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बुधवार, 8 जुलाई 2020

Beautiful memories : बारिश की भेंट चढ़ा अल्मोड़ा की खूबसूरती का प्रतीक बोगनविलिया का खूबसूरत पेड़।। web news ।।


अल्मोड़ा के देवदार पर लिपटे बोगनविलिया की बेल अब स्मृतियों में ही रह गयी

आज की बारिश एक ऐसी घटना घटा गयी जो सालों साल से अल्मोड़ा शहर की खूबसूरती का गवाह बने देवदार पर लिपटे बोगनविलिया की बेल का अंत कर गयी साथ ही बारिश की भेंट चढ़े इन पेड़ों की प्रेम कहानी जो सालों साल से प्रेम का पाठ पढ़ा रहे थे , अल्मोड़ा वासी यह घटना सुनकर भावुक हुए इन पेड़ों से जुड़ी स्मृतियां, फ़ोटो सोशल मीडिया में शेयर की ।

100 साल पुराने दो पेड़ों की अमर प्रेम कहानी अब यादों में ही रह गयी

आज हम बात करेंगे एक अनूठी प्रेम कहानी है जो इंसानों की न होकर दो पेड़ों की है जो लगभग 100 सालों से अल्मोड़ा की माल रोड में चल रही थी जो आज बारिश की भेंट चढ़ गयी । अल्मोड़ा शहर के मुख्य आकर्षण बोगनविलिया और देवदार के पेड़ों की जो ोविंद वल्लभ पंत पार्क , माल रोड अल्मोड़ में बड़े पोस्ट आफिस के पास स्थित हैं और अपने आकर्षण से किसी को भी आकर्षित कर लेते थे । अगर किसी की भी नजर इन पर पड़ गई तो उसकी के चाल खुद ब खुद रुक जाते हैं और इनकी खूबसूरती का दीदार करने लग जाते ।

बोगनविलिया का पेड़(बेल) और देवदार का पेड़ एक दूसरे के पास पास थे, बोगनविलिया का पेड़(बेल) और देवदार के पेड़ से इस तरह से लिपटे थे मानो कभी न जुदा होने की कसमें खायी हों, जब जब इसमें फूल आते थे तो पूरा का पूरा देवदार का पेड़ बोगनविलिया के बैगनी फूलों से खिल उठता है और एक ऐसा दृश्य प्रस्तुत करता है जो माल रोड से गुजरने वाले हर व्यक्ति पर प्रकृति के प्रेम की खूबसूरत छाप छोड़ देता था ।



सुपर ट्री लोगों में सेल्पी पॉइंट के रूप में प्रचलित हो रहा था


डिजिटल होती दुनिया में सबसे अलग और अपडेट दिखने की होड़ में अल्मोड़ा में आने वाले पर्यटक हो, आस पास गांव के लोग हो चाहे अल्मोड़ा के स्थानीय लोग हो सभी इस पेड़ के साथ अपनी यादें संजोने के लिए सेल्पी लेना नही भूलते थे साथ पेड़ की छावं में सुनुक भरे पल गुजारते थे जो अब नही हो सकेगा।


जाने बोगनविलिया के बारे

कम देखरेख करके अपनी बगीचे को यदि सुन्दर और रंगीन बनाना चाहते है तो ये एक आदर्श पौधा है
बोगेनवेलिया के अलाबा इसे कुछ जगह पर कागज के फूल के नाम से भी जाना जाता है ।

यह एक बेल प्रजाति के पौधा है  पूरी दुनिया में इसके करीब 20 तरीके की प्रजातियां पायी जाती है जिनमे लगभग 300 से भी ज्यादा किस्म के पौधे देखने को मिलते है  यह लम्बाई में 2 फुट से लेकर करीब 40 फुट तक बढ़ते है यह किसीभी प्रकार के मिटटी और जलबायु में जिन्दा रहते हैं इनके ज्यादातर प्रजातियों के पौधे में नुकीले कांटे होते है , बोगेनवेलिया का बहुत सुन्दर बोन्साई भी बनता है इसीलिए बोन्साई प्रेमियों के लिए यह एक पसंदीदा पौधा है ।इसमें करीब बारो महीने  फूल होते है , इनमे अनेको रंगो के बहुत सारे फूल एक साथ खिलते है , पूरा पौधा हराभरा हो जाता है तब बहुत ही सुंदर दिखता है तब यह पौधा आपको आसानी से किसी भी नर्सरी से  मिल जायेगा , इस बेल की कटिंग और ग्राफ्टिंग से आसानी से छोटे पौधे बनाये जा सकते है ।


