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शनिवार, 11 जुलाई 2020

Rain water harvesting : पहाड़ों में हैस्को की बरसात के पानी की बूंद बूंद बचाने का अभियान।। web news ।।


पहाड़ों में हैस्को की बरसात के पानी की बूंद बूंद बचाने का अभियान

उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न जनपदों के साथ साथ देश के अन्य राज्यों में डॉ अनिल प्रकाश जोशी द्वारा संचालित हैस्को संस्था की बसासत के पानी की बूंद बूंद बचाने के अभियान की वेब न्यूज़ की एक्सक्लूजिव रिपोर्ट

बरसात का पानी पहाड़ और पहाड़ियों के काम लाने की सफल अभियान

उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न जनपदों के साथ साथ देहरादून जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र नाग थात के गांवों में पानी की समस्या को देखते हुए हैस्को संस्था ने जरूरत मंद परिवारों को 750 ली कि टंकी उपलब्ध कराई जिससे पानी वर्षा जल एकत्र कर घर के कामों में प्रयोग किया जा सके ।
इस बरसात पानी की एक एक बूंद इकठ्ठा करने के लिए तैयार रहें, पानी बनाना नही बचाया जा सकता है - डॉ किरन नेगी, सीनियर साइंटिस्ट , हैस्को

जल संरक्षण के संदेश के साथ आत्म निर्भर भारत की ओर,

वर्षा जल को संरक्षित कर एक ओर डॉ अनिल प्रकाश जोशी जी द्वारा संचालित हैस्को संस्था पर्यवरण के प्रति लोगों की समझ बढ़ाने का काम कर रही है वहीं संस्था के तकनीक विशेषज्ञओं द्वारा गावँ के स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार के साधन गांव में ही उपलब्ध करा कर आत्मनिर्भर भारत अभियान से जोड़ने का कार्य भी कर रहे हैं ।


पानी की समस्या हमेशा बन रहती है गांव के पंचायती नल से पानी भर के लाना पड़ता है , संस्था द्वारा दी गयी टंकी में बारिश का पानी भरने से बर्तन धोने , कपडे धोने आदि घर के कामों के लिये पानी लाने की आवश्यकता नही पड़ेगी - गांव की महिला लाभार्थी

पर्यावरणविद् , हैस्को के संस्थापक डॉ अनिल प्रकाश जोशी की बहुचर्चित वीडियो सीरीज "Arth" देखने के लिए क्लिक करें




डॉ अनिल प्रकाश जोशी से और जानिये पृथ्वी की उत्पत्ति के गूढ़ विज्ञान को....यू ट्यूब चैनल से जुड़ने के लिए क्लिक करें

Dr. Anil Prakash Joshi Hesco

पर्यावरण सरंक्षण से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी के के लिए हैस्को के फ़ेसबुक पेज से जुड़ने के क्लिक करें

Hesco Dehradun


ग्रामीण क्षेत्र में वर्षा जल संचय करने के मुख्य तरीके

◆छत प्रणाली

इस तरीके में आप छत पर गिरने वाले बारिश के पानी को संजय करके रख सकते हैं। ऐसे में ऊंचाई पर खुले टंकियों का उपयोग किया जाता है जिनमें वर्षा के पानी को संग्रहित करके नलों के माध्यम से घरों तक पहुंचाया जाता है। यह पानी स्वच्छ होता है जो थोड़ा बहुत ब्लीचिंग पाउडर मिलाने के बाद पूर्ण तरीके से उपयोग में लाया जा सकता है।

◆भूमिगत टैंक

यह भी एक अच्छा तरीका है जिसके माध्यम से हम भूमि के अंदर पानी को संरक्षित रख सकते हैं। इस प्रक्रिया में वर्षा जल को एक भूमिगत गड्ढे में जमा किया जाता है जिससे भूमिगत जल की मात्रा बढ़ जाती है।

◆ सतह जल संग्रह सिस्टम

सतह जल वह पानी होता है जो वर्षा के बाद ज़मीन पर गिर कर धरती के निचले भागों में बहकर जाने लगता है। नालियों में जाने से पहले सतह जल को रोकने के तरीके को सतह जल संग्रह कहा जाता है। ड्रेनेज पाइप के माध्यम से वर्षा जल को कुआं, नदी, तालाबों में जमा करके रखा जाता है जो बाद में पानी की कमी को दूर करता है।

