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शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025

सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर कमल गिरी बने सफल उद्यानपति



चम्पावत, उत्तराखंड: आदर्श जनपद चम्पावत के दूधपोखरा गांव के 35 वर्षीय कमल गिरी आज स्वरोजगार और मेहनत की एक प्रेरक मिसाल बन चुके हैं। चार साल पहले तक छोटी सी दुकान चलाने वाले कमल गिरी ने राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर 35 नाली जमीन पर सेब, कीवी, आडू, खुमानी और सब्जियों का विशाल उद्यान खड़ा कर लिया है। उनकी सफलता न केवल स्थानीय लोगों को प्रेरित कर रही है, बल्कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में औद्यानिकी को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।

मेहनत और सरकारी योजनाओं का संगम
कमल गिरी की कहानी तब शुरू हुई जब उन्हें सेब की जल्दी पैदावार देने वाली प्रजाति की जानकारी मिली। इस जानकारी को हकीकत में बदलने के लिए वे भीमताल की नर्सरी पहुंचे, जहां उन्हें उद्यान विभाग की एप्पल मिशन योजना के बारे में पता चला। इस योजना के तहत उन्हें 60% सब्सिडी पर 500 सेब के पौधे मिले। इसके बाद उन्होंने कीवी मिशन के तहत 10 नाली जमीन पर कीवी के पौधे लगाए। साथ ही, तेज पत्ता, बड़ी इलायची, मधुमक्खी पालन और मशरूम उत्पादन जैसे सहायक कार्यों को भी अपनाया।

आज उनके पास 35 नाली का एक समृद्ध उद्यान है, जिसमें वे पॉलीहाउस के जरिए सब्जियां उगा रहे हैं। 80% सब्सिडी पर बने पॉलीहाउस और तारबाड़ ने उनकी फसलों को जंगली जानवरों से सुरक्षित रखने में मदद की है।

उत्पादन और कमाई का नया दौर
कमल गिरी की मेहनत अब रंग ला रही है। पिछले सीजन में उन्होंने 21 क्विंटल सेब बेचा, और इस सीजन में कीवी का उत्पादन भी शुरू हो गया है। इसके अलावा, 15 क्विंटल तेज पत्ता और पॉलीहाउस से नियमित सब्जियों की बिक्री ने उनकी आय को और मजबूती दी है। मधुमक्खी पालन और मशरूम उत्पादन जैसे सहायक कार्यों ने उनकी आय के स्रोतों को और विविधता प्रदान की है।

प्रेरणा का स्रोत
कमल गिरी की सफलता ने स्थानीय किसानों को सेब और कीवी उत्पादन की ओर प्रेरित किया है। उनकी कहानी इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि सही जानकारी, सरकारी सहायता और मेहनत से स्वरोजगार के नए द्वार खोले जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है, "उत्तराखंड के गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए औद्यानिकी बेहद जरूरी है। इसके लिए सरकार एप्पल मिशन, कीवी मिशन जैसी योजनाएं चला रही है, जिनके परिणाम अब सामने आने लगे हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों की आय बढ़ने से पलायन की समस्या का भी समाधान होगा।"

आगे की राह
कमल गिरी जैसे उद्यमी न केवल अपने लिए, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक नई राह दिखा रहे हैं। उनकी कहानी उत्तराखंड के युवाओं और किसानों के लिए प्रेरणा है कि सरकारी योजनाओं का सही उपयोग कर आत्मनिर्भरता और समृद्धि हासिल की जा सकती है।


मंगलवार, 8 अप्रैल 2025

चकराता वन प्रभाग के चयनित किसानों को सगंध फसलों की खेती का प्रशिक्षण


दिनांक 3 अप्रैल से 5 अप्रैल 2025 तक चला प्रशिक्षण सत्र, किसानों को खेती, प्रसंस्करण और विपणन की दी गई जानकारी

सेलाकुई (देहरादून) लखवाड़ कैट योजना के अंतर्गत चकराता वन प्रभाग, कालसी के चयनित किसानों के लिए सगंध पौधा केंद्र (कैप), सेलाकुई में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण श्री अभिमन्यु, भा०व०से०, प्रभागीय वनाधिकारी चकराता के निर्देशन एवं गंगोत्री कौशल विकास एवं उत्थान समिति, देहरादून के सहयोग से आयोजित हुआ।

सगंध पौधों की खेती से बेहतर आमदनी के अवसर

प्रशिक्षण के दौरान कैप के वरिष्ठ तकनीकी सहायक श्री सुनील सिंह बर्त्वाल ने किसानों को सगंध पौधा केंद्र की गतिविधियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि डेमस्क गुलाब, लैमनग्रास, तेजपत्ता जैसी फसलें किसानों को प्रति हेक्टेयर लाखों रुपये की आमदनी दिला सकती हैं।

श्री बर्त्वाल ने किसानों को बताया कि डेमस्क गुलाब की खेती ठंडी जलवायु वाले क्षेत्रों के लिए लाभकारी है। इसका उपयोग इत्र निर्माण में किया जाता है।

लैमनग्रास व तेजपत्ता की खेती से बंजर भूमि को मिलेगा नया जीवन

कैप के विशेषज्ञ श्री शंकर लाल सागर ने बताया कि लैमनग्रास की खेती विशेष रूप से उन खेतों के लिए उपयुक्त है, जो लंबे समय से बंजर पड़े हैं। सिंचित भूमि में लैमनग्रास से दुगनी आमदनी प्राप्त की जा सकती है।

उन्होंने किसानों को तेजपत्ता की कृषि वानिकी पद्धति से खेती की जानकारी दी, जिससे पत्तियों के साथ-साथ छाल बेचकर भी अतिरिक्त आय अर्जित की जा सकती है।

सगंध फसलों की मार्केटिंग और सरकारी योजनाएं

प्रशिक्षण के अंतिम दिन डॉ. चेतन पाटिल ने किसानों को जानकारी दी कि केंद्र व राज्य सरकार सगंध फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही हैं। इसके अंतर्गत 5 नाली तक नि:शुल्क पौधरोपण सामग्री तथा आसवन संयंत्र व सोलर ड्रायर स्थापना पर अनुदान दिया जाता है।

डॉ. आरके यादव एवं अन्य विशेषज्ञों ने किसानों को सगंध फसलों के महत्व, गुणवत्ता नियंत्रण और विपणन संबंधी विस्तृत जानकारी दी।

प्रमाण पत्र वितरण के साथ हुआ समापन

समापन सत्र में गंगोत्री कौशल विकास एवं उत्थान समिति के अध्यक्ष श्री रमेश खत्री ने किसानों से सगंध फसलों की खेती को अपनाकर आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया। अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।


सोमवार, 7 अप्रैल 2025

यूसर्क द्वारा देहरादून में "एग्रो इकोलॉजी इंटरप्रैन्योरशिप डेवलपमेंट सेन्टर" के अंतर्गत साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

उत्तराखंड में युवाओं को वैज्ञानिक सोच और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) द्वारा एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यूसर्क द्वारा सीआईएमएस, देहरादून में स्थापित "एग्रो इकोलॉजी इंटरप्रैन्योरशिप डेवलपमेंट सेन्टर" के अंतर्गत दिनांक 7 अप्रैल 2025 से "प्लांट टिश्यू कल्चर, मशरूम स्पॉन प्रोडक्शन एवं वर्मी कम्पोस्ट" विषय पर साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम युवाओं को जैव प्रौद्योगिकी, कृषि आधारित उद्यमिता और सतत विकास की दिशा में व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को लैब में प्रत्यक्ष कार्य अनुभव के साथ-साथ एक्सपीरियंटल लर्निंग आधारित हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग दी जा रही है।

