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सोमवार, 7 जून 2021

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात, जाने खबर ।।web news।।


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने देवभूमि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने के बाद आज पहली बार प्रधानमंत्री से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने देश में 18 वर्ष की आयु से ऊपर वाले समस्त भारतीयों का कोरोना टीकाकरण मुफ़्त किए जाने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया । 
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत देश के 80 करोड़ लोगों को नवम्बर मास तक निशुल्क खाद्यान्न देने के लिए भी मैंने प्रधानमंत्री जी को प्रदेशवासियों की ओर से धन्यवाद दिया । मैंने कोविड-19 से लड़ने हेतु राज्य को भारत सरकार की ओर से हर प्रकार की सहायता मिली है । राज्य में DRDO द्वारा 2 अस्पताल ऋषिकेश और हल्द्वानी में बनाये गये हैं, जिससे समस्त जनमानस को अत्यधिक लाभ मिला है । इसके लिए मैंने प्रदेशवासियों की ओर से माननीय प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने राज्य को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल-लाईन की सौगात देने के लिए भी माननीय प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री के अभूतपूर्व विज़न के फलस्वरूप राज्य के चार पवित्र धामों में सड़कों के निर्माण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है ।
प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच का ही परिणाम है कि श्री केदारनाथ धाम का भव्य रूप विकसित हो गया है एवं श्री बद्रीनाथ धाम के सम्बन्ध में भी रूपरेखा तैयार हो रही है। स्थिति सामान्य होने पर प्रधानमंत्री को बद्री-केदार डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लोकार्पण के लिए निमंत्रण मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने दिया ।
यह भी पढ़ेCorona update : आज 495, कोरोना संक्रमित हुए, 2335 लोग हुए ठीक,जाने जिलेवार रिपोर्ट ।।web news।।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से यह भी आग्रह किया है कि राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में ‘एम्स’ की स्थापना की जाए अथवा ऋषिकेश एम्स की एक शाखा वहां स्थापित की जाए।भारत सरकार ने राज्य को तीन डॉप्लर रडार की स्वीकृति दी है। आज उनके लिए आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से वैली हेतु 10 छोटे डाप्लर रडार उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया है ।
उत्तराखण्ड का पर्यावरण अत्यंत संवेदनशील है। अतः सम्पूर्ण हिमालयी क्षेत्र में हिमनद का अध्ययन तथा जल स्रोतों को सुरक्षित रखने के सम्बन्ध में सम्पूर्ण अध्ययन करने हेतु उत्तराखण्ड में ‘हिमनद व जल संसाधन शोध केन्द्र’ की स्थापना की जाए, इसका भी अनुरोध मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी से किया है ।

Dr Anil Joshi  का पर्यावरण दिवस पर सन्देश



PM Naredra Modi : देश को शाम 5:00 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन, जाने खबर ।।web news।।


देश के नाम प्रधानमंत्री का संबोधन आज शाम 5:00 बजे

आज श्याम 5:00 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करेंगे पीएमओ ने यह जानकारी ट्वीट करके दी। कयास लगाए जा रहे हैं कि अपने संबोधन में कोरोना के हालात पर बात कर सकते हैं प्रधानमंत्री, अनलॉक के बाद सावधानी बरतने की अपील कर सकते, वैक्सीनेशन कि बात कर सकते है साथ वैक्सिन वेस्टेज के बारे में जागरूक कर सकते है ।


आज शाम देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री बड़े राहत पैकेज की घोषणा भी कर सकते हैं यह कयास लगाए जा रहे हैं साथ ही अनलॉक के बाद सावधानी बरतने की अपील कर सकते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ।

Dr Anil Joshi  का पर्यावरण दिवस पर सन्देश


गुरुवार, 3 जून 2021

जाने खबर : आरिफ खान ने PM नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी ।।web news।।

बोर्ड परीक्षा फीस वापसी एवं ट्यूशन फीस निर्धारित करने को लेकर एनएपीएसआर ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र की अध्यक्षता मे बोर्ड परीक्षाओं को लेकर हुई बैठक मे इंटर की बोर्ड परीक्षाओं को निरस्त किये जाने को लेकर बच्चों को मानसिक और शारीरिक संकट से बचाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए एक पत्र लिखा है पत्र के द्वारा मांग की गई है कि भारत सरकार द्वारा सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा निरस्त होते ही निवेदन है कि जिस प्रकार आप की अध्यक्षता वाली बैठक में कोरोना काल के चलते बच्चों बच्चों की शारीरिक परेशानियों को देखते हुए बोर्ड परीक्षाओं को निरस्त कर छात्र-छात्राओं को शारीरिक संकट से बचाया गया है वह एक ऐतिहासिक निर्णय है ! इसके लिए हम भारतवर्ष के अभिभावक आपके आभारी हैं एवं सधन्यवाद आभार व्यक्त करते हुए अनुरोध करते हैं कि कृपया आप अपनी अध्यक्षता में एक और बैठक आहूत करते हुए सीबीएसई, आईसीएसई एवं समस्त राज्यों के शिक्षा बोर्ड के छात्रों से ली हुई हाई स्कूल और इंटर की करोड़ों रुपए बोर्ड परीक्षा शुल्क को वापस करने के निर्देश दिए जाएं वह सभी राज्यों को अपने-अपने राज्यों में निजी स्कूलों की ट्यूशन फीस निर्धारित व परिभाषित करने का निर्देश देते हुए अभिभावकों को अपने माध्यम से इस कोरोना काल में आर्थिक संकट से बचाने की कृपा करें हम भारत के संपूर्ण अभिभावक आपके आभारी रहेंगे ।

एनएपीएसआर अध्यक्ष आरिफ खान ने दी जानकारी

एनएपीएसआर के अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि हाई स्कूल एवं इंटर की बोर्ड परीक्षाएं रद्द होते ही संपूर्ण भारत के अभिभावकों द्वारा बोर्ड फीस वापस किये जाने की मांग उठने लगी थी जिसको लेकर सम्पूर्ण भारत मे एनएपीएसआर एवं अन्य अभिभावक संघों के प्रतिनिधियों द्वारा वर्चुअल मीटिंग की गई और यह निर्णय लिया गया कि चूंकि माननीय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता मे लिए गए फैसले सर्वमान्य होते हैं अतः बोर्ड फीस वापस करने एवं सभी राज्यों की राज्य सरकारों द्वारा ट्यूशन फीस निर्धारित, परिभाषित व निर्देशित करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को पत्र लिख कर मांग की जानी चाहिए । जिसके फलस्वरूप आज दिनांक 03/06/2021 एनएपीएसआर द्वारा एक मांग पत्र माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई जी को लिखा गया है । वर्चुअल मीटिंग मे उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ पंजाब एवं चंडीगढ़ व हरियाणा समेत अनेक राज्यों के अभिभावक संघ के प्रतिनिधियों ने शिरकत करी ।
◆◆ यह भी पढे :कोरोना काल में घर बैठे ऑनलाइन करे 'सुकन्या समृद्धि' बचत योजना से बेटियों का भविष्य सुरक्षित ।

वीडियो में देखे , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नन्हा समर्थन

शनिवार, 8 मई 2021

बड़ी खबर :DRDO ने कोरोना की दवा 2-DG बनाई, DGCI ने दी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी, पढे खबर ।।web news।।




2-deoxy-D-glucose 2 DG यही है कोरोना की दवा ।

पूरी दुनिया कोरोना की वैक्सीन बनाने और बांटने में लगी है इस बीच भारत के DRDO ने कमाल करते हुए कोरोना की दवा बना दी है जी हाँ आप सही पढ़ रहे बिल्कुल सही खबर भारत के DRDO ने कोरोना की दवाई बना दी है और मोदी सरकार ने इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी भी दे दी है । रक्षा मंत्रालय ने शनिवार यानी आज यह जानकारी दी है । रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत के औषधि महानियंत्रक ने डीआरडीओ द्वारा विकसित कोविडरोधी दवा को आपात इस्तेमाल के लिये मंजूरी दे दी है । इस दवा का नाम है 2 DG कोविड रोधी दवा का पूरा नाम है 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (drug 2-deoxy-D-glucose या 2-DG) जिसे डीआरडीओ द्वारा हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ मिलकर बनाया गया है ।

 

2-DG दवा को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने मंजूरी दी

देश में कोरोना वायरस के संक्रमितों के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने गंभीर कोविड -19 मरीजों के लिए एक सहायक चिकित्सा के रूप में दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) (drug 2-deoxy-D-glucose (2-DG) के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है । इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (INMAS), डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) की एक लैब ने डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज (Dr Reddy’s Laboratories) के साथ मिलकर ये दवा हैदराबाद में बनाई है ।

DRDO ने ट्वीट कर दी जनकारी

गुरुवार, 29 अप्रैल 2021

सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवाना ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।।web news।।

सेनाध्यक्ष ने कोविड प्रबंधन में मदद के लिए सेना द्वारा की जा रही विभिन्न पहलों पर चर्चा की।

जनरल एमएम नरवने ने पीएम को बताया कि सेना के मेडिकल स्टाफ को विभिन्न राज्य सरकारों को उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने पीएम को यह भी बताया कि सेना देश के विभिन्न हिस्सों में अस्थायी अस्पताल स्थापित कर रही है।

