This is default featured slide 1 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.

This is default featured slide 2 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.

This is default featured slide 3 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.

This is default featured slide 4 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.

This is default featured slide 5 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.

गुरुवार, 22 अप्रैल 2021

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा की प्रांतीय ऑनलाइन बैठक में सोशल मीडिया के द्वारा आन्दोलन तेज़ करने की तैयारी ।।web news।।

कोरोना काल में सोशल मीडिया के द्वारा तेज किया जाएगा पुरानी पेंशन बहाली आन्दोलन: डॉ० पसबोला

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा की ऑनलाइन बैठक में कर्मचारियों ने कहा कि अब पुनः आंदोलन को ऑनलाइन मोड पर ले जाने का वक़्त है। इस बार कर्मचारियों के साथ हो रहे पेंशन सम्बन्धी अन्याय को जनता के पास पहुंचाया जाएगा। 


राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के कुमाऊँ मण्डल प्रभारी योगेश घिल्डियाल ने कहा कि ओपीएस में सरकारी तनख़्वाह की तरह ही पे कमीशन और डीए लागू होता है, वहीं एनपीएस में ये दोनों चीज़ें नदारद हैं. ‘पे कमीशन’ जहां हर 10 साल में पेंशन को गुणात्मक रूप से बढ़ा देता है, वहीं डीए के चलते भी कुछेक प्रतिशत बढ़ौतरी हर छः महीने में हो जाती है. जबकि एनपीएस में पेंशन आपको इन पांच इंश्योरेंस कंपनीज़ में से एक से मिलनी है. वो क्यूं ही हर साल, छः महीने में आपके पैसे बढ़ाए।
महिला मोर्चा की गढ़वाल मण्डल प्रभारी रश्मि गौड़ ने कहा कि आज मै तो यही सोचती हूँ कि जब हम रिटायर होंगे, तब क्या होगा।क्योंकि पुरानी पेंशन तो बुढ़ापे का सहारा है।हम अपनी इज्जत से जी सकते है।किसी के आगे हाथ नही फैला सकते।जिन लोगो की पेंशन है वे स्वाभिमान से अपना जीवन यापन कर रहे है।चाहे उनकी सन्तान उन्हें दे या ना दे इससे उन्हें कोई फर्क नही पड़ता है।इसलिए पुरानी पेंशन जरूरी है। मै अपने पिता श्री को देखती हूँ ।वो अपनी पेंशन के कारण स्वाभिमान से जीते है। आज भी वो 40000 रु पेंशन पाते है। माँ और पिताजी अपनी सारी जरुरतो को पूरा करते है और सम्मानपूर्वक जिंदगी जी रहें है।पुरानी पेंशन ही न्याय संगत हे।इसलिए हमे पुरानी पेंशन चाहिए और ले कर रहेंगे।पुरानी पेंशन के लिए लड़ेंगे और ले कर रहेंगे।
बागेश्वर की जिला संयुक्त सचिव सोनिया गौरव ने कहा कि पुरानी पेंशन में कर्मचारी का शेयर कुछ नही होता है फिर भी कर्मचारी आवश्यकता पड़ने पर जी.पी.एफ. से धनराशि निकाल सकता है जबकि नई पेंशन व्यवस्था में कर्मचारी का 10% शेयर होने के बावजूद भी हम अपनी आवश्यकतानुसार धनराशि नहीं निकाल सकते साथ ही सरकारी सेवा में अपने जीवन के लगभग 30 से 35 वर्ष देने के बाद भी बुढ़ापे में जब हम कोई कार्य करने योग्य नहीं रहते तब हमें 1000 से 1200 रूपये पेंशन स्वरूप दिए जाते हैं जो अत्यन्त दुर्भाग्य पूर्ण है ।
रुद्रप्रयाग के जिला मुख्य संरक्षक शंकर भट्ट ने कहा कि नई पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी अपने अंशदान में से एक बार में केवल 25 प्रतिशत राशि निकाल सकता है, और फिर अगले 5 सालों तक उसमे से कोई राशि नहीं निकाल सकता है, एवं इससे पैसा निकालने की प्रक्रिया काफी जटिल है, इसके विपरीत gpf व्यवस्था के तहत कर्मचारी बहुत आसानी से अपने जमा का बड़ा हिस्सा किसी भी समय आवश्यक्ता पड़ने पर निकाल सकता है, नई पेंशन व्यवस्था के तहत सेवानिवृत होने पर कोषागार की आपको पेंशन देने की कोई गारंटी नहीं है, आपकी पेंशन आपके हिस्से के 40 प्रतिशत अंशदान से निर्धारित होगी,इस हेतु आपको एन्यूटी प्लान लेना पड़ेगा जो की बाजार आधारित है, और आपको इस पैसे पर tax भी देना होगा, जबकि gpf व्यवस्था के तहत कोषागार आपको पेंशन देने की गारंटी देता है।जिला उपाध्यक्ष रुद्रप्रयाग नीलम बिष्ट ने कहा कि पेंशन ,सरकारी कर्मचारियों की वह सम्पत्ति है, जिस पर उसी का पूर्ण अधिकार है।जो सेवा, समर्पण पश्चात उसे मिलता है और मिलना चाहिए। सवाल यही बनता है कि अगर यह कई दशक जीवन सेवा हेतु देने के पश्चात भी एक सरकारी कर्मचारी के लिए मान्य नहीं ,तो यह चंद वक्त के लिए विराजमान होने वालों के लिए क्यों, और अगर इसमें ही लाभ और देशहित है ,तो फिर इस(नवीन पेंशनयोजना) सुख से ये वंचित क्यों, हमारा आने वाला जीवन ,इसी पेंशन पर निर्भर है अतः यह हमें लौटाया जाय।हमारा हक हमें दे दिया।
