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शनिवार, 13 जून 2020

दुखद : नही रहे लोकगायक हीरा सिंह राणा , ।।web news ।।




नही रहे लोकगायक हीरा सिंह राणा

उत्तराखंड कला जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति । आज हमारे बीच वरिष्ठ व हमारे स्तंभ लोकगायक हीरा सिंह राणा नही रहे । ये वर्ष ना जाने इतना मनहूस क्यों है समझ नही आ रहा । हीरा सिंह राणा जी का योगदान उत्तराखंड कला संस्कृति के लिए समर्पित था । आपको शत शत नमन भगवान आपकी आत्मा को शांति प्रदान करें
उत्तराखंड के महान लोक गायक, लोककवि व लोक संगीत के पुरोधा श्री हीरा सिंह राणा जी के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दु:ख हुआ। परमपिता परमेश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने व परिवार को इस दु:ख को सहने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं।आपके जाने से लोकसंगीत को अपूर्णीय क्षति हुई है। ॐ शांति शांति शांतिव- त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

उत्तराखंड में शोक की लहर

उत्तराखंड के सुर सम्राट, उत्तराखंड भाषा अकादमी के उपाध्यक्ष दिल्ली एवं अन्य सांस्कृतिक संगठनों के सक्रिय सदस्य, संस्क्रति कर्मी आदरणीय हीरा सिंह राणा जी का अचानक दिल का दौरा पढ़ने से 2:30 बजे उनका स्वर्गवास हो गया है, इस दुखद समाचार से उत्तराखंड संस्कृति जगत के लिए अभूतपूर्व क्षति हुई है ।

पॉजिटीव वेब : मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में बेरोजगार युवाओं को प्राथमिकता : मुख्यमंत्री, पढे विशेष रिपोर्ट ।। Web News ।।



मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा जिलाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और सौलर व पिरूल परियोजनाओं की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में वास्तव में जरूरतमंदों और बेरोजगार को प्राथमिकता दी जाए। सभी विभागों में चल रही स्वरोजगार योजनाओं को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के साथ जोङा जाए। सोलर व पिरूल प्रोजेक्ट की आवश्यक प्रक्रियाएं समय से पूरी हों। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा जिलाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और सोलर व पिरूल परियोजनाओं की समीक्षा की।

होप पोर्टल पर स्वरोजगार योजनाओं को अपलोड करे

मुख्यमंत्री ने कहा कि होप पोर्टल पर स्वरोजगार की सभी योजनाओं की सूचना अपलोड की जाए। एक प्लेटफार्म पर आने से लोगों को इन योजनाओं की जानकारी मिल पाएगी और इसका लाभ उठा सकेंगे। जन प्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए।

प्रत्येक जिले में दो-दो स्वरोजगार प्रेरक

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश है हर बेरोजगार साथी अपना रोजगार प्रारम्भ कर सके। लोगों को स्वरोजगार के लिए पे्ररित करने के लिए प्रत्येक जिले में एक महिला और एक पुरूष स्वरोजगार प्रेरक तैनात किए जाएंगे।

किसानो के उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अपने उत्पादों की बिक्री के लिए निश्चिंत होना चाहिए। उनके उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था पर काम किया जाए। हाॅर्टीकल्चर, पाॅल्ट्री, मत्स्य, बकरी और भेड़पालन लाभदायक हो सकते हैं। इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए। कोशिश की जाए कि अदरक, हल्दी आदि के बीज मांग के अनुरूप स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हों। किसानों को उन्नतशील खेती का प्रशिक्षण बंद कमरों तक ही सीमित न रहे, यह प्रशिक्षण का लाभ खेतों तक पहुंचे। कृषि विज्ञान केंद्रों का अधिकाधिक उपयोग हो।

लाभकारी प्रोजेक्ट पर संबंधित विभाग गाइडलाइन तैयार करें*

आवेदकों को प्रोजेक्ट बनाने के लिए सारी जानकारी दें। इसमें ऑफलाईन आवेदन की भी व्यवस्था हो। विभिन्न व्यवसायों के प्रोजेक्ट किस प्रकार लाभकारी हो सकते हैं, इसके लिये संबंधित विभाग गाइडलाइन तैयार करें। जिला रोजगार समितियां आवेदकों की काउंसिलिंग भी करें। डीएम हर जिले में कुछ माॅडल प्रोजेक्ट स्थापित करें। बैंकों से समन्वय स्थापित किया जाए और ऋण प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं का निस्तारण तुरंत किया जाए।