रोचक जानकारी बोगनविलिया के फूलों की

एक रोचक जानकारी जिसे हम बोगेनवेलिया के फूल के रूप में जानते है दरअसल वो असल फूल को संरक्षित करने वाली पंखुरी होती है , असली फूल तो उनके बीच मे रहने बाले सफ़ेद व पिले रंग के छोटे वृत्त होते है , अजीब है , है न  ?
बोगनविलिया के वास्तविक फूल छोटे और आम तौर पर सफेद है, लेकिन तीन फूलों की प्रत्येक क्लस्टर गुलाबी, मैजेंटा, बैंगनी, लाल, नारंगी, सफेद या पीले रंग सहित संयंत्र, के साथ जुड़े चमकीले रंग के साथ तीन या छह ब्रेस्ट्स से घिरा हुआ है। ब्रेस्ट्स पतली और काग़ज़ी हैं क्योंकि बोगनवेलिया ग्लेब्रा कभी कभी "कागज के फूल" के रूप में जाना जाता है।

मंगलवार, 7 जुलाई 2020

हैप्पी बर्थडे धोनी : क्रिकेट जगत की हस्तियों ने अपने अंदाज में दी माही को जन्म दिन की शुभकामनाएं ।।web news।।


आज महेंद्र सिंह धोनी का 39 वां जन्मदिन, क्रिकेट जगत की हस्तियां कर रही है कैप्टन कूल को बर्थडे विश ।

क्रिकेट लीजेंड महेंद्र सिंह धोनी आज अपना 39 वां जन्मदिन मना रहे हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के सफल पूर्व कप्तान को आज देश भर से शुभकामनाएं मिल रही हैं। क्रिकेट जगत की हस्तियों ने भी माही को सोशल मीडिया के जरिये मुबारकबाद दी है।

हार्दिक पांड्या ने तीन तस्वीरें ट्वीट करते हुए कैप्शन में लिखा-"चिट्टू की तरफ से मेरे बिट्टू को जन्मदिन की शुभकामनाएं। मेरे दोस्त जिन्होंने मुझे बेहतर इंसान बनना सिखाया और हर बुरे वक़्त में मेरे साथ खड़े रहे।"



वीरेंद्र सहवाग ने लिखा-"एक बार एक पीढ़ी में, एक ऐसा खिलाड़ी आता है जिसके साथ पूरा देश जुड़ता है, उसे अपने परिवार का सदस्य मानता है, कुछ बहुत अपना सा लगता है। एक ऐसे शख्स को जन्मदिन मुबारक हो जो अपने कई प्रशंसकों के लिए दुनिया है।"



विराट कोहली लिखते हैं-"जन्मदिन की शुभकामनाएं माही भाई। हमेशा आपके अच्छे स्वास्थ्य और खुशी की कामना करते हैं। भगवान आपका भला करे।"







धोनी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ कप्तान माने जाते हैं। धोनी ICC (वर्ल्ड T20 2007, ICC टेस्ट मेस 2009, विश्व कप 2011, और चैंपियंस ट्रॉफी 2013) के सभी फॉर्मेट बड़े टूर्नामेंट जीतने वाले इकलौते कप्तान हैं। उनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने 2010 और 2016 में एशिया कप जीत हासिल की।

धोनी को आखिरी बार पिछले साल जुलाई में विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलते देखा गया था, जहां उन्होंने 72 गेंदों में 50 रन की तूफानी पारी खेली थी। माही इस साल आईपीएल में खेलते नजर आते लेकिन लॉकडाउन के चलते सभी स्पोर्ट्स टूर्नामेंट्स रद्द हो गए हैं। वह तीन बार विजेता रह चुकी टीम चेन्नई सुपर किंग्स का नेतृत्व करते हैं। 

