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शुक्रवार, 16 अप्रैल 2021

अच्छी पहल : कुंभ वीरों को आस्था, संस्कृति और सम्मान से नवाजा जा रहा है ।।web news।।


आस्था कलश से कुंभ वीरों का सम्मना

कुम्भ मेला भव्यता के साथ अपने समापन की सीढ़ियां चढ़ रहा है प्रमुख पर्व बैसाखी के सकुशल सम्पन होने के पश्चात अधिकांश फोर्स को वापस भेजा जा रहा है जहां वापसी के दौरान कुंभ बीरों को नवाजने के लिए संजय गुंज्याल महानिरीक्षक कुम्भ ने शुरुआत की है उत्तराखंड सँस्कृति ,कला और आस्था के सांकेतिक चिन्ह की सांकेतिक कुम्भ यानी एक तांबे के छोटे से कलश से । इसे विशेष रूप से तैयार किया गया है अल्मोड़ा शहर के कारीगरों द्वारा, इस कलश की एक और विशेषता इसे विशिष्ट बनाती है वो हैं कलश पर बनाई गई उत्तराखंड सँस्कृति की पहचान ऐपण की कलाकृति।
उत्तराखंड लोक कला ऐपण जो एक प्रकार से अल्पना का ही प्रतिरूप है एक ऐसी अल्पना एक ऐसी लोक कला, जिसका इस्तेमाल उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में सदियों से जारी है। उत्तराखंड सँस्कृति के हृदय में समाहित ऐपण कलात्मक अभिव्यक्ति का भी प्रतीक है। इस लोक कला को अलग-अलग धार्मिक अवसरों के मुताबिक बनाया किया जाता है।देखने में भले ही ये ऐपण आसान से नजर आते है, लेकिन इन्हें बनाने में ग्रहों की स्थिति और धार्मिक अनुष्ठानों का खास ध्यान रखा जाता है।
कुम्भ ड्यूटी के दौरान कर्तव्य निर्वहन करने वाले पैरामिलेट्री फोर्स पुलिस अनुषांगिक शाखाएं एवमं कुम्भ मेला ड्यटी के दौरान कर्तव्य निर्वहन के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पुलिस बल या कुम्भ मेले से सम्बंधित किसी कार्य मे अपनी विशेष भूमिका निभाने वाले जनमानस अथवा संस्था को सांकेतिक आस्था कलश से नवाजा जा रहा है

सोमवार, 22 फ़रवरी 2021

UFTARA Update : उफतारा 11 विभूतियों को 21 मार्च को सम्मानित करेगा ।।web news।।


21 मार्च को देहरादून में उफतारा सम्मान समारोह होगा ।

उफतारा विभिन्न क्षेत्र में प्रदेश की 11 विभूतियों को सम्मानित करेगा। आज विधानसभा के निकट एक होटल में उत्तराखंड फ़िल्म टेलीविजन एण्ड रेडियो एसोसिएशन (उफतारा) की एक बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में उफतारा सम्मान समारोह आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया । 21 मार्च को देहरादून में सम्मान समारोह होगा। जिसमें पूर्व की भाँति कला संस्कृति व जनहित के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली 11 विभूतियों को उफतारा सम्मान दिया जाएगा। उफतारा सम्मान समिति का मुख्य कार्यक्रम संयोजक वरिष्ठ संस्कृति कर्मी व उफतारा के पूर्व अध्यक्ष चन्द्रवीर गायत्री को तथा गंभीर सिंह जयाड़ा को व्यवस्थापक मनोनीत किया गया।

Ampc-news

आज की बैठक में उफतारा ने सरकार से प्रदेश के आँचलिक फ़िल्म निर्माण को भी प्रोत्साहित करने की मांग की । प्रदेश फ़िल्म नीति के अनुसार फ़िल्म निर्माताओं को प्रोत्साहित किया जाय जिससे उत्तराखंड की संस्कृति को फिल्मों के माध्यम से प्रचार प्रसार करने वाले निर्माताओं निर्देशकों को उत्साहवर्धन हो सके ।इस अवसर पर उफतारा पदाधिकारियों को एक्टिव मीडिया प्रेस क्लब (AMPC) की स्मारिका भी भेंट की गई। बैठक में उफतारा अध्यक्ष प्रदीप भण्डारी, महासचिव डॉ0 अमर देव गोदियाल, कोषाध्यक्ष बृजेश भट्ट, रवि मंमगाई, नवीन सेमवाल, नंदन सिंह कण्डारी, दीपक नौटियाल आदि शामिल रहे। बैठक के माध्यम से उफतारा के प्रत्येक सम्मानित सदस्य से कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सक्रिय भूमिका निभाने की अपेक्षा की गई है ।

