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उत्तराखंड के पर्ययन स्थल लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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शनिवार, 13 जून 2020

IMA News : भारतीय सेना को मिले 333 युवा अधिकारी, पढे विशेष रिपार्ट ।।web news।।



भारतीय सेना को आज देश सेवा में समर्पित 333 अधिकारी मिले ।

देहरादून स्थित Indian Military Academy (IMA) में गौरवशाली पल । 13 जून 2020 का दिन और तारीख आईएमए के इतिहास में एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी, जहां 146 रेगुलर कोर्स के कुल 423 जेंटलमैन कैडेट्स और 129 टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स शामिल हैं, जिनमें नौ जेंटलमैन फॉरेन के 90 जेंटलमैन कैडेट्स सफलतापूर्वक शामिल हुए हैं।

कोरोना वाइरस COVID-19 की सभी चुनौतियों को पार करते हुए भारतीय सैन्य अकादमी के पोर्टल से। जेंटलमेन कैडेट ने उत्साहपूर्ण उत्साह और जोश का प्रदर्शन किया, और एक उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिसमें `कर्नल बोगी ',` सारे जहां से अच्छा' और कदम कदम बादशाह की सैन्य धुनों को पूर्णता के साथ मार्च करते हुए गर्व और हर कदम के साथ प्रतिबिंबित किया गया। वे जानते थे कि उनके माता-पिता और प्रियजन प्रत्येक कदम को दुनिया भर के सभी मीडिया प्लेटफार्मों पर लाइव कवरेज के माध्यम से बड़े गर्व और स्नेह के साथ देख रहे थे।

विशेष तथ्य

◆भारतीय सेना को मिले 333 युवा अफसर ।।
◆जिनमें उत्तराखंड के 33 कैटेड शामिल हैं।
◆सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के 72 कैटेड ।
◆मित्र देशों ज 90 कैटेड भी हुए पास आउट ।
◆423 जेंटलमैन कैडेट्स हुए पास आउट ।

समीक्षा अधिकारी, जनरल एमएम नरवने, पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, एडीसी, ने भी विदेशी देशों के 90 जेंटलमैन कैडेट की प्रशंसा की जिन्होंने आईएमए में प्रशिक्षण लिया। उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है, आप अपने देश के राजदूतों के रूप में आईएमए और प्रशिक्षण की शौकीन यादों का एक खजाना वापस ले जाते हैं, जिसे आप जीवन भर संजोते रहेंगे। भारतीय सैन्य अकादमी ने प्रशिक्षण दिया है, जो आपकी वृद्धि के लिए पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों के लिए आधार बनेगा, और निश्चित रूप से हमारे देशों के बीच संबंधों को मजबूत करेगा। इस समय के दौरान एक और पहला कदम "पेहला कदम" का था, जिसमें पहला कदम यह था कि जेंटलमैन कैडेट अपनी सेना के बहादुर कमीशन अधिकारियों की बिरादरी में शामिल हों। 'पिपिंग सेरेमनी’, जो पारंपरिक रूप से जेंटलमेन कैडेट्स के माता-पिता द्वारा किया जाता है, इस बार स्टाफ और प्रशिक्षकों द्वारा सभी सामाजिक दूरी और व्यक्तिगत सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया गया था। आर्मी ट्रेनिंग कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला, वाईएसएम, एसएम, आईएमए पीओपी के लिए भी मौजूद थे और पाठ्यक्रम को प्रेरित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और समारोहों में शामिल हुए। उन्होंने इससे पहले पासिंग आउट कोर्स के भविष्य के नेताओं को “भारतीय सेना का भविष्य के सैन्य नेतृत्व का नेतृत्व” पर एक बेहद प्रेरणादायक बात कही, जिसमें एक सैन्य नेता के रूप में लंबे समय तक खड़े रहने के लिए उन्हें क्या नहीं करना चाहिए और क्या करना चाहिए, इसकी अनिवार्यता को रेखांकित किया।

