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राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने 25 अगस्त को विधानसभा घेराव का कार्यक्रम किया स्थगित
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने बजे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की । राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए 25 अगस्त को विधानसभा घेराव का कार्यक्रम रखा गया था। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा आक्रोश को देखते हुए इससे पूर्व प्रदेश के मुखिया द्वारा राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों को वार्ता हेतु आमंत्रित किया गया। आज राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय, मंडलीय एवं जनपदीय पदाधिकारियों के साथ वार्ता की गई। मुख्यमंत्री द्वारा आश्वस्त किया गया कि कर्मचारी हित में जो भी संभव होगा वह मेरी सरकार द्वारा किया जाएगा। पदाधिकारियों द्वारा अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री से यह कहा गया कि नई पेंशन व्यवस्था कर्मचारियों के हित में नहीं है। 60 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी को जो सेवानिवृत्त के समय 80000 वेतन ले रहा है उसे केवल 1100-1200 रुपए मासिक पेंशन मिल पा रही है। जिससे उसका भावी जीवन अंधकार में है। पदाधिकारी द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि पेंशन का मुद्दा राज्य सरकार का है। यदि राज्य सरकार चाहे तो अपने 80 हजार कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दे सकती है। 25 अगस्त के कार्यक्रम को स्थगित करने एवं अपने सदस्यों को आश्वस्त करने हेतु मुख्यमंत्री से जब बात की गई तो उनके द्वारा पूर्व वरिष्ठ आईएएस शत्रुघ्न सिंह जिनकी अध्यक्षता में वेतन विसंगति समिति का गठन किया गया है उन्हे इसके अलावा विशेष रूप से राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा से पुरानी पेंशन पर वार्ता करने हेतु निर्देशित किया गया तथा 1 माह का समय मांगते हुए मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि वह इस पर सकारात्मक निर्णय करेंगे।
मुख्यमंत्री से वार्ता करने वाले पदाधिकारियों में पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष अनिल बडोनी, कर्मचारियों के हितेषी दीपक जोशी, महासचिव सीताराम पोखरियाल, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ० डी० सी० पसबोला, डॉ० अजय चमोला, योगिता पंत, योगेश घिल्डियाल, नरेश भट्ट, शंकर भट्ट, अवधेश सेमवाल, आलोक उनियाल, मक्खन लाल शाह, जयदीप रावत, कमलेश मिश्रा, शेखर पंत, नवीन कुमार सैनी, जसपाल रावत, अंकित रौथान, रजनी रावत, शशि चौधरी बिष्ट, सौरभ नौटियाल, गुरुदेव रावत, प्रवीण घिल्डियाल, मेहरबान सिंह भंडारी, रणवीर सिंधवाल आदि पदाधिकारी शामिल रहे ।
वीडियो देखिए : उत्तराखंड मांगे भू कानून सोशल मीडिया के साथ अब सकड़ों पर युवा उठा रहे है आवाज ।
कुंजिका प्रसाद उनियाल तीसरी बार निर्विरोध बने अध्यक्ष
सोमवार को देवलगढ़ क्षेत्र सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास समिति की देवलगढ़ स्थित सामाजिक मिलन केन्द्र में कुंजिका प्रसाद उनियाल की अध्यक्षता में नयी कार्यकारिणी का सर्वसम्मति से गठन किया गया। बैठक का संचालन करते हुए राजेश कुमार ने बताया कि कार्यसमिति में आठ महिलाओं को विभिन्न पदों की जिम्मेदारी दी गई है।
