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शनिवार, 19 जून 2021

चन्दन के वन में बारिश की बूंद बूंद बढ़ाएगी जल स्रोत ,पढिए विशेष रिपोर्ट ।।web news।।

चाल खाल, पोखर जल स्रोतों को रिचार्ज करने के लिए हो गए तैयार

ओखलकाण्डा ब्लाक के ग्राम नाई के तोक चामा वन बीट खुजेटी में 300 से अधिक चाल खाल, खंतिया, पोखर, जल तल्लैया बनाये गये है । जल संरक्षण के लिए यह प्रयास चंदन सिंह नयाल ने लॉकडाउन के दौरान किया । पिछले कई वर्षों से लगातार पर्यावरण संरक्षण के लिए यह कार्य चन्दन सिंह नयाल करते आ रहे है ।

कोरोना काल में एक ओर लॉकडाउन में लोग घरों में बैठे हैं वहीं दूसरी ओर पर्यावरण प्रेमी चंदन नयाल और उनकी टीम अपने गांव नाई तोक चामा के जंगलों में जल संरक्षण के लिए चाल खाल बना रहे हैं उसी समय बरसात में पौधारोपण के लिए सैकड़ों गड्ढे भी तैयार कर रही थी।

देखिए वीडियो में वर्षा जल से भरे चाल खाल, खंतिया, पोखर, जल तल्लैया


यू ट्यूब वीडियो लिंक

छोटी छोटी चाल खाल , खंतीयो का निर्माण किया गया दूसरी ओर बड़े सूखे तलाबों 8000 से 30,000 लीटर जल धारण क्षमता के भी बनाये गये , ये सभी छोटे बड़े निर्माण वर्षा जल से लबालब भर गए है । इन्हें बनाते समय जल स्रोतों के कैचमेंट एरिया का ध्यान रखा गया है जिससे जल स्रोतों में पानी मात्रा बढ़ सके । साथ ही बांज के 100 पौधे भी रोपित किए गए हैं जो चन्दन नयाल ने अपनी ही नर्सरी में तैयार किए । 
चन्दन नयाल बताते है कि ये चाल खाल बरसात से पहले बनाने गये थे ताकि इनमें वर्षा का जल संचित हो और हमारे जल स्रोत जीवित हो सकें , हमारी मेहनत रंग ल रही बरसात से पहले सूखे दिखने वालेखाल, खंतिया, पोखर, जल तल्लैया अब पानी से लबालब भरे है पहाडों में वर्षा के जल को रोकना अति आवश्यक है हमारा यह प्रयास निरंतर जारी रहेगा ।

वीडियो देखे, 29 जून तक बढ़ा कोरोना कर्फ़्यू



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Web News Uttarakhand Videso

◆श्री केदार नाथ जी के कपाट खुले, देखे वीडियो : https://youtu.be/64h36A2hX04

◆भगवान श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 18 अप्रैल प्रातः 4:15बजे खुल गए, देखे वीडियो :https://youtu.be/E91-qRSW6s4

◆उफतारा के मंच पर लोककलाकर राम रतन कला का वाइरल वीडियो, मैं तैं ब्योली खुजै द्यावा,देखे वीडियो : https://youtu.be/WWyovJraEO0

◆स्मृति शेष: पर्यावरणविद सुन्दर लाल बहुगुणा | Environmentalist | Sundar Lal Bahuguna |Chipko Aandolan | देखे वीडियो : https://youtu.be/aVJHu0Ni-_8

◆Young environmental activist initiative for environmental protection | chandan singh Nayal | देखे वीडियो : https://youtu.be/N3kWgCo4YU4

◆बाबा रामदेव ने फार्मा कंपनियों से पूछे 25 सवाल | Baba Ramdev Vs IMA | Baba Ramdev's 25 questions | देखें वीडियो : https://youtu.be/6RughrC3thY

◆शहीद Vibhuti Dhoundiyal की पत्नी ने ज्वाइन की आर्मी, Nikita Dhoundiyal बनीं लेफ्टिनेंट , देखे वीडियो: https://youtu.be/8AQPaz8Cmb4

◆CM Tirath Singh Rawat का विश्व तम्बाकू निषेद दिवस पर संदेश | uttarakhand | World No Tobacco Day | देखे वीडियो: https://youtu.be/N3kWgCo4YU4

◆PM Narendra Modi big Fan | PM Modi Fan | A to Z devlopment by Narendra Modi | Modi Fan Kid | देखे वीडियो : https://youtu.be/3N7yQdISGfQ

◆Sanjay Mishra ने Uttarakhand police के मिशन हौसला की तारीफ | Mission Hosla | Uttarakhand Police | देखे वीडियो : https://youtu.be/M7ruPN6d7EA

◆Dr Anil Joshi जीका पर्यावरण दिवस पर सन्देश |Uttarakhand Police's plantation Drive | Environment day | देखे वीडियो : https://youtu.be/sbuF0v-9EwU

◆ndian Military Academy (IMA) | Passing Out Prade (POP) | IMA Dehradun | 12 June 2021 | देखे वीडियो: https://youtu.be/d4UHaT-rmJE

◆Uttarakahnd News : 22 जून तक बढ़ा Covid कर्फ़्यू । जाने नई Guidelines | Subodh Uniyal |Latest Update | देखे वीडियो : ।https://youtu.be/PzExSCFnYwc



सोमवार, 26 अप्रैल 2021

कैबिनेट की बैठक : आज उत्तराखंड कैबिनेट में लिए गए अहम निर्णय, जाने खबर ।।web news।।

आज आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य सरकार ने कई अहम निर्णय लिए


उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत सरकार के मंत्रिमंडल की आज बैठक हुई बैठक में अहम निर्णय लिए गए हैं। 

◆प्रदेश में कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के सभी लोगों को निःशुल्क टीका लगेगा, जिनकी आबादी करीब 50 लाख है। इसका खर्च लगभग 450 करोड़ का खर्च सरकार वहन करेगी।
◆18 से 45 वर्ष आयु वर्ग में लगने वाले टीके में 90 प्रतिशत कोविशील्ड तथा 10 प्रतिशत कोवैक्सीन का टीका लगेगा।
◆प्रदेश में वैक्सीन की आपूर्ति यथाशीघ्र हो, इसके लिए त्वरित अग्रिम भुगतान हेतु महानिदेशक चिकित्सा तथा चिकित्सा शिक्षा को अधिकृत गया है तथा सचिव उद्योग सचिन कुर्वे को वैक्सीन उपलब्ध करवाने का दायित्व सौंपा गया है।
◆रेमडेसिविर इंजेक्शन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने और शीघ्र आपूर्ति हेतु शत प्रतिशत अग्रिम भुगतान का प्रावधान किया गया है। साथ ही इस की आपूर्ति को बैंक गारंटी व अर्नेस्ट मनी आदि की औपचारिकताओं से मुक्त रखा गया है।
◆सार्वजनिक स्थानों व परिसरों में मास्क न पहनने वालों पर लगाए जाने वाले जुर्माने की धनराशि में बढ़ोतरी करते हुए 500, 700 कर दिया गया है।
यह भी पढ़े ◆Corona update : आज 5058 कोरोनावायरस संक्रमण के नए सामने आये, जाने जिलेवार रिपोर्ट ।।web news।।
◆राजकीय मेडिकल काॅलेजों में आउटसोर्सिंग से कार्यरत 479 कर्मियों की सेवा विस्तार का निर्णय लिया है।
◆कुंभ हरिद्वार में स्थापित आधार चिकित्सालय व बाबा बर्फानी चिकित्सालयों को यथावत रखा जाएगा।
◆स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर तैनात चिकित्सकों व अन्य कर्मियों को पूर्व की भांति यथावत रखा जाएगा।
◆जिन जगहों पर कर्फ्यू लगाया गया है, वहां इसका कड़ाई से अनुपालन किया जाएगा।
◆कोविड कर्फ्यू के दौरान मीडिया कवरेज करने वाले पत्रकारों के प्रेस कार्ड को ही कर्फ्यू पास माना जाएगा। 
◆कोरोना कर्फ्यू के दौरान कामकाज प्रभावित न हो, इसके लिए मजदूरों को भी आवाजाही की छूट होगी।
◆उपनल कर्मियों की समस्याओं के निस्तारण के संबंध में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया, जिसमें अपर मुख्य सचिव कार्मिक एवं सचिव वित्त को भी सदस्य बनाया गया है।
◆त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के अंतर्गत जिला पंचायत और निदेशालय ढांचे को मंजूरी प्रदान करते हुए 570 पदों को स्वीकृत किया गया है।
◆कैबिनेट ने राज्य की जनता से मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और घर से बाहर अनावश्यक न निकलने की अपील की है। जनजागरूकता और जनसहभागिता से ही कोविड पर विजय पाई जा सकती है। 
◆राज्य के पब्लिक डेबिट मैनुअल के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इसके तहत राज्य सरकार द्वारा आरबीआई के माध्यम से बाजार से लिए जाने वाले ऋण की प्रक्रिया को परिभाषित किया गया है। 
◆डीआईटी और यूनिसन विवि अधिनियमों में मामूली संशोधन किया गया है।

