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PM Nrendra Modi लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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मंगलवार, 6 जुलाई 2021

तीरथ सिंह रावत, अनिल बलूनी संग जा सकते है केंद्रीय मंत्रिमंडल में सूत्रों के हवाले से पुख्ता खबर ।।web news।।

चुनावी मौसम में केंद्र दे सकता है उत्तराखण्ड को तोहफा

मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में उत्तराखण्ड को मिल सकता डबल तोहफा , कुछ दिनों के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह की सादगी व अनिल बलूनी की सक्रियता उत्तराखण्ड के लिए खुशखबरी बन सकती है ।

केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की खबरों के बीच सूत्रों ने बताया है कि हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले तीरथ सिंह रावत को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। सोमवार को पीएम मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह और BJP के संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ बैठक की है। तब से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा।
उत्तराखंड के पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत को केंद्र में राज्य मंत्री बनाया जा सकता है। 4 जुलाई को पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बने । चुनाव आयोग द्वारा COVID-19 की वजह से राज्य में उप-चुनाव नहीं कराया गया इसलिए तीरथ सिंह रावत को CM पद से इस्तीफा देना पड़ा था। लेकिन तीरथ सिंह रावत के लिए रावत गढ़वाल सीट से मौजूदा लोकसभा सांसद हैं।
सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी को भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। अटकलें लगाई जा रही हैं कि राज्यसभा सांसद को सूचना और प्रसारण या पर्यावरण विभाग आवंटित किया जा सकता है। उत्तराखंड के पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक के पहले से ही शिक्षा मंत्रालय के प्रभारी होने के कारण, यह माना जाता है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में अधिक नेताओं को प्रतिनिधित्व मिलेगा क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनाव बस कुछ ही महीने दूर हैं।

वीडियो देखे, योग दिवस विशेष : योग और संगीत


यह भी पढ़ें◆ चन्दन के वन में बारिश की बूंद बूंद बढ़ाएगी जल स्रोत ,पढिए विशेष रिपोर्ट ।।web news।।

सोमवार, 7 जून 2021

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात, जाने खबर ।।web news।।


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने देवभूमि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने के बाद आज पहली बार प्रधानमंत्री से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने देश में 18 वर्ष की आयु से ऊपर वाले समस्त भारतीयों का कोरोना टीकाकरण मुफ़्त किए जाने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया । 
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत देश के 80 करोड़ लोगों को नवम्बर मास तक निशुल्क खाद्यान्न देने के लिए भी मैंने प्रधानमंत्री जी को प्रदेशवासियों की ओर से धन्यवाद दिया । मैंने कोविड-19 से लड़ने हेतु राज्य को भारत सरकार की ओर से हर प्रकार की सहायता मिली है । राज्य में DRDO द्वारा 2 अस्पताल ऋषिकेश और हल्द्वानी में बनाये गये हैं, जिससे समस्त जनमानस को अत्यधिक लाभ मिला है । इसके लिए मैंने प्रदेशवासियों की ओर से माननीय प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने राज्य को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल-लाईन की सौगात देने के लिए भी माननीय प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री के अभूतपूर्व विज़न के फलस्वरूप राज्य के चार पवित्र धामों में सड़कों के निर्माण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है ।
प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच का ही परिणाम है कि श्री केदारनाथ धाम का भव्य रूप विकसित हो गया है एवं श्री बद्रीनाथ धाम के सम्बन्ध में भी रूपरेखा तैयार हो रही है। स्थिति सामान्य होने पर प्रधानमंत्री को बद्री-केदार डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लोकार्पण के लिए निमंत्रण मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने दिया ।
यह भी पढ़ेCorona update : आज 495, कोरोना संक्रमित हुए, 2335 लोग हुए ठीक,जाने जिलेवार रिपोर्ट ।।web news।।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से यह भी आग्रह किया है कि राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में ‘एम्स’ की स्थापना की जाए अथवा ऋषिकेश एम्स की एक शाखा वहां स्थापित की जाए।भारत सरकार ने राज्य को तीन डॉप्लर रडार की स्वीकृति दी है। आज उनके लिए आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से वैली हेतु 10 छोटे डाप्लर रडार उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया है ।
उत्तराखण्ड का पर्यावरण अत्यंत संवेदनशील है। अतः सम्पूर्ण हिमालयी क्षेत्र में हिमनद का अध्ययन तथा जल स्रोतों को सुरक्षित रखने के सम्बन्ध में सम्पूर्ण अध्ययन करने हेतु उत्तराखण्ड में ‘हिमनद व जल संसाधन शोध केन्द्र’ की स्थापना की जाए, इसका भी अनुरोध मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी से किया है ।

Dr Anil Joshi  का पर्यावरण दिवस पर सन्देश



PM Naredra Modi : देश को शाम 5:00 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन, जाने खबर ।।web news।।


देश के नाम प्रधानमंत्री का संबोधन आज शाम 5:00 बजे

आज श्याम 5:00 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करेंगे पीएमओ ने यह जानकारी ट्वीट करके दी। कयास लगाए जा रहे हैं कि अपने संबोधन में कोरोना के हालात पर बात कर सकते हैं प्रधानमंत्री, अनलॉक के बाद सावधानी बरतने की अपील कर सकते, वैक्सीनेशन कि बात कर सकते है साथ वैक्सिन वेस्टेज के बारे में जागरूक कर सकते है ।


आज शाम देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री बड़े राहत पैकेज की घोषणा भी कर सकते हैं यह कयास लगाए जा रहे हैं साथ ही अनलॉक के बाद सावधानी बरतने की अपील कर सकते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ।

Dr Anil Joshi  का पर्यावरण दिवस पर सन्देश


गुरुवार, 3 जून 2021

जाने खबर : आरिफ खान ने PM नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी ।।web news।।

बोर्ड परीक्षा फीस वापसी एवं ट्यूशन फीस निर्धारित करने को लेकर एनएपीएसआर ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र की अध्यक्षता मे बोर्ड परीक्षाओं को लेकर हुई बैठक मे इंटर की बोर्ड परीक्षाओं को निरस्त किये जाने को लेकर बच्चों को मानसिक और शारीरिक संकट से बचाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए एक पत्र लिखा है पत्र के द्वारा मांग की गई है कि भारत सरकार द्वारा सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा निरस्त होते ही निवेदन है कि जिस प्रकार आप की अध्यक्षता वाली बैठक में कोरोना काल के चलते बच्चों बच्चों की शारीरिक परेशानियों को देखते हुए बोर्ड परीक्षाओं को निरस्त कर छात्र-छात्राओं को शारीरिक संकट से बचाया गया है वह एक ऐतिहासिक निर्णय है ! इसके लिए हम भारतवर्ष के अभिभावक आपके आभारी हैं एवं सधन्यवाद आभार व्यक्त करते हुए अनुरोध करते हैं कि कृपया आप अपनी अध्यक्षता में एक और बैठक आहूत करते हुए सीबीएसई, आईसीएसई एवं समस्त राज्यों के शिक्षा बोर्ड के छात्रों से ली हुई हाई स्कूल और इंटर की करोड़ों रुपए बोर्ड परीक्षा शुल्क को वापस करने के निर्देश दिए जाएं वह सभी राज्यों को अपने-अपने राज्यों में निजी स्कूलों की ट्यूशन फीस निर्धारित व परिभाषित करने का निर्देश देते हुए अभिभावकों को अपने माध्यम से इस कोरोना काल में आर्थिक संकट से बचाने की कृपा करें हम भारत के संपूर्ण अभिभावक आपके आभारी रहेंगे ।

एनएपीएसआर अध्यक्ष आरिफ खान ने दी जानकारी

एनएपीएसआर के अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि हाई स्कूल एवं इंटर की बोर्ड परीक्षाएं रद्द होते ही संपूर्ण भारत के अभिभावकों द्वारा बोर्ड फीस वापस किये जाने की मांग उठने लगी थी जिसको लेकर सम्पूर्ण भारत मे एनएपीएसआर एवं अन्य अभिभावक संघों के प्रतिनिधियों द्वारा वर्चुअल मीटिंग की गई और यह निर्णय लिया गया कि चूंकि माननीय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता मे लिए गए फैसले सर्वमान्य होते हैं अतः बोर्ड फीस वापस करने एवं सभी राज्यों की राज्य सरकारों द्वारा ट्यूशन फीस निर्धारित, परिभाषित व निर्देशित करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को पत्र लिख कर मांग की जानी चाहिए । जिसके फलस्वरूप आज दिनांक 03/06/2021 एनएपीएसआर द्वारा एक मांग पत्र माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई जी को लिखा गया है । वर्चुअल मीटिंग मे उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ पंजाब एवं चंडीगढ़ व हरियाणा समेत अनेक राज्यों के अभिभावक संघ के प्रतिनिधियों ने शिरकत करी ।
◆◆ यह भी पढे :कोरोना काल में घर बैठे ऑनलाइन करे 'सुकन्या समृद्धि' बचत योजना से बेटियों का भविष्य सुरक्षित ।

वीडियो में देखे , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नन्हा समर्थन

सोमवार, 31 मई 2021

कोरोना काल में घर बैठे ऑनलाइन करे 'सुकन्या समृद्धि' बचत योजना से बेटियों का भविष्य सुरक्षित, पढे पूरी जानकारी ।। web news।।

सुकन्या-समृद्धि-योजना

जाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी सुकन्या समृद्धि योजना 

सुकन्या समृद्धि योजना 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ की गई । योजना के अंतर्गत बेटी के माता-पिता द्वारा बेटी के लिए बचत खाता पोस्ट ऑफिस (डाकघर) में या किसी भी राष्ट्रीय बैंक में खोल सकते हैं । 'सुकन्या समृद्धि' बचत योजना में बेटी की उम्र 10 साल होने से पहले न्यूनतम 250 रुपये से 15 साल के लिए खाता खुलवाया जा सकता है। इसकी पॉलिसी 21 साल बाद मैच्योर होती है। 

सुकन्या समृद्धि योजना में कैसे करना है निवेश?

