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सोमवार, 22 जून 2020

Uttrakhand Breaking : त्रिवेंद्र सरकार ने गांवों के चहुँमुखी विकास लिए 238.38 करोड़ ट्रांसफर किए, पढ़ें ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत जिला पंचायत को कितना कितना अनुदान मिला, ।। web news ।।



त्रिवेंद्र सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायतों को 238.38 करोड़ हस्तांतरण किये


आज सचिवालय परिसर में पी. एफ. एम. एस. के माध्यम से समस्त त्रिस्तरीय पंचायतों को 15 वें वित्त आयोग (केंद्रीय वित्त Untied Fund) तथा चतुर्थ राज्य वित्त की कुल अनुदान धनराशि ₹238.38 करोड़ को एक साथ डिजिटल हस्तांतरण किया गया।

पंचायतों में अधिक से अधिक विकास हो इसके लिए हमारी सरकार कटिबद्ध है, पंचायती संस्थाओं को सीधा पैसा पहुंचाने से विकास की गति तेजी से आगे बढ़ेगी और हमारे गांवों का चहुँमुखी विकास होगा-त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड

पी.एफ.एम.एस.के माध्यम से समस्त त्रिस्तरीय पंचायतों को ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत 15वां वित्त आयोग की ,अनुदान धनराशि (करोड़ में)


◆ग्राम पंचायत -107.62 (Untied Fund),37.97 राज्य वित्त आयोग
◆क्षेत्र पंचायत -14.35(Untied Fund),28.43राज्य वित्त आयोग
◆जिला पंचायत 21.52 (Untied Fund), 28.43 राज्य वित्त आयोग
◆ कुल अनुदान धनराशि 238.38 करोड़दो (सौ अड़तीस करोड़ अड़तीस लाख रूपये)
◆15वां वित्त आयोग (केन्द्रीय वित्त Untied Fund), चतुर्थ राज्य वित्त की अनुदान राशि का एक साथ डिजिटल हस्तांतरण किया गया

Latest news : भारत चीनी मुद्दे में कूदे मनमोहन दी प्रधानमंत्री मोदी को नसीहत , पढ़े पूरा बयान , ।। web news ।।



डॉ. मनमोहन सिंह, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री का बयान

15-16 जून, 2020 को गलवान वैली, लद्दाख में भारत के बीस साहसी जवानों ने सर्वोच्च कुर्बानी दी। इन बहादुर सैनिकों ने साहस के साथ अपना कर्तव्य निभाते हुए देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। देश के इन सपतों ने अपनी

अंतिम सांस तक मातृभूमि की रक्षा की। इस सर्वोच्च त्याग के लिए हम इन साहसी सैनिकों व उनके परिवारों के कृतज्ञ हैं। लेकिन उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।

आज हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। हमारी सरकार के निर्णय व सरकार द्वारा उठाए गए कदम तय करेंगे कि

भविष्य की पीढ़ियां हमारा आंकलन कैसे करें। जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दायित्व है। हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व देश के प्रधानमंत्री का है। प्रधानमंत्री को अपने शब्दों व ऐलानों द्वारा देश की सुरक्षा एवं सामरिक व भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए।

चीन ने अप्रैल, 2020 से लेकर आज तक भारतीय सीमा में गलवान वैली एवं पांगोंग त्सो लेक में अनेकों बार जबरन घुसपैठ की है। हम न तो उनकी कमियों व दबाव के सामने झुकेंगे और न ही अपनी भूभागीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार करेंगे। प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनके षडयंत्रकारी रुख को बल नहीं देना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इस खतरे का सामना करने व स्थिति को और ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करें।

यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है तथा संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देना है।

हम सरकार को आगाह करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति तथा मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता। पिछलग्गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के मेंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता।

हम प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि वो वक्त की चुनौतियों का सामना करें, और कर्नल बी. संतोष बाबू व हमारे सैनिकों की कुर्बानी की कसौटी पर खरा उतरें, जिन्होंने 'राष्ट्रीय सुरक्षा' व 'भूभागीय अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

इससे कुछ भी कम जनादेश से ऐतिहासिक विश्वासघात होगा।

रविवार, 21 जून 2020

Live consrt : कुमाउँनी गायक विशन सिंह हरियाला केपीजी फिल्म्स के लाइव कॉन्सर्ट में देंगे प्रस्तुति, जाने कैसे सुने कुमाउँनी गीत, ।।web news ।।