गुरुवार, 22 अप्रैल 2021

बड़ी खबर : कोरोना वायरस (COVID-19) रोकथाम के लिए तीन दिन सभी कार्यालय बंद , जाने खबर ।।web news।।


सरकारी कार्यालयों में कोरोना ,वायरस (COVID-19) के बढ़ते हुए संक्रमण की रोकथाम के लिए नए निर्देश जारी किये गये हैं।,

उत्तराखंड राज्य सरकार ने एक और दिशा निर्देश जारी करते हुए उत्तराखण्ड राज्य में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में हो रही अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए जारी किए है। जिससे कोरोना संक्रमण को कम किया जा सके ।वर्तमान में कोरोना वायरस (COVID-19) के बढ़ते हुए संक्रमण को प्रभावी तरीके से रोकथाम के लिए आवश्यक सेवाओं से सम्बन्धित कार्यालयों को छोड़कर प्रदेश के सभी कार्यालय वर्तमान सप्ताह (दिनांक 23, 24 एवं 25 अप्रैल) तीन दिन शुक्रवार, शनिवार एवं रविवार को बंद रखे जायेंगे। इन तीन दिवसों में शुक्रवार, शनिवार एवं रविवार को प्रदेश के सभी कार्यालयों को भीतर तथा आस-पास मानकानुसार Sanitization करने की कार्यवाही आवश्यक रूप से सम्पन्न की जायेगी।


बुधवार, 31 मार्च 2021

Dehradun News : निजी स्कूलों के फीस वृद्धि व बच्चों के रिपोर्ट कार्ड रोके जाने के पर NAPSR ने शिक्षा सचिव को दिया ज्ञापन ।।web news।।


Napsr-news

निजी स्कूलों की मनमानियों पर NAPSR नेशिक्षा सचिव को ज्ञापन दिया

देहरादून ।।नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंटस राइट्स (NAPSR) ने निजी स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि, फीस वसूली व छात्र-छात्राओं के रिजल्ट रोके जाने के विरुद्ध आज शिक्षा सचिव आर०मीनाक्षी सुन्दरम को ज्ञापन दिया (एनएपीएसआर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि उत्तराखंड शासनादेश संख्या 28/XXIV-B-5/05(01)2021 के आदेशानुसार सभी छात्रों से फीस लेने के लिए निजी स्कूलों को छूट दी गयी है । उस पर नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंस्ट्स राइट्स (NAPSR) आपत्ति जाहिर करते हुए आपको अवगत कराना चाहते हैं कि सिर्फ 15%- 20% छात्र ही अभी स्कूल जा रहे हैं और सरकार ने सभी छात्रों से फीस लेने की अनुमति निजी स्कूलों को दे दी है ऐसे मे जो छात्र विभिन्न कारणों के कारण स्कूल जाकर शिक्षा नही भी ले रहे हैं स्कूलों द्वारा उन पर भी फीस को लेकर दबाव बनाया जाएगा जो कि न्यायोचित नही है । कोरोना काल मे राज्य सरकार एवं उच्च न्यायालय ने निजी स्कूलों को अभिभावकों से सिर्फ ट्यूशन फीस लेने की अनुमति प्रदान करी है किंतु सरकार व उन स्कूलों को मान्यता देने वाले सम्बंधित बोर्ड द्वारा ट्यूशन फीस परिभाषित नही किये जाने से निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से अपनी सम्पूर्ण मासिक फीस को ही ट्यूशन फीस बताकर मनमानी फीस वसूली की जा रही है और साथ ही कई स्कूलों ने फीस वृद्धि भी करी है जबकि माननीय उच्च न्यायालय ने फीस वृद्धि करने और ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फीस लेने पर प्रतिबंध लगाया है किन्तु स्कूलों द्वारा मनमानी फीस अभिभावकों से वसूल कर उनका आर्थिक व मानसिक शोषण कर रहे हैं और जो बच्चे स्कूल नही भी गए हैं उनसे भी पूर्ण फीस वसूली की जा रही है तथा नए सत्र मे होने वाले एडमिशन से भी तीन माह की फीस व अन्य मदों मे शुल्क जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है । और हाई कोर्ट व शासन आदेशों के बाद भी निजी स्कूलों द्वारा इस वर्ष पुनः फीस व्रद्धि कर दी गयी है ।
ज्ञापन मे यह निवेदन किया गया है कि कृपया सभी राज्य सरकार सभी स्कूलों के सम्बंधित बोर्ड को ट्यूशन फीस परिभाषित करे, ट्यूशन फीस के कारण रिजल्ट न रोके जाने व फीस वृद्धि न किये जाने के निर्देश पारित अभिभावकों को मानसिक और शारीरिक शोषण से बचाने की कृपा करें भारत के अभिभावक आपके आभारी रहेंगे । ज्ञापन देने वालों मे संस्था के संरक्षक प्रदीप कुकरेती, राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान,प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट गीता शर्मा, सचिव सोमपाल सिंह, रवि त्यागी व कोमल सिंह आदि उपस्थित रहे ।

यह भी पढ़े
◆◆ पर्यावरण समाचार : पर्यावरण प्रेम चंदन सिंह नयाल का हरित वन क्रान्ति से जुड़ने का आह्वान ।।web news।।

मंगलवार, 30 मार्च 2021

स्वरोजगार समाचार : ऐपण को रोजगार से जोड़ने के लिए ऐपण गर्ल' की ऐपण कार्यशाला ।।web news।।


Minakriti-The-Aipan-Project

अल्मोड़ा के चितई गांव में ऐपण कार्यशाला के समापन पर 15 ग्रामीणों को आवंटित किए प्रशस्ति पत्र।

कुमाऊं की लोककला 'ऐपण' को नयी पहचान दे रहीं, मेहलखण्ड रानीखेत में जन्मी ऐपण गर्ल मीनाक्षी खाती और पिथौरागढ़ से ऐपण कलाकार प्रियंका नें सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा के चितई गांव में लोगों को ऐपण का 6 दिवसीय प्रशिक्षण दिया। यह प्रशिक्षण कार्यशाला Minakriti - The Aipan Project की संस्थापक ऐपण गर्ल मीनाक्षी खाती के नेतृत्व में उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर लोककला ऐपण के जरिये महिला सशक्तिकरण और स्वरोजगार से जोडने की मुहिम के अंतर्गत अयोजित किया गया । जिसमें 50 से अधिक ग्रामीणों जिनमें स्थानीय छात्र-छात्राओं और महिलाओं नें बढ़-चढकर प्रतिभाग किया। 
ऐपण कार्यशाला में ग्रामीणों नें शुरुआती बेलें जिनमें हिमाचल बेल , सिंघालिया बेल , मछिया लहर बेल और गेरू बिस्वार से घर की देहलियों पर वसोधरा ऐपण दिए साथ ही पारंपरिक और सांस्कृतिक महत्व को समझते हुए विशेष रूप से लक्ष्मी चौकी और सरस्वती चौकी को बारीकी से बनाना सीखाया गया ।
ऐपण कार्यशाला में सुहाना, अनीता, अभय, अंजली, आरती आर्या, शिखा, आकृति, काजल और पूजा को मिलाकर 15 प्रतिभागियों को मीनाकृति : द ऐपण प्रोजेक्ट के अंतर्गत इस 'लोककला ऐपण संरक्षण कार्यक्रम' में प्रशस्ति पत्र भेंट किये गये।

Minakriti-The-Aipan-Project

मिनाकृति प्रोजेक्ट के अंतर्गत 5 वर्षों 5 हजार से अधिक लोगों को ऐपण से जोड़ा गया

ऐपण गर्ल मीनाक्षी खाती विगत 5 वर्षों 5 हजार से भी ज्यादा लोगों को ऐपण का प्रशिक्षण और 200 से अधिक लोगों को ऐपण कार्य से जोड़ते हुए लुप्त होती, कुमाऊं की पौराणिक ऐपण कला को नये कलेवर के रूप में प्रस्तुत किया और इससे रोजगार के अवसरों का सृजन कर पूरे देश में एक नयी पहचान दिलाई है। मीनाक्षी नें कुमाऊं की ऐपण कला को घरों की देहली से देश दुनिया के सामने लाने का अभिनव प्रयास किया है। ऐपण गर्ल की वजह से ही आज कई गुमनाम ऐपण प्रतिभाओं को भी प्रोत्साहन और हौसला मिला है परिणामस्वरूप पूरे प्रदेश से कोने कोने से दर्जनो ऐपण कला के हुनरमंद भी सामने आ रहें हैं। राज्य सरकार भी ऐपण को बढ़ावा और प्रोत्साहित करने की हरसंभव कोशिश कर रही है।

