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रविवार, 14 जून 2020

Good news : वीडियो ब्लॉगिंग प्रतियोगिता ‘मेरा जीवन, मेरा योग’ की अंतिम तिथि 21 जून, 2020 तक बढ़ायी गयी, पढ़ें पूरी खबर।।web news।।



वीडियो ब्लॉगिंग प्रतियोगिता ‘मेरा जीवन, मेरा योग’ की अंतिम तिथि 21 जून, 2020 तक बढ़ायी गयी ।


प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा हाल ही में घोषित वीडियो ब्लॉगिंग प्रतियोगिता ‘मेरा जीवन, मेरा योग’ के लिए प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तिथि 21 जून, 2020 तक बढ़ा दी गई है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर यह वैश्विक प्रतियोगिता आयुष मंत्रालय और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) द्वारा छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही है।

इससे पहले इस प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तिथि 15 जून 2020 तय की गई थी। यह तिथि बढ़ाने के लिए देश-विदेश से मांग की जा रही थी, ताकि योग बिरादरी को वीडियो तैयार करने के लिए अधिक समय मिल सके। भारी मांग को ध्‍यान में रखते हुए ही मंत्रालय और आईसीसीआर ने प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तिथि को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस यानी 21 जून तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।

प्रधानमंत्री ने 31 मई को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान राष्ट्र को संबोधित करते हुए सभी से वीडियो ब्लॉगिंग प्रतियोगिता ‘मेरा जीवन, मेरा योग’ में भाग लेने का आह्वान किया था। यह प्रतियोगिता लोगों के जीवन पर योग के उल्‍लेखनीय परिवर्तनकारी प्रभावों पर फोकस करती है और यह छठा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने से जुड़ी विभिन्‍न उत्‍कृष्‍ट गतिविधियों में से एक अहम गतिविधि के रूप में उभर कर सामने आई है।

इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों को 3 योगाभ्यासों (क्रिया, आसन, प्राणायाम, बंध या मुद्रा) का 3 मिनट की अवधि वाला वीडियो अपलोड करना होगा, जिसमें इस आशय का एक लघु वीडियो संदेश भी शामिल करना होगा कि योगाभ्यासों से किस तरह उनके जीवन में उल्‍लेखनीय सकारात्‍मक परिवर्तन हुए हैं। वीडियो को प्रतियोगिता के हैशटैग #MyLifeMyYogaINDIA और उपयुक्त श्रेणी के हैशटैग के साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम या माईगव प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जा सकता है। इसमें भागीदारी के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश आयुष मंत्रालय के योग पोर्टल (https://yoga.ayush.gov.in/yoga/) पर उपलब्‍ध हैं।

यह प्रतियोगिता दो चरणों में होगी। प्रथम चरण में देश-वार वीडियो ब्लॉगिंग प्रतियोगिताएं शामिल हैं, जिनके विजेताओं का चयन देश के स्तर पर किया जाएगा। इसके बाद वैश्विक पुरस्कार विजेताओं का चयन किया जाएगा जिन्हें विभिन्न देशों के विजेताओं में से चुना जाएगा। यह प्रतियोगिता लोगों के जीवन पर योग के उल्‍लेखनीय परिवर्तनकारी प्रभावों का पता लगाने का एक अहम प्रयास है, जिसके बारे में प्रत्येक प्रतिभागी स्‍वयं के द्वारा प्रस्‍तुत किए जाने वाले वीडियो में बताएंगे।

इस प्रतियोगिता के लिए प्रतिभागियों द्वारा प्रविष्टियों को तीन श्रेणियों के तहत प्रस्तुत किया जा सकता है जिनमें युवा (18 वर्ष से कम आयु), वयस्क (18 वर्ष से अधिक उम्र) और योग प्रोफेशनल शामिल हैं और इसके साथ ही ये श्रेणियां पुरुष एवं महिला प्रतिभागियों के लिए अलग-अलग होंगी। भारत के प्रतिभागियों के मामले में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार पाने वालों को प्रथम चरण में प्रत्येक श्रेणी के लिए 1 लाख रुपये, 50,000 रुपये और 25,000 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा, जबकि वैश्विक पुरस्कार प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार पाने वालों के लिए 2500 डॉलर, 1500 डॉलर और 1000 डॉलर के होंगे।

आयुष मंत्रालय ने सभी को बढ़ी हुई अवधि का उपयोग करने और बिना अधिक विलंब किए वीडियो प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया है।

बुधवार, 10 जून 2020

पॉजिटीव वेब : बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए सरकार ने खोले द्वार , जाने क्या है पूरी खबर ।।web news।।


श्री बदरीनाथ धाम में दर्शन हेतु सरकार की गाइडलाइंस जारी कर दी है ।

30 जून तक राज्य के लोगों के बाबा केदारनाथ के दर्शन की अनुमति सरकार द्वारा दी गयी है। इस दौरान दर्शन के अभिलाषी भक्तों को सम्बंधित धाम के लिए एडवांस में निशुल्क टोकन लेना होगा। टोकन की समय सीमा के भीतर ही दर्शन की अनुमति मिलेगी। श्रद्धालुओं को 2 मीटर की दूरी बनाकर पंक्तिबद्ध होना होगा। गर्भगृह में दर्शन के लिए केवल 1 मिनट का वक्त मिलेगा।बद्रीनाथ धाम में एक दिन में अधिकतम 1200 श्रद्धालु दर्शन कर सकते है साथ दर्शन का समय निर्धारित करते हुए सुबह 7:00 से सांय 7:00 तक का कर दिया गया है।