कुमाउँनी गायक विशन सिंह हरियाला का केपीजी फिल्म्स के फेसबुक पेज पर पर लाइव कॉन्सर्ट

लॉक डाउन में गढवाली कुमाउँनी गानों के श्रोताओं के लिए केपीजी फिल्म्स अपने फेसबुक पेज पर लाइव कॉन्सर्ट आयोजित कर रहा है ।

अभी तक इनके लाइव कॉन्सर्ट हो चुके है

◆अमित खैर, गढवाली व हिंदी गायक,
◆दाजू गोरिया फेम दर्शन फर्सवाण, लोक गायक,
◆शालनी बहुगुणा, लोक गायिका,
◆मुकेश हटवाल, कवि , गायक , गीतकार
◆रिता स्याणी फेम विजय पंत, गायक
◆सौरभ मैठाणी, लोक गायक

आज 5 बजे केपीजी फिल्म्स के फेसबुक पेज पर एक लाइव कॉन्सर्ट में अपनी प्रस्तुति देंगे, कुमाउँनी गायक विशन सिंह हरियाला

लाइव कॉन्सर्ट से जुड़ने के लिए केपीजी फिल्म्स के फेसबुक पेज पर जाए

Corona update : उत्तराखंड में कोरोना वायरस के 2324 मामले, जाने आपके जिले में कितने अभी तक कितने केस आए ।।web news।।


आज 23 नये कोरोना के केस आये

604 कोरोना केस के साथ देहरादून सबसे ज्यादा कोरोना केस वाला जिला ।

जिल्लेवार कोरोना पॉजिटिव केस की रिपोर्ट

अल्मोड़ा में कोरोना पॉजिटिव केस-138
बागेश्वर में कोरोना पॉजिटिव केस-59
चमोली में कोरोना पॉजिटिव केस- 60
चंपावत में कोरोना पॉजिटिव केस-48
देहरादून में कोरोना पॉजिटिव केस- 604
हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिव केस-259
नैनीताल में कोरोना पॉजिटिव केस-366
पौड़ी में कोरोना पॉजिटिव केस-98
पिथौरागढ़ में कोरोना पॉजिटिव केस - 64
रुद्रप्रयाग में कोरोना पॉजिटिव केस-59
टिहरी में कोरोना पॉजिटिव केस-376
उधमसिंह नगर में कोरोना पॉजिटिव केस- 137
उत्तरकाशी में कोरोना पॉजिटिव केस-56

सूर्य ग्रहण विशेष : कंकणाकृति खण्डग्रास सूर्यग्रहण की जानकारी दे रहे है युवा ज्योतिषाचार्य पंडित नवीन चमोली , ।।web news।।



ज्योतिष की दृष्टि में कंकणाकृति खण्डग्रास सूर्यग्रहण ।।

कंकणाकृति खण्डग्रास सूर्यग्रहण (21 जून 2020 ई०) यह कंकण आकृति खण्डग्रास सूर्यग्रहण आषाढ़ कृष्ण अमावस्या, रविवार दि० 21 जून 2020 को भारत में दिखाई देगा साथ ही म्यांमार,दक्षिण रूस, मंगोलिया, श्रीलंका,बांग्लादेश, थाईलैण्ड, मलेशिया कोरिया, जापान, इण्डोनेशिया, पूर्वी ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, ईरान, ईराक, नेपाल, अफगानिस्तान, पाकिस्तान आदि देशों में भी दिखाई देगा।

सूर्यग्रहण का समय

इस ग्रहण के स्पर्श आदि का समय भा०स्टे०्टा० ऋषिकेश के अनुसार इस प्रकार होगा।

ग्रहण का सूतक👉 20 जून शनिवार के दिन रात्रि 10 बजकर 09 मिनट से आरम्भ होगा।

ग्रहण स्पर्श (ग्रहण प्रारम्भ)👉 21 जून प्रातः 10 बजकर 9 मिनट से

ग्रहण मध्य👉 11 बजकर 47 मिनट पर

ग्रहण मोक्ष 👉 दिन 1 बजकर 36 मिनट पर।

पर्वकाल (स्नान दान के लिये उपयुक्त समय)👉 1 बजकर 36 मिनट से दिन 3 बजकर 34 मिनट तक।