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रविवार, 28 मार्च 2021

Kumbh News :हरकी पैड़ी में पुलिस ने ली प्रतिज्ञा, वीडियो देखें ।।web news।।


Kumbh-police

कुम्भ मेला पुलिस एवं पैरामिलिट्री जवानों ने कर्तव्य निष्ठा ओर सर्वोत्तम योगदान की शपथ ली

आज अशोक कुमार पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड पुलिस महाकुम्भ हरिद्वार पहुँचे, उनके द्वारा सर्वप्रथम हरकी पेडी घाट पर पूजा अर्चना की उसके बाद कुम्भ मेला आयोजन में सम्मलित सभी पुलिस एवम पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को कर्तव्य निष्ठा की शपथ ग्रहण कराया।

कुम्भ मेला पुलिस एवमं पैरामिलिट्री जवानों यह प्रतिज्ञा ली

मैं मां गंगा जी को साक्षी मानते हुए सत्यनिष्ठा पूर्वक प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं कुंभ मेले के दौरान अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा ईमानदारी एवं जिम्मेदारी से करूंगा । मैं अपने संगठन का गौरव बनाए रखूँगा तथा कुंभ मेले की सर्वोत्तम सुरक्षा व्यवस्था बनाने में अपना पूर्ण योगदान दूंगा । मैं यह भी प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं स्वयं कोरोना महामारी के संक्रमण बढ़ाने का कारण नहीं बनूंगा तथा कोबिड संबंधी नियमों का पालन करूंगा मैं मां गंगा जी से प्रार्थना करता हूं कि मुझे अपनी प्रतिज्ञा पूर्ण करने की शक्ति प्रदान करें ।।

प्रतिज्ञा का वीडियो देखें



प्रतिज्ञा सभी जवानों ने पूर्ण लवरेज जोश के साथ ली उसके बाद पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ संजय गुंज्याल ने कुम्भ में कुम्भ, पुलिस गीत के बोल कहे जिसे समस्त पुलिस बल ने दोहराया कुम्भ ड्यटी के दौरान कर्तव्य निर्वहन के लिए आत्मसात किया।हरकीपेडी भ्रमण के पश्चात डीजीपी ने मेला नियंत्रण कक्ष का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने  संचार, सीसीटीवी निगरानी, 1902 हेल्पलाइन सिस्टम सहित अनेक कक्षों का भ्रमण कर अनेक बिंदुओं पर चर्चा की ।

गुरुवार, 25 मार्च 2021

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट की, मीडिया में घर वापसी।।web news।।

Ramesh-bhatt

देवभूमि डायलॉग के देवभूमि की बात रमेश भट्ट प्रोग्राम से रमेश भट्ट की मीडिया में घर वापसी

लंबे समय से मीडिया मीडिया से जुड़े पत्रकार, एंकर मीडिया कर्मी रमेश भट्ट पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मीडिया सलाहकार के रूप में अपनी अहम भूमिका निभा चुके हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बदलने के साथ रमेश भट्ट की मुख्यमंत्री के सलाहकार पद से से छुट्टी हो चुकी है। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रहते हुए बीच-बीच में रमेश भट्ट कई रूपों में लोगों से जुड़े रहे कभी रमेश भट्ट लोकल को प्रमोट करते हुए देखे गए कभी कथा वाचक के रूप में तो कभी क्षेत्रीय बोली भाषा के गीतों भजनों के माध्यम से लोगों के साथ जुड़े लेकिन अब देवभूमि डायलॉग के देवभूमि की बात रमेश भट्ट के साथ प्रोग्राम की एंकरिंग करते हुए देखे गए जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि रमेश भट्ट की मीडिया में घर वापसी हो गई ।

आज के अन्य समाचार

रविवार, 21 मार्च 2021

कीर्तिनगर ब्लॉक की पुरानी पेंशन के लिए तैयार संयुक्त मोर्चे की ब्लॉक कार्यकारिणी का गठन ।।web news uttarakhand।

संदीप मैठाणी अध्यक्ष व संजीव चौहान बने महासचिव

राज्य में निरन्तर गतिमान पुरानी पेंशन बहाली के आंदोलन को गति देते हुए। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने आज राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा जनपद टिहरी में कीर्तिनगर ब्लॉक कार्यकारिणी का गठन सम्पन्न किया। सभी पदाधिकारियों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए सत्यनिष्ठा व ईमानदारी से कार्य करने की शपथ ग्रहण की। मण्डलीय पदाधिकारियों में मण्डलीय उपाध्यक्ष दिलवर रावत ने कहा कि सन्युक्त मोर्चा के लगातार प्रयास करने की वजह से सरकार आज इस मुद्दे पर बात कर रही है। साथ ही सवाल उठाया कि क्यों बीते हुए सालों में इस मुद्दे को लेकर इससे पहले गंभीरता नहीं दिखाई गई जबकि यह मुद्दा सीधा जीवन जीने के अधिकार से सम्बंधित है। श्रीनगर शाखा के वरिष्ठ सदस्य राकेश रावत ने कहा कि संयुक्त मोर्चा इसलिये इस मुद्दे को लेकर निरन्तर प्रयास कर रहा है क्योंकि इसे सरकार से कुछ उम्मीद है कुछ भरोसा है । परंतु यदि अब कर्मचारियों को विश्वास में लेने के लिए ठोस कदम नही उठाए गए तो इतिहास में ऐसा अध्याय लिखा जाएगा कि आने वाली नस्लें इस आंदोलन का उदाहरण देगी ।
संयुक्त मोर्चे का कार्य पुरानी पेंशन बहाली के विषय मे निरन्तर लोगो सरकार के कानों तक पहुंच रहा है। इसीलिए कर्मचारियों की उम्मीदें मोर्चे से बढ़ रही हैं । मुझे दी गयी अध्यक्ष पद की इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए मैं मोर्चे के वरिष्ठ पदाधिकारियों को धन्यवाद देता हूं साथ ही वादा करता हूँ कि सौंपी गई इस जिम्मेदारी को सम्पूर्ण निष्ठा से निभाने के प्रयास करूंगा- संदीप मैठाणी,अध्यक्ष
नव निर्वाचित महासचिव संजीव चौहान ने कहा कि संयुक्त मोर्चे ने निरन्तर पेंशन के मुद्दे को धार दी है और आगे भी यह पुरानी पेंशन बहाली तक लगातार कार्य करता रहेगा। इस संगठन से जुड़कर इस पुनीत उद्देश्य के लिए काम करने का मुझे सौभाग्य मिला मैं इसका शुक्रगुजार हूँ। साथ ही यह विश्वास दिलाता हूं कि मोर्चे द्वारा सौंपे गए दायित्वों का तन मन धन से निभाने के लिए सदैव तैयार रहूँगा। कार्यकारिणी में मुख्य संरक्षक-किशोर सजवाण संगठन के प्रदेश सयोंजक मिलेन्द्र बिष्ट ने कहा कि जिस तरह देश आजादी के लिए आन्दोलन किया था उसी प्रकार एन0ओ0पी0आर0यू0एफ0 अब देश व्यापि आंदोलन करने को तैयार हो चुका है, डॉ0 डी0सी0 पसबोला वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड सरकार यदि पुरानी पेंशन बहाली को गम्भीरता से नही लेती है तो जल्द उत्तराखंड में भी एक उग्र आंदोलन किया जाएगा।

नव निर्वाचित कार्यकारिणी इस प्रकार है ।

संरक्षक-विक्रम कठैत, सतीश बलूनी, मुकेश जोशी, कोषाध्यक्ष - श्री रमेश नेगी, उपाध्यक्ष- संचित सेमवाल, जय वर्धन, विजयराम पेटवाल,महिला उपाध्यक्ष- अंजू शर्मा, बबली पंवार,सचिव -कैलाश उनियाल,संगठन मंत्री- रमेश रौथाण, संयुक्त मंत्री - दीपक मिंया, सम्प्रेक्षक- अंकित चौहान,कार्यकारिणी सदस्य-जगमोहन पुंडीर, नरेंद्र राणा, दीपक चंद्र जदली आदि निर्वाचित हुए ।

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मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021