गाइडलाइन के मुख्य बिंदु इस प्रकार है ।

◆ धाम में दर्शन का समय प्रातः: 7:00 से सांय 7:00 तक रहेगा ।
◆बद्रीनाथ धाम में पधारने वाले समस्त अद्धालुगण/तीर्थ यात्रीगण को अपने स्वयं के स्तर से की गई स्थानों में ही प्रवास करना होगा।
◆ तीर्थ यात्रा गणों को दर्शन हेतु निःशुल्क टोकन प्राप्त करने होंगे, जिन्हें देवस्थानम् बोर्ड द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा।
◆ निःशुल्क दर्शन टोकन प्राप्ति हेतु टेक्सी स्टैण्ड एवं नीलकण्ठ विश्राम गृह के भूतल पर स्थापित काउण्टर से प्राप्त करना होगा।
◆ दर्शन टोकन श्रद्धालुओं/तीर्थयात्रियों को दर्शन से पूर्व में ही प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
निःशुल्क दर्शन टोकन काउण्टर में शारिरिक दूरी बनायें रखना एवं मास्क लगाना अनिवार्य होगा। निःशुल्क दर्शन टोकन में दर्शन हेतु निश्चित समय एवं तिथि अंकित होगी। (उदाहरणत:यदि दर्शन टोकन में 10 बजे का समय अंकित किया गया है तो यात्रीगण 10:59 मिनट तक भी दर्शन पंक्ति में पंक्तिबद्ध हो सकता है)
◆तीर्थयात्रियों/श्रद्धालुओं को दर्शन टोकन में अंकित समय पर दर्शन लाईन में दर्शन हेतु मन्दिर परिसर में निर्धारित लाईन में पंक्तिबद्ध होना पड़ेगा।
1 घण्टे में 120 दर्शनार्थ का दर्शन का पुण्य लाभ अनुमन्य होंगा।

◆ दर्शन हेतु मन्दिर के अन्दर सभा मण्डप में 30 सेकेण्ड का समय अनुमन्य होगा।
◆ दर्शन पंक्ति 240 मीटर की होगी, जो कि सिंह द्वार से ब्रहमकपाल तिराहे पैदल मार्ग तक 2-2 मीटर की दूरी पर बनाये गये चिन्हित गोले पर यात्रियों को एकल पंक्तिबद्ध खड़ा होना होगा।
◆ विशेष पूजा में संपादित करने वाले यात्रियों को सामाजिक दूरी के दृष्टिगत सभा मण्डप में बैठने की अनुमति नहीं होगी, उन्हें दर्शन (धर्म दर्शन) निर्धारित स्थान (मचान) से अनुमन्य होगा।
◆ बदरीनाथ धाम में उक्त प्रक्रिया तहत प्रतिदिन 1200 अद्धालुओं को निःशुल्क टोकन आंवटित किये जायेंगे, जो तदनुसार सभी शासन प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुये दर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त कर पायेंगे। निःशुल्क टोकन 1 व्यक्ति को एक समय में 3 से अधिक टोकन आंवटित नहीं किये जायेंगे। टोकन की जांच सिंह द्वार में की जायेगी।

शक्ति : उत्तर प्रदेश में गौवंश छेड़ा तो सरकार नही छोड़ेगी, जाने क्या है पूरी खबर ।।web news।।


योगी सरकार का गोवंशीय पशुओं का संरक्षण के लिए शक्त नियम ।।

उत्तर प्रदेश में गाय एवं गोवंशीय पशुओं का संरक्षण एवं परिरक्षण सुनिश्चित करने के उद्देश्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में 'उत्तर प्रदेश गो-वध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के प्रारूप को स्वीकृति प्रदान की गई।'

इस संसोधन के मुख्य बिंदु इस प्रकार है

◆ मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश 2020 के प्रारूप को स्वीकृति प्रदान कर दी है

◆गोवंश को क्षति पहुंचाने पर अब मिलेगा 03 से 10 वर्ष के कठोर कारावास का दंड, भरना पड़ेगा 03 से 05 लाख तक का जुर्माना

◆ दोषी से ही होगी अभिग्रहित गोवंश के भरण-पोषण पर होने वाले खर्च की वसूली दोबारा अपराध किया तो मिलेगा दोगुना दंड

◆ सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा की जाएगी दोषी व्यक्ति की तस्वीर

गुरुवार, 4 जून 2020

पॉजिटीव वेब : ग्राम प्रधानों के खाते में 10-10 हजार -मुख्यमंत्री, जाने क्या है पूरी खबर ।।web news।।