सूर्यग्रहण का राशियों पर प्रभाव

यह ग्रहण मृगशिरा एवं आद्रा नक्षत्र तथा मिथुन राशि पर मान्य है। अतः इन राशि नक्षत्र वालों को ग्रहण दर्शन नहीं करना चाहिए। मेष सिंह, कन्या, मकर राशि के लिये ग्रहण दर्शन शुभ, वृषभ, तुला, धनु, कुम्भ राशि के लिये ग्रहण दर्शन का फल सामान्य एवं मिथुन, कर्क, वृश्चिक, मीन राशि के लिये दर्शन अशुभ रहेगा।

ग्रहण के समय वर्जित है

हमारे ऋषि-मुनियों ने सूर्य ग्रहण लगने के समय भोजन के लिए मना किया है, क्योंकि उनकी मान्यता थी कि ग्रहण के समय में कीटाणु बहुलता से फैल जाते हैं। खाद्य वस्तु, जल आदि में सूक्ष्म जीवाणु एकत्रित होकर उसे दूषित कर देते हैं। इसलिए ऋषियों ने पात्रों के कुश डालने को कहा है, ताकि सब कीटाणु कुश में एकत्रित हो जाएं और उन्हें ग्रहण के बाद फेंका जा सके। पात्रों में अग्नि डालकर उन्हें पवित्र बनाया जाता है ताकि कीटाणु मर जाएं। ग्रहण के बाद स्नान करने का विधान इसलिए बनाया गया ताकि स्नान के दौरान शरीर के अंदर ऊष्मा का प्रवाह बढ़े, भीतर-बाहर के कीटाणु नष्ट हो जाएं और धुल कर बह जाएं।
पुराणों की मान्यता के अनुसार राहु चंद्रमा को तथा केतु सूर्य को ग्रसता है। ये दोनों ही छाया की संतान हैं। चंद्रमा और सूर्य की छाया के साथ-साथ चलते हैं। चंद्र ग्रहण के समय कफ की प्रधानता बढ़ती है और मन की शक्ति क्षीण होती है, जबकि सूर्य ग्रहण के समय जठराग्नि, नेत्र तथा पित्त की शक्ति कमज़ोर पड़ती है। गर्भवती स्त्री को सूर्य-चंद्र ग्रहण नहीं देखने चाहिए, क्योंकि उसके दुष्प्रभाव से शिशु अंगहीन होकर विकलांग बन सकता है, गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है। इसके लिए गर्भवती के उदर भाग में गोबर और तुलसी का लेप लगा दिया जाता है, जिससे कि राहु-केतु उसका स्पर्श न करें। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला को कुछ भी कैंची या चाकू से काटने को मना किया जाता है और किसी वस्त्रादि को सिलने से रोका जाता है। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से शिशु के अंगो पर इसका प्रभाव पडता हे।
ग्रहण लगने के पूर्व नदी या घर में उपलब्ध जल से स्नान करके भगवान का पूजन, यज्ञ, जप करना चाहिए। भजन-कीर्तन करके ग्रहण के समय का सदुपयोग करें। ग्रहण के दौरान कोई कार्य न करें। ग्रहण के समय में मंत्रों का जाप करने से सिद्धि प्राप्त होती है। ग्रहण की अवधि में तेल लगाना, भोजन करना, जल पीना, मल-मूत्र त्याग करना, केश विन्यास बनाना, रति-क्रीड़ा करना, मंजन करना वर्जित किए गए हैं। कुछ लोग ग्रहण के दौरान भी स्नान करते हैं। ग्रहण समाप्त हो जाने पर स्नान करके ब्राह्‌मण को दान देने का विधान है। कहीं-कहीं वस्त्र, बर्तन धोने का भी नियम है। पुराना पानी, अन्न नष्ट कर नया भोजन पकाया जाता है और ताजा भरकर पिया जाता है।
सूर्यग्रहण में ग्रहण से चार प्रहर पूर्व और चंद्र ग्रहण में तीन प्रहर पूर्व भोजन नहीं करना चाहिये। बूढे बालक और रोगी एक प्रहर पूर्व तक खा सकते हैं ग्रहण पूरा होने पर सूर्य या चंद्र, जिसका ग्रहण हो, ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोडना चाहिए। बाल तथा वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिये व दंत धावन नहीं करना चाहिये ग्रहण के सोना, मल मूत्र का त्याग करना, मैथुन करना और भोजन करना - ये सब कार्य वर्जित हैं। ग्रहण के समय मन से सत्पात्र को उद्देश्य करके जल में जल डाल देना चाहिए। ऐसा करने से देनेवाले को उसका फल प्राप्त होता है और लेने वाले को उसका दोष भी नहीं लगता। ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरुरतमंदों को वस्त्र दान से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।