प्रांतीय महिला अध्यक्ष योगिता पंत ने कहा कि सरकारी कर्मचारी का सबसे बड़ा दुर्भाग्य नई पेंशन स्कीम है । एक कर्मचारी के बुढ़ापे की आस होती है ops। हम कर्मचारियों की सुरक्षा की लाठी होती है ops। पर दुर्भाग्य.... आख़िर क्यों छीना गया हमसे ये सुरक्षा कवच? हम सब सरकारी कर्मचारियों की अभिलाषा है कि आज रामनवमी को nps रूपी अंधकार को,छल को भस्म कर दिव्य ज्योति रूपी पुरानी पेंशन को सरकार अविलम्ब बहाल करे अन्यथा उत्तराखंड के 78,000 कर्मचारी आंदोलन हेतु मजबूर होंगे।
जिला अध्यक्ष उत्तरकाशी गुरुदेव रावत ने कहा कि पुरानी पेंशन बुढ़ापे का सबसे भरोसेमंद बेटा है जो हमे बुढ़ापे में आत्मनिर्भरता के साथ जीने को मजबूत करता है।हमे हमारी सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है।शर्म की बात है जिस देश मे एक देश एक विधान की बात बड़े बड़े मंचों से की जाती है और एक दिन का मंत्री विद्यायक पेंशन लेता है तथा 60 वर्ष तक सेवा देने वाला सरकारी सेवक टेंशन लेता है।महिला उपाध्यक्ष पौड़ी अवंतिका पोखरियाल ने कहा कि पुरानी पेंशन में जीपीएफ की सुविधा है, टैक्स फ्री है, मिनिमम पेंशन है वहीं एनपीएस में हमारा पैसा जबरदस्ती कटौती कर के शेयर बाजार जोखिम के अधीन लगाया जा रहा है जिसकी जानकारी किसी को भी ठीक से नहीं है । और एनपीएस के चलते कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति भी नहीं ले सकते क्योंकि वीआरएस लेने पर हमारा पैसा सीज़ हो जाएगा।जिला उपाध्यक्ष टिहरी राजीव उनियाल ने कहा कि पुरानी पेंशन में सेवा निवर्त होने के बाद कर्मचारी को किसी पर आश्रित रहने की आवश्यकता ही नही पड़ती जबकी nps में जो आज कार्मिकों को 1000 या 800rs पेंशन मिल रही है उस के लिए अपने बच्चों पर या वृद आश्रम पर निर्भर रहना होगा।शाखा महामंत्री श्रीनगर श्री मनोज भंडारी ने कहा कि हूबहू पुरानी पेंशन व्यवस्था होनी चाइए , जिसमे जी0पी0एफ0 व्यवस्था हो तथा सेवानिवृत्ति के पश्चात अंतिम अंतिम का 50% पेंशन के रूप मे मिल सके जिससे कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो सके lजिला उपाध्यक्ष उत्तरकाशी सरिता सेमवाल ने कहा कि नई पेंशन व्यवस्था में हम जीपीफ की तरह अपनी जमा धनराशि को निकाल नहीं सकते हैं, यदि हम इसे किसी तरह निकाल भी सके तो इस पर हमें इनकम टैक्स देना पड़ेगा।
प्रान्तीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ० डी० सी० पसबोला ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) का शेयर मार्केट से कोई संबंध नहीं था।पुरानी पेंशन में हर साल डीए जोड़ा जाता था।पुरानी पेंशन व्यवस्था में गारंटी थी कि कर्मचारी या अधिकारी की आखिरी सैलरी का लगभग आधा उसे पेंशन के तौर पर मिलेगा।अगर किसी की आखिरी सैलरी 50 हजार है तो उसे 25 हजार पेंशन मिलती थी। इसके अलावा हर साल मिलने वाला डीए और वेतन आयोग के तहत वृद्धि की सुविधा थी।नौकरी करने वाले व्यक्ति का जीपीएफ अकाउंट खोला जाता था।जीपीएफ एकाउंट में कर्मचारी के मूल वेतन का 10 फ़ीसदी कटौती करके जमा किया जाता था।जब वह रिटायर होता था तो उसे जीपीएफ में जमा कुल राशि का भुगतान होता था सरकार की तरफ से आजीवन पेंशन मिलती थी। इसके विपरीत नई पेंशन व्यवस्था (NPS) वर्ष 2004 से लागू हुई न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस)न्यू पेंशन स्कीम एक म्‍यूचुअल फंड की तरह है।ये शेयर मार्केट पर आधारित व्यवस्था है।पुरानी पेंशन की तरह इसमेें पेंशन में हर साल डीए नहीं जोड़ा जाता। कोई गारंटी नहीं है कि कर्मचारी या अधिकारी की आखिरी सैलरी का लगभग आधा ही उसे पेंशन के तौर पर मिले। एनपीएस के तहत जो टोटल अमाउंट है, उसका 40 प्रतिशत शेयर मार्केट में लगाया जाता है। कर्मचारी या अधिकारी जिस दिन वह रिटायर होता है, उस दिन जैसा शेयर मार्केट होगा, उस हिसाब से उसे 60 प्रतिशत राशि मिलेगी. बाकी के 40 प्रतिशत के लिए उसे पेंशन प्लान लेना होगा।पेंशन प्लान के आधार पर उसकी पेंशन निर्धारित होगी।नई व्यवस्था में कर्मचारी का जीपीएफ एकाउंट बंद कर दिया गया है। 