जनरल एमएम नरवने ने पीएम को अवगत कराया कि सेना जहां भी संभव हो नागरिकों के लिए अपने अस्पताल खोल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि नागरिक अपने नजदीकी सेना अस्पतालों का रुख कर सकते हैं। जनरल एमएम नरवने ने पीएम को सूचित किया कि सेना आयातित ऑक्सीजन टैंकरों और वाहनों के लिए जनशक्ति के साथ मदद कर रही है जहां उन्हें प्रबंधित करने के लिए विशेष कौशल की आवश्यकता होती है।





बुधवार, 28 अप्रैल 2021

Registration for Vaccine: 1 मई से होने 18 से 44 वर्ष वाले टीकाकरण अभियान का 4 बजे से ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन , जाने कैसे करें रजिस्ट्रेशन ।।web news।।

Cowin

1 मई से होने वाले वैक्सिनेशन अभियान की पूरी जानकारी ।

देश में कोरोना वैक्सिनेशन का अगला चरण 1 मई से शुरू हो रहा है। अभी तक 45 साल से अधिक आयुवर्ग के लोग ही कोरोना का टीका लगवा सकते थे , लेकिन 1 मई से देश में 18 साल और इससे अधिक आयु का हर एक व्यक्ति टीका लगवाने के लिए पात्र होगा। इस चरण में सरकार ने एक बड़ा बदलाव किया गया है। 18 से 44 वाले आयु वर्ग के लोगों को टीका लगवाने के लिए अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा जो बुधवार शाम 4 बजे से शुरू हो जाएगा। 45 साल से ऊपर के लोगों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का विकल्प पहले की तरह कोविन वेब पोर्टल मौजूद रहेगा। 

कोविन वेब पोर्टल पर कोरोना से बचाव का टीका लगवाने के लिए 18 साल या उससे ऊपर और 45 साल से कम उम्र वाले लोगों के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा । साथ ही 45 से अधिक आयु के लोग टीकाकरण केन्द्र पर पंजीकरण कराकर टीका लगवा सकते हैं। टीकाकरण केंद्रों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

कोविन पोर्टल पर कैसे करें रजिस्ट्रेशन?

सबसे पहले कोविन पोर्टल (www.cowin.gov.in) पर जाएं। अपने 10 अंकों वाले मोबाइल नंबर से ओटीपी के जरिए वेरिफाई करें। इसके बाद रजिस्ट्रेशन फॉर वैक्सीनेशन का पेज खुल जाएगा जहां आपको अपने बारे में बेसिक जानकारी नाम, जन्म तिथि आदि भरनी होगी। रजिस्ट्रेशन कंपलीट होने के बाद आप अकाउंट डीटेल में 3 और लोगों को अपने ही मोबाइल नंबर से जोड़ सकते हैं। बाकी प्रक्रिया भी आरोग्य सेतु ऐप की तरह ही है।

आरोग्य सेतु ऐप पर कैसे रजिस्ट्रेशन करें?

18 से 44 वाले आयु वर्ग के लोगों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पोर्टल पर आरोग्य सेतु एप के द्वारा भी की जा सकती है इसके लिए आरोग्य सेतु ऐप पर आपको Cowin का डैशबोर्ड दिखेगा। वहां क्लिक करने के बाद आपको लॉगइन/रजिस्टर पर टैप करना होगा। इसके बाद आपको अपने 10 अंकों वाले मोबाइल नंबर को डालना होगा। आपके उस नंबर पर ओटीपी आएगा जिसे एंटर करने से आपका मोबाइल नंबर वेरिफाई हो जाएगा। इसके बाद रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का दूसरा चरण शुरू होगा जिसमें आपको आधार, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे फोटो आईडी कार्ड में से किसी एक को चुनना होगा। आपको अपना नाम, जन्म तिथि, जेंडर जैसे कुछ बेसिक डीटेल भरने होंगे। इसके बाद आपको एक पेज दिखेगा जिस पर आप अधिकतम 4 और लाभार्थियों को उसी मोबाइल नंबर से जोड़ सकते हैं। फिर आप जैसे ही अपना पिन कोड डालेंगे, आपके सामने वैक्सीनेशन सेंटरों की लिस्ट खुल जाएगी। उसमें से आप अपने पसंदीदा सेंटर को चुन लें। आपको वैक्सीनेशन डेट और टाइमिंग की जानकारी मिल जाएगी।

18-44 आयु वर्ग के लिए वैक्सीन की कीमत

ज्यादातर राज्य सरकारों ने 18 साल से 45 की उम्र तक के लोगों के लिए भी मुफ्त टीके का ऐलान कर रखा है। इसलिए सरकारी केंद्रों में तो आपको यह मुफ्त में लग जाएगी लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में लगवाने पर जेब ढीली करनी पड़ेगी। फिलहाल निजी कोविड-19 टीकाकरण केन्द्र सरकार से टीकों की खुराकें लेकर 250 रुपये प्रति खुराक के हिसाब से लोगों को दे रहे हैं। एक मई से यह व्यवस्था खत्म हो जाएगी और निजी अस्पतालों को सीधे टीका निर्माताओं से खुराकें खरीदनी होंगी। प्राइवेट अस्पतालों को कोविशील्ड के टीके 600 रुपये प्रति खुराक की कीमत में मिलेंगे जबकि कोवैक्सीन के टीके की कीमत 1200 रुपये प्रति खुराक होगी। राज्य सरकारें भी अब सीधे वैक्सीन कंपनियों से खुराक खरीद सकती हैं। उन्हें कोविशील्ड की एक खुराक 400 रुपये में पड़ेगी जबकि कोवैक्सीन की एक खुराक 600 रुपये में पड़ेगी।

उत्तराखण्ड सरकार निशुल्क करवायेगी टीकाकरण

प्रदेश में कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के सभी लोगों को निःशुल्क टीका लगेगा, जिनकी आबादी करीब 50 लाख है। इसका खर्च लगभग 450 करोड़ का खर्च सरकार वहन करेगी। 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग में लगने वाले टीके में 90 प्रतिशत कोविशील्ड तथा 10 प्रतिशत कोवैक्सीन का टीका लगेगा। प्रदेश में वैक्सीन की आपूर्ति यथाशीघ्र हो, इसके लिए त्वरित अग्रिम भुगतान हेतु महानिदेशक चिकित्सा तथा चिकित्सा शिक्षा को अधिकृत गया है तथा सचिव उद्योग सचिन कुर्वे को वैक्सीन उपलब्ध करवाने का दायित्व सौंपा गया है।

सोमवार, 19 अप्रैल 2021

वैक्सीन ब्रेकिंग : 1 मई से 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी लोग कोरोना वैक्सीन लगा सकेंगे ।।web news।।

1 मई से कोरोना वैक्सीनेशन फेज-3 में 18 वर्ष से ज्यादा सबके लिए वैक्सीन

कोरोना की दूसरी लहर में बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने वैक्सीनेशन पर बड़ा ऐलान किया है । 1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोग वैक्सीन लगवा सकेंगे । सरकार ने यह भी फैसला भी लिया है कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अपनी 50% सप्लाई केंद्र को करेंगी। बाकी 50% सप्लाई वे राज्य सरकारों को दे सकेंगी या उसे ओपन मार्केट में बेच सकेंगी। वैक्सीनेशन के लिए कोविड के जरिए रजिस्ट्रेशन पहले की तरह जरूरी रहेगा।

पीएम नरेंद्र मोदी की देश के शीर्ष डॉक्टरों के साथ विचार विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार पिछले एक साल से प्रयास कर रही है कि देश में ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को कम से कम समय में वैक्सीन दी जा सके। इस मीटिंग में घरेलू कंपनियों को वैक्सीन के अधिक उत्पादन के लिए प्रेरित करने की बात कही गई है। इसके अलावा अन्य भारतीय और विदेशी वैक्सीन्स को भी मंजूरी देने की बात शामिल है। 
अब तक 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को देशभर में कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही थी। देशभर में 12.38 करोड़ लोग वैक्सीन का पहला या दूसरा डोज ले चुके हैं। सरकार की ओर से सोमवार शाम को जारी आदेश के मुताबिक, नई पॉलिसी 1 मई 2021 से लागू की जाएगी और इसे जरूरत के मुताबिक रिव्यू भी किया जाएगा।

सोमवार, 1 मार्च 2021

बड़ी खबर : आज से दूसरे चरण की वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगवाई वैक्सीन।।web news।।

Pm-news

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से वैक्सीन लगवाने की अपील की ।

कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान का दूसरा चरण एक मार्च से शुरू हो गया । आज ही सुबह एम्स में सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीन लगवाई । पीएम मोदी सुबह-सुबह दिल्ली के एम्स अस्पताल पहुंचे और वैक्सीन की पहली खुराक ली पीएम मोदी का पहला डोज था, कुछ हफ्तों बाद इसका दूसरा डोज भी उन्हें दिया जायेगा । जब से कोरोना टीकाकरण शुरू हुआ था तभी से विपक्ष के निशाने पर पीएम थे कि बाकि देशों की तरह भारत में सबसे पहले वैक्सीन उन्होंने क्यों नहीं लगवाई । प्रधानमंत्री ने देशवासियों से वैक्सीन लगवाने की अपील भी की है. उन्होंने स्वयं ट्वीट करके यह जानकारी दी ।