सोलर व पिरूल प्रोजेक्ट में प्रक्रियाएं समय पर पूरी हों*

मुख्यमंत्री ने कहा कि सोलर व पिरूल प्रोजेक्ट को प्राथमिकता से लिया जाए। किसी भी एसडीएम के पास इनसे संबंधित फाईल एक सप्ताह से ज्यादा लम्बित नहीं रहनी चाहिए। जिलाधिकारी लगातार इसकी समीक्षा करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में पिरूल प्रोजेक्ट में पिरूल एकत्रीकरण पर स्वयं सहायता समूहों को एक रूपया प्रति किलो वन विभाग और 1.5 रूपया (एक रूपया पचास पैसे) प्रति किलो विकासकर्ता द्वारा दिया जाता है। अब राज्य सरकार भी अतिरिक्त 1 रूपया प्रति किलो अर्थात 100 रूपए प्रति क्विंटल की राशि देगी।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ट्रेडिंग भी शामिल*

अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में विनिर्माण व सेवा क्षेत्र के साथ ट्रेडिंग को भी लिया गया है। योजना की वेबसाइट पर माॅडल प्रोजेक्ट अपलोड किए गए हैं। प्रोजेक्टों की डीपीआर के स्टैंडर्ड फार्मेट भी उपलब्ध कराए गए हैं। वेबसाइट लांच करने के कुछ ही दिनों में काफी लोगों ने आवेदन किया है।

सोलर और पिरूल प्रोजेक्ट

सचिव  राधिका झा ने प्रदेश में सोलर व पिरूल प्रोजेक्टों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सोलर में 283 परियोजनाएं आवंटित की गई हैं जिसमें 203 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा और 800 करोङ रूपए का निवेश होगा। बहुत सी परियोजनाओं का यूपीसीएल का करार हो चुका है। पिरूल के भी 38 प्रोजेक्ट आवंटित किए जा चुके हैं। इनका भी यूपीसीएल के साथ करार किया जा चुका है।

वीडियो कांफ्रेंसिग में उपस्थित रहे

मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रवीन्द्र दत्त, मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट, सचिव एल फैनई, अमित नेगी, आर मीनाक्षी सुंदरम, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल सहित अन्य अधिकारी व जिलाधिकारी 

शुक्रवार, 12 जून 2020

IMA News : 333 युवा अफसरों की टीम भारतीय सेना का अभिन्न अंग बनने के लिए तैयार, , पढे और गर्व कीजिए ।। web news ।।


पासिंग आउट परेड से पहले कमांडेंट परेड में किया जोरदार कदम ताल ।।


भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड से पहले गुरुवार को आइएमए में कमांडेंट परेड में देश की सरहदों की रखवाली के लिए तैयार आत्मविश्वास से लबरेज भावी अफ़सरों ने जोरदार कदमताल की। आइएमए के कमान्डेंट लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी ने परेड की सलामी ली। इस बार सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर (निरीक्षण अधिकारी) परेड की सलामी लेंगे। 


भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) से शनिवार को 423 कैडेट पास आउट होंगे, जिसमें 333 भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगे, जबकि अन्य 90 विदेशी कैडेट हैं।COVID-19 के प्रकोप और निवारक दिशा-निर्देशों के कारण, अकादमी के साथ तैनात केवल आर्मी पर्सनल ने ही प्रभावशाली परेड देखी ।


जनरल ऑफिसर ने कैडेट्स को अपने संबोधन में कहा कि “एक बार कमीशन होने के बाद, आपको अपनी ताकत और पवित्रता का परीक्षण करने की भट्टी में डाल दिया जाएगा। इरादे की शुद्धता से कार्रवाई के परिणामों की शुद्धता को याद रखें। इसलिए, अपने लोगों के लिए अपनी चिंताओं में वास्तविक बनें। यदि आप उन्हें अपनी योग्यता दिखाते हैं, तो आपके जवान आपका सम्मान करते हैं, लेकिन यदि आप उन्हें अपनी चिंताएँ दिखाते हैं, तो वे आप पर भरोसा करेंगे और खुशी-खुशी आपके लिए एक बुलेट लेंगे। यह लाभ प्राप्त करने का मार्ग पेशेवर क्षमता, चिंता, चरित्र, विश्वास, साहस दोनों शारीरिक और मानसिक, वफादारी, ईमानदारी और निस्वार्थता से गुजरता है। अपनी ताकत और कमजोरियों को भुनाने के द्वारा अपने जवानो को समझना एक सतत सीखने की प्रक्रिया है और एक महत्वपूर्ण मानव संसाधन प्रबंधन कौशल है जिसे आपको अपने अनुभव में मास्टर करने की आवश्यकता है। यह समग्र विकास आपको आने वाले समय में बड़े सैनिकों को मनाने, समझाने और कमान करने में सक्षम करेगा। अमेरिकी सेना के जनरल नॉर्मन श्वार्जकोफ ने एक बार कहा था, “इस मामले की सच्चाई यह है कि आप हमेशा सही काम करना जानते हैं। कठिन हिस्सा यह कर रहा है ”। इसलिए, सही काम करने की क्षमता विकसित करें ”।