Garhwali DJ song : केशर पंवार और अनिशा पंवार का गीत कांधी बंदूक 1 लाख व्यूज़ पार, पढे पूरी रिपोर्ट ।।web news।।

AK Films का DJ सांग का कांधी बंदूक हिट हुआ ।

ए के फिल्म्स का धमाकेदार गढ़वाली गीत कांधी बंदूक एक हप्ते पहले रिलीज हुआ जिसे संगीत प्रेमियों ने खूब सराया युवाओं की जुबान पर गीत के बोल बमोर खांणाकी‌ मैन धापना धरयाली दुई नाऴी बंदूक मैंन कांधी धरयाली, चढ़ गया । ए के फिल्म्स के यू ट्यूब चैनल पर रिलीज हुआ यह गीत 1 हप्ते में ही एक लाख से ज्यादा बार देखा गया । तीन हजार से ज्यादा लोग यू ट्यूब पर लाइक कर चुके है , शुभकामना सन्देश के हजारों कमेंट सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर प्रशंसक कर चुके है ।कांधी बंदूक गीत केशर पंवार और अनिशा रांगड़ ने गया शैलेन्द्र शैलू ने संगीत से सजाया है साथ ही संजय भंडारी ने गढ़वाली रैप का तड़का लगाया है ।

देखिए केशर पंवार और अनिशा पंवार कांधी बंदूक गीत

Source : AK Films you tube 

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गुरुवार, 18 फ़रवरी 2021

Online training : माटी संस्था ने आलू की खेती की ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया ।। Web News।।

Online-tranning

माटी संस्था, देहरादून की ओर से “आलू की खेती: जीविकोपार्जन का एक उत्तम विकल्प ” विषय पर एक दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन।

देश को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने एवं ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका के अवसर बढ़ाने के अपने इसी उद्देश्य को पूरा करने के क्रम में आज "माटी जैव विविधता संरक्षण और सामाजिक अनुसंधान संगठन" देहरादून, ने “आलू (सोलनम ट्यूबरोसम) की खेती जीविका उपार्जन का एक उत्तम विकल्प” विषय पर एक दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

Mati-sansath

माटी संस्था के संस्थापक वैज्ञानिक डॉ० वेद कुमार ने अपने उद्बोधन भाषण में कहा ।

माटी संस्था के संस्थापक व वैज्ञानिक डॉ० वेद कुमार ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए कहा की ‘यह प्रशिक्षण कार्यक्रम हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की उस अपील को ध्यान मे रखते हुए कराया गया, जिसमे उन्होने देश को “आत्मनिर्भर भारत” बनाने की बात कही थी। माटी संस्था शुरुवात से ही अनेक ऐसे सामाजिक सरोकार संबन्धित कार्य करती आई है, जिससे देश व समाज आत्मनिर्भर बने।‘ वही संस्था के सह-संस्थापक व वैज्ञानिक डॉ० अंकिता राजपुत ने कहा की इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मूल उद्देश्य देश के युवाओं को ग्रामीण कृषि स्वरोज़गार हेतु प्रेरित करने के साथ उन्हे कृषि संबन्धित वर्तमान में आधुनिक तकनीकी ज्ञान से परिचित करवाना है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम वक्ता प्रोफेसर वी० एल० सक्सेना ने कहा ।

इस एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुवात प्रोफेसर वी० एल० सक्सेना, भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन, कोलकाता के द्वारा की गयी। इन्होने अपने उदघाटन उद्बोधन के दौरान बताया कि ‘इस तरह की प्रशिक्षण कार्यशालाएं विधार्थियों के लिए उपयोगी हैं, जो न केवल उनके व्यक्तित्व के विकास में सहायता करती हैं, अपितु देश के जाने-माने वैज्ञानिक व् विशेषज्ञों से रूबरू होकर अपनी शंकाओं का निवारण भी करने का मौका मिलता है। प्रोफेसर सक्सेना ने बताया कि माटी संगठन इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन लगातार करवाता रहा है, जो कि एक सराहनीय कदम है। 

One-day-tranning

प्रशिक्षण के द्वितीय वक्ता प्रोफेसर वी० एल० सक्सेना ने कहा ।

इस प्रशिक्षण के दूसरे वक्ता श्री० एस० के० चौहान (डायरेक्टर ऑफ़ अल्पाइन ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूट) ने कहा की परम्परागत रूप से हम आलू की खेती करते है, लेकिन हमें अच्छे उन्नति के लिए वैज्ञानिक तरीके से खेती करने की आवश्यकता है। 

प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन प्रोफेसर ध्यानेंद्र कुमार ने कहा ।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजक, प्रोफेसर ध्यानेंद्र कुमार, अध्यक्ष माटी ने बताया कि इस वैश्विक संकट काल कोविड-19 के इस कठिन समय में आलू की खेती आजीविका का बेहतर अवसर कैसे हो सकती है। उन्होंने बताया कि अगर हम अपनी पारम्परिक फसल जैसे आलू को भी उचित वैज्ञानिक तकनीकों के द्वारा उगाएं तो उसकी गुणवत्ता और मूल्य में सुधार कर अपनी आय को बढ़ा सकतें हैं। 

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प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ० जनार्दन ने कहा ।

इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ० जनार्दन जी (पूर्व निदेशक व् कृषि वैज्ञानिक, नेशनल रिसर्च सेण्टर फॉर मखाना, भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्) ने आलू की वैज्ञानिक खेती पर एक बहुत ही विस्तृत और प्रासंगिक जानकारियों से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि आलू दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसल है,जिसका उपयोग विश्व में खाद्य पदार्थ के रूप में किया जाता है और उन्होंने यह भी बताया की आलू कार्बोहाइड्रेट, स्टार्च और विटामिन का बहुत बड़ा स्रोत है, यह एक किफायती व् उच्च उत्पादक क्षमता वाली फसल है, जिसका उपयोग सब्जी के रूप में, चिप्स बनाने के लिए किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि आलू की खेती शुरुआती बसंत में और गर्म सर्दियों में लगाया जाता है, और सबसे ठंडे महीनों में भी इसकी पैदावार होती है। उन्होंने आलू की खेती के विभिन्न चरणों जैसे आलू का उत्पादन, कीटों और बीमारियों, मिट्टी और भूमि की तैयारी के बारे में भी विस्तृत विवरण दिया। आलू की फसल आमतौर पर बीज से नहीं बल्कि "आलू के छोटे कंद" से उगाई जाती है। कंद के टुकड़ों को 5 से 10 सेमी की गहराई तक बोया जाता है। अच्छे फसल के लिए स्वस्थ बीज कंदों तथा अच्छे किस्म (कुफरी लालिमा ,कुफरी चंद्रमुखी इत्यादि) की आवश्यकता होती है अथवा बीज का किस्म बुआई की जाने वाली क्षेत्र पर निर्भर करता है और कंद बीज रोग रहित तथा अच्छी तरह से अंकुरित होना चाहिए और प्रत्येक बीज कंद का वजन में 30 से 40 ग्राम तक होना चाहिए। डॉ जनार्दन जी ने कहा कि पारंपरिक और वैज्ञानिक ज्ञान के संयोजन से आलू का उत्पादन को बढ़या जा सकता है, जिससे किसानो के लिए आमदनी का एक अच्छा स्त्रोत बन सकता है। 

डॉ. हिमानी बडोनी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया ।

कार्यक्रम अंत में डॉ. हिमानी बडोनी (प्रोजेक्ट साइंटिस्ट) द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। उन्होंने प्रो० ध्यानेंद्र कुमार (अध्यक्ष, माटी), प्रो० विजय लक्ष्मी सक्सेना (अध्यक्ष, भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन कोलकाता), मुख्य वक्ता डॉ० जनार्दन जी (कृषि वैज्ञानिक), श्री अनिल सैनी (चेयरमैन अल्पाइन ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट), श्रीमती भावना सैनी (मैनेजिंग डायरेक्टर अल्पाइन ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट), श्री एस के चौहान (डायरेक्टर अल्पाइन ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट), श्री उत्तम कुमार सिंह (अकादमिक कोऑर्डिनेटर अल्पाइन ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट) को इस एक दिवसीय प्रशिक्षण वेबिनार में भाग लेने और इसे सफल बनाने के लिए धन्यवाद ज्ञपित किया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में माटी टीम ने सक्रिय भूमिका निभाई ।

