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रविवार, 15 नवंबर 2020
CM update : योगी आदित्यनाथ जी का देवभूमि उत्तराखंड में दो दिवसीय प्रवास , जाने पूरी जानकारी ।।web news।।
मंगलवार, 3 नवंबर 2020
अच्छी खबर : ग्रामीण क्षेत्रों में जगतबन्धु ट्रस्ट एम्स ऋषिकेश की सेवाएं पहुचने में बनेगा मददगार, पढे पूरी खबर ।।web news।।
एम्स ऋषिकेश एवं जगतबंधु सेवा ट्रस्ट के बीच टेलीमेडिसिन सेंटर हेतु करार
एम्स ऋषिकेश एवं जगतबंधु सेवा ट्रस्ट के बीच आज एक एम. ओ. यू. हस्ताक्षर किया गया जिसमें पुरकाजी क्षेत्र के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में एम्स ऋषिकेश की सुविधाएं जगतबंधु सेवा ट्रस्ट चैरिटेबल हॉस्पिटल के माध्यम से उपलब्ध की जाएगी । एम्स के सौजन्य से दुर्गम क्षेत्र सेठपूरा पुरकाजी एवं आसपास के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में टेली हेल्थ प्रोग्राम के द्वारा चिकित्सा सेवा देने हेतु एम्स ऋषिकेश में एक बैठक आयोजित हुई जिसमें मुजफ्फरनगर के आसपास के 52 गांव में एम्स द्वारा आउटरीच टेली हेल्थ प्रोग्राम चलाया जाएगा । इसी सम्बन्ध में जगत बन्धु सेवा ट्रस्ट तथा एम्स ऋषिकेश के बीच समझौता ज्ञापन हुआ है । संस्थान के निदेशक पदम् श्री प्रो० रविकांत जी ने कहा की कोविड -19 वैश्विक महामारी के इस कठिन समय पर एम्स ऋषिकेश आउटरीच एवं सुदूर क्षेत्रों में अपनी सेवाएँ देने के लिए प्रयासरत है I उन्होंने कहा कोविड -19 महामारी के समय में भी लोगो तक पहुंचना और उनके बिमारियों को समझना भी अति आवश्यक है l कोविड -19 के अलावा भी जो अन्य बीमारियाँ हमारे समुदाय में है जैसे – हाइपरटेंशन, डायबिटीज और इस तरह की बीमारियां का हम नजरअंदाज नहीं कर सकते इस संदर्भ में आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डॉ संतोष ने कहा कि आउटरीच टैली हेल्थ प्रोग्राम द्वारा दुर्गम क्षेत्रों में एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा सेवाएं प्रदान की जाएगी l एम्स के विशेषज्ञों द्वारा टेलीमेडिसिन के द्वारा इस प्रोग्राम के तहत डायबिटीज, हाइपरटेंशन और अन्य बीमारियों के मरीजों को परामर्श दिया जाएगा l इस प्रोग्राम के तहत एम्स दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले क्षेत्रीय जनता को लाभ देंगे l इस टैली हेल्थ प्रोग्राम का उद्देश्य कोविड 19 महामारी के समय सुदूर क्षेत्रों में सेवाएं पहुंचाना है इस प्रोग्राम के सदस्य डॉक्टर सीन जॉब (रिटायर्ड कर्नल) ने कहा कि बिना प्राथमिक चिकित्सा एवं पब्लिक हेल्थ के एक स्वस्थ समाज की कामना नहीं की जा सकती और इसी कामना के साथ हमने इस हेल्थ प्रोग्राम को शुरू किया तथा संस्थान के लीगल अधिकारी प्रदीप चंद पांडे जी ने इस दुर्गम क्षेत्र में दी जाने वाली आउटरीच प्रोग्राम की प्रशंसा की । जगतबंधु सेवा ट्रस्ट की ओर से , राजवीर सिंह प्रजापति, सुमित प्रजापति अंकित कुमार आदि मौजूद रहे ।शनिवार, 26 सितंबर 2020
किसानों को आत्मनिर्भर बना रही है माटी संस्था की “उर्वरा योजना” , ।।web news।।
माटी संस्था किसानो को उर्वरा योजना के तहत बना रही हैआत्मनिर्भर।
देश में किसानों की एक अलग ही भूमिका वर्षों से रही है। हमारे किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। जब कोरोना संकट काल में देश की आर्थिक गतिविधियाँ पूरी तरह से थम सी गयी थी, उस समय केवल हमारे किसान ही थे जिन्होने देश की अर्थव्यवस्था को संभाला। इस विकट स्थिति में भी अगर देश के लोगों तक खाद्य-सामग्री व अनाजों सुचारु रूप से पहुँच रही थी तो उसके पीछे हमारे किसानो के अपने कृषि के प्रति कठिन मेहनत व लगन थी। कोरोना संकट में यह देश को दिखा दिया कि दुनिया के इस संघर्षमय समय में आज कृषि आजीविका का एक महत्वपूर्ण साधन बन कर उभरा है। कृषि क्षेत्र की इसी महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री