इसमें 14 साल ही निवेश करना पड़ता है। इस योजना में निवेश का तीन गुना मुनाफा मिलता है। यह खाता देशभर में कहीं भी ट्रांसफर हो सकता है। योजना में अधिकतम डेढ़ लाख रुपये प्रतिवर्ष खाते में जमा कर सकते हैं। बेटी की उम्र 18 से 21 साल होने तक इसे जारी रख सकते हैं। पहले सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत 9.1 प्रतिशत की ब्याज दर थी, जो कि अब 7.6 फीसदी की ब्याज दर से ब्याज दिया गया है। 

एक उदाहरण से समझते है सुकन्या समृद्धि योजना 

मान लीजिए कि अगर आप 14 साल तक 1.5 लाख रुपये (12,500 रुपये महीने) सालाना का निवेश करते हैं, तो 15वें साल में 40 लाख रुपये की राशि इसमें हो जाएगी, इसके बाद 40 लाख रुपये अगर नहीं निकाला जाए, तो यह 21वें साल में बढ़कर 65 लाख रुपये हो जाएगी, जिसका आपकी बेटी अपने हिसाब से अपने सुनहरे भविष्‍य के लिए उपयोग कर सकती है। 
केंद्र सरकार की योजना होने की वजह से निवेश करने वालों के पैसों की पूरी सुरक्षा रहती है । अकाउंट में जमा किए गए पैसों पर इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत छूट भी मिलती है। 

कोरोना काल में घर बैठे ऑनलाइन कर कर सकते पैसा जमा

अगर आपने अपनी बेटी का सुकन्या समृद्धि अकाउंट पहले ही खोल रखा है और कोरोना की वजह से आप पोस्ट ऑफिस या बैंक जाकर उसमें पैसे नहीं जमा कर पा रहे हैं, तो आपको अब बिल्कुल भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। 

अब आप ये काम घर बैठे ऑनलाइन कर कर सकते हैं। 

◆सुकन्या समृद्धि अकाउंट में पैसा जमा करने के लिए सबसे पहले अपने बैंक खाते से आईपीपीबी खाते में पैसे जोड़े। 
◆अब डीओपी प्रोडक्‍ट पर जाएं, यहां आपको सुकन्या समृद्धि खाता दिखाई देगा, उसे सेलेक्ट करें। 
◆अब अपना एसएसवाई अकाउंट नंबर और फिर डीओपी कस्टमर आईडी भरें। 
◆अब किस्त की अवधि और राशि चुनें। इसके बाद प्रोसेस पूरा करते ही पैसे सुकन्या समृद्धि खाते में चले जाएंगे। 
◆आईपीपीबी पोस्ट ऑफिस का मोबाइल एप्लीकेशन आप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।
◆इसी प्रकार से आपको बैंक की साइट पर जाकर प्रयास करने हैं।

देखे वीडियो ,बाबा रामदेव ने फार्मा कंपनियों से पूछे 25 सवाल



शनिवार, 8 मई 2021

बड़ी खबर :DRDO ने कोरोना की दवा 2-DG बनाई, DGCI ने दी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी, पढे खबर ।।web news।।




2-deoxy-D-glucose 2 DG यही है कोरोना की दवा ।

पूरी दुनिया कोरोना की वैक्सीन बनाने और बांटने में लगी है इस बीच भारत के DRDO ने कमाल करते हुए कोरोना की दवा बना दी है जी हाँ आप सही पढ़ रहे बिल्कुल सही खबर भारत के DRDO ने कोरोना की दवाई बना दी है और मोदी सरकार ने इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी भी दे दी है । रक्षा मंत्रालय ने शनिवार यानी आज यह जानकारी दी है । रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत के औषधि महानियंत्रक ने डीआरडीओ द्वारा विकसित कोविडरोधी दवा को आपात इस्तेमाल के लिये मंजूरी दे दी है । इस दवा का नाम है 2 DG कोविड रोधी दवा का पूरा नाम है 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (drug 2-deoxy-D-glucose या 2-DG) जिसे डीआरडीओ द्वारा हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ मिलकर बनाया गया है ।

 

2-DG दवा को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने मंजूरी दी

देश में कोरोना वायरस के संक्रमितों के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने गंभीर कोविड -19 मरीजों के लिए एक सहायक चिकित्सा के रूप में दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) (drug 2-deoxy-D-glucose (2-DG) के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है । इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (INMAS), डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) की एक लैब ने डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज (Dr Reddy’s Laboratories) के साथ मिलकर ये दवा हैदराबाद में बनाई है ।

DRDO ने ट्वीट कर दी जनकारी

गुरुवार, 29 अप्रैल 2021

सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवाना ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।।web news।।

सेनाध्यक्ष ने कोविड प्रबंधन में मदद के लिए सेना द्वारा की जा रही विभिन्न पहलों पर चर्चा की।

जनरल एमएम नरवने ने पीएम को बताया कि सेना के मेडिकल स्टाफ को विभिन्न राज्य सरकारों को उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने पीएम को यह भी बताया कि सेना देश के विभिन्न हिस्सों में अस्थायी अस्पताल स्थापित कर रही है।

जनरल एमएम नरवने ने पीएम को अवगत कराया कि सेना जहां भी संभव हो नागरिकों के लिए अपने अस्पताल खोल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि नागरिक अपने नजदीकी सेना अस्पतालों का रुख कर सकते हैं। जनरल एमएम नरवने ने पीएम को सूचित किया कि सेना आयातित ऑक्सीजन टैंकरों और वाहनों के लिए जनशक्ति के साथ मदद कर रही है जहां उन्हें प्रबंधित करने के लिए विशेष कौशल की आवश्यकता होती है।





सोमवार, 19 अप्रैल 2021

वैक्सीन ब्रेकिंग : 1 मई से 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी लोग कोरोना वैक्सीन लगा सकेंगे ।।web news।।

1 मई से कोरोना वैक्सीनेशन फेज-3 में 18 वर्ष से ज्यादा सबके लिए वैक्सीन

कोरोना की दूसरी लहर में बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने वैक्सीनेशन पर बड़ा ऐलान किया है । 1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोग वैक्सीन लगवा सकेंगे । सरकार ने यह भी फैसला भी लिया है कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अपनी 50% सप्लाई केंद्र को करेंगी। बाकी 50% सप्लाई वे राज्य सरकारों को दे सकेंगी या उसे ओपन मार्केट में बेच सकेंगी। वैक्सीनेशन के लिए कोविड के जरिए रजिस्ट्रेशन पहले की तरह जरूरी रहेगा।

पीएम नरेंद्र मोदी की देश के शीर्ष डॉक्टरों के साथ विचार विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार पिछले एक साल से प्रयास कर रही है कि देश में ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को कम से कम समय में वैक्सीन दी जा सके। इस मीटिंग में घरेलू कंपनियों को वैक्सीन के अधिक उत्पादन के लिए प्रेरित करने की बात कही गई है। इसके अलावा अन्य भारतीय और विदेशी वैक्सीन्स को भी मंजूरी देने की बात शामिल है। 
अब तक 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को देशभर में कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही थी। देशभर में 12.38 करोड़ लोग वैक्सीन का पहला या दूसरा डोज ले चुके हैं। सरकार की ओर से सोमवार शाम को जारी आदेश के मुताबिक, नई पॉलिसी 1 मई 2021 से लागू की जाएगी और इसे जरूरत के मुताबिक रिव्यू भी किया जाएगा।

सोमवार, 1 मार्च 2021

बड़ी खबर : आज से दूसरे चरण की वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगवाई वैक्सीन।।web news।।

Pm-news

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से वैक्सीन लगवाने की अपील की ।

कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान का दूसरा चरण एक मार्च से शुरू हो गया । आज ही सुबह एम्स में सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीन लगवाई । पीएम मोदी सुबह-सुबह दिल्ली के एम्स अस्पताल पहुंचे और वैक्सीन की पहली खुराक ली पीएम मोदी का पहला डोज था, कुछ हफ्तों बाद इसका दूसरा डोज भी उन्हें दिया जायेगा । जब से कोरोना टीकाकरण शुरू हुआ था तभी से विपक्ष के निशाने पर पीएम थे कि बाकि देशों की तरह भारत में सबसे पहले वैक्सीन उन्होंने क्यों नहीं लगवाई । प्रधानमंत्री ने देशवासियों से वैक्सीन लगवाने की अपील भी की है. उन्होंने स्वयं ट्वीट करके यह जानकारी दी ।

गुरुवार, 10 दिसंबर 2020

खबर अभी अभी : संसद के नए भवन का शिलान्यास PM मोदी ने किया भूमि पूजन ।।web news।।




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये संसद भवन की नींव रखी

नए संसद भवन के निर्माण के लिए आज शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया , इंडिया गेट के पास सेंट्रल विस्टा कार्यक्रम के तहत बन रहे नए भवन का शिलान्यास किया , संसद का यह नया भवन 20,000 करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का एक अहम हिस्सा है, जिसमें राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैले 13.4 किमी लंबे राजपथ पर पड़ने वाले सरकारी भवनों के पुनर्निमाण या फिर पुनर्उद्धार किया जाना है।

जाने नये संसद भवन के बारे में 

◆ सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बन रही यह चार मंजिला बिल्डिंग 64,500 वर्ग मीटर में फैली होगी और इसे बनाने में कुल 971 करोड़ का खर्च आएगा ।
◆ संभावना है कि इसका निर्माण कार्य अगस्त, 2022 यानी देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस तक पूरा कर लिया जएगा ।
◆ प्रस्तावित संसद भवन में लोकसभा सदन में कुल 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, वहीं संयुक्त सत्र में इसे 1224 सदस्यों तक बढ़ाने का विकल्प भी रखा जाएगा । राज्यसभा के सदन में कुल 384 सदस्य बैठ सकेंगे और भविष्य को ध्यान में रखते हुए इसमें भी जगह बढ़ाने का विकल्प रखा जाएगा।
◆ संसद के हर सदस्य को श्रम शक्ति भवन में एक 40 वर्ग मीटर का ऑफिस स्पेस दिया जाएगा । इस भवन का निर्माण 2024 तक पूरा हो जाएगा।यह नया भवन देश के गौरवशाली इतिहास की झलकियां भी दिखाएगा, जिसमें देशभर के कलाकारों और शिल्पकारों का योगदान होगा ।
◆ नया भवन संसाधन-कुशल हरित प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगा, पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देगा, रोजगार के अवसरों का सृजन करेगा और आर्थिक मजबूती को बढ़ाएगा ।इसमें  उच्च गुणवत्ता वाली ध्वनि प्रणाली और दृश्य-श्रव्य सुविधाएं, बैठने के लिए बेहतर एवं आरामदायक व्यवस्था,  प्रभावी एवं समावेशी आपातकालीन सुविधाएं होंगी। 