गुरुवार, 10 दिसंबर 2020

खबर अभी अभी : संसद के नए भवन का शिलान्यास PM मोदी ने किया भूमि पूजन ।।web news।।




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये संसद भवन की नींव रखी

नए संसद भवन के निर्माण के लिए आज शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया , इंडिया गेट के पास सेंट्रल विस्टा कार्यक्रम के तहत बन रहे नए भवन का शिलान्यास किया , संसद का यह नया भवन 20,000 करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का एक अहम हिस्सा है, जिसमें राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैले 13.4 किमी लंबे राजपथ पर पड़ने वाले सरकारी भवनों के पुनर्निमाण या फिर पुनर्उद्धार किया जाना है।

जाने नये संसद भवन के बारे में 

◆ सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बन रही यह चार मंजिला बिल्डिंग 64,500 वर्ग मीटर में फैली होगी और इसे बनाने में कुल 971 करोड़ का खर्च आएगा ।
◆ संभावना है कि इसका निर्माण कार्य अगस्त, 2022 यानी देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस तक पूरा कर लिया जएगा ।
◆ प्रस्तावित संसद भवन में लोकसभा सदन में कुल 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, वहीं संयुक्त सत्र में इसे 1224 सदस्यों तक बढ़ाने का विकल्प भी रखा जाएगा । राज्यसभा के सदन में कुल 384 सदस्य बैठ सकेंगे और भविष्य को ध्यान में रखते हुए इसमें भी जगह बढ़ाने का विकल्प रखा जाएगा।
◆ संसद के हर सदस्य को श्रम शक्ति भवन में एक 40 वर्ग मीटर का ऑफिस स्पेस दिया जाएगा । इस भवन का निर्माण 2024 तक पूरा हो जाएगा।यह नया भवन देश के गौरवशाली इतिहास की झलकियां भी दिखाएगा, जिसमें देशभर के कलाकारों और शिल्पकारों का योगदान होगा ।
◆ नया भवन संसाधन-कुशल हरित प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगा, पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देगा, रोजगार के अवसरों का सृजन करेगा और आर्थिक मजबूती को बढ़ाएगा ।इसमें  उच्च गुणवत्ता वाली ध्वनि प्रणाली और दृश्य-श्रव्य सुविधाएं, बैठने के लिए बेहतर एवं आरामदायक व्यवस्था,  प्रभावी एवं समावेशी आपातकालीन सुविधाएं होंगी। 




मंगलवार, 29 सितंबर 2020

Namami Gange : प्रधानमंत्री ने नामामि गंगे के अंतर्गत 6 परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया, ।।web news।।


प्रधानमंत्री ने "जल जीवन मिशन" में 1 रूपए में कनेक्शन के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की सराहना की।

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखण्ड में ₹521 करोड़ की परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं के शुरू होने से उत्तराखण्ड से अब प्रतिदिन 15.2 करोड़ लीटर दूषित पानी गंगा नदी में नहीं बहेगा। लोकार्पित किए गए प्रोजेक्ट में जगजीतपुर हरिद्वार में 230 करोड़ रूपये की लागत से बना 68 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, 20 करोड़ की लागत से बना 27 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी, सराय हरिद्वार में 13 करोड़ की लागत से बना 18 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी, चंडी घाट हरिद्वार में गंगा के संरक्षण और जैव विविधता को प्रदर्शित करता ‘गंगा संग्रहालय’, लक्कड़ घाट, ऋषिकेश में 158 करोड़ की लागत से बना 26 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, चंदे्रश्वर नगर-मुनि की रेती में 41 करोड़ की लागत से बना 7.5 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, चोरपानी, मुनि की रेती में 39 करोड़ की लागत से बना 5 एमएलडी क्षमता का एसटीपी और बद्रीनाथ में 19 करोड़ की लागत से बना 1.01 एमएलडी क्षमता का एसटीपी शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने रोविंग डाउन द गंगेज (rowing down the ganges) व ग्राम पंचायतों और पानी समितियों के लिए बनाइ्र गई मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया। उन्होंने जल जीवन मिशन के लोगो (प्रतीक चिह्न) का भी अनावरण किया।

नई सोच व नई एप्रोच से नमामि गंगे में मिली सफलता।

प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्डवासियों को बधाई देते हुए कहा कि मां गंगा हमारे सांस्कृतिक वैभव और आस्था से तो जुड़ी ही है, साथ ही लगभग आधी आबादी को आर्थिक रूप से समृद्ध भी करती है। नमामि गंगे मिशन, नई सोच और नई एप्रोच के साथ शुरू किया गया। यह देश का सबसे बडा नदी संरक्षण अभियान है। इसमें समन्वित रूप से काम किए गए। गंगा जी में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए एसटीपी का निर्माण किया गया या किया जा रहा है, अगले 15 वर्षों की आवश्यकता के अनुसार एसटीपी कीे क्षमता रखी गई, गंगा के किनारे लगभग 100 शहरों और 5 हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया गया है और गंगा की सहायक नदियों को भी प्रदूषण से मुक्त रखने का काम किया जा रहा है।

उत्तराखण्ड में 6 साल में सीवरेज ट्रीटमेंट क्षमता चार गुना हुई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में नमामि गंगे के अंतर्गत लगभग सभी प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं। राज्य में 6 साल में सीवेज ट्रीटमेंट की क्षमता को 4 गुना कर दिया गया है। लगभग सभी नालों को टैप कर दिया गया है। इनमें चंदे्रश्वर नाला भी शामिल है। यहां देश का पहला 4 मंजिला एसटीपी शुरू हो चुका है। अगले वर्ष हरिद्वार कुम्भ मेले में श्रद्धालु गंगा की निर्मलता का अनुभव लेंगे। सैकड़ों घाटों का सौंदर्यीकरण किया गया है। साथ ही रिवर फ्रंट भी बनकर तैयार है। गंगा म्यूजियम से हरिद्वार आने वाले लोग गंगा से जुड़ी विरासत को समझ पाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा के निकटवर्ती पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर फोकस किया जा रहा है। यहां जैविक खेती और औषधीय पौधों की खेती की योजना है। आर्गेनिक फार्मिंग काॅरिडोर विकसित किया जा रहा है। मिशन डाॅल्फिन से डाॅल्फिन संवर्धन में मदद मिलेगी।

जल जीवन मिशन में उत्तराखण्ड सरकार एक कदम आगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी की महत्ता को माता-बहनों से अधिक कौन समझ सकता है। हमने जल से जुड़े मंत्रालयों को एक कर जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया। जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल से जल का लक्ष्य लिया गया है। मा० मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार एक कदम और आगे बढ़ी है। उन्होंने केवल ₹1 में पानी का कनेक्शन देने का बीड़ा उठाया है। वर्ष 2022 तक हर घर नल से जल देने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तराखण्ड में कोरोना काल में भी पिछले 4-5 माह में 50 हजार परिवारों को पानी का कनेक्शन दिया गया है जो कि उत्तराखण्ड सरकार के संकल्प को दर्शाता है।

सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल के लिए 2 अक्टूबर से अभियान।

जल जीवन मिशन ने गांवों में पानी की समस्या से मुक्त करने का अवसर दिया है। 2 अक्टूबर से जल जीवन मिशन के तहत अभियान चलाकर 100 दिनों में सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल सुनिश्चित किया जाएगा। वर्ष 2014 के बाद देश हित में बहुत से बड़े काम किए गए। इनमें कृषि विधेयक, डिजीटल इण्डिया, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन शामिल हैं। वन रैंक वन पेंशन से उत्तराखण्ड के एक लाख से अधिक पूर्व सैनिक लाभान्वित हुए हैं। सर्जिकल स्ट्राइक से आतंकवाद को चोट पहुंचाई गई। राफेल से वायुसेना की ताकत काफी बढ़ी है। सरदार पटेल की मूर्ति राष्ट्रीय एकता और अखण्डता की प्रतीक है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से सारी दुनिया योग के महत्व से परिचित हुई। अयोध्या में रामजन्म भूमि मंदिर का भूमि पूजन किया गया। देश को ताकतवार बनाने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया गया है।

गंगा किनारे जैविक खेती और औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहन।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के चिन्हित 16 नगरों हेतु स्वीकृत 19 योजनाओं में से 15 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। शेष कुम्भ से पहले पूरी हो जाएंगी। प्राथमिकता के इन नगरों में चिन्हित किए गए 135 नालों में से 128 टैप किए गए हैं शेष को कुम्भ से पहले टैप कर लिया जाएगा। गंगा किनारे उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न स्थानों पर 21 स्नान घाटों जिसमें भव्य चंडी घाट भी शामिल है और 23 मोक्षधामों का निर्माण किया गया है। गंगा नदी के कैचमेंट एरिया में जो कार्य कराए गए हैं, उनका लाभ आने वाले समय में अवश्य मिलेगा। गंगा के दोनों किनारों पर 5 से 7 किलोमीटर के क्षेत्र में जैविक खेती को विकसित करते हुए स्थाई कृषि प्रथाओं को भी नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत प्रोत्साहन दिया जा रहा है। नमामि गंगे कार्यक्रम में निर्मित एसटीपी से निकलने वाले शोधित जल को भी कृषकों को सिंचाई हेतु उपलब्ध कराया जा रहा है। गंगा जी की निर्मलता और अविरलता के लिए प्रधानमंत्री जी के भगीरथ प्रयासों के परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। यहां तक की गंगा मे डाल्फिन और महाशिर मछलियां भी पुनः दिखने लगी हैं। गंगा के किनारे आर्गेनिक खेती व औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