कार्यक्रम का शुभारंभ

प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि यूसर्क की निदेशक प्रो. (डॉ.) अनीता रावत ने किया। उन्होंने यूसर्क की विभिन्न वैज्ञानिक पहलों की जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में सक्षम बनाते हैं। प्रशिक्षण के दौरान टिश्यू कल्चर तकनीक, उच्च गुणवत्ता वाले मशरूम स्पॉन उत्पादन और वर्मी कम्पोस्ट निर्माण की विधियों पर विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

सहभागिता

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तराखंड के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से कुल 25 प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। इनमें राजकीय महाविद्यालय पुरोला उत्तरकाशी, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार, राजकीय महाविद्यालय सतपुली, राजकीय महाविद्यालय सितारगंज एवं श्री देव सुमन विश्वविद्यालय ऋषिकेश परिसर आदि शामिल हैं।

अन्य महत्वपूर्ण उपस्थितियाँ

कार्यक्रम में सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए यूसर्क के इस प्रयास की सराहना की।

एफआरआई, देहरादून की वैज्ञानिक डॉ. मोनिका चौहान ने प्रशिक्षुओं को प्लांट टिश्यू कल्चर, मशरूम स्पॉन उत्पादन एवं वर्मी कम्पोस्ट से संबंधित तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी।

कार्यक्रम में सीआईएमएस के अकादमिक निदेशक डॉ. एस. बी. जोशी, यूसर्क एग्रो इकोलॉजी इंटरप्रैन्योरशिप डेवलपमेंट सेन्टर के केन्द्र समन्वयक डॉ. रंजीत कुमार सिंह सहित अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।


सोमवार, 24 मार्च 2025

यूसर्क द्वारा उत्तराखंड में "बायोइनफॉर्मेटिक्स फॉर जीनोमिक एनालिसिस 2.0" प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

Genomic Analysis 2.0 बायोइनफॉर्मेटिक्स वर्कशॉप के प्रतिभागी
Genomic Analysis 2.0: उत्तराखंड में USERC और देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित बायोइनफॉर्मेटिक्स प्रशिक्षण वर्कशॉप के प्रतिभागी

विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) ने देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में 24 मार्च 2025 से विश्वविद्यालय परिसर में "हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग ऑन बायोइनफॉर्मेटिक्स फॉर जीनोमिक एनालिसिस 2.0" विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य उच्च शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों को आधुनिक बायोइनफॉर्मेटिक्स तकनीकों में दक्ष बनाना है।

कार्यक्रम का उद्घाटन और उद्देश्य

कार्यक्रम का उद्घाटन यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अनीता रावत द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि यूसर्क ने देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर में राज्य का पहला "यूसर्क सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन बायोइनफॉर्मेटिक्स" स्थापित किया था। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इसी केंद्र के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बायोइनफॉर्मेटिक्स न केवल जैव प्रौद्योगिकी और जीवन विज्ञान का भविष्य है, बल्कि यह चिकित्सा अनुसंधान, औषधि विकास और व्यक्तिगत जीनोमिक चिकित्सा के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।

बायोइनफॉर्मेटिक्स का महत्व

प्रोफेसर रावत ने इस अवसर पर बताया कि बायोइनफॉर्मेटिक्स और जीनोमिक एनालिसिस का उपयोग मानव स्वास्थ्य सुधार, दवा विकास, और कृषि क्षेत्र में विशेष रूप से किया जा रहा है। उन्होंने इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों के बीच एक्सपीरिएंशियल लर्निंग (अनुभव आधारित शिक्षण) को बढ़ावा देना बताया। यह कार्यक्रम छात्रों और शोधकर्ताओं को उन्नत जैव सूचना विज्ञान तकनीकों में दक्षता प्राप्त करने में मदद करेगा।

प्रतिभागियों और संस्थानों की सहभागिता

इस कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के 25 छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रतिभागी संस्थानों में प्रमुख रूप से श्री देव सुमन विश्वविद्यालय ऋषिकेश परिसर, राजकीय महाविद्यालय डोईवाला, और देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय के छात्र शामिल हैं।

विशेष अतिथियों के विचार

कार्यक्रम में देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर प्रीति कोठियाल ने यूसर्क द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति डॉ. रितिका मेहरा, रजिस्ट्रार जनरल ओ. पी. सोनी, डीन रिसर्च एंड इनोवेशन डॉ. नवील अहमद, डॉ. निर्जरा सिंघवी, और अन्य शिक्षकों सहित 50 से अधिक लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

यह भी पढ़ें -  मसूरी में ‘लिव इन यूके’ का मुहूर्त: UCC पर नई बहस की शुरुआत?

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को बायोइनफॉर्मेटिक्स के क्षेत्र में गहराई से समझ विकसित करने और व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिल रहा है। भविष्य में भी यूसर्क इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन कर विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को नवीनतम तकनीकों से जोड़ने का कार्य करता रहेगा।

बुधवार, 19 मार्च 2025

"जन जागरण अभियान समिति का 'अद्भुत सेवा सम्मान' समारोह | Uttarakhand News |

"जन जागरण अभियान समिति द्वारा उत्तराखंड के फिल्म कलाकारों को 'अद्भुत सेवा सम्मान' प्रदान किया गया।"
"जन जागरण अभियान समिति द्वारा 'अद्भुत सेवा सम्मान' में फिल्म विधा से जुड़े व्यक्तियों का सम्मान

देहरादून, 19 मार्च 2025: सिनेमा केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि समाज को दिशा देने वाला प्रभावशाली उपकरण भी है। इसी भावना को सम्मान देते हुए जन जागरण समिति ने फिल्म विधा से जुड़े व्यक्तियों  को "अद्भुत प्रतिभा सम्मान" से नवाजा। राजधानी देहरादून के करनपुर स्थित जन जागरण समिति कार्यालय में आयोजित इस गरिमामयी समारोह में फिल्म अभिनेता और निर्देशक धनंजय कुकरेती तथा फिल्मकार हेमेंद्र मलिक को सम्मानित किया गया।

समारोह की झलक: जब कला का सम्मान हुआ

इस कार्यक्रम में जन जागरण समिति के अध्यक्ष स्वप्निल सिन्हा ने फिल्म विधा में उल्लेखनीय योगदान देने वाली इन प्रतिभाओं को सम्मानित किया। समिति के उपाध्यक्ष प्रमोद बेलवाल ने अपने संबोधन में कहा,

"समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को पहचान देना हमारी समिति का कर्तव्य है। हम समय-समय पर ऐसी विभूतियों को सम्मानित करते हैं और आगे भी इस परंपरा को जारी रखेंगे।"

धनंजय कुकरेती, जो फिल्म अभिनेता और निर्देशक दोनों ही भूमिकाओं में अपनी पहचान बना चुके हैं, ने सम्मान प्राप्त करने के बाद अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा,

"यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि उन सभी लोगों का है जो सिनेमा के माध्यम से समाज को एक नई सोच देने का प्रयास कर रहे हैं। जब आपके काम को पहचान मिलती है, तो आगे और बेहतर करने की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। मैं समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सभी पदाधिकारियों का दिल से धन्यवाद करता हूं।"

सिनेमा का समाज पर प्रभाव

सिनेमा केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम भी है। धनंजय कुकरेती और हेमेंद्र मलिक जैसे कलाकार अपने सृजनात्मक कार्यों के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहे हैं। ऐसे में जन जागरण समिति द्वारा किया गया यह सम्मान समाज में कला और सिनेमा के महत्व को और भी अधिक बढ़ावा देने का कार्य करेगा।

सम्मान समारोह में रही विशिष्ट उपस्थिति

इस अवसर पर समिति के अन्य प्रमुख सदस्य भी उपस्थित रहे, जिनमें सचिव विवेक श्रीवास्तव, सहसचिव विजय शुक्ला, और अथर्व कुकरेती प्रमुख रूप से शामिल थे। कार्यक्रम में शामिल सभी गणमान्य व्यक्तियों ने सम्मानित कलाकारों को शुभकामनाएं दीं और सिनेमा के प्रति उनके योगदान की सराहना की।