सूर्य ग्रहण की पौराणिक कथा

सूर्यग्रहण के दौरान घट चुकी है ये घटनाएं!
मत्स्य पुराण के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान, निकले अमृत को राहू- केतु ने छीन लिया था, तब से ग्रहण की कथा, इतिहास चला आ रहा है।
द्रौपदी के अपमान का दिन सूर्य ग्रहण का था।
महाभारत का 14वां दिन, सूर्य ग्रहण का था और पूर्ण ग्रहण पर अंधेरा होने पर जयद्रथ का वध किया गया।
जिस दिन श्री कृष्ण की द्वारिका डूबी वह भी सूर्य ग्रहण का दिन था।

सूर्य ग्रहण की पौराणिक कथा-

मत्स्यपुराण की कथानुसार, समुद्र मंथन और सूर्य ग्रहण का पौराणिक संबंध है। शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण के पीछे राहु-केतु जिम्मेदार होते हैं। इन दो ग्रहों की सूर्य और चंद्र से दुश्मनी बताई जाती है। यही वजह है कि ग्रहण काल में कोई भी कार्य करने की सलाह नहीं दी जाती है। इस दौरान राहु-केतु का प्रभाव बहुत ज्यादा होता है। इन दो ग्रहों के बुरे प्रकोप से बचने के लिए ही सूतक लगते हैं। ग्रहण के दौरान मंदिरों तक में प्रवेश निषेध होता है। मान्यता है कि ग्रहण में इन ग्रहों की छाया मनुष्य के बनते कार्य बिगाड़ देती है। शास्त्रों में ग्रहण काल में कोई शुभ कार्य तो दूर सामान्य क्रिया के लिए भी मनाही है। इस ग्रहण के लगने के पीछे एक पौराणिक कथा है।
जब दैत्यों ने तीनों लोक पर अपना अधिकार जमा लिया था तब देवताओं ने भगवान विष्णु से मदद मांगी थी। तीनों लोक को असुरों से बचाने के लिए भगवान विष्णु का आह्वान किया गया था। तब भगवान विष्णु ने देवताओं को क्षीर सागर का मंथन करने के लिए कहा और इस मंथन से निकले अमृत का पान करने के लिए कहा। भगवान विष्णु ने देवताओं को चेताया था कि ध्यान रहे अमृत असुर न पीने पाएं क्योंकि तब इन्हें युद्ध में कभी हराया नहीं जा सकेगा।
भगवान के कहे अनुसार देवताओं ने क्षीर सागर में समुद्र मंथन किया। समुद्र मंथन से निकले अमृत को लेकर देवता और असुरों में लड़ाई हुई। तब भगवान विष्णु ने मोहनी रूप धारण कर एक तरफ देवता और एक तरफ असुरों को बिठा दिया और कहा कि बारी-बारी सबको अमृत मिलेगा। यह सुनकर एक असुर देवताओं के बीच वेश बदल कर बैठ गया, लेकिन चंद्र और सूर्य उसे पहचान गए और भगवान विष्णु को इसकी जानकारी दी, लेकिन तब तक भगवान उसे अमृत दे चुके थे। अमृत गले तक पहुंचा था कि भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से असुर के धड़ को सिर से अलग कर दिया, लेकिन तब तक उसने अमृतपान कर लिया था। हालांकि, अमृत गले से नीच नहीं उतरा था, लेकिन उसका सिर अमर हो गया। सिर राहु बना और धड़ केतु के रूप में अमर हो गया। भेद खोलने के कारण ही राहु और केतु की चंद्र और सूर्य से दुश्मनी हो गई। कालांतर में राहु और केतु को चन्द्रमा और पृथ्वी की छाया के नीचे स्थान प्राप्त हुआ है। उस समय से राहु, सूर्य और चंद्र से द्वेष की भावना रखते हैं, जिससे ग्रहण पड़ता हे ।

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लेखक- ज्योतिषाचार्य पंडित नवीन चमोली
परिचय- युवा लेखक, ज्योतिषाचार्य

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अंतरराष्ट्रीययोग दिवस पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री,नेताओ की प्रतिक्रिया