◆ वाटर रिचार्ज सिस्टम

इस सिस्टम अंतर्गत गेबियन स्ट्रेचर , ट्रेंचस, वाटर पौंड, बृक्षारोपण कर वर्षा जल से जलस्रोतों का जल स्तर बढ़ाया एवं पुनर्जीवित किया जा सकता है , हैस्को संस्था विगत कई वर्षों से इस प्रणाली पर शोधपूर्ण कार्य कर रही है जिसकी जानकारी दूसरे आलेख में विस्तारपूर्वक दी जाएगी ।



वर्षा जल संचयन के

◆घरेलू काम के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी बचा सकते हैं और इस पानी को कपड़े साफ करने के लिए खाना , बर्तन एवं घर साफ करने के लिए, नहाने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
◆वर्षा जल संचयन या रेन वाटर हारवेस्टिंग से ज्यादा से ज्यादा पानी को अलग-अलग जगहों में इकट्ठा किया जाता है ज। अलग-अलग जगहों में पानी का संचयन करने के कारण जमीन पर बहने वाले जल की मात्रा में कमी आती है जिससे प्राकृतिक आपदा को रोकने में मदद मिलती है।
◆ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक पानी को इस्तेमाल करने से स्वच्छ पीने लायक पानी को हम ज्यादा से ज्यादा बचा सकते हैं। वर्षा पानी को शौचालय के लिए, नहाने के लिए और बर्तन धोने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
◆वर्षा जल संचयन से क्यारियों घर के आस पास के किचन गार्डन, बैकयार्ड गार्डन में पानी से सिंचाई की जा सकती है ।
◆ वर्षा जल संचयन से जलस्रोतों का पानी बढ़ाया जा सकता है , जिससे गर्मियों में पानी की कमी को पूरा किया जा सकता है।


Since park : गोपेश्वर, चमोली में बना जिलाधिकारी की पहल पर बना साइंस पार्क ।।web news।।


उत्तराखण्ड के चमोली जिले में बना पहल साइंस पार्क

चमोली जिले के कोठियालसैंण मे सांइस पार्क बनाया गया है। साइंस पार्क में आने वाले बच्चे और अन्य लोग विज्ञान को आसानी से और व्यावहारिक रूप में जान सकेंगे। पार्क में उन बातों को आकृतियों से समझाया गया है, जिनको बच्चे किताबों से पढ़कर नहीं समझ सकते हैं। विद्यालयी शिक्षा, प्रौढ शिक्षा, खेल, युवा कल्याण एवं पंचायती राज मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कोठियासैंण में साइंस पार्क का विधिवत् उद्घाटन किया। 
सांइस पार्क में विज्ञान के सिद्धातों को व्यवहारिक तौर पर समझाने वाले उपकरणों से बच्चों को काफी मदद मिलेगी। पार्क में सिद्धातों के साथ प्रैक्टिकल कर इनको आसानी से भी समझ सकेंगे। इससे उनमें तार्किक सोच विकसित होगी- अरविंद पांडे, शिक्षा मंत्री 

साइंस पार्क जिलाधिकारी की विशेष पहल पर बनाया गया

जिलाधिकारी, चमोली स्वाति एस भदौरिया की खास पहल पर प्रदेश के इस दूरस्थ जनपद के स्कूली बच्चों एवं विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए कोठियालसैंण, गोपेश्वर में साइंस पार्क का विधिवत शुभांरभ हो गया है।
सांइस पार्क में बिरला साइंस म्यूजियम हैदराबाद से विज्ञान के सिद्वांतों को समझाने के लिए 31 साइंस उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई गई है। जिसमें ग्रेविटी क्रिएशन, ऊर्जा, लाईट, इलूजन, रिफलेक्शन, पेंडुलम, न्यूटन लाॅ-एक्शन और रिऐक्शन, आर्कमिडीज, पाइथागोरस सिद्धांत, ब्लैक होल, स्ट्रेंज मिरर, जाइलोफोन जैसे सिद्धातों को भी स्कूली बच्चे आसानी से सीख सकेंगे-स्वाति एस भदौरिया, जिलाधिकारी, चमोली