जनरल ऑफिसर ने मैत्रीपूर्ण विदेशी देशों के 90 जेंटलमैन कैडेट्स को प्रशिक्षण के कठोर नियम को समाप्त करने, उत्कृष्ट परिवर्तन का प्रदर्शन करने और अब सभी संबंधित अधिकारियों के रूप में अपने-अपने सेनाओं में रैंकों के लिए तैयार होने के लिए तारीफों को भी बढ़ाया। उन्होंने यह कहते हुए विशेष रूप से संबोधित किया कि “आईएमए में आपके द्वारा विकसित की गई एकजुटता का मजबूत बंधन एक ऐसे बंधन को बढ़ावा देगा जो हमारे राष्ट्रों के बीच राजनयिक और सैन्य संबंधों को मजबूत और जीवंत बनाए रखेगा। जल्द ही, आप अपनी महान पारंपरिक सेनाओं का हिस्सा बन जाएंगे। मुझे विश्वास है कि भारतीय सैन्य अकादमी की भावना आपके भविष्य के सभी पाठ्यक्रमों में आपका मार्गदर्शन करेगी। आपको हमेशा प्रयास करना चाहिए कि आप जो कुछ भी करते हैं उसमें महानता हासिल करें ”। 

अंत में, उन्होंने जेंटलमैन कैडेट्स को अंतिम पासिंग आउट परेड के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ पैर आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया और आने वाले वर्षों में सभी जेंटलमैन कैडेट्स को शुभकामनाएं दीं।



रोजगार नही स्वरोजगार पर मुख्यमंत्री का फोकस, पढे काम की खबर ।।web news।।


नये पद सृजन पर रोक तो नयी भर्ती कैसे आएगी त्रिवेंद्र सरकार का घुमाउदार फैसला ।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी ने कहा है कि प्रदेश में नई भर्तियों पर रोक नहीं लगायी गई है। केवल नये पदों के सृजन पर रोक लगाई गई है। पहले से सृजित पदों पर भर्ती पर रोक नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में जारी शासनादेश में भी स्पष्ट किया गया है। इसके साथ ही चतुर्थ श्रेणी के पदों के साथ-साथ कतिपय विशिष्ट/तकनीकी कार्य हेतु सृजित वाहन चालक, माली, वायरमैन, इलेक्ट्रीशयन, प्लम्बर, मिस्त्री, लिफ्टमैन, ए.सी.-मैकेनिक एवं अन्य इसी प्रकार से रिक्त होने वाले पदों पर समस्त सेवायें अधिप्राप्ति नियमावली, 2017 के अध्याय-5 बाह्य स्त्रोत से सेवायें कराये जाने के अन्तर्गत नियम-61 से 64 तक स्थापित व्यवस्था के अनुरूप संविदा/आउटसोर्सिंग के आधार पर सम्पादित करवाया जानी है। चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नई भर्ती पर सातवें वेतन आयोग द्वारा पूर्व में ही रोक लगाई हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की है। जिसके माध्यम से प्रदेश के युवा अपना काम शुरू कर सकते हैं। इसमें ऋण और अनुदान की व्यवस्था की गई है। इसमें आॅनलाईन भी आवेदन किया जा सकता है। अपने गांवों को वापस लौटे लोगों की आजीविका के लिए सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है। युवा अपनी ऊर्जा का उपयोग स्वरोजगार के लिए करें, सरकार हर कदम पर आप सभी के साथ है।

मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के युवाओं से स्वरोजगार की मुहीम से जुड़ने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा के राज्य में बहुत से युवाओं ने बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने न केवल अपना व्यवसाय प्रारम्भ किया बल्कि बहुत से अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान किया। हम सब मिलकर सकारात्मक माहौल बनायें और अपनी देवभूमि में जन भागीदारी से एक नई स्फूर्ति का संचार करें।

Uttarakhand Metro : लॉकडाउन में उत्तराखंड मेट्रो ने पकड़ी रफ्तार , जाने क्या है पूरी खबर।।web news।।



2024 तक मेट्रो में सफर करने के लिए रहें तैयार , उत्तराखण्ड मैट्रो पर विशेष रिपार्ट -