रविवार, 14 फ़रवरी 2021

Hillywoob Update : लोकगीत झुम्पा कैल तोडा का नया अंदाज दर्शकों को आ भा रहा है ।। web news ।।


Garhwali-song

नन्हे कलाकारों का नए अंदाज में लोकगीत झुम्पा कैल तोडा वाइरल हुआ

प्रज्ज्वल फिल्मस की लोकगीत विथ रैप सीरीज का पहला वीडियो गीत झुम्पा कैल तोडा वीडियो गीत 13 फरवरी को रिलीज हो गया है । इस वीडियो गीत को प्रज्ज्वल फिल्मस के official YouTube Channel पर रिलीज किया गया । उत्तराखंड संस्कृति के लिए समर्पित जाने माने अभिनेता व निर्देशक के रवि मंमगाई के निर्देशन व गीत-संगीत ज्योति प्रकाश पंत का है । वीडियो गीत में मास्टर आयूष मंमगाई व प्रज्वल मंमगाई ने अभिनय किया साथ ही कॉमेडी रैप व शानदार प्रस्तुति रवि मंमगाई की है । साथ ही नवीन सेमवाल इस वीडियो गीत के सह निर्देशक है ।

प्रज्ज्वल फिल्मस के यूट्यूब चैनल का लिंक

Official YouTube Channel 

गढ़वली फोक में रवि मंमगाई के रैप का तड़का

झुम्पा कैल तोडा गढ़वाली लोक गीत है जिसे नए अंदाज देने के लिए रवि ममगाई ने गढ़वली कॉमेडी रैप का तड़का लगाया साथ ही इस रैप में अभिनय भी रवि मंमगाई ने कॉमेडी अंदाज में किया जो बाल कलाकारों की शानदार प्रस्तुति में चार चाँद लगाना का काम कर रहा है । लोकगीत को देखकर प्रशंसकों ने यू ट्यूब चैनल के कमेंट बॉक्स टिप्पणी की व शुभकामनाएं दी साथ ही लोकगीत के नए अंदाज की सराहना भी की । 

नए अंदाज में देखिए झुम्पा कैल तोडा वीडियो लोक गीत

Source : Prajjwal Films Production Youtube chennal


रविवार, 7 फ़रवरी 2021

Garhwali video song : बजरंगी भैजी फेम मंमगाई ब्रदर्स का नया वीडियो गीत 13 फरवरी को होगा रिलीज, जाने पूरी खबर ।।web news।।

Garhwali-video-song

प्रज्ज्वल फिल्मस के बैनर तले रिलीज होगा मास्टर आयूष मंमगाई व प्रज्वल मंमगाई का नया वीडियो गीत झुम्पा कैल तोडा

Hill Tops Studio dehradun में तैयार किया गया प्रज्ज्वल फिल्मस के बैनर तले झुम्पा कैल तोडा वीडियो गीत 13 फरवरी को रिलीज होगा । गीत झुम्पा कैल तोडा की शूटिंग पूरी हो गई है । इस वीडियो गीत को प्रज्ज्वल फिल्मस के official YouTube Channel पर रिलीज किया जायेगा ।उत्तराखंड के जाने माने अभिनेता व निर्देशक रवि मंमगाई ने व गीत-संगीत ज्योति प्रकाश पंत का है । वीडियो गीत में मास्टर आयूष मंमगाई व प्रज्वल मंमगाई ने अभिनय किया है ।

एक नजर मास्टर आयूष मंमगाई के अभिनय व गायकी के सफर पर

उत्तराखंड के उभरते कलाकार मास्टर आयूष मंमगाई वीडियो गीत के मुख्य गायक है जिन्होंने फिल्म मेजर निराला, विदै, खैरी का दिन, माधो सिंह भंडारी, बजरंगी भैजी, गब्बर ऐगी रे, में अपने अभिनय की छाप उत्तराखंड के दर्शकों पर छोड़ चुके हैं यह उनका दूसरा गीत है इससे पहले भी उनका एक गीत तू लगदी एटमबम भी लोगों को खूब पसंद आया था ।