मंगलवार, 29 सितंबर 2020

Namami Gange : प्रधानमंत्री ने नामामि गंगे के अंतर्गत 6 परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया, ।।web news।।


प्रधानमंत्री ने "जल जीवन मिशन" में 1 रूपए में कनेक्शन के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की सराहना की।

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखण्ड में ₹521 करोड़ की परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं के शुरू होने से उत्तराखण्ड से अब प्रतिदिन 15.2 करोड़ लीटर दूषित पानी गंगा नदी में नहीं बहेगा। लोकार्पित किए गए प्रोजेक्ट में जगजीतपुर हरिद्वार में 230 करोड़ रूपये की लागत से बना 68 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, 20 करोड़ की लागत से बना 27 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी, सराय हरिद्वार में 13 करोड़ की लागत से बना 18 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी, चंडी घाट हरिद्वार में गंगा के संरक्षण और जैव विविधता को प्रदर्शित करता ‘गंगा संग्रहालय’, लक्कड़ घाट, ऋषिकेश में 158 करोड़ की लागत से बना 26 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, चंदे्रश्वर नगर-मुनि की रेती में 41 करोड़ की लागत से बना 7.5 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, चोरपानी, मुनि की रेती में 39 करोड़ की लागत से बना 5 एमएलडी क्षमता का एसटीपी और बद्रीनाथ में 19 करोड़ की लागत से बना 1.01 एमएलडी क्षमता का एसटीपी शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने रोविंग डाउन द गंगेज (rowing down the ganges) व ग्राम पंचायतों और पानी समितियों के लिए बनाइ्र गई मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया। उन्होंने जल जीवन मिशन के लोगो (प्रतीक चिह्न) का भी अनावरण किया।

नई सोच व नई एप्रोच से नमामि गंगे में मिली सफलता।

प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्डवासियों को बधाई देते हुए कहा कि मां गंगा हमारे सांस्कृतिक वैभव और आस्था से तो जुड़ी ही है, साथ ही लगभग आधी आबादी को आर्थिक रूप से समृद्ध भी करती है। नमामि गंगे मिशन, नई सोच और नई एप्रोच के साथ शुरू किया गया। यह देश का सबसे बडा नदी संरक्षण अभियान है। इसमें समन्वित रूप से काम किए गए। गंगा जी में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए एसटीपी का निर्माण किया गया या किया जा रहा है, अगले 15 वर्षों की आवश्यकता के अनुसार एसटीपी कीे क्षमता रखी गई, गंगा के किनारे लगभग 100 शहरों और 5 हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया गया है और गंगा की सहायक नदियों को भी प्रदूषण से मुक्त रखने का काम किया जा रहा है।

उत्तराखण्ड में 6 साल में सीवरेज ट्रीटमेंट क्षमता चार गुना हुई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में नमामि गंगे के अंतर्गत लगभग सभी प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं। राज्य में 6 साल में सीवेज ट्रीटमेंट की क्षमता को 4 गुना कर दिया गया है। लगभग सभी नालों को टैप कर दिया गया है। इनमें चंदे्रश्वर नाला भी शामिल है। यहां देश का पहला 4 मंजिला एसटीपी शुरू हो चुका है। अगले वर्ष हरिद्वार कुम्भ मेले में श्रद्धालु गंगा की निर्मलता का अनुभव लेंगे। सैकड़ों घाटों का सौंदर्यीकरण किया गया है। साथ ही रिवर फ्रंट भी बनकर तैयार है। गंगा म्यूजियम से हरिद्वार आने वाले लोग गंगा से जुड़ी विरासत को समझ पाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा के निकटवर्ती पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर फोकस किया जा रहा है। यहां जैविक खेती और औषधीय पौधों की खेती की योजना है। आर्गेनिक फार्मिंग काॅरिडोर विकसित किया जा रहा है। मिशन डाॅल्फिन से डाॅल्फिन संवर्धन में मदद मिलेगी।

जल जीवन मिशन में उत्तराखण्ड सरकार एक कदम आगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी की महत्ता को माता-बहनों से अधिक कौन समझ सकता है। हमने जल से जुड़े मंत्रालयों को एक कर जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया। जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल से जल का लक्ष्य लिया गया है। मा० मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार एक कदम और आगे बढ़ी है। उन्होंने केवल ₹1 में पानी का कनेक्शन देने का बीड़ा उठाया है। वर्ष 2022 तक हर घर नल से जल देने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तराखण्ड में कोरोना काल में भी पिछले 4-5 माह में 50 हजार परिवारों को पानी का कनेक्शन दिया गया है जो कि उत्तराखण्ड सरकार के संकल्प को दर्शाता है।

सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल के लिए 2 अक्टूबर से अभियान।

जल जीवन मिशन ने गांवों में पानी की समस्या से मुक्त करने का अवसर दिया है। 2 अक्टूबर से जल जीवन मिशन के तहत अभियान चलाकर 100 दिनों में सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल सुनिश्चित किया जाएगा। वर्ष 2014 के बाद देश हित में बहुत से बड़े काम किए गए। इनमें कृषि विधेयक, डिजीटल इण्डिया, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन शामिल हैं। वन रैंक वन पेंशन से उत्तराखण्ड के एक लाख से अधिक पूर्व सैनिक लाभान्वित हुए हैं। सर्जिकल स्ट्राइक से आतंकवाद को चोट पहुंचाई गई। राफेल से वायुसेना की ताकत काफी बढ़ी है। सरदार पटेल की मूर्ति राष्ट्रीय एकता और अखण्डता की प्रतीक है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से सारी दुनिया योग के महत्व से परिचित हुई। अयोध्या में रामजन्म भूमि मंदिर का भूमि पूजन किया गया। देश को ताकतवार बनाने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया गया है।

गंगा किनारे जैविक खेती और औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहन।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के चिन्हित 16 नगरों हेतु स्वीकृत 19 योजनाओं में से 15 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। शेष कुम्भ से पहले पूरी हो जाएंगी। प्राथमिकता के इन नगरों में चिन्हित किए गए 135 नालों में से 128 टैप किए गए हैं शेष को कुम्भ से पहले टैप कर लिया जाएगा। गंगा किनारे उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न स्थानों पर 21 स्नान घाटों जिसमें भव्य चंडी घाट भी शामिल है और 23 मोक्षधामों का निर्माण किया गया है। गंगा नदी के कैचमेंट एरिया में जो कार्य कराए गए हैं, उनका लाभ आने वाले समय में अवश्य मिलेगा। गंगा के दोनों किनारों पर 5 से 7 किलोमीटर के क्षेत्र में जैविक खेती को विकसित करते हुए स्थाई कृषि प्रथाओं को भी नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत प्रोत्साहन दिया जा रहा है। नमामि गंगे कार्यक्रम में निर्मित एसटीपी से निकलने वाले शोधित जल को भी कृषकों को सिंचाई हेतु उपलब्ध कराया जा रहा है। गंगा जी की निर्मलता और अविरलता के लिए प्रधानमंत्री जी के भगीरथ प्रयासों के परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। यहां तक की गंगा मे डाल्फिन और महाशिर मछलियां भी पुनः दिखने लगी हैं। गंगा के किनारे आर्गेनिक खेती व औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

हरिद्वार कुम्भ में गंगा का जल आचमन योग्य।

मा० केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि जल संचय व जल संरक्षण को लेकर जनचेतना का संचार हुआ है। यह आंदोलन जन जन का विषय बनने लगा है। वर्ष 2014 से नमामि गंगे एक मिशन मोड में काम कर रहा है। इसके लिए पर्याप्त बजट की व्यवस्था की गई। समन्वित एप्रोच पर काम किया गया। गंगा प्रवाह क्षेत्र में 315 परियोजनाएं अभी तक इसमें ली गई हैं। कुल 28854 करोड़ की स्वीकृति दी जा चुकी है। इनमें से 9 हजार करोड़ की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इनके स्पष्ट परिणाम भी दिखाई देने लगे हैं। हाईब्रिड एन्यूटी प्रणाली अपनाई गई है। गंगा प्रहरी और अनेक संगठनों के माध्यम से नमामि गंगे को जन अभियान बनाया गया है। गंगा की शुचिता के साथ ही अविरलता पर भी ध्यान दिया गया है। इसके लिए ई-फ्लो अधिसूचना जारी की गई। अगले वर्ष हरिद्वार में कुम्भ मेले के समय गंगा जल आचमन योग्य होगा। रिसाईकिल पानी को रियूज करने का भी प्रयास किया जा रहा है। गंगा की सहायक नदियों पर भी प्रभावी काम कर रहे हैं।

बुधवार, 19 अगस्त 2020

एनआरए : सरकारी नौकरियों पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, पढे पूरी खबर ।।web news।।


मंत्रिमंडल ने सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी) आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तनकारी सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के गठन को अपनी स्वीकृति दे दी।

भर्ती सुधार-युवाओं के लिए एक वरदान

वर्तमान में, सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्‍मीदवारों को पात्रता की समान शर्तें निर्धारित किए गए विभिन्‍न पदों के लिए अलग-अलग भर्ती एजेंसियों द्वारा संचालित की जाने वाली भिन्न-भिन्न परीक्षाओं में सम्मिलित होना पड़ता है। उम्‍मीदवारों को भिन्‍न-भिन्‍न भर्ती एजेंसियों को शुल्‍क का भुगतान करना पड़ता है और इन परीक्षाओं में भाग लेने के लिए लंबी दूरियां तय करनी पड़ती है। ये अलग-अलग भर्ती परीक्षाएं उम्‍मीदवारों के साथ-साथ संबंधित भर्ती एजेंसियों पर भी बोझ होती हैं, जिसमें परिहार्य/बार-बार होने वाला खर्च, कानून और व्यवस्था/सुरक्षा संबंधी मुद्दे और परीक्षा केन्द्रों संबंधी समस्याएं शामिल हैं। औसतन, इन परीक्षाओं में अलग से 2.5 करोड़ से 3 करोड़ उम्मीदवार शामिल होते हैं। ये उम्मीदवार एक सामान्य योग्यता परीक्षा में केवल एक बार शामिल होंगे तथा उच्च स्तर की परीक्षा के लिए किसी या इन सभी भर्ती एजेंसियों में आवेदन कर पाएंगे।

राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए)

राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) नामक एक बहु-एजेंसी निकाय द्वारा समूह ख और ग (गैर-तकनीकी) पदों के लिए उम्‍मीदवारों की स्‍क्रीनिंग/शॉर्टलिस्‍ट करने हेतु सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी) को शुरू किए जाने का प्रस्ताव किया गया है। एनआरए एक बहु-एजेंसी निकाय होगी जिसकी शासी निकाय में रेलवे मंत्रालय, वित्त मंत्रालय/वित्तीय सेवा विभाग, एसएससी, आरआरबी तथा आईबीपीएस के प्रतिनिधि शामिल होंगे। एक विशेषज्ञ निकाय के रूप में एनआरए केन्द्र सरकार की भर्ती के क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का पालन करेगी।

परीक्षा केन्द्रों तक पहुंच

देश के प्रत्येक जिले में परीक्षा केन्द्रों से दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले उम्मीदवारों तक पहुंच में काफी आसानी हो जाएगी। 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा संरचना बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जिससे आगे चलकर उम्मीदवारों को अपने निवास स्थान के निकट परीक्षा केन्द्रों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। लागत, प्रयास, सुरक्षा के संबंध में इसके लाभ काफी व्यापक होंगे। इस प्रस्ताव से ग्रामीण उम्मीदवारों तक न केवल आसानी से पहुंच हो पाएगी और इससे दूर-दराज के क्षेत्र में रहने वाले उम्मीदवार भी परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित होंगे और इस प्रकार भविष्य में केन्द्र सरकार की नौकरियों में उनके प्रतिनिधित्व को बढ़ावा मिलेगा। रोजगार के अवसरों को लोगों तक पहुंचाना एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे युवाओं की जिंदगी और आसन हो जाएगी।

गरीब उम्मीदवारों को बड़ी राहत

वर्तमान में, उम्मीदवारों को बहु-एजेंसियों द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न परीक्षाओं में भाग लेना होता है। परीक्षा शुल्क के अतिरिक्त उम्मीदवारो को यात्रा, रहने-ठहरने और अन्य पर अतिरिक्त व्यय करना पड़ता है। सीईटी जैसी एकल परीक्षा से काफी हद तक उम्मीदवारों पर वित्तीय बोझ कम होगा।

महिला उम्मीदवारों को काफी लाभ होगा

महिला उम्मीदवारों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली महिला उम्मीदवारों, को भिन्न-भिन्न परीक्षाओं में शामिल होने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि उन्हें बहुत दूर वाले स्थानों में परिवहन और ठहरने की व्यवस्था करनी होती है। कभी-कभी उन्हें इन दूरस्थ स्थानों पर स्थित इन केन्द्रों तक पहुंचने के लिए उपयुक्त व्यक्ति को ढूंढना पड़ता है। प्रत्येक जिले में परीक्षा केन्द्रों की अवस्थिति से सामान्य तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के उम्मीदवारों तथा विशेष रूप से महिला उम्मीदवारों को अधिक लाभ होगा।

ग्रामीण क्षेत्र के उम्मीदवारों को लाभ

वित्तीय और अन्य कठिनाइयों को देखते हुए, ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले उम्मीदवारों को यह चयन करना पड़ता है कि वह किस परीक्षा में भाग लेंगे। एनआरए के तहत, एक परीक्षा में शामिल होने से उम्मीदवारों को कई पदों के लिए प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा। एनआरए प्रथम स्तर/टियर-I परीक्षा का संचालन करेगा जो कई अन्य चयनों के लिए प्रारंभिक परीक्षा होगी।

सीईटी स्कोर 3 वर्षों के लिए वैध होगा, अवसरों की संख्‍या पर कोई सीमा नहीं होगी

उम्‍मीदवारों द्वारा सीईटी में प्राप्‍त स्कोर परिणाम घोषित होने की तिथि से 3 वर्षों की अवधि के लिए वैध होंगे। वैध उपलब्ध अंकों में से सबसे उच्चतम स्कोर को उम्‍मीदवार का वर्तमान अंक माना जाएगा। सामान्य योग्यता परीक्षा ऊपरी आयु सीमा के अध्यधीन होगी उम्‍मीदवारों द्वारा सीईटी में भाग लेने के लिए अवसरों की संख्‍या पर कोई सीमा नहीं होगी। सरकार की मौजूदा नीति के अनुसार अजा/अजजा/अपिव तथा अन्‍य श्रेणियों के उम्‍मीदवारों को ऊपरी आयु-सीमा में छूट दी जाएगी। यह उन उम्मीदवारों के लिए जो प्रति वर्ष इन परीक्षाओं में भाग लेने तथा इसकी तैयारी में लगने वाले महत्वपूर्ण समय, धन और प्रयासों की कठिनाई को बहुत हद तक समाप्त करेगा।

हाईलाइट्स


◆मंत्रिमंडल द्वारा केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तनकारी सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के गठन का अनुमोदन
◆एनआरए: कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्डों (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रथम स्तर की परीक्षा को एक साथ सम्मिलित करने के लिए एक बहु-एजेंसी निकाय
◆एसएससी, आरआरबी और आईबीपीएस के लिए पहले स्तर पर उम्मीदवारों की जांच (स्क्रीनिंग) करने के लिए सामान्य योग्‍यता परीक्षा (सीईटी)
◆सीईटी: एक पथ प्रवर्तक सुधार के रूप में स्नातक, उच्च माध्यमिक (12वीं उत्तीर्ण) और मैट्रिक (10वीं उत्तीर्ण) उम्मीदवारों के लिए कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी)
हर जिले में सीईटी: ग्रामीण युवाओं, महिलाओं और वंचित उम्मीदवारों तक पहुंच अब आसान
◆सीईटी: आकांक्षी जिलों में परीक्षा केंद्रों तक पहुंच बनाने पर सरकार का फोकस
◆सीईटी: एकसमान परिवर्तनकारी भर्ती प्रक्रिया
सीईटी; परीक्षाओं की बहुलता समाप्त
एनआरए द्वारा सीईटी: कदाचार को समाप्त करने के लिए आईसीटी का मजबूत उपयोग
सीईटी: पात्र उम्मीदवारों की प्रथम चरण की स्क्रीनिं
◆भर्ती चक्र को कम करने के लिए सीईटी
◆एनआरए ग्रामीण युवाओं के लिए मॉक टेस्ट आयोजित करेगा
◆एनआरए मॉक टेस्ट आयोजित करेगा, 24x7 हेल्पलाइन और शिकायत निवारण पोर्टल शुरू करेगा

मानक परीक्षाएं


एनआरए द्वारा गैर-तकनीकी पदों के लिए स्नातक, उच्च माध्यमिक (12वीं पास) और मैट्रिक (10वीं पास) वाले उम्‍मीदवारों के लिए अलग से सीईटी का संचालन किया जाएगा,  जिसके लिए वर्तमान में कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा भर्ती की जाती है। सीईटी के अंक स्‍तर पर की गई स्‍क्रीनिंग के आधार पर, भर्ती के लिए अंतिम चयन पृथक विशे‍षीकृत टियर (II, III इत्यादि) परीक्षा के माध्‍यम से किया जाएगा जिसे संबंधित भर्ती एजेंसी द्वारा संचालित किया जाएगा। इन परीक्षाओं का पाठ्यक्रम सामान्य होने के साथ-साथ मानक भी होगा। यह उन उम्मीदवारों के बोझ को कम करेगा, जो वर्तमान में प्रत्येक परीक्षा के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम के अनुसार अलग-अलग पाठ्यक्रमों की तैयारियां करते हैं।

परीक्षाओं की समय-सारणी एवं केन्द्रों का चुनाव

उम्मीदवारों के पास एक ही पोर्टल पर पंजीकृत होने की तथा परीक्षा केन्द्रों के लिए अपनी पसंद व्यक्त करने की सुविधा होगी। उपलब्धता के आधार पर उन्हें परीक्षा केन्द्र आवंटित किए जाएंगे। इसका अंतिम उद्देश्य उस व्यवस्था तक पहुंचना है जहां उम्मीदवार अपनी पसंद के परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा की समय-सारणी तय कर सकते हैं।

एनआरए द्वारा सहायक गतिविधियां

अनेक भाषाएं

सीईटी अनेक भाषाओं में उपलब्ध होगा। यह देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों को परीक्षा में बैठने और चयनित होने के समान अवसर को प्राप्त करने को सुविधाजनक बनाएगा।

प्राप्तांक- अनेक भर्ती एजेंसियों तक पहुंच

शुरुआत में अंकों का उपयोग तीन प्रमुख भर्ती एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। तथापि, कुछ समयान्तराल पर यह अपेक्षित है कि केन्द्र सरकार की अन्य भर्ती एजेंसियां इसे अपना लेगी। इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की अन्य एजेंसियों को यह छूट होगी कि यदि वे चाहे तो इसे अपना सकती हैं। इस प्रकार, दीर्घकाल में सीईटी के प्राप्तांक को केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा निजी क्षेत्र की अन्य भर्ती एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है। इससे ऐसे संगठनों को भर्ती पर लगने वाली लागत और समय की बचत करने में सहायता होगी।

भर्ती चक्र को कम करना

एकल पात्रता परीक्षा भर्ती चक्र को महत्वपूर्ण रूप से कम करेगी। कुछ विभागों ने सीईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर शारीरिक परीक्षा एवं चिकित्सीय परीक्षण के साथ भर्ती करने तथा भर्ती के लिए किसी भी द्वितीय चरण की परीक्षाओं को समाप्त करने का संकेत किया है। यह बृहद रूप से भर्ती प्रक्रिया को कम करेगा तथा इससे युवाओं के एक बड़े वर्ग को लाभ पहुंचेगा।