इस एक दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम को जोखन शर्मा व ओंद्रिला सान्याल के द्वारा समन्वित किया गया और डॉ० हिमानी बडोनी ने मंच का संचालन किया। कार्यक्रम समन्वयक ओंद्रिला सान्याल ने बताया की इस एक दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान देश भर से कुल 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमे से अधिकांश कॉलेज, विश्वविद्यालयों के छात्र - छात्राओं, ग्रामीण युवा किसान मुख्य रूप से शामिल रहे। साथ ही कार्यक्रम के दौरान माटी टीम के सभी सदस्य प्रतिक्षा, अनुप्रिया, शेफाली, मृत्युंजय, विशाल, रश्मि, शालिनी, दिशांषी भी उपस्थित रहे ।

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मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021

World Wetland Day : माटी संस्था व भारतीय प्राणी सर्वेक्षण देहारादून ने “पक्षी विहार दर्शन” कार्यक्रम का आयोजन किया ।। web news ।।


विश्व वेटलैंड दिवस के अवसर पर माटी संस्था व भारतीय प्राणी सर्वेक्षण देहारादून के संयुक्त प्रयास से “पक्षी विहार दर्शन” कार्यक्रम का आयोजन ।

2 फरवरी को “विश्व आर्द्रभूमि दिवस” (World Wetland Day) मनाया जाता है । इस वर्ष “विश्व आर्द्रभूमि दिवस” की थीम “आर्द्रभूमि (वेटलेंड) और जीवन” निर्धारित की गयी है। यह दिन वेटलैंड्स के संरक्षण के लिए जागरूकता पैदा करने, उसे बढ़ावा देने तथा सम्पूर्ण मानव जाति के लिये आर्द्रभूमि (वेटलैंड) की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताने के लिए आयोजित किया जाता है। वेटलैंड का मतलब होता है नमी या दलदली क्षेत्र अथवा पानी से संतृप्त भूभाग से है। आर्द्रभूमि वह क्षेत्र है जो सालभर आंशिक रूप से या पूर्णतः जल से भरा रहता है। भारत में वेटलैंड ठंडे और शुष्क इलाकों से लेकर मध्य भारत के कटिबंधीय मानसूनी इलाकों और दक्षिण के नमी वाले इलाकों तक फैली हुई है। वेटलैंड के बहुत से लाभ है। जैविक रूप से विविध पारिस्थितिक तंत्र जो कई प्रजातियों के लिए आवास प्रदान करना, तूफान और बाढ़ के खिलाफ तट पर बफ़र्स के रूप में सेवा करना, पानी की गुणवत्ता में सुधार करने, बाढ़ के पानी को स्टोर करने और हानिकारक प्रदूषकों को बदलकर स्वाभाविक रूप से पानी को फ़िल्टर अर्थात जल को प्रदुषण से मुक्त करना है। वेटलैंड्स जंतु ही नहीं बल्कि पादपों की दृष्टि से भी एक समृद्ध तंत्र है, जहां उपयोगी वनस्पतियां एवं औषधीय पौधे भी प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। ये उपयोगी वनस्पतियों एवं औषधीय पौधों के उत्पादन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

विश्व वेटलैंड दिवस पर बर्ड वाचिंग कार्यक्रम का आयोजन

माटी संस्था, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण और अल्पाइन ग्रुप ऑफ कॉलेज द्वारा संयुक्त रूप से “विश्व आर्द्रभूमि दिवस (वर्ल्ड वेटलैंड डे) के अवसर पर आसन कंज़र्वेशन रिज़र्व, देहारादून के आर्द्रभूमि (वेटलैंड) क्षेत्र में “बर्ड वाचिंग कार्यक्रम” का आयोजन किया। आसन आर्द्रभूमि  क्षेत्र उत्तराखंड का पहला वेटलैंड है जिसको रामसर साइट घोषित किया गया है। आसन बैराज, आसन और यमुना नदी के किनारे फैला लगभग 4.5 किमी का क्षेत्र है। इस क्षेत्र में सितम्बर -अक्टूबर से ही विदेशी मेहमानो अर्थात प्रवासी पक्षियों का आना आरम्भ हो जाता है। एक दिवसीय “बर्ड वाचिंग” कार्यक्रम की शुरूवात भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, देहारादून के वैज्ञानिक डॉ० गौरव शर्मा द्वारा की गयी। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए वेटलैंड व प्रवासी पक्षियों के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हुए भारतीय प्राणी सर्वेक्षण संस्थान के द्वारा पक्षी व जंतुओं पर पूर्व व वर्तमान किए जा रहे शोधों से अवगत कराया। साथ ही उन्होने अपने संस्थान की तरफ से प्राणीयों पीआर शोध कर रहे विद्यार्थियों व शोधार्थियों को हर संभव मदद करेंगे का असवासन दिया। इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए डॉ० वेद प्रकाश तिवारी, संस्थापक और वैज्ञानिक, माटी संस्थान ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए वेलैंड डे को मानाने के उद्देश्य, वेटलैंड के हमारे जीवन में महत्त्व से लेकर इनके संरक्षण हेतु किये जाने वाले प्रयासों के विषय में रोचक जानकारी दी। उन्होंने प्रवासी पक्षियों के बारे में भी चर्चा की और बताया कि कैसे बर्डवॉचिंग एक मनोरंजन के साथ - साथ हमें इन नन्हे जीवों के जीवन की विभिन्न क्रियाओं व् पहलुओं से भी रूबरू करवाता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि हर किसी को स्थानीय स्तर पर और विश्व स्तर पर इस तरह के जैव विविधता दस्तावेज में संलग्न होना चाहिए ताकि यह हमारे वन्यजीवों और उनके आवासों को बचाने के लिए एकजुट होकर कार्य कर सके। इस दौरान भारतीय प्राणी सर्वेक्षण से डा० अनिल कुमार, पक्षी विशेषज्ञ ने भी इन पक्षियों के विषय में अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया । इसके बाद माटी की एक रिसर्च स्कॉलर ओएँड्रिल्ला सान्याल ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए सभी प्रतिभागियों को चार - चार समूहों में विभाजित किया व बर्डवाचिंग के नियमो के विषय में सभी को बताया। छात्रों ने पक्षियों के संबंध में सभी जानकारी एकत्र की और उनके व्यवहार और आवास को बहुत ही प्रभावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया। सभी ग्रुप्स के फील्ड नोट्स और ड्राइंग का आकलन करने के पश्चात् वहां उपस्थित सभी संस्थानों के वैज्ञानिको द्वारा कार्यक्रम के अंत में बेस्ट-बर्ड वॉचर से एक समूह को सम्मानित किया गया ताकि वे भविष्य में भारत की जैव विविधता को बचाने के लिए आगे आएं। कार्यक्रम का संचालन डॉ ० हिमानी बडोनी, प्रोजेक्ट साइंटिस्ट, माटी संस्था ने किया। उन्होने बताया की इस बर्ड वाचिंग कार्यक्रम के दौरान इस क्षेत्र में पाए जाने वाले पक्षियों की विभिन्न क्रियाओं से सम्बंधित फोटोग्राफ व विडियो भी संलेखित किया गया, साथ ही पक्षियों को प्रलेखित किया गया, जिनमे हैरूडी शेल्डक, टफ्टेड डक, रेड-क्रेस्टेड पोचर्ड, नार्दर्न पिंटेल, पेंटेड स्टॉर्क, ग्रे हेडेड स्वेफेन कॉमन कोट, कॉमन मूरेन, इंडियन स्पॉट-बिल्ड डक, ग्रे हेरॉन, रिवर लैपविंग, ग्रीन सैंडपाइपर आदि प्रमुख है। अंत में प्रतीक्षा, सीनियर रिसर्च फेलो, माटी ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों, मेहमानों, वैज्ञानिको आदि का धन्यवाद व्यक्त करते हुए माटी और भारतीय प्राणी सर्वेक्षण द्वारा आयोजित ऑनलाइन फोटोग्राफी प्रतियोगीयता के बारें में जानकारी प्रदान किया। 

“पक्षी विहार दर्शन” कार्यक्रम में उपस्थित रहे ।

विश्व आर्द्रभूमि दिवस (वर्ल्ड वेटलैंड डे) के अवसर पर अल्पाइन इंस्टिट्यूट के विधार्थियों के साथ - साथ पर्यावरण डिपार्टमेंट के अध्यक्ष एम० डी० कौसर ने भी भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान कुल सत्तर से ज्यादा प्रतिभागियों में भाग लिया। इस कार्यक्रम को सफल बनाए में माटी संस्था टीम के सभी सदस्य जिसमें की अनुप्रिया, शेफाली, मृतुन्जय, रश्मि , शालिनी, विशाल, देशांशी आदि ने योगदान किया।

गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

Garhwali song : 6 दिन में 1 मिनियन व्यूज "क्वी त बात होली", जाने पूरी खबर ।।web news।।