प्रज्ज्वल फिल्मस के यूट्यूब चैनल का लिंक

official YouTube Channel 

New-Garhwali-video-song

गढ़वली फोक में दिखेगी मंमगाई भाइयों की जुगलबंदी

आयूष व प्रज्वल मंमगाई की गायिकी के साथ साथ दोनों भाइयों ने अभिनय भी किया है । फोक गीत को नये प्रयोग के साथ पेश किया जाएगा गीत में रवि मंमगाई ने गढ़वाली Rap कामेडी अंदाज में पेश किया गया है । मंमगाई भाइयों के साथ साथ चार साल से 14 साल तक के बाल कलाकर दर्शकों को अपने अभिनय से आकर्षित करते नजर आएंगे यह दावा निर्देशक रवि मंमगाई ने बच्चों के अभिनय को देखकर किया ।

प्रज्वल मंमगाई की कॉमेडी मूवी बजरंगी भाईजान देखिए

Source : Pineflix Youtube chennal


रविवार, 8 नवंबर 2020

लोककला ऐपण: सेल्फी विद ऐपण प्रतियोगिता सीजन 2 के रिजल्ट घोषित , देखे लाइव वीडियो ।।web news।।

सेल्फी विद ऐपण प्रतियोगिता सीजन 2 का सफल आयोजन , आज हुए रिजल्ट घोषित

मीनाकृति "सेल्फी विद ऐपण प्रतियोगिता सीजन 2 का आयोजन 25 अक्टूबर से 5 नवम्बर तक किया गया जिसका रिजल्ट आज 5 बजे फेसबुक लाइन के द्वारा ऐपण गर्ल मीनाक्षी खाती ने घोषित किया । इस प्रतियोगिता में ऐपण कलाविद भारती पांडे जी का मार्गदर्शन रहा। प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए आप सभी प्रतिभागियों आभार व्यक्त करते  हैं हुए मीनाक्षी खाती ने कहा सेल्फी विद ऐपण प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए आप सभी प्रतिभागियों का तहे दिल से हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। आपने अपना अमूल्य समय और ढेर सारा प्यार ऐपण कला को बढ़ावा देने में दिया। इस प्रतियोगिता के जरिये युवा पीढ़ी लोककला से जुड़ी रहे और संस्कृति को जानने की कोशिश करती रहे । आप सभी लोग जिस प्रकार से ऐपण को बनाना सीख रहे हैं और इसे संजो रहें हैं वह बेहद काबिले-तारीफ है ।
इस प्रतियोगिता का मूल उद्देश्य यही था कि सभी लोग ऐपण बनाये और अपनी इस पौराणिक लोककला को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचा सकें। लोककला के संवर्धन और संरक्षण में आप सबका सहयोग अपेक्षित रहा- मीनाक्षी खाती, संचालिका मीनाकृति द ऐपण प्रोजेक्ट

"सेल्फी विद ऐपण प्रतियोगिता" का उद्देश्य-

मीनाकृति के "सेल्फी विद ऐपण प्रतियोगिता" के जरिये मीनाकृति प्रोजेक्ट की संचालिका और मीनाकृति टीम का उद्देश्य है कि उन प्रतिभाशाली ऐपण कलाकारों तक पहुँचा जा सके आज तक कोई मंच नहीं मिला। कला ही नहीं बल्कि कलाकार की प्रतिभा को मंच देने का प्रयास किया जिसमें मीनाकृति टीम काफी हद तक सफल रही उनकी कोशिश है कि ऐपण के जरिये रोजगार सृजन हो और लोगों को इससे रोजगार मिले।

"सेल्फी विद ऐपण प्रतियोगिता सीजन 2 के विजेता इस प्रकार है

BEST AIPAN ART कैटेगरी में वीना पंत जोशी ने प्रथम स्थान, आरती जोशी ने दूसरा स्थान व मोनिका थापा एवं कृतिका नेगी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया ।
BEST TRADITIONAL AIPAN ART कैटेगरी में दीक्षा उपाध्याय ने प्रथम स्थान आरती शाह ने दूसरा स्थान बबिता विश्वकर्मा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया ।
BEST AIPAN REVIVER कैटेगरी में 1711 अंकों के साथ गीता गिरी गोस्वामी ने प्रथम स्थान ,1321 अंकों के साथ प्राची जोशी ने द्वितीय स्थान व 1258 अंकों के साथ कुसुम महतोलिया तृतीय स्थान प्राप्त किया ।

देखें रिजल्ट घोषणा का लाइव वीडियो 



मंगलवार, 3 नवंबर 2020

चर्चा में है : भगवान सिंह धामी का कुमाउँनी कार्ड पढे पूरी खबर।।web news।।

बोली भाषा संरक्षण के लिए भगवान सिंह धामी ने कुमाउँनी सन्देशों के साथ कुमाउँनी में छपाया शादी का कार्ड

