूप से काम किए गए। गंगा जी में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए एसटीपी का निर्माण किया गया या किया जा रहा है, अगले 15 वर्षों की आवश्यकता के अनुसार एसटीपी कीे क्षमता रखी गई, गंगा के किनारे लगभग 100 शहरों और 5 हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया गया है और गंगा की सहायक नदियों को भी प्रदूषण से मुक्त रखने का काम किया जा रहा है।

उत्तराखण्ड में 6 साल में सीवरेज ट्रीटमेंट क्षमता चार गुना हुई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में नमामि गंगे के अंतर्गत लगभग सभी प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं। राज्य में 6 साल में सीवेज ट्रीटमेंट की क्षमता को 4 गुना कर दिया गया है। लगभग सभी नालों को टैप कर दिया गया है। इनमें चंदे्रश्वर नाला भी शामिल है। यहां देश का पहला 4 मंजिला एसटीपी शुरू हो चुका है। अगले वर्ष हरिद्वार कुम्भ मेले में श्रद्धालु गंगा की निर्मलता का अनुभव लेंगे। सैकड़ों घाटों का सौंदर्यीकरण किया गया है। साथ ही रिवर फ्रंट भी बनकर तैयार है। गंगा म्यूजियम से हरिद्वार आने वाले लोग गंगा से जुड़ी विरासत को समझ पाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा के निकटवर्ती पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर फोकस किया जा रहा है। यहां जैविक खेती और औषधीय पौधों की खेती की योजना है। आर्गेनिक फार्मिंग काॅरिडोर विकसित किया जा रहा है। मिशन डाॅल्फिन से डाॅल्फिन संवर्धन में मदद मिलेगी।

जल जीवन मिशन में उत्तराखण्ड सरकार एक कदम आगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी की महत्ता को माता-बहनों से अधिक कौन समझ सकता है। हमने जल से जुड़े मंत्रालयों को एक कर जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया। जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल से जल का लक्ष्य लिया गया है। मा० मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार एक कदम और आगे बढ़ी है। उन्होंने केवल ₹1 में पानी का कनेक्शन देने का बीड़ा उठाया है। वर्ष 2022 तक हर घर नल से जल देने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तराखण्ड में कोरोना काल में भी पिछले 4-5 माह में 50 हजार परिवारों को पानी का कनेक्शन दिया गया है जो कि उत्तराखण्ड सरकार के संकल्प को दर्शाता है।

सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल के लिए 2 अक्टूबर से अभियान।

जल जीवन मिशन ने गांवों में पानी की समस्या से मुक्त करने का अवसर दिया है। 2 अक्टूबर से जल जीवन मिशन के तहत अभियान चलाकर 100 दिनों में सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल सुनिश्चित किया जाएगा। वर्ष 2014 के बाद देश हित में बहुत से बड़े काम किए गए। इनमें कृषि विधेयक, डिजीटल इण्डिया, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन शामिल हैं। वन रैंक वन पेंशन से उत्तराखण्ड के एक लाख से अधिक पूर्व सैनिक लाभान्वित हुए हैं। सर्जिकल स्ट्राइक से आतंकवाद को चोट पहुंचाई गई। राफेल से वायुसेना की ताकत काफी बढ़ी है। सरदार पटेल की मूर्ति राष्ट्रीय एकता और अखण्डता की प्रतीक है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से सारी दुनिया योग के महत्व से परिचित हुई। अयोध्या में रामजन्म भूमि मंदिर का भूमि पूजन किया गया। देश को ताकतवार बनाने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया गया है।