Tsr

10-10 हजार रूपए की राशि ग्राम प्रधानों को क्वारेंटाईन की व्यवस्था के लिए दी ।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव व राहत कार्यों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से जिलाधिकारियों को स्वीकृत धनराशि में से 10-10 हजार रूपए की राशि ग्राम प्रधानों को क्वारेंटाईन की व्यवस्था के लिए दी जानी है। पूर्व में मुख्यमंत्री जी राहत कोष से कोरोना संक्रमण से राहत कार्यों के लिए 4 जिलों को 3-3 करोड रुपये और 9 जिलों को 2-2 करोड रुपये आवंटित किए गए थे। इस राशि से असंगठित क्षेत्र के बेरोजगार श्रमिकों को खाद्य सामग्री किट व अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करानी थी।

दिनांक 27 मई को जारी आदेश के अनुसार इस राशि का उपयोग कुछ अन्य कार्यों में भी करने की स्वीकृति दी गई है। जनपदों में फंसे छात्रों, पर्यटकों, अन्य बैसवारा लोगों के रहने व भोजन व्यवस्था आदि, क्वारेंटाईन सेंटरों में व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने, प्रवासियों को राशन किट उपलब्ध कराने में भी जिलाधिकारी इस राशि का उपयोग कर सकेंगे। साथ ही उन्हें निर्देश दिये गये हैं कि ग्राम प्रधानों द्वारा क्वारेंटाईन सेंटर में की गई व्यवस्थाओं के लिए 10-10 हजार रुपये की राशि दी जाए।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग में उपलब्ध रिक्तियों को आउटसोर्स के माध्यम से 20 फरवरी 2021 तक रखे जाने के लिए जिलाधिकारियों को अधिकृत किया गया है।

सोमवार, 1 जून 2020

Proud moment : टिहरी की सुमन को देश दुनिया कर रही है सलाम ,जाने क्या है पूरी खबर ।।web news।।


Suman-gawani

मेजर सुमन गवानी को प्रतिष्ठित यूनाइटेड नेशनंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड

भारतीय सेना की अधिकारी मेजर सुमन गवानी को प्रतिष्ठित यूनाइटेड नेशनंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवॉर्ड के लिए चुना गया है । यह पहली बार है जब किसी भारतीय शांतिदूत को इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है । संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस द्वारा सुमन और कार्ला को ‘पावरफुल रोल मॉडल’ के रूप में वर्णित किया गया ।

भारत विश्व में शांति का प्रवर्तक है, राष्ट्र की इस पहचान को उत्तराखंड की बेटी मेजर सुमन गवानी ने चार चांद लगा दिए हैं । सम्पूर्ण भारतवर्ष के लिए गौरव की बात है कि सुमन गवानी जी को यूनाइटेड नेशन्स मिलिट्री जेंडर एडवोकेट अवार्ड प्रदान किया गया है। हिमालय की इस बेटी की सफलता पर हर भारतवासी को गर्व है- रमेश पोखरियाल निशंक,मानव संनसाधन विकास मंत्री, भारत सरकार

सम्मान पाने वाली पहली भारतीय शांतिदूत मेजर सुमन

मेजर सुमन गवानी यह अवॉर्ड पाने वाली भारत की पहली शांतिदूत हैं. वे सम्मान समारोह में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क जाने वाली थीं, लेकिन कोरोना वायरस के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया । अब वे ऑनलाइन ही इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड को स्वीकार करेंगी ।

हमारा कार्य, पद या रैंक जो भी हो, यह हमारा कर्तव्य है कि शांतिदूतों के रूप में हमारे डेली वर्क में एक ऑल-जेंडर पर्सपेक्टिव को इंटिग्रेट करें और अपने साथियों के साथ-साथ समुदायों के साथ भी इस पर इंटरेक्शन हो- मेजर सुमन

मेजर सुमन गवानी के बारे में

मेजर सुमन उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के पोखर गांव की रहने वाली हैं। उनकी स्कूली शिक्षा उत्तरकाशी में हुई। देहरादून के गवर्मेंट पीजी कॉलेज से उन्होंने बैचलर ऑफ एजुकेशन की डिग्री ली। मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग, महू (मध्य प्रदेश) से उन्होंने टेलीकम्युनिकेशन की डिग्री भी ली। मेजर सुमन ने 2011 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी, चेन्नई से ग्रेजुएट होने के बाद इंडियन आर्मी ज्वॉइन की थी। वे आर्मी की सिग्नल कॉर्प से जुड़ी, फिलहाल सुमन गंवानी दिल्ली में तैनात हैं । मेजर सुमन का परिवार शुरू से ही सेना की सेवा में रहा है । उनके पिता आर्मी से रिटायर्ड हैं और उनके तीन भाई-बहनों में से दो इंडियन आर्म्ड फोर्सेज में हैं ।

विश्व पटल पर भारत का गौरव बढ़ाने वाली हमारी देवभूमि की बेटी, भारतीय सेना अधिकारी एवं दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के साथ काम करने वाली महिला शांति सेना की पर्यवेक्षक "मेजर सुमन गवानी जी" को प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र सैन्य जेंडर "एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड 2019" से सम्मानित किए जाने पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आपकी इस उपलब्धि पर देवभूमि, उत्तराखंड की जनता के साथ-साथ हर भारतवासी को गर्व है- त्रिवेंद्र सिंह रावत,मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड

यूएन मिलिट्री जेंडर एडवोकेट अवॉर्ड के बारे में

यूएन मिलिट्री जेंडर एडवोकेट अवॉर्ड की शुरुआत 2016 में हुई । अपने काम से यूएन सिक्योरिटी रेजोल्यूशन-1325 के सिद्धांतों को मजबूती देते हैं और आगे बढ़ाते हैं, उन मिलिट्री पर्सन को यह सम्मान दिया जाता है। यूएन ने सिक्योरिटी रेजोल्यूशन-1325 के मुताबिक, यूएन के सभी शांति प्रयासों, संघर्षों को रोकने और संघर्ष के बाद के पुनर्निर्माण और तनावों की रोकथाम जैसे कार्यक्रमों में महिलाओं की बराबर भागीदारी सुनिश्चित करना है।






शनिवार, 30 मई 2020

पॉजिटीव वेब : केबिनेट ने लिए अहम फैसले क्या है आपके लिए खास पढे पूरी खबर ।। web news uttarakhand ।।

कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक

उत्तराखंड कैबिनेट  के अहम फैसले

1. कोविड सैंपलिंग, टैस्टिंग की प्रक्रिया को गति दी जायेगी। प्राइवेट लैब को टैंडर प्रक्रिया से लेने के लिए 04 दिन का अवधि निर्धारित किया गया।
2. किसी भी कार्मिक के किसी भी रूप में भत्ते में कटौती नहीं की जायेगी, मुख्य सचिव से लेकर नीचे के सभी कार्मिकों का प्रत्येक माह में, एक दिन का वेतन वर्तमान वित्त वर्ष में मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जायेगा। पेंशनरों से किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जायेगी। दायित्वधारियों का प्रत्येक माह में 05 दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जायेगा, वर्तमान वित्त वर्ष तक।



3. मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना में राहत प्रदान की गयी है। बागवानी मिशन में सब्जी, बीज, पुष्प पर दिया जाने वाला 50 प्रतिशत का अनुदान शेष सभी कृषकों को दिया जायेगा। बागवानी मिशन से अलग फल, बीज, आलू, अदरक 50 प्रतिशत राज्य सहायता अनुदान के रूप में दिया जायेगा तथा कोल्ड स्टोर और ए.सी. वैन पर भी अनुदान दिया जायेगा। 15 लाख रूपये लागत के कोल्ड स्टोरेज पर 50 प्रतिशत अनुदान तथा 26 लाख रूपये ए.सी वैन की लागत पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा।


4. श्रम विभाग के श्रम अधिनियम के अंतर्गत दुकान, प्रतिष्ठान के नियोजकों को संदिग्ध कोविड कर्मचारियों को 28 दिन के क्वॉरंटीन अवधि का वेतन भुगतान करना होगा
सभी दुकानों, कारखानों जहाँ 10 से अधिक कर्मचारी हैं, कोविड को रोकथाम हेतू सैनिटाइजर की व्यवस्था की जायेगी।

5. उत्तराखण्ड उपखनिज 2016 चुगान नीति में परिवर्तन करते हुए निगम के पट्टे की अवधि 01 वर्ष से बढ़ाकर 05 वर्ष कर दी गयी। यदि अन्य क्षेत्र में टेंडर के बाद कोई फर्म नहीं मिलता है तो इसका संचालन निगम करेगा।
6. कोविड स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत उपकरण क्रय का अधिकार 03 माह से बढ़ाकर 28 फरवरी तक कर दिया गया है। अग्रिम धनराशि को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया। निदेशक के 03 करोड़ के अधिकार को अब प्राचार्य भी उपयोग कर सकेंगे।
7. श्रम सुधार अधिनियम में यूनियन बनाने के लिए कर्मचारियों के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत की संख्या कर दी गयी।
8. रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्ट्री की डिजिटल नकल 02 रूपये प्रति पृष्ठ और न्यूनतम 100 रूपये की गयी।
9. आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग में भर्ती के लिये 03 माह की निर्धारित अवधि बढ़ाकर 20 फरवरी 2021 किया गया।
10. मेगा इंडस्ट्री एवं इंवेस्टमेंट पालिसी में संसोधन करते हुए वैधता अवधि 31 मार्च 2020 से 30 जून 2020 किया गया।



11. उत्तरकाशी में 1000 मि.टन क्षमता को बनाने के लिए मंडी परिषद को 10 करोड़ से बढ़ाकर 13 करोड़ 46 लाख में बनाने का अधिकार दिया गया।
12. जिला योजना समिति के चुनाव के संबंध में अध्यादेश लाते हुए जिलाधिकारी प्रभारी मंत्री की स्वीकृति से कार्य करा सकते है।
13. पंचायती राज अध्यादेश लाते हुए जहाँ पर जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख ग्राम प्रधान का चुनाव नहीं हो पाया है एवं अन्य पदों का चुनाव हो गया है वहां जिलाधिकारी के माध्यम से शेष पदों पर मनोनीत किया जा सकता है।

यह भी पढे- पॉजिटीव वेब : बाजार खुलेगें 7 बजे से 7 बजे तक, पढे क्या है पूरी खबर ।।web news।।