पासिंग आउट कोर्स को संबोधित करते हुए, समीक्षा अधिकारी ने सभी को राष्ट्र की सेवा में समर्पित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा “आप सबसे संभ्रांत ताकतों में अपने कमीशन के ऐतिहासिक और शानदार क्षण से बस एक कदम दूर हैं। मुझे आपको भारतीय सेना की महान परंपराओं को मानने के लिए तैयार करना चाहिए, जिनमें से मूल सिद्धांत आपके देश के लिए प्यार, आपके द्वारा आज्ञा देने वाले जवानो के लिए प्यार और करुणा और उनके प्रति निष्ठां हो। सिपाही की बुनियादी बातों को आप में यहाँ स्थापित किया गया है; अब आपके युवा और दृढ़ कंधों पर है जो सैनिक की कला के विभिन्न पहलुओं को परिभाषित करता है और दुर्जेय असर, साहस और कद का व्यक्ति होता है। उन्होंने पासिंग कोर्स के माता-पिता को भी पूरक और धन्यवाद दिया, जिन्होंने अपने बच्चो को राष्ट्र की सेवा के लिए ऐसे महान पेशे को चुनने के लिए प्रेरित किया था और सभी खतरों का सामना करना पड़ा था जो हमारे देश को वर्तमान और भविष्य में मुकाबला करने के लिए आवश्यक हो सकता है।

उत्तरखण्ड के मुख्यमंत्री और विधान सभा अध्यक्ष ने दी शुभकामनाएं

अत्यंत गौरवशाली पल! भारतीय सेना को आज देश सेवा में समर्पित 333 अफसर मिल गए। देहरादून स्थित Indian Military Academy (IMA) की पासिंग आउट परेड में भारत के 333 व मित्र देशों के 90 कैडेट अंतिम पग के साथ ही सेना में शामिल हो गए। इनमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के 72 जबकि सैन्यधाम उत्तराखंड के 33 कैडेट शामिल हैं।
सभी जांबाजों को हार्दिक बधाई व उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं। जय हिंद-  त्रिवेंद्र सिंह रावत , मुख्यमंत्री , उत्तराखंड

इंडियन मिलिट्री अकादमी (Indian Military Academy) की ऐतिहासिक पासिंग आउट परेड में आज 333 भारतीय और 90 विदेशी जेंटलमैन कैडेट्स के पास आउट होकर अधिकारी बनने पर सभी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। उत्तराखंड से इस बार 31 कैडेट सेना में अफसर बने हैं।देश की रक्षा में उत्तराखंड हमेशा से अव्वल रहा है। प्रदेश के लगभग हर दूसरे घर से सेना में कोई न कोई सैनिक तो है ही अब सेना में अधिकारी के तौर पर भी उत्तराखंड के जांबाज सबसे आगे हैं।कैडेट से सैन्य अधिकारी बनने जा रहे युवा जवान पूरी निष्ठा, लग्न व समर्पण के साथ देश की सेवा में तत्पर रहेंगे। मैं सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ - प्रेम चंद अग्रवाल, विधान सभा अध्यक्ष, उत्तराखंड

इन कैडेट को किया गया पुरुस्कृत

◆स्वोर्ड ऑफ ऑनर का प्रतिष्ठित पुरस्कार बीयूओ आकाशदीप सिंह ढिल्लों को प्रदान किया गया।
◆जेंटलमैन कैडेट के लिए गोल्ड मेडल ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम स्थान पर रहे एयूओ शिव कुमार सिंह चौहान को प्रदान किया गया।
◆जेंटलमैन कैडेट के लिए सिल्वर मेडल ऑर्डर ऑफ मेरिट में दूसरा स्थान एसीए साक्षीम राणा को प्रदान किया गया।
◆ऑर्डर ऑफ मेरिट में तीसरे स्थान पर रहे जेंटलमैन कैडेट के लिए कांस्य पदक एसयूओ सूरज सिंह को प्रस्तुत किया गया था।
◆तकनीकी ग्रेजुएट कोर्स से प्रथम क्रम में जेंटलमैन कैडेट के लिए सिल्वर मेडल जेयूओ भरत योगेंद्र को प्रस्तुत किया गया।
◆जेंटलमैन कैडेट के लिए सिल्वर मेडल विदेशी जीसी से मेरिट के क्रम में प्रथम स्थान पर सार्जेंट दोन वान सोन (वियतनाम) को प्रस्तुत किया गया।
◆आर्मी स्टाफ बैनर के प्रमुख को शरद ऋतु 2019 के लिए कुल 16 कंपनियों के बीच खड़े होने के लिए अलमीन और सिंहगढ़ कंपनी से सम्मानित किया गया था।







शनिवार, 9 मई 2020

Lockdown effect: लॉक डाउन में सहस्त्रधारा की ऑनलाइन यात्रा ।। web news ।।

Sahastradhara-picnic-spot

गर्मियो में ठंडक दिलाने वाला सहस्त्रधारा इन बार लॉक डाउन की चादर ओढ़े आराम कर रहा है ।