सोमवार, 6 जुलाई 2020

Corona update : उत्तराखंड में कोरोना वायरस के 3161 मामले, जाने आपके जिले में कितने अभी तक कितने केस आए ।।web news।।


आज 37 नये कोरोना के केस आये

758 कोरोना केस के साथ देहरादून सबसे ज्यादा कोरोना केस वाला जिला ।

उत्तराखंड में लगातार कोरोना का कहर जारी है , आज 37 नए कोरोना मरीज सामने आने के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3161 पहुंची गयी है। स्वस्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए अभी अभी के हेल्थ बुलेटिन में इसकी जानकारी दी गई है।

जिल्लेवार कोरोना पॉजिटिव केस की रिपोर्ट

अल्मोड़ा में कोरोना पॉजिटिव केस-196
बागेश्वर में कोरोना पॉजिटिव केस-93
चमोली में कोरोना पॉजिटिव केस- 76
चंपावत में कोरोना पॉजिटिव केस-59
देहरादून में कोरोना पॉजिटिव केस- 758
हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिव केस-324
नैनीताल में कोरोना पॉजिटिव केस-541
पौड़ी में कोरोना पॉजिटिव केस-146
पिथौरागढ़ में कोरोना पॉजिटिव केस - 67
रुद्रप्रयाग में कोरोना पॉजिटिव केस-68
टिहरी में कोरोना पॉजिटिव केस-421
उधमसिंह नगर में कोरोना पॉजिटिव केस- 330 उत्तरकाशी में कोरोना पॉजिटिव केस-84

जन्म दिन विशेष : विश्व शांति दूत दलाई लामा से घबराता ड्रैगन , ।।web news।।


एक नजर दलाई लामा , तिब्बत और भारत के आध्यत्मिक और वास्तविक रिश्ते पर


web news एडिटर डेस्क ।। आज दलाई लामा का 85वां जन्मदिवस है । 14वें दलाई लामा का जन्म 6 जुलाई 1935 को हुआ था। बचपन से वे तिब्बतियों की परेशानियों को समझने लगे थे साथ ही इसके लिए वे चीन के खिलाफ आवाज उठाने लगे । भारत ने दलाई लामा को तब शरण दी थी, जब वह मात्र 23 वर्ष के थे । दलाई लामा को मुख्य रूप से शिक्षक के तौर पर देखा जाता है क्योंकि लामा का मतलब गुरु होता है। दलाई लामा अपने लोगों को सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

अपने जन्मदिन के अवसर पर दलाई लामा ने ट्विटर पर अमेरिकन भौतिक विज्ञानी डेविड बोह्म के बारे में स्पेशल ऑनलाइन स्क्रीनिंग की योजना का ऐलान किया है, जिन्हें तिब्बती धर्मगुरु अपने साइंस के गुरुओं में से एक मानते हैं। बता दें कि रविवार को दलाई लामा ने जन्मदिन के एक दिन पहले ताइवान में आयोजित समारोहों के दौरान जनरल टीचिंग ऑन माइंड की ट्रेनिंग भी दी।



चीन के अत्याचार से परेशान होकर दलाईलामा ने भारत में ली शरण

13वें दलाई लामा ने 1912 में तिब्बत को चीन से स्वतंत्र घोषित कर दिया था और इस वजह से सन 1950 में चीन ने तिब्बत पर आक्रमण कर दिया और यह तब हुआ जब वहां 14वें दलाई लामा के चुनने की प्रक्रिया चल रही थी। तिब्बत को इस लड़ाई में हार का सामना करना पड़ा। कुछ सालों बाद तिब्बत के लोगों ने चीनी शासन के खिलाफ विद्रोह कर दिया और अपनी आजादी की मांग करने लगे। विद्रोहियों को इसमें सफलता नहीं मिली। दलाई लामा को लगा कि वह चीन के जाल में बुरी तरह से फंस जाएंगे तो सन 1959 में उन्होंने भारत में शरण ली। दलाई लामा के साथ भारी संख्या में तिब्बती भी भारत आए थे।  भारत में निर्वासन में रह रहे तिब्बतियों की संख्या 80,000 से अधिक है और सभी हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के हिमालयी शहर में निर्वासन में रहने लगे।