गंगा किनारे जैविक खेती और औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहन।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के चिन्हित 16 नगरों हेतु स्वीकृत 19 योजनाओं में से 15 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। शेष कुम्भ से पहले पूरी हो जाएंगी। प्राथमिकता के इन नगरों में चिन्हित किए गए 135 नालों में से 128 टैप किए गए हैं शेष को कुम्भ से पहले टैप कर लिया जाएगा। गंगा किनारे उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न स्थानों पर 21 स्नान घाटों जिसमें भव्य चंडी घाट भी शामिल है और 23 मोक्षधामों का निर्माण किया गया है। गंगा नदी के कैचमेंट एरिया में जो कार्य कराए गए हैं, उनका लाभ आने वाले समय में अवश्य मिलेगा। गंगा के दोनों किनारों पर 5 से 7 किलोमीटर के क्षेत्र में जैविक खेती को विकसित करते हुए स्थाई कृषि प्रथाओं को भी नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत प्रोत्साहन दिया जा रहा है। नमामि गंगे कार्यक्रम में निर्मित एसटीपी से निकलने वाले शोधित जल को भी कृषकों को सिंचाई हेतु उपलब्ध कराया जा रहा है। गंगा जी की निर्मलता और अविरलता के लिए प्रधानमंत्री जी के भगीरथ प्रयासों के परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। यहां तक की गंगा मे डाल्फिन और महाशिर मछलियां भी पुनः दिखने लगी हैं। गंगा के किनारे आर्गेनिक खेती व औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

हरिद्वार कुम्भ में गंगा का जल आचमन योग्य।

मा० केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि जल संचय व जल संरक्षण को लेकर जनचेतना का संचार हुआ है। यह आंदोलन जन जन का विषय बनने लगा है। वर्ष 2014 से नमामि गंगे एक मिशन मोड में काम कर रहा है। इसके लिए पर्याप्त बजट की व्यवस्था की गई। समन्वित एप्रोच पर काम किया गया। गंगा प्रवाह क्षेत्र में 315 परियोजनाएं अभी तक इसमें ली गई हैं। कुल 28854 करोड़ की स्वीकृति दी जा चुकी है। इनमें से 9 हजार करोड़ की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इनके स्पष्ट परिणाम भी दिखाई देने लगे हैं। हाईब्रिड एन्यूटी प्रणाली अपनाई गई है। गंगा प्रहरी और अनेक संगठनों के माध्यम से नमामि गंगे को जन अभियान बनाया गया है। गंगा की शुचिता के साथ ही अविरलता पर भी ध्यान दिया गया है। इसके लिए ई-फ्लो अधिसूचना जारी की गई। अगले वर्ष हरिद्वार में कुम्भ मेले के समय गंगा जल आचमन योग्य होगा। रिसाईकिल पानी को रियूज करने का भी प्रयास किया जा रहा है। गंगा की सहायक नदियों पर भी प्रभावी काम कर रहे हैं।

रविवार, 27 सितंबर 2020

Corona update : उत्तराखण्ड में कोरोना के पाज़िटिव केस 47 हजार पर , जाने कोरोना हेल्थ बुलेटिन जिलेवार ।।web news।।


आज का कोरोना बुलेटिन

आज 764 नए कोरोना मरीज सामने आने के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 47045 पहुंची गयी है। स्वस्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए अभी अभी के हेल्थ बुलेटिन में इसकी जानकारी दी गई है। 

◆आज 764 नये कोरोना के केस आये
◆241 कोरोना केस के साथ देहरादून में सबसे ज्यादा कोरोना केस आये आज।
◆कोरोना संक्रमितों की संख्या 47045 में से 35462 ठीक हो चुके है अब 10799 सक्रिय केस है ।
◆उत्तराखंड में लगातार कोरोना का कहर जारी है ,

जिल्लेवार कोरोना पॉजिटिव केस आज की रिपोर्ट

अल्मोड़ा में कोरोना पॉजिटिव केस-9
बागेश्वर में कोरोना पॉजिटिव केस-08
चमोली में कोरोना पॉजिटिव केस- 25
चंपावत में कोरोना पॉजिटिव केस-25
देहरादून में कोरोना पॉजिटिव केस- 241
हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिव केस-139
नैनीताल में कोरोना पॉजिटिव केस-50
पौड़ी में कोरोना पॉजिटिव केस-90
पिथौरागढ़ में कोरोना पॉजिटिव केस -11
रुद्रप्रयाग में कोरोना पॉजिटिव केस-16
टिहरी में कोरोना पॉजिटिव केस-25
उधमसिंह नगर में कोरोना पॉजिटिव केस- 89
उत्तरकाशी में कोरोना पॉजिटिव केस-36