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में यूनिफाईड मैट्रो पाॅलिटन ट्रांसपोर्ट आॅथोरिटी (यू.एम.टी.ए) की बैठक हुई। बैठक में उत्तराखण्ड मैट्रो रेल परियोजना के काॅम्प्रीहेंसिव माॅबिलिटी प्लान (सी.एम.पी) को मंजूरी दी गई। देहरादून शहर में दिल्ली मैट्रो रेल काॅरपोरेशन के सहयोग से रोप-वे प्रणाली की डीपीआर तैयार की जा रही है। हरिद्वार-ऋषिकेश एवं नेपाली फार्म -विधानसभा कोरिडोर में मैट्रो लाईट के निर्माण के साथ ही हरिद्वार शहर में पी.आर.टी के निर्माण हेतु अनुमोदन प्राप्त किया गया। हरिद्वार से ऋषिकेश एवं नेपाली फ़ार्म-देहरादून के लिए मेट्रो लाइन बिछाने के लिए 11 हजार करोड़ रुपए का प्रस्ताव प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार को भेजा गया है l
हरिद्वार और ऋषिकेश दोनों ही शहर आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है l प्रत्येक वर्ष लाखों लोग गंगा स्नान एवं तीर्थ यात्रा के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश में पहुंचते हैंl मेट्रो लाइन स्वीकृति होने पर श्रद्धालुओं को लाभ मिलेगा एवं तीर्थाटन में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी इजाफा होगा ! मेट्रो लाइन बनने से जहां समय की बचत होगी वही आवागमन में भी सुविधा होगी l जिससे हरिद्वार और ऋषिकेश के पर्यटन एवं तीर्थाटन में वृद्धि होगी l जिससे स्थानीय लोगों को विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे - प्रेम चंद अग्रवाल, विधान सभा अध्यक्ष
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में यू.एम.टी.ए का गठन किया गया है।

UMTA के सदस्य इस प्रकार है ।

आवास मंत्री, उत्तराखण्ड उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव सदस्य सचिव, सचिव आवास, वित्त, परिवहन, नियोजन, राजस्व एवं शहरी विकास

बैठक में अपस्थित रहे

आवास मंत्री श्री मदन कौशिक, प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव श्री नितेश झा एवं सबंधित अधिकारी

Latter : अपने बच्चों के साथ साथ आपके बच्चों का ध्यान रखने वाले आरिफ खान की शिक्षा मंत्री को लिखी चिठी हो रही है वाइरल, आप भी पढें ।। web news।।