आखिर दलाईलामा के नाम भर से क्यों बढ़ जाती है चीन की बेचैनी

भारत द्वारा दलाई लामा को शरण देना चीन को अच्छा नहीं लगा और उसे डर बना रहा कि दलाईलामा उसके तानाशाही और क्रूरता के बारे में दुनिया को न बता दे। दलाईलामा अक्सर तिब्बत की स्वतंत्रता की बात करते हैं जो कि चीन को हमेशा से नागवार गुजरा है ।

भारत और तिब्बत का धार्मिक रिश्ता

भारत-चीन संघर्ष के दौर में तिब्बत को नहीं भूलना चाहिए । भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश मानसरोवर चीन का तिब्बत पर कब्जे के कारण ही आज चीन के पास है । तिब्बत आध्यात्मिक-सांस्कृतिक वृहत भारत का अंग था कभी। जब तक तिब्बत से भारत की सीमा लगी रही, भारत सुरक्षित रहा। चीन द्वारा इस सीमा का अतिक्रमण करते ही भारत की सीमाएं रण-क्षेत्र बन गयीं।

रविवार, 5 जुलाई 2020

Corona Update : कोरोना का बेस्ट मॉडल बना 'टिहरी माॅडल' 420 में से 415 कोरोना केस हुए ठीक ।।web news।।


मंगेश घिल्डियाल है कोरोना काल के सर्वश्रेष्ठ कोरोना वरियर्स

जिलाधिकारी टिहरी मंगेश घिल्डियाल आपनी अनूठी कार्यशैली के लिये जाने जाते है जिस भी जिले को अपनी सेवाएं देते है उस जिले के आम जनमानस में अपनी छाप छोड़ देते है , कुछ दिन पहले जिला रुद्रप्रयाग से टिहरी जिले के जिलाधिकारी बने मंगेश अपनी कार्य दक्षता से टिहरी जिले को 100% कोरोना मुक्त बनाने की ओर अग्रसर है ।

420 में से 415 कोरोना मरीज हुए ठीक

अभी तक टिहरी जिले में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 420 में से 415 कोरोना नेगिटिव हो चुके है , यह आंकड़ा कोरोना से दृढ़ ईच्छा शक्ति के साथ साथ सटीक रणनीति को जाता है जिसका नेतृत्व जिलाधिकारी मंगेश न किया ।

जिलाधिकारी मंगेश की कोरोना वरियर्स टीम

कोरोना से निपटने में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के साथ साथ डाॅक्टर, फार्मासिस्ट, नर्सिंग ऑफिसर, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस प्रशासन, आशा, आंगनबाडी, ग्राम प्रधान, स्वयं सेवी संस्था के सदस्यों एवं आम जन मानस सहित सभी कोरोना वाॅरियर और कर्मियों की सामूहिक मेहनत धरातल पर दिख रही है ।

देश के हर जिले का मॉ0डल होना चाहिए 'टिहरी मॉडल'

'टिहरी मॉडल' को 'देश का मॉडल' का सर्वश्रेष्ठ मॉडल बना जिसका नेतृत्व जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ।
कोरोना से लड़ रहे देश के सभी जिल्लों में टिहरी जिले जैसी ठोस रणनीति बनानी चाहिए जिससे हमें कोरोना की जंग जीतने में सफलता मिलेगी ।

शनिवार, 4 जुलाई 2020

Police VC : पुलिस मुख्यालय में डीजीपी और डीजी ने की वीसी , पढे पूरी खबर ।।web news।।