गुरुवार, 28 मई 2020

पॉजिटीव वेब: जनहित याचिका के बाद सरकार एक्शन में , क्वारन्टीन केंद्रों की जिलेवार रिपोर्ट मांगी,जाने क्या है पूरी खबर ।। web news।।

Uttrakhand-cm, trivendra-singh-rawat

जिलों में संस्थागत क्वारंटाईन केन्द्रों में रखे गये प्रवासी व्यक्तियों की व्यवस्थायें सुनिश्चित किये जाने के लिए सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी।


वर्तमान में बड़ी संख्या में राज्य में आ रहे प्रवासियों के लिये विभिन्न स्तर पर संचालित किये जा रहे क्वारंटाइन केन्द्रों के सम्बन्ध में मा. उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कज गयी । मा. उच्च न्यायालय ने प्रवासी व्यक्तियों को दी जा रही सुविधाए सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

जिलों में स्थापित क्वारंटाइन केन्द्रों में निम्नानुसार व्यवस्थायें की जानी हैं।

1. बिजली/पानी
2. पेयजल
3. स्वच्छता व नियमित सेनीटाइजेशन
4. स्वच्छ बिस्तर
5. कम से कम 03 समय पौष्टिक भोजन
6. साफ व पर्याप्त संख्या में शौचालय/स्नानागार
7. शिकायत पंजिका व शिकायत हेतु उच्चाधिकारियों के नम्बर
8. नियमित चिकित्सकीय परीक्षण
10 Do's and Dont's
11. मनोरंजन व्यवस्था
9. चौबीसों घण्टे केयरटेकर की उपलब्धता
12 मास्क/सेनेटाइटजर की उपलब्धता
13. सामाजिक दूरी के नियमों का अनुपालन

जिलाधिकारियों को उप जिलाधिकारियों को निर्देशित कर 30 मई, 2020 तक सूचना विभाग को सूचना देने के लिये कहा गया है क्योंकि 02 जून 2020 को जनहित याचिका की अगली सुनवाई होनी है।

यह भी पढ़े- पॉजिटीव वेब : पलायन पर रोक के लिए लॉन्च हुई मुख्यमंत्री रोजगार योजना , योजना की विस्तृत जानकारी के लिए पूरा पढ़ें।। web news।। 

पॉजिटीव वेब : NCSTC ने हिंदी में लोकप्रिय कोविद कथा को जारी किया जाने कोविद कथा के बारे में ।। web news ।।

Covid-katha

कोविद कथा: जन जागरूकता फैलाने के लिए एक मल्टीमीडिया गाइड इसमें कोविद-19 महामारी के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध है


राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने डॉ. अनामिका रे मेमोरियल ट्रस्ट के सहयोग से, कोविद-19 महामारी के संदर्भ में जन जागरूकता फैलाने के लिए सभी (ए-टू-जेड) महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाली लोकप्रिय मल्टीमीडिया गाइड का हिंदी संस्करण जारी किया है।

इसका अंग्रेजी संस्करण पहले ही इस महीने की शुरुआत में जारी किया जा चुका है। विशेष रूप से हिंदी पट्टी के लोगों की कोविद कथा के हिंदी संस्करण की मांग को पूरा करने के उद्देश्य से, कोविद कथा के हिंदी संस्करण को अतिरिक्त और संशोधित जानकारी के साथ लेकर जारी किया गया है, जिससे लोग इसका लाभ उठा सकें।

"कोविद कथा की सराहना करते हुए कहा है कि आम लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए आम आदमी की भाषा में विज्ञान की व्याख्या करना महत्वपूर्ण है और हिंदी व्यापक स्तर पर बोली जाने वाली भाषा है इसलिए कोविद कथा का हिंदी संस्करण बहुत ज्यादा महत्व रखता है। प्रो. शर्मा ने कहा कि वैज्ञानिक संदेश देने और स्वास्थ्य अवधारणाओं को साधारण तरीके से समझाते समय, विज्ञान कार्टून (साइंटून्स) में हास्य और मनोरंजन भी जुड़ा हुआ है, क्योंकि वर्तमान स्वास्थ्य संकट के दौरान लोग तनाव महसूस कर रहे हैं"-प्रो. आशुतोष शर्मा डीएसटी, सचिव

मल्टीमीडिया तकनीकों और डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग करके, कोविद-19 के संबध में सामान्य जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से, भारत सरकार का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग लोगों को उपयुक्त ज्ञान और विश्वास के साथ महामारी को समझने और उससे निपटने में सहायता प्रदान करने के लिए एक इंटरैक्टिव इलेक्ट्रॉनिक गाइड को प्रस्तुत किया है।

अंग्रेजी के बाद हिंदी और अन्य भाषाओं में संकरण की है तैयारी

कोविद कथा का मेघालय की खासी भाषा में अनुवाद किया जा रहा है; इसका तमिल संस्करण भी आ रहा है; लोग अपने आप ही इसके बंगाली और असमिया संस्करणों पर काम कर रहे हैं।

