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सोमवार, 15 मार्च 2021

Kavita : देवभूमि उत्तराखंड- आर०जे० नेहा ।।Web News।।

Devbhumi

देवभूमि उत्तराखण्ड ✍️

देवभूमि उत्तराखण्ड में एक ओर विराजमान है यमनोत्री गंगोत्री,

तो दूसरी ओर बद्रीकेदार

एक ओर बसी है फूलो की घाटी,

तो दूसरी ओर सात तालों का नैनीताल।

कभी बाँसती है यहा धुगुति, तो कभी हिलांस। कभी खिलते हैं यँहा ग्वीराल, तो कभी बुराँस।

कभी जेठ के महीनों के वो चड़चड़े घाम, यो कभी ह्यूदैं की आग।

गर्मियों में छोयों का वो ठंडा पानी,

तो कभी सर्दियों में भर-भर के चाय के ग्लास। शादियों में ढोल दमाऊ और साथ में माँगल्लों की धुन,

कभी लगते हैं यहा नौरातों के मंडाण। यँहा का युवा भी रहता है हर वक्त तैयार, बनने को देश का जवान

ताकि दुश्मन को मार, बढ़ा सकें देश का मान।

यँहा की घसेरियों कि छुण-छुण करती दारुड़िया और पनदेरियों की छल्ल -छल्ल करती पानी की गागरी।

सुबह-सुबह दादा जी के हुक्के का गुड़गुड़ाट,और साथ में दादी की बड़बड़ाट। 'और यंहा के खाने की तो बात ही क्या करनी

कभी बनता है फाणु और झंगोरा तो कभी बाड़ी और छँनचयां।

कभी मिलते हैं खाने को रोटन और अरसे, तो कभी सिंगोड़ी और बालमिठाई।

अपने उत्तराखण्ड की बात ही है कुछ खास, तभी तो लगती है यहा पर्यटकों की तादाता

"जय हिन्द जय भारत जय उत्तराखण्ड"


                   ✍️ ✍️ आर०जे० नेहा
                       दौला ,पौड़ी गढ़वाल

शनिवार, 23 मई 2020

Kavita : कोरोना वाइरस - कनिका गोदियाल ।। web news।।


Corona-virus

कोरोना वायरस ✍️

दुनिया पर संकट छाया,
वैज्ञानिकों ने भी शीश झुकाया
को‌रोना नाम का एक वायरस,
विनाश काल आपत्ती लाया

सब ने सीखा नमस्ते करना
चीन से आया ये वायरस से डरना
पुलिस डॉक्टर सब लगे हैं,
लोगों की जिंदगी बचाने में

खुद की जान लुटा बैठे अनजाने में,
अपने परिवार को भूलकर
दूसरों का परिवार बचा रहे हैं
घर में बैठने को कहा है,
हम उसको भी ठुकरा रहे हैं ।

पूरी दुनिया से लड़ रही है
तभी तो सबकी सांसे चल रही है
सबकी आंखों मे उम्मीद है,
इस से जीतने की ज़िद है।

स्कूल में सब यार बैठकर,
गपशप लगाते थे।
कभी कबार तो लड़ाई भी करवाते थे
करोना ने तो हमारी लड़ाई भी बंद करवा दी,

हजार लोगों की शादी भी तुड वादी
हम घर में बैठे भी हजार
वायरस खत्म करवा सकते हैं
जैसे इस दुनिया से,
प्रदूषण भगा सकते हैं।

कोरोना वायरस ने,
हमें अच्छा सबक सिखाया है,
हमें जिंदगी बदलने का
अच्छा मौका दिलाया है

दुनिया पर संकट छाया,
वैज्ञानिकों ने भी शीश झुकाया ।

                       ✍️✍️ कनिका गोदियाल
                                  कक्षा 8