पुलिस मुख्यालय में डीजीपी और डीजी ने की वीसी


डीजीपी अनिल के0 रतूड़ी, द्वारा समस्त जनपद प्रभारियों, सेनानायकों एवं परिक्षेत्र प्रभारियों के साथ पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से कोरोना काल में पुलिस के मानवीय एवं सराहनीय कार्यों की प्रशंसा की गयी। तथा चारधाम, कांवड यात्रा व अनलॉक के विषय में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।

डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार द्वारा अनलॉक-2 के नियम एवं निर्देशों को सभी जनपद प्रभारियों को समझाते हुए इनका पालन कराने हेतु निर्देशित किया गया। जिससे आमजनमानस को अनावश्य कोई समस्या न हो।

वीडियो कान्फ्रेसिंग में जनपद प्रभारियों, सेनानायकों एवं परिक्षेत्र प्रभारियों को दिशा-निर्देश जारी किये गये-


◆जनपद प्रभारी यह सुनिश्चित करें की अपने-अपने जनपद में थाना स्तर पर मीटिंग कर अनलॉक 2 की नयी गाईडलाईन के सम्बन्ध में सभी पुलिस बल को ब्रीफ करें। जिससे अनलॉक 2 के गाईडलाईन का सही से अनुपालन किया जा सके।
◆ कोरोना काल को देखते हुए, काँवड मेला स्तगित होने के कारण हरिद्वार, देहरादून एवं पौड़ी जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि कोई भी काँवडिया किसी भी स्थिति में हरिद्वार न आये।
◆चारधाम यात्रा उत्तराखण्ड की जनता के लिए खोल दिये गये हैं। जिन जनपदों में चारधाम स्थित हैं उनके प्रभारी यात्रा सम्बन्धी जारी किये गये दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करायें।
◆ कानपुर और तमिलनाडु जैसी घटनाओं के सम्बन्ध में सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये। जिससे ऐसी घटना उत्तराखण्ड मे न होने पाये।

शुक्रवार, 3 जुलाई 2020

Breaking News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे लेह, पढे पूरी खबर ।।Web News।।



PM नरेंद्र मोदी का अचानक लेह दौरा।

आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का लेह-लद्धाख का दौरा था जो कल ही कैंसिल हो गया था इसी बीच सुबह सुबह लेह पहुँचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबको चौंका दिया, सुरक्षा दृष्टि एवं सीमा पर तनातनी के बीच प्रधानमंत्री जा यह दौरा अहम माना जा रहा है ।

LAC विवाद के बीच सुबह 7 बजे लेह पहुंचे, जवानों से मिल रहे है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इस अहम दौरे में 14 कोर के अधिकारियों से बातचीत कर सकते है साथ ही गलवान घाटी में घयल जवानो से मिलने के कयास लगाए जा रहे है ।

लेह के अचानक इस अहम माने जा रहे जा दौरे में CDS बिपिन रावत भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है, सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे है CDS बिपिन रावत और PM प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ।

तनाव के वक़्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लेह यात्रा चीन को एक सीधा और सख्त सन्देश है कि वो भारत को कमजोर समझने की भूल न करे । पिछले दिनों ही भारत सरकार 59 चाइनीज ऐप्स को बैन किया है जिसपर चीनी मीडिया में काफी तीखी प्रतिक्रिया आई है । हालाँकि पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान गलवान घाटी जाने की संभावना बेहद कम है क्योंकि गलवान की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी नहीं है कि पीएम मोदी सीधे वहां जा कर लैंड कर सके वो काफी ऊंचाई वाला इलाका है ।

गुरुवार, 2 जुलाई 2020

Corona update : उत्तराखंड में कोरोना वायरस के 2984 मामले, जाने आपके जिले में कितने अभी तक कितने केस आए ।।web news।।



आज 37 नये कोरोना के केस आये

622 कोरोना केस के साथ देहरादून सबसे ज्यादा कोरोना केस वाला जिला ।

उत्तराखंड में लगातार कोरोना का कहर जारी है , आज 37 नए कोरोना मरीज सामने आने के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2984 पहुंची गयी है। स्वस्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए अभी अभी के हेल्थ बुलेटिन में इसकी जानकारी दी गई है।