हरिद्वार कुम्भ में गंगा का जल आचमन योग्य।

मा० केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि जल संचय व जल संरक्षण को लेकर जनचेतना का संचार हुआ है। यह आंदोलन जन जन का विषय बनने लगा है। वर्ष 2014 से नमामि गंगे एक मिशन मोड में काम कर रहा है। इसके लिए पर्याप्त बजट की व्यवस्था की गई। समन्वित एप्रोच पर काम किया गया। गंगा प्रवाह क्षेत्र में 315 परियोजनाएं अभी तक इसमें ली गई हैं। कुल 28854 करोड़ की स्वीकृति दी जा चुकी है। इनमें से 9 हजार करोड़ की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इनके स्पष्ट परिणाम भी दिखाई देने लगे हैं। हाईब्रिड एन्यूटी प्रणाली अपनाई गई है। गंगा प्रहरी और अनेक संगठनों के माध्यम से नमामि गंगे को जन अभियान बनाया गया है। गंगा की शुचिता के साथ ही अविरलता पर भी ध्यान दिया गया है। इसके लिए ई-फ्लो अधिसूचना जारी की गई। अगले वर्ष हरिद्वार में कुम्भ मेले के समय गंगा जल आचमन योग्य होगा। रिसाईकिल पानी को रियूज करने का भी प्रयास किया जा रहा है। गंगा की सहायक नदियों पर भी प्रभावी काम कर रहे हैं।

बुधवार, 19 अगस्त 2020

एनआरए : सरकारी नौकरियों पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, पढे पूरी खबर ।।web news।।


मंत्रिमंडल ने सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी) आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तनकारी सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के गठन को अपनी स्वीकृति दे दी।

भर्ती सुधार-युवाओं के लिए एक वरदान

वर्तमान में, सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्‍मीदवारों को पात्रता की समान शर्तें निर्धारित किए गए विभिन्‍न पदों के लिए अलग-अलग भर्ती एजेंसियों द्वारा संचालित की जाने वाली भिन्न-भिन्न परीक्षाओं में सम्मिलित होना पड़ता है। उम्‍मीदवारों को भिन्‍न-भिन्‍न भर्ती एजेंसियों को शुल्‍क का भुगतान करना पड़ता है और इन परीक्षाओं में भाग लेने के लिए लंबी दूरियां तय करनी पड़ती है। ये अलग-अलग भर्ती परीक्षाएं उम्‍मीदवारों के साथ-साथ संबंधित भर्ती एजेंसियों पर भी बोझ होती हैं, जिसमें परिहार्य/बार-बार होने वाला खर्च, कानून और व्यवस्था/सुरक्षा संबंधी मुद्दे और परीक्षा केन्द्रों संबंधी समस्याएं शामिल हैं। औसतन, इन परीक्षाओं में अलग से 2.5 करोड़ से 3 करोड़ उम्मीदवार शामिल होते हैं। ये उम्मीदवार एक सामान्य योग्यता परीक्षा में केवल एक बार शामिल होंगे तथा उच्च स्तर की परीक्षा के लिए किसी या इन सभी भर्ती एजेंसियों में आवेदन कर पाएंगे।

राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए)

राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) नामक एक बहु-एजेंसी निकाय द्वारा समूह ख और ग (गैर-तकनीकी) पदों के लिए उम्‍मीदवारों की स्‍क्रीनिंग/शॉर्टलिस्‍ट करने हेतु सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी) को शुरू किए जाने का प्रस्ताव किया गया है। एनआरए एक बहु-एजेंसी निकाय होगी जिसकी शासी निकाय में रेलवे मंत्रालय, वित्त मंत्रालय/वित्तीय सेवा विभाग, एसएससी, आरआरबी तथा आईबीपीएस के प्रतिनिधि शामिल होंगे। एक विशेषज्ञ निकाय के रूप में एनआरए केन्द्र सरकार की भर्ती के क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का पालन करेगी।

परीक्षा केन्द्रों तक पहुंच

देश के प्रत्येक जिले में परीक्षा केन्द्रों से दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले उम्मीदवारों तक पहुंच में काफी आसानी हो जाएगी। 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा संरचना बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जिससे आगे चलकर उम्मीदवारों को अपने निवास स्थान के निकट परीक्षा केन्द्रों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। लागत, प्रयास, सुरक्षा के संबंध में इसके लाभ काफी व्यापक होंगे। इस प्रस्ताव से ग्रामीण उम्मीदवारों तक न केवल आसानी से पहुंच हो पाएगी और इससे दूर-दराज के क्षेत्र में रहने वाले उम्मीदवार भी परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित होंगे और इस प्रकार भविष्य में केन्द्र सरकार की नौकरियों में उनके प्रतिनिधित्व को बढ़ावा मिलेगा। रोजगार के अवसरों को लोगों तक पहुंचाना एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे युवाओं की जिंदगी और आसन हो जाएगी।

गरीब उम्मीदवारों को बड़ी राहत

वर्तमान में, उम्मीदवारों को बहु-एजेंसियों द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न परीक्षाओं में भाग लेना होता है। परीक्षा शुल्क के अतिरिक्त उम्मीदवारो को यात्रा, रहने-ठहरने और अन्य पर अतिरिक्त व्यय करना पड़ता है। सीईटी जैसी एकल परीक्षा से काफी हद तक उम्मीदवारों पर वित्तीय बोझ कम होगा।

महिला उम्मीदवारों को काफी लाभ होगा

महिला उम्मीदवारों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली महिला उम्मीदवारों, को भिन्न-भिन्न परीक्षाओं में शामिल होने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि उन्हें बहुत दूर वाले स्थानों में परिवहन और ठहरने की व्यवस्था करनी होती है। कभी-कभी उन्हें इन दूरस्थ स्थानों पर स्थित इन केन्द्रों तक पहुंचने के लिए उपयुक्त व्यक्ति को ढूंढना पड़ता है। प्रत्येक जिले में परीक्षा केन्द्रों की अवस्थिति से सामान्य तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के उम्मीदवारों तथा विशेष रूप से महिला उम्मीदवारों को अधिक लाभ होगा।

ग्रामीण क्षेत्र के उम्मीदवारों को लाभ

वित्तीय और अन्य कठिनाइयों को देखते हुए, ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले उम्मीदवारों को यह चयन करना पड़ता है कि वह किस परीक्षा में भाग लेंगे। एनआरए के तहत, एक परीक्षा में शामिल होने से उम्मीदवारों को कई पदों के लिए प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा। एनआरए प्रथम स्तर/टियर-I परीक्षा का संचालन करेगा जो कई अन्य चयनों के लिए प्रारंभिक परीक्षा होगी।

सीईटी स्कोर 3 वर्षों के लिए वैध होगा, अवसरों की संख्‍या पर कोई सीमा नहीं होगी

उम्‍मीदवारों द्वारा सीईटी में प्राप्‍त स्कोर परिणाम घोषित होने की तिथि से 3 वर्षों की अवधि के लिए वैध होंगे। वैध उपलब्ध अंकों में से सबसे उच्चतम स्कोर को उम्‍मीदवार का वर्तमान अंक माना जाएगा। सामान्य योग्यता परीक्षा ऊपरी आयु सीमा के अध्यधीन होगी उम्‍मीदवारों द्वारा सीईटी में भाग लेने के लिए अवसरों की संख्‍या पर कोई सीमा नहीं होगी। सरकार की मौजूदा नीति के अनुसार अजा/अजजा/अपिव तथा अन्‍य श्रेणियों के उम्‍मीदवारों को ऊपरी आयु-सीमा में छूट दी जाएगी। यह उन उम्मीदवारों के लिए जो प्रति वर्ष इन परीक्षाओं में भाग लेने तथा इसकी तैयारी में लगने वाले महत्वपूर्ण समय, धन और प्रयासों की कठिनाई को बहुत हद तक समाप्त करेगा।