बोली भाषा से, अपनी संस्कृति से लगाव हो तो छोटे छोटे प्रयास मिशाल बन जाती है वहीं से बदलाव की शुरूआत का सफर शुरू हो जाता है , लेकिन इस महान प्रयास के लिए लीग से हटकर चलने ने लिए प्रबल इच्छाशक्ति होना जरूरी है। ऐसी की संस्कृति प्रेम के मीठे आखर सुखद यात्रा पर के जाने का मीठा एहसास हुआ जब सचिवालय में कार्यरत और उत्तखण्ड का सामान्य ज्ञान को जिज्ञासु छात्रों तक पहुचाकर उनकी राह सरकारी नौकरी के लिए आसान करवाने वाले सामान्य ज्ञान के भंडार उत्तराखंड के यूकेपीडिया भगवान सिंह धामी के परिणय सूत्र में बंधने के निमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ । कुमाउँनी भाषा मे सन्देशों के साथ कुमाउँनी भाषा मे छपा निमंत्रण पत्र भाषा विकास की सूक्ष्म कड़ी सुनहरे कल के संकेतों के रूप में देखा जा सकता है ।

चर्चा में है भगवान सिंह धामी के विवाह निमंत्रण पत्र

निमंत्रण पत्र पर नजर पड़ते ही श्री गणेश के चित्र के बाद शुभ ब्यौ अंकित है जो पहली नजर में कुछ खास ध्यानाकर्षण नही करता लेकिन कवर पर चेली बचाओ चेली पढ़ाओ , आपणि भाषा बचाया , संकृति बचाया संदेश देख निमंत्रण पत्र विवाह स्थल और तारीख देखने की औपचारिकता के बंधन से मुक्त होकर आखर आखर पढ़ने पर विवश कर देता है, पन्ने पलते तो पहाड़ी भाषाओं की विकास यात्रा की शुरुआत होते देख एक सकून सा होता है । निमंत्रण पत्र के मुख्य पृष्ठ पर कोविड 19 से संबंधित नोट " विवाह समारोह मा कृपया मास्क पहिन ब आई  व सोशल डिस्टेसिंग पालन करिया" भी पहाड़ी आखरों में शोभा बढ़ा रहा है साथ ही पहाड़ी भाषा मे "ईष्ट देव दैणा हया पैली तुमर नाम छू , मित्रलोगों जरूर अया घर म शुभ काम छू" जैसे स्नेह पूर्ण निमंत्रण आग्रह संदेश पहाड़ी भाषा प्रेमियों के मन को छूने का कार्य कर रहे है।


पहाड़ी भाषा मे विवाह कार्ड छपवाने वाले भगवान सिंह धमी ने कहा

सही मायने में सुमन (ब्योली)का ही विचार था कार्ड पहाड़ी में छपवाने के लिए सुमन ने बोला और मैंने इसे छापने की शुरुआत कर दी मैंने इसके किये कुछ पुराने कार्ड्स की भी मदद ली जो गढ़वाली और कुमाउनीं भाषाओं में पहले से छपे थे ।

कन्या पक्ष के निमंत्रण पत्र में भी कुमाउँनी सन्देश

भगवान सिंह धामी बता चुके है कि यह विचार सुमन का था तो कन्या पक्ष का निमंत्रण पत्र देखा तो निमंत्रण पत्र की भाषा हिंदी है लेकिन कुमाउँनी संदेश आपनी बोली भाषा के प्रति लगाव को दर्शाता है , सुमन कार्की पुलिस विभाग में कार्यरत है उनका संस्कृति प्रेम पहाड़ी गानों पर नृत्य और अन्य संस्कृति गतिविधियों से प्रदर्शित होता है ।

सोशल मीडिया में कुमाउँनी कार्ड की तारीफ

उत्तराखंड सचिवालय में कार्यरत मेरे परम् मित्र शिक्षा विद भगवान भाई के विवाह का कार्ड प्राप्त हुआ । खुशी की बात यह है कि उन्होंने विलुप्त होती हमारी कुमाउँनी भाषा के प्रति प्रेम व आदर प्रकट करते हुए अनपने विवाह का कार्ड पहाड़ी भाषा में छपवा दिए । परिणय सूत्र में बंधने की अग्रिम शुभकामनाएं भगवान भाई - एस एस जोशी