क्या विशेष है साइंस पार्क में

सांइस पार्क में विज्ञान के सिद्वांतों को समझाने के लिए 31 साइंस उपकरणों की आकर्षक प्रदर्शनी लगाई गई है। जिसमें ग्रेविटी क्रिएशन, ऊर्जा, लाईट, इलूजन, रिफलेक्शन, पेंडुलम, न्यूटन लाॅ-एक्शन व रिऐक्शन, आर्कमिडीज प्रिंसिपल, पाइथागोरस, ब्लैक होल, स्ट्रेंज मिरर, जाइलोफोन आदि सांइस के सिद्वातों को व्यवहारिक तौर पर समझाने वाले उपकरण शामिल है। स्कूल खुलने पर विद्यार्थियों को साइंस पार्क का शैक्षिक भ्रमण कराया जाएगा।


गुरुवार, 9 जुलाई 2020

Corona update : उत्तराखंड में कोरोना वायरस के अब तक आये 3305 मामले, जाने आपके जिले में कितने अभी तक कितने केस आए ।।web news।।


आज 47 नये कोरोना के केस आये

785 कोरोना केस के साथ देहरादून सबसे ज्यादा कोरोना केस वाला जिला ।

उत्तराखंड में लगातार कोरोना का कहर जारी है , आज 47 नए कोरोना मरीज सामने आने के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3305 पहुंची गयी है। स्वस्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए अभी अभी के हेल्थ बुलेटिन में इसकी जानकारी दी गई है।

जिल्लेवार कोरोना पॉजिटिव केस की रिपोर्ट

अल्मोड़ा में कोरोना पॉजिटिव केस-198
बागेश्वर में कोरोना पॉजिटिव केस-93
चमोली में कोरोना पॉजिटिव केस- 76
चंपावत में कोरोना पॉजिटिव केस-63
देहरादून में कोरोना पॉजिटिव केस- 805
हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिव केस-337
नैनीताल में कोरोना पॉजिटिव केस-560
पौड़ी में कोरोना पॉजिटिव केस-159
पिथौरागढ़ में कोरोना पॉजिटिव केस - 70
रुद्रप्रयाग में कोरोना पॉजिटिव केस-66
टिहरी में कोरोना पॉजिटिव केस-426
उधमसिंह नगर में कोरोना पॉजिटिव केस- 361 
उत्तरकाशी में कोरोना पॉजिटिव केस-91

बुधवार, 8 जुलाई 2020

Corona update : उत्तराखंड में कोरोना वायरस के अब तक आये 3258 मामले, जाने आपके जिले में कितने अभी तक कितने केस आए ।।web news।।



आज 28 नये कोरोना के केस आये


785 कोरोना केस के साथ देहरादून सबसे ज्यादा कोरोना केस वाला जिला ।

उत्तराखंड में लगातार कोरोना का कहर जारी है , आज 28 नए कोरोना मरीज सामने आने के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3258 पहुंची गयी है। स्वस्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए अभी अभी के हेल्थ बुलेटिन में इसकी जानकारी दी गई है।

जिल्लेवार कोरोना पॉजिटिव केस की रिपोर्ट


अल्मोड़ा में कोरोना पॉजिटिव केस-198
बागेश्वर में कोरोना पॉजिटिव केस-93
चमोली में कोरोना पॉजिटिव केस- 76
चंपावत में कोरोना पॉजिटिव केस-61
देहरादून में कोरोना पॉजिटिव केस- 785
हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिव केस-337
नैनीताल में कोरोना पॉजिटिव केस-548
पौड़ी में कोरोना पॉजिटिव केस-154
पिथौरागढ़ में कोरोना पॉजिटिव केस - 70
रुद्रप्रयाग में कोरोना पॉजिटिव केस-66
टिहरी में कोरोना पॉजिटिव केस-421
उधमसिंह नगर में कोरोना पॉजिटिव केस- 358 
उत्तरकाशी में कोरोना पॉजिटिव केस-91