डॉ० पसबोला ने आगे स्पष्ट किया कि विरोध इन बातों पर है

◆1 जनवरी 2004 को जब केंद्र सरकार ने पुरानी व्यवस्था को खत्म कर नई व्यवस्था लागू की. एक बात साफ थी कि अगर राज्य चाहें तो इसे अपने यहां लागू कर सकते हैं. मतलब व्यवस्था स्वैच्छिक थी. उत्तराखंड में इसे 1 अक्टूबर 2005 को लागू कर दिया. पश्चिम बंगाल में आज भी पुरानी व्यवस्था ये लागू है.
◆पुरानी पेंशन व्यवस्था नई व्यवस्था की तरह शेयर बाजार पर आश्रित नहीं है. लिहाजा उसमें जोखिम नहीं था.
◆ न्यू पेंशन स्कीम लागू होने के 14 साल बाद भी यह व्यवस्था अभी तक पटरी पर नहीं आ सकी है.
◆नई स्कीम में कोई गारंटी नहीं है कि कर्मचारी या अधिकारी की आखिरी सैलरी का लगभग आधा ही उसे पेंशन के तौर पर मिले. क्योंकि शेयर बाजार से चीजें तय हो रही हैं.
°◆नई व्यवस्था के तहत 10 प्रतिशत कर्मचारी और 10 प्रतिशत सरकार देती है. लेकिन जो सरकार का 10 प्रतिशत का बजट है, वही पूरा नहीं है.
◆ मान लीजिए उत्तराखण्ड में मौजूदा समय में 2.5 लाख कर्मचारी है. अगर उनकी औसत सैलरी निकाली जाए तो वह 25 हजार के आसपास है. इस हिसाब से कर्मचारी का 2500 रुपए अंशदान है. लेकिन इतना ही अंशदान सरकार को भी करना है. मोटे तौर पर सरकार के ऊपर कई हजार करोड़ का भार आएगा. लेकिन सरकार के पास इसके लिए बजट ही नहीं है।
◆ नई व्यवस्था के तहत मान लीजिए अगर किसी की पेंशन 2000 निर्धारित हो गई तो वह पेंशन उसे आजीवन मिलेगी. उसमें कोई उतार-चढ़ाव नहीं होगा. पुरानी व्यवस्था में ऐसा नहीं था. उसमें हर साल डीए और वेतन आयोग के तहत वृद्धि की सुविधा थी।
◆ विरोध शेयर मार्केट आधारित व्यवस्था को लेकर है. कर्मचारियों का कहना है कि मान लीजिए कि एक कर्मचारी एक लाख रुपये जमा करता है. जिस दिन वह रिटायर होता है उस दिन शेयर मार्केट में उसके एक लाख का मूल्य 10 हजार है तो उसे 6 हजार रुपये मिलेंगे और बाकी 4 हजार में उसे किसी भी बीमा कंपनी से पेंशन स्कीम लेनी होगी. इसमें कोई गारंटी नहीं है।
◆ पहले जो व्यवस्था थी, उसमें नौकरी करने वाले व्यक्ति का जीपीएफ अकाउंट खोला जाता था. उसमें कर्मचारी के मूल वेतन का 10 फ़ीसदी कटौती करके जमा किया जाता था. जब वह रिटायर होता था तो उसे जीपीएफ में जमा कुल राशि का भुगतान होता था और सरकार की तरफ से आजीवन पेंशन मिलती थी. नई व्यवस्था में जीपीएफ अकाउंट बंद कर दिया गया है।