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वेब न्यूज़ उत्तराखण्ड की टीम उत्तराखण्ड फ़ास्ट की नीति पर चलते हुए देश दुनिया की प्रमुख खबरों के साथ साथ वरियता पहले गौं , गुठ्यार, नौला, धारा ,खाला, क्वॉदु(मडुवा), झगोरु,थड्या,चौफलु, जागर , मंडाण ,गढ़वाली,कुमाउँनी, जौनसारी , पहाड़ और पहाड़ी आदि उत्तखण्ड से जुड़ी जानकारी को प्रिय पाठकों तक पहुंचाने का उदेश्यात्मक कार्य करती रहेगा आप भी हमे हमारे सोशल मीडिया प्लेटफार्म जानकारी , समाचार शेयर कर सकते है।
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रविवार, 25 अक्टूबर 2020

Pahadi Product : मडुवे के रसगुल्लों से दिवाली में पहाड़ी रस्याण , पढे हिदेश ट्रस्ट की अनोखी पहल ।। web news uttrakahnd ।।

देवभूमि के अनाजों की दीवाली रेंज उत्तखण्ड के मार्केट लॉन्च

अबकी दिवाली पहाड़ी प्रोडक्ट वाली - 1

हिमालय देवभूमि संसाधन ट्रस्ट हमेशा चर्चाओं में बना रहता है , देवभोग प्रसाद के नाम से पहाड़ी अनाजों की वैश्विक ब्रांडिंग कर चुका है , इस दिवाली उत्तराखंड और प्राकृतिक उत्पाद प्रेमियों के लिए के लिए खुशखबरी लेकर आया है । देवभूमि ट्रस्ट ने शुद्व व प्राकृतिक अनाज से बनी मिठाइयां चर्चा का विषय बना हुआ है । त्यौहारों के समय बाजार में मिलने वाली मिलावटी मिठाइयों से स्वस्थ्य पर पड़ने वाले बुरे असर से बचने व प्रकृति का दिव्य उपहार पहाड़ी अनाजो से निर्मित मिठाइयां बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध है , यह मिठाइयां इम्यूनिटी सिस्टम को ठीक करने का कार्य भी करेगी क्योंकि इन मे पहाड़ी उत्पादों का प्रयोग किया गया है ऐसा दावा मिठाई बनाने वाले हिमालय देवभूमि संसाधन ट्रस्ट का है । साथ ही ट्रस्ट के साथ जुड़े समूह की महिला पुरुषों को आर्थिक लाभ भी मिठाइयों की बिक्री से मिलेगा ।

ट्रस्ट की समूह के माध्यम से रोजगार से जोड़ कर रोजागर सर्जन का संकल्प

ट्रस्ट द्वारा इन अनाजों पर शोध एवं विकास का कार्य पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है पहाड़ी अनाजो से विभिन्न प्रकार के मिष्ठान बनाये जा रहे है। ट्रस्ट का उद्देश्य बेरोजगार पुरुष व महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का है इस दिशा मे ट्रस्ट कार्य कर रहा है सम्पूर्ण उत्तराखंड मे रोजगार उपलब्ध करा कर पहाड़ की प्राकृतिक संपदा से लोगों को प्राकृतिक उत्पाद उपलब्ध करा कर उत्तराखण्ड के जन मानस को आजीविका से जोड़ने दिशा मे ट्रस्ट निरतंर कार्य कर रहा है ।

ट्रस्ट के बहरानाजा स्वाथ्य सम्रद्धि का खजाना है

उत्तराखंड में पाये जाने वाले 12 प्रकार के अनाज जिसे उत्तराखंड में बहरानाजा भी कहा जाता है । इन 12 अनाजों पर रिसर्च की जा रही है इन्ही बहरानाजा से मिठाई तैयार की जा रही है । ट्रस्ट द्वारा मडुवा, चौलाई, झंगोरा, कौणी आदि पहाड़ी अनाजों के उत्पाद बनाने पर रिसर्च जारी है। देवभोग प्रसाद भी पहाड़ी अनाजो से बनाया जाता है जो देशभर के श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा के समय उपलब्ध रहता है ।

हिदेश ट्रस्ट लेकर आया है पहाडी व प्राकृतिक उत्पादों का संदेश

देवभोग प्रसाद, मडुवे के बिस्कुट , मडुवे की नमकीन, चौलाई के बिस्कुट, पहाड़ी अनाजो की मिश्रित नमकीन , बिस्कुट के बाद इस त्यौहारी सीजन पहाड़ी अनाजों से बनी चौलाई की बर्फी, चौलाई के लड्डू, मडुवे के लड्डू , मंडुवे के रसगुल्ले, मडुवे बर्फी तैयार की जा रही है साथ ही यह सभी मिठाइयां बिक्री हेतु उपलब्ध है 