ने कोरोनाकाल के मध्य में अर्थव्यवस्था को पुनः खड़ा करने के लिए देश को आत्मनिर्भर बनने का एक नई राह का संदेश दिया। देश में कृषि की अहम भूमिका व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से प्रेरणा लेते हुए माटी संस्था, देहारादून की ओर से पिछले कुछ माह पूर्व एक योजना “उर्वरा” की शुरुवात की गयी थी। इस योजना के अंतर्गत संस्था के वैज्ञानिको व् संस्था से जुड़े विशेषज्ञों के द्वारा किसानो को आधुनिक, पारंपरिक एवं जैविक खेती के लिए तकनीकी प्रशिक्षण व सहायता प्रदान किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य देश के किसानों को जैविक कृषि के प्रति प्रोत्साहित करना जिससे वे इसे स्वरोज़गार के रूप में अपना कर आत्मनिर्भर बन सके। साथ ही किसानो को कृषि संबन्धित प्रबंधन, भंडारण व बाजार जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाना भी इस योजना का एक उद्देश्य है।माटी संस्था अपने उर्वरा योजना के तहत उत्तरप्रदेश के बिजनौर जिला के किसानों को केसर जैसे गैर-पारंपरिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा था। केसर (saffron) एक सुगंध देने वाला व विश्व का सबसे कीमती पौधा है। इसके पुष्प की वर्तिकाग्र (stigma) को केसर, कुंकुम, जाफरान अथवा सैफ्रन (saffron) कहते हैं। केसर न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद होता है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी गुणकारी होता है।
किसानों के द्वारा उगाए केसर को बेचने के लिए वे व्यापारियों से संपर्क कर रहे हैं। साथ उन्होंने बताया की केसर की यह खेती मात्र जैविक खेती व परंपरागत खेती मात्र नहीं है, बल्कि यह स्मार्ट परंपारगत खेती भी है जिसके माध्यम से गुणवत्ता और उत्पादन मात्रा दोनों बनाए रखा जा सकता है। माटी संस्था की यह "उर्वरा कृषि योजना" उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश के साथ अन्य राज्यों के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु समय-समय पर अन्य फसलों के साथ भी प्रयोग करने की है जिससे किसान आत्मनिर्भर बन कर व देश की उन्नति में सहयोग दे सकते हैं- डॉ० वेद प्रकाश ,माटी संस्था के संस्थापक व वैज्ञानिकमाटी संस्था के विशेषज्ञों के द्वारा सेहत के लिए गुणकारी एवं किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित होने वाली केसर की खेती करने के लिए एक प्रयोग किया। इसके लिए संस्था के द्वारा पूर्व कुछ माह से लगातार किसानो को केसर के खेती हेतु आवश्यक आर्थिक व तकनीकी सहायता प्रदान किया जा रहा था साथ ही किसानो को केसर की खेती हेतु समय - समय प्रशिक्षण मुहैया कारवाई गई। संस्था के इस मार्गदर्शन व सहयोग से बिजनौर के किसान श्री धरम पाल सिंह जी ने बेशकीमती फसल केसर की खेती सफलतापूर्वक कर सभी को आश्चर्य में डाल दिया। केसर उत्पादन करने वाले श्री धरम पाल सिंह ने बताया की इस वर्ष उन्होंने केसर की खेती छोटे स्तर पर प्रयोग हेतु किया जिसके अंतर्गत लगभग 5 किलो केसर उत्पादित किया। उन्होने बताया कि मेरी इस सफलता को देख कर गाँव व क्षेत्र के अन्य किसान भी इस दिशा में आगे आ रहे हैं। उन्होने कहा कि इस प्रयास व सफलता के पीछे माटी संस्था देहारादून के संस्थाप व वैज्ञानिक डॉ॰ वेद प्रकाश तथा सह-संस्थापक व वैज्ञानिक डॉ० अंकिता राजपूत के सयुंक्त प्रयास व मेहनत रहा है।
किसानो के केसर गैर-पारंपरिक खेती के सफल उत्पादन पर माटी संस्था के सह-संस्थापक व वैज्ञानिक डॉ० अंकिता राजपूत ने बताया कि केसर की खेती का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके बीज, केसर तो महंगे बिकते ही हैं, साथ में फसल के अवशेष भी हवन सामग्री में इस्तेमाल किए जाते हैं। डॉ० अंकिता ने बताया की संस्था के द्वारा तैयार केसर की गुणवता की जाँच प्रतिष्ठित लैबों मेँ करवाया गया, जिसमें इसकी गुणवता उच्च कोटी पाई गयी। उन्होने बताया की बाजार में केसर का थोक रेट फिलहाल साठ हजार से डेढ़ लाख प्रति किलोग्राम बताया जा रहा है।