जिला संगठन मंत्री चमोली अवधेश सेमवाल ने कहा कि देश में अन्याय का सबसे बड़ा उदाहरण नयी पेंशन योजना है। न्यू पेंशन स्कीम ( एनपीएस ) कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर घाटे का सौदा बन रही है वर्षों की नौकरी के बाद सेवानिवृत्त होने पर हाथ आ रहे है खाली लिफाफे और कुछ के हाथों में महज 700 से 1100 रुपए की पेंशन । NPS में न्यून पेंशन प्राप्त होने के कारण आर्थिक संकट पैदा हो रहा है। देश भर में करोड़ों सरकारी कर्मचारी आश्रितों सदस्यों के सामने यह दृश्य उपस्थित हो गया है। जीवन के अमूल्य वर्षों को सरकारी सेवा में देने के बाद रिटायर होने पर प्रत्येक सरकारी कर्मचारी के लिए भी यह बेहद अपमानजनक स्थिति है।मंडलीय महासचिव नरेश कुमार भट्ट ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना में शिक्षकों कर्मचारियों,अधिकारियों हेतु व्यवस्थानुसार सेवानिवृत्ति होने पर वेतनानुसार पेंशन तय होh जाती है व उस पर प्रत्येक छह माह में पेंशन वृद्धि व एरियर की व्यवस्था भी निश्चित हो जाती है। नई पेंशन योजना में कर्मचारी-हित को दरकिनार करते हुए बाजार-हित को अग्रणी मानते हुए उपर्युक्त सभी व्यवस्थाओं से वंचित कर दिया जाता है।जोकि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति हो जाती है और वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देख रहे हैं कि कुछ शिक्षकों ,कर्मचारियों,अधिकारियों को 700,1300,1400 ₹ नई पेंशन बन पाई है l
जिलाध्यक्ष टिहरी हिमांशु जगूड़ी ने कहा कि Ops में सब कुछ हमारे हाथ में होता था जबकि nps में बाजार के अधीन ।जैसे कोरोना से सुरक्षा भी हमारे हाथ में और असुरक्षा बाजार में। nps से छुटकारा केलिए हाथ बढ़ाना होगा और कोरोना से बचाव के लिए हाथ धोना होगा। जैसे बुढ़ापे का एक मात्र सहारा ops, वैसे मास्क जरूरी और 2गज की दूरी बस।प्रांतीय प्रेस सचिव डॉ. कमलेश कुमार मिश्र ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था कर्मचारी को उसकी सेवाओं के बतौर संरक्षण प्रदान करती है, नई पेंशन योजना सिर्फ कर्मचारी का शोषण करती है, वर्तमान में कर्मचारी को उसका दशम भाग पेंशन भी प्राप्त नहीं हो पा रही है, जितना उसका मासिक अंशदान है, यह योजना केवल बाजार के लिए लाभकारी है।
कुमाऊं महिला उपाध्यक्ष रेणु डांगला ने कहा कि पेंशन जरूरी ही नहीं, जरूरत भी है।इसके बंद होने से कई वर्षों से सरकारी विभाग के लोग इसका नुकसान वर्तमान में रिटायर होने पर 700-800 आदि के रूप में झेल रहे हैं।अभी कोरोना से जिस तरह हालत के हैं। उसका सबसे ज्यादा असर आर्थिक स्थिति पर पड़ा है। सोचनीय विषय यह है कि अगर आगे भी यही हाल रहे तो हम पर आगे जाने क्या-2 और थोपा जा सकता है और शायद हमारे रिटायरमेंट तक हमारे हाथ 700-800(उदाहरण मात्र) भी न रहे।
जिला उपाध्यक्ष अल्मोड़ा रजनी रावत ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था मे कर्मचारी अपने अंशदान को अपनी आवश्यकता अनुसार बढ़ा व घटा सकता है, यह सुविधा नई पेंशन व्यवस्था मे नहीं है।
जिला देहरादून उपाध्यक्ष (महिला) डॉ० शैलजा रोहिला ने एन पी एस को ऊंट के मुंह में जीरा बताया तो जिला हरिद्वार उपाध्यक्ष (महिला) डॉ० रक्षा रतूड़ी ने एन पी एस को कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया।

यह भी पढ़े


बुधवार, 21 अप्रैल 2021

Congress News : देहरादून कांग्रेस ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए की अरदास , जाने खबर ।।web news।।