गोविंद सिंह मेहर पहाड़ी अनाजों के उत्पाद को पहचान दिलाने में प्रयासरत

पहाडी अनाजों से बनी मिठाई देवभूमि ट्रस्ट के संचालन और पहाड़ी अनाजों के उत्पाद बनाने की सोच को साकार करने वाले गोविंद सिंह मेहरसे सीधा संपर्क किया जा सकता है , उनकी पहल की सराहना मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत स्वयं कर चुके है साथ समय समय पर कई गणमान्य व्यक्ति भी उनकी की पहल की तारिफ कर चुके है । 

पहाड़ी मिठाइयों वाली दीवाली मनाने के लिए संपर्क किया जा सकता है

पहाड़ी मिठाई ( देवभोग स्वीट ) ट्रस्ट के ऑफिस हिमालय देब भूमि संसाधन ट्रस्ट गढ़वाली कालोनी लैन न 3 नियर निर्वाचन आयोग रिंग रोड देहरादून से ली जा सकती है साथ ही 9557303375 मोबाईल नम्बर पर भी सम्पर्क किया जा सकता है ।

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बुधवार, 23 सितंबर 2020

हेमा नेगी करासी : उत्तराखंडी लोकगीतों की जागर शैली की मधुर आवाज ।।web news।।

लोकगायिका हेमा नेगी करासी की संगीत की पहली पाठशाला

रूद्रप्रयाग जिले के दशज्यूला गाँव निवासी चंद्र सिंह नेगी जी के घर जन्मी उनकी छः संतानों में हेमा चौथे नंबर की है, हेमा बाल्य काल से ही अपने पिताजी के मधुर कंठ से जागर, लोकगीतों, दांकुडी,झुमेलो, चौंफुला को सुना करती थी। महज 4 बरस की बाल्य अवस्था से ही हेमा की रुचि संगीत में होने लगी थी हेमा ने जब दे देवा बाबाजी.... गीत अपने पिताजी को सुनाया तो पिताजी ने शाबासी दी बस फिर हेमा की रुचि और बढ़ी जो आज लाखों करोड़ों संगीत प्रेमियों की चहीती बन गयी । हेमा ने नरेंद्र सिंह नेगी , बंसती बिष्ट , प्रीतम भर्तवाण के पद चिन्हों का अनुसरण करते हुए नयी पीढ़ी की जागर गायिका का मुकाम हासिल किया ।


हेमा नेगी करासी की गायकी यात्रा 

2003 में इंटर काॅलेज कांडई में वार्षिकोत्सव में हेमा ने
धरती हमारा गढ़वाल की गीत गाया ,सुरीले कंठ से स्वरों के उतार चढ़ाव के साथ यह गीत हेमा की गायिकी का शुरुआत थी इस प्रोग्राम में दूरदर्शन और आकाशवाणी से लोग आये हुये थे जो इस आवाज को सुनकर झूम उठे यह हेमा का संगीत के क्षेत्र में अनोपचारिक डेब्यू था क्योंकि हेमा की पहली ऑडियो कैसेट क्या ब्वन तब 2005 में आयी जिसके साथ हेमा की संगीत की दुनिया मे शुरुआत हुई साथ ही इसी साल गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी के साथ कथा कार्तिक स्वामी की एलबम रिलीज हुई। इन गीतों के साथ गायकी की शुरुआत करने वाली हेमा की आवाज और अंदाज लोगों के मन को खूब भाया । 2008 में हेमा परिणय बंधन में बंधी फलस्वरूप हेमा कुछ सालों तक अपने प्रशंसकों के लिए नये गीत न ला सकी लेकिन हेमा को संगीत की धुन पुनः खींच ले आयी 2012 में माई मठियाणा देवी व 2013 में गिर गेंदुआ एलबम रिलीज हुई ,हेमा के सबसे ज्यादा व्यू मेरी बामणी गीत को मिले जिसे अभी तक 16 मिलियन से अधिक लोग देख चुके है। लेकिन 2013 में रिलीज गीत गिर गेंदुआ जागर गीत हेमा नेगी का सिग्नेचर गीत है जिसे उनके प्रशंसक औऱ उत्तराखण्ड संस्कृति प्रेमी बार बार और उनके लाइव प्रोग्राम में हर बार सुनना चाहते है ।