जिल्लेवार कोरोना पॉजिटिव केस की रिपोर्ट

अल्मोड़ा में कोरोना पॉजिटिव केस-182
बागेश्वर में कोरोना पॉजिटिव केस-83
चमोली में कोरोना पॉजिटिव केस- 74
चंपावत में कोरोना पॉजिटिव केस-57
देहरादून में कोरोना पॉजिटिव केस- 713
हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिव केस-315
नैनीताल में कोरोना पॉजिटिव केस-513
पौड़ी में कोरोना पॉजिटिव केस-143
पिथौरागढ़ में कोरोना पॉजिटिव केस - 66
रुद्रप्रयाग में कोरोना पॉजिटिव केस-66
टिहरी में कोरोना पॉजिटिव केस-420
उधमसिंह नगर में कोरोना पॉजिटिव केस- 277 उत्तरकाशी में कोरोना पॉजिटिव केस-75

बुधवार, 1 जुलाई 2020

Chardham yantra : आज से चार धाम यात्रा की नई गाइडलाइन, पढे पूरी गाइडलाइन।।web news।।


उत्तराखण्ड राज्य निवासी चारधाम व मन्दिरों के दर्शन करने के लिए उत्तराखण्ड शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन कर यात्रा कर सकते है

श्रृद्धालु निम्न शर्तों के अधीन यात्रा कर सकेंगे।

1. कन्टेंमेन्ट जोन व बफर जोन में निवासरत व्यक्ति को चार धाम यात्रा की अनुमित नहीं।
2. उत्तराखंड के निवासरत व्यक्ति द्वारा, यदि राज्य के बाहर से आवागमन किया गया हो तो 8 जून को जारी आदेश में लिखित क्वारन्टीन से सम्बन्धित सभी शर्तों का अनुपालन करने के पश्चात ही धाम क्षेत्र में यात्रा कर पायेंगे।
3. यात्रा के लिए वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा व प्रतिबंधित समय में यात्रा नहीं करेंगे।
4. यात्रा से पूर्व http://badrinath-kedarnath.gov.in वेबसाईट पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसमें यात्रा का विवरण व राज्य में निवासरत होने का प्रमाण. फोटो आईडी सहित अपलोड करना होगा। इसके पश्चात Auto-generated e-Pass के साथ ही उत्तराखण्ड स्थित निवास स्थान का प्रमाण साथ रखना अनिवार्य होगा। जिसके आधार पर धाम क्षेत्र में प्रवेश हो पायेगा।
5. अपरिहार्य स्थिति जैसे- आपदा, मेडिकल एमरजेंसी ( स्थानीय प्रशासन की अनुमति) आदि को छोड़कर धाम क्षेत्र में अधिकतम एक रात्रि ही रुका जा सकता है।
6. COVID-19/Flu के लक्षण वाले व्यक्ति ,65 वर्ष से अधिक के व्यक्ति व 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे व co-morbidities के मरीज यात्रा नहीं करेंगे।
7. यात्रा के दौरान पूर्व में COVID-19 से सम्बन्धित जारी सुरक्षा व बचाव सम्बन्धी सभी SOP’s का पालन करना अनिवार्य होगा।

E- ग्रंथालय : मुख्यमंत्री ने किया राज्य के शासकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में ‘‘ई-ग्रंथालय’’ का शुभारम्भ किया,।।web news।।


उत्तराखण्ड में 35 लाख पुस्तको वाले ई-ग्रंथालय का शुभारम्भ ।

आज सचिवालय परिसर में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य के शासकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में ‘‘ई-ग्रंथालय’’ का शुभारम्भ किया। प्रदेश के 05 विश्वविद्यालय एवं 104 महाविद्यालय ई-ग्रंथालय से जुड़ चुके हैं। ई-ग्रंथालय से लाइब्रेरी का मैनेजमेंट सिस्टम डिजिटल प्रारूप पर होगा। इससे शिक्षकों, विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को शिक्षण कार्य में काफी सुगमता होगी।