कोरोना महामारी से बचाव के लिए कांग्रेस ने अरदास गुरु महाराज जी से की

देहरादून महानगर कॉंग्रेस कमेटी अध्यक्ष लालचन्द शर्मा जी ने आज गुरुद्वारा श्री हरिकृष्ण साहिब पटेल नगर देहरादून में देश के पूर्व प्रधानमंत्री सरदार मनमोहन सिंह , कॉंग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के स्वास्थ्य लाभ व भारत तथा सम्पूर्ण विश्व को कोरोना महामारी से मुक्त करने की अरदास गुरु महाराज जी से की।

सम्पूर्ण विश्व आज कोरोना महामारी की चपेट में है इंसान के बनाये अस्पताल,उपकरण व दवाईया कम पड़ने लगी है सब तरफ त्राही मची है अस्पतालों से लेकर शमशान तक इस संकट से त्रस्त है। लोगो के अंतिम संस्कार तक ठीक से नही हो पा रहे है। 
मानवीय प्रयास से तो इस महामारी से लड़ने के प्रयास जारी है आस्था की शक्ति से भी इस महामारी से मुक्ति की प्रार्थना सम्पूर्ण विश्व मे हो रही है। विश्व मे जब सब शक्तियां किसी महामारी से लड़ने में कम पड़ने लगती है तो परमात्मा की परम शक्ति सदैव मदद करती है।
आज अरदास में गुरुद्वारे के प्रधान हरमिंदर सिंह, पूर्व विधायक राजकुमार,अरुण कुमार शर्मा,रमेश मंगू,पार्षद कोमल वोहरा,रुचि शर्मा,अमृता कौशल,देवेंद्र कोर,सरदार करतार सिंह,जसविंदर सिंह,बलजीत सिंह,चरणप्रीत सिंह,देवेंद्र सिंह,अध्यन,हरप्रीत,गुरजीव सिंह,नरेंद्र सेठी,कुलदीप कोर,जगजीत सिंह उपस्थित रहे ।

Corona update : उत्तराखंड में आज 4807 कोरोना संक्रमित मिले जाने जिलेवार रिपोर्ट ।।web news।।

आज का कोरोना बुलेटिन

उत्तराखंड में 21 अप्रैल 2021 को हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार कोरोना मरीजो की संख्या हुई 134012 आज कुल 4807 नए मामले मिले, वही 104527 मरीज हुए है ठीक जब कि इस कोरोना संक्रमण से 1953 लोगो की मौत भी हुई है, आज प्रदेश में कोरोना से 34 की हुई मौत

◆आज 4807 नये कोरोना के केस आये ।
◆1281 कोरोना केस के साथ देहरादून में सबसे ज्यादा कोरोना केस आये आज।
◆कोरोना संक्रमितों की संख्या 134012 में से 24893 एक्टिव केस है और 104527 ठीक हो चुके है । 
◆उत्तराखंड में लगातार कोरोना का कहर जारी है ,

जिल्लेवार कोरोना पॉजिटिव केस, आज की रिपोर्ट

देहरादून में कोरोना पॉजिटिव केस-1876
हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिव केस-786
उधमसिंह नगर में कोरोना पॉजिटिव केस- 602
नैनीताल में कोरोना पॉजिटिव केस-818
टिहरी में कोरोना पॉजिटिव केस-185
पौड़ी में कोरोना पॉजिटिव केस-217
अल्मोड़ा में कोरोना पॉजिटिव केस-99
उत्तरकाशी में कोरोना पॉजिटिव केस-75
चमोली में कोरोना पॉजिटिव केस- 61
रुद्रप्रयाग में कोरोना पॉजिटिव केस-52
पिथौरागढ़ में कोरोना पॉजिटिव केस -18
चंपावत में कोरोना पॉजिटिव केस 10
बागेश्वर में कोरोना पॉजिटिव केस-08

यह भी पढ़े



एक्शन में सीएम : कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण कर 500 बेड तत्काल बढ़ाने के निर्देश दिए ।।web news।।


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बुधवार को अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम रायपुर, देहरादून में बनाये गये कोविड केयर सेंटर का औचक निरीक्षण किया। अभी इस सेंटर की क्षमता 450 बेड है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार यहाँ 500 बेड तत्काल बढ़ाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोविड केयर सेंटर में ठहरने वाले लोगों के लिए सुरक्षात्मक दृष्टि से फ्री में आवश्यक सामग्री की किट दी जायेगी और भोजन की व्यवस्था की जाये। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि यहां आक्सीजन सपोर्ट बेड रखे जायें तथा गुणवत्ता युक्त भोजन की व्यवस्था की जाये। मुख्यमंत्री ने दून अस्पताल और कोरोनेशन अस्पताल का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कोरोनेशन अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जिलों के अस्पताल में पर्याप्त आक्सीजन है। दवाईयों व अन्य जरूरी उपकरणों की भी पूरी उपलब्धता है।