सधन्यवाद आभार माननीय शिक्षा मन्त्री श्री अरविंद पाण्डेय जी, उत्तराखंड शासन

अभिभावकों को सरकारी स्कूल का रास्ता दिखाने के लिए सही भी है जब हम 93-95 से पहले वाले लगभग सभी अभिभावक इन्ही स्कूलों मे तो पढ़े हैं और आपके आशिर्वाद से लगभग 95% छात्र उस समय के सरकारी स्कूलों मे पढ़े हुए कामयाब भी हैं । अब जबकि आपने अभिभावकों को फीस के मुद्दे पर सरकारी स्कूलों का रास्ता दिखा ही दिया है तो इन प्राइवेट स्कूलों मे भी ताला बंदी शुरू करवा दीजिए क्योंकि ये आपके शिक्षा विभाग की NOC पर ही चल रहे हैं न और फिर सोसायटी एक्ट 1860 की धारा (21) मे पंजिकृत सोसायटी पर ही तो चल रहे हैं न no profit no loss वाले चैरिटी का शपथपत्र भर कर सरकार से मुफ्त की जमीन,सरकारी लोन, सरकारी ग्रान्ट, और सरकारी छूट के दम पर अब आप ही बताइए मंत्री जी जब अभिभावकों के लॉक डाउन के दौरान एक महीने की फीस न जमा करने पर इन्होने कोर्ट और सरकार का दरवाजा खटखटा दिया अपने कर्मचारियों की तनख्वाह काट दी लोन और खर्चो की दुहाई देने लगे तो यदि हमने अपने बच्चे इन स्कूलों से निकाल कर सरकारी स्कूलों मे डाल दिये तो ये सब तो सड़को पर आ जाएंगे न जाने कितने कर्मचारियों की नौकरी चली जायेगी और इनके हाथों मे तो कटोरा आ जायेगा और फिर आप जैसे गणमान्यजन मुख्यातिथि बनकर कहाँ जाएंगे ,मुख्यमंत्री राहत कोष मे लाखों करोड़ों रुपये कैसे और कहां देंगे ये ! और रही हमारे बच्चों को सरकारी स्कूलों मे भेजने की बात तो सर्वप्रथम जितने जनप्रतिनिधियों के बच्चे, सरकारी नौकरियों के मजे ले रहे कर्मचारियों के बच्चे , सरकारी शिक्षकों और शिक्षा विभाग मे कार्यरत कर्मचारियों के बच्चे सरकारी स्कूलों मे डलवा दो मै खुद व्यक्तिगत तौर पर वचन देता हूँ कि मै अपने बच्चों को सरकारी स्कूल मे डलवा दूंगा ! और माफ करना मंत्री जी छोटा मुँह बड़ी बात कर रहा हूँ पहले ये तो बतायें यदि मै दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों की बात छोड़ भी दुँ जहां आज भी बच्चे मिलों चलकर ,रस्सी पर लटक कर अपनी जान जोखिम मे डालकर ऐसे सरकारी स्कूलों मे पढ़ने जाते हैं जहां न छत है न दीवारें, न जहां शौचालय है न वाचनालय और कई विद्यालयों मे तो आपके द्वारा नियुक्त शिक्षक भी आगे ठेके पर किसी थोड़ा बहुत पढ़े लिखे बेरोजगार युवक या युवती को अपनी जगह स्कूल चलाने का ठेका देंकर घर पर आराम फरमाता है । अब दूर न जाकर उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून के सरकारी स्कूलों का हाल तो किसी से छुपा ही नही है आज भी नगर निगम क्षेत्रों के स्कूलों की हालत इतनी दयनीय है कि कभी भी स्कूल का प्लास्टर या छत गिरने से बच्चों के चोटिल होने का खतरा बना रहता है छात्र छात्राओं को शौचालय के लिए भी झाड़ी और दीवार का सहारा लेना पड़ता है यदि इक्का दुक्का शौचालय हैं भी स्कूलों मे तो उन पर स्टाफ का ताले के साथ कब्जा हुआ है और यदि किसी विद्यालय मे छात्रों को टॉयलेट नसीब भी हो गयी तो किसी मे दरवाजे नही होंगे तो किसी मे शीट और पानी नही होगा । वैसे पिछले साल ही सरकार अपने स्कूलों मे किताबें मुहैया नही करवा सकी जिसके कारण 56000 (छप्पन हजार) या 57000 (सत्तावन हजार) छात्रों का एक साल खराब हो गया था । और सबसे आखरी और महत्वपूर्ण सवाल हमने अपने बच्चे सरकारी स्कूलों मे क्या दाल- भात (मिड डे मील) खाने भेजने हैं या फिर स्कूल मे झाड़ू पोछा लगाने ....? आपके समक्ष दो तस्वीरें प्रेषित कर रहा हूँ ये मेरे खुद के मोबाइल से आपके जिला BJP कार्यालय और नगर शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के पीछे स्थित सरकारी प्राथमिक विद्यालय मे ली गयी तस्वीरें हैं जिसमे एक बच्ची के एडमिशन को लेकर आपके बदलाव वाले सरकारी स्कूल मे जाना हुआ तो एक बच्ची को झाड़ू लगाते देखा पूछने पर उसने बताया कि सब बच्चों की बारी आती है झाड़ू और साफ सफाई करने की जब प्रिंसिपल से इस बात जनाकारी ली तो वो उल्टा बच्ची को ही धमकाने लगीऔर सरकारी बजट का हवाला देकर सफाई कर्मचारी न रख पाने की मजबूरी बता कर अपना पक्ष रखती नजर आयी और ये हाल तब है जबकि नगर शिक्षा अधिकारी का कार्यालय और सत्ताधारी पार्टी का कार्यालय उनके नजदीक है अन्य जगहों का तो अल्लाह ही मालिक है । बच्ची का चेहरा छिपा दिया है ताकि उसकी व्यक्तिगत पहचान छुपाई जा सके.......*

एक जागरूक, पीड़ित व आपके बयान से आहत अभिभावक
आरिफ खान (राष्ट्रीय अध्यक्ष)
नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR)

गुरुवार, 11 जून 2020

Jobs alarm : उत्तराखंड सर्किल में पोस्ट आफिस में बम्पर वेकैंसी , जाने कैसे करें अप्लाई ।। web news ।।



उत्तराखंड सर्किल में आए जीडीएस के पद। अपने प्रियजनों से अवश्य शेअर करें।

पोस्ट का नाम: BPM/ ABPM / ग्रामीण डाक सेवक
रिक्ति की संख्या: 724 पद
वेतनमान: 10000/- से 14500/- रुपये (प्रति माह)