गुरुवार, 11 जून 2020
Corona update : कॉरेन्टीन के नियमो की अनदेखी की तो होगी कड़ी कार्यवाही - मंगेश घिल्डियाल , ।। web news ।।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रिपोर्ट
नई टिहरी, 10 जून (सूचना): जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने जिला कार्यालय स्थित स्वान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष से क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों यथा पुलिस विभाग के थाना प्रभारी, आशा फैसिलिटेटर, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर, ब्लॉक स्तरीय कॉर्डिनेटर की एक महत्वपूर्ण बैठक ली। जिलाधिकारी ने वीसी के माध्यम से क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों को कोरोना वायरस के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा की आगामी 1-2 माह जनपद के लिए निर्णायक साबित होंगे। इस हेतु सभी कोरोना फाइटर्स को निष्ठापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करने के निर्देश दिए है। कहा की कोरोना फाइटर्स को किसी भी सुरक्षा संबंधी उपकरणों/साजो-समान की कमी नही आने दी जाएगी। उन्होंने क्षेत्रीय कर्मचारियों के द्वारा अबतक के कार्यो/दायित्वों के निर्वहन की सराहना करते हुए कहा की इस क्रुसीएल समय में आपने दायित्वों के निर्वहन से भी ज्यादा कार्य करने की आवश्यकता है। कहा की इस लड़ाई को जीतने में सभी क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ-साथ आमजन की भागीदारी भी आवश्यक है। जिलाधिकारी ने आशा कार्यकत्रियों को कन्टेनमेंट ज़ोन में दैनिक रूप से हेल्थ स्क्रीनिग करते हुए इसकी रिपोर्ट आशा फैसिलिटेटर को दैनिक रूप से उपलब्ध करने, आशा फैसिलिटेटर को दैनिक रिपोर्ट ब्लॉक कॉर्डिनेटर को उपलब्ध कराने, ब्लॉक कॉर्डिनेटर को रिपोर्ट जिला समंवयक को उपलब्ध करते हुए सायं 6 बजे तक रिपोर्ट जिलाधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। इसी प्रकार आंगनबड़ी कार्यकत्रियां रिपोर्ट आंगनबाड़ी सुपरवाइजर को, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर सीडीपीओ को एवम सीडीपीओ ग्राम स्तर की गतिविधियो संबंधी दैनिक रिपोर्ट डीपीओ को उपलब्ध कराएंगे जो की सायं 6 बजे तक कंपाइल रिपोर्ट जिलाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे।
जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया की यदि किसी व्यक्ति द्वारा कॉरेन्टीन के नियमो की अनदेखी की जाती है,तो इसकी जानकारी तत्काल पुलिस को दें, ताकि संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा सके।
वीसी में वरिष्ठ पुलिस ने अधिकारियों/कर्मचारियों सहित फ्रंट लाइन वर्कर को टीम भावना से कार्य करने की आवश्यकता है। जिसमे जनसहभागिता भी अति महत्वपूर्ण है।
बुधवार, 10 जून 2020
शक्ति : उत्तर प्रदेश में गौवंश छेड़ा तो सरकार नही छोड़ेगी, जाने क्या है पूरी खबर ।।web news।।
योगी सरकार का गोवंशीय पशुओं का संरक्षण के लिए शक्त नियम ।।
उत्तर प्रदेश में गाय एवं गोवंशीय पशुओं का संरक्षण एवं परिरक्षण सुनिश्चित करने के उद्देश्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में 'उत्तर प्रदेश गो-वध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के प्रारूप को स्वीकृति प्रदान की गई।'इस संसोधन के मुख्य बिंदु इस प्रकार है
◆ मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश 2020 के प्रारूप को स्वीकृति प्रदान कर दी है◆गोवंश को क्षति पहुंचाने पर अब मिलेगा 03 से 10 वर्ष के कठोर कारावास का दंड, भरना पड़ेगा 03 से 05 लाख तक का जुर्माना
◆ दोषी से ही होगी अभिग्रहित गोवंश के भरण-पोषण पर होने वाले खर्च की वसूली दोबारा अपराध किया तो मिलेगा दोगुना दंड