कैबिनेट के फैसले : कैबिनेट बैठक में 22 प्रस्तावों पर चर्चा की गयी 21 प्रस्तावों पर लगी मुहर ।।web news।।


कैबिनेट बैठक में 22 प्रस्तावों पर चर्चा की गयी 21 प्रस्तावों पर लगी मुहर

कैबिनेट बैठक के महत्वपुर्ण फैसलों पर एक नज़र में 

◆सरस्वती विद्यामंदिर श्रीकोट को पट्टे पर भूमि देने के प्रस्ताव को मंजूरी, 93 लाख 600 रुपये दाम, और स्टाम्प शुल्क 1 लाख 86 हजार 476 रुपया माफ किया ।
◆कैम्पा परियोजना के लिए विभागीय ढांचे को अनुमति , 29 पदों पर बनी सहमति। सीईओ रहेगा प्रतिनियुक्ति पर तैनात।
◆उत्तराखंड राज्य शहरी परिवहन निधि नियमावली 2020 में परिवर्तन ,नियम छः के स्तंभ दो में बढ़ौतरी करते हुए अब सीधा पैसा ट्रेरीरीई में होगा जमा।
◆स्टोन क्रशर, हॉटमिक्स प्लांट, मोबाइल स्टोन क्रशर नियमावली में बदलाव, हरिद्वार जनपद में गंगा नदी से क्रशर की दूरी, 1.5 किलोमीटर, अन्य नदियों से 1 किलोमीटर और बरसाती नदियों से 500 मीटर की दूरी पर लगाये जायेंगे।
◆ग्रामीण क्षेत्रों में 1 रुपये में पेयजल कनेक्शन देने के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी।
◆नर्सेस के 1 हजार पदों पर भर्ती किये जाने का निर्णय।
◆सहकारिता किसान कल्याण योजना में ऋण सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 3 लाख की गयी।
◆उद्योग धंधो में बिचोलियो की व्यवस्था को किया गया समाप्त
◆अब फ़ैक्टरी मालिक विज्ञापन देकर सीधा श्रमिक से कर सकेगा कॉंट्रैक्ट, म्यूचूअल कॉंट्रैक्ट के चलते तीन साल पाँच साल या ज़्यादा का हो सकेगा कॉंट्रैक्ट।
◆उत्तराखंड अवैध खनिज भण्डारण नियमावली में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी, स्टोन क्रशर, स्क्रीनिंग प्लांट का रिनिवल जिला स्तर पर होगी, पहले शासन स्तर पर मंजूरी होती थी । लाइसेंस शुल्क 2005 के बाद अब बढ़ाया गया है । राज्य के बाहर से RBM पूरी तरह प्रतिबंधित होगा। पहले 3000 था लाइसेन्स शुल्क, अब किया गया 25,000
◆मुख्यमंत्री राहत कोष में 15 मार्च से 25 जून तक 154 करोड़ 56 लाख रुपये प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री राहत कोष में हिसाब किताब रखने को वित्त विभाग के अधिकारी की तैनाती
◆श्रम विभाग के अंतर्गत चिकित्सा अधिकारी को भी दिया जाएगा NPA
◆एकीकृत आर्दश कृषि ग्राम योजना को मिली मंजूरी, हर ब्लाक में एक गांव चयनित किया जाएगा। DM की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी , 10 से 15 लाख रुपये गांव की समिति को दिए जाएंगे।
◆उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग नियमावली में संशोधन
◆आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को जोड़ा गया, समूह ‘ग’ की सीधी भर्ती में मिलेगा फ़ायदा ।
◆अर्बन सीलिंग भूमि जनपद देहरादून का प्रस्ताव। भूउपयोग परिवर्तन का था प्रस्ताव लिपिकीय त्रुटि को बदलने का फ़ैसला।सोशल मीडिया के प्रचार प्रासार को लेकर केंद्र के साथ MOU
◆राज्य में होगी सोशल मीडिया कम्यूनिकेशन हब की स्थापना।
◆उत्तराखंड विज्ञापन अनुश्रवण समिति में संशोधन
◆अब राज्य से नामित कोई वरिष्ठ पत्रकार हो सकेगा नियुक्त ।
◆1 रुपये में पेयजल कनेक्शन देने के प्रस्ताव को मंजूरी , 15 लाख 8 हजार 838 परिवार होंगे लाभान्वित।
◆1020 नर्सिंग पद तुरंत भरने पर कैबिनेट की मंजूरी।
◆पंडित दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना में जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण राशि को 1 लाख से बढ़ाकर 3 लाख तक किया गया , अब किसान 1 से 3 लाख तक बिना ब्याज पर  ऋण ले सकते हैं ।