Sahastradhara ।। देहरादून के सबसे नजदीकी पर्यटक स्थलों मे लोकप्रिय सहस्त्रधारा मे इन दिनो हजारो की संख्या में प्रतिदिन सैलानी घूमने व नहाने आते थे। सहस्त्रधारा की विशेषता है की यहां पर प्राचीन शिव मंदिर है कहा जाता है इस मंदिर में गुरु द्रोणार्चाय जी ने बैठकर तपस्या की थी तथा मंदिर के पास गुफाए है ओर उन गफाओ व मंदिरो के ऊपर सैकडो जल की धाराऐ टपकती रहती है जिसके नाम से प्रसिद्ध है सहस्त्रधारा । सहस्त्रधारा मे गंधक का जल भी बहुत मशहूर है जिसमे कहां जाता है की उस पानी के पीने से नहाने से शरीर के चर्म रोग जैसे-खाज खुजली फोडे फुन्सी आदि ठीक हो जाती है ओर गैस कब्ज ठीक होता है । लेकिन कोरोना जैसी वैश्विकमहामारी के चलते पूरे देश मे देशव्यापी लाकडाउन के चलते सहस्त्रधारा मे इसका असर साफ देखा जा सकता है जहां पर हजारों लोग प्रति दिन परिवार व दोस्तो के साथ घुमने नहाने के लिए आते थे आज पुरा सहस्त्रधारा सुनसान पडा है जंहा इस समय पर पैदल चलने तक का रास्ता नही मिलता था आज वहां सारी दुकाने होटल रेस्टोरेंट ढाबे व अन्य सभी लोगो के छोटे छोेटे रोजगार बंद पडे है जिसके कारण लोगो के सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया है । स्थानीय व्यापारियो पर इसका असर साफ तौर पर देखा जा सकता है क्योकी स्थानीय व्यापारी अपने तीन महीने के अप्रैल मई जून सीजन पर ही निर्भर करता है तीन महिने कमाकर पूरे साल का गुजर बसर करने को मजबूर रहते है । सहस्त्रधारा के मार्केट में खिलौने, गिफ्ट आइटम की दुकानें, फ़ास्ट फूड ,रेस्टोरेंट्स, भेलपुरी- चोले कुल्चे वाले, तालाबों में स्वामिग कॉस्ट्यूम, लॉकर, रबर ट्यूब वाले छोटी छोटी आर्थिक गतिविधियों से जुड़े तीन माह दिन रात एक करके मेहनत करते है । सरकार द्वारा लॉक डाउन से उभरने के लिए राहत पैकेज में आफत की इस घड़ी में होटल व्यवसायी, वाटर पार्क के साथ साथ छोटे छोटे आर्थिक गतिविधियों से जीवप यापन करने वाले लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए।
Sahastradhara-aprail-2019 , sahaatradhara-picnic-spot
सहस्त्रधारा अप्रैल 2019

सहस्त्रधारा की संक्षिप्त जानकारी

सहस्त्रधारा एक खूबसूरत व लोकप्रिय पर्ययन स्थान है, जो देहरादून से लगभग 11 किमी की दूरी पर है। सहस्त्रधारा का शाब्दिक अर्थ 'हजार गुना वसंत' है । यहाँ एक सुंदर झरना लगभग 9 मीटर गहरा है, बाल्दी नदी और उसके आसपास के क्षेत्र में स्थित गुफायें, स्थानीय लोग छोटे छोटे कृत्रिम तालाबों का निर्माण आजीविका के लिए बनाते है जो यात्रियों को लुभाते है और इस जगह की सुंदरता को बढ़ते हैं, और इसे एक आदर्श पिकनिक स्थल बनाती हैं । जगह की अद्भुत आभा मानसून के दौरान कई गुना बढ़ जाती है, यहां बहता हुए पानी की धारा जीवन शक्ति और ऊर्जा के साथ प्रतिध्वनित होती है। ऐसा कहा जाता है कि, सल्फर की उपस्थिति के कारण इस झरने के पानी में औषधीय गुण होते है इसलिए त्वचा रोगों से पीड़ित लोग इस जगह पर अपने रोगों के इलाज के लिए झरने में स्नान करने के लिए आते है । यहाँ के पानी में सल्फर के अलावा, चूना भी शामिल है, जिसकी वजह से चुने की गुफाएं बन जाती हैं।
Sahastradhara-aprail-2020, sahaatradhara-picnic-spot
सहस्त्रधारा अप्रैल 2020