IMA News : आईएमए के पास जाम से मुक्ति के लिए अंडर पास का 28 को होगा शिलान्यास, ।।web news।।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 28 सितम्बर को आईएमए में बनने वाली दो टनल का वर्चुअल शिलान्यास करेंगे ।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 28 सितम्बर को दोपहर 3:30 बजे आईएमए देहरादून में बनने वाली दो टनल का वर्चुअल शिलान्यास करेंगे।
आईएमए द्वारा मीडिया को बताया गया कि परियोजना पर 45 करोड़ रुपये की लागत आएगी और यह दो साल में पूरी हो जाएगी। बहुप्रतीक्षित परियोजना से अकादमी का उत्तरी, दक्षिण और मध्य परिसर आपस में जुड़ जाऐंगे । बीच से राष्ट्रीय राजमार्ग-72 गुजरने के कारण परिसर के एक भाग से दूसरे भाग में जाने में असुविधा होती है । अंडरपास से व्यस्त राजमार्ग पर यातायात में भी सुगमता होगी और आईएमए के कैडेट और कर्मियों की भी सुरक्षा होगी।
ई-उद्घाटन में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, पीवीएसएम, यूआईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम, वीएसएम, एडीसी और सेनाध्यक्ष, जनरल एमएम नरवाने, पीवीएसएम, एवीएसएम द्वारा नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्धघाटन समारोह में प्रतिभाग करेंगे ।


आईएमए में दो सुरंगों के निर्माण के लिए केन्द्र सरकार से ₹45 करोड़ की स्वीकृति मिल चुकी है। परेड के दौरान आईएमए में सुरक्षा की दृष्टि से माननीय रक्षा मंत्री जी से दो सुरंगों के लिए अनुरोध किया गया था, जिस पर उन्होंने शीघ्र ही अपनी सहमति दी। इसके लिए मैं माननीय रक्षा मंत्री जी का आभार व्यक्त करता हूं- त्रिवेंद्र सिंह रावत , मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्य सचिव, उत्तराखंड ओम प्रकाश, कमांडेंट आईएमए, लेफ्टिनेंट जनरल जयवीर सिंह नेगी, पीवीएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, वीएसएम और जीओसी उत्तराखंड सब एरिया, मेजर जनरल आरएस ठाकुर आधारशिला रखने के लिए निर्माण स्थल पर मौजूद रहेंगे।

शनिवार, 26 सितंबर 2020

किसानों को आत्मनिर्भर बना रही है माटी संस्था की “उर्वरा योजना” , ।।web news।।


माटी संस्था किसानो को उर्वरा योजना के तहत बना रही हैआत्मनिर्भर।

देश में किसानों की एक अलग ही भूमिका वर्षों से रही है। हमारे किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। जब कोरोना संकट काल में देश की आर्थिक गतिविधियाँ पूरी तरह से थम सी गयी थी, उस समय केवल हमारे किसान ही थे जिन्होने देश की अर्थव्यवस्था को संभाला। इस विकट स्थिति में भी अगर देश के लोगों तक खाद्य-सामग्री व अनाजों सुचारु रूप से पहुँच रही थी तो उसके पीछे हमारे किसानो के अपने कृषि के प्रति कठिन मेहनत व लगन थी। कोरोना संकट में यह देश को दिखा दिया कि दुनिया के इस संघर्षमय समय में आज कृषि आजीविका का एक महत्वपूर्ण साधन बन कर उभरा है। कृषि क्षेत्र की इसी महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री ने कोरोनाकाल के मध्य में अर्थव्यवस्था को पुनः खड़ा करने के लिए देश को आत्मनिर्भर बनने का एक नई राह का संदेश दिया। देश में कृषि की अहम भूमिका व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से प्रेरणा लेते हुए माटी संस्था, देहारादून की ओर से पिछले कुछ माह पूर्व एक योजना “उर्वरा” की शुरुवात की गयी थी। इस योजना के अंतर्गत संस्था के वैज्ञानिको व् संस्था से जुड़े विशेषज्ञों के द्वारा किसानो को आधुनिक, पारंपरिक एवं जैविक खेती के लिए तकनीकी प्रशिक्षण व सहायता प्रदान किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य देश के किसानों को जैविक कृषि के प्रति प्रोत्साहित करना जिससे वे इसे स्वरोज़गार के रूप में अपना कर आत्मनिर्भर बन सके। साथ ही किसानो को कृषि संबन्धित प्रबंधन, भंडारण व बाजार जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाना भी इस योजना का एक उद्देश्य है।