Beautiful memories : बारिश की भेंट चढ़ा अल्मोड़ा की खूबसूरती का प्रतीक बोगनविलिया का खूबसूरत पेड़।। web news ।।


अल्मोड़ा के देवदार पर लिपटे बोगनविलिया की बेल अब स्मृतियों में ही रह गयी

आज की बारिश एक ऐसी घटना घटा गयी जो सालों साल से अल्मोड़ा शहर की खूबसूरती का गवाह बने देवदार पर लिपटे बोगनविलिया की बेल का अंत कर गयी साथ ही बारिश की भेंट चढ़े इन पेड़ों की प्रेम कहानी जो सालों साल से प्रेम का पाठ पढ़ा रहे थे , अल्मोड़ा वासी यह घटना सुनकर भावुक हुए इन पेड़ों से जुड़ी स्मृतियां, फ़ोटो सोशल मीडिया में शेयर की ।

100 साल पुराने दो पेड़ों की अमर प्रेम कहानी अब यादों में ही रह गयी

आज हम बात करेंगे एक अनूठी प्रेम कहानी है जो इंसानों की न होकर दो पेड़ों की है जो लगभग 100 सालों से अल्मोड़ा की माल रोड में चल रही थी जो आज बारिश की भेंट चढ़ गयी । अल्मोड़ा शहर के मुख्य आकर्षण बोगनविलिया और देवदार के पेड़ों की जो ोविंद वल्लभ पंत पार्क , माल रोड अल्मोड़ में बड़े पोस्ट आफिस के पास स्थित हैं और अपने आकर्षण से किसी को भी आकर्षित कर लेते थे । अगर किसी की भी नजर इन पर पड़ गई तो उसकी के चाल खुद ब खुद रुक जाते हैं और इनकी खूबसूरती का दीदार करने लग जाते ।

बोगनविलिया का पेड़(बेल) और देवदार का पेड़ एक दूसरे के पास पास थे, बोगनविलिया का पेड़(बेल) और देवदार के पेड़ से इस तरह से लिपटे थे मानो कभी न जुदा होने की कसमें खायी हों, जब जब इसमें फूल आते थे तो पूरा का पूरा देवदार का पेड़ बोगनविलिया के बैगनी फूलों से खिल उठता है और एक ऐसा दृश्य प्रस्तुत करता है जो माल रोड से गुजरने वाले हर व्यक्ति पर प्रकृति के प्रेम की खूबसूरत छाप छोड़ देता था ।



सुपर ट्री लोगों में सेल्पी पॉइंट के रूप में प्रचलित हो रहा था


डिजिटल होती दुनिया में सबसे अलग और अपडेट दिखने की होड़ में अल्मोड़ा में आने वाले पर्यटक हो, आस पास गांव के लोग हो चाहे अल्मोड़ा के स्थानीय लोग हो सभी इस पेड़ के साथ अपनी यादें संजोने के लिए सेल्पी लेना नही भूलते थे साथ पेड़ की छावं में सुनुक भरे पल गुजारते थे जो अब नही हो सकेगा।


जाने बोगनविलिया के बारे

कम देखरेख करके अपनी बगीचे को यदि सुन्दर और रंगीन बनाना चाहते है तो ये एक आदर्श पौधा है
बोगेनवेलिया के अलाबा इसे कुछ जगह पर कागज के फूल के नाम से भी जाना जाता है ।