सहस्त्रधारा पर्यटक स्थल से ऑनलाइन जुडने के लिए महत्वपूर्ण लिंक - 

पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा से जुड़ी ताज़ा घटनाक्रमों के लिए फ़ेसबुक पेज विजिट किये जा सकते है।

★ Sahastradhara

★ सहस्त्रधारा युवा संग़ठन 


इन पेजों के एडमिन का विशेष आभार हम इस संक्षिप्त आर्टिकल माध्यम से करना चाहते है और आगे भी उम्मीद रखते है इन पेज संचालकों के माध्यम से नवीन गतिविधियों उपलब्ध होती रहेंगी।

यदि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी कम नही हुयी या समय रहते इसकी वैक्सीन नही बनी तो देश मे पर्यटक से जुडे लोगो पर रोजी रोटी तथा आर्थिकी संकट गहरा जायेगा जिसके कारण देश मे भूखमरी जैसे हालता उत्पन्न हो सकते है । सुनील चमोली बताते है इस समय पर व्यापारी व व्यवसायी लोग काफी परेशान हताश व निराश है क्योकी सरकार ने जरुरत के सामान की। दुकान खोलने के निर्णय तो ले लिये है लेकिन पर्यटक क्षेत्र पूर्णतया प्रतिबंद रहेगे सरकार को पर्यटको से जुडे लोगो के बारे मे विचार करना चाहिए ओर उनके बारे मे भी उचित निर्णय लिया जाना चाहिए । जो लोग सहस्त्रधारा मे तालाबो मे टियूब किराये पर देकर अपनी गुजर बसर करते है उन लोगो के बारे मे सरकार को विचार करना चाहिए -सुनील चमोली सामाजिक कार्यकर्ता/होटल व्यवसायी सहस्त्रधारा, देहरादून


यह भी पढ़ें- Uttrakhand tourism : चम्बा के सौंदर्य दर्शन ।। web new ।।

मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

Uttrakhand tourism : चम्बा के सौंदर्य दर्शन ।। web new ।।


Chamba-tehri-garhwal, hill-king-chamba
चम्बा,टिहरी गढ़वाल

चम्बा की एक झलक पर web news का आलेख

चम्बा भारत के उत्तराखंड राज्य में टिहरी गढ़वान जिले का सुदर हिल स्टेशन और शहर (कस्बा) है। यहां से बर्फ से ढके स्वर्णिम पहाड़ महान हिमालय और भागीरथी घाटी का मनोरम नजारा देखा जा सकता है। चम्बा मसूरी मोटर मार्ग के आस पास की फल एवं सब्जी पट्टी स्वादिष्ट सेबों और जैविक सब्जियों के लिये प्रसिद्ध है। चम्बा बाज-बुराँश के पेड़ों व सेब , खुमानी , काफल के लिए भी प्रसिद्ध है। चम्बा गांवों से घिरा सुंदर हिल स्टेशन है। आस पास के गांवों का मुख्य बाजार होने के कारण चम्बा वासियों का मुख्य व्यवसाय व्यपार तथा आसपस के क्षेत्र में कृषि व दुग्ध व्यवसाय पर आर्थिकी निर्भर है। चम्बा अपने प्राकृतिक परिवेश और प्रदूषण रहित खूबसूरती क लिए पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। देवदार और चीड़ के पेड़ों से घिरा हुआ, चंबा का अन्नवेषित इलाका प्रकृति प्रेमियों के लिए एक सपनों की दुनिया के सामान है।

चम्बा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि- चंबा वही वीर  भूमि हैं जहाँ प्रथम विश्व युद्ध के दौरान नायक रहे विक्टोरिया क्रास विजेता शहीद गब्बर सिंह जन्मे थे | प्रथम विश्व युद्ध में यहाँ के 36 सैनिक शामिल हुए, जिसमें से चार शहीद हो गए थे| तब से लेकर आज तक इस गाँव के अधिकांश  युवा सेना में रहकर देश की सेवा में लगे हैं|
टिहरी रियासत को राज परिवार से मुक्त करने के 84 दिन तक अन्नशन करने वाले क्रांतिकारी श्रीदेव सुमन चबा के निकट जौल गावँ के थे।