कुंजिका प्रसाद उनियाल को तीसरी बार निर्विरोध अध्यक्ष ताजबर कुमार को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, संगीता बिष्ट को कोषाध्यक्ष और उत्तम सिंह केतुरा को महासचिव चुना गया है। साथ ही कार्यसमिति में पहली बार सलाहकार के रूप में गहड़ से बरिष्ठ पत्रकार चन्द्रवीर गायत्री, जलेथा से कम्पनी डायरेक्टर सूर्यप्रकाश, सामाजिक कार्यकर्ता सौरभ भारती, सुरालगांव टकोली से क्षेत्र पंचायत सदस्य बिपिन धनांई, मदेरा से रमेश मन्द्रवाल और चौखाल से राजेशकुमार को समिति का सलाहकार बनाया गया है। नई कार्यकारिणी में आनन्दमणि कंडवाल, अनिता देवी कैंतुरा, हेमा देवी, मीना देवी को संगठन मंत्री राजेन्द्रप्रसाद को प्रचार मंत्री, आदित्य बिष्ट को औडिटर की जिम्मेदारी दी गई है। वही आशा देवी, राहुल पुण्डीर, देवेन्द्र सिंह, सुनिता देवी, रोशनी देवी, बिसाम्बरी देवी, कोमल देवी को कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया है।कार्यक्रम संचालन राजेश कुमार ने बताया कि समिति में प्रधान ग्राम पंचायात देवलगढ़, रामपुर और भटोली कार्यकारिणी के पदेन सदस्य होंगे । इस अवसर पर नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को भगवती राजराजेश्वरी की ओर से चुनरी ओढ़ाकर आशीर्वाद दिया गया। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि समिति द्वारा आगामी माह नवम्बर में रस्सा कशी, प्रतियोगिता के साथ-साथ देवलगढ़ क्षेत्र के शैक्षिक व सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने वाले व्यक्तियों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया जायेगा । इस अवसर पर बैठक में रमेश मन्द्रवाल ने देवलगढ़ मंदिर मार्ग पर लगभग सात सौ मी० लगी हुई रेलिंग पर शीघ्र नया पेंट करवाने की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि जल्दी ही यह कार्य वह अपने स्तर से करवाएंगे।
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आयुर्वेद चिकित्सकों की मांगों को लेकर राजकीय संघ हुआ सक्रिय, मुख्यमंत्री को दिया ज्ञापन
देहरादून: आज राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखंड द्वारा संघ की महत्वपूर्ण मांगों के अनुरोध पत्र लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की व अश्वगंधा पौधा स्मृति स्वरूप भेंट कर अपनी बातें रखी । राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखंड के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ० डी० सी० पसबोला ने बताया गया कि प्रांतीय संघ ने प्रमुखता से आयुर्वेद चिकित्सकों को डीएसीपी का लाभ दिए जाने और संवर्ग नियमावली संसोधन और वरिष्ठ चिकित्सधिकारी वर्ग की पेंशन के मुद्दे को माननीय मुख्यमंत्री जी से विस्तार से वार्ता कर ज्ञापन भी दिया गया। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा पूर्ण आश्वस्त किया गया कि शीघ्र ही संघ की मांगों पर उचित कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री से भेंट करने वाले प्रांतीय संघ शिष्टमंडल में अध्यक्ष डॉ के एस नपलच्याल, महासचिव डॉ हरदेव रावत, प्रांतीय प्रवक्ता डॉ नीरज कोहली, डॉ हरिमोहन, डॉ हर्ष आदि उपस्थित रहे।
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सोशल मीडिया का एक हैशटैग #उत्तराखण्ड_मांगे_कानून जिसे 20-22 साल के उत्तराखण्डियों ने शुरू किया। #उत्तराखण्ड_मांगे_कानून को ट्रेंड करवाने वाले बच्चों का कोरोना काल का सोशल मीडिया का डिजिटल आंदोलन धीरे धीरे राह पकड रहा है जिसे देहरादून हल्द्वानी नैनीताल मसूरी की सड़कों से होता हुआ आज उत्तराखण्ड के दूरस्थ गांव गुठ्यारों तक पहुंच गया।