यह एक बेल प्रजाति के पौधा है  पूरी दुनिया में इसके करीब 20 तरीके की प्रजातियां पायी जाती है जिनमे लगभग 300 से भी ज्यादा किस्म के पौधे देखने को मिलते है  यह लम्बाई में 2 फुट से लेकर करीब 40 फुट तक बढ़ते है यह किसीभी प्रकार के मिटटी और जलबायु में जिन्दा रहते हैं इनके ज्यादातर प्रजातियों के पौधे में नुकीले कांटे होते है , बोगेनवेलिया का बहुत सुन्दर बोन्साई भी बनता है इसीलिए बोन्साई प्रेमियों के लिए यह एक पसंदीदा पौधा है ।इसमें करीब बारो महीने  फूल होते है , इनमे अनेको रंगो के बहुत सारे फूल एक साथ खिलते है , पूरा पौधा हराभरा हो जाता है तब बहुत ही सुंदर दिखता है तब यह पौधा आपको आसानी से किसी भी नर्सरी से  मिल जायेगा , इस बेल की कटिंग और ग्राफ्टिंग से आसानी से छोटे पौधे बनाये जा सकते है ।


रोचक जानकारी बोगनविलिया के फूलों की

एक रोचक जानकारी जिसे हम बोगेनवेलिया के फूल के रूप में जानते है दरअसल वो असल फूल को संरक्षित करने वाली पंखुरी होती है , असली फूल तो उनके बीच मे रहने बाले सफ़ेद व पिले रंग के छोटे वृत्त होते है , अजीब है , है न  ?
बोगनविलिया के वास्तविक फूल छोटे और आम तौर पर सफेद है, लेकिन तीन फूलों की प्रत्येक क्लस्टर गुलाबी, मैजेंटा, बैंगनी, लाल, नारंगी, सफेद या पीले रंग सहित संयंत्र, के साथ जुड़े चमकीले रंग के साथ तीन या छह ब्रेस्ट्स से घिरा हुआ है। ब्रेस्ट्स पतली और काग़ज़ी हैं क्योंकि बोगनवेलिया ग्लेब्रा कभी कभी "कागज के फूल" के रूप में जाना जाता है।

मंगलवार, 7 जुलाई 2020

हैप्पी बर्थडे धोनी : क्रिकेट जगत की हस्तियों ने अपने अंदाज में दी माही को जन्म दिन की शुभकामनाएं ।।web news।।


आज महेंद्र सिंह धोनी का 39 वां जन्मदिन, क्रिकेट जगत की हस्तियां कर रही है कैप्टन कूल को बर्थडे विश ।

क्रिकेट लीजेंड महेंद्र सिंह धोनी आज अपना 39 वां जन्मदिन मना रहे हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के सफल पूर्व कप्तान को आज देश भर से शुभकामनाएं मिल रही हैं। क्रिकेट जगत की हस्तियों ने भी माही को सोशल मीडिया के जरिये मुबारकबाद दी है।

हार्दिक पांड्या ने तीन तस्वीरें ट्वीट करते हुए कैप्शन में लिखा-"चिट्टू की तरफ से मेरे बिट्टू को जन्मदिन की शुभकामनाएं। मेरे दोस्त जिन्होंने मुझे बेहतर इंसान बनना सिखाया और हर बुरे वक़्त में मेरे साथ खड़े रहे।"



वीरेंद्र सहवाग ने लिखा-"एक बार एक पीढ़ी में, एक ऐसा खिलाड़ी आता है जिसके साथ पूरा देश जुड़ता है, उसे अपने परिवार का सदस्य मानता है, कुछ बहुत अपना सा लगता है। एक ऐसे शख्स को जन्मदिन मुबारक हो जो अपने कई प्रशंसकों के लिए दुनिया है।"



विराट कोहली लिखते हैं-"जन्मदिन की शुभकामनाएं माही भाई। हमेशा आपके अच्छे स्वास्थ्य और खुशी की कामना करते हैं। भगवान आपका भला करे।"