समुदाय के अनुसार पोस्ट:
UR: 411 पद
OBC: 96 पद
EWS: 38 पद
SC: 134 पद
ST: 27 पद
PWD-A: 02 पद
PWD-B: 09 पद
PWD-C: 07 पद

उत्तराखंड पोस्ट ऑफिस भर्ती 2020

◆ शैक्षिक योग्यता: उम्मीदवार को संबंधित राज्य सरकार/ केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित राज्य बोर्डों से मैट्रिक स्तर (हाई स्कूल) परीक्षा पास चाहिए।
◆ राष्ट्रीयता: भारतीय
◆आयु सीमा: 19.01.2018 को न्यूनतम और अधिकतम आयु सीमा 18 से 40 वर्ष है
◆आयु छूट: अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग 5 वर्ष और ओबीसी-एनसीएल वर्ग 3 वर्ष
◆नौकरी स्थान: उत्तराखंड
◆चयन प्रक्रिया: चयन अकादमिक योग्यता पर आधारित होगा।
◆आवेदन शुल्क: OC/OBC पुरुष उम्मीदवारों को 100 / -रु का भुगतान करना होगा किसी भी प्रधान डाकघर में, सभी महिला और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए छूट है।

अभ्यर्थी उत्तराखंड पोस्ट ऑफिस ऑनलाइन आवेदन के लिए वेबसाइट


https://indiapost.gov.in या
http://www.appost.in/gdsonline

◆महत्वपूर्ण तिथियाँ :
ऑनलाइन आवेदन करने की तिथि शुरू: 08 जून 2020
ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि: 07 जुलाई 2020

◆ महत्वपूर्ण लिंक:

★विज्ञापन लिंक : http://www.appost.in/gdsonline/Home.aspx
★ऑनलाइन आवेदन करें: https://indiapostgdsonline.in/phase7/fee.aspx
★आधिकारिक वेबसाइट: http://www.appost.in/gdsonline/Home.aspx

महत्वपूर्ण निर्देश: आप उत्तराखंड पोस्ट ऑफिस जॉब करने से पहले जरूरी है कि फुल नोटिफिकेशन / विज्ञापन पढ़ लें।

Corona update : कॉरेन्टीन के नियमो की अनदेखी की तो होगी कड़ी कार्यवाही - मंगेश घिल्डियाल , ।। web news ।।



जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रिपोर्ट


नई टिहरी, 10 जून (सूचना): जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने जिला कार्यालय स्थित स्वान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष से क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों यथा पुलिस विभाग के थाना प्रभारी, आशा फैसिलिटेटर, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर, ब्लॉक स्तरीय कॉर्डिनेटर की एक महत्वपूर्ण बैठक ली। जिलाधिकारी ने वीसी के माध्यम से क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों को कोरोना वायरस के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा की आगामी 1-2 माह जनपद के लिए निर्णायक साबित होंगे। इस हेतु सभी कोरोना फाइटर्स को निष्ठापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करने के निर्देश दिए है। कहा की कोरोना फाइटर्स को किसी भी सुरक्षा संबंधी उपकरणों/साजो-समान की कमी नही आने दी जाएगी। उन्होंने क्षेत्रीय कर्मचारियों के द्वारा अबतक के कार्यो/दायित्वों के निर्वहन की सराहना करते हुए कहा की इस क्रुसीएल समय में आपने दायित्वों के निर्वहन से भी ज्यादा कार्य करने की आवश्यकता है। कहा की इस लड़ाई को जीतने में सभी क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ-साथ आमजन की भागीदारी भी आवश्यक है। जिलाधिकारी ने आशा कार्यकत्रियों को कन्टेनमेंट ज़ोन में दैनिक रूप से हेल्थ स्क्रीनिग करते हुए इसकी रिपोर्ट आशा फैसिलिटेटर को दैनिक रूप से उपलब्ध करने, आशा फैसिलिटेटर को दैनिक रिपोर्ट ब्लॉक कॉर्डिनेटर को उपलब्ध कराने, ब्लॉक कॉर्डिनेटर को रिपोर्ट जिला समंवयक को उपलब्ध करते हुए सायं 6 बजे तक रिपोर्ट जिलाधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। इसी प्रकार आंगनबड़ी कार्यकत्रियां रिपोर्ट आंगनबाड़ी सुपरवाइजर को, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर सीडीपीओ को एवम सीडीपीओ ग्राम स्तर की गतिविधियो संबंधी दैनिक रिपोर्ट डीपीओ को उपलब्ध कराएंगे जो की सायं 6 बजे तक कंपाइल रिपोर्ट जिलाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे।

जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया की यदि किसी व्यक्ति द्वारा कॉरेन्टीन के नियमो की अनदेखी की जाती है,तो इसकी जानकारी तत्काल पुलिस को दें, ताकि संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा सके।
वीसी में वरिष्ठ पुलिस ने अधिकारियों/कर्मचारियों सहित फ्रंट लाइन वर्कर को टीम भावना से कार्य करने की आवश्यकता है। जिसमे जनसहभागिता भी अति महत्वपूर्ण है।

बुधवार, 10 जून 2020

Breaking News : पीएम मोदी ने किए केदारपुरी के ड्रोन से दर्शन , जाने क्या है पूरी खबर।




प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाईटेक बैठक, किये केदारपुरी के दर्शन ।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से केदारनाथ में चल रहे कार्यों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ में चल रहे विभिन्न कार्यों का अवलोकन भी किया। उन्होंने केदारनाथ मन्दिर परिसर, आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती घाट एवं आस्था पथ, भैरव मन्दिर के रास्ते पर बने पुल, केदारनाथ में बन रही गुफाओं, मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल, मंदाकिनी एवं सरस्वती के संगम पर बन रहे घाटों का अवलोकन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने श्री केदारनाथ में यात्रा की स्थिति के बारे में जानकारी ली।

प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कहा

रामबाड़ा से केदारनाथ तक छोटे-छोटे पेच को केदारनाथ की ऐतिहासिकता से जोड़ा जाय, ताकि श्रद्धालुओं को केदारनाथ के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व के बारे में भी रोचक जानकारियां मिल सके । इस क्षेत्र में आध्यात्म से संबंधित भी अनेक कार्य किये जा सकते हैं। इस ओर ध्यान दिया जाय। इससे श्रद्धालुओं को केदारनाथ के दर्शन के साथ ही यहां से जुड़ी धार्मिक एवं पारंपरिक महत्व के बारे में भी जानकारी मिलेगी। केदारनाथ के आस-पास जो गुफाएं बनाई जा रही हैं, उनका सुनियोजित तरीके से विकसित किया जाए ताकि इनका स्वरूप आकर्षक हो। अभी केदारनाथ में निर्माण कार्य तेजी से किये जा सकते हैं। शीर्ष प्राथमिकता के कार्य चिन्हित कर पहले उन्हे पूर्ण कर लिया जाय। भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ में विभिन्न कार्यों के लिए राज्य सरकार को केन्द्र से हर सम्भव मदद दी जायेगी। भगवान बदरीनाथ धाम के लिए भी डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय। अगले 100 साल तक की परिकल्पना के हिसाब से डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय- नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

वीडीयो कांफ्रेस के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा

आज मा. प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से श्री केदारनाथ में चल रहे निर्माण कार्यों की जानकारी ली और ड्रोन के माध्यम से श्री केदारनाथ में चल रहे विभिन्न कार्यों का अवलोकन भी किया। मा. प्रधानमंत्री जी ने कहा कि श्रद्धालुओं को श्री केदारनाथ के दर्शन के साथ ही वहां से जुड़ी धार्मिक एवं पारंपरिक महत्वता के बारे में भी जानकारी मिले, इसके लिए रामबाड़ा से केदारनाथ मार्ग में आध्यात्म से संबंधित कार्य किये जाएं। श्री केदारनाथ के आस-पास की गुफाओं के स्वरूप को आकर्षक तथा उन्हें सुनियोजित तरीके से विकसित किए जाने के लिए भी कहा गया । मा. प्रधानमंत्री जी द्वारा श्री बदरीनाथ धाम व श्री केदारनाथ धाम के विभिन्न कार्यों के लिए केन्द्र से हर सम्भव मदद के लिए भी आश्वस्त किया गया। - त्रिवेंद्र सिंह रावत , मुख्यमंत्री , उत्तराखंड




इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने श्री केदारनाथ में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की विस्तार से जानकारी दी।

आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि के पुनर्निर्माण का कार्य 31 दिसम्बर 2020 तक पूरा हो जायेगा। सरस्वती घाट का कार्य पूर्णता की ओर है, यह कार्य 30 जून जक पूर्ण हो जायेगा। भैरव मन्दिर के रास्ते पर पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, यह कार्य निर्धारित समयावधि से पहले ही पूरा किया गया है। तीर्थ पुरोहितों को रहने के लिए 05 ब्लॉको में घर बनाऐ जा रहे हैं, जिसमें से 02 ब्लाको में बनाये जा चुके हैं, शेष ब्लाको में सितम्बर तक कार्य पूरा हो जायेगा। केदारनाथ में आध्यात्म की दृष्टि से तीन गुफाएं बनाई जा रही हैं, जिनका निर्माण कार्य सितम्बर 2020 तक पूर्ण हो जायेगा। मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल का कार्य 31 मार्च 2021 तक पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि श्री केदारनाथ में ओपन म्यूजियम बनाने की योजना भी बनाई जा रही है- उत्पल कुमार सिंह ,मुख्य सचिव