◆ सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा की जाएगी दोषी व्यक्ति की तस्वीर
शनिवार, 6 जून 2020
Proud moment : देहरादून के समाजसेवी स्वप्निल सिन्हा को गोरखपुर के सांसद रवि किशन ने किया सम्मानित , जाने क्या है पूरी खबर ।। web news up/uttrakhand ।।
उत्तराखण्ड के कोरोना योद्धा स्वप्निल को उतर प्रदेश के सांसद रवि किशन शुक्ला ने किया सम्मानित
कोरोना संक्रमण के समय संकटमोचन की भूमिका में समाज सेवी निस्वार्थ भावना से आगे आये है , देहरादून में जन जागरण अभियान समिति के संस्थापक अध्यक्ष स्वप्निल सिन्हा भी अपनी युवाओ की टीम के साथ संकट की घड़ी में समाज के प्रहरी के रूप में सामने आये।कोरोना सक्रमण के बचाव के उपाय हो , युवाओ को लॉक डाउन के नियमों का पालन करते हुए अपने आस पास के जरूरत मंदों को हर सम्भव सहायता करने की बात हो या फिर स्वयं ही संकट में फसे लोगों की सहायता हो स्वप्निल सभी कार्यों में ततपरता से लगे रहे ।
मैं इस सम्मना को अपनी टीम को समर्पित करता हूँ, यह सम्मना मेरे लिए प्रेरणा का कार्य करेगा हम आगे भी इसी जोश के साथ आगे काम करते रहेंगे सांसद जी के आशीर्वाद का मैं आभारी रहूंगा , उनका आशीर्वाद आगे भी बना रहेगा और मुझे और अधिक बल के साथ समाज की सेवा करने के लिए प्रेरित करेगा , सांसद जी धन्यवाद-स्वप्निल सिन्हा,संस्थापक /अध्यक्ष,जन जागरण अभियान समिति देहरादूनसमाज के प्रति संवेदना को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर क्षेत्र के सांसद रवि किशन ने महसूस किया , समाज सेवी स्वप्निल के कार्यों पर सांसद ने मोहर लगाई व कोरोना योद्धा के सम्मना पत्र से सम्मानित कर यह भी सिद्ध किया कि निस्वार्थ भाव से किए गए कार्य पर सबकी नजर बनी रहती है ।
गुरुवार, 4 जून 2020
Up news: राष्ट्रीय राशन पोर्टेबिलिटी' योगी के up में जरूरतमन्दों को लाभ जाने क्या है पूरी खबर ।।web news।।
उत्तर प्रदेश में 'राष्ट्रीय राशन पोर्टेबिलिटी' से उपभोक्ताओं को मिल रहा है लाभ ,
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश के हर जरूरतमंद को खाद्यान्न उपलब्ध कराने का उत्तर प्रदेश सरकार का सतत प्रयास जारी है। खाद्यान्न वितरण की वस्तुस्थिति से अवगत होने के उद्देश्य से खाद्य आयुक्त, समस्त अपर खाद्य आयुक्त एवं समस्त विशेष सचिव गण विभिन्न क्षेत्रों में निरीक्षण कर रहे हैं।अवरुद्ध प्रवासियों हेतु 'आत्मनिर्भर भारत योजना' अंतर्गत जून की पहली तारीख से 05 किलो खाद्यान्न प्रति व्यक्ति और 01 किलो चना प्रति परिवार, उचित दर विक्रेता द्वारा EPOS के माध्यम से वितरण प्रारंभ है।
20 मार्च से अब तक 11.5 लाख सामान्य स्थायी NFSA राशन कार्ड और 30 लाख से अधिक यूनिट पुराने NFSA कार्डों में जोड़कर भी प्रवासी/अवरुद्ध प्रवासी जनों को राशन प्रदान किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में अब तक 1.58 लाख नए अस्थायी राशन ID बना कर 3.66 लाख प्रवासियों को 02 माह का राशन जून के दो चक्र साइकल में दिया जा रहा है। अब तक 26,450 प्रवासियों को अस्थायी राशन ID जारी कर राशन दिया जा चुका है।
01 जून से 11 जून तक, सामान्य वितरण चक्र में गेहूं और चावल दोनों प्रदान किया जा रहा है। अब तक 1.03 करोड़ परिवारों के 4.34 करोड़ लोगों को 2.48 लाख MT राशन (गेहूं और चावल) तथा 10,218 MT चना वितरण हुआ है।
उत्तर प्रदेश में 01 मई से 'राष्ट्रीय राशन पोर्टेबिलिटी' योजना लागू की गई है। अब तक 2.39 लाख अंतःजनपदीय,18,424 अंतर्जनपदीय लाभार्थियों ने राज्य स्तरीय पोर्टेबिलिटी का लाभ लिया। हरियाणा के 06 लाभार्थियों ने पोर्टेबिलिटी सुविधा का लाभ उठाते हुए राशन प्राप्त किया।
दिव्यांग/नि:शक्त जनों तथा हॉटस्पॉट में कम्प्लीट लॉकडाउन की स्थिति में राशन की होम डिलीवरी की जा रही है। अब तक 3,162 दिव्यांग/नि:शक्त जनों के परिवारों को राशन की होम डिलीवरी की गई है।प