हेमा के रुद्रपयाग से लेकर विदेशों तक हजारों प्रशंसक 

हेमा नेगी के गाये लोक गीत और जागर आम जनमानस की जुबान पर है उनके गीतों की धूम उत्तराखंड ही नहीं बल्कि विदेशों तक है। जापान,न्यूजीलैंड दुबई आदि देशों में हेमा शानदार लाइव प्रस्तुतियां दे चुकी है साथ ही उनके यू ट्यूब चैनल से देश दुनिया के कोने कोने से प्रशंसक जुड़े है जो उनके गीतों के माध्यम से उत्तराखण्ड की देव संस्कृति के डिजिटल दर्शन करते रहते है ।


जादुई आवाज साथ उत्तराखण्डी परिधान हेमा की पहचान

हेमा लोकगीतों की जागर शैली की आवाज है जो उत्तराखण्ड के संगीत प्रेमियों के मन में रच बस गयी है, हेमा ने जागर के माध्यम से युवा पीढ़ी को जड़ो से जोड़ने का अनूठा अभियान चलाया साथ ही परम्परागत परिधान में उन्हें स्टेज पर और वीडियो गीतों में देखना लोगों को संस्कृति से जोड़ने का काम करता है।

देखें हेमा नेगी करासी का सिग्नेचर लोकगीत गिर गेंदुआ



रविवार, 30 अगस्त 2020

HNK Films News : यू ट्यूब पर रिलीज हो गया हेमा नेगी करासी का वीडियो गीत गिरात्वोली (गिर गेन्दुवा-2) , पढे पूरी खबर ।।web news।।


आज 10 बजे यू ट्यूब पर रिलीज हो गया हेमा नेगी करासी का वीडियो गीत गिरात्वोली(गिर गेन्दुवा-2 )

एच एन के प्रोडक्शन के बैनर तले उत्तराखण्ड की लोक गायिका हेमा नेगी करासी का वीडियो गीत गिरात्वोली (गिर गेन्दुवा-2 ) आज हेमा नेगी करासी के ऑफिशियल यू ट्यूब चैनल पर रिलीज हो गया है गिरात्वोली हेमा नेगी करासी का सिग्नेचर गीत गिर गेन्दुवा का पार्ट 2 है , गिर गेन्दुवा जागर शैली में गया गीत हेमा नेगी को लोकप्रियता के शिखर तक ले जाने वाला गीत है , गिर गेन्दुवा-2 यानी गिरात्वोली गीत पांडु पुत्रों युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम , और नकुल-सहदेव की महानता की कथा हेमा नेगी करासी ने जागर शैली में सुनाई है ।हेमा नेगी करासी व उनके प्रशंसकों को गिरात्वोली गिर गेन्दुवा-2 वीडियो गीत भी लोकप्रिय होने की उम्मीद है साथ ही उनके प्रशंसक गिर गिरात्वोली गिर गेन्दुवा-2 वीडियो गीत का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे उनका इंतजार खत्म हुआ जब यू ट्यूब पर ठीक 10 बजे गीत रिलीज किया गया । गीत की लोकप्रियता इस बात से लगाई जा सकती है कि पहले 5 मिनट से भी कम समय मे 1 k से अधिक लोग वीडियो गीत को देख चुके है ।

मुख्यमंत्री ने किया गिरात्वोली गिर गेंदुआ-2  का विमोचन

आज "एच एन के" प्रोडक्शन के बैनर तले उत्तराखण्ड की सुप्रसिद्ध लोक गायिका गायिका "हेमा नेगी करासी" का एक बेहतरीन वीडियो गीत गिरात्वोली गिर गेंदुआ-2 का विमोचन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा किया गया। विमोचन समारोह में मुख्यमंत्री के औधोगिक सलाहकार के एस पंवार व पॉलिगोंन के एमडी डीएस पंवार, एच एन के के निर्माता महिपाल सिंह रावत, लोक गायिका हेमा नेगी करासी, फ़िल्म निर्देशक कान्ता प्रसाद, अनिल करासी, साक्षी करासी, संगीता थलवाल, राजेश रावत मौजूद रहे। 


हेमा नेगी करासी ऑफिशियल पेज का लिंक: 