सब को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई! प्राचीन योग विज्ञान मानवता को भारत का अमूल्य उपहार है। मुझे प्रसन्नता है कि अधिकाधिक लोग योग को जीवन में अपना रहे हैं। संघर्ष व तनाव के बीच, विशेष रूप से कोविड-19 के इस दौर में, शरीर को स्वस्थ व मन को शांत रखने में योगाभ्यास सहायक सिद्ध होगा।- माननीय राष्ट्रपति

हमारे यहाँ कहा गया है-
युक्त आहार विहारस्य, युक्त चेष्टस्य कर्मसु।
युक्त स्वप्ना-व-बोधस्य, योगो भवति दु:खहा।।
अर्थात् सही खान-पान, सही ढंग से खेल-कूद, सोने-जागने की सही आदतें, और अपने काम, अपनी duties को सही ढंग से करना ही योग है, छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का ये दिन एकजुटता का दिन है। ये विश्व बंधुत्व के संदेश का दिन है - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

योग तन और मन, कार्य और विचार तथा मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करने का एक माध्यम है।‬सम्पूर्ण मानवता को भारतीय संस्कृति के इस अनमोल उपहार को मोदी जी ने अपने प्रयासों से वैश्विक स्वीकृति प्रदान करवायी जिससे आज पूरे विश्व ने योग को अपनाया है।‬ योग दिवस की शुभकामनाएँ- अमित शाह , गृह मंत्री, भारत सरकार

योग का साधक कभी संकट में धैर्य नहीं खोता!
योग का अर्थ है - समत्वम् योग उच्यते
अर्थात, अनुकूलता-प्रतिकूलता, सफलता-विफलता,सुख-संकट, हर परिस्थिति में समान रहने, अडिग रहना
PM Sh @narendramodi ji exhorted citizens to practise 'Yoga at home,Yoga with family'
on #InternationalYogaDay -डॉ हर्षबर्धन , स्वास्थ्य मंत्री , भारत सरकार

शनिवार, 20 जून 2020

Corona update : उत्तराखंड में कोरोना वायरस के 2278 मामले, जाने आपके जिले में कितने अभी तक कितने केस आए ।।web news।।



आज 101 नये कोरोना के केस आये


599 कोरोना केस के साथ देहरादून सबसे ज्यादा कोरोना केस वाला जिला ।

जिल्लेवार कोरोना पॉजिटिव केस की रिपोर्ट


अल्मोड़ा में कोरोना पॉजिटिव केस-132
बागेश्वर में कोरोना पॉजिटिव केस-54
चमोली में कोरोना पॉजिटिव केस- 54
चंपावत में कोरोना पॉजिटिव केस-48
देहरादून में कोरोना पॉजिटिव केस- 599
हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिव केस-255
नैनीताल में कोरोना पॉजिटिव केस-361
पौड़ी में कोरोना पॉजिटिव केस-95
पिथौरागढ़ में कोरोना पॉजिटिव केस - 64
रुद्रप्रयाग में कोरोना पॉजिटिव केस-56
टिहरी में कोरोना पॉजिटिव केस-370
उधमसिंह नगर में कोरोना पॉजिटिव केस- 137 उत्तरकाशी में कोरोना पॉजिटिव केस-53

शुक्रवार, 19 जून 2020

अच्छी खबर: जिलाधिकारी पहुंचे खेतों में सुनी किसानों की समस्या, जाने क्या है पूरी खबर।।web news।।




रुद्रप्रयाग में लोकप्रिय रहे डीएम मंगेश घिल्डियाल अपनी कुशल कार्य शैली से अब टिहरी गढ़वाल में भी छाए

रुद्रप्रयाग से टिहरी गढ़वाल नियुक्त हुए जिलाधिकरी मंगेश घिल्डियाल की कार्य शैली से कुछ ही दिनों में टिहरी में लोकप्रिय हो गए है।
मामला चाहे कोरोना सक्रमण की रोकथाम से जुड़ा हो , प्रवासी और युवाओ के स्वरोजगार से हो चाहे विकास कार्यों का निरीक्षण के हो जिलाधिकारी जिले के सभी लोगों चाहे अन्य जनसरोकार से जुड़े मामले हों।