समाज में रचनात्मकता को मिलेगा बढ़ावा

ऐसे सम्मान समारोह न केवल कलाकारों को प्रेरित करते हैं, बल्कि समाज में सृजनात्मकता को भी बढ़ावा देते हैं। जब किसी कलाकार की मेहनत और प्रतिभा को सार्वजनिक रूप से सराहा जाता है, तो इससे अन्य उभरते कलाकारों को भी प्रोत्साहन मिलता है। जन जागरण समिति की यह पहल निश्चय ही सिनेमा और सामाजिक योगदान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मानी जाएगी।

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मंगलवार, 18 मार्च 2025

वनाग्नि नियंत्रण: पिथौरागढ़ में वन विभाग की तकनीकी कार्यशाला, Forest Fire Mobile App की जानकारी

पिथौरागढ़ वन विभाग की वनाग्नि रोकथाम कार्यशाला

"पिथौरागढ़ में वनाग्नि रोकथाम कार्यशाला के दौरान वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी।"

पिथौरागढ़, उत्तराखंड – वनाग्नि रोकथाम और सुरक्षा उपायों को लेकर पिथौरागढ़ वन प्रभाग में एक दिवसीय तकनीकी प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया।

वन सुरक्षा और आग रोकथाम के प्रयास

कार्यशाला की अध्यक्षता प्रभागीय वनाधिकारी आशुतोष सिंह ने की। उन्होंने बताया कि वनाग्नि नियंत्रण को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ग्रामीण स्तर, विद्यालयों और विकासखंड स्तर पर गोष्ठियों के माध्यम से लोगों को जंगलों में आग न लगाने के प्रति सचेत किया जा रहा है।

वन क्षेत्राधिकारी बेरिनाग  और चंपावत ने वनों में आग लगने के दुष्प्रभाव और वन संरक्षण के लिए उठाए जा रहे कदमों पर जानकारी दी। पंचायत स्तर पर महिला मंगल दलों और वन पंचायतों को वनाग्नि रोकने के लिए सहयोग करने का निर्देश दिया गया।

Forest Fire Mobile App से मिलेगी त्वरित सूचना

तकनीकी सत्र के दौरान पंकज रतूड़ी ने 'Forest Fire Mobile App' की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस ऐप के माध्यम से वनाग्नि घटनाओं की तुरंत सूचना दी जा सकती है, जिससे समय पर आवश्यक कदम उठाकर जंगलों को सुरक्षित रखा जा सकता है।

आपातकालीन संचार प्रणाली को मजबूत करने की पहल

कार्यशाला में वायरलेस तकनीकी विशेषज्ञ उपेंद्र गोयल ने वन विभाग की आपातकालीन संचार प्रणाली को मजबूत करने के लिए वायरलेस तकनीकों की जानकारी दी।

वनाग्नि रोकथाम के लिए जन जागरूकता आवश्यक

सेवानिवृत्त वन क्षेत्राधिकारी दिनकर जोशी ने जनता को आग के प्रति जागरूक करने और वनाग्नि रोकथाम में सकारात्मक भूमिका निभाने की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रशिक्षण प्रमाणपत्र प्रदान कर किया गया सम्मानित

कार्यक्रम के अंत में गंगोत्री कौशल विकास एवं उत्थान समिति के अध्यक्ष रमेश खत्री  द्वारा कार्यशाला में सक्रिय रूप से भाग लेने और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को चिन्हित कर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।


शनिवार, 15 मार्च 2025

फूलदेई: उत्तराखंड का प्रकृति प्रेम से जुड़ा पर्व | Phooldei Festival in Uttarakhand

फूलदेई त्योहार के दौरान उत्तराखंड के पहाड़ों में खिले पीले फूल | Phooldei Festival Uttarakhand
उत्तराखंड  में बसंत ऋतु के आगमन पर फूलदेई पर्व मनाने की तैयारी मे सजे पहाड़ ।

उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत में कई अद्भुत पर्व और त्योहार हैं, जो न केवल प्रकृति से जुड़ाव दर्शाते हैं, बल्कि समाज में मेलजोल और प्रेम को भी बढ़ावा देते हैं। इन्हीं में से एक है फूलदेई, जो बसंत ऋतु के स्वागत में मनाया जाता है। यह पर्व खासतौर पर बच्चों द्वारा उत्साहपूर्वक मनाया जाता है, जहाँ वे ताजे फूलों को एकत्र कर घर-घर जाकर शुभकामनाएँ देते हैं। इस त्योहार की जड़ें इतिहास, लोककथाओं और परंपराओं में गहराई से समाई हुई हैं।

फूलदेई का इतिहास और महत्व

फूलदेई पर्व का संबंध उत्तराखंड की प्राचीन कृषि परंपराओं और प्रकृति पूजन से है। यह त्योहार वर्ष के उस समय आता है, जब पहाड़ों में बसंत ऋतु दस्तक देती है, बर्फ पिघलती है, और जंगलों में रंग-बिरंगे फूल खिलने लगते हैं।

ऐतिहासिक रूप से, यह पर्व स्थानीय देवी-देवताओं को समर्पित माना जाता है। मान्यता है कि अगर घरों की देहरी पर फूल अर्पित किए जाएँ और मंगल गीत गाए जाएँ, तो परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसे देवी पार्वती और भगवान शिव के आशीर्वाद से भी जोड़ा जाता है, क्योंकि हिमालय पार्वती का मायका माना जाता है।

फूलदेई से जुड़ी लोककथाएँ और किवदंतियाँ

1. फूलों की देवी का आशीर्वाद

एक पुरानी लोककथा के अनुसार, किसी समय उत्तराखंड के एक गाँव में भीषण अकाल पड़ा। न फसल उग रही थी, न बारिश हो रही थी। एक दिन, गाँव के एक बच्चे को स्वप्न आया कि यदि वे जंगलों से ताजे फूल लाकर घर-घर सजाएँ और देवी से प्रार्थना करें, तो गाँव में खुशहाली लौट आएगी।

गाँव के सभी बच्चों ने इस परंपरा को अपनाया, और कुछ ही दिनों में बारिश शुरू हो गई, जिससे फसलें फिर से हरी-भरी हो गईं। तभी से फूलदेई पर्व मनाने की परंपरा चली आ रही है।

2. राजकुमारी की मनोकामना और फूलदेई

एक अन्य लोककथा के अनुसार, हिमालय की तलहटी में बसे एक राज्य की राजकुमारी बहुत दयालु थी। उसने एक साधु से सुना कि यदि बसंत ऋतु में बच्चे फूलों को घर-घर सजाएँ और देवी को समर्पित करें, तो राज्य में कभी कोई संकट नहीं आएगा।

राजकुमारी ने यह परंपरा शुरू की, और धीरे-धीरे यह पूरे उत्तराखंड में लोकप्रिय हो गई। आज भी यह पर्व बच्चों द्वारा उत्साहपूर्वक मनाया जाता है।

फूलदेई की परंपराएँ और उत्सव

फूलदेई पर्व के दिन सुबह-सुबह बच्चे जंगलों और बगीचों से ताजे फूल इकट्ठा करते हैं। वे इन फूलों को थालियों में सजाकर गाँव या कस्बे के हर घर के दरवाजे पर रखते हैं और शुभकामनाएँ देते हैं। इस दौरान पारंपरिक लोकगीत गाए जाते हैं, जिनमें सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। घर के लोग बच्चों को मिठाई, गुड़, चावल, या पैसे देकर आशीर्वाद देते हैं।

पारंपरिक फूलदेई गीत:

"फूल देई, फूल देई,
घर द्वार भर देई।
देवी देवता आशीष दे,
सुख समृद्धि से घर महके।"

यह पर्व केवल बच्चों का नहीं, बल्कि पूरे समाज का उत्सव है। इस दिन परिवार अपने घरों की सफाई करते हैं, आंगन में फूल सजाते हैं और देवी-देवताओं की पूजा करते हैं।

फूलदेई का आधुनिक रूप

आज के दौर में जब शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है, फूलदेई जैसी परंपराएँ गाँवों तक ही सीमित होती जा रही हैं। हालाँकि, उत्तराखंड में अब भी यह पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है। राज्य के सांस्कृतिक संगठनों और विद्यालयों में भी इसे बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि नई पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ी रह सके।

फूलदेई पर्व न केवल प्रकृति से प्रेम और सामुदायिक सौहार्द्र का संदेश देता है, बल्कि यह हमें हमारी संस्कृति की अनमोल धरोहर से भी जोड़े रखता है।

फूलदेई केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और सामाजिक मेलजोल को बढ़ावा देने का पर्व है। यह पर्व हमें सिखाता है कि हमें अपने पर्यावरण को संजोना चाहिए और आने वाली पीढ़ियों को इसकी महत्ता बतानी चाहिए। उत्तराखंड की यह परंपरा हमारे समाज की एक अनमोल धरोहर है, जिसे बचाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।

"आओ मिलकर फूलदेई मनाएँ, प्रकृति और संस्कृति से जुड़ाव बढ़ाएँ!"

रविवार, 9 मार्च 2025

महिला सशक्तिकरण की मिसाल बना सखा क्लब का ‘महिला सम्मान कार्यक्रम’


देहरादून। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सखा क्लब द्वारा एक भव्य ‘महिला सम्मान कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया। इस मौके पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया।



प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आंगनवाड़ी अध्यक्षा रेखा नेगी और नन्हीं आशाएं चैरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष नेहा शर्मा मौजूद रहीं। इसके अलावा, उत्तराखंड आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता मनोज ध्यानी और वार्ड नंबर 74, ब्रह्मपुरी के पार्षद सतीश कश्यप भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

महिला शक्ति को सम्मान

उत्तराखंड आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली आशा नौटियाल, तारा पांडे, सुलोचना मेंडोलिया और सुलोचना बिष्ट को विशेष सम्मान दिया गया। वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता जीनत और शाइना की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक प्रेरणादायक बना दिया।

सखा क्लब का नेतृत्व और आयोजन

कार्यक्रम का सफल आयोजन सखा क्लब के अध्यक्ष देव सिंह चौहान, सचिव मधुर माथुर, उपाध्यक्ष नरेश कुमार प्रजापति, उपसचिव संगीता नेगी, कोषाध्यक्ष मनोज कुमार और कार्यक्रम अध्यक्ष सिमरन ठाकुर के नेतृत्व में किया गया।

महिलाओं की भागीदारी और प्रेरणादायक संबोधन

इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाओं और बालिकाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन पूरी तरह से महिला सदस्यों द्वारा किया गया, जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा मिला।

मुख्य अतिथियों ने महिला सशक्तिकरण, समाज में महिलाओं की भूमिका और उनके अधिकारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सशक्त महिलाएं ही एक मजबूत समाज की नींव रखती हैं

संवाद और प्रेरणा का मंच

यह आयोजन न केवल सम्मान का अवसर था, बल्कि यह एक संवाद मंच भी बना, जहां महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए और एक-दूसरे को प्रेरित करने का संकल्प लिया

सखा क्लब द्वारा किया गया यह प्रयास महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम साबित हुआ।

रविवार, 2 मार्च 2025

माणा हिमस्खलन रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा - 46 श्रमिक बचाए गए, 8 की मौत



उत्तराखंड माणा हिमस्खलन 2025 - बचाव अभियान

चमोली जिले के माणा क्षेत्र में 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों के लिए चलाया गया सर्च और रेस्क्यू अभियान सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। इस आपदा में कुल 54 श्रमिक प्रभावित हुए, जिनमें से 46 को सुरक्षित बचा लिया गया, जबकि दुर्भाग्यवश 8 श्रमिकों की मृत्यु हो गई।

मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू टीमों की सराहना की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, पुलिस, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साहस और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में चलाए गए इस ऑपरेशन में 46 जिंदगियां बचाई गईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी इस पूरे अभियान की जानकारी लेते रहे।

घटनाक्रम का संक्षिप्त विवरण

28 फरवरी 2025 की सुबह 8:30 बजे जोशीमठ तहसील के अंतर्गत माणा गेट स्थित बीआरओ कैंप के पास मजदूर कार्य कर रहे थे, तभी अचानक हिमस्खलन हुआ और वे फंस गए। पहले श्रमिकों की संख्या 55 बताई गई थी, लेकिन जांच में यह संख्या 54 निकली।
  • हिमस्खलन में फंसे कुल श्रमिक – 54
  • सुरक्षित बचाए गए श्रमिक – 46
  • मृतक श्रमिक – 8
  • जोशीमठ में उपचाराधीन श्रमिक – 44
  • एम्स ऋषिकेश में उपचाराधीन श्रमिक – 2

युद्धस्तर पर संचालित रेस्क्यू अभियान

02 मार्च 2025 को बचाव दलों ने वृहद स्तर पर सर्च अभियान चलाया। इस दौरान 4 और शव बरामद किए गए, जिससे मृतकों की संख्या 8 हो गई।
  • सुरक्षित निकाले गए 46 श्रमिकों में से 44 को ज्योतिर्मठ स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी स्थिति सामान्य है और उचित चिकित्सा सुविधा दी जा रही है।
  • 2 श्रमिकों का एम्स ऋषिकेश में इलाज चल रहा है और वे स्वस्थ हो रहे हैं।
  • 7 मृतकों का पोस्टमार्टम कर पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंप दिया गया।

रेस्क्यू अभियान में आधुनिक तकनीकों का उपयोग

बचाव कार्यों में अत्याधुनिक उपकरणों और संसाधनों का प्रयोग किया गया:
  • GPR (Ground Penetrating Radar) को जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से एमआई-17 हेलीकॉप्टर द्वारा घटनास्थल पर भेजा गया।
  • एनडीआरएफ ने थर्मल इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, रोटरी रेस्क्यू सॉ, एवलांच रॉड और डॉग स्क्वाड की सहायता से रेस्क्यू अभियान को तेज किया।
  • एसडीआरएफ और यूएसडीएमए ने भी अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग कर श्रमिकों की खोज में सहयोग दिया।
  • वायु सेना और राज्य सरकार के हेलीकॉप्टरों ने राहत एवं बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की सतत निगरानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पूरे ऑपरेशन पर नजर बनाए रखी। उन्होंने मुख्यमंत्री से लगातार संपर्क कर स्थिति की जानकारी ली और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री का ग्राउंड जीरो दौरा और राहत उपाय

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद ग्राउंड जीरो का दौरा किया और चार बार आपदा कंट्रोल रूम (SEOC) जाकर बचाव कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर तेजी से राहत कार्य किए।
गंभीर रूप से घायल श्रमिकों के इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
हिमस्खलनों की निगरानी के लिए बेहतर तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए गए।

निष्कर्ष

माणा हिमस्खलन राहत एवं बचाव अभियान राज्य सरकार, सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और अन्य एजेंसियों के बेहतरीन समन्वय का उदाहरण है। इस त्रासदी में 8 श्रमिकों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई, लेकिन 46 जिंदगियां बचाने में सफलता मिली। सरकार अब भविष्य में ऐसी आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत करने पर काम कर रही है।

बुधवार, 29 सितंबर 2021

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएनबी आरसेटी ने डोईवाला ब्लाक के ग्राम रेशम माजरी में स्वरोजगार प्रशिक्षण का किया शुभारंभ ।।web news।।

महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए पीएनबी आरसेटी ने ग्राम रेशम माजरी में 10 दिवसीय पेपर बैग मेकिंग प्रशिक्षण का किया शुभारंभ

आज ग्राम रेशम माजरी ब्लॉक डोईवाला में पंजाब नेशनल बैंक आर०सेटी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के उत्थान के लिए 10 दिवसीय पेपर बैग, कैरी बैग का निशुल्क प्रशिक्षण,शिविर का शुभारंभ किया गया । पंजाब नेशनल बैंक के सीनियर ऑफिसर अभिषेक कुमार व्यास ने प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन किया। 
इस तरह के प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का एक प्रयास किया जा रहा है, जिनमे महिलाएं काफी संख्या में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं.प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए पंजाब नेशनल बैंक आर सेटी के द्वारा, महिलाओं को अनेक प्रकार के ट्रेनिंग प्रोग्राम पूरे जिले में चलाए जा रहे हैं।
 
पंजाब नेशनल बैंक से आए सीनियर अधिकारी अभिषेक कुमार व्यास ने, महिलाओं को बहुत ही सरल और आसान तरीके से बैंकिंग के बारे में अपने विचार रखे,जिसको सुनकर महिलाएं काफी उत्साह,भरी नजर आए,साथ ही महिलाओं नेबैंक ऋण और बैंक से संबंधित योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की।
इस दौरान बैंक के पूर्व कर्मचारी,के पी सिंह ने भी महिलाओं को स्वरोजगार से संबंधित जानकारियां प्रदान की। महिलाओं ने प्रशिक्षण लेने के बाद अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का संकल्प लिया।
प्रशिक्षण लेने आई एक महिला ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अपना खुद का रोजगार शुरू करना चाहती है लेकिन उनको कोई रास्ता नहीं दिखाता।बैक से जुड़े अधिकारियों ने इस दौरान महिलाओं को सस्ते ऋण और बैंक की अनेक प्रकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। 

महिलाओ ने पंजाब नेशनल बैंक,आर0सेटि का धन्यवाद ज्ञापित कर ते हुए कहा कि आपलोगों ने हमारी इस परेशानी को समझा और हमारे लिए निशुल्क ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है हम आप सभी लोगों का आभार व्यक्त करते है साथ ही गांव के प्रधान अनिल पाल ने इस निशुल्क प्रशिक्षण में अपना पूरा सहयोग देने का आश्वाशन दिया ।

इस उद्दघाटन कार्यक्रम में पंजाब नेशनल बैंक के सीनियर ऑफिसर अभिषेक कुमार व्यास, पूर्व कर्मचारी के पी सिंह, पंजाब नेशनल बैंक आर०सेटी, के डायरेक्टर हिमांशु घिल्डियाल, फैकल्टी जहांगीर आलम, डोईवाला ब्लॉक से दमयंती थपलियाल, रेशम माजरी के प्रधान अनिल पाल आदि लोग उपस्थित रहे।

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गुरुवार, 23 सितंबर 2021

नशा मुक्ति केंद्रों के बुरे हाल , सरकारी छापे में खुली पोल पढ़े पूरी खबर ।।web news।।

नशा मुक्ति में दिमागी मरीजो देख टीम हुई हैरान

आज जिला समाज कल्याण देहरादून, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून द्वारा शहर के. SG Foundation, नशा मुक्ति केंद्र, ईसी रोड सर्वे चौक,जीवन ज्योति नशा मुक्ति केंद्र, बड़ों वाला देहरादून, जीवन दा नशा मुक्ति केंद्र, बड़ों वाला देहरादून, लास्ट रिहैब गणेशपुर वाला नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण किया।

 
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि एसजी फाउंडेशन सर्वे चौक स्थित नशा मुक्ति केंद्र में, युवक और युवतियों को एक ही जगह रखा गया है, और लड़कियों की देखरेख के लिए न ही कोई लेडीस डॉक्टर है न ही कोई देखरेख करने वाली महिला मौजूद है। युवतियों ने बताया कि उनको कोई लेडी, डॉक्टर नशा मुक्ति केंद्र में चेकअप करने के लिए भी नहीं आती है । नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती एक महिला ने बताया कि वह नशे मैं लिप्त नही हूँ। वो महिला दिमागी पेशेंट है उसको नशे में लिप्त महिलाओं के साथ रखा गया है।इस नशा मुक्ति केंद्र में कुछ महिलाओं ने बताया कि उनको जबरदस्ती उनके परिवार वाले नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करके गए हैं, जिनमें एक 82 वर्षीय महिला ने बताया कि वह कोई नशा नहीं करती थी और काफी समय से नशा मुक्ति केंद्र में, जबरदस्ती भर्ती कराया गया है।
ईसी रोड स्तिथ नशा मुक्ति केंद्र में न कोई लेडी डॉक्टर विजिट पर आती है ना ही वहां पर तैनात दो लड़कियों को महिला पेशेंट से मिलने दिया जाता है। जो महिला पेशेंट की देखरेख के लिए स्टाफ रखा गया तुम वेस्ट ऑफ बी एक महिला दसवीं पासवेस्ट ऑफ बी एक महिला दसवीं पास है दूसरी महिला 12वीं पास से जिनको बीपी तक चेक करना नहीं आता। महिलाओं को अलग रखने के लिए कोई अलग से बिल्डिंग नहीं बनाई गई है।
जीवन ज्योति नशा मुक्ति केंद्र में जब विजिट करने गए वहां का स्टाफ शराब का सेवन करते हुए पाए गए, पूछताछ के दौरान बात करते हुए दोनों स्टाफ नशे में लिप्त थे, जिस नशा मुक्ति केंद्र में कैमरे लगे थे लेकिन लाइट ना होने की वजह से सारे कैमरे बंद पड़े थे,जीवन ज्योति नशा मुक्ति केंद्र में भी जयादातर खामियां ही मिली, इस नशा मुक्ति केंद्र में ना ही कैमरे ना ही स्टाफ का वेरिफिकेशन और कोई मेडिकल डॉक्टर विजिट पर भी समय पर नहीं आता।
लास्ट रिहैब नशा मुक्ति केंद्र में भी 2 कमरों में 52 पेशेंट को रखा गया था, जिनकी हालत बहुत ही बुरी पाई गई, इस नशा मुक्ति केंद्र में भी ना ही कैमरे की व्यवस्था थी और ना ही प्रॉपर रजिस्टर मेंटेन किए गए थे।
किसी भी नशा मुक्ति केंद्र में जो स्टाफ रखा गया है उनका पुलिस वेरिफिकेशन नहीं पाया गया, और ना ही गार्ड की व्यवस्था की गई थी,सभी नशा मुक्ति केंद्रों को 2 दिन का समय दिया गया है जो खामियां हैं उनको सही करें अन्यथा सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षण करने वाली टीम में समाज कल्याण विभाग से सहायक समाज कल्याण अधिकारी संदीप सिंह नेगी,
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से जहांगीर आलम, मानसी मिश्रा उपस्थित रहे ।

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रविवार, 19 सितंबर 2021

आयुर्वेद चिकित्सकों ने प्रान्तीय एवं जिला कार्यकारिणी की बैठक कर बनायी रणनीति, जाने खबर ।।web news।।

देहरादून में आयुर्वेद चिकित्सकों ने डीएसीपी एवं अन्य मांगों को लक्ष्य कर बनायी नयी रणनीति

देहरादून: आज आयुर्वेद चिकित्सकों के प्रान्तीय एवं जिला कार्यकारिणी की देहरादून में मीटिंग हुयी।