धोनी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ कप्तान माने जाते हैं। धोनी ICC (वर्ल्ड T20 2007, ICC टेस्ट मेस 2009, विश्व कप 2011, और चैंपियंस ट्रॉफी 2013) के सभी फॉर्मेट बड़े टूर्नामेंट जीतने वाले इकलौते कप्तान हैं। उनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने 2010 और 2016 में एशिया कप जीत हासिल की।

धोनी को आखिरी बार पिछले साल जुलाई में विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलते देखा गया था, जहां उन्होंने 72 गेंदों में 50 रन की तूफानी पारी खेली थी। माही इस साल आईपीएल में खेलते नजर आते लेकिन लॉकडाउन के चलते सभी स्पोर्ट्स टूर्नामेंट्स रद्द हो गए हैं। वह तीन बार विजेता रह चुकी टीम चेन्नई सुपर किंग्स का नेतृत्व करते हैं। 

सोमवार, 6 जुलाई 2020

Corona update : उत्तराखंड में कोरोना वायरस के 3161 मामले, जाने आपके जिले में कितने अभी तक कितने केस आए ।।web news।।


आज 37 नये कोरोना के केस आये

758 कोरोना केस के साथ देहरादून सबसे ज्यादा कोरोना केस वाला जिला ।

उत्तराखंड में लगातार कोरोना का कहर जारी है , आज 37 नए कोरोना मरीज सामने आने के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3161 पहुंची गयी है। स्वस्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए अभी अभी के हेल्थ बुलेटिन में इसकी जानकारी दी गई है।

जिल्लेवार कोरोना पॉजिटिव केस की रिपोर्ट

अल्मोड़ा में कोरोना पॉजिटिव केस-196
बागेश्वर में कोरोना पॉजिटिव केस-93
चमोली में कोरोना पॉजिटिव केस- 76
चंपावत में कोरोना पॉजिटिव केस-59
देहरादून में कोरोना पॉजिटिव केस- 758
हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिव केस-324
नैनीताल में कोरोना पॉजिटिव केस-541
पौड़ी में कोरोना पॉजिटिव केस-146
पिथौरागढ़ में कोरोना पॉजिटिव केस - 67
रुद्रप्रयाग में कोरोना पॉजिटिव केस-68
टिहरी में कोरोना पॉजिटिव केस-421
उधमसिंह नगर में कोरोना पॉजिटिव केस- 330 उत्तरकाशी में कोरोना पॉजिटिव केस-84

जन्म दिन विशेष : विश्व शांति दूत दलाई लामा से घबराता ड्रैगन , ।।web news।।


एक नजर दलाई लामा , तिब्बत और भारत के आध्यत्मिक और वास्तविक रिश्ते पर


web news एडिटर डेस्क ।। आज दलाई लामा का 85वां जन्मदिवस है । 14वें दलाई लामा का जन्म 6 जुलाई 1935 को हुआ था। बचपन से वे तिब्बतियों की परेशानियों को समझने लगे थे साथ ही इसके लिए वे चीन के खिलाफ आवाज उठाने लगे । भारत ने दलाई लामा को तब शरण दी थी, जब वह मात्र 23 वर्ष के थे । दलाई लामा को मुख्य रूप से शिक्षक के तौर पर देखा जाता है क्योंकि लामा का मतलब गुरु होता है। दलाई लामा अपने लोगों को सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

अपने जन्मदिन के अवसर पर दलाई लामा ने ट्विटर पर अमेरिकन भौतिक विज्ञानी डेविड बोह्म के बारे में स्पेशल ऑनलाइन स्क्रीनिंग की योजना का ऐलान किया है, जिन्हें तिब्बती धर्मगुरु अपने साइंस के गुरुओं में से एक मानते हैं। बता दें कि रविवार को दलाई लामा ने जन्मदिन के एक दिन पहले ताइवान में आयोजित समारोहों के दौरान जनरल टीचिंग ऑन माइंड की ट्रेनिंग भी दी।