हाईलाइट्स


◆मंत्रिमंडल द्वारा केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तनकारी सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के गठन का अनुमोदन
◆एनआरए: कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्डों (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रथम स्तर की परीक्षा को एक साथ सम्मिलित करने के लिए एक बहु-एजेंसी निकाय
◆एसएससी, आरआरबी और आईबीपीएस के लिए पहले स्तर पर उम्मीदवारों की जांच (स्क्रीनिंग) करने के लिए सामान्य योग्‍यता परीक्षा (सीईटी)
◆सीईटी: एक पथ प्रवर्तक सुधार के रूप में स्नातक, उच्च माध्यमिक (12वीं उत्तीर्ण) और मैट्रिक (10वीं उत्तीर्ण) उम्मीदवारों के लिए कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी)
हर जिले में सीईटी: ग्रामीण युवाओं, महिलाओं और वंचित उम्मीदवारों तक पहुंच अब आसान
◆सीईटी: आकांक्षी जिलों में परीक्षा केंद्रों तक पहुंच बनाने पर सरकार का फोकस
◆सीईटी: एकसमान परिवर्तनकारी भर्ती प्रक्रिया
सीईटी; परीक्षाओं की बहुलता समाप्त
एनआरए द्वारा सीईटी: कदाचार को समाप्त करने के लिए आईसीटी का मजबूत उपयोग
सीईटी: पात्र उम्मीदवारों की प्रथम चरण की स्क्रीनिं
◆भर्ती चक्र को कम करने के लिए सीईटी
◆एनआरए ग्रामीण युवाओं के लिए मॉक टेस्ट आयोजित करेगा
◆एनआरए मॉक टेस्ट आयोजित करेगा, 24x7 हेल्पलाइन और शिकायत निवारण पोर्टल शुरू करेगा

मानक परीक्षाएं


एनआरए द्वारा गैर-तकनीकी पदों के लिए स्नातक, उच्च माध्यमिक (12वीं पास) और मैट्रिक (10वीं पास) वाले उम्‍मीदवारों के लिए अलग से सीईटी का संचालन किया जाएगा,  जिसके लिए वर्तमान में कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा भर्ती की जाती है। सीईटी के अंक स्‍तर पर की गई स्‍क्रीनिंग के आधार पर, भर्ती के लिए अंतिम चयन पृथक विशे‍षीकृत टियर (II, III इत्यादि) परीक्षा के माध्‍यम से किया जाएगा जिसे संबंधित भर्ती एजेंसी द्वारा संचालित किया जाएगा। इन परीक्षाओं का पाठ्यक्रम सामान्य होने के साथ-साथ मानक भी होगा। यह उन उम्मीदवारों के बोझ को कम करेगा, जो वर्तमान में प्रत्येक परीक्षा के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम के अनुसार अलग-अलग पाठ्यक्रमों की तैयारियां करते हैं।

परीक्षाओं की समय-सारणी एवं केन्द्रों का चुनाव

उम्मीदवारों के पास एक ही पोर्टल पर पंजीकृत होने की तथा परीक्षा केन्द्रों के लिए अपनी पसंद व्यक्त करने की सुविधा होगी। उपलब्धता के आधार पर उन्हें परीक्षा केन्द्र आवंटित किए जाएंगे। इसका अंतिम उद्देश्य उस व्यवस्था तक पहुंचना है जहां उम्मीदवार अपनी पसंद के परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा की समय-सारणी तय कर सकते हैं।

एनआरए द्वारा सहायक गतिविधियां

अनेक भाषाएं

सीईटी अनेक भाषाओं में उपलब्ध होगा। यह देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों को परीक्षा में बैठने और चयनित होने के समान अवसर को प्राप्त करने को सुविधाजनक बनाएगा।

प्राप्तांक- अनेक भर्ती एजेंसियों तक पहुंच

शुरुआत में अंकों का उपयोग तीन प्रमुख भर्ती एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। तथापि, कुछ समयान्तराल पर यह अपेक्षित है कि केन्द्र सरकार की अन्य भर्ती एजेंसियां इसे अपना लेगी। इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की अन्य एजेंसियों को यह छूट होगी कि यदि वे चाहे तो इसे अपना सकती हैं। इस प्रकार, दीर्घकाल में सीईटी के प्राप्तांक को केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा निजी क्षेत्र की अन्य भर्ती एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है। इससे ऐसे संगठनों को भर्ती पर लगने वाली लागत और समय की बचत करने में सहायता होगी।

भर्ती चक्र को कम करना

एकल पात्रता परीक्षा भर्ती चक्र को महत्वपूर्ण रूप से कम करेगी। कुछ विभागों ने सीईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर शारीरिक परीक्षा एवं चिकित्सीय परीक्षण के साथ भर्ती करने तथा भर्ती के लिए किसी भी द्वितीय चरण की परीक्षाओं को समाप्त करने का संकेत किया है। यह बृहद रूप से भर्ती प्रक्रिया को कम करेगा तथा इससे युवाओं के एक बड़े वर्ग को लाभ पहुंचेगा।

वित्तीय परिव्यय

सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के लिए 1517.57 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। इस व्यय को तीन वर्षों की अवधि में किया जाएगाI एनआरए की स्थापना के अलावा, 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा अवसंरचना को स्थापित करने के लिए भी लागत लगेगी।










बुधवार, 15 जुलाई 2020

Kedarnath News : ॐ नमः शिवाय के मंत्र से गूंजेगा केदार पथ , पढे पूरी खबर ।।web news।।


प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से केदार पथ के लिए दिए दिशा निर्देश ।

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से केदारनाथ में चल रहे निर्माण कार्यों के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि केदारनाथ के यात्रा मार्ग पर जो कार्य किये जायेंगे, उसमें स्थानीय स्थापत्य कला का विशेष ध्यान रखा जाय। केदारनाथ जाने वाले पैदल यात्रामार्ग को इस तरह विकसित किया जाय कि श्रद्धालुओं को श्रद्धा एवं आध्यात्म के साथ ही केदारनाथ की पौराणिक एवं ऐतिहासिक ज्ञान वर्द्धक जानकारियों का समावेश हो। पैदल यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए रूकने के लिए व्यवस्था हो इसके लिए आश्रय बनाये जाय। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पैदल यात्रा मार्ग के समीप घोड़ों के लिए एक नियत स्थान बनाया जाय। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि श्री केदारनाथ के पैदल मार्ग एवं पर्वतीय क्षेत्र की व्यावहारिक दिक्कतों को ध्यान में रखकर कार्ययोजना बनाई जाय। 


मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर आध्यात्मिक वातावरण एवं स्थानीय स्थापत्य कला के साथ ही केदारनाथ से जुड़ी वैदिक साहित्य, माहाकाव्यों, केदारखण्ड एवं पाण्डुलिपियों में वर्णित जानकारियों का समावेश किया जायेगा। उन्होंने सुझाव दिया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर ‘‘ॐ नमः शिवाय’’ की ध्वनि की व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बद्रीनाथ का मास्टर प्लान तैयार है, इसके प्रस्तुतिकरण हेतु उन्होंने प्रधानमंत्री से समय देने का अनुरोध किया।

शुक्रवार, 3 जुलाई 2020

Breaking News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे लेह, पढे पूरी खबर ।।Web News।।



PM नरेंद्र मोदी का अचानक लेह दौरा।

आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का लेह-लद्धाख का दौरा था जो कल ही कैंसिल हो गया था इसी बीच सुबह सुबह लेह पहुँचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबको चौंका दिया, सुरक्षा दृष्टि एवं सीमा पर तनातनी के बीच प्रधानमंत्री जा यह दौरा अहम माना जा रहा है ।

LAC विवाद के बीच सुबह 7 बजे लेह पहुंचे, जवानों से मिल रहे है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इस अहम दौरे में 14 कोर के अधिकारियों से बातचीत कर सकते है साथ ही गलवान घाटी में घयल जवानो से मिलने के कयास लगाए जा रहे है ।

लेह के अचानक इस अहम माने जा रहे जा दौरे में CDS बिपिन रावत भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है, सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे है CDS बिपिन रावत और PM प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ।

तनाव के वक़्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लेह यात्रा चीन को एक सीधा और सख्त सन्देश है कि वो भारत को कमजोर समझने की भूल न करे । पिछले दिनों ही भारत सरकार 59 चाइनीज ऐप्स को बैन किया है जिसपर चीनी मीडिया में काफी तीखी प्रतिक्रिया आई है । हालाँकि पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान गलवान घाटी जाने की संभावना बेहद कम है क्योंकि गलवान की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी नहीं है कि पीएम मोदी सीधे वहां जा कर लैंड कर सके वो काफी ऊंचाई वाला इलाका है ।

मंगलवार, 30 जून 2020

Pm message : प्रधानमंत्री का देश के नाम सम्बोधन, पढ़िए पूरा संदेश ।।web news।।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना वीडियो संदेश