यह भी पढे

मंगलवार, 20 अप्रैल 2021

Corona update: सायं 07:00 से प्रातः 05:00 बजे तक रात्रि कर्फ्यू,सरकार की ने जारी की नई कोरोना गाइडलाइन , जाने पूरी जानकारी ।।web news।।

उत्तराखंड सरकार की ने जारी की नई कोरोना गाइडलाइन

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रोकथाम के लिए उत्तराखंड सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की गयी है, जिसके अन्तर्गत संपूर्ण राज्य में प्रत्येक रविवार को पूर्णत: कर्फ्यू रहेगा साथ ही सप्ताह के अन्य 6 दिनों में सायं 07:00 से प्रातः 05:00 बजे तक रात्रि कर्फ्यू रहेगा। 

गाइडलाइन के मुख्य बिन्दु हैं

◆ शहरी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली जरूरी और आवश्यक सेवा प्रदाता व्यापारिक प्रतिष्ठानों को छोड़ते हुए अन्य सभी संस्थान प्रत्येक दिन दोपहर 02:00 बजे से बंद किए जाएंगे।
◆राज्य की सीमा में प्रवेश करने वाले बाहरी व्यक्तियों (पर्यटक, श्रद्धालु व अन्य) को उत्तराखंड स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा, जिसके 72 घंटे पूर्व तक की निगेटिव रिपोर्ट के साथ ही उत्तराखंड में प्रवेश कर सकते हैं।
◆उत्तराखंड राज्य के निवासी अन्य राज्यों से राज्य में प्रवेश कर रहे हैं तो उन्हें उत्तराखंड स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा तथा ऐसे व्यक्ति वापसी पर स्वयं को होम क्वॉरेंटाइन करेंगे साथ ही अपने स्वास्थ्य की निरंतर मॉनिटरिंग करेंगे। इस दौरान किसी भी प्रकार की कोविड-19 के लक्षण महसूस होने पर कोविड हेल्पलाइन को संपर्क करेंगे।
◆समस्त धार्मिक, राजनीतिक एवं सामाजिक आयोजनों तथा विवाह इत्यादि में अनुमत व्यक्तियों की संख्या 100 से अधिक नहीं होगी।
◆सार्वजनिक वाहन (बस, विक्रम, आटो आदि) 50 फीसद यात्री क्षमता के साथ संचालित होंगे।
◆प्रदेश के सभी स्वीमिंग पूल, जिम और स्पा पूरी तरह बंद रहेंगे।
◆सिनेमा हाल व रेस्टोरेंट 50 फीसद क्षमता के साथ संचालित होंगे


आज का कोरोना अपडेट

Corona update : उत्तराखंड में आज 3012 कोरोना संक्रमित मिले जाने जिलेवार रिपोर्ट ।।web news।।


आज का कोरोना बुलेटिन

उत्तराखंड में 20 अप्रैल 2021 को हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार कोरोना मरीजो की संख्या हुई 129205 आज कुल 3012 नए मामले मिले, वही 103633 मरीज हुए है ठीक जब कि इस कोरोना संक्रमण से 1919 लोगो की मौत भी हुई है, आज प्रदेश में कोरोना से 27 की हुई मौत

◆आज 3012 नये कोरोना के केस आये ।
◆1281 कोरोना केस के साथ देहरादून में सबसे ज्यादा कोरोना केस आये आज।
◆कोरोना संक्रमितों की संख्या 129205 में से 21014 एक्टिव केस है और 103633 ठीक हो चुके है । 
◆उत्तराखंड में लगातार कोरोना का कहर जारी है ,

जिल्लेवार कोरोना पॉजिटिव केस, आज की रिपोर्ट
देहरादून में कोरोना पॉजिटिव केस-999
हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिव केस-796
उधमसिंह नगर में कोरोना पॉजिटिव केस- 565
नैनीताल में कोरोना पॉजिटिव केस-258
टिहरी में कोरोना पॉजिटिव केस-137
पौड़ी में कोरोना पॉजिटिव केस-80
अल्मोड़ा में कोरोना पॉजिटिव केस-66
चंपावत में कोरोना पॉजिटिव केस 28
पिथौरागढ़ में कोरोना पॉजिटिव केस -28
चमोली में कोरोना पॉजिटिव केस- 24
बागेश्वर में कोरोना पॉजिटिव केस-13
रुद्रप्रयाग में कोरोना पॉजिटिव केस-12
उत्तरकाशी में कोरोना पॉजिटिव केस-06

यह भी पढे



सोमवार, 19 अप्रैल 2021

जाड़ी संस्था की टीम गढ़ भोज और बीज बम अभियान को सरकारी समर्थन के लिए मुख्यमंत्री से मिली ।।web news।।