Hema Negi Karasi Official

गिरात्वोली गिर गेन्दुवा-2 की टीम इस प्रकार है

उत्तराखण्डी गीत संगीत की दुनियां में अपनी अलग पहचान रखने वाली सुप्रसिद्ध लोक गायिका "हेमा नेगी करासी" जी ने इस गीत को लिखा व गाया है। इस वीडियो गीत में उनका अलग अंदाज दर्शकों को खूब पसंद आने वाला है। वीडियो गीत में उत्तराखण्ड की संस्कृति व कौरवों पाण्डवों से सम्बंधित कुछ प्रमुख पहलुओं को लेते हुए बेहतरीन वर्णनन गायन शैली में किया गया है। "हेमा नेगी करासी" के कई गीतों को दर्शकों ने यूट्यूब पर आते ही बहुत पसंद किया है, और वो हिट लिस्ट में शामिल हुए हैं। इस वीडियो गीत में संगीत- "गुंजन डंगवाल", एडिटर- मोहित कुमार, कलरिस्ट- विक्रांत मिश्रा, कैमरा- बबलू जंगली, ड्रोन- दिपांशु जंगली, प्रोडक्शन- "संगीता थलवाल", "हिमानी रावत", निर्माता- महिपाल सिंह रावत, व "अनिल करासी" व वीडियो का निर्देशन- "कांता प्रसाद" द्वारा किया गया है। 

देखिये गिरात्वोली गिर गेन्दुवा-2


विमोचन के मौके पर उपस्थित मौजूद रहे

लोक गायिका "हेमा नेगी करासी", निर्देशक कान्ता प्रसाद, निर्माता- महिपाल सिंह रावत, अनिल करासी , संगीता थलवाल, हिमानी रावत, साक्षी करासी , राजेश रावत, व उत्तराखण्ड फ़िल्म जगत की प्रमुख हस्तियां 

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मंगलवार, 25 अगस्त 2020

ऑनलाइन स्टेज : बच्चों के लिए गित्येर 2020 का ऑनलाइन स्टेज हो गया है तैयार,जाने प्रतियोगिता की पूरी जानकारी ।।web news।।


बद्री केदार संस्था की गित्येर 2020 प्रतियोगिता से बच्चों को मिलेगा ऑनलाइन स्टेज

 पिछले दो वर्षों से गित्येर के माध्यम से दिल्ली में बच्चों के लिए एक बहुत बड़े मंच द्वारा बद्री केदार सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था (पंजी.) पहाड़ में संगीत के क्षेत्र में छुपी प्रतिभाओं के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए एक पुल का काम कर रही है। उनकी प्रतिभा को दुनिया तक पहुंचाने का प्रयत्न कर रहे है जिससे कुछ बच्चों को भविष्य का मार्ग भी मिल चुका है और वे काफी नाम भी कमा रहे हैं। इस बार कोविड 19 के संक्रमण काल के समय स्टेज प्रोग्राम करना संभव नही है इसलिए संस्था ने निर्णय लिया है कि गित्येर 2020 को सोशल मीडिया के माध्यम से आप सबके बीच लाया जाए ! उत्तराखंड के बच्चो के लिए जिनकी उम्र 10 से 20 साल की है और कोई YOUTUBE CHANNEL नहीं है तो अपनी उत्तराखंडी गीत गाते एक छोटी सी वीडियो व्हाट्सप्प कर धूम मचाने के लिए हो जाइए तैयार क्योंकि आपके लिए तैयार हो गया सोशल मीडिया मंच

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गित्येर 2020 के बच्चों की प्रतिभा ऐसी मापी जाएगी

हमारे पास जितनी भी वीडियो आएंगी उनको हमारे जज बारीकी से देखकर उचित निर्णय कर प्रथम तीन बच्चों को चुनेंगे जिसकी घोषणा हम सोशल मीडिया के द्वारा ही आप सब के बीच करेंगे ! इसमें हम बच्चों को पूर्व की भांति पुरुष्कार राशि भी देंगे !

गित्येर 2020 को पुरुष्कार स्वरूप राशि भेट की जाएगी

प्रथम पुरुष्कार 7100/- रू
द्वितीय परुष्कार 5100/- रू
और तृतीय पुरुष्कार 3100/- रू

वीडियो भेजने और ज्यादा जानकारी के लिए सम्पर्क किया जा सजता है ।

अपनी वीडियो नीचे लिखे किसी भी नंबर पर व्हाट्सप्प कर सकते हैं। वीडियो के साथ आप अपने आधार कार्ड की कॉपी और कॉन्टेक्ट नंबर भी जरूर दें !
◆राजपाल पंवार - 9810470139 ,
◆उमेश रावत-9910921767,
◆अंकित चौहान- 7042987205,
◆कुलदीप सिंह मिथुन दा -9911372404,
◆रमेश चंद -9891955096

★जुन्याली की जन्म कहानी पढ़ने के लिए लिंक पर जाएं

Junyali : उत्तराखंड की पहली म्यूजिकल गुड़िया जुन्याली , जाने जुन्याली की पूरी कहानी ।।web news।।

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