मेरे प्रिय देशवासियों,  नमस्कार !  कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ते हुए अब हम Unlock-Two में प्रवेश कर रहे हैं। और  हम उस मौसम में भी प्रवेश कर रहे हैं जहां सर्दी-जुखाम,  खांसी-बुखार ये सारे न जाने क्या क्या होता है , की मामले बढ़ जाते हैं।  ऐसे में,  मेरी आप सभी देशवासियों से प्रार्थना है कि ऐसे समय में अपना ध्यान रखिए।
साथियों,  ये बात सही है कि अगर कोरोना से होने वाली मृत्यु दर को देखें तो दुनिया के अनेक देशों की  तुलना में भारत संभली हुई स्थिति में है।  समय पर किए गए लॉकडाउन और अन्य फैसलों ने भारत में लाखों लोगों का जीवन बचाया है।  लेकिन हम ये भी  देख रहे हैं कि  जब से देश में  Unlock-One  हुआ है,  व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार में लापरवाही भी  बढती ही चली जा रही है ।  पहले हम मास्क को लेकर,  दो गज की दूरी को लेकर,  20 सेकेंड तक दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क थे।  लेकिन आज,  जब हमें ज्यादा सतर्कता की जरूरत है,  तो लापरवाही बढ़ना,  चिंता का कारण है।  
साथियों,  लॉकडाउन के दौरान बहुत गंभीरता से नियमों का पालन किया गया था।  अब सरकारों को,   स्थानीय निकाय की संस्थाओं को,   देश के नागरिकों को,   फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है।  विशेषकर  कन्टेनमेंट जोंस पर हमें बहुत ध्यान देना होगा।  जो भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे,  हमें उन्हें टोकना होगा,  रोकना होगा और समझाना भी होगा।   अभी आपने खबरों में देखा होगा,  एक देश के प्रधानमंत्री पर  13 हजार रुपए का जुर्माना इसलिए लग गया, क्योंकि वो सार्वजनिक जगह पर बिना मास्क पहने गए थे।  भारत में भी  स्थानीय प्रशासन को इसी चुस्ती से काम करना चाहिए।   ये 130 करोड़ देशवासियों के जीवन की रक्षा करने का अभियान है।  भारत में गांव का प्रधान हो या  देश का प्रधानमंत्री,  कोई भी नियमों से ऊपर नहीं है।
साथियों,  लॉकडाउन के दौरान देश की  सर्वोच्च प्राथमिकता रही,  कि ऐसी स्थिति न आए कि किसी गरीब के घर में चूल्हा न जले।  केंद्र सरकार हो,   राज्य सरकारें हों,  सिविल सोसायटी के लोग हों,   सभी ने पूरा प्रयास किया कि इतने बड़े देश में हमारा कोई गरीब भाई-बहन भूखा न सोए।  देश हो या व्यक्ति,  समय पर फैसले लेने से,  संवेदनशीलता से फैसले लेने से,  किसी भी संकट का मुकाबला करने की शक्ति बढ़ जाती है।  इसलिए,  लॉकडाउन होते ही सरकार,  प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लेकर आई।  इस योजना के तहत गरीबों के लिए पौने दो लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया।
साथियों,  बीते तीन महीनों में  20 करोड़ गरीब परिवारों के  जनधन खातों में सीधे  31 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं।   इस दौरान  9 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में  18 हजार करोड़ रुपए जमा हुए हैं।  इसके साथ ही,  गांवों में श्रमिकों को रोजगार देने के लिए, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान तेज गति से आरम्भ कर दिया गया है।  इस पर सरकार  50 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही है।  लेकिन
साथियों, एक और बड़ी बात है जिसने दुनिया को भी हैरान किया है, आश्चर्य में डुबो दिया है।  वो ये कि कोरोना से लड़ते हुए भारत में, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को  3 महीने का राशन,  यानि परिवार के हर सदस्य को  5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया गया।   इसके अतिरिक्त प्रति परिवार हर महीने एक किलो दाल भी मुफ्त दी गई।  यानि एक तरह से देखें तो,   अमेरिका की कुल जनसंख्या से ढाई गुना अधिक लोगों को,   ब्रिटेन की जनसंख्या से 12 गुना अधिक लोगों को,   और  यूरोपियन यूनियन की आबादी से लगभग दोगुने से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार ने मुफ्त अनाज दिया है।
साथियों,   आज मैं इसी से जुड़ी एक महत्वपूर्ण घोषणा करने जा रहा हूं।
साथियों,  हमारे यहां वर्षा ऋतु के दौरान और उसके बाद मुख्य तौर पर एग्रीकल्चर सेक्टर में ही ज्यादा काम होता है।  अन्य दूसरे सेक्टरों में थोड़ी सुस्ती रहती है।  जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का भी माहौल बनने लगता है।   अभी  5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है,  फिर सावन शुरू हो रहा है।  फिर 15 अगस्त आएगी , रक्षाबंधन आएगा,  श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आएगी,  गणेश चतुर्थी आएगी,  ओणम होगा।  और आगे जाएं तो काटी बीहू है, नवरात्रि है,   दुर्गापूजा है,   दशहरा है,   दीपावली है,   छठी मइया की पूजा है।  त्योहारों का ये समय,  जरूरतें भी बढ़ाता है,  खर्चे भी बढ़ाता है।  इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक,  यानि नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाए।  यानि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली ये योजना, अब  जुलाई- अगस्त- सितंबर- अक्टूबर- नवंबर में भी लागू रहेगी।  सरकार द्वारा इन  5 महीनों के लिए,  80 करोड़ से ज्यादा गरीब भाई-बहनों को हर महीने,  परिवार के हर  सदस्य को  5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त मुहैया कराया जाएगा।  और साथ ही प्रत्येक परिवार को हर महीने एक किलो चना भी मुफ्त दिया जाएगा।
साथियों,  प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के इस विस्तार में  90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे।  अगर इसमें पिछले तीन महीने का खर्च भी जोड़ दें तो ये  करीब-करीब  डेढ़ लाख करोड़ रुपए हो जाता है।  अब पूरे भारत के लिए हमने एक सपना देखा है , कई राज्यों ने तो बहुत अच्छा काम भी किया है |बाकी राज्यों से भी हम आग्रह कर रहे हैं की इस काम को आगे बढ़ाएं, काम क्या है ? अब पूरे भारत के लिए एक  राशन-कार्ड की व्यवस्था भी हो रही है यानि  एक राष्ट्र,  एक राशन कार्ड one nation one ration card।  इसका सबसे बड़ा लाभ उन गरीब साथियों को मिलेगा,  जो रोज़गार या दूसरी आवश्यकताओं के लिए अपना गाँव छोड़कर के कहीं और जाते हैं किसी और राज्य में जाते हैं।
साथियों, आज गरीब को,  ज़रूरतमंद को,  सरकार अगर मुफ्त अनाज दे पा रही है तो इसका श्रेय दो वर्गों को जाता है।  पहला-  हमारे देश के मेहनती किसान,  हमारे अन्नदाता।  और दूसरा-  हमारे देश के ईमानदार टैक्सपेयर।  आपका परिश्रम,  आपका समर्पण ही है,  जिसकी वजह से देश ये मदद कर पा रहा है।  आपने देश का अन्न भंडार भरा है, इसलिए आज गरीब का,  श्रमिक का चूल्हा  जल रहा है।   आपने ईमानदारी से टैक्स भरा है,  अपना दायित्व निभाया है,  इसलिए आज देश का गरीब,  इतने बड़े संकट से मुकाबला कर पा रहा है।   मैं आज हर गरीब के साथ ही,  देश के हर किसान,  हर टैक्सपेयर का ह्रदय से बहुत बहुत अभिनंदन करता हूं, उन्हें नमन करता हूं।
साथियों,  आने वाले समय में हम अपने प्रयासों को और तेज करेंगे।  हम गरीब,  पीड़ित,  शोषित-वंचित हर किसी को सशक्त करने के लिए निरंतर काम करेंगे।   हम सारी एहतियात बरतते हुए Economic Activities को और आगे बढ़ाएंगे।  हम आत्मनिर्भर  भारत के लिए  दिन रात एक करेंगे।  हम सब लोकल के लिए वोकल होंगे।  इसी संकल्प के साथ हम  130 करोड़ देशवासियों को मिलजुल कर के, संकल्प के साथ काम भी करना है, आगे भी बढ़ना है ।

फिर से एक बार मैं आप सब से प्रार्थना करता हूँ, आपके लिए भी प्रार्थना करता हूँ, आपसे आग्रह भी करता हूँ , आप सभी स्वस्थ रहिए,  दो गज की दूरी का पालन करते रहिए, गमछा , फेस कवर  मास्क ये हमेशा उपयोग कीजिये कोई लापरवाही मत बरतिए|  इसी आग्रह,   इसी कामना के साथ आप  सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं !
धन्यवाद

Pm Modi: आज प्रधानमंत्री करेंगे देश को सम्बोधित, जाने किस बात की लगाई जा रही है अटकलें।।web news।।


आज शाम पीएम मोदी करेंगे देश को संबोधित


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार शाम को देश को संबोधित करेंगे, पीएम मोदी 30 जून को शाम 4 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे । देश भर में एक तरफ जहां कोरोना वायरस के आंकड़े तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ गलवाना घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद चीन के साथ तनाव बरकरार है । ऐसे में पीएम मोदी का मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन काफी अहम माना जा रहा है ।


कोविड 19 बढ़ते मामले और चीनी से सीमा विवाद कर सकते है बड़ा फैसला

पीएम मोदी के सम्बोधन से पहले अटकलें लगाना तेज हो गयी है हो भी क्यों न जब जब पीएम मोदी देश को संबोधित करते है कुछ यूनिक जरूर होता है , लास्ट टाइम मोदी आर्थिक फैकेज की घोषणा अपने संबोधन में कर चुके है वर्तमान हालत के चलते कोविड 19 के बढ़ते केस और loc पर चीन के साथ विवाद के इर्दगिर्द देश के नाम पीएम मोदी का संबोधन रह सकता है।

सरकार का बड़ा फैसला 59 चीनी app बैन

भारत सरकार ने 59 मोबाइल एप को प्रतिबंधित कर दिया है। इसमें टिकटॉक, यूसी ब्राउसर और अन्य चाइनीज एप शामिल हैं। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन 59 एप्स को ब्लॉक करने का निर्णय लिया है क्योंकि ये एप भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हैं।