गढ़ भोज को मिड डे मील व हर वर्ष 9 जुलाई से 15 जुलाई तक बीज बम अभियान को सरकारी स्तर पर मनाने की जाड़ी संस्था से की माँग ।

उत्तराखंड के पारम्परिक भोजन को पहचान व थाली का हिस्सा बनाने के लिये चलाये जा रहे गढ़भोज अभियान व मानव व वन्यजीवों के बीच बढे संघर्ष को कम करने के लिये चलाये जा रहे बीज बम अभियान को सरकारी योजनाओं में शामिल करने के सन्दर्भ मे आज यमनोत्री विधायक केदार सिंह रावत के नेतृत्व में गढ़ भोज अभियान की टीम ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की। टीम के द्वारा मुख्यमंत्री को हिमालय पर्यावरण जड़ी बुटी एग्रो संस्थान जाड़ी के द्वारा मनाये जा रहे गढ़ भोज वर्ष 2021 व बीज बम अभियान के बारे मे जानकारी दी गई । 

संस्थान के द्वारा सरकार से गढ़ भोज को सप्ताह के एक दिन मिड डे मील एवं समस्त सरकारी गैर-सरकारी कैन्टीनो मे शुरू करने की माँग की गई इसके साथ ही हर वर्ष 9 जुलाई से 15 जुलाई तक मनाये जाने वाले बीज बम अभियान को सरकारी स्तर पर मनाने की माँग की। इस पर मुख्यमंत्री ने सकारत्मक आश्वासन दिया। मुलाकात के दौरान यमनोत्री विधायक गोपाल रावत ने कहा की संस्थान द्वारा चलाये जा रहे गढ़ भोज अभियान व बीज बम अभियान दोनो ही उत्तराखण्ड के आम जनमानस, खेती, स्वास्थ्य, आर्थिकी सुधारने के हित मे है।
जाड़ी संस्था के द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने मुख्यमंत्री जी को कमद से कुश कल्याण सहस्रताल ट्रेक को ट्रेक आफ द ईयर में शामिल करवाने की घोषणा के बारे मे जानकारी दी गई अनुरोध किया गया की उस ट्रेक को ट्रेक आफ द ईयर मे शामिल किया जाये ।

यह भी पढे

आज की अन्य खबरें


वैक्सीन ब्रेकिंग : 1 मई से 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी लोग कोरोना वैक्सीन लगा सकेंगे ।।web news।।

1 मई से कोरोना वैक्सीनेशन फेज-3 में 18 वर्ष से ज्यादा सबके लिए वैक्सीन

कोरोना की दूसरी लहर में बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने वैक्सीनेशन पर बड़ा ऐलान किया है । 1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोग वैक्सीन लगवा सकेंगे । सरकार ने यह भी फैसला भी लिया है कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अपनी 50% सप्लाई केंद्र को करेंगी। बाकी 50% सप्लाई वे राज्य सरकारों को दे सकेंगी या उसे ओपन मार्केट में बेच सकेंगी। वैक्सीनेशन के लिए कोविड के जरिए रजिस्ट्रेशन पहले की तरह जरूरी रहेगा।

पीएम नरेंद्र मोदी की देश के शीर्ष डॉक्टरों के साथ विचार विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार पिछले एक साल से प्रयास कर रही है कि देश में ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को कम से कम समय में वैक्सीन दी जा सके। इस मीटिंग में घरेलू कंपनियों को वैक्सीन के अधिक उत्पादन के लिए प्रेरित करने की बात कही गई है। इसके अलावा अन्य भारतीय और विदेशी वैक्सीन्स को भी मंजूरी देने की बात शामिल है। 
अब तक 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को देशभर में कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही थी। देशभर में 12.38 करोड़ लोग वैक्सीन का पहला या दूसरा डोज ले चुके हैं। सरकार की ओर से सोमवार शाम को जारी आदेश के मुताबिक, नई पॉलिसी 1 मई 2021 से लागू की जाएगी और इसे जरूरत के मुताबिक रिव्यू भी किया जाएगा।

Corona update : उत्तराखंड में आज 2160 कोरोना संक्रमित मिले जाने जिलेवार रिपोर्ट ।।web news।।

आज का कोरोना बुलेटिन

उत्तराखंड में 19 अप्रैल 2021 को हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार कोरोना मरीजो की संख्या हुई 126193 आज कुल 2160 नए मामले मिले, वही 102899 मरीज हुए है ठीक जब कि इस कोरोना संक्रमण से 1893 लोगो की मौत भी हुई है, आज प्रदेश में कोरोना से 24 की हुई मौत