हाईलाइट्स

◆ ई-ग्रंथालय में 35 लाख पुस्तकें उपलब्ध होंगी ।
◆ ई-ग्रंथालय से 05 विश्वविद्यालय एवं 104 महाविद्यालय ई-ग्रंथालय से जुड़ चुके हैं।
◆ ई-ग्रंथालय का मैनेजमेंट सिस्टम डिजिटल प्रारूप पर होगा
◆ई-ग्रंथालय के माध्यम से विद्यार्थियों को सभी पुस्तकों का अध्ययन करने में सरलता होगी ।

ई-ग्रन्थालय से 35 लाख पुस्तकें ऑनलाईन उपलब्ध

सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को एक पोर्टल से जोड़ा जा रहा है। यदि किसी विश्वविद्यालय या महाविद्यालय में कोई पुस्तक उपलब्ध न हो तो, इनके एक ही पोर्टल पर जुड़ने से ई-ग्रन्थालय के माध्यम से विद्यार्थियों सभी पुस्तकों का अध्ययन करने में सरलता रहेगी। ई-ग्रन्थालय के माध्यम से विद्यार्थियों को 35 लाख पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं। जिससे ढाई लाख से अधिक छात्र-छात्राएं इससे जुड़ेगे।

कृषि व बागवानी पर डाक्यूमेंट्री भी उपलब्ध हो

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस शिक्षा सत्र में विद्यार्थियों के लिए ई-ग्रंथालय बड़ी सौगात है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ई-ग्रंथालय के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की पिछले 10 वर्षों का क्वेशन बैंक भी उपलब्ध कराया जाय। जिससे उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अच्छा आधार मिल सके। यह समय विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि, बागवानी और अन्य क्षेत्रों की बच्चों को अच्छी जानकारी प्राप्त हो सके, इसके लिए डोक्यूमेंटरी बनाई जाय। मैदानी जनपदों में लोगों को कृषि एवं बागवानी की अच्छी जानकारी होती है, लेकिन पर्वतीय जनपदों में हमें इस दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई। इससे लोगों को कैसे अधिक से अधिक फायदा हो सकते है, इस पर भी और प्रयासों की जरूरत है।

तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाए

मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस समय पूरा विश्व कोविड-19 की महामारी के दौर से गुजर रहा है। हमें समय की मांग के अनुसार तकनीक को बढ़ावा देना होगा। आधुनिक तकनीक के माध्यम से हम आपसी दूरियों को कम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा कोविड के दौरान तकनीक के अधिक से अधिक उपयोग करने का सराहनीय प्रयास किया गया है। ई-ग्रंथालय के शुभारम्भ से विद्यार्थियों को समग्र जानकारियां उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में और क्या प्रयास हो सकते हैं, इस दिशा में विचार करने की जरूरत है।

राज्य का प्रत्येक काॅलेज ई-ग्रन्थालय से जुड़ा

उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जहां प्रत्येक काॅलेज को ई-ग्रंथालय से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी की घोषणा एवं मार्गदर्शन में विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को ई-ग्रंथालय से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि यूजीसी की रैंकिंग के अनुसार उत्तराखण्ड के चार संस्थानों ने टाॅप 100 में स्थान पाया है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए सभी महाविद्यालयों में प्राचार्य के पद भरे गये है। विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में 92 प्रतिशत फैकल्टी है। प्रदेश में 877 असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती निकाली गई, जिसमें से 527 असिस्टेंट प्रोफेसर ज्वाइन कर चुके हैं, शेष पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। लाॅकडाउन के दौरान विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों द्वारा आनलाईन शिक्षण का कार्य किया गया। इसके काफी सकारात्मक परिणाम रहे।

इस अवसर पर उपस्थित रहे ।

मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार श्रविन्द्र दत्त, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा डाॅ. आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. के सुधांशु, अशोक कुमार, विनोद रतूड़ी, अपर सचिव उच्च शिक्षा डाॅ. अहमद इकबाल, निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ. कुमकुम रौतेला एवं वीडियों कांफ्रेंस के माध्यम से विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं महाविद्यालयों के प्राचार्य