मीटिंग के बारे में जानकारी देते हुएराजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखंड (पंजीकृत) के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ० डी० सी० पसबोला ने बताया कि मीटिंग डॉ. एम. पी. सिंह, (निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाऐं, उत्तराखंड) की गरिमामयी उपस्थिति एवं डॉ. के. एस. नपलच्याल(प्रान्तीय अध्यक्ष) की अध्यक्षता में संपन्न हुयी। मीटिंग का संचालन डॉ. हरदेव रावत(प्रान्तीय महासचिव) द्वारा किया गया ।
डॉ० पसबोला ने आगे बताया कि मीटिंग में आयुर्वेद चिकित्सकों की डीएसीपी, निदेशक नियमावली सहित अन्य प्रमुख मांगों पर गंभीरता पूर्वक चर्चा एवं विचार विमर्श किया गया और डीएसीपी के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। साथ ही सरकार से डीएसीपी लागू करवाने के लिए एकजुट होकर सम्मिलित प्रयास करने पर जोर दिया गया। सभी आयुर्वेद चिकित्सकों को करो या मरो की रणनीति पर चलने का संदेश दिया गया।


मीटिंग में संयुक्त निदेशक डॉ. जंगपांगी, डॉ. आर. पी. सिंह के अतिरिक्त डॉ. डी. डी. बधानी(सहा. औषधि नियंत्रक), डॉ.रमेश नौटियाल, डॉ. सुशील चौकियाल, डॉ. मीरा रावत, डॉ. अजय चमोला, डॉ. वंदना डंगवाल, डॉ. गजेन्द्र बसेरा, डॉ. दीपांकर बिष्ट, डॉ. राजेन्द्र तोमर, डॉ. शैलेष जोशी, डॉ. हरिद्वार शुक्ला, डॉ. आलोक शुक्ला, डॉ. दिनेश जोशी, डॉ. एच एस धामी, डॉ. राकेश खाती, डॉ. दिनेश शर्मा, डॉ. अजय तिवारी, डॉ. दुष्यन्त पाल, डॉ. जितेंद्र पपनोई, डॉ. विकास दुबे, डॉ. राकेश सेमवाल, डॉ. मनमोहन राणा, डॉ. बिरेंद्र चंद, डॉ. गुरूदयाल नेगी, डॉ. ‌टी. एस. रावत, डॉ. मो. नावेद आजम, डॉ. अवनीश उपाध्याय, डॉ. प्रदीप मेहरा, डॉ. गिरेन्द्र चौहान, डॉ. विजय सक्सेना आदि उपस्थित रहे।

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शनिवार, 18 सितंबर 2021

उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की नगर इकाई का गठन किया गया ।।web news।।

श्रमजीवी पत्रकार यूनियन चमोली की नगर इकाई ( गैरसैंड ) का गठन किया गया

आज प्रदेश महामंत्री विश्वजीत नेगी के आदेशानुसार ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की नगर इकाई गठित की गई जिसमें चुनाव अधिकारी के रूप में देहरादून के जिलाध्यक्ष चन्द्रवीर गायत्री उपस्थित रहे । सर्वसम्मति से कार्यकारिणी का गठन किया गया जो प्रदेश महामंत्री के अनुमोदन हेतु प्रेषित की जा रही है।


जिला देहरादून अध्यक्ष चंद्रवीर गायत्री ने कहा श्रमजीवी पत्रकार यूनियन से जुड़े से जुड़े पत्रकार अपने दायित्वों का शानदार तरीके से निर्वहन कर रहे हैं, उन्होंने सबको बधाई व् शुभकामनायें देते हुए कहा कि पत्रकारिता देश का चौथा स्तंभ है एक पत्रकार समाज को सही दिशा दिखाता है, लोगों की जन भावना अपनी कलम एवं समाचार के द्वारा समाज के सामने लाने में भी पत्रकार अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।

चमोली की नगर इकाई ( गैरसैंड )कार्यकारिणी इस प्रकार है

अवतार सिंह रावत ( अध्यक्ष ), कुंवर सिंह नेगी व नरेंद्र प्रसाद (उपाध्यक्ष), मयंक गौड़ महामंत्री, कैलाश बेलवाल कोषाध्यक्ष, बलवंत सिंह राणा (सचिव), मोहन राम टम्टासचिव संस्कृति एवं कार्यालय प्रभारी, भवान सिंह व कुंदन सिंह कार्यकारिणी सदस्य मनोनीत किए गए ।

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बुधवार, 15 सितंबर 2021

Good news : नशा मुक्ति केंद्र "निजात" में सभी ठीक है इंतजाम ।।web news।।



आज जिला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से समीना सिद्दीकी, मानसी मिश्रा, जहांगीर आलम ने कैंट एरिया स्थित निजात नशा मुक्ति केंद्र का निरीक्षण किया ।

 
निजात नशा मुक्ति केंद्र देहरादून में 2002 से संचालित किया जा रहा है जो अपनी सेवायें निरंतर जारी रखे हुए है । इस नशा मुक्ति केंद्र से अभी तक काफी संख्या में मरीज सही होकर अपनी जिंदगी जी रहे है ।

समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे ने मरीजों से बातचीत की जिसमें पता चला कि केंद्र में आने वाले डॉक्टरों का व्यवहार संयोजनक पाया गया,मरीजों को पहले उनकी काउंसलिंग करके दिमागी तौर पर तैयार किया जाता है कि उनको, नशा छोड़ना है उसके बादही उनका उपचार किया जाता है , उपचार के दौरान भी कोई प्रेशर नही डाला जाता , मरीजों को मानसिक तौर पर मजबूत करने पर जोर दिया जाता है । साथ ही नशा मुक्ति केंद्र में एक विशेष प्रकार का प्रोग्राम चलाया जा रहा है जिसके माध्यम से नशा मुक्ति केंद्र में एडमिट मरीजों का उपचार एवं पुनर्वास किया जा रहा है ।


सोमवार, 13 सितंबर 2021

सरस्वती विहार स्थित नशा मुक्ति केंद्र का किया गया औचक निरीक्षण, जाने खबर ।।web news।।


समाज कल्याण अधिकारी का नशा मुक्ति केन्द्रों में औचक निरीक्षण जारी ,सिक्योरिटी गार्ड नहीं मिला तो 24 घंटे सिक्योरिटी गार्ड रहने का दिया निर्देश

आज समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से जहांगीर आलम ने सरस्वती विहार स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में औचक निरीक्षण किया । निरीक्षण के दौरान पाया गया कि वहां पर सभी स्टाफ का हाल ही में पुलिस वेरिफिकेशन कराया गया है, जो डॉक्टर विजिट पर आते हैं उनका रिकॉर्ड मेंटेन किया गया है । खाने की व्यवस्था से लेकर रूम आदि की सफाई सभी सही ठीक पायी गयी ।
 
नशा मुक्ति केंद्र के संचालक ने बताया कि यह नशा मुक्ति केंद्र 2018 से चल रहा है अभी तक काफी लोग सही होकर अपने घर जा चुके हैं। समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे ने नशा मुक्ति केंद्र संचालक को आदेश दिया कि सभी कागजी कार्रवाई को जो नशा मुक्ति केंद्र में होती है उसे अपने कंप्यूटर पर वर्ल्ड और एक्सेल फाइल बनाकर सेव कर मेंटेन करे साथ ही जो डॉक्टर नशा मुक्ति केंद्र में विजिट पर आते हैं उनकी डिग्री और पेशेंट को दी जाने वाली दवाइयों के बारे में जानकारी भी ली जो सही पाई गई ।