सोमवार, 29 जून 2020

Letter: सोशल एक्टविस्ट अजय कुमार ने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह आत्महत्या मामले में सीबीआई जाँच के आदेश के लिए लिखा पत्र।।web news।।


देहरादून के समाजसेवी अजय कुमार का पीएम मोदी के नाम पत्र पढिए

विषय - दिवंगत अभिनेता स्वर्गीय सुशांत सिंह के आत्महत्या मामले में सीबीआई जाँच के सम्बन्ध में याचिका।

आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
       आपको ज्ञात है कि बॉलीवुड के उभरते कलाकार अभिनेता सुशांत सिंह ने आत्महत्या कर ली है जो इस समय चर्चित प्रकरण हैं। आपको ज्ञात होगा कि सुशांत सिंह ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान श्री महेंद्र सिंह धोनी की जिंदगी पर फ़िल्म बनाई थी व वह कई फिल्मों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके थे।
       किसी फिल्मी पृष्ठभूमि से न होकर साधारण परिवार से निकलकर एक्टिंग में लोहा मनवाना बहुत आसान कार्य नही है ,भारत में प्रतिभाओ की कमी नही है यह सभी को ज्ञात है। अगर अभिनेता सुशांत सिंह जिंदा होते तो निसंदेह वह बड़े बड़े अभिनेताओं को अपनी प्रतिभा के दम पर धूल चटा देते,ऐसा मेरा विश्वास है।
        अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या का केस पिछली 14 जून से हाई प्रोफाइल बना हुआ है। उनके निधन के बाद से बॉलीवुड में गुटबाजी, खेमेबाजी और वंशवाद जैसे मुद्दों पर हर रोज तमाम चर्चाएं हो रही हैं। उधर सुशांत के फैंस लगातार सोशल मीडिया पर अभिनेता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। हालाकि सुशांत की अंतिम पोस्टमार्टम में आत्महत्या की वजह फांसी लगने के कारण दम घुटना बताया गया है लेकिन लोग अभी भी इस केस में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
         कई हस्तियों के साथ आम जनता भी लगातार सुशांत की खुदकुशी पर सवाल उठा रहे हैं। प्रार्थी भी इस घटना से क्षुब्ध है और इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करता हूँ यदि महाराष्ट्र सरकार प्रकरण में सीबीआई जाँच की संस्तुति करती है तो न सिर्फ सुशांत सिंह के परिवार को न्याय मिलेगा अपितु लाखो करोड़ों प्रसंसकों को न्याय मिलेगा, आपको ज्ञात होगा कि अभिनेता की आत्महत्या के बाद कई फैन्स ने आत्म हत्या की है यदि मामले में सीबीआई जाँच होगी तो फैन्स भी ऐसा कोई कदम नही उठाएंगे।
         सीबीआई जांच में कई ऐसे पहलू सामने आएंगे जो बॉलीवुड में वंशवाद,परिवारवाद पूंजीवाद, खेमेबाजी को उजागर करेंगे और होनहार कलाकारों के साथ भी न्याय होगा जिनके साथ अन्याय किया जा रहा है। अगर वक़्त रहते कोई सख्त कार्यवाही नही हुई तो धीरे धीरे गलत लोगों के हौंसले बढ़ेंगे औऱ आगे चलकर प्रतिभा नही बल्कि परिवारवाद आगे बढ़ेगा।
         महोदय आज राजनीति से लेकर बॉलीवुड और न जाने कहां कहाँ वंशवाद,परिवारवाद फल फूल रहा है जो बड़ा दुखद पहलू है।आप स्वयं जमीन से उठकर प्रधानमंत्री के पद पर पहुँचे है आपने भी भलीभांति सबकुछ देखा है अतः हमें पूर्ण विश्वास है आप सभी घटनाओं और प्रकरण की गम्भीरता को मध्यनजर रखते हुए उक्त प्रकरण की जाँच सीबीआई से करवाने की कृपा करेंगे।
                                                               धन्यवाद
                                                             अजय कुमार
                                                       सामाजिक कार्यकर्ता
       

सोमवार, 22 जून 2020

Latest news : भारत चीनी मुद्दे में कूदे मनमोहन दी प्रधानमंत्री मोदी को नसीहत , पढ़े पूरा बयान , ।। web news ।।



डॉ. मनमोहन सिंह, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री का बयान

15-16 जून, 2020 को गलवान वैली, लद्दाख में भारत के बीस साहसी जवानों ने सर्वोच्च कुर्बानी दी। इन बहादुर सैनिकों ने साहस के साथ अपना कर्तव्य निभाते हुए देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। देश के इन सपतों ने अपनी

अंतिम सांस तक मातृभूमि की रक्षा की। इस सर्वोच्च त्याग के लिए हम इन साहसी सैनिकों व उनके परिवारों के कृतज्ञ हैं। लेकिन उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।

आज हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। हमारी सरकार के निर्णय व सरकार द्वारा उठाए गए कदम तय करेंगे कि

भविष्य की पीढ़ियां हमारा आंकलन कैसे करें। जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दायित्व है। हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व देश के प्रधानमंत्री का है। प्रधानमंत्री को अपने शब्दों व ऐलानों द्वारा देश की सुरक्षा एवं सामरिक व भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए।

चीन ने अप्रैल, 2020 से लेकर आज तक भारतीय सीमा में गलवान वैली एवं पांगोंग त्सो लेक में अनेकों बार जबरन घुसपैठ की है। हम न तो उनकी कमियों व दबाव के सामने झुकेंगे और न ही अपनी भूभागीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार करेंगे। प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनके षडयंत्रकारी रुख को बल नहीं देना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इस खतरे का सामना करने व स्थिति को और ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करें।

यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है तथा संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देना है।

हम सरकार को आगाह करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति तथा मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता। पिछलग्गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के मेंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता।

हम प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि वो वक्त की चुनौतियों का सामना करें, और कर्नल बी. संतोष बाबू व हमारे सैनिकों की कुर्बानी की कसौटी पर खरा उतरें, जिन्होंने 'राष्ट्रीय सुरक्षा' व 'भूभागीय अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

इससे कुछ भी कम जनादेश से ऐतिहासिक विश्वासघात होगा।

बुधवार, 17 जून 2020

भारत -चीन गतिरोध पर प्रधानमंत्री का संदेश :हमारे इन शहीदों का ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, पढे पूरा संदेश, ।।web news।।


भारत-चीन सीमा क्षेत्रों की स्थिति पर प्रधानमंत्री का वक्तव्य

साथियों,

भारत माता के वीर सपूतों ने गलवान वैली में हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुये सर्वोच्च बलिदान दिया है। मैं देश की सेवा में उनके इस महान बलिदान के लिए उन्हें नमन करता हूं, उन्हें कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धांजलि देता हूँ। दुःख की इस कठिन घड़ी में हमारे इन शहीदों के परिजनों के प्रति मैं अपनी समवेदनाएं व्यक्त करता हूँ। आज पूरा देश आपके साथ है, देश की भावनाएं आपके साथ हैं।

हमारे इन शहीदों का ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। चाहे स्थिति कुछ भी हो, परिस्थिति कुछ भी हो, भारत पूरी दृढ़ता से देश की एक एक इंच जमीन की, देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा।

भारत सांस्कृतिक रूप से एक शांति प्रिय देश है। हमारा इतिहास शांति का रहा है। भारत का वैचारिक मंत्र ही रहा है- लोकाः समस्ताः सुखिनों भवन्तु। हमने हर युग में पूरे संसार में शांति की, पूरी मानवता के कल्याण की कामना की है।

हमने हमेशा से ही अपने पड़ोसियों के साथ एक cooperative और friendly तरीके से मिलकर काम किया है। हमेशा उनके विकास और कल्याण की कामना की है। जहां कहीं हमारे मतभेद भी रहे हैं, हमने हमेशा ही ये प्रयास किया है कि मतभेद विवाद न बनें, differences disputes में न बदलें।

हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं, लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं।

जब भी समय आया है, हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, अपनी क्षमताओं को साबित किया है।

त्याग और तितिक्षा हमारे राष्ट्रीय चरित्र का हिस्सा हैं, लेकिन साथ ही विक्रम और वीरता भी उतना ही हमारे देश के चरित्र का हिस्सा हैं।

मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूँ, हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएंगा।
हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है, और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी रोक सकता।

इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए। भारत शांति चाहता है। लेकिन भारत को उकसाने पर हर हाल में निर्णायक जवाब भी दिया जाएगा।

देश को इस बात का गर्व होगा की हमारे सैनिक मारते मारते मरे हैं। मेरा आप सभी से आग्रह है की हम दो मिनट का मौन रख के इन सपूतों को श्रद्धांजलि दें।

रविवार, 14 जून 2020

Good news : वीडियो ब्लॉगिंग प्रतियोगिता ‘मेरा जीवन, मेरा योग’ की अंतिम तिथि 21 जून, 2020 तक बढ़ायी गयी, पढ़ें पूरी खबर।।web news।।