नेगी दा सदानी यनि गीत गा , एक विशेष रिपोर्ट के साथ गढ़ गौरव नरेंद्र सिंह नेगी का धन्यवाद सन्देश

"क्वी त् बात होलि " वीडियो गीत 6 दिन में ही 10 लाख व्यूज पार हो गया है साथ ही वीडयोकोरोना काल में डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोगिता सामने आई है लोगों ने अपनी राचात्मकता डिजिटाइजेशन के काल मे खूब दिखायी 2020 के जाते जाते उत्तखण्ड के सुप्रसिद्ध लोक कलाकार नरेंद्र सिंह नेगी द्वारा लिखी और उनके मधुर कंठ से निकले सुरेले सजीले संगीत ने उत्तराखण्डियों का दिल जीत लिया उनके वीडियो गीत "क्वी त् बात होलि " की चर्चा डिजिटल प्लेटफॉर्म यू ट्यूब पर रिजिल होने से पहले ही सोशल मीडिया और खासकर फेसबुक पर खूब हुई , पोस्टर, बैनर , शुभकामना सन्देशों की बौछार देखने को मिली जो अभी तक निरंतर जारी है , वीडियो के कम समय में ही 10 लाख पार होने से उत्त्साहित प्रशंसक जल्दी ही 10 मिलियन क्लब यानी 1 करोड़ व्यूज की बात कर रहे है ।

क्वी त् बात होलि, वीडियो गीत का यू ट्यूब लिंक

https://youtu.be/S-Q8YOdkaIA


10 लाख ब्यूज देख गायक लेखक नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा

दगड्यों नमस्कार आपलोग मेरा नया गीत "क्वी त बात होली" थै न केवल पसन्द करणा छां बल्कि गीत को प्रचार करी ज्यादा से ज्यादा भै-बैणो तक पौछाण मा मेरि मदद भि कन्ना छयां मेरो उत्साह बढौंणा का वास्ता भौत भौत धन्यबाद ।आज सुबेर10 लाख ब्यूज देखी मि फिर बाजा मा बैठ गयूं नया गीत नयी कम्पोजिशन बणौणू।आप भै-बन्द यनि हुर्स्योणा रैल्या त मेरि भि कोशिश राली नइ नइ रचना आपलोगू तक पौंछै साकू। अर हां गीत थैं डिसलाइक कन्न वाळा भी अपडै भैबन्द छन ऊंथैं चाहे गीत पसन्द न हो चाहे मेरि शक्ल, ऊंको भि अधिकार छ पर कमेन्ट मा गाळि देणू ठीक नीछ।  त दगड्यों गीत सुणणा - देखणा रावा अर अपडा सुझौ भेजणा रावा धन्यबाद - नरेन्द्र सिंह नेगी , लोकगायक

क्वी त बात होली गीत के प्रशंसकों के यू ट्यूब पर किए गए कॉमेंट 





रविवार, 15 नवंबर 2020

CM update : योगी आदित्यनाथ जी का देवभूमि उत्तराखंड में दो दिवसीय प्रवास , जाने पूरी जानकारी ।।web news।।


योगी आदित्यनाथ देहरादून पहुंचे , त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया स्वागत

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जॉलीग्रांट आगमन पर उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज केदारनाथ के दर्शन एवं पूजन करेंगे। कल सुबह दोनों मुख्यमंत्री, केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। उसके बाद बदरीनाथ धाम पहुंचकर बदरीनाथ मंदिर के दर्शन एवं पूजन करेंगे एवं उत्तर प्रदेश के पर्यटक आवास गृह का शिलान्यास भी इस प्रवास के समय योगी आदित्यनाथ के द्वारा किया जायेगा। 


देवभूमि उत्तराखंड के दो दिवसीय प्रवास के मध्य श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ धाम की यात्रा का विचार अलौकिक सुख की अनुभूति प्रदान कर रहा है। देवाधिदेव महादेव के धाम पर उनके दर्शन का सौभाग्य मिलना उन्हीं की कृपा का प्रतीक है।भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद हम सब पर बना रहे- योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री उतर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के मा० मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का देवभूमि उत्तराखंड में हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन। योगी जी दो दिवसीय प्रवास के दौरान श्री केदारनाथ एवं श्री बदरीनाथ धाम के दर्शन एवं पूजन करेंगे - त्रिवेन्द्र सिंह रावत मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड









शनिवार, 14 नवंबर 2020

Pahadi product : दिवाली के त्यौहार में देश विदेश घूम रही है जुन्याली, पढ़े पूरी खबर ।।web news।।


उत्तराखण्ड की पहली पहली म्यूजिकल डाल जुन्याली बन रही दिवाली का आकर्षक उपहार





कोरोना काल में बहुत सारे बदलाव आये, खासकर चाइना के प्रोडक्ट के बहिष्कार का जन आंदोलन बन गया है, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आत्मनिर्भर भारत का नारा देकर भारत के अर्थतंत्र को मजबूत करने व कोरोना काल में हुए आर्थिकी बदहाली को बदलने का सफल प्रयास किया जो हमारे आस पास दिख रहा है। स्वदेशी उत्पादों की ओर लोगों के ध्यानाकर्षण से अच्छे उपटादों को लोग हाथों हाथ ले रहे है , अबकी दिवाली पहाड़ी प्रोडक्ट वाली सीरीज में वेब न्यूज़ में उत्तखण्ड के गुणवत्ता पूर्ण उत्पादों के बारे में आपको जानकारी दे रहे है इसी कढ़ी में उत्तराखण्ड की पहली म्यूजिकल डाल की बात कर रहे है जिसको ऑनलाईन उत्तराखण्ड में ही नही देश विदेश में रह रहे प्रवासी उत्तराखण्डी भीऑर्डर कर रहे है । जुन्याली उच्च गुणवत्ता ,पहाड़ी गीत संगीत एवं पहाड़ी रूप रंग वाली गुड़िया है जो बच्चों बड़ों सबको आकर्षित करने का काम कर रही है ।

टिहरी के युवाओ की सांस्कृतिक लगाव है जुन्याली

दीप नेगी पंकज अधिकारी और अक्की अधिकारी इन तीन युवाओं अपने अथक प्रयास व गहन रिसर्च कर जुन्याली हम सबके सामने लाने का सार्थक प्रयास किया । दीप नेगी टिहरी गढ़वाल के जुवा पट्टी के सुनार गावँ के है जो वर्तमान में दुबई में हेल्थकेयर कम्पनी में कार्यरत है पंकज व अक्की अधिकारी जुवा पट्टी के अलेरू गाँव के है जो वर्तमान में गुड़गांव में प्राइवेट कंपनी में अच्छे पदों में कार्यरत है ।


उत्तराखण्ड की संस्कृति ब्रांड एंबेसडर है प्यारी जुन्याली

जुन्याली बच्चों के लिये वार-त्यौहार, जल्मबार (जन्मदिन) में एक अच्छा उपहार हो सकती है, बडे लोगों के लिये उनके आफ़िस मे सजाने के लिये काम आ सकती है । आपके ड्राईंग रूम की सजावाट में चार चांद लगा सकती है । उत्तराखंड सरकारी और गैर सरकारी संस्थायें प्रतियोगिता में प्रतिभागियों/ विजेताओं को पुरुस्कार स्वरूप जुन्याली एक अच्छा विकल्प हो सकती है । राजनैतिक , सामाजिक , सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्मृति चिह्न स्वरूप जुन्याली भेट की जा सकती है । जुन्याली आपके आफ़िस के, होटल के, रेस्टोरेन्ट आदि के रिसेप्शन पर उत्तराखंड की संस्कृति के सूक्ष्म रूप का प्रतिनिधित्व कर सकती है आदि ।

जुन्याली " की मुख्य विशेषताएं

जुन्याली अच्छी लचीली गुणवत्ता के कारण , गुड़िया की मुद्रा ( सिर, हाथ) को बदला जा सकता है।  इसमें 7- प्रसिद्द उत्तराखण्डी गीतों((गढ़वाली, कुमाउनी) की श्रृंखला है, जो की 60-सेकेंड तक चलते हैं और फिर से शुरू से बजते हैं ।जुन्याली इन पहाड़ी गानो पर नृत्य भी करती है |नृत्य ऑप्शन को अगर लॉक लिया जाय तो गुड़िया सिर्फ पहाड़ी गीत गाती है इसमें रंगीन-चमकदार पंख हैं जो की अँधेरे में चमकते हैं |जुन्याली के निचले हिस्से में चमकती लाइट हैं जो अँधेरे में चमकती हैं |इसकी आँखे 3D हैं जो की वास्तविक लगती हैं | कानो में छिद्र हैं जिन्हे इसे खरीदने वाला कान की बालिया, झुमके आदि से सजा सकता है |लचीली गुणवत्ता होने से नाक पर भी नथुली या नोज़रिंग पहनाई जा सकती है | लचीली अच्छी गुणवत्ता होने के कारण अगर गुड़िया बच्चो के हाथ से गिरती भी है तभी भी जल्दी से टूटने फूटने वाली नहीं हैं ।