समाज कल्याण अधिकारी हेमंत पांडे और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से जहांगीर आलम ने नशा मुक्ति केंद्र में एडमिट पेशेंटों से बातचीत कीऔर उनका हालचाल जाना,सभी पेशेंट नेबताया कि उनको सही समय पर भोजन और डॉक्टर के माध्यम से दवाइयां दी जाती है।इस नशा मुक्ति केंद्र में 52 पेशेंट एडमिट मिले । नशा मुक्ति केंद्र के सीसीटीवी कैमरा सही संचालित मिले ।नशा मुक्ति केंद्र में सिक्योरिटी गार्ड नहीं मिला,जिसको लेकर समाज कल्याण अधिकारी द्वारा आदेश दिया गया की, नशा मुक्ति केंद्र में 24 घंटे सिक्योरिटी गार्ड की व्यवस्था की जाए।

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रविवार, 12 सितंबर 2021

श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ऋषिकेश इकाई के पदाधिकारियों को कैबिनट मंत्री सुबोध उनियाल ने दिलाई शपथ ।।web news।।



श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की ऋषिकेश इकाई के शपथ ग्रहण समारोह के अवसर इस अवसर पर नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के सदस्यों को कैबिनट मंत्री सुबोध उनियाल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई उन्होंने नवीन कार्यकारिणी के सदस्यों को उत्तरदायित्व के निर्वहन के लिए शुभकामनाएं दी । कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पत्रकारिता का धर्म निभाना आज कल के समय में जरुरी है। धर्म का निर्वहन जरुरी है । श्रमजीवी संगठन से जुड़े हुए पत्रकार गाँव गाँव की खबरें समाज के सामने लाते है, ऐसे में उन्होंने श्रमजीवी पत्रकार यूनियन से जुड़े पत्रकारों को बधाई और अपनी शुभमाननायें दी । 


जिला देहरादून अध्यक्ष चंद्रवीर गायत्री ने कहा श्रमजीवी पत्रकार यूनियन से जुड़े 13 जिलों के पत्रकार अपने दायित्वों का शानदार तरीके से निर्वहन कर रहे हैं, उन्होंने सबको बधाई व् शुभकामनायें देते हुए कहा कि पत्रकारिता देश का चौथा स्तंभ है एक पत्रकार समाज को सही दिशा दिखाता है, लोगों की जन भावना अपनी कलम एवं समाचार के द्वारा समाज के सामने लाने में भी पत्रकार अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
पूर्व राज्य मंत्री भगत राम कोठारी ने कहा आज कल के समय चुनौती तो है साथ ही कहा हमेशा जब भी पत्रकारों को जरुरत होगी मैं आपके साथ खड़ा मिलूंगा । उपस्थित अथितियों में भगत राम कोठरी,मुनि की रेती चेयरमैन रोशन रतूड़ी, राजेंद्र भंडारी,डोईवाला ब्लॉक अध्यक्ष भगवान सिंह पोखिरियाल, सदस्य AICC जयेन्द्र रमोला, इन्द्र कुमार गोदवानी, ललित मोहन मिश्रा, ज्योति सजवाण, कपिल मिश्रा, दिव्या बेलवाल, राज्य आंदोलनकारी चंद्रावती आदि उपस्थित रहे ।


शपथ ग्रहण समारोह में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के देहरादून से विश्वजीत सिंह नेगी प्रदेश महामंत्री, चंद्रवीर गायत्री जिला अध्यक्ष, दीपक जुयाल महामंत्री, ऋषिकेश से प्रमोद नौटियाल अध्यक्ष ऋषिकेश इकाई , मनोज रौतेला देहरादून जिला सदस्य, महेश पंवार उपाध्यक्ष, नीरज गोयल, महामंत्री, रेखा भंडारी, अनिल बडोनी, अनिल नवानि, मयंक ध्यानी, हरीश तिवाड़ी, सुरेंद्र सजवाण आदि उपस्थित रहे ।

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शुक्रवार, 10 सितंबर 2021

ग्राम्या-2 परियोजना के अंतर्गत गंगोत्री संस्था ने महिला किसानों का 5 दिवसीय अध्ययन व भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया ।


उत्तराखण्ड विकेन्द्रीकृत जलागम विकास परियोजना (ग्राम्या-2), उत्तरकाशी प्रभाग, पुरोला के तत्वाधान में उपपरियोजना निदेशक अजय कुमार के निर्देशन में सहयोगी संस्था गंगोत्री कौशल विकास एवं उत्थान समिति, देहरादून द्वारा 5 दिवसीय अध्ययन व भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 05-09-2021 से 09-09-2021 तक जिला अल्मोड़ा में किया गया जिसमें प्रभाग की मोरी, पुरोला व नौगांव यूनिटों की प्रगतिशील महिला कृषकों, फैसिलीटेटर व कॉऑर्डिनेटर द्वारा प्रतिभाग किया गया। अध्ययन व भ्रमण कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को कृषि विज्ञान केन्द्र, मटेला, अल्मोड़ा में दिनांक 06-09-2021 को एकीकृत कृषि प्रबंधन पर प्रशिक्षण भी दिया गया व केन्द्र में विभिन्न गतिविधियों की जानकारी हेतु भ्रमण भी करवाया गया। प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न विषयों पर दिया गया जिनमें डॉ० एस. एस. सिंह द्वारा सब्जी उत्पादन, वित्त प्रबंधन व उन्नत प्रजातियों का चयन, डॉ० राकेश नेल द्वारा पादप संरक्षण, खाद का महत्व एवं चयन, डॉ० राजेश कुमार द्वारा मृदा संरक्षण व मृदा को उर्वर बनाने के उपाय व बेमौसमी सब्जियों की जानकारी व डॉ० मुक्ता नैनवाल द्वारा कृषि कार्यों में तकनीकी का प्रयोग पर जानकारी दी गई ।
 

प्रतिभागी महिलाओं द्वारा उत्सुकता से प्रशिक्षण में भाग लिया गया व समस्त शंकाओं का निवारण केन्द्र के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किया गया। अध्ययन व भ्रमण व प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहयोगी संस्था की ओर से रमेश खत्री, कमल भट्ट व परियोजना की ओर से कॉऑर्डिनेटर ज्योति गोयल, महिला सुगमकर्ता रेशमा साह, ज्योति गौड़, मंजु बुटोला, उष्मीला बिजल्वाण व अंजना रावत व महिला कृषकों में ललिता, प्रबीता,अंकिता, जगदेही, बिमला आदि उपस्थित रहे।
अध्ययन व भ्रमण कार्यक्रम के दूसरे दिन भ्रमण दल जागेश्वर से आगे ग्राम भगरतोला गया जहाँ वन पंचायत सरपंच रेवाधर पांडे द्वारा ग्राम में चल रही विभिन्न आयअर्जक गतिविधियों को दिखाने के साथ ही उनकी विस्तृत जानकारी भी दी गई।
ग्राम भगरतोला क्षेत्र कृषि कार्यो में अग्रणीय एवं आदर्श गांव है यहाँ सब्जी उत्पादन के साथ ही जल सरंक्षण, कीवी उत्पादन, पॉली हाऊस निर्माण, वर्मीकंपोस्ट, मत्स्य पालन व अन्य आयअर्जक गतिविधियों में अग्रणी है। भ्रमण दल ने उनसे काफी जानकारियां प्राप्त की जिसे वे अपनी खेती किसानी में प्रयोग कर अपनी आय को बढ़ा सके।
वापसी में भ्रमण दल द्वारा ग्रामसभा तोली में भुवन चन्द्र भट्ट द्वारा संचालित जागनाथ मसाले व सरसों के तेल की इकाई और जागनाथ फ्रूट सेन्टर के संचालक खिमानंद पाटनी से जूस, अचार, मुरब्बा आदि बनाने की विधि की जानकारी भी प्राप्त की गई। खिमानंद पाटनी द्वारा मौसमी फलों का जूस, अचार मुरब्बा आदि भी आस-पास के ग्रामों से फल क्रय कर तैयार किया जाता है वही भुवनचन्द्र भट्ट द्वारा हल्दी, धनिया आदि मसाले भी नजदीकी ग्रामों से खरीद कर उनका प्रसंस्करण किया जाता है। इस प्रकार की गतिविधियों से जागरूक किसान अन्य किसानों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रहे हैं बल्कि स्थानीय ग्रामीणों का पहाड़ी उत्पाद क्रय कर उनको भी लाभान्वित कर रहे हैं ।

