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"पिथौरागढ़ में वनाग्नि रोकथाम कार्यशाला के दौरान वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी।" |
पिथौरागढ़, उत्तराखंड – वनाग्नि रोकथाम और सुरक्षा उपायों को लेकर पिथौरागढ़ वन प्रभाग में एक दिवसीय तकनीकी प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया।
वन सुरक्षा और आग रोकथाम के प्रयास
कार्यशाला की अध्यक्षता प्रभागीय वनाधिकारी आशुतोष सिंह ने की। उन्होंने बताया कि वनाग्नि नियंत्रण को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ग्रामीण स्तर, विद्यालयों और विकासखंड स्तर पर गोष्ठियों के माध्यम से लोगों को जंगलों में आग न लगाने के प्रति सचेत किया जा रहा है।
वन क्षेत्राधिकारी बेरिनाग और चंपावत ने वनों में आग लगने के दुष्प्रभाव और वन संरक्षण के लिए उठाए जा रहे कदमों पर जानकारी दी। पंचायत स्तर पर महिला मंगल दलों और वन पंचायतों को वनाग्नि रोकने के लिए सहयोग करने का निर्देश दिया गया।
Forest Fire Mobile App से मिलेगी त्वरित सूचना
तकनीकी सत्र के दौरान पंकज रतूड़ी ने 'Forest Fire Mobile App' की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस ऐप के माध्यम से वनाग्नि घटनाओं की तुरंत सूचना दी जा सकती है, जिससे समय पर आवश्यक कदम उठाकर जंगलों को सुरक्षित रखा जा सकता है।
आपातकालीन संचार प्रणाली को मजबूत करने की पहल
कार्यशाला में वायरलेस तकनीकी विशेषज्ञ उपेंद्र गोयल ने वन विभाग की आपातकालीन संचार प्रणाली को मजबूत करने के लिए वायरलेस तकनीकों की जानकारी दी।
वनाग्नि रोकथाम के लिए जन जागरूकता आवश्यक
सेवानिवृत्त वन क्षेत्राधिकारी दिनकर जोशी ने जनता को आग के प्रति जागरूक करने और वनाग्नि रोकथाम में सकारात्मक भूमिका निभाने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रशिक्षण प्रमाणपत्र प्रदान कर किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के अंत में गंगोत्री कौशल विकास एवं उत्थान समिति के अध्यक्ष रमेश खत्री द्वारा कार्यशाला में सक्रिय रूप से भाग लेने और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को चिन्हित कर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
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