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर भी उपस्थित रहे ।



पॉजिटीव वेब : बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए सरकार ने खोले द्वार , जाने क्या है पूरी खबर ।।web news।।


श्री बदरीनाथ धाम में दर्शन हेतु सरकार की गाइडलाइंस जारी कर दी है ।

30 जून तक राज्य के लोगों के बाबा केदारनाथ के दर्शन की अनुमति सरकार द्वारा दी गयी है। इस दौरान दर्शन के अभिलाषी भक्तों को सम्बंधित धाम के लिए एडवांस में निशुल्क टोकन लेना होगा। टोकन की समय सीमा के भीतर ही दर्शन की अनुमति मिलेगी। श्रद्धालुओं को 2 मीटर की दूरी बनाकर पंक्तिबद्ध होना होगा। गर्भगृह में दर्शन के लिए केवल 1 मिनट का वक्त मिलेगा।बद्रीनाथ धाम में एक दिन में अधिकतम 1200 श्रद्धालु दर्शन कर सकते है साथ दर्शन का समय निर्धारित करते हुए सुबह 7:00 से सांय 7:00 तक का कर दिया गया है।

गाइडलाइन के मुख्य बिंदु इस प्रकार है ।

◆ धाम में दर्शन का समय प्रातः: 7:00 से सांय 7:00 तक रहेगा ।
◆बद्रीनाथ धाम में पधारने वाले समस्त अद्धालुगण/तीर्थ यात्रीगण को अपने स्वयं के स्तर से की गई स्थानों में ही प्रवास करना होगा।
◆ तीर्थ यात्रा गणों को दर्शन हेतु निःशुल्क टोकन प्राप्त करने होंगे, जिन्हें देवस्थानम् बोर्ड द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा।
◆ निःशुल्क दर्शन टोकन प्राप्ति हेतु टेक्सी स्टैण्ड एवं नीलकण्ठ विश्राम गृह के भूतल पर स्थापित काउण्टर से प्राप्त करना होगा।
◆ दर्शन टोकन श्रद्धालुओं/तीर्थयात्रियों को दर्शन से पूर्व में ही प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
निःशुल्क दर्शन टोकन काउण्टर में शारिरिक दूरी बनायें रखना एवं मास्क लगाना अनिवार्य होगा। निःशुल्क दर्शन टोकन में दर्शन हेतु निश्चित समय एवं तिथि अंकित होगी। (उदाहरणत:यदि दर्शन टोकन में 10 बजे का समय अंकित किया गया है तो यात्रीगण 10:59 मिनट तक भी दर्शन पंक्ति में पंक्तिबद्ध हो सकता है)
◆तीर्थयात्रियों/श्रद्धालुओं को दर्शन टोकन में अंकित समय पर दर्शन लाईन में दर्शन हेतु मन्दिर परिसर में निर्धारित लाईन में पंक्तिबद्ध होना पड़ेगा।
1 घण्टे में 120 दर्शनार्थ का दर्शन का पुण्य लाभ अनुमन्य होंगा।

◆ दर्शन हेतु मन्दिर के अन्दर सभा मण्डप में 30 सेकेण्ड का समय अनुमन्य होगा।
◆ दर्शन पंक्ति 240 मीटर की होगी, जो कि सिंह द्वार से ब्रहमकपाल तिराहे पैदल मार्ग तक 2-2 मीटर की दूरी पर बनाये गये चिन्हित गोले पर यात्रियों को एकल पंक्तिबद्ध खड़ा होना होगा।
◆ विशेष पूजा में संपादित करने वाले यात्रियों को सामाजिक दूरी के दृष्टिगत सभा मण्डप में बैठने की अनुमति नहीं होगी, उन्हें दर्शन (धर्म दर्शन) निर्धारित स्थान (मचान) से अनुमन्य होगा।
◆ बदरीनाथ धाम में उक्त प्रक्रिया तहत प्रतिदिन 1200 अद्धालुओं को निःशुल्क टोकन आंवटित किये जायेंगे, जो तदनुसार सभी शासन प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुये दर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त कर पायेंगे। निःशुल्क टोकन 1 व्यक्ति को एक समय में 3 से अधिक टोकन आंवटित नहीं किये जायेंगे। टोकन की जांच सिंह द्वार में की जायेगी।