माटी संस्था अपने उर्वरा योजना के तहत उत्तरप्रदेश के बिजनौर जिला के किसानों को केसर जैसे गैर-पारंपरिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा था। केसर (saffron) एक सुगंध देने वाला व विश्व का सबसे कीमती पौधा है। इसके पुष्प की वर्तिकाग्र (stigma) को केसर, कुंकुम, जाफरान अथवा सैफ्रन (saffron) कहते हैं। केसर न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद होता है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी गुणकारी होता है।

किसानों के द्वारा उगाए केसर को बेचने के लिए वे व्यापारियों से संपर्क कर रहे हैं। साथ उन्होंने बताया की केसर की यह खेती मात्र जैविक खेती व परंपरागत खेती मात्र नहीं है, बल्कि यह स्मार्ट परंपारगत खेती भी है जिसके माध्यम से गुणवत्ता और उत्पादन मात्रा दोनों बनाए रखा जा सकता है। माटी संस्था की यह "उर्वरा कृषि योजना" उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश के साथ अन्य राज्यों के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु समय-समय पर अन्य फसलों के साथ भी प्रयोग करने की है जिससे किसान आत्मनिर्भर बन कर व देश की उन्नति में सहयोग दे सकते हैं- डॉ० वेद प्रकाश ,माटी संस्था के संस्थापक व वैज्ञानिक
माटी संस्था के विशेषज्ञों के द्वारा सेहत के लिए गुणकारी एवं किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित होने वाली केसर की खेती करने के लिए एक प्रयोग किया। इसके लिए संस्था के द्वारा पूर्व कुछ माह से लगातार किसानो को केसर के खेती हेतु आवश्यक आर्थिक व तकनीकी सहायता प्रदान किया जा रहा था साथ ही किसानो को केसर की खेती हेतु समय - समय प्रशिक्षण मुहैया कारवाई गई। संस्था के इस मार्गदर्शन व सहयोग से बिजनौर के किसान श्री धरम पाल सिंह जी ने बेशकीमती फसल केसर की खेती सफलतापूर्वक कर सभी को आश्चर्य में डाल दिया। केसर उत्पादन करने वाले श्री धरम पाल सिंह ने बताया की इस वर्ष उन्होंने केसर की खेती छोटे स्तर पर प्रयोग हेतु किया जिसके अंतर्गत लगभग 5 किलो केसर उत्पादित किया। उन्होने बताया कि मेरी इस सफलता को देख कर गाँव व क्षेत्र के अन्य किसान भी इस दिशा में आगे आ रहे हैं। उन्होने कहा कि इस प्रयास व सफलता के पीछे माटी संस्था देहारादून के संस्थाप व वैज्ञानिक डॉ॰ वेद प्रकाश तथा सह-संस्थापक व वैज्ञानिक डॉ० अंकिता राजपूत के सयुंक्त प्रयास व मेहनत रहा है।

किसानो के केसर गैर-पारंपरिक खेती के सफल उत्पादन पर माटी संस्था के सह-संस्थापक व वैज्ञानिक डॉ० अंकिता राजपूत ने बताया कि केसर की खेती का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके बीज, केसर तो महंगे बिकते ही हैं, साथ में फसल के अवशेष भी हवन सामग्री में इस्तेमाल किए जाते हैं। डॉ० अंकिता ने बताया की संस्था के द्वारा तैयार केसर की गुणवता की जाँच प्रतिष्ठित लैबों मेँ करवाया गया, जिसमें इसकी गुणवता उच्च कोटी पाई गयी। उन्होने बताया की बाजार में केसर का थोक रेट फिलहाल साठ हजार से डेढ़ लाख प्रति किलोग्राम बताया जा रहा है।