वित्तीय परिव्यय

सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के लिए 1517.57 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। इस व्यय को तीन वर्षों की अवधि में किया जाएगाI एनआरए की स्थापना के अलावा, 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा अवसंरचना को स्थापित करने के लिए भी लागत लगेगी।










बुधवार, 15 जुलाई 2020

Kedarnath News : ॐ नमः शिवाय के मंत्र से गूंजेगा केदार पथ , पढे पूरी खबर ।।web news।।


प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से केदार पथ के लिए दिए दिशा निर्देश ।

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से केदारनाथ में चल रहे निर्माण कार्यों के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि केदारनाथ के यात्रा मार्ग पर जो कार्य किये जायेंगे, उसमें स्थानीय स्थापत्य कला का विशेष ध्यान रखा जाय। केदारनाथ जाने वाले पैदल यात्रामार्ग को इस तरह विकसित किया जाय कि श्रद्धालुओं को श्रद्धा एवं आध्यात्म के साथ ही केदारनाथ की पौराणिक एवं ऐतिहासिक ज्ञान वर्द्धक जानकारियों का समावेश हो। पैदल यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए रूकने के लिए व्यवस्था हो इसके लिए आश्रय बनाये जाय। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पैदल यात्रा मार्ग के समीप घोड़ों के लिए एक नियत स्थान बनाया जाय। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि श्री केदारनाथ के पैदल मार्ग एवं पर्वतीय क्षेत्र की व्यावहारिक दिक्कतों को ध्यान में रखकर कार्ययोजना बनाई जाय। 


मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर आध्यात्मिक वातावरण एवं स्थानीय स्थापत्य कला के साथ ही केदारनाथ से जुड़ी वैदिक साहित्य, माहाकाव्यों, केदारखण्ड एवं पाण्डुलिपियों में वर्णित जानकारियों का समावेश किया जायेगा। उन्होंने सुझाव दिया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर ‘‘ॐ नमः शिवाय’’ की ध्वनि की व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बद्रीनाथ का मास्टर प्लान तैयार है, इसके प्रस्तुतिकरण हेतु उन्होंने प्रधानमंत्री से समय देने का अनुरोध किया।

शुक्रवार, 3 जुलाई 2020

Breaking News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे लेह, पढे पूरी खबर ।।Web News।।



PM नरेंद्र मोदी का अचानक लेह दौरा।

आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का लेह-लद्धाख का दौरा था जो कल ही कैंसिल हो गया था इसी बीच सुबह सुबह लेह पहुँचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबको चौंका दिया, सुरक्षा दृष्टि एवं सीमा पर तनातनी के बीच प्रधानमंत्री जा यह दौरा अहम माना जा रहा है ।

LAC विवाद के बीच सुबह 7 बजे लेह पहुंचे, जवानों से मिल रहे है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इस अहम दौरे में 14 कोर के अधिकारियों से बातचीत कर सकते है साथ ही गलवान घाटी में घयल जवानो से मिलने के कयास लगाए जा रहे है ।

लेह के अचानक इस अहम माने जा रहे जा दौरे में CDS बिपिन रावत भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है, सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे है CDS बिपिन रावत और PM प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ।

तनाव के वक़्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लेह यात्रा चीन को एक सीधा और सख्त सन्देश है कि वो भारत को कमजोर समझने की भूल न करे । पिछले दिनों ही भारत सरकार 59 चाइनीज ऐप्स को बैन किया है जिसपर चीनी मीडिया में काफी तीखी प्रतिक्रिया आई है । हालाँकि पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान गलवान घाटी जाने की संभावना बेहद कम है क्योंकि गलवान की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी नहीं है कि पीएम मोदी सीधे वहां जा कर लैंड कर सके वो काफी ऊंचाई वाला इलाका है ।

मंगलवार, 30 जून 2020

Pm message : प्रधानमंत्री का देश के नाम सम्बोधन, पढ़िए पूरा संदेश ।।web news।।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना वीडियो संदेश


मेरे प्रिय देशवासियों,  नमस्कार !  कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ते हुए अब हम Unlock-Two में प्रवेश कर रहे हैं। और  हम उस मौसम में भी प्रवेश कर रहे हैं जहां सर्दी-जुखाम,  खांसी-बुखार ये सारे न जाने क्या क्या होता है , की मामले बढ़ जाते हैं।  ऐसे में,  मेरी आप सभी देशवासियों से प्रार्थना है कि ऐसे समय में अपना ध्यान रखिए।
साथियों,  ये बात सही है कि अगर कोरोना से होने वाली मृत्यु दर को देखें तो दुनिया के अनेक देशों की  तुलना में भारत संभली हुई स्थिति में है।  समय पर किए गए लॉकडाउन और अन्य फैसलों ने भारत में लाखों लोगों का जीवन बचाया है।  लेकिन हम ये भी  देख रहे हैं कि  जब से देश में  Unlock-One  हुआ है,  व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार में लापरवाही भी  बढती ही चली जा रही है ।  पहले हम मास्क को लेकर,  दो गज की दूरी को लेकर,  20 सेकेंड तक दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क थे।  लेकिन आज,  जब हमें ज्यादा सतर्कता की जरूरत है,  तो लापरवाही बढ़ना,  चिंता का कारण है।  
साथियों,  लॉकडाउन के दौरान बहुत गंभीरता से नियमों का पालन किया गया था।  अब सरकारों को,   स्थानीय निकाय की संस्थाओं को,   देश के नागरिकों को,   फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है।  विशेषकर  कन्टेनमेंट जोंस पर हमें बहुत ध्यान देना होगा।  जो भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे,  हमें उन्हें टोकना होगा,  रोकना होगा और समझाना भी होगा।   अभी आपने खबरों में देखा होगा,  एक देश के प्रधानमंत्री पर  13 हजार रुपए का जुर्माना इसलिए लग गया, क्योंकि वो सार्वजनिक जगह पर बिना मास्क पहने गए थे।  भारत में भी  स्थानीय प्रशासन को इसी चुस्ती से काम करना चाहिए।   ये 130 करोड़ देशवासियों के जीवन की रक्षा करने का अभियान है।  भारत में गांव का प्रधान हो या  देश का प्रधानमंत्री,  कोई भी नियमों से ऊपर नहीं है।
साथियों,  लॉकडाउन के दौरान देश की  सर्वोच्च प्राथमिकता रही,  कि ऐसी स्थिति न आए कि किसी गरीब के घर में चूल्हा न जले।  केंद्र सरकार हो,   राज्य सरकारें हों,  सिविल सोसायटी के लोग हों,   सभी ने पूरा प्रयास किया कि इतने बड़े देश में हमारा कोई गरीब भाई-बहन भूखा न सोए।  देश हो या व्यक्ति,  समय पर फैसले लेने से,  संवेदनशीलता से फैसले लेने से,  किसी भी संकट का मुकाबला करने की शक्ति बढ़ जाती है।  इसलिए,  लॉकडाउन होते ही सरकार,  प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लेकर आई।  इस योजना के तहत गरीबों के लिए पौने दो लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया।
साथियों,  बीते तीन महीनों में  20 करोड़ गरीब परिवारों के  जनधन खातों में सीधे  31 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं।   इस दौरान  9 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में  18 हजार करोड़ रुपए जमा हुए हैं।  इसके साथ ही,  गांवों में श्रमिकों को रोजगार देने के लिए, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान तेज गति से आरम्भ कर दिया गया है।  इस पर सरकार  50 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही है।  लेकिन
साथियों, एक और बड़ी बात है जिसने दुनिया को भी हैरान किया है, आश्चर्य में डुबो दिया है।  वो ये कि कोरोना से लड़ते हुए भारत में, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को  3 महीने का राशन,  यानि परिवार के हर सदस्य को  5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया गया।   इसके अतिरिक्त प्रति परिवार हर महीने एक किलो दाल भी मुफ्त दी गई।  यानि एक तरह से देखें तो,   अमेरिका की कुल जनसंख्या से ढाई गुना अधिक लोगों को,   ब्रिटेन की जनसंख्या से 12 गुना अधिक लोगों को,   और  यूरोपियन यूनियन की आबादी से लगभग दोगुने से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार ने मुफ्त अनाज दिया है।
साथियों,   आज मैं इसी से जुड़ी एक महत्वपूर्ण घोषणा करने जा रहा हूं।
साथियों,  हमारे यहां वर्षा ऋतु के दौरान और उसके बाद मुख्य तौर पर एग्रीकल्चर सेक्टर में ही ज्यादा काम होता है।  अन्य दूसरे सेक्टरों में थोड़ी सुस्ती रहती है।  जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का भी माहौल बनने लगता है।   अभी  5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है,  फिर सावन शुरू हो रहा है।  फिर 15 अगस्त आएगी , रक्षाबंधन आएगा,  श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आएगी,  गणेश चतुर्थी आएगी,  ओणम होगा।  और आगे जाएं तो काटी बीहू है, नवरात्रि है,   दुर्गापूजा है,   दशहरा है,   दीपावली है,   छठी मइया की पूजा है।  त्योहारों का ये समय,  जरूरतें भी बढ़ाता है,  खर्चे भी बढ़ाता है।  इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक,  यानि नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाए।  यानि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली ये योजना, अब  जुलाई- अगस्त- सितंबर- अक्टूबर- नवंबर में भी लागू रहेगी।  सरकार द्वारा इन  5 महीनों के लिए,  80 करोड़ से ज्यादा गरीब भाई-बहनों को हर महीने,  परिवार के हर  सदस्य को  5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त मुहैया कराया जाएगा।  और साथ ही प्रत्येक परिवार को हर महीने एक किलो चना भी मुफ्त दिया जाएगा।
साथियों,  प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के इस विस्तार में  90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे।  अगर इसमें पिछले तीन महीने का खर्च भी जोड़ दें तो ये  करीब-करीब  डेढ़ लाख करोड़ रुपए हो जाता है।  अब पूरे भारत के लिए हमने एक सपना देखा है , कई राज्यों ने तो बहुत अच्छा काम भी किया है |बाकी राज्यों से भी हम आग्रह कर रहे हैं की इस काम को आगे बढ़ाएं, काम क्या है ? अब पूरे भारत के लिए एक  राशन-कार्ड की व्यवस्था भी हो रही है यानि  एक राष्ट्र,  एक राशन कार्ड one nation one ration card।  इसका सबसे बड़ा लाभ उन गरीब साथियों को मिलेगा,  जो रोज़गार या दूसरी आवश्यकताओं के लिए अपना गाँव छोड़कर के कहीं और जाते हैं किसी और राज्य में जाते हैं।
साथियों, आज गरीब को,  ज़रूरतमंद को,  सरकार अगर मुफ्त अनाज दे पा रही है तो इसका श्रेय दो वर्गों को जाता है।  पहला-  हमारे देश के मेहनती किसान,  हमारे अन्नदाता।  और दूसरा-  हमारे देश के ईमानदार टैक्सपेयर।  आपका परिश्रम,  आपका समर्पण ही है,  जिसकी वजह से देश ये मदद कर पा रहा है।  आपने देश का अन्न भंडार भरा है, इसलिए आज गरीब का,  श्रमिक का चूल्हा  जल रहा है।   आपने ईमानदारी से टैक्स भरा है,  अपना दायित्व निभाया है,  इसलिए आज देश का गरीब,  इतने बड़े संकट से मुकाबला कर पा रहा है।   मैं आज हर गरीब के साथ ही,  देश के हर किसान,  हर टैक्सपेयर का ह्रदय से बहुत बहुत अभिनंदन करता हूं, उन्हें नमन करता हूं।
साथियों,  आने वाले समय में हम अपने प्रयासों को और तेज करेंगे।  हम गरीब,  पीड़ित,  शोषित-वंचित हर किसी को सशक्त करने के लिए निरंतर काम करेंगे।   हम सारी एहतियात बरतते हुए Economic Activities को और आगे बढ़ाएंगे।  हम आत्मनिर्भर  भारत के लिए  दिन रात एक करेंगे।  हम सब लोकल के लिए वोकल होंगे।  इसी संकल्प के साथ हम  130 करोड़ देशवासियों को मिलजुल कर के, संकल्प के साथ काम भी करना है, आगे भी बढ़ना है ।