चम्बा की भौगोलिक स्थित- चम्बा टिहरी बांध जलाशय और नई टिहरी के साथ मसूरी और ऋषिकेश को जोड़ने वाली सड़कों के एक जंक्शन पर स्थित है। चम्बा समुद्र तल से 1524 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।

चम्बा की अन्य जगहों से दूरी - चम्बा टिहरी झील से 19 किमी ,नई टिहरी से 11 किमी , मंसूरी से 60 किमी, नरेंद नगर से 48 किमी, ऋषिकेश से 60 किमी , देवप्रयाग से 22 किमी, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून 88किमी , नई दिल्ली से 302 दूरी पर स्थित है।

चम्बा का मौसम -चम्बा का मौसम लगभग साल भर ठण्डा एवं सुनहरा रहता है । गर्मी के मौसम के दौरान अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाता है, जबकि न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है।  जुलाई के महीने में इस क्षेत्र में मानसून के मौसम की शुरुआत हो जाती है। मानसून के दौरान चम्बा में सामान्य से कम बारिश होती है। बारिश के मौसम के तुरंत बाद सर्दियों का मौसम लग जाता है जो कि नवंबर के महीने से शुरू होता है। इस दौरान न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाता है। दिसम्बर से फरवरी के मध्य और कभी कभी मार्च के महीने बर्फवारी होती है। अप्रैल से जून के महीने में भी शीतल हवा चम्बा का मौसम सुहाना बनाती है ।


चम्बा का सुनहरा मौसम

क्या है चम्बा में खास - यह हिल स्टेशन अपने सेब और खुबानी के बाग और साथ ही साथ बुरांश के फूलों के लिए जाना जाता है। टिहरी बांध, सुरकंडा देवी मंदिर और ऋषिकेश की ओर बढ़ रहे पर्यटकों के लिए चम्बा एक आदर्श ठहराव स्थल के रूप में कार्य करता है। गब्बर सिंह नेगी मेमोरियल और श्री बागेश्वर महादेव मंदिर कुछ ऐसी लोकप्रिय जगह हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

चम्बा घूमने गए यात्रियों के लिए गब्बर सिंह नेगी के स्मारक काफी लोकप्रिय है। इसका निर्माण 1925 में ठाकुर गब्बर सिंह के सम्मान में बनाया किया गया था जिन्होंने सन 1913 में गढ़वाल राइफल्स में बंदूकधारी सैनिक के रूप में अपनी सेवाएँ दी थीं और साथ ही साथ प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी में अपनी बटालियन के साथ लड़े और युद्ध में विजय हासिल की। अपनी बहादुरी के लिए, उन्हे सर्वोच्च वीरता पुरस्कार, मरणोपरांत विजय क्रॉस के साथ सम्मानित किया गया। हर साल 21 अप्रैल को गढ़वाल रेजिमेंट इस महान योद्धा को अपनी श्रद्धांजलि देती है।

श्री बागेश्वर महादेव मंदिर, चंबा में एक और प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण है। यह एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल है, जहाँ पर्यटक हर साल आते जाते हैं। यह मंदिर हिंदू भगवान, विनाश शिव के लिए समर्पित है और जो हिंदुओं के बीच एक महान धार्मिक महत्व रखती है। माना जाता है कि मंदिर में मौजूद शिवलिंग रहस्यमय तरीके से जमीन के नीचे से निकल के बहर आया था। शिवरात्रि जो की हिन्दुओं का त्योहार है वो यहाँ काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

चम्बा के आस पास के अन्य दर्शनीय जगह-आसपास के पर्यटन स्थल - धनोल्टी, सुरकंडा देवी मंदिर, कानाताल, रानीचौरी, नई टिहरी , टिहरी झील है।

चम्बा उत्तराखंड में माता के तीन सिद्धपीठों के केंद्र में स्थित है- चन्द्रबदनी, सुरकण्डा और कुंजापुरी

चन्द्रबदनी - चंद्रबदनी पहुचने के लिए आपको देवप्रयाग से जामनी खाल होते हुए नैखरि एवं जुराना बैन्ड तक गाड़ी में जाना होगा। यह एक रमनीक स्थल भी है,
सुरकण्डा- चम्बा से काणाताल होते हुए कद्दूखाल तक सडक़ मार्ग से पहुँचकर आगे पैदल मार्ग से यात्रा करके सुरकण्डा देवी के दर्शन किये जा सकते है।
कुंजापुरी-चम्बा से नागनी खाड़ी आगरा खाल होते हुए कुंजापुरी माँ के दर्शन किये जा सकते है ।