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सोमवार, 6 सितंबर 2021

स्वरोजगार से जोड़ने के लिए पीएनबी आर सेटी ने महिलाओं को दिया प्रशिक्षण

पीएनबी आर सेटी ने डोईवाला ब्लाक के ग्राम सभा बड़ौवाला में महिलाओं को स्वरोजगार प्रशिक्षण दिया

डोईवाला ब्लाक के ग्राम सभा बड़ोवाला के आंगनबाड़ी में पी. एन. बी. आर सेटी विभाग के द्वारा महिलाओं को 10 दिवसीय पेपर कवर एनवल्प, कैरी बैग एवम पेपर बैग मेकिंग का प्रशिक्षण दिया गया जिसमें महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। 
 

प्रशिक्षण शिविर में NRLM से जुड़ी स्वंय सहायता समूह की 25 महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया जो 10 दिन तक चला जिसमें बैग बनाना सिखाया गया । महिलाओं को सरकारी स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी गयी। महिलाओं को स्वरोजगार के लिए बैक लोन के बारे में जानकारी दी गयी एवं प्रोडक्ट की मार्केटिंग के बारे में बताया गया । साथ ही ऑनलाइन बिजनेस कैसे किया जाता है इसका भी प्रशिक्षण लिया।
प्रशिक्षण के बाद आज पीएनबी आरसेटी के द्वारा महिलाओं को सर्टिफिकेट दिया गया। आज के कार्यक्रम में इस दौरान आर सेटी से धीरेंद्र वर्मा, जहांगीर आलम, कनिका तोमर और डोईवाला ब्लॉक से देवयंती थपलियाल व महिला स्वयं सहायता समूह की 25 महिलाएं उपस्थित रही ।

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मंगलवार, 24 अगस्त 2021

मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने विधानसभा घेराव स्थगित किया ।।web news।।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने 25 अगस्त को विधानसभा घेराव का कार्यक्रम किया स्थगित

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने बजे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की । राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए 25 अगस्त को विधानसभा घेराव का कार्यक्रम रखा गया था। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा आक्रोश को देखते हुए इससे पूर्व प्रदेश के मुखिया द्वारा राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों को वार्ता हेतु आमंत्रित किया गया। आज राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय, मंडलीय एवं जनपदीय पदाधिकारियों के साथ वार्ता की गई। मुख्यमंत्री द्वारा आश्वस्त किया गया कि कर्मचारी हित में जो भी संभव होगा वह मेरी सरकार द्वारा किया जाएगा। पदाधिकारियों द्वारा अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री से यह कहा गया कि नई पेंशन व्यवस्था कर्मचारियों के हित में नहीं है। 60 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी को जो सेवानिवृत्त के समय 80000 वेतन ले रहा है उसे केवल 1100-1200 रुपए मासिक पेंशन मिल पा रही है। जिससे उसका भावी जीवन अंधकार में है। पदाधिकारी द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि पेंशन का मुद्दा राज्य सरकार का है। यदि राज्य सरकार चाहे तो अपने 80 हजार कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दे सकती है। 25 अगस्त के कार्यक्रम को स्थगित करने एवं अपने सदस्यों को आश्वस्त करने हेतु मुख्यमंत्री से जब बात की गई तो उनके द्वारा पूर्व वरिष्ठ आईएएस शत्रुघ्न सिंह जिनकी अध्यक्षता में वेतन विसंगति समिति का गठन किया गया है उन्हे इसके अलावा विशेष रूप से राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा से पुरानी पेंशन पर वार्ता करने हेतु निर्देशित किया गया तथा 1 माह का समय मांगते हुए मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि वह इस पर सकारात्मक निर्णय करेंगे।
 

मुख्यमंत्री से वार्ता करने वाले पदाधिकारियों में पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष अनिल बडोनी, कर्मचारियों के हितेषी दीपक जोशी, महासचिव सीताराम पोखरियाल, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ० डी० सी० पसबोला, डॉ० अजय चमोला, योगिता पंत, योगेश घिल्डियाल, नरेश भट्ट, शंकर भट्ट, अवधेश सेमवाल, आलोक उनियाल, मक्खन लाल शाह, जयदीप रावत, कमलेश मिश्रा, शेखर पंत, नवीन कुमार सैनी, जसपाल रावत, अंकित रौथान, रजनी रावत, शशि चौधरी बिष्ट, सौरभ नौटियाल, गुरुदेव रावत, प्रवीण घिल्डियाल, मेहरबान सिंह भंडारी, रणवीर सिंधवाल आदि पदाधिकारी शामिल रहे ।

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देवलगढ़ क्षेत्र सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास समिति की नई कार्यकारिणी गठित, बरिष्ठ पत्रकार चन्द्रवीर गायत्री बने सलाहकार ।।web news।।


कुंजिका प्रसाद उनियाल तीसरी बार निर्विरोध बने अध्यक्ष

सोमवार को देवलगढ़ क्षेत्र सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास समिति की देवलगढ़ स्थित सामाजिक मिलन केन्द्र में कुंजिका प्रसाद उनियाल की अध्यक्षता में नयी कार्यकारिणी का सर्वसम्मति से गठन किया गया। बैठक का संचालन करते हुए राजेश कुमार ने बताया कि कार्यसमिति में आठ महिलाओं को विभिन्न पदों की जिम्मेदारी दी गई है। 
 

कुंजिका प्रसाद उनियाल को तीसरी बार निर्विरोध अध्यक्ष ताजबर कुमार को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, संगीता बिष्ट को कोषाध्यक्ष और उत्तम सिंह केतुरा को महासचिव चुना गया है। साथ ही कार्यसमिति में पहली बार सलाहकार के रूप में गहड़ से बरिष्ठ पत्रकार चन्द्रवीर गायत्री, जलेथा से कम्पनी डायरेक्टर सूर्यप्रकाश, सामाजिक कार्यकर्ता सौरभ भारती, सुरालगांव टकोली से क्षेत्र पंचायत सदस्य बिपिन धनांई, मदेरा से रमेश मन्द्रवाल और चौखाल से राजेशकुमार को समिति का सलाहकार बनाया गया है।
नई कार्यकारिणी में आनन्दमणि कंडवाल, अनिता देवी कैंतुरा, हेमा देवी, मीना देवी को संगठन मंत्री राजेन्द्रप्रसाद को प्रचार मंत्री, आदित्य बिष्ट को औडिटर की जिम्मेदारी दी गई है। वही आशा देवी, राहुल पुण्डीर, देवेन्द्र सिंह, सुनिता देवी, रोशनी देवी, बिसाम्बरी देवी, कोमल देवी को कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया है।कार्यक्रम संचालन राजेश कुमार ने बताया कि समिति में प्रधान ग्राम पंचायात देवलगढ़, रामपुर और भटोली कार्यकारिणी के पदेन सदस्य होंगे । इस अवसर पर नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को भगवती राजराजेश्वरी की ओर से चुनरी ओढ़ाकर आशीर्वाद दिया गया।
बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि समिति द्वारा आगामी माह नवम्बर में रस्सा कशी, प्रतियोगिता के साथ-साथ देवलगढ़ क्षेत्र के शैक्षिक व सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने वाले व्यक्तियों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया जायेगा । इस अवसर पर बैठक में रमेश मन्द्रवाल ने देवलगढ़ मंदिर मार्ग पर लगभग सात सौ मी० लगी हुई रेलिंग पर शीघ्र नया पेंट करवाने की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि जल्दी ही यह कार्य वह अपने स्तर से करवाएंगे।  

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