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रमज़ान में राजनीति: "सौगात-ए-मोदी" किट की हकीकत
रमज़ान का पाक महीना चल रहा है और ईद करीब है, लेकिन इस बार चर्चा इबादत और दुआओं से ज्यादा "सौगात-ए-मोदी" योजना को लेकर हो रही है। बीजेपी सरकार ने ऐलान किया है कि वह 32 लाख गरीब मुस्लिम परिवारों को खाने-पीने की वस्तुओं और कपड़ों से भरी किट बांटेगी। इस योजना के तहत 32,000 मस्जिदों से किट का वितरण होगा, जिसमें पार्टी कार्यकर्ता भी शामिल होंगे।
अब सवाल उठता है कि क्या यह "गरीबों की सेवा" है या "चुनावी समीकरण साधने की रणनीति"? आइए इस योजना को विस्तार से समझते हैं।
"सौगात-ए-मोदी" किट में क्या मिलेगा?
BJP सरकार द्वारा वितरित की जाने वाली इस विशेष ईद किट में शामिल हैं:
✅ खाने-पीने की चीजें: चावल, दाल, चीनी, सेवई, खजूर और ड्राई फ्रूट्स
✅ कपड़े: महिलाओं के लिए सूट, पुरुषों के लिए कुर्ता-पायजामा
✅ BJP का संदेश: एक पर्चा जिसमें सरकारी योजनाओं की जानकारी होगी
32000 मस्जिदों से किट वितरण: यह सेवा है या चुनावी गणित?
BJP के 32,000 कार्यकर्ता 32 लाख गरीब मुस्लिमों तक यह किट पहुंचाएंगे। लेकिन इससे एक बड़ा सवाल खड़ा होता है:
✔️ क्या यह मुस्लिम समुदाय को भाजपा से जोड़ने की कोशिश है?
✔️ क्या यह ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नया रूप है या चुनावी मजबूरी?
बीजेपी पहले भी ‘पसमांदा मुस्लिम’ कार्ड खेल चुकी है। अब इस नई योजना से वह क्या पाना चाहती है?
"ईद मिलन समारोह" या "इलेक्शन मिलन समारोह"?
बीजेपी सिर्फ किट नहीं बांट रही, बल्कि हर जिले में "ईद मिलन समारोह" भी आयोजित कर रही है। पार्टी के अनुसार, यह समाज में सौहार्द और भाईचारे को बढ़ावा देने का प्रयास है। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनावी प्रचार का एक नया तरीका है।
✅ भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी यासिर जिलानी ने खुद माना कि,
"इस पहल का एक मकसद भाजपा और NDA के लिए समर्थन जुटाना भी है।"
क्या "सौगात-ए-मोदी" BJP के लिए वोट बैंक तैयार करेगी?
2024 लोकसभा चुनावों में भाजपा को मुस्लिम वोटों का ज्यादा फायदा नहीं मिला। लेकिन 2025 में होने वाले चुनावों के लिए पार्टी अब नई रणनीति अपना रही है।
👉 क्या यह रणनीति काम करेगी?
👉 क्या मुस्लिम वोटर्स BJP की ओर झुकेंगे?
👉 या यह सिर्फ एक चुनावी स्टंट बनकर रह जाएगी?
निष्कर्ष: "ईद की सौगात" या "वोटों की सौगात"?
"सौगात-ए-मोदी" किट को लेकर राय बंटी हुई है। कुछ इसे गरीबों की सेवा मानते हैं, तो कुछ इसे चुनावी राजनीति का हिस्सा बताते हैं।
✔️क्या यह ईद का तोहफा है या 2025 चुनावों के लिए निवेश?
✔️क्या यह मुस्लिम समुदाय को BJP के करीब लाने की चाल है?
👉 आपका क्या सोचना है? हमें कमेंट में बताएं!
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