कोविद कथा में विभिन्न विज्ञान संचार उत्साहवर्धकों को प्रभावी रूप से विभिन्न प्रारूपों में एक साथ रखने का प्रयास किया जा रहा है, यानी कि फ्लिप संस्करण, एनिमेशन, वीडियो और अन्य प्रारूप। कई आधिकारिक एजेंसियां अपने सोशल मीडिया और अन्य जनसंचार अभियानों में कोविद कथा के विभिन्न तत्वों का भी उपयोग कर रही हैं, यानी कि क्या करें और क्या नहीं, साइंटून्स, प्रत्येक दिन एक वर्णमाला का उपयोग करके दैनिक जानकारी प्राप्त करना आदि। कोविद कथा के हिंदी और अन्य भाषाओं के संस्करणों के माध्यम से जागरूकता को जमीनी स्तर पर फैलाने में मदद मिलेगी।

कोविद कथा पढ़ने के लिए नीचे दिये लिंक पर क्लिक करें

हिंदी में कोविद कथा को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

अंग्रेजी में कोविद कथा को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

बुधवार, 27 मई 2020

पॉजिटीव वेब : पलायन पर रोक के लिए लॉन्च हुई मुख्यमंत्री रोजगार योजना , योजना की विस्तृत जानकारी के लिए पूरा पढ़ें।। web news।।


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प्रदेश में रोजगार एवं स्वरोजगार के साधन सुलभ कराने हेतु एक नई पहल

राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना तथा गंगा गाय महिला डेरी योजनान्तर्गत 03 व 05 दुधारू पशुओं के क्रय हेतु 25 प्रतिशत अनुदान तथा नगरीय क्षेत्रों में आंचल मिल्क बूथ स्थापना हेतु 20 प्रतिशत अनुदान पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 3 हजार दुग्ध उत्पादकों को कुल 10 हजार दुधारू पशु उपलब्ध कराए जाएंगे और 500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित किए जाएंगे। इसके तहत राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना और गंगा गाय महिला डेरी योजना में दुधारू पशुओं को खरीदने पर 25 प्रतिशत अनुदान और शहरी क्षेत्रों में आंचल मिल्क बूथ स्थापित करने के लिए 20 प्रतिशत अनुदान पर ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है।
"ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु ग्राम स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्ध करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।गाँव में निवासरत ग्रामीणों तथा अन्य राज्यों से आये,राज्य के प्रवासियों के लिए सरकार द्वारा स्वरोजगार का उचित अवसर प्रदान किया जा रहा है। पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन के माध्यम से अपनी आजीविका चलाने हेतु राज्य सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ ले।"- त्रिवेन्द्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड
उक्त योजना का लाभ दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों को दिया जाएगा। जो व्यक्ति वर्तमान में दुग्ध सहकारी समिति का सदस्य न हो परंतु सदस्य बनने का इच्छुक हो, उन्हें भी योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जाएगा। योजना के तहत क्रय किए जाने वाले दुधारू पशु राज्य के बाहर से क्रय किए जाएंगे, ताकि प्रदेश में पशुधन की वृद्धि हो।

योजना में 3 हजार दुग्ध उत्पादकों को कुल 10 हजार दुधारू पशु उपलब्ध कराए जाएंगे और 500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित किए जाएंगे। योजना का लाभ लेने के लिए 01 जून से 15 जुलाई 2020 तक प्रबंधक/प्रधान प्रबंधक दुग्ध संघ कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है।

योजना के मुख्य बिन्दु

◆योजना का लाभ दुग्ध सहकारी समिति सदस्यों को प्रदान किया जायेगा।
◆वह व्यक्ति जो कि वर्तमान में दुग्ध सहकारी समिति का सदस्य न हो परन्तु सदस्य बनने हेतु इच्छुक हो, उन्हे भी योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जायेगा।
◆ योजनान्तर्गत क्रय किये जाने वाले दुधारू पशु राज्य के बाहर से क्रय किये जायेंगे, ताकि प्रदेश में पशुधन की वृद्धि हो सके।
◆3000 दुग्ध उत्पादकों को कुल 10000 दुधारू पशु उपलब्ध कराये जायेंगे।
◆500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित किये जायेंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सिर से चारे का बोझा हटाने तथा वर्षपर्यंत पोष्टिक व हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा साइलेज एवं पशु पोषण योजना प्रारंभ की गयी है जिसके अंतर्गत प्रदेश में गठित दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों को 50 प्रतिशत अनुदान पर साइलेज (मक्के का हरा चारा) उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा साइलेज के ढुलान पर होने वाले व्यय की धनराशि भी अनुदान के रूप में दी जा रही है।

इस योजना से प्रदेश के मैदानी तथा सुदूरवर्ती जनपदों में दुग्ध उत्पादकों को एक ही दर अर्थात रू 3.25 प्रति किलोग्राम की दर से उनके द्वार पर ही साइलेज की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। योजना से दुग्ध सहकारी समिति के लगभग 50 हजार पोरर सदस्यों को लाभान्वित किया जायेगा। योजना के सफलता पूर्वक संचालन से जहाँ एक ओर पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार होगा वहीं दूसरी ओर दूध की गुणवत्ता में भी सुधार होने से दुग्ध उत्पादकों को अधिक मूल्य प्राप्त होगा।