जुन्याली का ऑनलाइन एड्रेस

जुन्याली Phyonli & Pines के पेज और इंस्टाग्राम
के साथ साथ अमेज़ॉन प्राइम, स्यारा रिटेल ऑनलाइन मंगाई जा सकती है साथ ही वट्सप एप्प नम्बर 7300-758707,91 96507 72051,+91 84478 24173 से भी संपर्क किया जा सकता है।

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●●●दिवाली धमाका पहाड़ी उत्पाद स्यारा बटै त्यारा घौर,



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शुक्रवार, 6 नवंबर 2020

Corona update : उत्तराखण्ड में कोरोना के आज आये पाज़िटिव केस 473, जाने जिलेवार आज की रिपोर्ट ।web news।।

आज का कोरोना बुलेटिन

आज 473 नए कोरोना मरीज सामने आने के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 64538 पहुंची गयी है। स्वस्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए अभी अभी के हेल्थ बुलेटिन में इसकी जानकारी दी गई है। 

◆आज 473 नये कोरोना के केस आये
◆84 कोरोना केस के साथ देहरादून में सबसे ज्यादा कोरोना केस आये आज।
◆कोरोना संक्रमितों की संख्या 64538 में से 59227 ठीक हो चुके है अब 3736 सक्रिय केस है ।
◆उत्तराखंड में लगातार कोरोना केसों में कमी जारी है ,


जिल्लेवार कोरोना पॉजिटिव केस, आज की रिपोर्ट

अल्मोड़ा में कोरोना पॉजिटिव केस-17
बागेश्वर में कोरोना पॉजिटिव केस-02
चमोली में कोरोना पॉजिटिव केस- 48
चंपावत में कोरोना पॉजिटिव केस-03
देहरादून में कोरोना पॉजिटिव केस- 163
हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिव केस-55
नैनीताल में कोरोना पॉजिटिव केस-39
पौड़ी में कोरोना पॉजिटिव केस-40
पिथौरागढ़ में कोरोना पॉजिटिव केस -14
रुद्रप्रयाग में कोरोना पॉजिटिव केस-16
टिहरी में कोरोना पॉजिटिव केस-12
उधमसिंह नगर में कोरोना पॉजिटिव केस- 57
उत्तरकाशी में कोरोना पॉजिटिव केस-07

मंगलवार, 3 नवंबर 2020

अच्छी खबर : ग्रामीण क्षेत्रों में जगतबन्धु ट्रस्ट एम्स ऋषिकेश की सेवाएं पहुचने में बनेगा मददगार, पढे पूरी खबर ।।web news।।

एम्स ऋषिकेश एवं जगतबंधु सेवा ट्रस्ट के बीच टेलीमेडिसिन सेंटर हेतु करार

एम्स ऋषिकेश एवं जगतबंधु सेवा ट्रस्ट के बीच आज एक एम. ओ. यू. हस्ताक्षर किया गया जिसमें पुरकाजी क्षेत्र के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में एम्स ऋषिकेश की सुविधाएं जगतबंधु सेवा ट्रस्ट चैरिटेबल हॉस्पिटल के माध्यम से उपलब्ध की जाएगी । एम्स के सौजन्य से दुर्गम क्षेत्र सेठपूरा पुरकाजी एवं आसपास के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में टेली हेल्थ प्रोग्राम के द्वारा चिकित्सा सेवा देने हेतु एम्स ऋषिकेश में एक बैठक आयोजित हुई जिसमें मुजफ्फरनगर के आसपास के 52 गांव में एम्स द्वारा आउटरीच टेली हेल्थ प्रोग्राम चलाया जाएगा । इसी सम्बन्ध में जगत बन्धु सेवा ट्रस्ट तथा एम्स ऋषिकेश के बीच समझौता ज्ञापन हुआ है । संस्थान के निदेशक पदम् श्री प्रो० रविकांत जी ने कहा की कोविड -19 वैश्विक महामारी के इस कठिन समय पर एम्स ऋषिकेश आउटरीच एवं सुदूर क्षेत्रों में अपनी सेवाएँ देने के लिए प्रयासरत है I उन्होंने कहा कोविड -19 महामारी के समय में भी लोगो तक पहुंचना और उनके बिमारियों को समझना भी अति आवश्यक है l कोविड -19 के अलावा भी जो अन्य बीमारियाँ हमारे समुदाय में है जैसे – हाइपरटेंशन, डायबिटीज और इस तरह की बीमारियां का हम नजरअंदाज नहीं कर सकते इस संदर्भ में आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डॉ संतोष ने कहा कि आउटरीच टैली हेल्थ प्रोग्राम द्वारा दुर्गम क्षेत्रों में एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा सेवाएं प्रदान की जाएगी l एम्स के विशेषज्ञों द्वारा टेलीमेडिसिन के द्वारा इस प्रोग्राम के तहत डायबिटीज, हाइपरटेंशन और अन्य बीमारियों के मरीजों को परामर्श दिया जाएगा l इस प्रोग्राम के तहत एम्स दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले क्षेत्रीय जनता को लाभ देंगे l इस टैली हेल्थ प्रोग्राम का उद्देश्य कोविड 19 महामारी के समय सुदूर क्षेत्रों में सेवाएं पहुंचाना है इस प्रोग्राम के सदस्य डॉक्टर सीन जॉब (रिटायर्ड कर्नल) ने कहा कि बिना प्राथमिक चिकित्सा एवं पब्लिक हेल्थ के एक स्वस्थ समाज की कामना नहीं की जा सकती और इसी कामना के साथ हमने इस हेल्थ प्रोग्राम को शुरू किया तथा संस्थान के लीगल अधिकारी प्रदीप चंद पांडे जी ने इस दुर्गम क्षेत्र में दी जाने वाली आउटरीच प्रोग्राम की प्रशंसा की । जगतबंधु सेवा ट्रस्ट की ओर से , राजवीर सिंह प्रजापति, सुमित प्रजापति अंकित कुमार आदि मौजूद रहे ।

रविवार, 25 अक्टूबर 2020

Pahadi Product : मडुवे के रसगुल्लों से दिवाली में पहाड़ी रस्याण , पढे हिदेश ट्रस्ट की अनोखी पहल ।। web news uttrakahnd ।।

देवभूमि के अनाजों की दीवाली रेंज उत्तखण्ड के मार्केट लॉन्च

अबकी दिवाली पहाड़ी प्रोडक्ट वाली - 1

हिमालय देवभूमि संसाधन ट्रस्ट हमेशा चर्चाओं में बना रहता है , देवभोग प्रसाद के नाम से पहाड़ी अनाजों की वैश्विक ब्रांडिंग कर चुका है , इस दिवाली उत्तराखंड और प्राकृतिक उत्पाद प्रेमियों के लिए के लिए खुशखबरी लेकर आया है । देवभूमि ट्रस्ट ने शुद्व व प्राकृतिक अनाज से बनी मिठाइयां चर्चा का विषय बना हुआ है । त्यौहारों के समय बाजार में मिलने वाली मिलावटी मिठाइयों से स्वस्थ्य पर पड़ने वाले बुरे असर से बचने व प्रकृति का दिव्य उपहार पहाड़ी अनाजो से निर्मित मिठाइयां बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध है , यह मिठाइयां इम्यूनिटी सिस्टम को ठीक करने का कार्य भी करेगी क्योंकि इन मे पहाड़ी उत्पादों का प्रयोग किया गया है ऐसा दावा मिठाई बनाने वाले हिमालय देवभूमि संसाधन ट्रस्ट का है । साथ ही ट्रस्ट के साथ जुड़े समूह की महिला पुरुषों को आर्थिक लाभ भी मिठाइयों की बिक्री से मिलेगा ।

ट्रस्ट की समूह के माध्यम से रोजगार से जोड़ कर रोजागर सर्जन का संकल्प

ट्रस्ट द्वारा इन अनाजों पर शोध एवं विकास का कार्य पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है पहाड़ी अनाजो से विभिन्न प्रकार के मिष्ठान बनाये जा रहे है। ट्रस्ट का उद्देश्य बेरोजगार पुरुष व महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का है इस दिशा मे ट्रस्ट कार्य कर रहा है सम्पूर्ण उत्तराखंड मे रोजगार उपलब्ध करा कर पहाड़ की प्राकृतिक संपदा से लोगों को प्राकृतिक उत्पाद उपलब्ध करा कर उत्तराखण्ड के जन मानस को आजीविका से जोड़ने दिशा मे ट्रस्ट निरतंर कार्य कर रहा है ।