चीन के अत्याचार से परेशान होकर दलाईलामा ने भारत में ली शरण

13वें दलाई लामा ने 1912 में तिब्बत को चीन से स्वतंत्र घोषित कर दिया था और इस वजह से सन 1950 में चीन ने तिब्बत पर आक्रमण कर दिया और यह तब हुआ जब वहां 14वें दलाई लामा के चुनने की प्रक्रिया चल रही थी। तिब्बत को इस लड़ाई में हार का सामना करना पड़ा। कुछ सालों बाद तिब्बत के लोगों ने चीनी शासन के खिलाफ विद्रोह कर दिया और अपनी आजादी की मांग करने लगे। विद्रोहियों को इसमें सफलता नहीं मिली। दलाई लामा को लगा कि वह चीन के जाल में बुरी तरह से फंस जाएंगे तो सन 1959 में उन्होंने भारत में शरण ली। दलाई लामा के साथ भारी संख्या में तिब्बती भी भारत आए थे।  भारत में निर्वासन में रह रहे तिब्बतियों की संख्या 80,000 से अधिक है और सभी हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के हिमालयी शहर में निर्वासन में रहने लगे।

आखिर दलाईलामा के नाम भर से क्यों बढ़ जाती है चीन की बेचैनी

भारत द्वारा दलाई लामा को शरण देना चीन को अच्छा नहीं लगा और उसे डर बना रहा कि दलाईलामा उसके तानाशाही और क्रूरता के बारे में दुनिया को न बता दे। दलाईलामा अक्सर तिब्बत की स्वतंत्रता की बात करते हैं जो कि चीन को हमेशा से नागवार गुजरा है ।

भारत और तिब्बत का धार्मिक रिश्ता

भारत-चीन संघर्ष के दौर में तिब्बत को नहीं भूलना चाहिए । भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश मानसरोवर चीन का तिब्बत पर कब्जे के कारण ही आज चीन के पास है । तिब्बत आध्यात्मिक-सांस्कृतिक वृहत भारत का अंग था कभी। जब तक तिब्बत से भारत की सीमा लगी रही, भारत सुरक्षित रहा। चीन द्वारा इस सीमा का अतिक्रमण करते ही भारत की सीमाएं रण-क्षेत्र बन गयीं।

रविवार, 5 जुलाई 2020

Corona Update : कोरोना का बेस्ट मॉडल बना 'टिहरी माॅडल' 420 में से 415 कोरोना केस हुए ठीक ।।web news।।


मंगेश घिल्डियाल है कोरोना काल के सर्वश्रेष्ठ कोरोना वरियर्स

जिलाधिकारी टिहरी मंगेश घिल्डियाल आपनी अनूठी कार्यशैली के लिये जाने जाते है जिस भी जिले को अपनी सेवाएं देते है उस जिले के आम जनमानस में अपनी छाप छोड़ देते है , कुछ दिन पहले जिला रुद्रप्रयाग से टिहरी जिले के जिलाधिकारी बने मंगेश अपनी कार्य दक्षता से टिहरी जिले को 100% कोरोना मुक्त बनाने की ओर अग्रसर है ।

420 में से 415 कोरोना मरीज हुए ठीक

अभी तक टिहरी जिले में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 420 में से 415 कोरोना नेगिटिव हो चुके है , यह आंकड़ा कोरोना से दृढ़ ईच्छा शक्ति के साथ साथ सटीक रणनीति को जाता है जिसका नेतृत्व जिलाधिकारी मंगेश न किया ।

जिलाधिकारी मंगेश की कोरोना वरियर्स टीम

कोरोना से निपटने में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के साथ साथ डाॅक्टर, फार्मासिस्ट, नर्सिंग ऑफिसर, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस प्रशासन, आशा, आंगनबाडी, ग्राम प्रधान, स्वयं सेवी संस्था के सदस्यों एवं आम जन मानस सहित सभी कोरोना वाॅरियर और कर्मियों की सामूहिक मेहनत धरातल पर दिख रही है ।

देश के हर जिले का मॉ0डल होना चाहिए 'टिहरी मॉडल'

'टिहरी मॉडल' को 'देश का मॉडल' का सर्वश्रेष्ठ मॉडल बना जिसका नेतृत्व जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ।
कोरोना से लड़ रहे देश के सभी जिल्लों में टिहरी जिले जैसी ठोस रणनीति बनानी चाहिए जिससे हमें कोरोना की जंग जीतने में सफलता मिलेगी ।