◆आज 2160 नये कोरोना के केस आये ।
◆1281 कोरोना केस के साथ देहरादून में सबसे ज्यादा कोरोना केस आये आज।
◆कोरोना संक्रमितों की संख्या 126193 में से 18864 एक्टिव केस है और 102899 ठीक हो चुके है । 
◆उत्तराखंड में लगातार कोरोना का कहर जारी है ,

जिल्लेवार कोरोना पॉजिटिव केस, आज की रिपोर्ट

देहरादून में कोरोना पॉजिटिव केस-649
हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिव केस-461
नैनीताल में कोरोना पॉजिटिव केस-322
उधमसिंह नगर में कोरोना पॉजिटिव केस- 224
पौड़ी में कोरोना पॉजिटिव केस-114
टिहरी में कोरोना पॉजिटिव केस-142
उत्तरकाशी में कोरोना पॉजिटिव केस-89
अल्मोड़ा में कोरोना पॉजिटिव केस-79
रुद्रप्रयाग में कोरोना पॉजिटिव केस-32
चमोली में कोरोना पॉजिटिव केस- 22
चंपावत में कोरोना पॉजिटिव केस 15
बागेश्वर में कोरोना पॉजिटिव केस-07
पिथौरागढ़ में कोरोना पॉजिटिव केस -04

यह भी पढे 




NAPSR ने स्कूल की मनमानियों के खिलाफ थाने मे तहरीर दी , जाने खबर ।।web news।।

सीएसटी विद्यालय प्रिंसिपल के विरूद्ध अभिभावकों ने दी कोतवाली विकास नगर मे तहरीर ।


देहरादून ।।विकास नगर आज सीएसटी हरबर्टपुर के प्रिंसिपल के द्वारा छात्रों को सीबीएससी के नियम को नजर अंदाज करते हुए फेल किये जाने को लेकर एनएपीएसआर के पछवादून अध्यक्ष अरविंद शर्मा के नेतृत्व मे कोतवाली विकास नगर मे एस आई 
को तहरीर सौंपी । अपनी तरह का यह पहला मामला है जब स्कूल की मनमानियों के खिलाफ थाने मे तहरीर दी है । ज्ञात हो कि सीएसटी के प्रिंसिपल की मनमानियों को लेकर अभिभावक काफी समय से लेकर संघर्स कर रहे हैं । एनएपीएसआर के पछवादून अध्यक्ष अरविंद शर्मा ने बताया कि सीएसटी विद्यालय मे कक्षा 11वीं के 15 छात्र/छात्राओं को स्कूल प्रिंसिपल द्वारा द्वेषपूर्ण तरीके से नियमविरुद्ध फेल कर दिया था । इस बाबत जब स्कूल प्रिंसिपल से सम्पर्क साधा कर कॉपी जांच की बात की गई तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया और अधिकांश बच्चे दो सब्जेक्ट मे फेल किये गए हैं जबकि CBSE के नियमानुसार प्रावधान है कि दो सब्जेक्ट मे फेल होने वाले बच्चों की कम्पार्टमेंट होती है किंतु उन्होंने सभी बातों और नियमो को मानने से इनकार करते हुए यह कहकर स्कूल से बाहर कर दिया कि यहां का प्रिंसिपल मै हूँ और यहां मेरी चलेगी मै किसी भी नियम व कानून को नही मानता हूं । और अपने चहेते छात्रों को प्रमोट कर अगली कक्षा मे भेज दिया किन्तु अब 09 छात्रों के भविष्य से सिर्फ अपनी जिद के कारण खेल रहे हैं । जिसकी शिकायत हमने उपजिलाधिकारी महोदय व खण्ड शिक्षा अधिकारी महोदय से भी करी है । जिसकी छायाप्रति व CBSE की गाइडलाइंस की छायाप्रति संलग्न है । किन्तु चूंकि अब स्कूल बंद होने की कगार पर हैं और बच्चों का साल सिर्फ एक प्रिंसिपल की जिद के कारण खराब हो रहा है और हमारा बच्चा डिप्रेशन मे जा रहा है और यदि हमारे बच्चे ने कल को डिप्रेशन मे आकर कुछ कर लिया तो उसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी स्कूल प्रिंसिपल की होगी । चूंकि पिछले वर्ष सभी बच्चे शिक्षा से वंचित रहे हैं और ऑनलाइन शिक्षा पर ही निर्भर रहे हैं तो ऐसे मे अन्य विद्यालयों द्वारा सभी बच्चों को प्रमोट कर दिया गया है और सरकार ने भी 10वीं तक के बच्चों को पास कर दिया है । और शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009/2010/2011, NCPCR व CBSE के नियमानुसार व आदेशानुसार बच्चों को शिक्षा से वंचित नही किया जा सकता है ।

यह भी पढ़े


आज की अन्य प्रमुख खबरें