ट्रस्ट के बहरानाजा स्वाथ्य सम्रद्धि का खजाना है

उत्तराखंड में पाये जाने वाले 12 प्रकार के अनाज जिसे उत्तराखंड में बहरानाजा भी कहा जाता है । इन 12 अनाजों पर रिसर्च की जा रही है इन्ही बहरानाजा से मिठाई तैयार की जा रही है । ट्रस्ट द्वारा मडुवा, चौलाई, झंगोरा, कौणी आदि पहाड़ी अनाजों के उत्पाद बनाने पर रिसर्च जारी है। देवभोग प्रसाद भी पहाड़ी अनाजो से बनाया जाता है जो देशभर के श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा के समय उपलब्ध रहता है ।

हिदेश ट्रस्ट लेकर आया है पहाडी व प्राकृतिक उत्पादों का संदेश

देवभोग प्रसाद, मडुवे के बिस्कुट , मडुवे की नमकीन, चौलाई के बिस्कुट, पहाड़ी अनाजो की मिश्रित नमकीन , बिस्कुट के बाद इस त्यौहारी सीजन पहाड़ी अनाजों से बनी चौलाई की बर्फी, चौलाई के लड्डू, मडुवे के लड्डू , मंडुवे के रसगुल्ले, मडुवे बर्फी तैयार की जा रही है साथ ही यह सभी मिठाइयां बिक्री हेतु उपलब्ध है 


गोविंद सिंह मेहर पहाड़ी अनाजों के उत्पाद को पहचान दिलाने में प्रयासरत

पहाडी अनाजों से बनी मिठाई देवभूमि ट्रस्ट के संचालन और पहाड़ी अनाजों के उत्पाद बनाने की सोच को साकार करने वाले गोविंद सिंह मेहरसे सीधा संपर्क किया जा सकता है , उनकी पहल की सराहना मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत स्वयं कर चुके है साथ समय समय पर कई गणमान्य व्यक्ति भी उनकी की पहल की तारिफ कर चुके है । 

पहाड़ी मिठाइयों वाली दीवाली मनाने के लिए संपर्क किया जा सकता है

पहाड़ी मिठाई ( देवभोग स्वीट ) ट्रस्ट के ऑफिस हिमालय देब भूमि संसाधन ट्रस्ट गढ़वाली कालोनी लैन न 3 नियर निर्वाचन आयोग रिंग रोड देहरादून से ली जा सकती है साथ ही 9557303375 मोबाईल नम्बर पर भी सम्पर्क किया जा सकता है ।

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रविवार, 18 अक्टूबर 2020

Short Movie Compitition : कोविड -19 जागरूकता विषय पर लघु फ़िल्म बनाकर 1 लाख जीतने का मौका , पढे पूरी जानकारी ।।web news।।


कोविड -19 जागरूकता पर लघु फ़िल्म बनाकर 1 लाख जीतने का सरकार दे रही है मौका ।

कोरोना योद्धाओं की विजयगाथा को अब लघु फिल्म के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को दिखाकर कोविड-19 के प्रति लोगों को जागरूक करने का मौका उत्तराखण्ड सरकार दे रही है इसके लिए लघु फिल्म प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। उत्कृष्ट लघु फिल्म होने पर पुरस्कार भी जीत सकते हैं। फिल्म के विषय कोविड-19 को लेकर जागरूकता और कोविड-19 वॉरियर से विनर तक रखे गए हैं। 


प्रथम विजेता को एक लाख, द्वितीय को 75 हजार और तृतीय विजेता को 50 हजार रुपए पुरस्कार स्वरूप दिए जाएंगे। इच्छुक प्रतिभागी 20 अक्टूबर तक अपनी प्रविष्टियां भेज सकते हैं। लघु फ़िल्म गूगल ड्राइव या यू ट्यूब लिंक smteamdior@gmail. com पर मेल कर के प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया जा सकता है ,लघु फिल्म का फॉर्मेट एमपी-4 होना आवश्यक है । अधिक जानकारी के लिए फोन नम्बर 8287250243 संपर्क किया जा सकता है ।


बुधवार, 23 सितंबर 2020

हेमा नेगी करासी : उत्तराखंडी लोकगीतों की जागर शैली की मधुर आवाज ।।web news।।

लोकगायिका हेमा नेगी करासी की संगीत की पहली पाठशाला

रूद्रप्रयाग जिले के दशज्यूला गाँव निवासी चंद्र सिंह नेगी जी के घर जन्मी उनकी छः संतानों में हेमा चौथे नंबर की है, हेमा बाल्य काल से ही अपने पिताजी के मधुर कंठ से जागर, लोकगीतों, दांकुडी,झुमेलो, चौंफुला को सुना करती थी। महज 4 बरस की बाल्य अवस्था से ही हेमा की रुचि संगीत में होने लगी थी हेमा ने जब दे देवा बाबाजी.... गीत अपने पिताजी को सुनाया तो पिताजी ने शाबासी दी बस फिर हेमा की रुचि और बढ़ी जो आज लाखों करोड़ों संगीत प्रेमियों की चहीती बन गयी । हेमा ने नरेंद्र सिंह नेगी , बंसती बिष्ट , प्रीतम भर्तवाण के पद चिन्हों का अनुसरण करते हुए नयी पीढ़ी की जागर गायिका का मुकाम हासिल किया ।


हेमा नेगी करासी की गायकी यात्रा 

2003 में इंटर काॅलेज कांडई में वार्षिकोत्सव में हेमा ने
धरती हमारा गढ़वाल की गीत गाया ,सुरीले कंठ से स्वरों के उतार चढ़ाव के साथ यह गीत हेमा की गायिकी का शुरुआत थी इस प्रोग्राम में दूरदर्शन और आकाशवाणी से लोग आये हुये थे जो इस आवाज को सुनकर झूम उठे यह हेमा का संगीत के क्षेत्र में अनोपचारिक डेब्यू था क्योंकि हेमा की पहली ऑडियो कैसेट क्या ब्वन तब 2005 में आयी जिसके साथ हेमा की संगीत की दुनिया मे शुरुआत हुई साथ ही इसी साल गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी के साथ कथा कार्तिक स्वामी की एलबम रिलीज हुई। इन गीतों के साथ गायकी की शुरुआत करने वाली हेमा की आवाज और अंदाज लोगों के मन को खूब भाया । 2008 में हेमा परिणय बंधन में बंधी फलस्वरूप हेमा कुछ सालों तक अपने प्रशंसकों के लिए नये गीत न ला सकी लेकिन हेमा को संगीत की धुन पुनः खींच ले आयी 2012 में माई मठियाणा देवी व 2013 में गिर गेंदुआ एलबम रिलीज हुई ,हेमा के सबसे ज्यादा व्यू मेरी बामणी गीत को मिले जिसे अभी तक 16 मिलियन से अधिक लोग देख चुके है। लेकिन 2013 में रिलीज गीत गिर गेंदुआ जागर गीत हेमा नेगी का सिग्नेचर गीत है जिसे उनके प्रशंसक औऱ उत्तराखण्ड संस्कृति प्रेमी बार बार और उनके लाइव प्रोग्राम में हर बार सुनना चाहते है ।


हेमा के रुद्रपयाग से लेकर विदेशों तक हजारों प्रशंसक 

हेमा नेगी के गाये लोक गीत और जागर आम जनमानस की जुबान पर है उनके गीतों की धूम उत्तराखंड ही नहीं बल्कि विदेशों तक है। जापान,न्यूजीलैंड दुबई आदि देशों में हेमा शानदार लाइव प्रस्तुतियां दे चुकी है साथ ही उनके यू ट्यूब चैनल से देश दुनिया के कोने कोने से प्रशंसक जुड़े है जो उनके गीतों के माध्यम से उत्तराखण्ड की देव संस्कृति के डिजिटल दर्शन करते रहते है ।


जादुई आवाज साथ उत्तराखण्डी परिधान हेमा की पहचान

हेमा लोकगीतों की जागर शैली की आवाज है जो उत्तराखण्ड के संगीत प्रेमियों के मन में रच बस गयी है, हेमा ने जागर के माध्यम से युवा पीढ़ी को जड़ो से जोड़ने का अनूठा अभियान चलाया साथ ही परम्परागत परिधान में उन्हें स्टेज पर और वीडियो गीतों में देखना लोगों को संस्कृति से जोड़ने का काम करता है।

देखें हेमा नेगी करासी का सिग्नेचर लोकगीत गिर गेंदुआ