आवेदन कैसे करें

योजना का लाभ लेने हेतु आवेदन पत्र दिनांक 01 जून 2020 से 15 जुलाई 2020 तक प्रबन्धक/प्रधान प्रबन्धक दुग्ध संघ कार्यालय से प्राप्त कर जमा किए जा सकते हैं।

डेरी विकास विभाग, उत्तराखण्ड योजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने हेतु

जनपद के सहायक निदेशक डेरी, प्रबन्धक/प्रधान प्रबन्धक दुग्ध संघ अथवा मोबाइल नं. 9412929257, 9012220864 से सम्पर्क कर सकते हैं।

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मंगलवार, 26 मई 2020

पॉजिटिव वेब : सीएम ,डीएम के बाद विधान सभा अध्यक्ष की गढ़वाली चिठी , पढ़े पूरी चिठी ।।web news।

Premchand-aggarwal

मुख्यमंत्री और उत्तरकाशी के जिलाधिकारी की गढ़वाली चिठी के बाद चर्चाओं में है विधान सभा अध्यक्ष की गढवाली चिठी

मैं उत्तराखंड का शहीदों का चरणों मा बारम्बार अपणु शीष नवोंदों । साथ मा उत्तराखण्डी भै बैणों आप सब्बू तैं सादर सेवा सौंली लगोंदु ।

भै-बंदों आज इनु समय ऐगि जब हम सब लोग कोरोना महामारी का संकट का बीच अपड़ि गुजर बसर कना छां । कभि हमारा प्रदेश का रैवासि भै बंद रोजि -रोटी का खातिर देश - विदेश मा गैन अर अपणा -अपणा क्षेत्रु मा प्रवासि बन्धुन उल्लेखनीय कार्य का माध्यम सी अपुणु व उत्तराखंड कु नौं रोशन करि। बहुत सारा प्रवासी भै -बंद देशु -प्रदेशु मा भौत अच्छी स्थिति मा छन। अर भौत बड़ी संख्या मा पड्याँ - लिख्याँ ज्वान नौना-नौनी प्रदेशु मा अपणि रोजि- रोठि का खातिर बहुत मेनत कना छन। पलायन करिक तैं भी हमारा उत्तराखंडी भै -बंद देश अर प्रदेश का विकास मा अपड़ा - अपड़ा हिसाब सी योगदान देंणा छन।पर कोरोना महामारिन सैरि दुन्यां मा एक इनि डर उबजैलि कि अधिकतर प्रवासि अपणा - अपणा गौं व क्षेत्रों मा औंण कु मन बणैंलि । जै मा भौत सारा प्रवासि अपणा - अपणा गौं व जगों मा पौंछि भि गैन । जु प्रवासी भै- बन्द औण सि रैगिन तौं का वास्ता भी भौत जल्दी सरकार व्यवस्था बणौण लगीं च । जु काम भारि औखु लगदु थै, सु सरकार कि सूझबूझ सि आसानि सि त ह्वैगि । पर एक बड़ि कठणै भि हमारा सामणि ऐगी । जु भी प्रवासि भै -बंद घौर वापस ऐगिन तौंका वास्ता रोजि- रोठि कु बंदोबस्त जल्द सी जल्दी स्वरोजगार का माध्यम सी सरकार तैं सुनियोजित विचार कन पड़लू।

देश का प्रधानमन्त्री मा० नरेन्द्र मोदी जी 20 लाख करोड़ कि मदत उत्तराखंड सहित देश मा स्वरोजगार व आत्मनिर्भरता का वास्ता दीलिन जै कु मूल मन्त्र च "स्वराज" । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी भि इनि बोल़्दा था कि स्वराज ही हमारा देश तैं आत्मनिर्भर बणैं सकदु । मा० प्रधानमंत्री जी न भि ये विशेष आर्थिक पैकेज मा किसान, श्रमिक, कुटीर, लघु व गृह उद्योग का साथ मा उद्यानिकी, वानिकी, फलोद्यान, मत्स्य पालन, गौ पालन, मौन पालन, पशुपालन का दगड़ा- दगड़ी ग्राम विकास का अनेक इना रचनात्मक कामौं का माध्यम सि बेरोजगार युवा आज अपड़ा सुनहरा भविष्य कि दिशा मा अगनै बढि सकदन।

ग्रामविकास, पर्यावरण, कृषि जल, जंगल जमीन ,पर्यटन, तीर्थाटन, साहासिक पर्यटन आदि अनेक संसाधनु कु उचित दोहन करिक तैं हम स्वरोजगार, स्वावलंबन कि तरफ बड़ी सकदां । ये अभियान मा हम स्वयंसेवी संस्था, सहकारिता, महिला स्वयं सहायता समूह अर सरकार का अनेक विभागौं कु सहयोग व उचित परामर्श का माध्यम सि प्रवासि व घर वासियों का मेलजोल करिक तैं हम गौं कु पलायन भि रोकि सकदा अर स्वरोजगार भि अपणै सकदां । अनेक प्रदेशों मां रेक आप लोग अपणा-अपणा अनुभव ली तें ओणा छन । आपकी मेहनत, ईमानदारी व प्रतिभा कु लाभ उत्तराखंड तें मिलु अर हमारा प्रदेश कु चोमुखी विकास कन मा आप सभी प्रवासी जन समर्पित भाव सि काम करला ।