इन मे से किसी भी सिद्धपीठों के दर्शन आप उपरोक्त तीनों में से किसी एक मंदिर में खडे होकर कर सकते हैं

चम्बा का मुख्य आकर्षण- 8 गति बैशाख 20-21 अप्रैल चम्बा का मेला (थौल) मुख्य आकर्षण का केंद्र है। आसपास के ग्रामीण , देश-प्रदेश के सैलानी इस दिन का आनंद लेते है ।

चम्बा के थौल के बारे में अधिक जानने के लिए यह पढ़ें- उत्तराखड की सांस्कृति का केंद्र बिन्दु है थौल मेले -विनय तिवारी ।। web news uttrakhand ।।

महत्वपूर्ण जानकारी -

◆ चम्बा का पिनकोड - 249145
◆ चम्बा स्थित स्टेट ब्रांच का IFSCI कोड - SBIN0006534
◆  चम्बा नगर पालिका आफिस का सम्पर्क सूत्र - 01376255308

चबा शहर
चम्बा का आज का दृश्य 28 अप्रैल 2020

चम्बा से ऑनलाइन जुडने के लिए महत्वपूर्ण लिंक
- पर्यटन हिल स्टेशन चम्बा से जुड़ी ताज़ा घटनाक्रमों के लिए फ़ेसबुक पेज विजिट किये जा सकते है।

★ चम्बा- उत्तराखंड

chamba the hill king - tehri garhwal

इन पेजों के एडमिन सुमित बहुगुणा, विनय तिवारी, कृष्णा शर्मा का विशेष आभार हम इस आर्टिकल के माध्यम से करना चाहते है और आगे भी उम्मीद रखते है इन पेज संचालकों के माध्य्म से नवीन गतिविधियों उपलब्ध होती रहेंगी।

चम्बा का समुदायिक रेडियो केन्द्र भी है - 2001 में स्थापित सम्भवतः यह पहला कम्युनिटी रेडियो स्टेशन है जो कम्युनिटी द्वारा कम्युनिटी के लिए चलाया जाता है । सामुदायिक रेडियो हेंगलवाणी से गढ़वाली में समाचार,गीत और अन्य कार्यक्रम प्रसारित होते है । इसे आप इंटरनेट स्ट्रीमिंग व 90.4 MHz पर लाइव सुन सकते है ।

चंबा जाने का सबसे अच्छा समय - यात्री साल के किसी भी समय चंबा घुमने के लिए जा सकते है, फिर भी ये ही सलाह दी जाती है की जब सर्दियाँ अपने खुमार पर होती है उस समय यहाँ यात्रा नहीं करनी चाहिए क्योंकि बर्फबारी अत्यधिक ठंड आपको परेशान कर सकती है । मार्च और जून के बीच की अवधि, चम्बा और आया पास के दर्शनीय स्थलों की यात्रा और अन्य बाहरी गतिविधियों के लिए आदर्श माना जाती है।

कैसे पहुंचे हिल स्टेशन चम्बा- ऋषिकेश तक रेल से, जैली ग्रांट एयरपोर्ट तक हवाई जहाज से तथा देहरादून तक बस, रेल से पहुंचकर आगे कि यात्रा के लिये बस , टैक्सी हर समय उपलब्ध रहती है आप अपनी कार से भी आसानी से यहां पहुंच सकते है, TGMO की बस सेवा के साथ ही रोडवेज की बस व विश्वनाथ बस सेवा से आरामदायक यात्रा की जा सकती है ।

ऋषिकेश रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो चम्बा से लगभग 60 किमी की दूरी पर स्थित है। हिल स्टेशन पहुचने के लिए यात्री यहाँ से टैक्सी किराये पे ले सकते हैं। यहाँ से आप को निकट के शहरों के लिए बसें और टैक्सियां मिल जाएँगी। श्रीनगर, देहरादून, टिहरी, देवप्रयाग, उत्तरकाशी, मसूरी, और ऋषिकेश से आप को चंबा के लिए काफी बसें मिल जाएँगी।

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राइटर थॉट - इस लेख को वेब न्यूज़ नेटवर्क के एडीटर ने अपनी टीम के सहयोग से तैयार किया है। हम अन्य स्थानों के रिसर्च आर्टिकल भी आप सभी लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे आप अपने सुझाव , जानकारी हम तक कॉमेंट बॉक्स  या मेल id पर साझा कर सकते है । धन्यवाद