फिर से एक बार मैं आप सब से प्रार्थना करता हूँ, आपके लिए भी प्रार्थना करता हूँ, आपसे आग्रह भी करता हूँ , आप सभी स्वस्थ रहिए,  दो गज की दूरी का पालन करते रहिए, गमछा , फेस कवर  मास्क ये हमेशा उपयोग कीजिये कोई लापरवाही मत बरतिए|  इसी आग्रह,   इसी कामना के साथ आप  सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं !
धन्यवाद

Pm Modi: आज प्रधानमंत्री करेंगे देश को सम्बोधित, जाने किस बात की लगाई जा रही है अटकलें।।web news।।


आज शाम पीएम मोदी करेंगे देश को संबोधित


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार शाम को देश को संबोधित करेंगे, पीएम मोदी 30 जून को शाम 4 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे । देश भर में एक तरफ जहां कोरोना वायरस के आंकड़े तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ गलवाना घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद चीन के साथ तनाव बरकरार है । ऐसे में पीएम मोदी का मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन काफी अहम माना जा रहा है ।


कोविड 19 बढ़ते मामले और चीनी से सीमा विवाद कर सकते है बड़ा फैसला

पीएम मोदी के सम्बोधन से पहले अटकलें लगाना तेज हो गयी है हो भी क्यों न जब जब पीएम मोदी देश को संबोधित करते है कुछ यूनिक जरूर होता है , लास्ट टाइम मोदी आर्थिक फैकेज की घोषणा अपने संबोधन में कर चुके है वर्तमान हालत के चलते कोविड 19 के बढ़ते केस और loc पर चीन के साथ विवाद के इर्दगिर्द देश के नाम पीएम मोदी का संबोधन रह सकता है।

सरकार का बड़ा फैसला 59 चीनी app बैन

भारत सरकार ने 59 मोबाइल एप को प्रतिबंधित कर दिया है। इसमें टिकटॉक, यूसी ब्राउसर और अन्य चाइनीज एप शामिल हैं। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन 59 एप्स को ब्लॉक करने का निर्णय लिया है क्योंकि ये एप भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हैं।

सोमवार, 29 जून 2020

Letter: सोशल एक्टविस्ट अजय कुमार ने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह आत्महत्या मामले में सीबीआई जाँच के आदेश के लिए लिखा पत्र।।web news।।


देहरादून के समाजसेवी अजय कुमार का पीएम मोदी के नाम पत्र पढिए

विषय - दिवंगत अभिनेता स्वर्गीय सुशांत सिंह के आत्महत्या मामले में सीबीआई जाँच के सम्बन्ध में याचिका।

आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
       आपको ज्ञात है कि बॉलीवुड के उभरते कलाकार अभिनेता सुशांत सिंह ने आत्महत्या कर ली है जो इस समय चर्चित प्रकरण हैं। आपको ज्ञात होगा कि सुशांत सिंह ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान श्री महेंद्र सिंह धोनी की जिंदगी पर फ़िल्म बनाई थी व वह कई फिल्मों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके थे।
       किसी फिल्मी पृष्ठभूमि से न होकर साधारण परिवार से निकलकर एक्टिंग में लोहा मनवाना बहुत आसान कार्य नही है ,भारत में प्रतिभाओ की कमी नही है यह सभी को ज्ञात है। अगर अभिनेता सुशांत सिंह जिंदा होते तो निसंदेह वह बड़े बड़े अभिनेताओं को अपनी प्रतिभा के दम पर धूल चटा देते,ऐसा मेरा विश्वास है।
        अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या का केस पिछली 14 जून से हाई प्रोफाइल बना हुआ है। उनके निधन के बाद से बॉलीवुड में गुटबाजी, खेमेबाजी और वंशवाद जैसे मुद्दों पर हर रोज तमाम चर्चाएं हो रही हैं। उधर सुशांत के फैंस लगातार सोशल मीडिया पर अभिनेता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। हालाकि सुशांत की अंतिम पोस्टमार्टम में आत्महत्या की वजह फांसी लगने के कारण दम घुटना बताया गया है लेकिन लोग अभी भी इस केस में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
         कई हस्तियों के साथ आम जनता भी लगातार सुशांत की खुदकुशी पर सवाल उठा रहे हैं। प्रार्थी भी इस घटना से क्षुब्ध है और इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करता हूँ यदि महाराष्ट्र सरकार प्रकरण में सीबीआई जाँच की संस्तुति करती है तो न सिर्फ सुशांत सिंह के परिवार को न्याय मिलेगा अपितु लाखो करोड़ों प्रसंसकों को न्याय मिलेगा, आपको ज्ञात होगा कि अभिनेता की आत्महत्या के बाद कई फैन्स ने आत्म हत्या की है यदि मामले में सीबीआई जाँच होगी तो फैन्स भी ऐसा कोई कदम नही उठाएंगे।
         सीबीआई जांच में कई ऐसे पहलू सामने आएंगे जो बॉलीवुड में वंशवाद,परिवारवाद पूंजीवाद, खेमेबाजी को उजागर करेंगे और होनहार कलाकारों के साथ भी न्याय होगा जिनके साथ अन्याय किया जा रहा है। अगर वक़्त रहते कोई सख्त कार्यवाही नही हुई तो धीरे धीरे गलत लोगों के हौंसले बढ़ेंगे औऱ आगे चलकर प्रतिभा नही बल्कि परिवारवाद आगे बढ़ेगा।
         महोदय आज राजनीति से लेकर बॉलीवुड और न जाने कहां कहाँ वंशवाद,परिवारवाद फल फूल रहा है जो बड़ा दुखद पहलू है।आप स्वयं जमीन से उठकर प्रधानमंत्री के पद पर पहुँचे है आपने भी भलीभांति सबकुछ देखा है अतः हमें पूर्ण विश्वास है आप सभी घटनाओं और प्रकरण की गम्भीरता को मध्यनजर रखते हुए उक्त प्रकरण की जाँच सीबीआई से करवाने की कृपा करेंगे।
                                                               धन्यवाद
                                                             अजय कुमार
                                                       सामाजिक कार्यकर्ता
       

बुधवार, 17 जून 2020

भारत -चीन गतिरोध पर प्रधानमंत्री का संदेश :हमारे इन शहीदों का ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, पढे पूरा संदेश, ।।web news।।


भारत-चीन सीमा क्षेत्रों की स्थिति पर प्रधानमंत्री का वक्तव्य

साथियों,

भारत माता के वीर सपूतों ने गलवान वैली में हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुये सर्वोच्च बलिदान दिया है। मैं देश की सेवा में उनके इस महान बलिदान के लिए उन्हें नमन करता हूं, उन्हें कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धांजलि देता हूँ। दुःख की इस कठिन घड़ी में हमारे इन शहीदों के परिजनों के प्रति मैं अपनी समवेदनाएं व्यक्त करता हूँ। आज पूरा देश आपके साथ है, देश की भावनाएं आपके साथ हैं।

हमारे इन शहीदों का ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। चाहे स्थिति कुछ भी हो, परिस्थिति कुछ भी हो, भारत पूरी दृढ़ता से देश की एक एक इंच जमीन की, देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा।

भारत सांस्कृतिक रूप से एक शांति प्रिय देश है। हमारा इतिहास शांति का रहा है। भारत का वैचारिक मंत्र ही रहा है- लोकाः समस्ताः सुखिनों भवन्तु। हमने हर युग में पूरे संसार में शांति की, पूरी मानवता के कल्याण की कामना की है।

हमने हमेशा से ही अपने पड़ोसियों के साथ एक cooperative और friendly तरीके से मिलकर काम किया है। हमेशा उनके विकास और कल्याण की कामना की है। जहां कहीं हमारे मतभेद भी रहे हैं, हमने हमेशा ही ये प्रयास किया है कि मतभेद विवाद न बनें, differences disputes में न बदलें।

हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं, लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं।

जब भी समय आया है, हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, अपनी क्षमताओं को साबित किया है।

त्याग और तितिक्षा हमारे राष्ट्रीय चरित्र का हिस्सा हैं, लेकिन साथ ही विक्रम और वीरता भी उतना ही हमारे देश के चरित्र का हिस्सा हैं।

मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूँ, हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएंगा।
हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है, और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी रोक सकता।

इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए। भारत शांति चाहता है। लेकिन भारत को उकसाने पर हर हाल में निर्णायक जवाब भी दिया जाएगा।

देश को इस बात का गर्व होगा की हमारे सैनिक मारते मारते मरे हैं। मेरा आप सभी से आग्रह है की हम दो मिनट का मौन रख के इन सपूतों को श्रद्धांजलि दें।

गुरुवार, 4 जून 2020

Vartul confrence : भारत आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन, पढ़ें पूरी खबर ।।web news ।।


शिखर सम्मेलन के कुछ अंश

सबसे पहले मैं अपनी ओर से और पूरे भारत की ओर से ऑस्ट्रेलिया में COVID-19 से प्रभावित सभी लोगों और परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट करना चाहूँगा। इस वैश्विक महामारी ने विश्व में हर प्रकार की व्यवस्था को प्रभावित किया है। और हमारे summit का यह डिजिटल स्वरूप इसी प्रकार के प्रभावों का एक उदाहरण है।

आपसे इस डिजिटल माध्यम से मिलकर मुझे ख़ुशी तो है ही, लेकिन थोड़ी निराशा भी है, क्योंकि हमें भारत में आपका गर्मजोशी से स्वागत करने का अवसर नहीं मिल पाया।पहले जनवरी में और फिर पिछले महीने हम आपकी भारत यात्रा का की प्रतीक्षा कर रहे थे, लेकिन दुर्भाग्यवश दोनों ही बार यात्रा स्थगित करनी पड़ी।हमारी आज की मुलाक़ात आपकी भारत यात्रा का स्थान नहीं ले सकती। एक मित्र के नाते, मेरा आपसे आग्रह है कि स्थिति सुधरने के बाद आप शीघ्र सपरिवार भारत यात्रा प्लान करें और हमारा आतिथ्य स्वीकार करें।

भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध विस्तृत होने के साथ-साथ गहरे भी हैं। और यह गहराई आती है हमारे shared values, shared interests, shared geography और shared objectives से।पिछले कुछ वर्षों में हमारे सहयोग और तालमेल में अच्छी गति आई हैं। यह सौभाग्य की बात है कि हमारे संबंधों की बागडोर का एक छोर आप जैसे सशक्त और visionary लीडर के हाथ में हैं।मेरा मानना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को और सशक्त करने के लिए यह perfect समय है, perfect मौक़ा है।

अपनी दोस्ती को और मज़बूत बनाने के लिए हमारे पास असीम संभावनाएँ हैं।ये संभावनाएँ अपने साथ challenges भी लाती हैं। Challenges कि किस तरह इस potential को वास्तविकता में translate किया जाए, ताकि दोनों देशों के नागरिकों, businesses, academics, researchers, इत्यादि के बीच links और मज़बूत बने। कैसे हमारे संबंध अपने क्षेत्र के लिए और विश्व के लिए एक factor of stability बनें, कैसे हम मिल कर global good के लिए कार्य करें, इन सभी पहलुओं पर विचार की आवश्यकता है।

समकालीन विश्व में देशों की एक दूसरे से अपेक्षाएँ, और हमारे नागरिकों की हमसे अपेक्षाएँ बढ़ गई हैं। Democratic values को share करने के नाते, हम दोनों देशों का कर्तव्य है कि इन अपेक्षाओं पर खरे उतरें।इसलिए, वैश्विक कल्याण के मूल्य, जैसे लोकतंत्र, Rule of Law, Freedom, Mutual Respect, International Institutions का सम्मान, और पारदर्शिता आदि को uphold करना, और protect करना हमारी sacred responsibility है। यह एक प्रकार से भविष्य के लिए हमारी धरोहर है।आज जब अलग-अलग प्रकार से इन values को challenge किया जा रहा है, तो हम आपसी सम्बन्धों को मजबूत कर के इन्हें सशक्त कर सकते हैं।

भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने सम्बन्धों को व्यापक तौर पर और तेज़ गति से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह न सिर्फ़ हमारे दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि Indo-Pacific क्षेत्र और विश्व के लिए भी आवश्यक है।मुझे प्रसन्नता है कि हमारे विभिन्न institutional dialogues हमारे संबंधों को और substance प्रदान कर रहें हैं। दोनों देशों के बीच निरंतर उच्च-स्तरीय exchanges भी हो रहें हैं। व्यापार और निवेश भी बढ़ रहा है।लेकिन मैं यह नहीं कहूँगा कि मैं इस गति से, इस विस्तार से संतुष्ट हूँ। जब आप जैसा लीडर हमारे मित्र देश का नेतृत्व कर रहा हो, तो हमारे संबंधों में विकास की गति का मापदंड भी ambitious होना चाहिए।मुझे बहुत प्रसन्नता है कि आज हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को Comprehensive Strategic Partnership के रूप में upgrade कर रहे हैं।

वैश्विक महामारी के इस काल में हमारी Comprehensive Strategic Partnership की भूमिका और महत्वपूर्ण रहेगी। विश्व को इस महामारी के आर्थिक और सामाजिक दुष्प्रभावों से जल्दी निकलने के लिए एक coordinated और collaborative approach की आवश्यकता है।

हमारी सरकार ने इस Crisis को एक Opportunity की तरह देखने का निर्णय लिया है। भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में व्यापक reforms की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। बहुत जल्द ही ग्राउंड लेवल पर इसके परिणाम देखने को मिलेंगे।इस कठिन समय में आपने ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय का, और ख़ास तौर पर भारतीय छात्रों का, जिस तरह ध्यान रखा है, उसके लिए मैं विशेष रूप से आभारी हूँ।

शनिवार, 30 मई 2020

PM Latter : प्रधानमंत्री की चिट्ठी आयी है, पढ़ें पूरी चिट्ठी ।। web news।।



मोदी सरकार 2.0 के एक साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री की देश के नाम चिट्ठी ।

मेरे प्रिय स्नेहीजन,

आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा। देश में दशकों बाद पूर्ण बहुमत की किसी सरकार को लगातार दूसरी बार जनता ने ज़िम्मेदारी सौंपी थी। इस अध्याय को रचने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका रही है। ऐसे में आज का यह दिन मेरे लिए, अवसर है आपको नमन करने का, भारत और भारतीय लोकतन्त्र के प्रति आपकी इस निष्ठा को प्रणाम करने का।

यदि सामान्य स्थिति होती तो मुझे आपके बीच आकर आपके दर्शन का सौभाग्य मिलता। लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से जो परिस्थितियां बनी हैं, उन परिस्थितियों में, मैं इस पत्र के द्वारा आपके चरणों में प्रणाम करने और आपका आशीर्वाद लेने आया हूँ।

बीते वर्ष में आपके स्नेह, शुभाषीश और आपके सक्रिय सहयोग ने मुझे निरंतर एक नई ऊर्जा, नई प्रेरणा दी है। इस दौरान आपने लोकतंत्र की जिस सामूहिक शक्ति के दर्शन कराए वह आज पूरे विश्व के लिए एक मिसाल बन चुकी है।

वर्ष 2014 में आपने, देश की जनता ने, देश में एक बड़े परिवर्तन के लिए वोट किया था, देश की नीति और रीति बदलने के लिए वोट किया था। उन पाँच वर्षों में देश ने व्यवस्थाओं को जड़ता और भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकलते हुए देखा है। उन पाँच वर्षों में देश ने अंत्योदय की भावना के साथ गरीबों का जीवन आसान बनाने के लिए गवर्नेंस को परिवर्तित होते देखा है।

उस कार्यकाल में जहां विश्व में भारत की आन-बान-शान बढ़ी, वहीं हमने गरीबों के बैंक खाते खोलकर, उन्हें मुफ्त गैस कनेक्शन देकर, मुफ्त बिजली कनेक्शन देकर,  शौचालय बनवाकर, घर बनवाकर, गरीब की गरिमा भी बढ़ाई।

उस कार्यकाल में जहां सर्जिकल स्ट्राइक हुई, एयर स्ट्राइक हुई, वहीं हमने वन रैंक वन पेंशन, वन नेशन वन टैक्स- GST, किसानों की MSP की बरसों पुरानी मांगों को भी पूरा करने का काम किया।

वह कार्यकाल देश की अनेकों आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए समर्पित रहा।

वर्ष 2019 में आपका आशीर्वाद, देश की जनता का आशीर्वाद, देश के बड़े सपनों के लिए था, आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए था। और इस एक साल में लिए गए फैसले इन्हीं बड़े सपनों की उड़ान है।

आज जन-जन से जुड़ी जन मन की जनशक्ति, राष्ट्रशक्ति की चेतना को प्रज्वलित कर रही है। गत एक वर्ष में देश ने सतत नए स्वप्न देखे, नए संकल्प लिए, और इन संकल्पों को सिद्ध करने के लिए निरंतर निर्णय लेकर कदम भी बढ़ाए।

भारत की इस ऐतिहासिक यात्रा में देश के हर समाज, हर वर्ग और हर व्यक्ति ने बखूबी अपना दायित्व निभाया है। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ इस मंत्र को लेकर आज देश सामाजिक हो या आर्थिक, वैश्विक हो या आंतरिक, हर दिशा में आगे बढ़ रहा है।

प्रिय स्नेहीजन,

बीते एक वर्ष में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ज्यादा चर्चा में रहे और इस वजह से इन उपलब्धियों का स्मृति में रहना भी बहुत स्वाभाविक है।

राष्ट्रीय एकता-अखंडता के लिए आर्टिकल 370 की बात हो, सदियों पुराने संघर्ष के सुखद परिणाम - राम मंदिर निर्माण की बात हो, आधुनिक समाज व्यवस्था में रुकावट बना ट्रिपल तलाक हो, या फिर भारत की करुणा का प्रतीक नागरिकता संशोधन कानून हो, ये सारी उपलब्धियां आप सभी को स्मरण हैं।