जिलाधिकारी के खेतों के दौरे से किसानों का बढ़ उत्साह

सब्जी एवं फल पट्टी के अंर्तगत चोपड़िया गांव में जिलाधिकारी ने किसानों से खेतों में मुलाकात की व कीवी की खेती से संबंधित जानकारी ली व किसानो की समस्या सुनी । साथ कीवी की खेती को व्यवासायिक रूप से विस्तार देने की कार्य योजना बनने के किए किसानों से जानकारी ली।
किसानों की समस्या सुनने के लिए जिलाधिकरी का खेतों में पहुंचने से एक ओर किसान खुश नजर आए उन्हें भरोषा है कि उनकी समस्याओं का निदान जिलाधिकारी जरूर करेंगें वहीं पूरे जिले में चर्चा का विषय भी बन गया लोगों ने जिलाधिकरी की इस प्रकार की कार्य शैली की जमकर तारीफ की।

पहाड़ के किसान का दर्द एक किसान का बेटा ही समझ और जान सकता है,हमें डीएम साहब पर पूरा भरोषा है कि वह हमारी समस्या का जरूर हल निकलेंगे- कीवी किसान, किसान

गुरुवार, 18 जून 2020

Cabinet Meeting : त्रिवेंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक के अहम निर्णय, पढे अहम निर्णय, ।। web news।।


आज की कैबिनेट बैठक के अहम निर्णय।

● मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत प्रथम चरण में सहकारिता विभाग के माध्यम से डेरी, ठेली, फेली, व्यवसाय दुकानदारों के लिए 50 हजार बेरोजगारों को लोन की 02 प्रतिशत की ब्याज दर बिना गारंटी के राज्य सरकार वहन करेगी।

● मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 20 हजार से अधिक बेरोजगारों को प्रथम चरण में सहकारिता विभाग के माध्यम से मोटरसाईकिल टैक्सी योजना में 60 हजार रूपये तक का लोन की ब्याज दर 02 वर्ष तक राज्य सरकार देगी।

● नर्स भर्ती नियमावली को मंजूरी

● कोविड अवधि के दौरान संचालित निजी एवं निगम बसों के किराये में सोशल डिस्टेंसिंग की शर्त के साथ दोगुना किराया की वृद्वि की गई।

● उत्तराखण्ड ऑन डिमांड परिवहन सुविधा के लिए नियमावली बनाई गई। ओला टैक्सी तरीके पर मोबाईल एप से टैक्सी बुक की जा सकती है।

● आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत गाइडलाइन को सरल किया गया। इसके अंतर्गत अब छोटे पुल पेयजल लाईन, चैक डेम, स्कूल भवन, सिंचाई नहर सुरक्षात्मक कार्य भी किया जा सकेगा।


Good news : महिलाओं को राहत देती उत्तराखड़ पुलिस की व्हट्सएप मैसेज मुहीम, जाने क्या है पूरी मुहिम ।।web news।।



महिलाओं को राहत देती Uttarakhand Police की यह मुहीम, व्हट्सएप मैसेज से मिल रही तुरंत पुलिस सहायता


DG Law & Order के निर्देशन में माह फरवरी में पुलिस मुख्यालय में स्थापित महिला सुरक्षा सेल में महिला व्हट्सएप हेल्पलाइन सेवा शुरू की गयी। जिसमें महिला, युवती व छात्राएं मोबाइल नम्बर 9411112780 पर व्हट्सएप के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। माह फरवरी से माह मई तक महिला व्हट्सएप हेल्पलाइन पर कुल 1017 शिकायतें और संदेश प्राप्त हुए, जिन पर सम्बन्धित जनपद के माध्यम से कार्यवाही कर निस्तारण किया गया।

उत्तराखण्ड पुलिस का महिला व्हट्सएप हेल्पलाइन नम्बर -9411112780

महिला सुरक्षा को लेकर उत्तराखण्ड पुलिस संवेदनशील है। महिला व्हट्सएप हेल्पलाइन शुरू करने का मुख्य उद्देश्य यही है महिलाओं को शिकायत या सूचना देने में आसानी हो। लोकलाज के चलते थाने नहीं जाने वाली पीड़ित महिलाओं को भी शिकायत देने में आसानी हो। महिलाएं व्हाट्सएप पर मेसेज भेजकर पुलिस से सहायता प्राप्त कर सकती हैं। पीड़ित घटना से जुड़े फोटोग्राफ और वीडियो भी भेज सकती हैं, जिससे आरोपी की पहचान करने में मदद मिल सके- अशोक कुमार IPS, DG Law & Order