अन्त मा मैं आप तैं विश्वास दिलौनु कि ईं विपदा कि घड़ी मा आप पर भगवन श्री बद्री केदार कृपा बणि रली। मैं आप सभि प्रदेश वासियों का दगड़ा मा छौं। अर मैं स्वयं व सरकार का माध्यम सी जतना भि सहयोग आपका खातिर ह्वै सकुलू, कनकु पूरु - पूरू प्रयास करलु । आप जब ऐथर - ऐथर चलला त हम सब आपका दगड़ा - दगड़ी चलिक तैं आपकु व प्रदेश कु उज्जवल भविष्य बणौंण कि पूरि कोशिश करला।
मेरु आप सबु सि निवेदन छ कि आप लोग "आरोग्य सेतु" एप कु उपयोग करला, साथ मा संस्थागत क्वारेंटीन / होम क्वारेंटीन होण मा सहयोग देला, ताकि हम स्वयं स्वस्थ रला, हमारू परिवार, समाज व प्रदेश स्वस्थ रै सकुलु । ये का दगडा -दगड़ी सामाजिक दूरी बणैक रख्यां, भीड़ वाळी जगौं मा कतै नि जाया, अर जु भि सरकार का नियम बणायां छन, वूं कु पूरू - पूरू पालन करला। बस इथगा निवेदन आप सबु सी करदु । आप सभी प्रदेश वासियों तैं मेरु सादर प्रणाम।

जय उत्तराखंड ! जय भारत !!

( प्रेम चन्द अग्रवाल )
अध्यक्ष उत्तराखंड विधानसभा

रविवार, 24 मई 2020

पॉजिटिव वेब : कोविड -19 से लड़ने में चाय बड़े काम की पढ़े पूरी खबर ।।web news ।।

Tea-field


कोविड-19 से लड़ने में एचआईवी दवाओं से अधिक कारगर कांगड़ा चाय

कोविड-19 से लड़ने के लिए संशोधित प्रोटोकॉल में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा प्रतिरोधक क्षमता में सुधार और उपचार के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के स्थान पर एचआईवी-रोधी दवा के उपयोग की संभावना व्यक्त की जा रही है। दूसरी ओर, अब कहा जा रहा है कि एचआईवी-रोधी दवाओं की तुलना में चाय रसायन भी प्रतिरक्षा बढ़ाने और कोरोना वायरस गतिविधि को अवरुद्ध करने में अधिक प्रभावी हो सकते हैं। हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में स्थित हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) के निदेशक डॉ संजय कुमार ने इस तथ्य का खुलासा किया है। कांगड़ा चाय के बारे में बोलते हुए यह बात उन्होंने अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के मौके पर आईएचबीटी में आयोजित एक वेबिनार के दौरान कही है।

  “चाय में ऐसे रसायन होते हैं जो कोरोनावायरस की रोकथाम में एचआईवी-रोधी दवाओं की तुलना मेंअधिक प्रभावी हो सकते हैं। हमारे वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर-आधारित मॉडल का उपयोग करते हुए जैविक रूप से सक्रिय 65 रसायनों या पॉलीफेनोल्स का परीक्षण किया है, जो विशिष्ट वायरल प्रोटीन को एचआईवी-रोधी दवाओं की तुलना में अधिक कुशलता से बाँध सकते हैं। ये रसायन उन वायरल प्रोटीन्स की गतिविधि को अवरुद्ध कर सकते हैं, जो मानव कोशिकाओं में वायरस को पनपने में मदद करता है।”-डॉ संजय कुमार

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद से संबद्ध आईएचबीटी अपने प्रौद्योगिकी साझेदारों के साथ मिलकर चाय आधारित प्राकृतिक सुगंधित तेलों से युक्त अल्कोहल हैंड सैनिटाइजर का भी उत्पादन व आपूर्ति कर रहा है। आईएचबीटी में चाय के अर्क के उपयोग से हर्बल साबुन भी बनाया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह साबुन प्रभावी रूप से फफूंद-रोधी, जीवाणु-रोधी व वायरस-रोधी गुणों से लैस है। हिमाचल की दो कंपनियों द्वारा इस साबुन का उत्पादन व विपणन किया जा रहा है।

इस अवसर पर टी-विनेगर (चाय के सिरके) की तकनीक धर्मशाला की कंपनी मैसर्स काश आई विशको हस्तांतरित की गई है। चाय के सिरके में मोटापा-रोधी गुण होते हैं। इसके अतिरिक्त आयुष द्वारा सिफारिश की गई जड़ी-बूटियों से युक्त हर्बल ग्रीन और ब्लैक टी उत्पादों को भी लॉन्च किया गया है। इन उत्पादों को सीएम स्टार्ट-अप योजना के तहत मंडी के उद्यमी परितोष भारद्वाज द्वारा विकसित किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु ये उत्पाद बहुत उपयोगी हो सकते हैं।

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