वीडियो ब्लॉगिंग प्रतियोगिता ‘मेरा जीवन, मेरा योग’ की अंतिम तिथि 21 जून, 2020 तक बढ़ायी गयी ।


प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा हाल ही में घोषित वीडियो ब्लॉगिंग प्रतियोगिता ‘मेरा जीवन, मेरा योग’ के लिए प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तिथि 21 जून, 2020 तक बढ़ा दी गई है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर यह वैश्विक प्रतियोगिता आयुष मंत्रालय और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) द्वारा छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही है।

इससे पहले इस प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तिथि 15 जून 2020 तय की गई थी। यह तिथि बढ़ाने के लिए देश-विदेश से मांग की जा रही थी, ताकि योग बिरादरी को वीडियो तैयार करने के लिए अधिक समय मिल सके। भारी मांग को ध्‍यान में रखते हुए ही मंत्रालय और आईसीसीआर ने प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तिथि को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस यानी 21 जून तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।

प्रधानमंत्री ने 31 मई को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान राष्ट्र को संबोधित करते हुए सभी से वीडियो ब्लॉगिंग प्रतियोगिता ‘मेरा जीवन, मेरा योग’ में भाग लेने का आह्वान किया था। यह प्रतियोगिता लोगों के जीवन पर योग के उल्‍लेखनीय परिवर्तनकारी प्रभावों पर फोकस करती है और यह छठा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने से जुड़ी विभिन्‍न उत्‍कृष्‍ट गतिविधियों में से एक अहम गतिविधि के रूप में उभर कर सामने आई है।

इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों को 3 योगाभ्यासों (क्रिया, आसन, प्राणायाम, बंध या मुद्रा) का 3 मिनट की अवधि वाला वीडियो अपलोड करना होगा, जिसमें इस आशय का एक लघु वीडियो संदेश भी शामिल करना होगा कि योगाभ्यासों से किस तरह उनके जीवन में उल्‍लेखनीय सकारात्‍मक परिवर्तन हुए हैं। वीडियो को प्रतियोगिता के हैशटैग #MyLifeMyYogaINDIA और उपयुक्त श्रेणी के हैशटैग के साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम या माईगव प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जा सकता है। इसमें भागीदारी के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश आयुष मंत्रालय के योग पोर्टल (https://yoga.ayush.gov.in/yoga/) पर उपलब्‍ध हैं।

यह प्रतियोगिता दो चरणों में होगी। प्रथम चरण में देश-वार वीडियो ब्लॉगिंग प्रतियोगिताएं शामिल हैं, जिनके विजेताओं का चयन देश के स्तर पर किया जाएगा। इसके बाद वैश्विक पुरस्कार विजेताओं का चयन किया जाएगा जिन्हें विभिन्न देशों के विजेताओं में से चुना जाएगा। यह प्रतियोगिता लोगों के जीवन पर योग के उल्‍लेखनीय परिवर्तनकारी प्रभावों का पता लगाने का एक अहम प्रयास है, जिसके बारे में प्रत्येक प्रतिभागी स्‍वयं के द्वारा प्रस्‍तुत किए जाने वाले वीडियो में बताएंगे।

इस प्रतियोगिता के लिए प्रतिभागियों द्वारा प्रविष्टियों को तीन श्रेणियों के तहत प्रस्तुत किया जा सकता है जिनमें युवा (18 वर्ष से कम आयु), वयस्क (18 वर्ष से अधिक उम्र) और योग प्रोफेशनल शामिल हैं और इसके साथ ही ये श्रेणियां पुरुष एवं महिला प्रतिभागियों के लिए अलग-अलग होंगी। भारत के प्रतिभागियों के मामले में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार पाने वालों को प्रथम चरण में प्रत्येक श्रेणी के लिए 1 लाख रुपये, 50,000 रुपये और 25,000 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा, जबकि वैश्विक पुरस्कार प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार पाने वालों के लिए 2500 डॉलर, 1500 डॉलर और 1000 डॉलर के होंगे।

आयुष मंत्रालय ने सभी को बढ़ी हुई अवधि का उपयोग करने और बिना अधिक विलंब किए वीडियो प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया है।

गुरुवार, 4 जून 2020

Vartul confrence : भारत आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन, पढ़ें पूरी खबर ।।web news ।।


शिखर सम्मेलन के कुछ अंश

सबसे पहले मैं अपनी ओर से और पूरे भारत की ओर से ऑस्ट्रेलिया में COVID-19 से प्रभावित सभी लोगों और परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट करना चाहूँगा। इस वैश्विक महामारी ने विश्व में हर प्रकार की व्यवस्था को प्रभावित किया है। और हमारे summit का यह डिजिटल स्वरूप इसी प्रकार के प्रभावों का एक उदाहरण है।

आपसे इस डिजिटल माध्यम से मिलकर मुझे ख़ुशी तो है ही, लेकिन थोड़ी निराशा भी है, क्योंकि हमें भारत में आपका गर्मजोशी से स्वागत करने का अवसर नहीं मिल पाया।पहले जनवरी में और फिर पिछले महीने हम आपकी भारत यात्रा का की प्रतीक्षा कर रहे थे, लेकिन दुर्भाग्यवश दोनों ही बार यात्रा स्थगित करनी पड़ी।हमारी आज की मुलाक़ात आपकी भारत यात्रा का स्थान नहीं ले सकती। एक मित्र के नाते, मेरा आपसे आग्रह है कि स्थिति सुधरने के बाद आप शीघ्र सपरिवार भारत यात्रा प्लान करें और हमारा आतिथ्य स्वीकार करें।

भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध विस्तृत होने के साथ-साथ गहरे भी हैं। और यह गहराई आती है हमारे shared values, shared interests, shared geography और shared objectives से।पिछले कुछ वर्षों में हमारे सहयोग और तालमेल में अच्छी गति आई हैं। यह सौभाग्य की बात है कि हमारे संबंधों की बागडोर का एक छोर आप जैसे सशक्त और visionary लीडर के हाथ में हैं।मेरा मानना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को और सशक्त करने के लिए यह perfect समय है, perfect मौक़ा है।

अपनी दोस्ती को और मज़बूत बनाने के लिए हमारे पास असीम संभावनाएँ हैं।ये संभावनाएँ अपने साथ challenges भी लाती हैं। Challenges कि किस तरह इस potential को वास्तविकता में translate किया जाए, ताकि दोनों देशों के नागरिकों, businesses, academics, researchers, इत्यादि के बीच links और मज़बूत बने। कैसे हमारे संबंध अपने क्षेत्र के लिए और विश्व के लिए एक factor of stability बनें, कैसे हम मिल कर global good के लिए कार्य करें, इन सभी पहलुओं पर विचार की आवश्यकता है।

समकालीन विश्व में देशों की एक दूसरे से अपेक्षाएँ, और हमारे नागरिकों की हमसे अपेक्षाएँ बढ़ गई हैं। Democratic values को share करने के नाते, हम दोनों देशों का कर्तव्य है कि इन अपेक्षाओं पर खरे उतरें।इसलिए, वैश्विक कल्याण के मूल्य, जैसे लोकतंत्र, Rule of Law, Freedom, Mutual Respect, International Institutions का सम्मान, और पारदर्शिता आदि को uphold करना, और protect करना हमारी sacred responsibility है। यह एक प्रकार से भविष्य के लिए हमारी धरोहर है।आज जब अलग-अलग प्रकार से इन values को challenge किया जा रहा है, तो हम आपसी सम्बन्धों को मजबूत कर के इन्हें सशक्त कर सकते हैं।

भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने सम्बन्धों को व्यापक तौर पर और तेज़ गति से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह न सिर्फ़ हमारे दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि Indo-Pacific क्षेत्र और विश्व के लिए भी आवश्यक है।मुझे प्रसन्नता है कि हमारे विभिन्न institutional dialogues हमारे संबंधों को और substance प्रदान कर रहें हैं। दोनों देशों के बीच निरंतर उच्च-स्तरीय exchanges भी हो रहें हैं। व्यापार और निवेश भी बढ़ रहा है।लेकिन मैं यह नहीं कहूँगा कि मैं इस गति से, इस विस्तार से संतुष्ट हूँ। जब आप जैसा लीडर हमारे मित्र देश का नेतृत्व कर रहा हो, तो हमारे संबंधों में विकास की गति का मापदंड भी ambitious होना चाहिए।मुझे बहुत प्रसन्नता है कि आज हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को Comprehensive Strategic Partnership के रूप में upgrade कर रहे हैं।

वैश्विक महामारी के इस काल में हमारी Comprehensive Strategic Partnership की भूमिका और महत्वपूर्ण रहेगी। विश्व को इस महामारी के आर्थिक और सामाजिक दुष्प्रभावों से जल्दी निकलने के लिए एक coordinated और collaborative approach की आवश्यकता है।

हमारी सरकार ने इस Crisis को एक Opportunity की तरह देखने का निर्णय लिया है। भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में व्यापक reforms की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। बहुत जल्द ही ग्राउंड लेवल पर इसके परिणाम देखने को मिलेंगे।इस कठिन समय में आपने ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय का, और ख़ास तौर पर भारतीय छात्रों का, जिस तरह ध्यान रखा है, उसके लिए मैं विशेष रूप से आभारी हूँ।