एक के बाद एक हुए इन ऐतिहासिक निर्णयों के बीच अनेक फैसले, अनेक बदलाव ऐसे भी हैं जिन्होंने भारत की विकास यात्रा को नई गति दी है, नए लक्ष्य दिए हैं, लोगों की अपेक्षाओं को पूरा किया है।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के गठन ने जहां सेनाओं में समन्वय को बढ़ाया है, वहीं मिशन गगनयान के लिए भी भारत ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।

इस दौरान गरीबों को, किसानों को, महिलाओं-युवाओं को सशक्त करना हमारी प्राथमिकता रही है।

अब पीएम किसान सम्मान निधि के दायरे में देश का प्रत्येक किसान आ चुका है। बीते एक वर्ष में इस योजना के तहत 9 करोड़ 50 लाख से ज्यादा किसानों के खातों में 72 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि जमा कराई गई है।

देश के 15 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में पीने का शुद्ध पानी पाइप से मिले, इसके लिए जल जीवन मिशन शुरु किया गया है।

हमारे 50 करोड़ से अधिक के पशुधन के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मुफ्त टीकाकरण का बहुत बड़ा अभियान भी चलाया जा रहा है।

देश के इतिहास में यह भी पहली बार हुआ है जब, किसान, खेत मजदूर, छोटे दुकानदार और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक साथियों, सभी के लिए 60 वर्ष की आयु के बाद 3 हज़ार रुपए की नियमित मासिक पेंशन की सुविधा सुनिश्चित हुई है।

मछुआरों की सहूलियत बढ़ाने के लिए, उनको मिलने वाली सुविधाएं बढ़ाने और ब्लू इकॉनॉमी को मजबूत करने के लिए विशेष योजनाओं के साथ-साथ अलग से विभाग भी बनाया गया है। इसी तरह व्यापारियों की समस्याओं के समय पर समाधान के लिए व्यापारी कल्याण बोर्ड के निर्माण का निर्णय लिया गया है। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी लगभग 7 करोड़ बहनों को भी अब ज्यादा वित्तीय सहायता दी जा रही है। हाल में ही स्वयं सहायता समूहों के लिए बिना गारंटी के ऋण को 10 लाख से बढ़ाकर दोगुना यानि 20 लाख कर दिया गया है।

आदिवासी बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए, देश में 450 से ज्यादा नए एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूलों के निर्माण का अभियान भी शुरू किया गया है।

सामान्य जन के हित से जुड़े बेहतर कानून बनें, इसके लिए भी बीते वर्ष में तेज गति से कार्य हुआ है। हमारी संसद ने अपने कामकाज से दशकों पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

इसी का परिणाम है कि चाहे कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट हो, चिटफंड कानून में संशोधन हो, दिव्यांगों, महिलाओं और बच्चों को अधिक सुरक्षा देने वाले कानून हों, ये सब तेज़ी से बन पाए हैं।

सरकार की नीतियों और निर्णयों की वजह से शहरों और गांवों के बीच की खाई कम हो रही है। पहली बार ऐसा हुआ है जब गांव में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या, शहर में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों से 10 प्रतिशत ज्यादा हो गई है।

देशहित में किए गए इस तरह के ऐतिहासिक कार्यों और निर्णयों की सूची बहुत लंबी है। इस पत्र में सभी को विस्तार से बता पाना संभव नहीं। लेकिन मैं इतना अवश्य कहूंगा कि एक साल के कार्यकाल के प्रत्येक दिन चौबीसों घंटे पूरी सजगता से काम हुआ है,  संवेदनशीलता से काम हुआ है, निर्णय लिए गए हैं।

प्रिय स्नेहीजन,

देशवासियों की आशाओं-आकाँक्षाओं की पूर्ति करते हुए हम तेज गति से आगे बढ़ ही रहे थे, कि कोरोना वैश्विक महामारी ने भारत को भी घेर लिया।

एक ओर जहां अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं और विशाल अर्थव्यवस्था वाली विश्व की बड़ी-बड़ी महाशक्तियाँ हैं, वहीं दूसरी ओर इतनी बड़ी आबादी और अनेक चुनौतियों से घिरा हमारा भारत है।

कई लोगों ने आशंका जताई थी कि जब कोरोना भारत पर हमला करेगा, तो भारत पूरी दुनिया के लिए संकट बन जाएगा।

लेकिन आज सभी देशवासियों ने भारत को देखने का नजरिया बदलकर रख दिया है। आपने ये सिद्ध करके दिखाया है कि विश्व के सामर्थ्यवान और संपन्न देशों की तुलना में भी भारतवासियों का सामूहिक सामर्थ्य और क्षमता अभूतपूर्व है।

ताली-थाली बजाने और दीया जलाने से लेकर भारत की सेनाओं द्वारा कोरोना वॉरियर्स का सम्मान हो, जनता कर्फ्यू या देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नियमों का निष्ठा से पालन हो, हर अवसर पर आपने ये दिखाया है कि एक भारत ही श्रेष्ठ भारत की गारंटी है।

निश्चित तौर पर, इतने बड़े संकट में कोई ये दावा नहीं कर सकता कि किसी को कोई तकलीफ और असुविधा न हुई हो। हमारे श्रमिक साथी, प्रवासी मजदूर भाई-बहन, छोटे-छोटे उद्योगों में काम करने वाले कारीगर, पटरी पर सामान बेचने वाले, रेहड़ी-ठेला लगाने वाले, हमारे दुकानदार भाई-बहन, लघु उद्यमी, ऐसे साथियों ने असीमित कष्ट सहा है। इनकी परेशानियां दूर करने के लिए सभी मिलकर प्रयास कर रहे हैं।

लेकिन हमें ये भी ध्यान रखना है कि जीवन में हो रही असुविधा, जीवन पर आफत में न बदल जाए। इसके लिए प्रत्येक भारतीय के लिए प्रत्येक दिशा-निर्देश का पालन करना बहुत आवश्यक है। जैसे अभी तक हमने धैर्य और जीवटता को बनाए रखा है, वैसे ही उसे आगे भी बनाए रखना है। यह एक बड़ा कारण है कि भारत आज अन्य देशों की तुलना में ज्यादा संभली हुई स्थिति में है। ये लड़ाई लंबी है लेकिन हम विजय पथ पर चल पड़े हैं और विजयी होना हम सबका सामूहिक संकल्प है।

अभी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए अम्फान चक्रवात के दौरान जिस हौसले के साथ वहां के लोगों ने स्थितियों का मुकाबला किया, चक्रवात से होने वाले नुकसान को कम किया, वह भी हम सभी के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।

प्रिय स्नेहीजन,

इन परिस्थितियों में, आज यह चर्चा भी बहुत व्यापक है कि भारत समेत तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं कैसे उबरेंगी? लेकिन दूसरी ओर ये विश्वास भी है कि जैसे भारत ने अपनी एकजुटता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया को अचंभित किया है, वैसे ही आर्थिक क्षेत्र में भी हम नई मिसाल कायम करेंगे। 130 करोड़ भारतीय, अपने सामर्थ्य से आर्थिक क्षेत्र में भी विश्व को चकित ही नहीं बल्कि प्रेरित भी कर सकते हैं।

आज समय की मांग है कि हमें अपने पैरों पर खड़ा होना ही होगा। अपने बलबूते पर चलना ही होगा और इसके लिए एक ही मार्ग है - आत्मनिर्भर भारत।

अभी हाल में आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए दिया गया 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज, इसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है।

यह अभियान, हर एक देशवासी के लिए, हमारे किसान, हमारे श्रमिक, हमारे लघु उद्यमी, हमारे स्टार्ट अप्स से जुड़े नौजवान, सभी के लिए, नए अवसरों का दौर लेकर आएगा।

भारतीयों के पसीने से, परिश्रम से और उनकी प्रतिभा से बने लोकल उत्पादों के दम पर भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा और आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ेगा।

प्रिय स्नेहीजन,

बीते छह वर्षों की इस यात्रा में आपने निरंतर मुझ पर आशीर्वाद बनाए रखा है, अपना प्रेम बढ़ाया है। आपके आशीर्वाद की शक्ति से ही, देश पिछले एक साल में ऐतिहासिक निर्णयों और विकास की अभूतपूर्व गति के साथ आगे बढ़ा है। लेकिन फिर भी मुझे पता है कि अब भी बहुत कुछ करना बाकी है। देश के सामने चुनौतियां अनेक हैं, समस्याएं अनेक हैं। मैं दिन-रात प्रयास कर रहा हूं। मुझ में कमी हो सकती है लेकिन देश में कोई कमी नहीं है। और इसलिए, मेरा विश्वास स्वयं से ज्यादा आप पर है, आपकी शक्ति, आपके सामर्थ्य पर है।

मेरे संकल्प की ऊर्जा आप ही हैं, आपका समर्थन, आपका आशीर्वाद, आपका स्नेह ही है।

वैश्विक महामारी के कारण, यह संकट की घड़ी तो है ही, लेकिन हम देशवासियों के लिए यह संकल्प की घड़ी भी है।

हमें यह हमेशा याद रखना है कि 130 करोड़ भारतीयों का वर्तमान और भविष्य कोई आपदा या कोई विपत्ति तय नहीं कर सकती।

हम अपना वर्तमान भी खुद तय करेंगे और अपना भविष्य भी।

हम आगे बढ़ेंगे, हम प्रगति पथ पर दौड़ेंगे, हम विजयी होंगे।

हमारे यहां कहा गया है- ‘कृतम् मे दक्षिणे हस्ते, जयो मे सव्य आहितः’॥

यानि, हमारे एक हाथ में कर्म और कर्तव्य है तो दूसरे हाथ में सफलता सुनिश्चित है।

देश की निरंतर सफलता की इसी कामना के साथ मैं आपको पुन: नमन करता हूं।

आपको और आपके परिवार को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।

स्वस्थ रहिए, सुरक्षित रहिए !!!

जागृत रहिए, जागरूक रखिए !!!

आपका प्रधानसेवक

नरेंद्र मोदी