आज हैस्को के युवा समूहों एवं टी डी एच व बीएमजेड के सहयोग से बनाये गये उत्तराखंड यूथ नेटवर्क के सदस्यों ने अन्तरराष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर औने पौने दाम पर बिक रही कृषि भूमि को बचाने के लिए एक मजबूत भू कानून की मांग को लेकर रैली का आयोजन किया । इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड में भू कानून 2018 में लागू किये गए अध्यादेश को जनहित में तत्काल रद्द किया जाए, उत्तराखंड में बाहरी और अकृषकों की और से राज्य की कृषि भूमि की खरीद फरोख्त में अंकुश लगाया जाए।
सशक्त भू कानून की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के तहत आज कालसी ब्लॉक के नागथात में युवाओं ने एक गोस्टी का आयोजन किया व अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर आपसी चर्चा की साथ ही युवाओं ने नागथात के बाजार में रैली निकाल कर सभी को अपने मजबूतभू कानून के लिए चलाये जा रहे अभियान के बारे में बताया ओर सभी से अपील की वह भी इस मुहिम का हिस्सा बने ताकि हिमाचल की तरह उत्तराखंड में भी कठोर भू-कानून लागू हो सके।
इस कार्यक्रम में हैस्को से हेस्को से सीनियर साइंटिस्ट डॉ किरन नेगी, यूथ नेटवर्क के युवाओं , युवा समूह के सदस्यों ने प्रतिभाग किया ।
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पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि एफडब्ल्यूएस डीन डॉ रुचि बडोला ने किया।
आज के कार्यक्रम की शुरुआत डॉ रंगनाथन की तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि से की गयी,सुश्री सुनीता अग्रवाल प्रभारी डब्ल्यूआईआई पुस्तकालय ने मुख्य अतिथि मुख्य वक्ता व आभासी रूप से जुडे हुए अतिथियों सीजीएलए के अध्यक्ष और महासचिव और अन्य सदस्यों का स्वागत किया। सीजीएलए के अध्यक्ष रमेश गोयल ने केंद्र सरकार पुस्तकालय संघ की गतिविधियों और पुस्तकालय पेशेवरों की बेहतरी के लिए की जा रही कार्रवाई के बारे में बताया। मनीष शर्मा प्रभारी केंद्रीय पुस्तकालय भारतीय सैन्य अकादमी ने डॉ एसआर रंगथन के जीवन और कार्यों पर एक संक्षिप्त परिचय दिया और वर्तमान समय में उनकी प्रासंगिकता पर जोर दिया है। उसके बाद उन्होंने एक लघु वृत्तचित्र तदुपरांत उन्होंने एक लघु वित्तचित्र प्रस्तुत किया जिसमे डॉक्टर रंगनाथ के जीवन एवं उपलब्धियों का संकलन दिया गया था ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ जी महेश वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक और प्रमुख सूचना संसाधन और मीडिया सीएसआईआर मुख्यालय नई दिल्ली ने पुस्तकालय पुस्तकालयाध्यक्ष और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम विषय पर विचार रखे । सीजीएलए अपने सक्रिय सदस्यों को हर साल पुस्तकालय और सूचना विज्ञान के क्षेत्र में लाइफटाइम आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट अवार्ड देता है , पूर्व पीएलआईओ वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी को वर्ष 2020 के लिए सीजीएलए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया यह पुरस्कार गत वर्ष महामारी के कारण निलंबित कर दिया गया था साथ ही वर्ष 2021 के लिए सीजीएलए लाइफटाइम अचीमेंट अवार्ड सुश्री सी ds मामिक एवं सुश्री माला दत्ता को प्रदान किया गया दोनों ही सर्वे ऑफ इंडिया की पूर्व लाइब्रेरियन हैं। मुख्य अतिथि डॉ रुचि बडोला डीन डब्ल्यूएफएस डब्ल्यूआईआई देहरादून ने पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में किये डॉ. एस.आर. रंगनाथन के कार्यों की सराहना की और देहरादून के अभी केंद्र सरकारी पुस्तकालयों को नेटवर्किंग और इंटर लाइब्रेरी लोन द्वारा सूचनाओं को साझा करने के महत्व पर जोर दिया।
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